Sunday, June 8, 2025
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युवक की हत्या कर शव को जंगल में फेंका, परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया

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देहरादून, जनपद के दुधली क्षेत्र में एक युवक की हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया गया। युवक के चेहरे पर गहरी चोटों के निशान बताए जा रहे थे। पहले जानवरों के हमले की बात कही जा रही थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संदिग्ध लगने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। देर शाम युवक की बहन की शिकायत पर क्लेमेंटाउन थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है, पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को दूधली के जंगल में एक युवक का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। बताया गया कि युवक के परिजन शव को अपने घर ले गए हैं। उसकी पहचान अमित कुमार निवासी दूधली के रूप में हुई। अमित फर्नीचर बनाने का काम करता था।
पता चला कि अमित के परिवार में उसकी बहन के अलावा कोई नहीं है। कुछ समय पहले उसकी बहन की भी शादी हो चुकी है। अमित रविवार शाम के वक्त घर से निकला। जब सुबह तक घर नहीं पहुंचा तो पड़ोसियों और अन्य परिजनों ने उसकी तलाश की। उन्हें शव दूधली के जंगल में मिल गया। परिजन शव को लेकर घर आ गए।
मृतक के परिजन आशंका जता रहे थे कि अमित पर किसी जंगली जानवर ने हमला किया है। लेकिन, पुलिस ने चेहरे के घाव को देखा तो यह जंगली जानवरों का हमला नहीं लग रहा था।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। अमित के शव का पोस्टमार्टम तो हो गया है। जिसमें किसी भारी हथियार से वार करने की बात कही जा रही है। हालांकि, पुलिस को अधिकृत रिपोर्ट अभी नहीं मिली है।
एसओ क्लेमेंटाउन दीपक धारीवाल ने बताया कि अमित की बहन दीपा ने हत्या के संबंध में तहरीर दी है। इसके आधार पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।

रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी भारी भीड़

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अयोध्या, प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं। सोमवार को अयोध्या में संपन्न हुए रामलला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद मंगलवार को पूजा-अर्चना के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह श्री राम लला की पूजा-अर्चना करने और उनके दर्शन करने के लिए भक्त सुबह 3 बजे से ही बड़ी संख्या में जमा हो गए। मुंबई से अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि हम यहां तीन दिन से रूके हुए हैं, दर्शन करके ही जाएंगे। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “ये भीड़ सदा रहेगी और रहनी भी चाहिए। भारत धर्म की भूमि है। सोमवार को अयोध्या में श्री राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की गई, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा पुजारियों की देखरेख में मुख्य अनुष्ठान किए। भगवान राम की सिंहासन पर वापसी के उपलक्ष्य में पूरे देश में जश्न भी मनाया गया। नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी।
5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे। दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।
अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी। इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी होंगे। अब तक रामलला विराजमान की दो आरती होती थीं। रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा, अब रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन आरती होंगी। संभव है उत्थापन आरती पुजारी खुद कर लें और फिर दर्शन के लिए पर्दा खोलें। इसे लेकर ट्रस्ट ही घोषणा करेगा।

पहाड़ और मैदानी रूट पर जल्द दौड़ेंगी 330 नई आधुनिक बसें

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उत्तराखंड रोडवेज ने धामी सरकार के गुड गवर्नेंस पर लगाई मुहर

-20 साल के भीतर पहली बार घाटे से उभरकर की रिकॉर्ड 56 करोड़ मुनाफे की कमाई

-सचिवालय में परिवहन विभाग के सचिव वी निगम के प्रबंध निदेशक को किया सम्मानित

प्रदूषणमुक्त परिवहन को ले कर 151 बसों का दिल्ली मार्ग पर आवागमन

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के गुड गवर्नेंस को उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतारकर राज्य में नई नजीर पेश की हैं। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ का मुनाफा कमाकर रोडवेज की बसों को नई रफ्तार दी हैं। परिणाम, अब जल्द पहाड़ से लेकर मैदानी रूट पर रोडवेज की सेवाओं बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तरप्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई, पुरानी करीब 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई। इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का फरमान दिया। चूंकि परिवहन निगम आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी गई। नतीजन 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया। अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नई नजीर पेश करेंगे।

जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की योजना हैं। जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।

राज्य में 8 स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य
उत्तराखंड में बेहतर परिवहन। व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशन का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।

राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा।

डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम

सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उभरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम आमजनों से जुड़ा विभाग है। सरकार आमजनों की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

हरिद्वार घाट पर एकत्रित श्री रामचंद्र जी की जय जयकार का उद्घोष कर दीपदान भी किया

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हरिद्वार ( कुलभूषण), अयोध्या में राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर वैश्य बन्धु समाज एवं महिला वाहिनी, मध्य हरिद्वार के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने महाराजा श्री अग्रसेन घाट हरिद्वार पर एकत्रित होकर अध्यक्ष नीरज कुमार गुप्ता के नेतृत्व में श्री रामचंद्र जी की जय जयकार का उद्घोष कर घाट को गूंजायमान कर दिया।
इस अवसर पर वैश्य बन्धु समाज के अध्यक्ष नीरज कुमार गुप्ता ने कहा कि 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के एवं सैकड़ो राम भक्तों के बलिदान के पश्चात आज हमें इस स्वर्णिम अवसर को देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ इससे हमारा जीवन सफल हो गया। उन्होंने कहा कि देश के सभी नागरिकों के साथ-साथ वैश्य समाज के सदस्यों की खुशी का भी आज कोई ठिकाना नहीं है। हर कोई राम भक्ति में मगन होकर झूम रहा है।
इस अवसर पर वैश्य समाज एवं महिला वाहिनी के सदस्यों ने भगवान श्री राम जी के भजनो के साथ गंगा जी पर सर्वप्रथम दुग्धाभिषेक किया, उसके पश्चात गंगा तट पर दीपक जला कर राम दीपावली बनाई। समस्त वैश्य सदस्यों एवं महिला वाहिनी ने सैकड़ो की संख्या में दीपदान भी किया।
गंगा तट पर मां गंगा एवं भगवान श्री रामचंद्र जी की आरती की गई और हर्ष उल्लास के साथ एक दूसरे को मिष्ठान वितरित किया गया। इस लम्हे को यादगार बनाने के लिए आकाशीय रंग बिरंगी आतिशबाजियां की गई, जिनके छठा देखते ही बनती थी।
आज के इस ऐतिहासिक लम्हों को यादगार बनाने के लिए वैश्य बंधु समाज मध्य हरिद्वार के बैनर तले पीके बंसल, सतीश चंद्र गुप्ता, रामबाबू बंसल, एसपी अग्रवाल, महामंत्री राजीव गुप्ता, अनुपम अग्रवाल, राजीव गुप्ता, लोकेश गुप्ता, शिवम बंधु, शेखर, गौरव गोयल, आदित्य बंसल, कमल अग्रवाल, संदीप गुप्ता, विभोर बंसल, विमल जैन, अमित जैन, वरुण अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, प्रमेश गुप्ता, मनोज गुप्ता, महिला वाहिनी की ओर से अरुणा बंसल, प्रीति गुप्ता निधि बंसल, प्रीति अग्रवाल, मीरा जैन, अलका अग्रवाल, वर्षा गुप्ता, इंदु गुप्ता, आंचल अग्रवाल आयुषी अग्रवाल, मेघा बंसल, प्रतिमा अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, जूली अग्रवाल, नताशा अग्रवाल डिंपल मित्तल ,सरोज गोयल ,रजनी जैन, मंजू गुप्ता, साक्षी अग्रवाल निधि बंसल, , प्रीति गुप्ता, मीरा जैन, सरिता अग्रवाल ,जूली अग्रवाल, अरुणा बंसल, वर्षा गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

क्रिश्चन विलेज के एक मकान में लगी आग,कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फोटो कैप्शन घर में लगी आग मसूरी 1 से 2

