Tuesday, May 6, 2025
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आदि बदरी मंदिर समूह के कपाट 16 दिसंबर को बंद होंगे

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चमोली, पंच बदरी में से एक आदि बदरी मंदिर समूह के कपाट आगामी 16 दिसंबर को शाम आठ बजे श्रद्धालूओं के लिए बंद कर दिये जाएंगे। यह निर्णय मंदिर समिति की बैठक में लिया गया। वीरेंद्र प्रभू की अध्यक्षता में मंदिर परिसर में हुई मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक में निर्णय लिया गया गया कि 16 दिसंबर को ब्रह्म मूहूर्त में श्रंगार दर्शन और अर्घ्य पूजा के बाद मंदिर परिसर में बने मंच पर क्षेत्रीय विद्यालयों एवं ममंदलों के धर्म और संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और रात्रि में परंपरा अनुसार कड़ाह भोग और निर्वाण दर्शन उपरांत ठीक आठ बजे मंदिर के कपाट एक माह के लिए बंद कर दिये जाएंगे।

इस मौके पर सचिव हमेंद्र कुंवर, कोषाध्यक्ष बलवंत भंडारी, प्रधान यशवंत भंडारी, नंदा नेगी, विजय चमोला, नवीन बहुगुणा, गंगा रावत और कुंवर कठैत आदि थे। आदिबदरी मंदिरसमूह के कपाट पौस माह में एक माह के लिए बंद रखने तथा माघ माह के प्रथम दिन कपाट खोलने की परंपरा है।

व्हाट्सएप पर अब चैट में मैसेज को पिन भी कर सकते हैं

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नई दिल्ली ,। मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने चैट में टेक्स्ट, पोल, इमेज और इमोजी सहित किसी मैसेज को पिन करने की सुविधा लॉन्च की है एक समय में केवल एक चैट को।
यह फीचर यूजर्स के लिए रोल आउट होना शुरू हो गया है। पिन किए गए मैसेज से समूह या किसी व्यक्तिगत चैट में महत्वपूर्ण संदेशों को आसानी से हाइलाइट कर सकते हैं।
यह यूजरों का समय बचाने में मदद करता है ताकि वे समय पर मैसेज अधिक आसानी से खोज सकें। व्हाट्सएप ने एक बयान में कहा, सभी संदेश प्रकार जैसे टेक्स्ट, पोल, छवि, इमोजी और बहुत कुछ को पिन किया जा सकता है और वे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
किसी संदेश को ‘पिन’ करने के लिए, आप संदेश पर देर तक प्रेस कर सकते हैं, और संदर्भ मेनू से ‘पिन’ का चयन कर सकते हैं।
पिन किए गए मैसेज की अवधि चुनने के लिए एक बैनर दिखाई देगा – 24 घंटे, 7 दिन और 30 दिन)।
कंपनी ने कहा, सात दिन डिफ़ॉल्ट विकल्प है। ग्रुप चैट में व्यवस्थापकों के पास यह चुनने का विकल्प होता है कि क्या सभी सदस्य या केवल एडमिन किसी मैसेज को पिन कर सकते हैं।
टेलीग्राम और आईमैसेज पहले से ही यह विकल्प प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने किया स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा का शुभारम्भ

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स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव लाने की मिलेगी प्रेरणा

देहरादून, मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित ‘स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा’ का शुभारम्भ स्मृति पौध भेंट कर किया। इस अवसर पर यूकॉस्ट द्वारा आयोजित ‘अभिनन्दन एवं पौध भेट समारोह’ में विश्वविद्यालयों को शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी आयोजन को यादगार बनाने में पेड़ों की बडी भूमिका होती है। पेड़ जहां जीवन के आधार है वहीं हमारी संस्कृति और स्मृति के भी प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय अपने स्वर्ण जयंती वर्ष को इको फ्रेंडली रुप से मना रहे हैं तथा दूसरे को पचास-पचास पेड़ भेंट कर एक विश्वविधालय के सदस्य दूसरे विश्व विद्यालय में पहुंचकर पचास पौधों का रोपण करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हमारे युवा बौद्धिक रूप से जागृत और समझदार होते हैं। जन-जन तक संदेश पहुंचाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जलवायु परिवर्तन से उपजी समस्याओं के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व की जीवन शैली में परिवर्तन लाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव लाने की प्रेरणा भी मिलेगी। यह यात्रा लोगों में अपनी संस्कृति, स्वच्छ परम्परा, खान पान, बोली-भाषा के प्रति भी जागरुकता पैदा करेगी।

