Friday, June 6, 2025
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पुरानी पेंशन की बहाली को हड़ताल पर डटे रहे रेल कर्मचारी

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देहरादून(आरएनएस)।   पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आयुध निर्माणी कर्मचारियों की भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। चेताया कि यदि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। आयुध निर्माणी कम्रचारी  यूनियन के बैनर  भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष चल रहा है।  अध्यक्ष अजय पला  और महामंत्री कलीम अहमद  ने कहा कि पहले भी कई धरना-प्रदर्शन हो चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग को अनसुना कर रही है, जिससे कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कहा कि नई पेंशन योजना किसी भी सूरत में कर्मचारियों के हित में है, इसे समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की जरूरत है। इस मौके पर मौहममद हारून, सुभाष चन्‍द, सुमन कुमार सिंह, दीपक पंत, योगेश, गुरूदेव, राम कुमार, नौरंग, सुनील कुमार, संजय कुमार, अमर सिंह आदि मौजूद रहे।

आबकारी विभाग के टेंडर से 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक होलोग्राम उत्तराखंड के पर्यावरण में घोलेगा जहर : अभिनव थापर

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“प्रधानमंत्री मोदी की प्रदूषण नीति के खिलाफ आबकारी विभाग का होलोग्राम टेंडर”

“थापर बोले : उत्तराखंड के पर्यावरण को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे, प्रदेश भर में आंदोलन खड़ा करेंगे व न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे।”

देहरादून, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने पर्यावरणाविद स्वर्गीय पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा की जयंती पर प्रदेश के आबकारी विभाग पर बड़ा आरोप लगाया, स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुये उत्तराखंड़ द्वारा प्रतिबंधित बैन सिंगल यूज प्लास्टिक पर 150 करोड़ होलोग्राम (लेबल्स) के टेंडर में हुई धोर अनिमितताओं को तथ्यों के साथ पेश किया, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्रतिबंधित सिंगल उपयोग प्लास्टिक (SUP) बैन की नीति, प्रधानमंत्री कार्यालय व नेशनरी ग्रीन ट्राइब्यूनल नई दिल्ली द्वारा जारी (SUP) के प्रतिबंध की गाइडलाइंस के बिलकुल विपरीत है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुये थापर ने कहा कि आबकारी विभाग उत्तराखंड़ ने 20.11.23 को उत्तराखंड में शराब की बोतलों में लगने वाली होलोग्राम का टेंडर निकाला, जिसमें उन्होंने पॉलिस्टर Plastic युक्त 36 माइक्रोन का होलोग्राम की मुख्य मांग रखी, जबकि केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय कार्यालय द्वारा 30 जून 2022 को जारी गाइडलाइन के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) 100 माइक्रोन से कम पर संपूर्ण रूप से प्रतिबंधित है |

पत्रकार वार्ता में इन बिंदुओं पर कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने 13 दिसम्बर 2023 को मुख्यमंत्री, आबकारी विभाग व उत्तराखंड पॉल्यूशन बोर्ड व 23 दिसम्बर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र दिया और उत्तराखंड में 150 करोड़ प्रतिबंधित Non-Biodegradable Plastic से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराया और इस टेंडर को निरस्त करने के लिए प्रत्यावेदन दिया। उक्त पत्र द्वारा राज्य सरकार को भारत सरकार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की उल्लेखित गाइडलाइंस SUP Ban को आबकारी विभाग द्वारा दरकिनार करते हुए 18 दिसंबर 2023 को 5 वर्षों में 150 करोड़ Plastic लेबल के हजारों कुंतल प्लास्टिक का टेंडर खोला गया और हैरतअंगेज रूप से कार्य की प्रक्रिया गतिमान है।

