देहरादून(आरएनएस)। विभिन्न संगठनों की मांग के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार प्रतिशत बढ़े हुए महंगाई भत्ते की पत्रावली को अनुमोदन दे दिया है। इससे पहले दिन में उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग की थी। केंद्र के समान महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाने की मांग कई माह से चल रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने इसकी पत्रावली पर अनुमोदन दे दिया। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंदबर्द्धन ने बताया कि मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद जल्द ही आदेश जारी कर दिए गए। सचिवालय संघ ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, महासचिव राकेश जोशी, संयुक्त सचिव रणजीत सिंह रावत, लालमणि जोशी, रेनू भट्ट, रमेश बड़थ्वाल, प्रमिला टमटा ने कहा कि काफी समय से ये मांग की जा रही थी, जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर चार प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता देने की मांग की थी। समिति ने पूर्व में चेतावनी दी थी कि 15 जनवरी तक महंगाई भत्ता न मिला तो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। उत्तरांचल पर्वतीय शिक्षक कर्मचारी संगठन ने भी यही चेतावनी दी थी।
ब्लेंडर्स प्राइड ‘मिस उत्तराखंड-2024’ का फर्स्ट लुक : राज्यभर से 32 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
देहरादून, सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से ब्लेंडर्स प्राइड मिस उत्तराखंड-2024 का फर्स्ट लुक जाखन स्थित हयात सेंट्रिक में शनिवार को किया गया। इस मौके पर 32 प्रतिभागियों ने मीडिया को अपना इंट्रो दिया। राज्यभर से पहुंची 16 से 26 साल तक की लड़कियों को अब विशेष ग्रूमिंग दी जाएगी।
सिनमिट कम्युनिकेशन्स की ओर से वर्ष 2002 से ये आयोजन कराया जा रहा है। बुधवार को ब्लेंडर्स प्राइड मिस उत्तराखंड-2024 की प्रतिभागियों ने कैट वॉक की। इसके बाद एक-एक कर अपने बारे में बताया। देहरादून सहित उत्तरकाशी, रामनगर, हल्द्वानी, रुड़की, ऋषिकेश और पौड़ी से पहुंची प्रतिभागियों का ऑडिशन के बाद फर्स्ट लुक कराया गया। आयोजक दलीप सिंधी और राजीव मित्तल ने बताया कि प्रतिभागियों की लगातार ग्रूमिंग के बाद अलग-अलग सब टाइटल्स को लेकर कांटेस्ट कराए जाएंगे। इसके बाद ही मिस उत्तराखंड-2024 का ग्रैंड फिनाले होगा। बताया कि कांटेस्ट में कमल ज्वैलर्स, जेबीसीसी, न्यू इरा और इंस्पिरेशन पीआर की ओर से विशेष सहयोग किया जा रहा है। कोरियोग्राफी जेश पुष्कर सोनी कर रहे हैं।बताया कि पहली बार देहरादून में फाइव स्टार होटल में इस स्तर का कांटेस्ट हो रहा है। आजकल हर कोई जहाँ तहाँ पैसे लेकर फैशन इवेंट करा रहा है। ऐसे में सिनमिट कम्युनिकेशन्स आज भी अपने दम पर हर साल इवेंट के स्तर को बढ़ा ही रहा है। हयात सेंट्रिक के जीएम अजीत सिंह गांधी ने बताया कि हयात मिस उत्तराखंड को पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। हमारा प्रयास है कि इस तरह के इवेंट्स को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए हम सिनमिट कम्युनिकेशन के साथ है।
कोई डॉक्टर तो कोई टीचर, लेकिन मॉडलिंग है पसंद :
मिस उत्तराखंड 2024 की प्रतिभागी कोई डॉक्टर है तो कोई टीचर है। बावजूद इसके हर कोई अब अपनी पसंद को आगे रख कर चल रहा है। इस बारे में उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज बीएएमएस करने के बाद कोरोनेशन हॉस्पिटल से इंटर्नशिप कर चुकी डॉक्टर अनुष्का बधानी ने बताया की वह नौ गांव बड़कोट की रहने वाली है। बताया कि शुरू से मॉडलिंग और एक्टिंग में इंटरेस्ट रहा हैं और अब रास्ता मिला तो इस ओर निकल पड़ी।
