Friday, May 16, 2025
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प्रदेश के 17 शिक्षक “शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार” से होंगे सम्मानित

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देहरादून, प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। बता दें वर्ष 2023 के लिए 17 शिक्षकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इसमें प्रारंभिक शिक्षा के 11, माध्यमिक शिक्षा के पांच और प्रशिक्षण संस्थान से 1 शिक्षक शामिल है।

इन शिक्षकों को किया जाएगा सम्मानित :
शिक्षा सचिव रविनाथ रामन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, प्रारंभिक शिक्षा में पौड़ी जिले के राउप्रावि नगर क्षेत्र कोटद्वार के प्रधानाध्यापक नफीस अहमद, चमोली जिले की राउप्रावि वीणा की कुसुमलता गड़िया, उत्तरकाशी जिले के प्राथमिक विद्यालय वीरपुर डुंडा की कुसुम चौहान, देहरादून जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भूड़पुर सहसपुर की सुमन चमोली।
टिहरी के प्राथमिक विद्यालय तपोवन नरेंद्रनगर की कंचन बाला, रुद्रप्रयाग जिले के प्राथमिक विद्यालय जाबरी अगस्त्यमुनि की अरुणा नौटियाल, चंपावत के प्राथमिक विद्यालय गागर पाटी के खड़क सिंह बोरा, बागेश्वर जिले के जूनियर हाईस्कूल करुली के नरेंद्र गिरी, नैनीताल के प्राथमिक विद्यालय नाईसेला भीमताल की डाॅ. भावना पलड़िया।
जबकि पिथौरागढ़ जिले के प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी मूनाकोट के चंद्रशेखर जोशी एवं अल्मोड़ा जिले के प्राथमिक विद्यालय चिलियानौला ताड़ीखेत के राम सिंह को शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा में इस पुरस्कार के लिए जीआईसी सेंधीखाल पौड़ी के दौलत सिंह गुसांई, जीआईसी कासमपुर बहादराबाद हरिद्वार के राजेंद्र कुमार, राउमावि महरागांव भीमताल जिला नैनीताल के डाॅ. प्रदीप कुमार उपाध्याय, जीआईसी लोहाघाट चंपावत के श्याम दत्त चौबे एवं जीआईसी दिनेशपुर जिला ऊधमसिंह नगर के प्रधानाचार्य डाॅ. मधुसुदन मिश्र का चयन किया गया है, जबकि प्रशिक्षण संस्थान से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव जिला पौड़ी से डाॅ. नारायण प्रसाद उनियाल को पुरस्कृत किया जाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए शिक्षकों को इस पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाता है। पुरस्कृत शिक्षकों को उनके चाहने पर दो साल का सेवा विस्तार मिलता है। इसके अलावा पुरस्कार की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

कब हुई पुरस्कार की शुरुआत :

शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार, की शुरुआत 2009 में की गई थी। शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार शिक्षकों को दिया जाने वाला पुरस्कार है। शिक्षण अधिगम प्रक्रिया, विद्यालयों में संसाधन विकास, छात्रहित में किये जाने वाले अभिनव क्रियाकलापों, सामुदायिक सहभागिता में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करने, समग्र रूप में कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक की भूमिका निर्वहन करने तथा समाज के मध्य आदर्श शिक्षक का कार्य करने वाले शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

आक्रोशित हैं उपनल कर्मचारी, करेंगे सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव

देहरादून, सहस्त्रधारा रोड़ स्थित धरना स्थल पर अपनी मांगों को लेकर उपनल कार्मिकों का धरना प्रदर्शन जारी है, आज उपनल संयुक्त मोर्चे के धरने का चौथा दिन रहा, जिसमें पूरे 13 जिलों के भिन्न-भिन्न विभागों से कर्मचारियों ने प्रतिभा किया | धरना स्थल पर प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल द्वारा प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कहा गया सितंबर में शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा घेराव का कार्यक्रम उपनल कार्मिकों द्वारा किया गया था, जिस पर विधानसभा में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी के साथ भेंट हुई थी और उनके द्वारा कहा गया था न्याय कार्मिक वित्तीय आदि विभागों के साथ बैठक कर आपकी मांग बिंदुओं पर चर्चा कर समाधान किया जाएगा, लेकिन दिसंबर माह तक भी कर्मचारियों की कोई सरकार द्वारा कोई भी मांग पूरी नहीं की गई | जिससे उपनल कर्मचारियों कर्मचारियों में भारी आक्रोश है | प्रदेश कार्यकारिणी उपनल संयुक्त समिति द्वारा यह घोषणा की गई और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की इस उदासीनता को देखते हुए आक्रोशित हैं और वह सभी परेड ग्राउंड में इकठ्ठा होकर शुक्रवार 16 फरवरी को दोपहर 12:00 बजे से सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव करेंगे, वहीं संयोजक विनोद गोदियाल द्वारा कहा गया सरकार यदि हमारी बातों पर गंभीरता से नहीं लगी तो हम सभी लोग धर्म परिवर्तन करने के लिए भी बाध्य होंगे |

इस अवसर पर विनय प्रसाद, विजय राम खनक्रियाल, महेश भट्ट, राकेश राणा, जयदेव उनियाल, मुकेश रावत, पंकज पांडे, जगदीश पंवार, श्रीमती मिनारत्न श्रीमती कल्पना श्रीमती राजकुमारी श्रीमती ज्योति सिंह श्रीमती नीतू आदि उपस्थित थे |

 