कांग्रेस नेता का आरोप है कि यह वो खतरनाक प्लास्टिक है जिसकों पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEF) भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भी प्रतिबंधित किया गया है किन्तु फिर भी राज्य सरकार ने शायद किसी अनैतिक लाभ के लिए इन सब नियम कानून और पीएम मोदी के आदेशों का भी उलंघन करते हुए उत्तराखंड के पर्यावरण के लिये यह प्लास्टिक जहर का कार्य करने का निर्णय लिया है।
वहीं इस टेंडर के जारी होने के बाद उत्तराखंड की गंगा-यमुना जैसी तमाम नदीयों, वन आदि में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्‍लास्‍टिक (Single Use Plastic) के (Non biodegradable) 150 करोड़ प्लास्टिक लेबल पर्यावरण में जहर की तरह घुल जाएंगे। इन होलोग्राम से न सिर्फ उत्तराखंड के पर्यावरण को घनघोर अपूर्णीय क्षति होने वाली है बल्कि प्रदेश के वन्य जीव, नदियों, झीलें, ग्लेशियर और अन्य पर्यावरणीय श्रोत्र पर गंभीर तरीके से संकट खड़ा होने वाला है। यह चिंतनीय विषय है की अगले 5 सालो में जब 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक लेबल जो, हजारों कुंतल प्लास्टिक होगी, जब वो हमारे वातावरण में जहर की तरह घुलेगी तो हिमालय के ग्लेशियर और नदियों पर कितना बुरा असर पड़ेगा |

प्रेसवार्ता के माध्यम से थापर ने सरकार को यह चेतावनी देते हुये कहा कि यदि उत्तराखंड के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जाएगा और भारत सरकार की पर्यावरण नीति के खिलाफ भी राज्य सरकार काम करेगी तो हम उत्तराखंड के पर्यावरण को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे, पूरे प्रदेश भर में आंदोलन खड़ा करेंगे व न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

अभिनव थापर ने कहा की हमारी प्रदेश मुख्यमंत्री व सरकार से मांग है की उत्तराखंड के पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति पहुंचाने वाले इन प्रतिबंधित प्लास्टिक 36 माइक्रोन (Ban SUP) के 150 करोड़ प्लाटिक के होलोग्रामों के लिए जारी टेंडर को तत्काल निरस्त कर जांच बिठाई जाय, दोषी अफसरों पर कार्यवाही हो और किन कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए इतना बड़ा खेल हमारे पर्यावरण हिमालय, ग्लेशियर और नदियों को ताक पर रख कर किया जा रहा है उनका भी नाम जनता के सामने लाया जाए। प्रेस वार्ता में राज्य आंदोलकारी परिषद के प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, देवेंद्र नौडियाल, हिमालय बचाओ आंदोलन के समीर रतूड़ी व डॉ. नितेन्द्र डंगवाल भाग लिया।

झूला पुल खुलवाने को लेकर व्यापारियों ने किया बाजार बंद, जलूस निकाल कर प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

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बागेश्वर, विगत एक वर्ष से बन्द पड़े झूला पुल खोलने की मांग को लेकर व्यापार संघ के बाजार बंद पूर्णतया सफल रहा। व्यापारियों ने नुमाईश मैदान से नगर में विभिन्न मार्गों में जलूस निकाल कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए स्टेट बैंक तिराहे पर प्रशासन का पुतला फूंका। साथ ही चेतावनी दी कि 13 जनवरी तक सकारात्मक हल नही निकला तो 13 से अनिश्चित कालीन बन्द का आह्वान भी किया।
बागेश्वर में 111 साल पुराने ऐतिहासिक झूला पुल के न खुलने से आक्रोशित व्यापारियों ने मंगलवार को बाजार बंद रखा। व्यापारियों ने नुमाइशखेत मैदान से तहसील तक विशाल जुलूस निकाला। इस दौरान एसबीआई तिराहे पर जिला प्रशासन का पुतला भी जलाया गया।
मंगलवार सुबह से नगर की सभी दुकानें बंद रही।केवल मेडिकल स्टोर ही खुली रही । चाय और सब्जी की दुकानों पर भी ताले लटके रहे। व्यापारियों ने बंद का पुरजोर समर्थन किया।
विगत एक वर्ष से पुल आवाजाही के लिए बन्द होने से जहां व्यापारियो को आर्थिक नुकसान हो रहा है वही दूसरी तरफ आमजन को भी काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। समय-समय पुल खोलने की मांग को लेकर आंदोलन होते रहे।लेकिन प्रशासन द्वारा आश्वासन देकर आंदोलन को समाप्त करा दिया गया। इस बार व्यापार मंडल झुलापुल खोलने की मांग लेकर मुखर हैं।
इधर जिला प्रशासन का कहना है कि झूला पुल पुराना है जिसके चलते उसे खोलने से खतरा बढ़ सकता है। जिला प्रशासन लगातार झूला पुल की जांच और मरम्मत करने के बाद खोलने के बाद कहता है।व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय से आश्वासन मिल रहा है लेकिन झूला पुल की ना जांच हो रही है और ना मरम्मत की जा रही है। जिसके चलते उन्हें मजबूर होकर बाजार बंद करने को बात देना पड़ा है।
व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल उत्तरायणनी में भी झूला पुल बंद था और व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ। इस साल भी झूला पुल के बंद रहने से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस मौके पर व्यापार मंडल नगर अध्यक्ष कवि जोशी, नवीन लाल साह , पुष्कर किरमोलिया, हेम जोशी, राजेन्द्र परिहार, कमल साह, उमेश साह, अक्षित जखवाल, महेश गोस्वामी, भूपेंद्र जोशी, सहित नगर के तमाम व्यापारी मौजूद रहे।