प्रज्ञा जोशी ने बताया की वह उत्तरकाशी की रहने वाली है और अभी टीचिंग करती हैं। बताया कि कॉलेज टाइम से ही उसको मॉडलिंग में इंटरेस्ट था। और जब जब इस ओर मौका मिलता है वह प्रयास जरूर करती हैं।
राज्य में जन सहभागिता से स्वच्छता अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए: मुख्यमंत्री
-शहरों को स्वच्छता रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए।
-प्रत्येक जनपद एवं ब्लॉक स्तर पर जन उपयोगी पुस्तकों की लाइब्रेरी बनाई जाए।
-स्कूलों में खेल मैदानों को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा विभाग, विकास प्राधिकरण एवं नगर निकाय समन्वय से कार्य करें।
-खाने की बर्बादी को रोकने के लिए प्रभावी योजना के साथ लोगों को जागरूक किया जाए।
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में स्वच्छता अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता के साथ ही इसके लिए जन सहभागिता भी सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक साल के अंदर देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और कोटद्वार को स्वच्छता रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए सुनियोजित योजना बनाकर कार्य किए जाय। जिन राज्यों में स्वच्छता के लिए अच्छे कार्य हुए हैं, उन राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को भी अपनाया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में करोड़ों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय कि देवभूमि उत्तराखंड की स्वच्छता का संदेश देश- दुनिया तक जाए। उन्होंने कहा शहरों के सौंदर्यीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में भी निरंतर कार्य किए जाय। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता से ही जन सरोकारों से संबंधित अभियान सफल होते हैं, स्वच्छता अभियान में भी जन सहभागिता और सामाजिक संगठनों का पूरा सहयोग लिया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बुके नहीं बुक की संस्कृति बनाई जाय, विभिन्न कार्यक्रमों और अतिथियों को भेंट करने के लिए बुके के स्थान पर बुक भेंट की जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर जनपद एवं ब्लॉक में एक-एक लाइब्रेरी बनाई जाय। लाइब्रेरी में जन सामान्य और प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वालों के लिए के लिए उपयोगी पुस्तकों की व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने और युवाओं को नशा मुक्त अभियान से जोड़ने के उद्देश्य से स्कूलों में खेल मैदानों को सुदृढ़ करने के लिए शिक्षा विभाग से समन्वय कर विकास प्राधिकरण और नगर निकाय कार्य करें, ताकि शैक्षणिक समय के बाद इन खेल मैदानों का खेल प्रेमियों की सुविधा के लिए बेहतर उपयोग हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी आयोजनों में खाने की बर्बादी न हो, खाने के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई जाय। निजी समारोहों में खाने के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए. पी अंशुमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
गढ़वाली कवि मदन मोहन डुकलाण की काव्य पोथी “तेरि किताब छौं” का हुआ लोकार्पण
‘परंतु अब चीजें बदली हैं और हम अपनी मातृभाषा गढ़वाली- कुमाउँनी को गर्व से बोलने लगे हैं : प्रो. सुरेखा डंगवाल’
‘अब हर पीढ़ी के लोग गढ़वाली में खूब लिख रहे हैं, परंतु पाठक नहीं मिल पा रहे : नरेन्द्र सिंह नेगी’