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मसूरी (दीपक सक्सेना)। बार्लाेगंज क्षेत्र के क्रिश्चियन विलेज में एक मकान में आग लगने से वहां रखा सारा सामान जल गया। गनीमत रही की उस वक्त वहां पर कोई मौजूद नहीं था, नहीं तो भीषण हादसा हो सकता था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची अग्निशमन दल, स्थानीय नागरिकों और स्थानीय पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन इस दौरान मकान मे रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।
मौके पर पहुंचे फायर सर्विस अधिकारी धीरज तड़ियाल ने बताया कि सुबह 11बजकर 10 मिनट पर उन्हें सूचना मिली कि बार्लोगंज क्षेत्र के क्रिश्चन विलेज में एक मकान में आग लग गई है, जिस पर वे आग बुझाने के उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक मकान में रखा पूरा सामान जल चुका था। उसके बाद फायर की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। उन्होंने बताया कि इस मकान में एक बुजुर्ग रहते थे जो मोमबत्ती जलती छोड़ कर चले गए और उसके बाद मोमबत्ती के कारण आग लग गई। उन्होंने बताया कि आग से घर का पूरा सामान जल गया जिसमें लगभग 40 हजार का नुकसान हुआ है। जिसमें उसके कपड़े, बैड, रजाई गददे आदि घर का सारा सामान जल गया। मौके पर मौजूद स्थानीय निवासी व ठेकेदार नवीन भटट ने बताया कि वह अपने काम पर थे उन्होंने देखा कि एक घर से धुआं निकल रहा है, वह तत्काल अपनी लेबर लेकर मौके पर पहुंचे व पुलिस तथा फायर को फोन किया व आग बुझाने में जुट गये। उन्होंने बताया कि आग से घर का पूरा सामान जल गया केवल जो कपड़े पहने हैं वहीं बचे। उक्त घर क्लिेरेस एंथनी उर्फ टिल्लू का था जो एक कमरे में अकेला रहता था। उन्होंने बताया कि घर में रखे पैसे भी आग में जल गये। मौके पर स्थनीय निवासियों रमन आदि ने भी आग बुझाने में मदद की।

मुख्यमंत्री ने हरकी पौडी पर आयोजित दीप दीपावली मे किया प्रतिभाग

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हरिद्वार (कुलभूषण) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अयोध्या में श्रीराम लला विग्रह के दिव्य, भव्य, नव्य मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पावन एवं गौरवशाली शुभ अवसर पर विशेष रामनाम ध्वजा से सजे हुये हरकीपैड़ी में आयोजित दीपोत्सव व विशेष आरती कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने हरकीपैड़ी पहुंचकर बजाओ ढोल स्वागत में मेरे भगवान आये हैं….., मंगल भवन अमंगल हारी, अयोध्या आये मेरे प्यारे राम बोलो जै-जै श्रीराम आदि श्रीराम भजनों के बीच देश तथा प्रदेश की समृद्धि की कामना करते हुये पूजा-अर्चना तथा विशेष आरती की।
पुष्कर सिंह धामी ने जैसे ही दीपोत्सव में दीप प्रज्ज्वलित करना प्रारम्भ किया, देखते ही देखते पूरी हरकीपैड़ी हजारों दीपकों की रोशनी से जगमगा उठी तथा सभी दिशायें पटाखों की ध्वनि तथा जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान हो गयी। हरकीपैड़ी की दीपोत्सव तथा विशेष आरती की यह छटा देखकर श्रद्धालु तथा उपस्थित जन-समूह अपने आपको इस अप्रतिम क्षण का साक्षी मानकर धन्य तथा सौभाग्यशाली समझ रहे थे।
दीपोत्सव तथा विशेष आरती कार्यक्रम का आयोजन श्रीगंगा सभा द्वारा किया गया। महामंत्री श्रीगंगा सभा श्री तन्मय वशिष्ठ तथा पदाधिकारियों ने हरकीपैड़ी पहुंचने पर मुख्यंत्री का भव्य स्वागत व अभिवादन किया तथा आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री व सांसद हरिद्वार डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व कैबिनेट मंत्री व हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी, महामंत्री श्रीगंगा सभा श्री तन्मय वशिष्ठ, उज्ज्वल पण्डित, सांसद प्रतिनिधि ओम प्रकाश जमदग्नि, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ0 जयपाल सिंह चौहान, उपाध्यक्ष विकास तिवारी, श्री लव शर्मा, आशू चौधरी, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, साधू-सन्त, श्रद्धालुजन सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