राज्य सरकार ने छह माह के भीतर निकाय चुनाव कराने का हाईकोर्ट को दिया आश्वासन

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नैनीताल, हाईकोर्ट में राज्य में समय पर निकाय चुनाव नहीं कराने को लेकर दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मंगलवार को सुनवाई में शहरी विकास सचिव नितिन भदौरिया पेश हुए। उन्होंने हाईकोर्ट को आश्वसत किया कि छह माह में राज्य में नगर निकायों के चुनाव करा लिए जाएंगे।

याचिका में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सचिव के बयान रिकॉर्ड करने के बाद दोनों याचिकाओं को लंबित रखते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तिथि नियत की है। मंगलवार को शहरी विकास सचिव नितिन भदौरिया कोर्ट में पेश हुए। राज्य सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि सरकार ने निकायों के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और आरक्षण तय करने के लिए एक सदस्यीय न्यायिक कमीशन का गठन भी किया है।
मामले के अनुसार जसपुर निवासी मो. अनीश व अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि नगर पालिकाओं व नगर निकायों का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त हो गया है लेकिन कार्यकाल समाप्त हुए एक माह बीत गया है फिर भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नहीं किया बल्कि निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। प्रशासक नियुक्त होने की वजह से आमजन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जबकि निकायों के चुनाव कराने के लिए सरकार को याद दिलाने के लिए पूर्व से ही एक जनहित याचिका कोर्ट में विचाराधीन है।

जनहित याचिका में कहा है कि सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वे निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करें। प्रसाशक तब नियुक्त किया जाता है जब कोई निकाय भंग की जाती है। उस स्थिति में भी सरकार को छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। यहां इसके विपरीत है निकायों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। लेकिन अभी तक चुनाव कराने का कर्यक्रम घोषित नहीं हुआ।

लोकसभा व विधान सभा के चुनाव निर्धारित तय समय में होते है लेकिन निकायों के तय समय मे क्यों नहीं होते हैं। नियमानुसार निकायों के कार्यकाल समाप्त होने से छह माह पहले चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाना था जो अभी तक नहीं हुआ है।

अच्छी खबर : ओएनजीसी ने कृष्णा गोदावरी बेसिन से ‘पहला तेल’ उत्पादन किया शुरू,

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‘पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी बोले- यह आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम’

नई दिल्ली (आरएनएस),ओएनजीसी ने देश के पूर्वी तट के कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपनी प्रमुख गहरे पानी की परियोजना से तेल उत्पादन शुरू कर दिया। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स को संबोधित किया और कहा कि यह जटिल और कठिन गहरे पानी केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक से शुरू हुआ पहला तेल उत्पादन है, जो बंगाल की खाड़ी तट पर स्थित है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कृष्णा गोदावरी की सबसे गहरी सीमाओं से देश का ऊर्जा उत्पादन भी बढ़ना तय है। जैसे-जैसे भारत प्रधानमंत्री ञ्चनरेंद्रमोदी जी के नेतृत्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है, हमारा ऊर्जा उत्पादन भी कृष्णा गोदावरी की सबसे गहरी सीमाओं से बढऩे के लिए तैयार है। उन्होंने कहा-फर्स्ट ऑयल का उत्पादन कॉम्प्लेक्स से शुरू होता है और कठिन गहरे पानी वाला केजी-डीडब्ल्यूएन-9898/2 ब्लॉक, बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है, उन्होंने आगे कहा कि उत्पादन प्रति दिन 45,000 बैरल और प्रति दिन 10 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक गैस होने की उम्मीद है, जो ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत में योगदान देगा। इस परियोजना से वर्तमान राष्ट्रीय तेल उत्पादन में 7 प्रतिशत और राष्ट्रीय प्राकृतिक गैस उत्पादन में 7 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है |