देहरादून, गढ़वाली कवि, रंगकर्मी व उत्तराखण्डी फिल्मों के अभिनेता मदन मोहन डुकलाण की तीसरी काव्य पोथी ‘तेरि किताब छौं’ का लोकार्पण गढरत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल व विशिष्ट अतिथि समाज सेवी कवीन्द्र इष्टवाल के कर कमलों से हुआ।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र, देहरादून में विनसर पब्लिशिंग कं द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके उपरांत मंचासीन अतिथियों के द्वारा मदन मोहन डुकलाण के गढ़वाली कविता संग्रह ‘तेरि किताब छौं’ विमोचन किया गया। पुस्तक विमोचन के बाद इस पुस्तक में संकलित रचनाओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने कहा कि इस संग्रह में 54 कविताएँ हैं परन्तु मैं इनको 108 (जोकि हिन्दू धर्म मान्यताओं के अनुसार एक शुभ अंक है) मानता हूँ क्योंकि किसी भी रचना को पाठक दो बार पढ़े बिना नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि इस किताब में मुख्य रूप से प्रेम की कविताएँ हैं परंतु अन्य जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों को भी बड़ी मुखरता के साथ कवि ने प्रस्तुत किया है।
अपनी सद्य प्रकाशित पुस्तक के बारे में बोलते हुए पुस्तक का रचनाकार मदन मोहन डुकलाण ने कहा कि यह मेरी तीसरी पुस्तक है जो काफी समय बाद आ रही है। उन्होंने अपनी रचनाओं का प्रेरणा स्रोत गढ़वाली भाषा प्रेमियों को बताया। इस अवसर पर उन्होंने अपनी प्रमुख रचनाओं का पाठ भी किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवी कवीन्द्र इष्टवाल ने कहा कि मदन मोहन का स्वयं का रचनाकर्म तो बेजोड़ है ही, साथ में उन्होंने गढ़वाली भाषा के लेखकों की एक नई पौध भी तैयार की है।
पुस्तक लोकार्पण के इस कार्यक्रम में मदन मोहन डुकलाण के इस कविता संग्रह में प्रकाशित कुछ खास रचनाओं का पाठ भी किया गया जिसमें गायक व संगीतकार आलोक मलासी ने ‘छि भै यार’ तथा सुषमा बड़थ्वाल ने शीर्षक रचना – ‘तेरि किताब छौं’ का वाचन किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने अपने वकतव्य में कहा कि एक दौर था जब नरेंद्र सिंह नेगी जी को लिखना पडा़ था कि ‘ पाड़ी-पाड़ी मत बोलो, मैं देहरादून वाला हूँ’ । परंतु अब चीजें बदली हैं और हम अपनी मातृभाषा गढ़वाली- कुमाउँनी को गर्व से बोलने लगे हैं। उन्होंने विमोचित कविता संग्रह पर भी अपनी सारगर्भित टिप्पणियां की और इस संग्रह को एक उत्कृष्ट कृति बताया। इसके बाद कुछ देर मंच सभी श्रोताओं के लिए खोल दिया गया ताकि कोई भी गढ़वाली भाषा व लोकार्पित पुस्तक पर अपने विचार रख सके। इसके अन्तर्गत देवेश जोशी ने कहा कि इस कविता संग्रह में महत्वपूर्ण शब्दों का संकलन हुआ है जैसे खस संस्कृति से आया शब्द है ‘धार’ या इसी तरह कत्यूरी से संबंधित शब्द है ‘केर’। इसी क्रम में पत्रकार गुणानन्द जखमोला का कहना था कि ऐसे आयोजनों को बन्द कमरे मे करने की बजाय खुले मैदान मे किया जाना चाहिए ताकि आमजन इससे जुड़े सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुप्रसिद्ध गीतकार व गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा कि पहले हमारी चिंता थी कि लोग गढ़वाली में लिख नहीं रहे हैं परंतु अब हर पीढ़ी के लोग गढ़वाली में खूब लिख रहे हैं। परंतु अब पाठक नहीं मिल पा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी के पास अवसर बहुत हैं परन्तु उन्हें पीछे लिखे गये साहित्य को भी पढ़ना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में आज ही दिवंगत हुये गढ़वाली भाषाविद डा अचलानंद जखमोला के देहवसान पर दो मिनट का मौन रखा गया। पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम के संयोजन में धर्मेंद्र नेगी, रमेश बडोला व आशीष सुंदरियाल की विशेष भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन गिरीश सुंदरियाल ने किया।
लोकार्पण पर यह लोग थे शामिल :
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के अनेक साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी एवं रंगमंच से जुड़े लोग उपस्थित रहे जिसमें डा. नंद किशोर हटवाल, कुलानंद घनशाला, उमा भट्ट, बीना बेंजवाल, रमाकांत बेंजवाल, संदीप रावत, मन मोहन लखेड़ा, डा. सुनील कैंथोला, जयदीप सकलानी, गिरीश बडोनी, अर्चना गौड़, मधुर वादिनी तिवारी, कांता घिल्डियाल, प्रेम पंचोली, ललित मोहन लखेड़ा, विजय मधुर, कीर्ति नवानी आदि प्रमुख हैं।