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पन्त ने कहा कि इस आयोजन के तहत मुख्यमंत्री का संदेश दोनों विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं तक पहुंचेगा। इस यात्रा को बहुआयामी तथा उद्देश्यपरक बनाने हेतु यूकॉस्ट द्वारा दोनों विश्वविद्यालयों में विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है। लाइफ स्टाइल फॉर इन्वायरमेंट तथा जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञों के व्याख्यान भी कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीनगर गढ़वाल से जो दल नैनीताल रवाना होगा वह अपने साथ गंगा जल भी ले जायेगा जिसे नैनीताल में मां नैना देवी के दर्शन के बाद नैनीझील में प्रवाहित किया जायेगा। दोनों विश्वविद्यालय अपने कुछ महत्वपूर्ण प्रकाशन की पुस्तकें भी एक दूसरे को भेंट करेंगें।

’स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा’ को आकार देने वाले मैती संस्था के संस्थापक पद्म श्री डॉ. कल्याण सिंह रावत ने कहा कि बदलते जलवायु के संकेतों से अब हमें, जागरूक होने की जरुरत है। यदि अभी भी हम नहीं जागे तो बहुत देर हो जायेगी। हमें अपने आवश्यकताओं को न्यून करके जीवन शैली में बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि 1998 में दोनों विश्वविद्यालयों के बीच में 25-25 पेड़ सिल्वर जुबली पर मैती संस्था ने ऐसी ही रथ यात्राएं आयोजित की थी। प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 18 दिसम्बर को हे.न.ग. विश्वविधालय से 50 पेड़ लेकर संदेश यात्रा दल नैनीताल प्रस्थान करेगा। 19 दिसम्बर को नैनीताल में वृक्षारोपण व विचार गोष्ठी आयोजित होगी। 20 दिसम्बर को नैनीताल से 50 पेड़ श्रीनगर गढ़वाल पहुंचेंगे। कार्यक्रम में गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

RBI की राज्यों को चेतावनी, राज्य ना करें पुरानी पेंशन स्कीम के वादे

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मुंबई, । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने राज्यों को चेतावनी दी है कि वह पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने के बारे में न सोचें. इससे उनका खर्च कई गुना बढक़र बर्दाश्त के बाहर हो जाएगा. आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम के वादों पर चिंता जताई है. उन्होंने राज्य सरकारों को नसीहत दी कि जनता को लुभाने वाले वादों के कारण उनकी वित्तीय सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. सरकारी खजाने के लिए ओपीएस बहुत नुकसानदेह साबित होगी.
हाल ही में कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की है. इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब शामिल हैं. साथ ही कर्नाटक में भी ओपीएस लाने की चर्चा चल रही है. आरबीआई ने राज्यों को सलाह दी है कि वह न्यू पेंशन स्कीम को ही जारी रखें. आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट स्टेट फाइनेंस : अ स्टडी ऑफ बजट्स ऑफ 2023-24 को जारी करते हुए चेताया कि अगर सारे राज्य ओपीएस फिर से लाते हैं तो उन पर वित्तीय दबाव लगभग 4.5 गुना तक बढ़ जाएगा. ओपीएस का जीडीपी पर बुरा असर दिखेगा. इस पर होने वाले अतिरिक्त खर्च का बोझ 2060 तक जीडीपी का 0.9 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
आरबीआई रिपोर्ट के अनुसार, ओपीएस बहाल कर चुके राज्यों की तर्ज पर अन्य राज्य भी इसे लाने पर विचार करने लगे हैं. अगर ऐसा हुआ तो राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और विकास कार्यों पर खर्च में कमी आएगी. आरबीआई ने कहा कि ओपीएस पीछे जाने वाला कदम है. इससे पिछले सुधारों से मिला फायदा खत्म हो जाएगा. इससे आने वाली पीढिय़ों को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ओपीएस का आखिरी बैच 2040 के शुरुआत में रिटायर होगा और उन्हें 2060 तक पेंशन मिलती रहेगी.
अगले साल देश में आम चुनाव हैं. ऐसे में आरबीआई ने लोक लुभावन वादों से खर्च बढ़ाने के बजाय राजस्व में इजाफा करने का सुझाव दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्य अपनी कमाई में इजाफा करने के बारे में सोचें. राज्यों को रजिस्ट्रेशन फीस, स्टांप ड्यूटी, अवैध खनन रोकने, टैक्स कलेक्शन बढ़ाने, टैक्स चोरी रोकने पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा प्रॉपर्टी, एक्साइज और ऑटोमोबाइल पर लगने वाले टैक्स को रिन्यू करने पर ध्यान देना चाहिए जिससे उनका राजस्व बढ़ेगा.