ब्रैकिंग : दर्दनाक सड़क हादसे में रेंजर समेत चार की मौत, 5 वनकर्मी घायल

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“पीएमओ में तैनात आईएएस मंगेश घिल्डियाल के भाई थे शैलेश”

ऋषिकेश, चीला बैराज मार्ग पर सोमवार देर शाम हुए भीषण हादसे में दो वन रेंजरों समेत चार की मौत हो गई, जबकि नहर में गिरी एक अधिकारी लापता हैं। पांच वन कर्मियों को गंभीरावस्था में एम्स में भर्ती कराया गया है। मृतक वनाधिकारियों में एक पीएमओ में तैनात आईएएस मंगेश घिल्डियाल के भाई बताए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वन विभाग में तैनात अधिकारी व कर्मचारी नई इलेक्ट्रिक गाड़ी के ट्रायल के लिए निकले थे। बताया जा रहा कि चीला-ऋषिकेश बैराज मार्ग पर नहर के किनारे अचानक गाड़ी का टायर फट गया। इससे अनियंत्रित हुई गाड़ी पलट कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में दो रेंजरों की मौके पर ही मौत हो गई। दो अन्य वनकर्मियों की भी मौत हो गई, जिनकी शिनाख्त की जा रही है। मृत वन रेंज अधिकारियों की पहचान शैलेश घिल्डियाल व प्रमोद ध्यानी के रूप में हुई है। मृत वन रेंजर शैलेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात आईएएस मंगेश घिल्डियाल के भाई बताए गए हैं। एक अन्य वन अधिकारी आलोकी छिटक कर चीला नहर में जा गिरीं, जिनकी तलाश की जा रही है। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार, वहां चार लोग ब्रॉड डेड लाए गए हैं। इसके अतिरिक्त पांच घायल वनकर्मियों का एम्स के ट्रॉमा सेंटर में उपचार किया जा रहा है।दुःखद: सड़क हादसे में वन विभाग के दो रेंजर समेत चार की मौत, पांच घायल, एक  गायब -

महिला आयोग का दावा, हजारों परिवारों को टूटने से बचाया, मानव तस्करी के खिलाफ रहे सक्रिय

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‘आयोग ने महिला नीति का फाइनल ड्राफ्ट शासन को सौंपा’

‘महिला आयोग ने 2023-24 के दौरान आयी शिकायतों में 50 प्रतिशत का निस्तारण किया’

देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर कार्यों का लेखा जोखा पेश किया। आयोग की अध्यक्ष ने इन दो वर्षो के दौरान आयोग की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं को बताया। अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए महिला नीति का फाइनल ड्राफ्ट शासन को सौंपा दिया है, जल्द ही इस पर बड़ी पहल होने जा रही है।

राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने जल्द महिला नीति लागू करने की घोषणा भी की थी, जिससे महिला नीति में प्रदेश की महिलाओं से जुड़े हर विषय को शामिल किया जा सके. जिसमें आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा, राजनीतिक, स्वास्थ्य समेत अन्य बिंदु शामिल हैं. उन्होंने कहां की महिला नीति को उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखकर बनाया गया है और इसमें विशेष कर पहाड़ी क्षेत्र को केंद्र बिंदु के तौर पर रखा है। ऐसे में महिला नीति जल्द ही राज्य में लागू होगी. उन्होंने कहा सरकार ने एकल महिला नीति तैयार की है. जिसमें एकल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए तमाम प्रावधान किए गए हैं।
अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि संविदा आउटसोर्स एवं दैनिक वेतन भोगी महिला कार्मिकों को बाल्य देखभाल अवकाश एवं पीआरडी व होमगार्ड विभाग में कार्यरत महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिए जाने हेतु शासन स्तर पर लगातार पत्राचार किया गया । जिसके उपरांत बाल्य देखभाल अवकाश एवं मातृत्व अवकाश संबंधी आदेश पारित हुए जो की कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि चमोली एवं रुद्रप्रयाग जिले में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया । वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग के वित्तीय सौजन्य से राज्य में संचालित महिला थाना महिला हेल्थ डेस्क की कार्य कुशलता एवं प्रभावशीलता से संबंधित सेमिनार एवं खेल सेमिनार का भी आयोजन कराया गया। वही सितंबर महीने में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से पोषण माह कार्यक्रम का भी आयोजन कराया गया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति सम्मान कार्यक्रम के साथ ही महिला वैज्ञानिकों को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र के समन्वय से महिला वैज्ञानिकों को सम्मानित भी किया गया। महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि आयोग ने अभी तक हजारों परिवारों को टूटने से बचाने का भी काम किया है। इसके साथ महिलाओं के उत्थान को लेकर उत्तराखंड महिला आयोग लगातार सक्रिय है। उन्होंने बताया कि एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानी मानव तस्करी के मामले में प्रदेश के सभी 13 जिलों में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से आम लोगों को जागरुक भी किया गया है।
आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा साल 2022-23 में 1947 शिकायतें दर्ज हुई. जिसके सापेक्ष 1810 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. 137 शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी तरह से वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अभी तक 1361 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिसके सापेक्ष 626 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. 735 शिकायतों पर कार्रवाई चल रही है।

22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए-पंडित अधीर कौशिक

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हरिद्वार,(कुलभूषण)  श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अवकाश घोषित करने की मांग की है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर प्रत्येक सनातनधर्मी उत्साहित है और जन-जन के आराध्यक्ष प्रभु श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर को हर्षोल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर संपूर्ण भारतवासी अपने कामकाज से विरत रहकर प्रभु श्रीराम का का स्मरण और भजन पूजन करने को उत्सुक हैं। करोड़ों श्रद्धालु भक्तों की भावना को देखते हुए सरकार को 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करना चाहिए। जिससे आमजन को प्रभु श्रीराम की आराधना, पूजन, गायन करने का पर्याप्त समय उपलब्ध हो सके।

DA Hike : नए साल का तोहफा, इस महीने में हो सकता 4% डीए Hike का ऐलान

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7th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारी नए साल पर महंगाई भत्ता यानि डीए में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन सरकार की ओर से इस महीने भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान नहीं किया गया।

लेकिन अब महंगाई भत्ते में इजाफे को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार मार्च के महीने में 4 फीसदी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार 1 जनवरी 2024 से शुरू होने वाले छह महीनों के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार की ओर से इसकी घोषणा मार्च 2024 में की जा सकती है। यदि अपेक्षित बढ़ोतरी होती है, तो इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत हो जाएगा।

सबसे हालिया डीए वृद्धि अक्टूबर 2023 में हुई थी। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। जो 1 जुलाई 2023 से प्रभावी था। इस बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का कुल महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत हो था। महंगाई भत्ता अर्थव्यवस्था में मूल्य में बढ़ोतरी की भरपाई के लिए कर्मचारियों को उनके वेतन के हिस्से के रूप में दिये जाने वाला पैसा है। जब भी मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो यह पैसों के मूल्य को कम कर देती है।

वहीं महंगाई भत्ते में होने वाली वृद्धि के साथ ही राज्य सरकार पर 2400 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार देखा जाएगा बता दे कि पश्चिम बंगाल में कर्मचारियों को पहले 6% महंगाई भत्ता उपलब्ध कराया जा रहा था वहीं अब 4% की वृद्धि के साथ ही यह बढ़कर 10% हो गया है।