बुजुर्ग महिला में हुई कोरोना के नए वैरिएंट JN1 की पुष्टि, रिकवर हो चुकी
देहरादून(आरएनएस)। राजधानी देहरादून की रहने वाली 72 वर्षीय महिला में कोरोना के नए वैरिएंट के लक्षण पाए गए थे, जिसके बाद बुजुर्ग महिला की कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित महिला के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा था। वहीं बीते दिन महिला को रिपोर्ट में कोरोना के नए वैरिएंट JN-1 की पुष्टि हुई है। बता दें कि बीते तीन और चार फरवरी को उत्तराखंड में दो मरीज कोरोना से पॉजिटिव पाए गए थे, इनमें से 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 27 दिसंबर को इलनेस की शिकायत हुई। उसके बाद महिला को 30 दिसंबर को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन जब 4जनवरी को महिला की कोरोना जांच की गई तो 4 तारीख की शाम को रिजल्ट पॉजिटिव आया। उसके बाद महिला को दून अस्पताल में एडमिट कराया गया। वेरिएंट का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने महिला के सैंपल को उस समय जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा। 11 जनवरी को महिला के जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में कोरोना के नए वैरिएंट JN-1 की पुष्टि हुई है। हालांकि संक्रमित महिला स्वस्थ होने के बाद घर पर है।
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर सीएस रावत का कहना है कि किसी भी कोरोना मरीज के पॉजिटिव आने के बाद उस सैंपल को जीनोम सीक्वेंस के लिए भेजा जाता है। महिला का भी सैंपल आरटी पीसीआर जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद लैब में भेजा गया था, सैंपल को एनालिसिस करवाया गया,तो महिला में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके दामाद और लड़की अमेरिका से उनसे मिलने आए थे और कुछ दिन रहने के बाद वापस अमेरिका चले गए थे। लेकिन उनके जाने के बाद महिला को खांसी जुकाम की शिकायत हुई। जिसके बाद उन्होंने अपनी जांच प्राइवेट अस्पताल में करवाई तो महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई। उन्होंने बताया कि महिला रिकवर हो चुकी है और पूरी तरह से स्वस्थ है। इस दौरान महिला घर पर ही आइसोलेशन में रही। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार मॉनिटरिंग करती रही, इस दौरान मरीज किसी के संपर्क में नहीं रहा। उन्होंने बताया कि यह वेरिएंट ज्यादा डेडली नहीं है और यह थर्ड वेब के अमिक्रोम वैरिएंट का ही सब वेरिएंट है। जो ज्यादा घातक तो नहीं है, लेकिन यह बड़ी तेजी से फैलता है ऐसे में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
फिनटेक को विनियमित करते समय ग्राहकों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है : आरबीआई गवर्नर
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महामारी के बाद भारत में डिजिटल ऋण में तेजी से वृद्धि देखी गई है और साथ ही, इसने व्यापार आचरण के कई मुद्दों को भी उठाया है जिस पर केंद्रीय बैंक कड़ी नजर रख रहा है।
उन्होंने एक मीडिया कार्यक्रम में कहा, विभिन्न नियामक दुविधाएँ उभरी हैं जिनमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना पड़ा है। एक तरफ फिनटेक के नवोन्मेषी बिजनेस मॉडल से होने वाले ग्राहक लाभ और दूसरी तरफ उभरते व्यावसायिक आचरण तथा नियामक चिंताओं के बीच संतुलन जरूरी था।
विनियामक उद्देश्य नवोन्वेषी डिजिटल व्यवसाय मॉडल के लाभकारी प्रभावों को बरकरार रखते हुए नकारात्मक कारकों पर लगाम लगाना था।