खादी महोत्सव में बकरी के दूध से बने साबुन की हो रही खूब डिमांड

औषधीय पौधों को खाने से हमारे स्वास्थ्य पर उसका बेहतर असर दिखाई देता है : शुभिता

देहरादून, खादी और ग्रामोद्योग आयोग सूक्ष्म एवं लघु मध्यम मंत्रालय द्वारा राज्य स्तरीय खाद्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, उत्तराखण्ड़ की राजधानी दून के रेसकोर्स स्थित गुरुनानक नानक पब्लिक इंटर कॉलेज में आयोजित इस खादी महोत्सव में बकरी के दूध से बने उत्पाद धूम मचा रहे हैं। प्रदर्शनी देखने आ रहे लोग बकरी के दूध से बने साबुन की काफी खरीदारी कर रहे हैं। इस
प्रदर्शनी में लगभग 70 स्टॉल लगे हैं जिनमें अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधि अपने यहां के खास उत्पाद लेकर आये हैं। खादी महोत्सव में उमड़ रही भीड़ स्थानीय उत्पादों के साथ ही अन्य राज्यों के उत्पादों को खरीदने में भी काफी रूचि दिखा रहे हैं।
महोत्सव में स्किन केयर के उत्पादों का स्टॉल लगाने वाली शुभिता का कहना है कि जिस तरह से औषधीय पौधों को खाने से हमारे स्वास्थ्य पर उसका बेहतर असर दिखाई देता है उसी तरह से उनका प्रयोग त्वचा के लिए वरदान साबित होता है। कहा कि बकरी का दूध पीने के लिए जितना स्वास्थ्यवर्धक होता है उतना ही अच्छा बकरी के दूध से बना साबुन त्वचा के लिए होता है। शुभिता का कहना है कि मात्र 10 हजार रूपये से उन्होंने स्किन केयर ऑफ वैलनेस नाम से स्टार्टअप शुरू किया था और आज अच्छी-खासी आमदनी होती है। आज उनके उत्पाद काफी पसंद किया जा रहे हैं। बकरी के दूध से बने साबुन को एक नवजात शिशु से लेकर बड़े लोग तक प्रयोग कर सकते हैं। साबुन में किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
वहीं मेले में लगे अन्य स्टॉलों में पहाड़ी दालों की भी लोग खरीदारी कर रहे हैं। अन्य राज्यों के लगे स्टालों में सूट, कश्मीरी शॉल भी खरीदे जा रहे हैं। खादी महोत्सव में विनोद खंडूरी सांसद प्रतिनिधि एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना उत्तराखण्ड इस मौके पर राज्य निदेशक संजीव राय, सहायक निदेशक प्रथम बी.एस. कंडारी, सहायक निदेशक द्वितीय के.एस. मलिक सांस्कृतिक संध्या के दौरान प्रयास जागरुकता मंच ने नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। प्रयास जागरुकता मंच ने नाटक की प्रस्तुति के जरिए शहरी और ग्रामीण रोजगार योजना के बारे में मेले में मौजूद लोगों को जानकारी दी और उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रयास जागरुकता मंच के विशाल, सावन, गायत्री टम्टा, अंशिका जैन, जसपाल, नीतीश, ऋतुराज, राकेश, शिवम कंबोज और कुणाल ने नाटक में अभिनय किया। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गढ़वाली गायक जसपाल और संदीप रावत के गीतों पर लोग जमकर झूमे।

इस मौके पर राज्य निदेशक संजीव राय, सहायक निदेशक प्रथम बी.एस. कंडारी, सहायक निदेशक द्वितीय के. एस. मलिक और उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी मध्य क्षेत्र यशपाल सिंह सहित खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

जेल में बने उत्पाद कर रहे लोगों को आकर्षित :

राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी के दूसरे दिन जेल के बन्दियों द्वारा बनाये गए कालीन और लकड़ी रैक, अलमारी की खासी बिक्री हुई। मेले में लगे स्टॉल पर पहाड़ों में बनने वाले कालीन भी उपलब्ध है जो अब जेल में बंदियों द्वारा भी बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही कई आकार के आसन भी सस्ते दामों पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। घरों में सेंटर टेबल या कहीं भी डालने के लिए हर साइज़ की कालीन और आसन यहां पर हैं। इसके अलावा फर्नीचर में यह लकड़ी की अलमारी है जिसे शूज रैक या बुक रैक के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
प्रदर्शनी में क्वायर बोर्ड के स्टॉल पर गद्दे और तकियों की भी खरीदारी लोग कर रहे हैं। साथ ही गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोग कोकोपिट और ऑर्गेनिक खाद भी खरीद के ले जा रहे हैं। वहीं आद्या ऑर्गेनिक के स्टॉल पर आटे और मैदे से बने कुकीज़ भी उपलब्ध है। सत्तू, शहद सहित अन्य ऑर्गेनिक सामान भी बिक्री के लिए रखा गया है।

शराब माफियाओं के इशारे पर लाई गई आबकारी नीति : करन माहरा

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“माहरा बोले- उत्तराखण्ड़ आबकारी विभाग लगातार मनमानी करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रधानमंत्री के निर्देशों के खिलाफ बढावा देने का कर रहा काम”