केदारनाथ में जल्द होगा बीकेटीसी का 18 कमरों का भवन तैयार

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में बदरी-केदार मंदिर समिति का 18 कमरों का भवन तैयार किया जा रहा है। इन दिनों इस भवन पर तेजी से कार्य हो रहा है ताकि आगामी यात्रा सीजन में बीकेटीसी के अधिकारी, कर्मचारियों को रहने की दिक्क्त न हो। अभी यात्रा सीजन में बीकेटीसी के अधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य स्टाफ को काफी मुश्किलें होती हैं। वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ में बीकेटीसी के सभी भवन ध्वस्त हो गए थे। तब से किसी तरह बीकेटीसी किराए और अन्य तरह से की कई व्यवस्थाओं पर अपना काम चलाती आ रही है। जबकि यात्रा सीजन में बदरी-केदार मंदिर समिति के बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी यहां ड्यूटी देते हैं। आपदा से पहले बीकेटीसी के केदारनाथ में कर्मचारी आवास, पुजारी कक्ष, भोग मंडी सहित गेस्ट हाउस आदि थे, किंतु इसके बाद यहां बीकेटीसी को अपनी व्यवस्थाएं करनी ही मुश्किल हो जाती हैं। बीकेटीसी के सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि इन दिनों बीकेटीसी के भवन पर काम चल रहा है। उम्मीद है कि आगामी यात्रा सीजन तक यह भवन तैयार हो जाएगा।
केदारनाथ में भूमि मिले तो बढ़ाते यात्री सुविधा
रुद्रप्रयाग। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बीकेटीसी ने जिला प्रशासन से केदारनाथ में भूमि की मांग की है। यहां यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु भूमि उपलब्ध न होने के कारण बीकेटीसी केदारनाथ में सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रही है। बीकेटीसी की योजना थी कि केदारनाथ में यात्रियों के लिए धर्मशाला और अतिथि गृह का निर्माण किया जाता, किंतु लम्बे समय से भूमि न मिलने के कारण दिक्क्तें आ रही हैं। आने वाले यात्रा सीजन में यात्रियों की संख्या में भी और इजाफा होगा इससे लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन को पुन: भूमि बाबत पत्र लिखा जाएगा।