उन्होंने कहा कि इन दिशानिर्देशों के जारी होने के बाद निजी इक्विटी पर डिजिटल ऋण के आँकड़े भारतीय डिजिटल ऋण कहानी पर निवेशकों के विश्वास को दर्शाते है। यह विश्वास है कि आगे चलकर, आरबीआई की नियामक निगरानी के तहत डिजिटल ऋण फिनटेक क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देगा।
आरबीआई की पर्यवेक्षी संरचना की चपलता, लचीलेपन और विशेषज्ञता को बढ़ाने के लिए संरचनात्मक परिवर्तन भी लागू किए गए हैं।
बैंक की पर्यवेक्षी प्रणालियों को भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण के साथ वित्तीय क्षेत्र की गतिशीलता के अनुरूप ढालने के लिए पुन: व्यवस्थित किया गया है ताकि संभावित संकटों को पहले ही भांपा जा सके।
ऑन-साइट पर्यवेक्षी संलग्नता की आवृत्ति और तीव्रता अब संस्थानों के आकार के साथ-साथ जोखिम पर भी आधारित है।
दास ने कहा कि ये निरीक्षण भी अधिक गहन और निरंतर हो गए हैं। आरबीआई ने वरिष्ठ प्रबंधन के साथ भी अपना जुड़ाव मजबूत किया है।
उन्होंने कहा, हमने संभावित और उभरते जोखिमों को पकडऩे के लिए पर्यवेक्षी मैक्रो और माइक्रो डेटा एनालिटिक्स को काफी मजबूत किया है। हम बैंकों और अन्य ऋण देने के व्यवसाय मॉडल में गहराई से उतरते हैं।
दास ने कहा कि आरबीआई एक अन्य क्षेत्र साइबर सुरक्षा जोखिम पर भी करीबी नजर बनाए हुए है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, यद्यपि बैंकिंग में आईटी को अपनाने के स्पष्ट लाभ हैं, लेकिन संबंधित जोखिमों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने की आवश्यकता है। हमारी विनियमित और पर्यवेक्षित संस्थाओं के विविधीकरण और जटिलता स्तरों को ध्यान में रखते हुए, हमने विभिन्न संस्थाओं के लिए अलग-अलग साइबर सुरक्षा बेसलाइन नियंत्रण ढांचे जारी किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में एनपीए में भारी कमी आने के साथ एक उल्लेखनीय बदलाव आया है, जो अब आने वाले वर्षों में भारत की विकास गाथा का समर्थन करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
नमो एप पर भाजपा अध्यक्ष भट्ट दिवाल लेखन logo में पीएम के साथ आए नजर
देहरादून, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने जानकारी दी कि पार्टी के दीवाल लेखन अभियान को लेकर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के माध्यम से राज्य को नमो एप पर गौरवमयी अवसर प्रदान हुआ है। उन्होंने बताया कि 5 जनवरी से लोकसभा चुनाव की दृष्टिगत जो दिवाल लेखन का राष्ट्रीय अभियान शुरू किया था, उसकी राज्य में उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड से आगाज भट्ट जी ने ही किया था । चूंकि उन्होंने सबसे पहले दिवाल लेखन किया और उसे नमो एप पर अपलोड किया, यही वजह है कि उनके इस चित्र को नमो एप पर दिवार लेखन के लोगों में मोदी जी के साथ प्रयोग किया गया है । उनके प्रयासों के प्रतिफल से प्रदेश के समस्त कार्यकर्ताओं को भी गौरवान्वित होना का अवसर मिला है । सांगठनिक कार्यों के प्रति उनकी इसी तरह की सजगता, समस्त पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के प्रेरणा का काम कर रही है
यूपीजेईए ने किया प्रदेश भर में सांकेतिक ध्यानाकर्षण कार्यक्रम, एसोसियेशन 15 जनवरी को करेगी प्रेस वार्ता
देहरादून, उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन (यूपीजेईए )द्वारा प्रदेश भर में सांकेतिक ध्यानाकर्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। केन्द्रीय अध्यक्ष आनन्द रावत ने कहा कि यूपीजेईए द्वारा 18 सूत्रीय मांगों पर कार्यवाही को लेकर यूपीसीएल प्रबंधन को मांगपत्र सौंपा गया है। यूपीसीएल प्रबंधन ने एसोसिएशन को पहले 05 जनवरी को वार्ता पर बुलाया जिसमें अधिशासी निदेशक मानव संसाधन आरजे मालिक से वार्ता हुई, पर कुछ बिंदुओं पर संतोषजनक सहमति नहीं बन पायी। पुनः दिनांक 11जनवरी को एसोसिएशन को वार्ता हेतु बुलाया गया जिसमें प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल से वार्ता हुई, परन्तु इसमें भी कोई निर्णय नहीं निकल पाया।