देहरादून, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 लाल किले के प्राचीर से घोषणा की थी कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए इससे पर्यावरण को गंभीर खतरा है। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों को प्रधानमंत्री के भाषण की क्लिप भी दिखाई। पत्रकारों से रूबरू होते हुये उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड़ आबकारी विभाग लगातार मनमानी करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रधानमंत्री के निर्देशों के खिलाफ बढावा देने का काम कर रहा है। आबकारी विभाग ने 20 नवम्बर 2023 को उत्तराखण्ड में शराब की बोतलों में लगने वाले होलोग्राम के लिए टेंडर निकाला जिसमें उन्होंने प्लास्टिक युक्त 36 माईक्रोन का होलोग्राम लगाने की मांग रखी। जबकि इस पर वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पूर्ण प्रतिबंध है। इतनी बडी मात्रा में उत्तराखण्ड आबकारी विभाग प्लास्टिक युक्त होेलोग्राम को लगाकर उत्तराखण्ड के पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।
कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आबकारी विभाग की मनमानी एवं नियम विरूद्व निकाले गये टेंडर की शिकायत की जिसका संज्ञान पीएमओ ने लिया और उसने केन्द्र के पर्यावरण मंत्रालय एमओईएफ द्वारा एसयूपी वन की गाइड लाईन के अनुसार तीन सप्ताह में जबाव प्रस्तुत करने के आदेश दिये किन्तु आबकारी विभाग द्वारा केन्द्र की आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए अभी तक भी जबाव नही भेजा गया है जो संदेह पैदा करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कैबिनेट में लाई गई आबकारी नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि यह शराब माफियाओं के इशारे पर लाई गई नीति है इस नीति से सरकार उत्तराखण्ड के लोगो को शराब के दलदल में धकेलना चाहती है। इस नीति से प्रदेश में शराब की नई दुकानें खोलने का रास्ता साफ होगा और नीति के अनुसार तीन-तीन महिने के लिए भी शराब के लाईसेन्स लिये जा सकेंगे जो सरकार खुलेआम माॅल आदि में सभी जगह शराब के लाईसेन्स दे रही हो उससे यही उम्मीद की जा सकती है। जबकि यहां की मातृशक्ति लगातार पूर्ण शराब बन्दी की मांग कर रही है। परन्तु राज्य सरकार जनता की भावनाओं के खिलाफ काम कर रही है जिससे शराब माफिया का सीधा नियंत्रण सरकार पर दिखाई पड रहा है। उन्होंने कहा कि इस नीति से प्रदेेश की जनता का कोई भी लाभ नही होने वाला है।
करन माहरा ने कैबिनेट में विधानसभा के बजट सत्र को गैरसैंण में आयोजित ना किये जाने के फैसले को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह फैसला जनभावना का अपमान करने वाला है और राज्य आन्दोलन में पर्वतीय क्षेत्र के विकास का जो सपना देखा गया था उसको भी चकनाचूर करने वाला है। राज्य आन्दोलन में शाहिद हुए आंदोलनकारीयो की शहादत का भी यह अपमान है।
और राज्य के आन्दोलनकारी भी इस फैसले से आहत हैं। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि विधानसभा का बजट सत्र अगर फरवरी मार्च में भी गैरसैण में आयोजित नही किया जा रहा है तो कब आयोजित होगा इसके बाद सरकार पिछले वर्षो की तरह चारधाम यात्रा का बहाना बनाकर गैरसैंण में सत्र अयोजित करने से भागेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस जनविरोधी फैसले को बदलकर जनभावनाओ का सम्मान करें।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री महेन्द्र सिंह नेगी गुरू जी, नवीन जोशी, प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ,महानगर अध्यक्ष डाॅ. जसविन्दर सिंह गोगी आदि उपस्थित थे।

किसान आंदोलन : बैठक के बाद किसानों का बड़ा ऐलान, शुक्रवार को हरियाणा में टोल फ्री, 17 फरवरी को ट्रैक्टर रैली

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नई दिल्ली, केंद्र सरकार के खिलाफ पंजाब के किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च गुरुवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई को लेकर पंजाब में कई स्थानों पर किसानों के पटरियों पर बैठने के बाद गुरुवार को दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कुछ ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया। आज किसानों की बड़ी बैठक हुई है। इस बैठक में तीन अहम फैसले भी लिए गए हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज तीन फैसले लिए गए, पहला ये कि हम कल हरियाणा को 3 घंटे के लिए टोल फ्री रखेंगे, दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक।

इसके साथ ही चढूनी ने आगे कहा कि परसों 18 तारीख को दोपहर 12 बजे से हर तहसील पर ट्रैक्टर परेड होगी। फरवरी में सभी किसान और मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठक होगी। उसी बैठक में आगे के फैसले लिए जाएंगे। किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि टिप्पणी करना उचित नहीं है लेकिन यह स्पष्ट है कि उन्हें (किसानों को) कहीं न कहीं से समर्थन मिल रहा है।’ उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार उन्हें रोक सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इससे पता चलता है कि कुछ समझ होनी चाहिए। दिल्ली सरकार का कहना है कि वो किसान आंदोलन के समर्थन में हैं।

किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन का बृहस्पतिवार को तीसरा दिन है और दिल्ली व हरियाणा के बीच दो प्रमुख सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही बंद है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण स्थानों पर दंगा रोधी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। हरियाणा से लगी दो सीमाएं – टिकरी और सिंघू – बंद हैं जबकि उत्तर प्रदेश से लगी गाजीपुर सीमा पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में आवाजाही की अनुमति दी गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को अंबाला के पास पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर रोक दिया है।

 

किसान नेता का वीडियो वायरल :
पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे लाने…..!