श्रीरामचंद्र के चरित्र को पढ़ कर उसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे युवा : प्रोफेसर बत्रा

श्रीरामचंद्र के चरित्र को पढ़ कर उसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे युवा - प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा। - shouryagatha
हरिद्वार(कुलभूषण) आज राम विग्रह स्थापना एवं प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम पर सब-कुछ राममय है। इस अवसर पर एसएमजेएन पी जी कालेज में भव्य रंगोंली छात्र छात्राओं के द्वारा बनाई गई इस अवसर पर छात्र छात्राओं के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर हर्ष मना कर अपनी खुशी का इजहार किया गया । इस अवसर पर राम विग्रह स्थापना कार्यक्रम के लाईव प्रसारण की व्यवस्था कालेज में की गई । सिया राम मय सब जग जानी करु प्रणाम जोरि जुग पानी एवं राम भजनों पर छात्राओं ने भाव विभोर करने वाली नृत्य की प्रस्तुति से सभी उपस्थित जनों को उल्लास से भरपूर कर दिया। इस अवसर पर छात्राओं के द्वारा श्री राम चन्द्र, सीता माता, लक्ष्मण जी एवं पवनसुत हनुमान के रुप को धारण कर अद्भुत झांकी प्रस्तुत की। इस अवसर पर कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि यह अत्यंत ही हर्ष का विषय है कि श्री राम जी के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत् देश का युवा इस कार्यक्रम को उत्सव के रूप में मना रहा है। कूजन्तं राम रामेति रमे रामे मनोरमे सहस्त्र नाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने। आज सम्पूर्ण देश में राम नाम के नाम गुंजायमान हो रहा है। अब तो देश के युवा रामजी के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र के चरित्र को पाठ्यक्रम में भी पढ़ कर उसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। अब श्री देव सुमन उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में देश में पहली बार इसे सम्मिलित किया गया है।
कार्यक्रम में डा.अमिता मलहोत्रा , गौरव बसंल, ने छात्राओं को तैयार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रामजी के चरित्र को कामख्या ने चारू ने लक्ष्मण जी, आरती असवाल ने सीता जी एवं आरती प्रजापति ने हनुमानजी तथा
आंचल,आयुषी द्वारपाल की भूमिका निभाई।
भव्य रंगोली को सजाने वाली छात्राओं में अपराजिता,अनामिका,अंशिका,इशिका,मानस वर्मा निकिता मुस्कान, पूनम शालू,वैष्णवी,वर्णिका,,आकांक्षा,शिवानी कश्यप,शालिनी,श्रुति,कशिश कंबोज आदि सम्मिलित रहीं। इस अवसर पर कालेज की छात्रा अपराजिता ने अपनी स्वरचित कविता राम आएं है आएं हैं राम आएं हैं गंगा द्वारे पर देखो जी राम आएं हैं
आज घर घर प्रभु श्री राम आएं हैं
आज अवध नगर में राम आएं हैं
राम मंदिर के भगवान श्री राम आएं हैं
राम आएं है आएं हैं राम आएं हैं
दीप बनकर उजाला श्री राम आएं हैं
की है सबने तपस्या तो राम आएं हैं
आज संतो की…आज संतो की…
हुई शुभ मंगल प्रभु श्री राम आएं हैं
राम आएं हैं आए हैं राम आएं हैं कविता का पाठ किया इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर देव दीपावली का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर पूर्व महापौर मनोज गर्ग, डॉ जे सी आर्य, डॉ संजय माहेश्वरी, वैभव बत्रा, एवं गोविन्द पुरी के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।

अयोध्या आंदोलन की नायिका साध्वी ऋतंभरा के आंखों में आंसू के पीछे की क्या है कहानी….