केन्द्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यूपीजेईए द्वारा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश के समस्त खंड कार्यालयों में 11 से 2 बजे तक मौन सत्याग्रह आयोजित किया गया। देहरादून में यूपीजेईए के सदस्यों द्वारा 18 ईसी रोड स्थित खंड कार्यालय में 11 से 2 बजे तक मौन सत्याग्रह किया गया एवं अधिशासी अभियन्ताओं को ज्ञापन सौंपा गया।
केन्द्रीय महासचिव पवन रावत ने कहा कि सांकेतिक ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के क्रम में दिनांक 15 जनवरी को एसोसिएशन की प्रेस वार्ता प्रेस क्लब देहरादून में दोपहर 11 बजे आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रदेश के सम्मानित उपभोक्ताओँ को अवर अभियंता संवर्ग के सदस्यों के साथ किये जा रहे अन्याय से अवगत कराया जाएगा।
मौन सत्याग्रह में केन्द्रीय अध्यक्ष आनन्द रावत, केन्द्रीय महासचिव पवन रावत, प्रान्तीय अध्यक्ष सुनील उनियाल सहित राजीव खर्कवाल, राममनोहर, विजय कुमार जैन, संजय, हर्ष बल्लभ नौडियाल, सौरभ चमोली, सूर्य प्रकाश, नवनीत चौहान, राहुल अग्रवाल, विकास कुमार, केडी जोशी, सुनील पोखरियाल, मनोज रावत, शैलेन्द्र मधवाल, भूपेन्द्र तोपवाल, शिवानी, पिंकी, वीना, मधु सिंह, सोनल, प्रीति कठैत, रूबी, राधा, केपी , पंकज जोशी, विक्रम सिंह, मनमोहन बागड़ी, बीएस पंवार, मोo दानिश, मोo गुलज़ार आदि मौजूद रहे।
सीएम धामी ने धारी देवी व नागराजा देव डोलियों को किया रवाना
देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में माँ धारी देवी एवं भगवान श्री नागराजा देव डोली शोभायात्रा 2024 का शुभारंभ किया। उन्होंने देव डोलियों की विधिवत पूजा-अर्चना कर सभी राज्यवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देव डोलियों की परंपरा देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति का अभिन्न अंग होने के साथ ही हम सभी की अटूट आस्था और विश्वास का प्रतीक भी हैं। आध्यात्मिक महत्व से परिपूर्ण यह परंपरा हम सभी को ईश्वर से जोड़ने का अलौकिक माध्यम है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद श्रीमती मधु भट्ट भी उपस्थित थी।
आचार्य मधुसूदन जुयाल, राजदीप भट्ट एवं मनोज धस्माना आदि द्वारा मुख्यमंत्री को देव डोलियों की शोभायात्रा के भ्रमण कार्यक्रम की जानकारी भी दी।
द्वारिका को मिला ‘मिलेट्स मैन ऑफ उत्तराखंड़’ का सम्मान
टिहरी, जनपद टिहरी के बमूरा धाम द्वारा हेरवाल गांव में घेंजा उत्सव के अवसर पर द्वारिका प्रसाद सेमवाल का सम्मान किया गया, उत्तराखंड के परंपरागत भोजन को थाली और आर्थिकी का जरिया बना कर मुख्यधारा से जोड़ने के लिए दिनेश प्रसाद सेमवाल प्रांत कार्य वाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उत्तराखंड़ ने गढ़भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल को मिलेट्स मैन ऑफ उत्तराखंड अवार्ड 2024 से आज एक सादे कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक वीरेन्द्र सिंह रावत ने कहा की द्वारिका प्रसाद सेमवाल वर्ष 2000 से उत्तराखंड के भोजन को प्रमोट करने के कार्य में लगे है। उनके द्वारा उत्तराखंड के परंपरागत भोजन को गांव के चूल्हे से अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया गया। वर्ष में एक दिन उत्तराखंड के भोजन की चर्चा हो उसके लिए 7 अक्तूबर को गढ़ भोज दिवस मनाने की परम्परा शुरू की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या क्षेत्रीय ग्रामीणों के साथ सामाजिक संस्थाओं के लोग उपस्थित रहे |
‘अभिनव’ प्रेरणा लेकर पर्वतारोही सिपाही निकला माउंट अकोंकागुआ चोटी को फतह करने