देहरादून, किसान आंदोलन को लेकर लगातार आंदोलित हैं, इस बीच केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल किसान संगठनों में से एक भारती किसान यूनियन (एकता सिधूपुर) के प्रमुख जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बयान दिया है, जिससे उनके विरोध की मंशा पर सवाल उठ सकते हैं। एक वीडियो सामने आया है जिसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल कह रहे हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ नीचे लाने के लिए किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया है। यह वीडियो कुछ दिन पहले तब सामने आया था जब किसान अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने वाले थे।
जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि राम मंदिर के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ बहुत ऊपर चला गया है…बहुत कम समय है…उनके ग्राफ को कैसे नीचे लाया जा सकता है। डल्लेवाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह एक राजनीतिक बयान है। क्या इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन होने पर लोग पीएम मोदी का समर्थन करना बंद कर देंगे? जनता में यह संदेश प्रसारित हो रहा है कि यह विरोध का सही तरीका नहीं है। खट्टर ने अपनी मांगों को दबाने के लिए किसानों द्वारा अपनाए गए “तरीके” की आलोचना करते हुए कहा कि वे आक्रामक सेना की तरह दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान एक सेना की तरह ट्रैक्टर-ट्रॉली, अर्थ-मूवर्स और एक साल के लिए राशन के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच जारी गतिरोध के मध्य तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं से एक फिर वार्ता करेगी। कृषि व किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर यहां शाम पांच बजे किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह दोनों पक्षों के बीच तीसरे चरण की वार्ता होगी। आठ और 12 फरवरी को हुई पहले दो चरण की वार्ता बेनतीजा रही थी। पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने का आह्वान किया है और वे पंजाब तथा हरियाणा की शंभू तथा खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।

केन्द्र से कांडई सीला मोटर मार्ग व सीलापुल निर्माण की मिली स्वीकृति

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पौड़ी (यमकेश्वर), 1957-58 में बने वन मोटरमार्ग कोटद्वार-लालढांग- धारकोट- सीला-फेडुवा जो सन् 1962 तक जिस पर जीएमओयू की बसें चली और जो बाद में मरम्मत व देखरेख के अभाव में बंद हो गया था। बाद में कौडिया किमसार मोटरमार्ग के बनने से और उससे धारकोट के जुड़ने से धारकोट-तिमल्याणी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का अंग बना। परन्तु तिमल्याणी बैण्ड,कंडारा,दयाकाटल सीला तक का भाग बीच में जंगलात में पड़ने से यह भाग नही बन पाया था।जनता की निरंतर मांग पर13 फरवरी 24 कांडई-सीलापुल मोटरमार्ग व रवासण नदी (सतेड़ीगाड) में 24 मीटर स्पान के पुल के निर्माण की स्वीकृति केंद्र सरकार के पर्यावरण,वन एवं जलवायु मंत्रालय द्वारा स्वीकृति मिलने पर स्थानीय जनता में हर्ष की लहर दौड़ गयी है।

प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री श्री सतपाल महाराज के जनसंपर्क अधिकारी श्री कृष्णमोहन रतूड़ी ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा संख्या 156/2018 की इस सड़क के निर्माण के बदले वन विभाग को 1.8315हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग द्वारा हस्तांतरित की गयी।जिससे कांडईसे सीला पुल तक सड़क बनने तथा2014की आपदा में बहे मोटर पुल के स्थान पर 24 मीटर स्पान सेतु का निर्माण कार्य शीघ्र ही प्रारम्भ हो जाएगा। स्थानीय जनता ने इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिलने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, लोकनिर्माण मंत्री श्री सतपाल महाराज,लोनिवि के मंत्री के पीआरओ श्री कृष्णमोहन रतूड़ी,लोक निर्माण व राजस्व विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राज्यसभा के लिये किया नामांकन

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देहरादून, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आज बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम की मौजूदगी में राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, “मैं वरिष्ठ नेतृत्व, राज्य नेतृत्व, सीएम के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं पीएम मोदी और उत्तराखंड सीएम के नेतृत्व में विकास कार्यों में काम करूंगा।”
महेंद्र भट्ट ने नामांकन पत्र विधानसभा स्थित चुनाव अधिकारी कार्यालय में चुनाव अधिकारी को सौंपा। इस दौरान मंत्री, सभी विधायक, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार समेत पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
महेंद्र भट्ट को उम्मीदवार बनाए जाने के सियासी मायने पार्टी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है। बता दें राज्यसभा सांसद रहे अनिल बलूनी का छह साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्यसभा की सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर 27 फरवरी को चुनाव होना है। जिसके लिए आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट अपना नामांकन दाखिल किया।
लोकसभा चुनाव से पहले महेंद्र भट्ट को उम्मीदवार बनाए जाने के सियासी मायने हैं। भट्ट ब्राह्मण चेहरा हैं और भाजपा केंद्रीय नेतृत्व का उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने के फैसले को जातीय समीकरणों में संतुलन साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। जब तक भाजपा नेतृत्व ने राज्यसभा का टिकट तय नहीं किया था, तब संभावना अनिल बलूनी को रिपीट किए जाने की भी मानी जा रही थी।

वहीं केंद्रीय संगठन में लंबे समय से राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे अनिल बलूनी को पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का एक दावेदार माना जा रहा है। वहीं सियासी जानकारों का मानना है कि ऐसी अटकलों के बीच महेंद्र भट्ट को प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने अपने कैडर को सम्मान दिए जाने का संदेश देने की कोशिश की है। साथ ही प्रदेश कैबिनेट में प्रतिनिधित्व से वंचित चमोली जिले को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व दिलाकर लंबे समय से चली आ रही कसक को दूर करने का प्रयास किया है।

सिल्वर स्क्रीन पर 16 फरवरी को रिलीज होगी गढ़वाली फीचर फिल्म ‘पितृकुड़ा’