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अयोध्या, आखिर 22 जनवरी को वो तारीख आ ही गई, जिसका इंतजार कई पीढ़ियों से किया जा रहा था। ये माना जा रहा था कि हमारे राम लला कब अपने भव्य, दिव्य और नव्य मंदिर में विराजमान होंगे। हिंदुस्तान में अगर हम बात करे सनातन धर्म की तो प्रभु श्री राम इतिहास हैं, वर्तमान हैं, श्रद्धा हैं, आस्था हैं और कहीं न कहीं आज के दौर में सियासत के केंद्र में भी हैं। समारोह में राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हुईं। इस दौरान, अपने सपने को साकार होते देख दोनों एक-दूसरे से मिलते ही रो पड़ीं और नम आंखों के साथ गले मिलीं। साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी की भूमिका में रही। एक वक्त था जब इनके ओजस्वी भाषण से राम भक्त हजारों-हजार की संख्या में भागे चले आते थे। राम मंदिर आंदोलन के बाबरी मस्जिद-पूर्व चरण में साध्वी ऋतंभरा एक फायरब्रांड हिंदुत्व नेता थीं। वह अयोध्या राम जन्मभूमि अभियान के पहचाने जाने योग्य महिला चेहरे के रूप में थीं। उनके भाषणों के ऑडियो कैसेट खूब बिके।

निशा को कैसे मिला नया नाम और काम :

पंजाब के लुधियाना में जन्मी निशा ने केवल 16 साल की आयु में भगवा चोला ग्रहण कर लिया। हरिद्वार के गुरु परमानंज गिरी ने उन्हें साध्वी जीवन का नया नाम ऋतंभरा दिया। वर्तमान दौर में भी साध्वी ऋतंभरा की वाणी में ऐसा तेज है कि वो सुनने वालों में एक गजब की ऊर्जी भर देती हैं। अपने युवा अवस्था में जब साध्वी ऋतंभरा बोलती थी कि ऐसा प्रतीत होता था कि मानो युद्धभूमि में तलवारों की टंकार गूंज रही हो। कोई डर नहीं, कोई संशय नहीं। इसलिए दिल की बात बेझिझक जुबां पर आ जाती थी। 1980 के दशक में विहिप ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण को लेकर आंदोलन चलाया तो इससे देश भर के साधु संतों का जुड़ाव होने लगा। साध्वी ऋतंभरा देखते ही देखते राम मंदिर आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा बन गई। इससे पहले वो आरएसएस की महिला संगठन राष्ट्रीय सेविका समिति से जुड़ी थीं। 1990 में जब अयोध्या आंदोलन ने जोर पकड़ा तो साध्वी घर-घर जाने लगी। 6 दिसंबर, 1992 को जब बाबरी विध्वंस हुआ तो वो अयोध्या में ही थी।

दिग्विजय सरकार ने भेजा जेल :

बाबरी विध्वंस के तीन साल ही हुए थे जब मध्य प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने साध्वी ऋतंभरा को गिरफ्तार करवा दिया था। दिग्विज सिंह की सरकार ने इंदौर की ईसाई मिशनरियों के हिंदुओं के धर्म परिवर्तन के खिलाफ जनसभा करने आई साध्वी ऋतंभरा को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। बाद में हाई कोर्ट से 11 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें रिहा किया गया।

गली-गली गूंजता था ऋतंभरा का भाषण :

राम मंदिर आंदोलन के दौरान साध्वी ऋतंभरा के भाषणों ने अलग माहौल बनाया। दोनों नेताओं के भाषण के ऑडियो कैसेट उस वक्त बनाए जाते थे। हिंदू वर्ग के बीच इन कैसेटों को बांटा जाता था। विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ता गुपचुप तरीके से इन कैसेटों को लोगों को पहुंचाते थे। उनके भाषण का ऐसा प्रभाव था, जिसने हिंदुओं को राम के प्रति आकर्षित किया। लोगों में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक अलग भावना पैदा हुई। आज वो अयोध्या पहुंची तो उनकी आंखों में संकल्प से सिद्धि की खुशी साफ नजर आई(साभार प्रभासाक्षी)।

 

बेटी को किया गया प्रताड़ित, पाक से मिली धमकियां, जिस जज ने खुलवाया राम जन्मभूमि का ताला जानें उनकी अनसुनी कहानी

 