देहरादून, पुलिस महानिदेशक, उतराखंड अभिनव कुमार द्वारा आरक्षी राजेन्द्र नाथ को दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकोंकागुआ के सफल आरोहण हेतु फ्लैग ऑफ किया, पुलिस मुख्यालय से आज आरक्षी राजेन्द्र नाथ को दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट अकोंकागुआ (6961 मीटर) को फतह करने के लिए पुलिस महानिदेशक, उतराखंड अभिनव कुमार द्वारा पुलिस प्रतीक चिन्ह देकर रवाना किया गया। आरक्षी राजेन्द्र नाथ द्वारा इसी एक्सपीडिशन के माध्यम से गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर माउंट अकोंकागुआ को फतह करने का प्रयास किया जाएगा।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक द्वारा आरक्षी राजेन्द्र नाथ को उनके सफल पर्वतारोहण अभियान के लिए शुभकामनाएं देते हुए बताया गया कि पर्वतारोहण एक साहसिक खेल है और SDRF के प्रत्येक सदस्य के लिए ऐसे साहसिक खेलों का विशेष महत्व है। इसलिए समय समय पर ऐसे साहसिक खेलों में प्रतिभाग करने हेतु कर्मियों को प्रोत्साहित किया जाता है। SDRF कर्मियों द्वारा क्याकिंग, राफ्टिंग, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण इत्यादि साहसिक खेलों में प्रतिभाग कर अपनी व्यवसायिक दक्षता बढ़ाने का निरन्तर प्रयास किया जाता है।
फ्लैग ऑफ सेरेमनी के दौरान मौजूद पुलिस महानिरीक्षक SDRF द्वारा भी राजेन्द्र को शुभकानाएं प्रेषित की गई। SDRF में पर्वतारोहण का विशेष महत्व है। SDRF द्वारा सतोपंथ, भागीरथी,त्रिशूल व एवेरेस्ट का सफल आरोहण किया है।
इन पर्वतारोहण अभियानों के माध्यम से मिले कौशल से SDRF द्वारा ग्लेशियरों एवम ट्रेक रूटों में फंसे देश-विदेश के अनेक पर्वतारोहियों,ट्रैकरों एवम पर्यटकों को सकुशल रेस्क्यू किया गया है। SDRF द्वारा विदेशी नागरिकों व पर्वतारोहियों के सफल रेस्क्यू कार्यों की कोरिया, अमेरिका इत्यादि देशों के दूतावासों द्वारा मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई है।
मुख्य आरक्षी राजेन्द्र नाथ SDRF की हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम का एक अभिन्न अंग है। राजेन्द्र द्वारा विभिन्न पर्वत श्रंखलाओं पर किये गए सफल आरोहण से उच्च तुंगता क्षेत्रों में अपनी कार्यक्षमता में गुणात्मक सुधार किया गया बल्कि SDRF के अन्य कर्मियों को भी प्रेरित किया गया है। मुख्य आरक्षी राजेन्द्र नाथ के इस पर्वतारोहण अभियान के माध्यम से SDRF में एक साहसिक वातावरण का निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे अन्य जवान भी अभिप्रेरित होंगे व उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, जो निश्चय ही भविष्य में उच्च तुंगता रेस्क्यू के दौरान विषम परिस्थितियों में भय व अवरोधों का डटकर सामना करने का साहस प्रदान करेगा।
आरक्षी राजेन्द्र नाथ द्वारा पूर्व में भी अनेक कीर्तिमान हासिल किये गए है। इनके द्वारा विगत वर्षों में चंद्रभागा-13 (6264 मीटर), डीकेडी-2 (5670 मीटर), माउंट त्रिशूल (7120 मीटर) माउंट गंगोत्री प्रथम (6672 मीटर), माउंट श्रीकंठ (6133 मीटर), माउंट बलज्यूरी (5922 मीटर), माउंट बंदरपूंछ (5500 मीटर), यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश(5642 मीटर), अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (5895 मीटर) का सफलतापूर्वक आरोहण किया गया है। यह उतराखंड पुलिस के प्रथम कर्मी है जिन्होंने माउंट एलब्रुस को छः दिवस के अंतराल में डबल समिट और माउंट किलिमंजारो को तीन दिवस के अंतराल में डबल समिट करने का अद्वितीय कीर्तिमान अपने नाम किया है।
सीएम योगी का बड़ा फैसला : 22 जनवरी को यूपी में बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज, शराब की बिक्री पर भी रोक