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देहरादून, पितरों के प्रति उत्तराखण्ड़ की अनोखी लिंगवास परम्परा पर बनी गढ़वाली फीचर फिल्म पितृकुड़ा 16 फरवरी को देहरादून के सिल्वर सिटी सिनेमा में रिलीज हो रही है ।
आज उत्तरांचल प्रेस क्लब में पर्वतीय बिगुल फिल्मस् के बैनर पर बनी फिल्म पितृकुड़ा की कथा वस्तु का फोल्डर लांच किया गया । फोल्डर लांच करते हुए फिल्म के निर्देशक प्रदीप भण्डारी ने बताया कि उत्तराखण्ड की अद्वतीय परम्परा पितृकुड़ा (लिंगवास) पर बनी यह फिल्म एक पारिवारिक फिल्म है जो परिवार के भावानात्मक रिश्तों पर बनी है । सिल्वर स्क्रीन पर पहली बार लोगों को पितृकुड़ा संस्कार का चित्रण दिखयी देगा। फिल्म में जर्बदस्त एक्शन थ्रिलर, रोमांच, हास्य और मधुर गीत संगीत है। यह फिल्म प्रत्येक उम्र के दर्शक को मंत्रमुग्ध करेगी । मसूरी में फिल्म का ट्रायल हो चुका है जो बेहद सफल रहा और फिल्म को भारी लोक प्रियता हासिल हुई । फिल्म संस्पेंस भरा नेपाली का किरदार दर्शकों को बहुत रोमांचित करेगा।
फिल्म में प्रतिभावान स्टारकास्ट के अलावा, लोकशन और बैक ग्राउण्ड म्युजिक तथा गीत संगीत श्रेष्ट और कर्णप्रिय रखा गया है । फिल्म की शूटिंग मसूरी, टिहरी, देहरादून, नैनीताल, चोपता आदि रमणीक स्थलों पर हुई है । श्री भण्डारी ने आंचलिक संस्कृति और सिनेमा को सबल बनाने के लिए उत्तराखण्ड से जनमानस से फिल्म पितृकुड़ा के प्रचार प्रसार से लेकर फिल्म देखने की अपील की है । इस अवसर पर फिल्म की सह निर्मात्री कमलेश भण्डारी भी मौजूद रही ।
पर्वतीय बिगुल फिल्म्स के बैनर पर बनी फिल्म पितृकुड़ा के लेखक एवं निर्देशक हैं प्रदीप भण्डारी। तथा डीओपी एवं एडीटर – नागेन्द्र प्रसाद एवं सहायक निर्देशक – विजय भारती हैं। फिल्म का बैक ग्राउण्ड म्युजिक, डबिंग और फाॅली युवा संगीतकार आशीष पन्त एवं साथियों ने तैयार किया है । फिल्म बनने में 2 साल से अधिक का समय लगा है।
फिल्म के मुख्य कलाकारों में हैं राजेश जोशी, पदम गुसांई, प्रदीप भण्डारी, शुभ चन्द्रा, शिवानी भण्डारी, सुषमा व्यास, कोमल नेगी राणा, आयुषी जुयाल, बीनीता नेगी, अनामिका राज, गोकुल पंवार, गम्भीर जयाड़ा, बृजेश भट्ट, रवि नेगी, दीपक रावत, शिव कुमार, आर. पी. बडोनी आदि हैं। फिल्म के गीतों को तीन प्रमुख संगीतकारों ने संगीत दिया है जिनमें – संजय कुमोला, अमित वी. कपूर, सुमित गुसांई। जबकि गीतों को स्वरों से सजाया है जितेन्द्र पंवार, पदम गुसांई, संजय कुमोला, प्रीती काला, प्रेरणा भण्डारी नेगी, रवि गुसांई और राजलक्ष्मी ने ।
प्रोमों लॉन्च अवसर पर आज निर्देशक प्रदीप भंडारी, डी ओ पी नागेन्द्र प्रसाद, अभिनेता राजेश जोशी, जितेन्द्र पंवार, कांता प्रसाद, उक्रांद युवा प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र बिष्ट, दिनेश नेगी, बिनता नेगी, कमलेश भंडारी, गोकुल नौटियाल, गंभीर जयाडा, बृजेश भट्ट समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

सेना के खिलाफ आंदोलन को मुनस्यारी से समर्थन : गवर्नर तथा राष्ट्रपति को भेजा पत्र
संयुक्त मंच बनाने की होगी पहल

मुनस्यारी, पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में भारतीय सेना द्वारा पेमाइशी रास्ता रोके जाने के खिलाफ चल रहे आंदोलन का चीन सीमा से लगे पंचायतों के प्रतिनिधियों ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की दादागिरी के खिलाफ सीमांत जनपद में संयुक्त आंदोलन चलाने की आवश्यकता है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज उप जिलाधिकारी के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति तथा उत्तराखंड के राज्यपाल को ज्ञापन भेज कर पिथौरागढ़ में चल रहे आंदोलन का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल को हस्तक्षेप कर तत्काल सेना को आदेश देना चाहिए कि वह ग्रामीणों के पुश्तैनी रास्ते को तत्काल छोड़ें। उन्होंने कहा कि मुनस्यारी तथा धारचूला में सेना की दादागिरी के खिलाफ आंदोलन चल रहे है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इन आंदोलनों में आपसी समन्वयता को बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सेना किसी भी क्षेत्र आकर जबरदस्ती बस जाती है और लोगों के हक हकूको को छीन लेती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की इन दादागिरियों के खिलाफ जनपद के भीतर एक संयुक्त मंच बनाए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र यहां के जनप्रतिनिधि भी पिथौरागढ़ जाकर धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे।