अयोध्या, गर्भगृह का ताला किसने खुलवाया था ये ऐसा सवाल है जिसके जवाब में बहुत लोग कहेंगे कि जज साहब ने खुलवाया था या प्रशासन ने खुलवाया था। लेकिन अगर आपको कहूं कि ताला एक बंदर ने खुलवाया था तो आप हंस पड़ेंगे। फैजाबाद जिला जज रहे कृष्णमोहन पांडेय ने विवादित ताला खोलने का फैसला दिया था। जब वो फैसला लिख रहे थे तो उनके सामने एक बंदर बैठा था। उसकी भी बड़ी दिलचस्प कहानी है। जिसका जिक्र आगे करेंगे। पहले आपको बताते हैं कि 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद के जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दे दी। इस घटना के बाद मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ना बंद कर दिया। इस घटना के बाद नाराज मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया। फैजाबाद के जिला न्यायाधीश के फैसले के चालीस मिनट के भीतर राज्य सरकार उसे लागू करा देती है। यानी शाम 4.40 पर अदालत का फैसला आया और 5.20 पर विवादित इमारत का ताला खुला।

 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक :

1932 को जन्मे कृष्ण मोहन पांडेय ने मार्च 1960 में एडीशनल मुंसिफ के तौर पर नौकरी शुरू की थी। वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक थे। पीसी (न्यूडिशियल) परीक्षा 1959 के टॉपर थे। विभिन्न जिला अदालतों में अलग-अलग पदों पर रहते हुए 17 अगस्त 1985 को फैजाबाद के डिस्ट्रिक्ट जज बने। इस फैसले के बाद उन्हें कम महत्व के स्टेट ट्रांसपोर्ट अपील प्राधिकरण का चेयरमैन बना दिया गया था। केएम पांडेय के जब हाई कोर्ट में जज बनाने की बात चली तो वीपी सिंह की सरकार ने पेंच फंसा दिया। इनकी फाइल में प्रतिकूल टिप्पणी कर दी गई। मुलायम सिंह यादव ने भी उनके जज बनने का विरोध किया। इसके बाद चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार में कानून मंत्री सुब्रहम्णयम स्वामी बने। चंद्रशेखर सरकार ने केएम पांडेय के हाई कोर्ट जज बनने की फाइल फिर से खोली।

सुब्रहमण्यम स्वामी के अनुसार वीपी सिंह और उनके ताकतवर अधिकारी भूरेलाल केएम पांडेय को हाईकोर्ट का जज बनाने के खिलाफ थे। वहीं उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी अपने मुस्लिम जनाधार को देखते हुए पांडेय को जज नहीं बनने देना चाहते थे। केएम पांडेय की फाइल में राज्य सरकार ने लिख दिया था कि इन्होंने 1986 में बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाने का विवादित फैसला दिया था। इसलिए इन्हें हाई कोर्ट का जज नहीं बनाया जाए। मुलायम सिंह यादव ने अपने नोट में लिखा था कि पांडेय जी सुलझे हुए ईमानदार तथा कर्मठ जज हैं। फिर भी 1986 में राम जन्मभूमि का ताला खुलवाने का आदेश देकर इन्होंने सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा की थी। इसलिए मैं उनके नाम की सिफारिश नहीं करता।

बेटी को भी किया प्रताड़ित :

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कृष्ण मोहन पांडेय के फैसला सुनाने के बाद उनती बेटी को भी प्रताड़ित किया गया। वो उस समय केजीएमसी मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। जब क्लास में सबको पता चला कि ताला खोलकर पूजा पाठ करने की अनुमति देने का फैसला उनके पिता का है तो उन्हें एक वर्ग द्वारा बहुत परेशान किया गया। हालत ऐसी कर दी गई कि उन्हें कई पेपर छोड़ने की स्थिति बन गई। आदेश के बाद जज कृष्ण मोहन पांडे के लखनऊ स्थित आवास पर धमकी भरे दर्जनों पत्र आए थे। उन्हें पाकिस्तान तक से धमकी मिलने लगी थी। इस धमकी में कई मुस्लिम देशों का नाम भी सामने आया था।

सुब्रमण्यम स्वामी ने लड़ी लड़ाई :

