Wednesday, May 14, 2025
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देहरादून में दस साल के बच्चे को गुलदार ने बनाया निवाला, परिजनों ने मुंह से छीना, पर नहीं बची जान

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देहरादून, मसूरी-किमाड़ी मार्ग पर वन गुर्जर बस्ती में खेल रहे 10 साल के बच्चे को गुलदार ने निवाला बना लिया। परिजनों ने बच्चे को गुलदार के मुंह से छीना लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। घटना के बाद मौके पर वन विभाग और पुलिस की टीमें पहुंच चुकी हैं। वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने के लिए कांबिंग में जुट गई है। बच्चे के शव को देर रात मोर्चरी में रखवाया गया है। शव का आज सोमवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

घटना रविवार करीब साढ़े आठ बजे की है। किमाड़ी मार्ग पर गल्जवाड़ी गांव से करीब दो किलोमीटर नीचे की तरफ वन क्षेत्र में बड़ी वन गुर्जर बस्ती है। यहां पर गुर्जरों के करीब 10-12 डेरे हैं। रियासत रात को शौच के लिए अपने डेरे से बाहर आया था। इसी बीच गुलदार रियासत को उठाकर ले जाने लगा। बच्चों ने शोर मचाया तो डेरों में मौजूद लोग गुलदार की ओर दौड़े।

गुलदार बच्चे को ज्यादा दूर नहीं ले जा सकता था कि लोगों ने बच्चे को गुलदार के जबड़ों से छुड़ा लिया। लेकिन, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि सूचना के बाद मौके पर कैंट थाना पुलिस और वन विभाग की टीम पहुंच गई हैं। बच्चे की गर्दन पर बड़ा घाव है।

बता दें कि शहर से सटे इलाकों में दो माह के भीतर यह गुलदार के हमले की यह तीसरी घटना है। बीते माह जनवरी में राजपुर रोड स्थित सिंगली गांव में गुलदार उठाकर ले गया था। पुलिस की कांबिंग के बाद बच्चे का शव तो बरामद हो गया था लेकिन गुलदार अभी तक वन विभाग की टीम के हत्थे नहीं चढ़ सका है

उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भी भूमि

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड अध्यात्म और योग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य और कला की भूमि भी है। उत्तराखंड ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर अगर कहीं पौराणिक लोक संस्कृति को जीवित रखने और संजोए रखने का कार्य प्रमुखता से किया गया है तो वो हमारा जौनसार बावर का क्षेत्र है। जौनसार बावर की पौराणिक संस्कृति, देश व दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है।
रविवार को कौलागढ़ स्थित अम्बेडकर, स्टेडियम में जौनसार बावर सेवावृत्त कर्मचारी मण्डल द्वारा आयोजित दो दिवसीय जौनसार बावर सांस्कृतिक महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोजकों को बधाई दी तथा लोक कलाकारों द्वारा आयोजित लोक नृत्य में सामिल होने से स्वयं को रोक नहीं पाये। लोक कलाकारों के साथ झूमते हुए मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों का उत्साह बर्धन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जौनसार बावर भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 50 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस भवन का उपयोग जरूरतमंद छात्रों के अध्ययन के लिये भी किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जौनसार बाबर के संस्कृति की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्कृति अनोखी है इसे बचाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के साथ ही प्रतिवर्ष ऐसे महोत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। यह सांस्कृतिक समारोह हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान करने के साथ आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य कर रहा है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक समारोह, निश्चित रूप् से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का भी कार्य करेगा। ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि हरीपुर में घाट निर्माण से उसके पौराणिक महत्व को भी पहचान मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री जी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हमें आगे बढ़ना है तथा भारत को पुनः विश्व गुरू के पद पर आरूढ़ करने के लिए हर परिस्थिति को पार करना है। हमें अपने श्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के ‘विकल्प रहित संकल्प‘ को प्राप्त करने हेतु भी निरंतर प्रयास जारी रखने हैं। ये सभी प्रयास तभी सफल होंगे जब हमें आप सभी का विशेष सहयोग और समर्थन मिलता रहेगा। उन्होंने सभी से राज्य के विकास में सहयोगी बनने की भी अपेक्षा की।
इस अवसर पर विकास नगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे जनजाति छात्रों के हित में सदैव प्रयासरत रहते हैं।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान सेवावृत्त कर्मचारी मण्डल के अध्यक्ष रणवीर सिंह तोमर, संरक्षक तुलसी सिंह तोमर, उपाध्यक्ष अतर सिंह, सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान, भाजपा नेता प्रताप सिंह रावत, मूरत राम शर्मा, राम शरण नौटियाल सहित बड़ी संख्या में लोक उपस्थित थे।