सौरभ की रिहाई को बताया विश्व में भारत की पहचान की बढ़ती ताकत

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देहरादून,मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कतर से सकुशल वापस लौटे नौ सेना के पूर्व अधिकारी श्री सौरभ वशिष्ट को सम्मानित कर शुभकामनायें दी। मुख्यमंत्री ने बुधवार को सायं श्री वशिष्ट के टर्नर रोड स्थित आवास पर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की तथा उनकी खुशी में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सौरभ की सकुशल रिहाई विश्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत की बढ़ती ताकत की पहचान है। यही नहीं उनकी रिहाई मोदी है तो मुमकिन है का स्पष्ट उदाहरण भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौरभ वशिष्ट लम्बे समय के बाद तमाम मुश्किलों का सामना कर वापस घर लौटे हैं, उनके परिवार के लिये यह अवसर दीपावली जैसा है। मुख्यमंत्री ने इसके लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी देश वासियों एवं विदेशों में रह रहे प्रवासी सभी भारतीयों को परिवारजन कहते हैं तथा सभी का परिवार के मुखिया की तरह ध्यान भी रखते हैं, यह मौत की सजा का सामना कर रहे कतर से सौरभ वशिष्ट की सकुशल वापसी का सबसे बड़ा उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के कुशल नेतृत्व पर उनके परिवार के साथ स्वयं उन्हें भी पूरा भरोसा था कि कतर में फंसे सभी 8 लोगों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी मौत के मुंह से जरूर वापस लायेंगे।

मुख्यमंत्री ने किया ’’विकल्प रहित संकल्प’’ भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानितमुख्यमंत्री ने किया "विकल्प रहित संकल्प" भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को  सम्मानित, कहा संकल्प में नहीं होना चाहिए कोई विकल्प - Mirror Uttarakhand

देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जीवन में हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं, उन लक्ष्यों को संकल्प तक पहुंचाने के लिए हमें मेहनत करनी चाहिए और किसी भी संकल्प में कोई विकल्प नहीं होना चाहिए, क्योंकि जिस संकल्प में विकल्प नहीं होता वह संकल्प अवश्य पूर्ण होता है और हम इसी ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को लेकर ’’21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक’’ बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
यह बात उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित ’’विकल्प रहित संकल्प’’ भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करते हुए कही। उन्होंने विजेता प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
’’युवा संकल्प’’ की अलख जलाये रखने के उद्देश्य से उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में ’’विकल्प रहित संकल्प’’ परिवार के तत्वावधान में ’’21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक’’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें 150 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन वीडियो माध्यम से प्रतिभाग किया था। निर्णायक मंडल की ओर से अंतिम चरण में शीर्ष 5 प्रविष्टियों में से प्रथम तीन प्रविष्टियों के साथ ही अन्य दो को प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था।
बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में प्रथम दुर्गेश अमोली, द्वितीय शाम्भवी मुरारी, तृतीय विनय कुमार, चतुर्थ आयुषी पांडे, तथा पंचम प्रज्ञा पंत को ट्रॉफी एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने किया जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर नवनिर्मित टर्मिनल भवन फेज-2 का लोकार्पण

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देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर नवनिर्मित टर्मिनल भवन फेज-2 का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। द्वितीय चरण में जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के टर्मिनल का 14 हजार वर्ग मीटर विस्तार किया गया। अब एयटरपोर्ट के टर्मिनल का कुल विस्तार 42 हजार वर्ग मीटर में हो चुका है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट का टर्मिनल दो चरणों में 486 करोड़ की लागत से बना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनके अनुरोध पर पिथौरागढ़-हिंडन हवाई सेवा की प्रक्रिया शुरू करने और इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के लिए हेलीकॉप्टर की उत्तराखण्ड से शुरूआत करने की बात कहे जाने पर केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय नागरिक उड्डयन उद्योग अमेरिका और चीन के बाद घरेलू यातायात में तीसरे स्थान पर है, इसके लिए उन्होंने नागर विमानन मंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हवाई सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। पिछले कुछ वर्षों से हवाई यात्रा परिवहन का सस्ता, तेज एवं विश्वसनीय साधन होने के कारण लोगों में अत्यन्त लोकप्रिय बनी है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दीर्घकालिक सोच के कारण ही संभव हो पाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा देवभूमि की देवतुल्य जनता के अतिरिक्त भारतीय संस्कृति और परम्परा के अनुसार ’अतिथि देवों भवः’ के सिद्धांत का पालन करते हुए प्रदेश के बाहर के लोगों को भी सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। इससे एक ओर जहाँ राज्य को अधिक राजस्व प्राप्ति हो रही है, वहीं दूसरी ओर आम जनमानस को सरल एवं सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध करायी जा रही है। भारत सरकार की ’’उड़े भारत का हर नागरिक’’ योजना के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बेहतर हवाई सेवा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत 13 हेलीपोर्ट्स का निर्माण सहस्त्रधारा, चिन्यालीसौड, गौचर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, नई टिहरी, श्रीनगर, मसूरी, जोशीमठ, धारचूला, हरिद्वार में भी किया जा रहा है। उत्तराखंड धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को राज्य में आवागमन के लिए हर प्रकार की सुविधा मिले। इसमें हवाई सेवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी के साथ-साथ पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा ओएलएस सर्वे भी कर लिया गया है। पिछले माह ही जौलीग्रांट से पिथौरागढ़ के मध्य हवाई सेवा का शुभारंभ किया गया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से देहरादून-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के मध्य हैली सेवा की शुरूआत की थी, इसको भी नियमित करने की हमारी योजना है। निकट भविष्य में चिन्यालीसौड़ व गौचर से छोटे एयर क्राफ्ट की सेवाओं को शामिल करने के संबंध में भी हम कार्य कर रहे हैं, भारत सरकार से इसके लिए अनुरोध किया जा रहा है। कुछ माह पूर्व प्रधानमंत्री ने आदि कैलाश और जागेश्वर धाम के दर्शन किये थे, उसके बाद आदि कैलाश और जागेश्वर धाम में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों को देश विदेश में नई पहचान दिला रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर हवाई सेवा को बढ़ाये जाने हेतु क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के अतिरिक्त अन्य हेलीपोर्ट का भी निर्माण राज्य सरकार द्वारा गौजियाना (घनसाली), गैरसैण (चमोली), देघाट-सियालदे(अल्मोड़ा), जखोल एवं जोशीयाड़ा (उत्तरकाशी), डीडीहाट (पिथौरागढ़) में कराया जा रहा है। इसके साथ ही हमारे द्वारा प्रदेश के विभिन्न पर्यटक केंद्रों के दर्शन हेतु जॉय राइड सेवा तथा हिमालयन दर्शन सेवा भी प्रस्तावित है। इन सेवाओं के प्रारंभ होने से राज्य में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनके लिए यह क्षण कई पहलुओं से भावुक और महत्वपूर्ण क्षण है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड से उनका पहले से नाता है। उन्होंने 05 साल उत्तराखण्ड से शिक्षा ग्रहण की। उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक शक्ति सम्पूर्ण विश्व में अनूठी है। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ उन्हें केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री बनने के बाद सबसे पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट के टर्मिनल के प्रथम फेज के कार्यों का लोकार्पण करने का अवसर मिला था। आज देहरादून के इस एयरपोर्ट से देश के 13 शहरों के लिए हवाई सेवा चल रही है।
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मंत्रालय द्वारा पिथौरागढ़-हिंडन हवाई सेवा के लिए कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के लिए हेलीकॉप्टर की देश में उत्तराखण्ड से शुरूआत की जा रही है। एम्स ऋषिकेश मंड इसके लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जायेगी। 150 किलोमीटर के दायरे के अन्तर्गत हेलीकॉप्टर द्वारा मरीजों को लाने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट से उत्तराखण्ड के अन्य स्थानों को मुख्यमंत्री की सहायता से और तेजी से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में तीन एयरपोर्ट देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़ विकसित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 2014 में मात्र एक हेलीपोर्ट था। जो अब 10 हो चुके हैं, उड़ान 5.0 योजना तक राज्य में 21 हेलीपोर्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक बृज भूषण गैरोला, वर्चुअल माध्यम से सचिव नागर उड्डयन वुमलुनमंग वुअलनाम, अध्यक्ष एएआई संजीव कुमार उपस्थित थे।