चंद्रशेखर सरकार में कानून मंत्री रहे सुब्रहमण्यम स्वामी ने इस बारे में कहा था कि मुलायम सिंह के दो-तीन काम मेरे मंत्रालय में फंसे थे, जिन्हें वे केंद्र सरकार से कराना चाहते थे। स्वामी की सक्रियता को देख मुलायम सिंह को लगने लगा कि स्वामी हर हालत में केएम पांडेय को हाई कोर्ट का जज बनवाकर ही रहेंगे। आखिरकार 24 जनवरी 1991 को केएम पांडये को इलाहाबाद हाई कोर्ट का जज बनाया गया। लेकिन एक महीने के भीतर यानी 22 फरवरी 1991 को उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट कर दिया गया। हाई कोर्ट से ही 28 मार्च 1994 को न्यायमूर्ति केएम पांडेय रिटायर हुए।

बंदर ने खुलवाया ताला

जज कृष्णमोहन पांडेय ने 1991 में छपी अपनी आत्मकथा में लिखा है कि जिस रोज मैं ताला खोलने का आदेश लिख रहा था तो मेरी अदालत की छत पर एक काला बंदर पूरे दिन फ्लैग पोस्ट को पकड़कर बैठा रहा। वे लोग जो फैसला सुनने के लिए अदालत आए थे, उस बंदर को फल और मूंगफली देते रहे। पर बंदर ने कुछ नहीं खाया। मेरे आदेश सुनाने के बाद ही वह वहां से गया। फैसले के बाद जब डी.एम. और एस.एस.पी. मुझे मेरे घर पहुंचाने गए, तो मैंने उस बंदर को अपने घर के बरामदे में बैठा पाया। मैंने उसे प्रणाम किया। वह कोई दैवीय ताकत थी(साभार प्रभासाक्षी)।

पीएम मोदी के नौ संकल्पों को धरातल पर उतारने की कवायद तेज की जाय

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‘सीएम ने सशक्त नेतृत्व, समृद्ध उत्तराखण्ड , कैलेंडर का विमोचन किया’

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के वार्षिक कैलेंडर ‘‘सशक्त नेतृत्व, समृद्ध उत्तराखण्ड’’ का विमोचन किया। इस वार्षिक कैलेंडर के माध्यम से उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों, स्थानीय उत्पादों, प्राकृतिक सौन्दर्य, पौराणिक स्थलों को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया। राज्य की पर्यटन नीति, सौर ऊर्जा नीति, सशक्त महिला समृद्ध प्रदेश, युवाओं के प्रति संवेदनशीलता एवं निवेश-रोजगार-समृद्धि के लिए सरकार द्वारा किये गये कार्यों की ओर लोगों के ध्यान आकर्षण के प्रयास किये गये।
इस अवसर पर सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 9 संकल्पों को राज्य स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए कार्यों में तेजी लाई जाए। जल संरक्षण की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं और इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। डिजिटल लेन-देन के लिए लोगों को जागरूक करने एवं स्वच्छता अभियान नियमित रूप से चलाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वोकल फॉर लोकल को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। देश में बने उत्पादों के अधिकतम इस्तेमाल करने का भी उन्होंने लोगों से आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि इससे देश की आर्थिकी तेजी से बढ़ेगी। राज्य में पर्यटन को और तेजी से बढ़ावा देने और प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के निरंतर कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। श्रीअन्न और खेलों को नियमित अपनी दिनचर्या में शामिल करने और ड्रग और नशे की लत से दूर रहने के लिए समय- समय पर जागरूकता अभियान चलाने को कहा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए.पी. अंशुमन और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष पर महिला आर्य समाज ने किया यज्ञ का आयोजन