टेलीग्राम एप के जरिए दो माह में 10 लाख की ठगी

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हल्द्वानी। कुमाऊं में सोशल मीडिया के टेलीग्राम एप के जरिए साइबर ठग 15 से ज्यादा लोगों से 10 लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। साइबर ठग ऑनलाइन फोटो, वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट शेयर और लाइक करने का काम देने के बहाने ठगी कर रहे हैं। साइबर ठग उन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनसे लोगों की जरूरतें जुड़ी हैं। ‘टेलीग्राम प्रीपेड टास्क स्पैम’ इसी का उदाहरण है। साइबर एक्सपर्ट सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि टेलीग्राम एक सोशल मीडिया मैसेंजर एप है, जो युवाओं में बहुत चर्चित है। इस एप के जरिए ठग यूट्यूब वीडियो, इंस्टाग्राम रील, फेसबुक स्टोरी प्रमोट करने के बदले पहले कुछ रुपये लोगों के खाते हैं। इसके बाद टास्क बताकर उनसे हजारों-लाखों की रकम जमा कराते हैं। धनराशि जमा होने पर जालसाज फर्जी कंपनी के नाम से बनाए टेलीग्राम ग्रुप को डिलीट कर गायब हो जाते हैं। हल्द्वानी के मुखानी निवासी एक युवती और राजपुरा निवासी एक महिला इस ठगी का शिकार हो चुकी हैं। वहीं नैनीताल में भी एक एक समृद्ध व्यक्ति अपने लाखों रुपये गंवा चुका है। देहरादून में एक व्यक्ति को जालसाजों ने 40 लाख की चपत लगाई।
क्रिप्टो करंसी के रूप में देश के बाहर जाता है ठगी का पैसा:  इस तरह के फ्रॉड के लिए साइबर ठग करंट बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। यह बैंक खाते भी फर्जी नाम और फर्जी कंपनी को दिखाकर खोले जाते हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक टेलीग्राम पर इस तरह के अकाउंट थोक के भाव में बिकते हैं। जिनकी छानबीन करने पर पुलिस को मुख्य अपराधी तक पहुंचने में काफी दिक्कतें होती हैं। इन्हीं खातों के माध्यम से करोड़ों की धनराशि एक झटके में क्रिप्टो करंसी के माध्यम से देश के बाहर भेजी जाती है।
एक साल में 1.18 करोड़ की साइबर ठगी:  जनवरी 2023 से लेकर नवंबर 2023 तक नैनीताल जिले के 1000 से भी ज्यादा लोगों ने साइबर सेल में शिकायतें दर्ज कराई हैं। इन शिकायतों के मुताबिक साइबर ठग इस वर्ष लोगों को एक करोड़ 18 लाख रुपये की चपत लगा चुके हैं। हालांकि पुलिस 44 लाख रुपये से भी ज्यादा की धनराशि लोगों के खाते में वापस करा चुकी है।
कोट
टेलीग्राम पर किसी भी टास्क के झांसे में न आएं। लोगों को फंसाने के लिए क्रिमिनल उनके खातों में पैसे भी डाल रहे हैं। किसी भी तरह साइबर ठगी होती है तो बिना समय गंवाए पुलिस को सूचना दें। या फिर एनसीआरबी और 1930 पर शिकायत दर्ज करें।   -नितिन लोहनी, सीओ, साइबर सेल नैनीताल।

सूबे के विद्यालयों में स्थापित होंगे बुक बैंकः डॉ. धन सिंह रावत

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देहरादून,विद्यालयी शिक्षा विभाग के तहत स्कूल-कॉलेजों में बुक बैंक की स्थापना की जायेगी, जिनमें आने वाले नये छात्र-छात्राओं के लिये पाठ्यक्रम संबंधी पुस्तकें आसानी से उपलब्ध रहेंगी। राज्य में चयनित पीएम-श्री व कलस्टर विद्यालयों के निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा गया है। इसके अलावा अधिकारियों को सीआरपी-बीआरपी के रिक्त 955 पदों पर आउसटोर्स के माध्यम से शीघ्र कार्मिकों की तैनाती की जायेगी। इसके साथ ही राज्य के विभिन्न विद्यालयों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरने के लिये आउटसोर्स एजेंसी का चयन कर लिया जायेगा।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय के सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने प्रदेशभर के स्कूल एवं कॉलेजों में बुक बैंक की स्थापना को लेकर विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। डॉ. रावत ने बताया कि पाठ्य पुस्तकों की किल्लत को दूर करने एवं छात्र-छात्राओं को समय पर किताबें उपलब्ध कराने के दृष्टिगत विद्यालयों में बुक बैंक की स्थापना का निर्णय लिया गया है। जिनमें संबंधित विद्यालयों के पास आउट छात्र-छात्राओं एवं अन्य माध्यमों से स्वैच्छिक रूप से पाठ्य पुस्तकों का संकलन कराया जायेगा, ताकि इन बुक बैंकों में जमा पुस्तकों को आने वाले नये छात्र-छात्राओं को नियत समय पर उपलब्ध कराया जा सकेगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि शासन द्वारा राज्यभर के चयनित पीएम-श्री स्कूलों एवं कलस्टर विद्यालयों के भवन निर्माण आदि के लिये धनराशि जारी कर दी गई है। जिनका निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेशभर में सीआरपी-बीआरपी के रिक्त 955 पदों पर भर्ती हेतु आउटसोर्स एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, एजेंसी का चयन होते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। इसी प्रकार प्रदेशभर के माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के लगभग 2500 पदों को भरने के लिये भी शीघ्र आउटसोर्स एजेंसी के चयन करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये गये हैं ताकि एक नियत समय सीमा के भीतर उक्त पदों पर चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती की जा सके।

बैठक में विधायक रूद्रप्रयाग भरत चौधरी, विधायक थराली भूपाल राम टम्टा, सचिव कौशल विकास एवं सेवायोजनविजय कुमार यादव, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, निदेशक बेसिक आर.के. उनियाल, अपर निदेशक माध्यमिक (मुख्यालय) महावीर सिंह बिष्ट, एपीडी समग्र शिक्षा डॉ. अतुल सती, वित्त नियंत्रक गुलफाम अली सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