गाड़ियों के वीआईपी नंबर के लिए बोली की कीमत करेगी हैरान

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देहरादून(आरएनएस)। गाड़ियों के वीआईपी नंबर के लिए दिल खोलकर बोली लगा रहे हैं दून वासी । देहरादून आरटीओ में 0001 नंबर की ऑनलाइन बोली सात लाख 22 हजार पर रुकी। यह नंबर एक निजी कंपनी ने डेढ़ करोड़ की लग्जरी कार के लिए खरीदा। परिवहन दफ्तरों में जब भी नए वाहन नंबर की सीरीज खुलती है तो इस सीरीज में शामिल वीआईपी नंबरों के लिए ऑनलाइन नीलामी होती है और ऑनलाइन बोली लगती है। हाल ही में देहरादून आरटीओ में यूके-07एफआर सीरीज खुली। इस सीरीज के वीआईपी नंबर लेने के लिए लोगों ने दिल खोलकर बोली लगाई है। आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि कुल 38 नंबर ऑनलाइन नीलामी में रखे गए, जिनमें से 27 नंबरों की नीलामी हो चुकी है। इससे 18 लाख रुपये का राजस्व मिला।
पहाड़ के दफ्तरों में वीआईपी नंबरों के लिए उत्साह नहीं:
देहरादून आरटीओ में न केवल वाहनों के रजिस्ट्रेशन बढ़ रहे हैं, बल्कि यहां वीआईपी नंबर पाने के लिए भी मारामारी रहती है। जबकि, पहाड़ के दफ्तरों में खास उत्साह नहीं दिखता।
देहरादून में डेढ़ से दो महीने के भीतर एक सीरीज खत्म हो जाती है, वहीं पहाड़ के दफ्तरों में एक सीरीज खत्म होने में पांच से छह साल लग जाते हैं, यहां 0001 वीआईपी नंबर लेने के लिए भी कोई खास उत्साह नहीं दिखता।
इन नंबरों के लिए भी ज्यादा बोली: यूके-07एफआर सीरीज के कुल 38 वीआईपी नंबरों की ऑनलाइन नीलामी की गई। 0009 नंबर दो लाख 09 हजार, 9999 नंबर 1.60 लाख, 0007 नंबर एक लाख 09 हजार, 0003 नंबर चौरासी हजार रुपये और 0008 वाहन नंबर 70 हजार रुपये में बिका।
आरटीओ ने बताया कि इससे पहले भी 0001 नंबर लाखों रुपये में नीलाम हुआ है। पिछली सीरीज के इसी नंबर पर सात लाख 61 हजार रुपये की बोली लगी थी।

धामी कैबिनेट ने नई आबकारी नीति पर मुहर लगा दी, वर्ष 2024-25 के लिये 4440 करोड़ की कमाई का लक्ष्य!