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देहरादून, अयोध्या में भगवान श्रीराम के जन्मस्थली पर आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपलक्ष में महिला आर्य समाज करनपुर द्वारा यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ के उपरांत मुख्य वक्ता रमेश चंद्र अग्रवाल द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्र जी के प्रेरक प्रसंग एवं उनके आदर्शों पर चलने के लिए सबका आह्वान किया। कार्यक्रम में कवयित्री निशा अतुल्य ने राम के कण कण में समाये होने को लेकर बताया हमारी पीढ़ी वो सौभाग्यशाली पीढ़ी है जिसने अनन्त में व्याप्त निर्गुण रूप राम के प्राकट्य को समझा व सगुण रूप में पूज कर प्राण प्रतिष्ठा कर विराजित किया। वो इतिहास जो काले साये की तरह हिन्दू समाज पर कलंक बन कर समाया था उसने आज चेतना जागृत कर अपने वैभव को प्राप्त किया, ये बहुत बड़ी बात है। इस मौके पर सजाई प्रेम रंगोली गीत के साथ निरंजना, ललिता व अन्य बहनों ने ‘मेरे घर राम आएंगे’ गीत को मधुर स्वर दिया।
महिला आर्य समाज प्रधान श्रीमती सुख वर्षा ने अंत में सभी का आभार व्यक्त किया व आह्वान किया कि हमें साप्ताहिक यज्ञ में भी ऐसी ही उपस्थिति रखनी चाहिए।
मंत्री संगीता आर्य ने कार्यक्रम का संचालन किया। कोषाध्यक्ष पूजा सेठी, उप प्रधान शारदा त्रिपाठी, उषा त्यागी, निरंजना, ललिता, सुनीता नागपाल, निमिषा, मंजू, किरण आदि ने सुंदर भजन एवं अपने प्रवचनों में आज के दिन के महत्व के बारे में चर्चा की। आज के कार्यक्रम में रामबाबू सैनी का विशेष योगदान रहा।

खास खबर : त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की महापंचायत 24 को अल्मोड़ा, 29 को देहरादून में होगी

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“त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने सहित पांच मुद्दों पर होगी बहस आवश्यकता हुई तो होगा राज्यव्यापी आंदोलन”

पिथौरागढ़, उत्तराखंड के 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाने की मांग सहित पांच सूत्रीय मांगों पर कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा में 24 जनवरी को तथा गढ़वाल मंडल के देहरादून में 29 जनवरी को महा पंचायत आयोजित की जा रही है। इस महापंचायत में मंडलों के ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत, तथा जिला पंचायत संगठनों के पदाधिकारी भाग लेंगे। महापंचायत अपनी मांगों के समर्थन में राज्यव्यापी आंदोलन का रणनीति तैयार करेगा। जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा पंचायत मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात के बाद सार्वजनिक किया जाएगा।
महापंचायत के संयोजक तथा पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि
महापंचायत में त्रिस्तरीय पंचायतों के समस्त संगठनों के पदाधिकारी को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि पदाधिकारियों के अलावा इच्छुक सदस्य भी इस महापंचायत में भाग ले सकते है।
अल्मोड़ा तथा देहरादून के जिला पंचायत सभागारों में महापंचायत रखी गई है। उन्होंने बताया कि महापंचायत में उत्तराखंड के 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाने,उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत को मिलने वाले राज्य वित्त तथा 15वें वित्त का भुगतान पूर्व की भांति किए जाने, उत्तराखंड में सुस्पष्ट पंचायत एक्ट तैयार करने, उत्तराखंड में त्रिस्तरी पंचायतों को 29 विषय तत्काल स्थानांतरित करने, उत्तराखंड में पंचायत विभाग का ढांचा पुनर्गठित करने की मांग पर महापंचायत में विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महापंचायत में शामिल होने वाले सदस्यों की राय पर पांच सूत्री मांगों में अन्य मांगों को भी जोड़ा जा सकता है।
देहरादून की महापंचायत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा पंचायती राज मंत्री के साथ संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। प्रदेश के मुखिया तथा पंचायती राज मंत्री से मुलाकात होने के बाद आगे का कार्यक्रम सार्वजनिक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 में पंचायतों की गतिविधि ठप रहने तथा हरिद्वार जिले का चुनाव उत्तराखंड के शेष जनपदों के साथ कराए जाने का मजबूत आधार से 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ा सकता है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय त्रिस्तरी पंचायत अपनी बैठक नहीं कर पाई। इसलिए उसे कालखंड को पंचायत के कार्यकाल से नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि महापंचायत उक्त मांगों के पूर्ण होने तक अपनी गतिविधियों को जारी रखेगा। उन्होंने बताया कि अपनी मांगों के समर्थन में राज्यव्यापी आंदोलन करने की आवश्यकता होगी तो वह भी किया जाएगा।
उन्होंने तीनों पंचायतों के संगठनों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों से महापंचायत में उपस्थित होने की अपील की है।