 

खेलो इंडिया में धारचूला की मेनका गुंज्याल को गोल्ड तथा सिल्वर मेडल

खेलो इंडिया में मेनका ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान, ‌जीते मेडल - Sajag Pahad  (सजग पहाड़)
“स्कीइंग में लहराया परचम होगा नागरिक अभिनंदन, युवाओं से करेगी संवाद”

पिथौरागढ़, भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित चौथे खेलो इंडिया के तहत कश्मीर में उत्तराखंड की बेटी मेनका गुंज्याल ने गुलमर्ग कश्मीर स्कीइंग पर्वतारोहण स्प्रिंट रेस में गोल्ड मेडल तथा सिल्वर मेडल जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया। इस बात की सूचना मिलते ही उत्तराखंड में खुशी की लहर व्याप्त है।
पर्वतारोहण के क्षेत्र में लगातार अपनी पहचान बना रही विकासखंड धारचूला के गूंजी गांव की निवासी मेनका गुंज्याल ने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खेलो इंडिया प्रतियोगिता में उत्तराखंड का मान बढ़ा दिया है। गोल्ड मेडल तथा सिल्वर मेडल प्राप्त कर मोनिका ने नया इतिहास रच दिया है।
इस मौके पर आयोजित स्की पर्वतारोहण वर्ट रेसिंग 4500 मीटर से अधिक ऊंची पीर पंजाल रेंज में सार्क फिंन स्कीइंग डाउन किया।
मेनका की इन सफलताओं के बाद उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ रही है।
खासकर मेनका के गृह जनपद पिथौरागढ़ में इस सफलता के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि जनपद आगमन पर मेनका का धारचूला में नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेनका से प्रेरणा लेकर इस क्षेत्र के युवा अपने लक्ष्य को नए क्षेत्रों में लगाने की प्रेरणा के साथ आगे बढ़े। इसके लिए मेनका का युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम भी जगह-जगह पर आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए आज खुशी का दिन है और इस दिन हम मोनिका के उज्जवल भविष्य की कामना करते है।

 

इनर लाइन तथा कार्यकाल को लेकर जौलजीबी में महापंचायत, आंदोलन की बनेगी रणनीति

पिथौरागढ़, विकास खंड मुनस्यारी तथा धारचूला को इनर लाइन की परिधि में लाने तथा त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सोमवार 26 फरवरी को जौलजीबी में महापंचायत बुलाई गई है। महापंचायत में दोनों मुद्दों को लेकर संघर्ष की रणनीति बनाई जाएगी।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के कार्यक्रम संयोजक तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि दोनों विकास खंडों के विशिष्ट धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक व्यवस्था को बचाने के लिए दोनों विकास खंडों इनर लाइन की परिधि में थे।
गलत सूचनाओं के आधार पर समय-समय पर सरकारों ने इनर लाइन की सीमा को खिसकाते हुए आज चीन सीमा पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि इनर लाइन के खिसकने से दोनों तहसीलों में बाहर के लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इस कारण इस क्षेत्र में धारचूला जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि चीन सीमा क्षेत्र की सुरक्षा के लिए इनर लाइन का जौलजीबी तथा नौलड़ा में होना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर लंबे संघर्ष का खाका इइस महापंचायत में तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सबसे पहले इस सीमा क्षेत्र से ही पहल शुरू हुई थी।
उन्होंने कहा कि कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर चलने वाले संपर्क अभियान तथा आंदोलन की रणनीति पर भी महापंचायत में फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में होने वाले फैसले को प्रदेश संचालन समिति को प्रेषित किया जाएगा। उसके बाद पूरे उत्तराखंड में कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर आर- पार की लड़ाई शुरू की जाएगी।
उन्होंने दोनों विकास खंडों के ग्राम प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्यों को महापंचायत में उपस्थित होने की अपील की है।

उत्तराखण्ड़ विधान सभा के बजट सत्र को लेकर ट्रैफिक अलर्ट, शहर में विभिन्न रूट रहेंगे डायवर्ट