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देहरादून(आरएनएस)। राज्य की आबकारी नीति को और भी अधिक पारदर्शी बनाते हुए उत्तराखंड सरकार ने मिलावटी शराब को रोकने, ब्रांड उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा राजस्व बढ़ाने की दृष्टि से उत्तराखण्ड आबकारी नीति विषयक नियमावली 2024 के तहत अहम कदम उठाये हैं । वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के राजस्व लक्ष्य ₹ 4000 करोड़ के सापेक्ष 11% की वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए ₹ 4440 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में इनोवेशन और निवेश को प्रोत्साहन के लिए माइक्रो डिस्टिलेशन ईकाई की स्थापना का प्राविधान किया गया है, जिसे सूक्ष्म उद्योगों की श्रेणी में कम से कम क्षेत्रफल में स्थापित किया जा सकेगा जो कि आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ हिमालयी क्षेत्र की पर्यावरणीय मानकों के अनुकूल होने से स्थानीय पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उत्तराखंड में संचालित आसवानी में उच्च गुणवत्ता की मदिरा निर्माण होने से एक ओर राजस्व में वृद्धि होगी वही राज्य में प्रचुर मात्रा में उगने वाली वनस्पतियों, जड़ी बूटियों का उपयोग होने से स्थानीय किसानों हेतु आय के नए साधन उत्पन्न होगे एवं राज्य में निर्मित मदिरा को विश्वस्तर पर पहचान मिलेगी। राज्य की उच्च गुणवत्तायुक्त जड़ी-बूटियों, फलों, फूलों तथा हिमालय की जलवायु, वातावरणीय शुद्धता के कारण उच्च गुणवत्ता के जल स्रोत व अन्य कारकों के कारण विश्वस्तरीय सुगधित मदिरा के मदिरा/मॉल्ट के उत्पादन के हब के रूप में राज्य प्रतिष्ठित हो सकेगा। जिस प्रकार यूरोप में स्कॉटलैंड, इटली आदि विश्वस्तरीय मदिरा के लिए प्रतिष्ठित है उसी प्रकार हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड विश्वस्तरीय स्प्रिटामॉल्ट के उत्पादन केंद्र के रूप में अतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगा।
विदेशी मदिरा की भराई (बॉटलिंग) के लिए आबकारी राजस्व एवं निवेश के दृष्टिगत प्रथम बार प्राविधान किए जा रहे है ताकि प्रदेश “उपभोक्ता राज्य से उत्पादक एवं निर्यातक राज्य के रूप में स्थापित हो सके। प्रदेश में विदेशी मदिरा के थोक व्यापार को उत्तराखण्ड राज्य के मूल/स्थायी निवासियों के रोजगार के लिए भारत में निर्मित विदेशी मदिरा (IMFL) की आपूर्ति के थोक अनुज्ञापन / व्यापार (FL-2) अनुज्ञापन को उत्तराखण्ड के अर्ह नागरिकों को दिए जाने का प्राविधान किया गया है।
आबकारी राजस्व अर्जन की दृष्टि से प्रथम बार ओवरसीज मदिरा की आपूर्ति के लिये थोक अनुज्ञापन FL-2(O) का प्राविधान किया गया है जिससे कस्टम बॉण्ड से आने वाली ओवरसीज मदिरा के व्यापार को राजस्व हित में नियंत्रित किया जा सकेगा। राज्य की कृषि/बागवानी से जुड़े कृषकों के हित में देशी शराब में स्थानीय फलों यथा कीनू, माल्टा, काफल, सेब, नाशपाती,तिमूर, आडू आदि का समावेश किया जाना अनुमन्य किया गया है। मदिरा दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण, दो चरणों की लॉटरी, प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धात पर पारदर्शी एवं अधिकतम राजस्व अर्जन की दृष्टि से किया जाएगा। नवीनीकरण उन्ही अनुज्ञापियों का किया जाएगा जिनकी समस्त व्यपगत देयताए बेबाक हों और प्रतिभूतियाँ सुरक्षित हों। आवेदक को आवेदन पत्र के साथ दो वर्ष का ITR दाखिल करना अनिवार्य होगा। एक आवेदक सम्पूर्ण प्रदेश में अधिकतम तीन मदिरा दुकानें आवंटित की जा सकेंगी। प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित मदिरा दुकान के सापेक्ष उप दुकान खोले जाने की अनुमति राजस्व हित दी जा सकेगी। देशी मदिरा दुकानों में 36 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार शराब या 25 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार एवं सादा मदिरा एवं विशेष श्रेणी की मेट्रो मदिरा की आपूर्ति के प्राविधान किए गए हैं। विदेशी / देशी मदिरा के कोटे का अनतरण कोटे के अधिभार के 10% तक अनुमन्य होगा। विदेशी मदिरा में न्यूनतम प्रत्याभूत ड्यूटी का निर्धारण कर मदिरा ब्राण्डो का मूल्य विगत वर्षों की भाँति निर्धारित किया गया है, जिससे आबकारी राजस्व सुरक्षित रहे और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर मदिरा उपलब्ध हो सके।
प्रदेश में पर्यटन प्रोत्साहन एवं स्थानीय रोजगार की दृष्टि से पर्वतीय तहसील एवं जनपदो में मॉल्स डिपार्टमेन्टल स्टोर में मदिरा बिक्री का अनुज्ञापन शुल्क ₹5 लाख (पाँच लाख)/ दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 400 वर्गफुट का प्रविधान किया है। विगत वर्ष से भिन्न स्टार कैटेगरी के अनुसार बार अनुज्ञापन शुल्क निर्धारित किया गया है, इसी प्रकार पर्यटन की दृष्टि से सीजनल बार अनुज्ञापन शुल्क का प्रावधान किया गया है।परपरागत रूप से अवैध कच्ची शराब के उत्पादन क्षेत्रों में लगातार प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही करने तथा ऐसे क्षेत्रों में वैध मदिरा के विक्रय को प्रोत्साहन करने हेतु उप दुकान का प्राविधान किया गया है।