अयोध्या, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्याधाम में बहुप्रतीक्षित श्रीरामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए 22 जनवरी को प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं में अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 22 जनवरी को प्रदेश में मदिरा आदि की दुकानें बंद रखी जाएं। मंगलवार को अयोध्या दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने श्रीरामलला और हनुमान गढ़ी के दर्शन-पूजन के उपरांत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। मकर संक्रांति के बाद प्रारंभ हो रहे प्राण प्रतिष्ठा के वैदिक अनुष्ठानों की जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री ने समारोह की सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सभी आवश्यक सहयोग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
इसके बाद, आयुक्त सभागार में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आ रहे गणमान्य जनों को अयोध्या में बेहतर आतिथ्य प्राप्त होना चाहिए। हर एक वीवीआईपी के विश्राम स्थल का चयन पूर्व में कर लिया जाए। मौसम के दृष्टिगत संभव है कि कुछ अतिथि एक-दो दिन पहले ही आ जाएं, ऐसे में उनके रुकने की बेहतर व्यवस्था हो। अयोध्या में होटल और धर्मशालाएं हैं। होम स्टे की व्यवस्था भी है। टेंट सिटी की संख्या और बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। कुंभ की तर्ज पर अयोध्या में 25-50 एकड़ में एक भव्य टेंट सिटी तैयार कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी के उपरांत अयोध्या में दुनिया भर से रामभक्तों का आगमन होगा। उनकी सुविधा के लिए पूरे नगर में विभिन्न भाषाओं में साइनेज लगाए जाएं। संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की छह भाषाओं में साईनेज हों। आतिथ्य-सत्कार में स्वच्छता एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। इसमें जनसहयोग लें। धर्म पथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, राम पथ जैसे प्रमुख मार्गों अथवा गलियों में धूल न उड़े, गंदगी न हो। अभी 3,800 से अधिक स्वच्छताकर्मी तैनात हैं, 1,500 कर्मचारियों की संख्या और बढाएं। अयोध्या प्रतिबंधित पॉलीथिन मुक्त नगर हो, इसके लिए हम सभी को प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि 14 जनवरी से नगर में स्वच्छता विषयक विशेष अभियान चलाएं। नगर में कहीं भी गंदगी नहीं दिखनी चाहिए। प्राण-प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक कार्यक्रम सभी सनातन आस्थावानों के लिए हर्ष-उल्लास, गौरव और आत्मसंतोष का अवसर है। पूरा देश राममय है। 22 जनवरी को सायंकाल हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाएगा। हर सनातन आस्थावान अपने घरों, प्रतिष्ठानों में रामज्योति प्रज्ज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा। सरकारी भवनों की साज-सज्जा कराई जाए। सायंकाल आतिशबाजी के भी प्रबंध हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म पथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, राम पथ की थीम आधारित सजावट कराएं। सभी टेंट सिटी में 10-10 बेड का स्वास्थ्य केंद्र तैयार कराएं। एम्बुलेंस की तैनाती हो। टेंट सिटी में खाद्यान्न की उपलब्धता बनी रहे। रैन बसेरे को और व्यवस्थित करें। कई स्थानों पर इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। धर्मनगरी में रात्रि विश्राम करने वाला एक भी व्यक्ति ठंड से ठिठुरता न मिले। लखनऊ, प्रयागराज और गोरखपुर से अयोध्या मार्ग को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में तैयार रखा जाए। अयोध्या का डिजिटल टूरिस्ट ऐप विकसित कराएं। अयोध्या नगर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण हो। इसके लिए मोबाइल वैन, एलईडी स्क्रीन आदि की व्यवस्था हो।