छठे आर एस टोलिया फोरम का आयोजन, विषय था “ग्रामीण उत्तराखंड में अभिनव आजीविका: सर्वोत्तम प्रथाएं और आगे की राह”

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देहरादून, सतत् विकास मंच उत्तरांचल (एसडीएफयू) हिमोत्थान सोसाइटी के समर्थन में,दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर, और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने छठे आर एस टोलिया फोरम 2023 का आयोजन किया। विषय था “ग्रामीण उत्तराखंड में अभिनव आजीविका: सर्वोत्तम प्रथाएं और आगे की राह”। डॉ बीके जोशी संस्थापक निदेशक व वर्तमान सलाहकार, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च)द्वारा महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया गया ।डॉ. जोशी पूर्व वीसी कुमाऊं विश्वविद्यालय और काउंसिलर एसडीएफयू हैं। उनके व्याख्यान के मुख्य बिंदु ये थे : – पर्वतीय क्षेत्रों के जिलों के साथ-साथ विकास में भी काफी अंतर है मैदानी क्षेत्र. उन्होंने कहा कि हमें जन केंद्रित विकास और स्थानीय संसाधनों पर आधारित देखना होगा । उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। किसी भी प्रकार के विकास के लिए हिमालय को ध्यान में रखना होगा।
श्री आनंद स्वरूप (विज्ञापन सचिव ग्रामीण विकास एवं सीईओ) द्वारा महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) सरकार महिलाओं को बढ़ावा दे रही हैराज्य में ग्रामीण विकास. ‘डिजिटल सखी’ और ‘पशु सखी’ जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड के उत्पादों को कॉमन ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालय’ के तहत बेचा जाएगा।उपरोक्त कार्यशाला होटल इंदरलोक, देहरादून में आयोजित की गई । इसमें राज्य सरकार के अधिकारी, नागरिक समाज के व्यवसायी और सदस्य ग्रामीण समुदाय शामिल रहे। कार्यशाला का उद्देश्य हितधारकों के बीच चर्चा के लिए संवाद को सुविधाजनक बनाना है
ग्रामीण नवोन्वेषी आजीविका पर सर्वोत्तम अभ्यास, ग्रामीण क्षेत्र में पिछले दो दशकों का मापन आजीविका और उत्तराखंड की पुनर्कल्पना, इसकी चुनौतियाँ और आगे का रास्ता। कार्यशाला चार समानांतर सत्रों में उत्तराखंड में सामुदायिक भागीदारी के साथ विभाजित थी।
कार्यशाला में आनंद स्वरूप (विज्ञापन सचिव ग्रामीण विकास एवं सीईओ) ने भाग लिया उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन), पंकज नैथानी (विज्ञापन निदेशक, निदेशालय)।अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग), डॉ. मालविका चौहान, अजय जोशी (श्रमयोग), डॉ. कमल सिंह (पूर्व सीईओ पशुधन बोर्ड)
चांसलर एसआरएचयू), एनएस नपलच्याल (पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड, डॉ. एन रविशंकर (पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड), कु. विभा पुरी दास (पूर्व सचिव)भारत सरकार), डॉ. जीएस रावत (पूर्व डीन,डब्ल्यूआईआई और उपाध्यक्ष एसडीएफयू), सुश्री बिनीता शाह, सुश्री ऋचा घनसियाल, अनूप नौटियाल, डाॅ. राजेंद्र कोश्यारी (हिमोत्थान सोसायटी), जेआईसीए परियोजना, हिमोत्थान सोसाइटी, श्रमयोग, दून लाइब्रेरी एन्ड रिसर्च सेंटर, टेरी,बिजू नेगी,डॉ.योगेश धस्माना, चंद्रशेखर तिवारी और कई समितियों से जुड़े कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। संचालन विनीता शाह ने किया।