केंद्रीय कर्मचारियों का भत्ता 50 फीसदी या उससे ज्यादा होगा तो केंद्रीय कर्मचारियों का एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) रिवाइज हो जाएगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक जब भत्ता 50 फीसदी या इससे ज्यादा हो तब HRA को रिवाइज किया जाएगा। एचआरए में बढ़ोतरी के लिए तीन कैटेगरी के तहत शहर- X,Y & Z को बांटा गया है। वर्तमान में X,Y और Z कैटागरी के शहरों/कस्बों में रहने वाले कर्मचारियों को क्रमशः 27, 18 और 9 फीसदी एचआरए मिल रहा है। लेकिन बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारी के X, Y, Z कैटेगरी में क्रमश: 30, 20 और 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।

 

ज्योतिष को वेद विज्ञान और वेदों की आंखे माना गया है :   मुख्यमंत्री

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ज्योतिष महाकुंभ के समापन अवसर पर समारोह में प्रतिभागी रहे ज्योतिषियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सभी ज्योतिषियों का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए ज्योतिष जैसे प्राचीन ज्ञान पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में ज्योतिष शास्त्र की लम्बी परंपरा और गौरवशाली इतिहास रहा है। भारत की यह महान भूमि ज्ञान, कर्म, उपासना के साथ-साथ लौकिक और अलौकिक विद्याओं और रहस्यों को उजागर करने वाली भूमि है। हमारे ऋषि-मुनियों ने वेदों द्वारा ज्ञान एवं विज्ञान की उपासना का संदेश दिया, वेदों में पूरे ब्रह्माण्ड का रहस्य समाया है इस रहस्य को जानने के लिए ज्योतिष शास्त्र को जानना अत्यंत आवश्यक है। किसी ने ठीक ही कहा है कि ’’ज्योतिष शास्त्र ब्रह्मांड को समझने का एक रोडमैप है’’
उन्होंने कहा कि वेद, पुराण, उपनिषद आदि महान ग्रंथों की रचना करने वाले ऋषि केवल कर्मकांडी मात्र नहीं थे बल्कि महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने मानव की भलाई के लिए नई-नई वैज्ञानिक मान्यताएं स्थापित की। उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र एक ऐसा नेत्र है जो भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों काल को देख सकता है। यह शास्त्र भौतिक, आध्यात्मिक और दैविक विचारों का समन्वय है।हमारी महान उपलब्धियों को दुनिया ने उपयोग किया लेकिन इसका श्रेय हमें नहीं दिया। अब समय आ गया है कि हम स्वयं को और स्वयं की उपलब्धियों को  जानें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपनी महान मान्यताओं और उपलब्धियों पर गर्व करने के साथ आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ ’’एंसेंट इंडियन नॉलेज सिस्टम’’ को भी समझना होगा। ज्योतिष को वेद विज्ञान और वेदों की आंखे माना गया है।आज नासा भी मानने लगा है कि भारतीय ज्योतिष विज्ञान के द्वारा बहुत सी भौगोलिक घटनाओं को भली प्रकार समझा जा सकता है। ज्वार, भाटा, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण आदि घटनाएं इसके उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में ज्योतिष को बढ़ावा देने के लिये ’’उत्तराखंड ज्योतिष परिषद’’ का भी गठन किया है, ताकि हमारी भावी पीढ़ी भी इस विज्ञान का लाभ उठासके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति की धर्म ध्वजा पुनः पूर्ण गौरव के साथ संपूर्ण विश्व में फहरा रही है। प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे महान कार्यों से प्रेरणा लेकर हमारी सरकार भी सनातन संस्कृति के संवर्धन हेतु संकल्पबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे इस विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने हेतु सभी लोगों का सहयोग हमें निरंतर इसी प्रकार मिलता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिन विद्धान ज्योतिषियों को सम्मानित किया उनमें ज्योतिषाचार्य पं० के०ए० दुबे, पद्मेश, पं० सतीश शर्मा, वास्तु विशेषज्ञ इन्दु प्रकाश, ज्योतिषाचार्य जी०डी० वशिष्ठ, पं० लेखराज शर्मा, पं० अजय भांबी, पुरुषोत्तम गौड़, संजीव श्रीवास्तव, आनन्द, आचार्य चंद्रशेखर एवं डॉ० वाई० राखी शामिल थे।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, ग्राफिक एरा के संस्थापक  कमल घनसाला, अमर उजाला के संपादक अनूप बाजपेई एवं विभिन्न राज्यों से आये ज्योतिषाचार्य उपस्थित थे।