बी० एस० नेगी महिला पॉलीटेक्निक में किया गया आभार समारोह का आयोजन

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देहरादून।  बी० एस० नेगी महिला पॉलीटेक्निक सभागार में श्रीमती शोभना वाही के सम्मान में ‘आभार समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के आगमन से आरंभ हुआ, जो एक महत्वपूर्ण दिन के आरंभ की शुरूआत बना। मुख्य अतिथि द्वारा संस्थान का भ्रमण किया गया। सभागार में मुख्य अतिथि श्रीमती शोभना वाही को अध्यक्ष एवं प्रधानाचार्या द्वारा पुष्प गुच्छ प्रदान कर उनका स्वागत किया गया। मुख्य अतिथ द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया व छात्राओं द्वारा मंगलगान और कृष्ण स्तुति की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई। संस्थान की संस्थापक फाउंडर पेट्रन श्रीमती शोभना वाही की संस्थान में उपस्थिति ने सकारात्मक ऊर्जा से सबको सराबोर कर दिया। उनके द्वारा इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी। उनके स्नेह और मार्गदर्शन से संस्थान निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहा है।

संस्थान की गतिविधियों एवं उप्लब्धियों का डिजिटल प्रेजंटेसन प्रस्तुत किया गया। संस्थान की प्रधानाचार्या ने फाउंडर पेट्रन श्रीमती शोभना वाही का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे संस्थान की सफलता का एक बड़ा कारक रही हैं। संस्थान परिवार उनके द्वारा शुरू किये गये इस सराहनीय कार्य के लिए सदैव उनका आभारी रहेगा। मुख्य अतिथि द्वारा दो छात्राओं ईशा और शिवानी (एम. ओ. एम. एंड एस. पी. विभाग) को शोभना वाही छात्रवृत्ति प्रदान की गई।

श्रीमती शोभना वाही ने कहा कि इस संस्थान से उनकी बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं ओर उनको यह बताते हुए सुखद अनुभूति हुई कि जिस पौधे रूपी संस्थान को उन्होंने 1987 में रोपा था आज वह एक फलदार वृक्ष के रूप में स्थापित हो चुका है और अनगिनत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कार्यकम में उपस्थित रहे वाही परिवार के सदस्य श्री राकेश वाही, श्रीमती सलोनी वाही, सना वाही, एवं नितारा वाही, संस्थान के पूर्व अध्यक्ष श्री सुंदर लाल एवं संस्थान के पूर्व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।कार्यकम में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के स्पॉन्सर्स भी उपस्थित रहे जिनमें शामिल हैं श्रीमती रंजना रावत, श्री श्रवण थडानी, श्रीमती इंदिरा हरण, श्रीमती मोहिनी शर्मा, श्री एच एम व्यास, आर सी ममगई एवं रेटु चटर्जी उपस्थित रहे। श्री भरत शर्मा (NIIT) कॉर्डिनेटरए एन पी मोहंता भूतपूर्व ओएनजीसी अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति एवं काव्य पाठ ने कार्यकम में जीवंतता डाली। कार्यकम में संस्थान की प्रधानाचार्या श्रीमती नमिता ममगई अध्यक्ष श्री हर्षमणि व्यास, गवर्निंग बाडी के सदस्य, शिक्षक कर्मचारी एवं छात्रायें उपस्थित थे।

उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए बेहतर वातावरण बनाने को सरकार निरंतर प्रयासरत- मुख्यमंत्री

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*मुख्यमंत्री से फिल्म अभिनेता श्री अनुपम खेर ने की भेंट*

*मुख्यमंत्री से उत्तराखण्ड में फिल्मांकन एवं फिल्म निर्माण से संबंधित विभिन्न विषयों पर की चर्चा*

*उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए बेहतर वातावरण बनाने को सरकार निरंतर प्रयासरत- मुख्यमंत्री*

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को सचिवालय में प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता श्री अनुपम खेर ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्मांकन एवं फिल्म निर्माण से संबंधित विभिन्न विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए बेहतर वातावरण बनाने को सरकार निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शूटिंग के लिए देश व दुनिया के सबसे सुंदर व अच्छे गंतव्य हैं। नैनीताल, मसूरी, औली, चकराता, पिथौरागढ़, मुनस्यारी, चोपता, हर्षिल व फूलों की घाटी जैसे मनोहारी स्थान उत्तराखंड में हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश के साथ ही बदरी-केदार धाम और गंगा-यमुना जैसी सदाबहार नदियां हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार फिल्म निर्माताओं व वेब सीरीज बनाने वाले निर्माता-निर्देशकों के लिए कई योजनाएं प्रदेश में संचालित कर रही है। उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए बेहतर वातावरण बनाने को सरकार निरंतर प्रयासरत है।