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ विधान सभा बजट सत्र 26 फरवरी से आयोजित होने जा रहा है। इस दौरान धरना-प्रदर्शन के मद्देनजर यातायात और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दून शहर के यातायात को लेकर प्लान तैयार किया गया है। जिसके तहत प्रगति विहार बैरियर, शास्त्रीनगर बैरियर,बाईपास बैरियर,डिफेंस कॉलोनी बैरियर और विधानसभा तिराहा बैरियर स्थलों पर बैरियर प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं।

विधानसभा परिसर में 300 मीटर की परिधि में लागू रहेगी 144 धारा :
बता दें कि विधानसभा परिसर में चारों ओर 300 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू रहेगी। जिसके तहत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर चार या उससे अधिक लोग एकत्र नहीं होंगे। वहीं, सांप्रदायिक भावना भड़काने वाले भाषण करना, नाारेबाजी और लाउडस्पीकर का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। इस संबंध में जिलाधिकारी ने आदेश जारी किए हैं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सोमवार से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र को लेकर यातायात प्लान तैयार किया गया है। इस दौरान जुलूस प्रदर्शन के लिए 7 बैरियर में पुलिसकर्मियों की नियुक्ति कर दी गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी और बिना पास के किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया जाएगा।

यह हैं डायवर्जन प्वाइंट :

सभी भारी वाहनों को कारगी चौक और डोईवाला से दूधली रोड की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
रिस्पना क्षेत्र में यातायात का दबाव अधिक होने पर भारी वाहनों को आंशिक रुप से लालतप्पड़, हर्रावाला और नयागांव पर रोका जाएगा।
देहरादून से हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी और चमोली जाने वाले वाहन नेहरू कॉलोनी और फव्वारा चौक से पुलिया नंबर 6 की ओर डायवर्ट किया जाएगा।
धर्मपुर चौक से आईएसबीटी की ओर जाने वाला यातायात माता मंदिर रोड होते हुए पुरानी बाईपास चौकी से आईएसबीटी की ओर भेजा जाएगा।
मोहकमपुर की ओर से मसूरी जाने वाले वाहन जोगीवाला से रिंग रोड से लाडपुर से सहस्त्रधारा क्रासिंग से आईटी पार्क से मसूरी मार्ग की ओर भेजा जाएगा।
मोहकमपुर की ओर से देहरादून शहर की ओर आने वाले वाहनों को विधानसभा तिराहा, रिस्पना,पुरानी बाई चौकी होते हुए धर्मपुर से ईसी रोड की ओर भेजा जाएगा।
प्रत्येक जुलूस (अनुमति प्राप्त) केवल बन्नू स्कूल से प्रस्थान करेगा और इनके वाहन भी बन्नू स्कूल में ही पार्क किए जाएंगे। जुलूस के बन्नू-स्कूल से प्रगति विहार बैरियर की ओर प्रस्थान करने पर रिस्पना से देहरादून शहर की ओर आने वाले वाहनों को हरिद्वार बाईपास से पुरानी बाईपास चौकी की ओर भेजा जाएगा।

यातायात दबाव होने की स्थिति में डोईवाला से देहरादून की ओर आने वाली सिटी बस को कैलाश अस्पताल से यू-टर्न लेकर वापस डोईवाला को ओर भेजी जाएगी। आवश्यकता के अनुसार अन्य मार्गों से भी यातायात को डायवर्ट किया जा सकता है और डायवर्ट किए गए यातायात को भी सामान्य किया जा सकता है।

 

गैरसैंण का “प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र” धामी सरकार को आईना : गरिमा मेहरा दसौनी

गैरसैंण का "प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र" धामी सरकार को आईना : गरिमा मेहरा  दसौनी | Chanakya Mantra
देहरादून, उत्तराखंड कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर आगामी 27 फरवरी को गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र आयोजित किया गया है। रविवार को प्रदेश मुख्यालय में यह जानकारी देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा बजट सत्र देहरादून में कराए जाने का निर्णय बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। दसौनी ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय शहीद आंदोलनकारी की आत्मा को छलनी कर देने वाला निर्णय है। गरिमा ने कहा की राज्य का आंदोलन गैरसैंण के ही इर्द-गिर्द बुना गया था ,उस वक्त नारा चर्चित हुआ कोदा झिंगुरा खाएंगे गैरसैंण राजधानी बनाएंगे, लेकिन इसे राज्य की विडंबना ही कहा जा सकता है की 23 साल राज्य गठन के बाद भी उत्तराखंड अपनी एक अदद राजधानी को तरस रहा है।
दसौनी ने कहा की पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा यह निर्णय ले लिया गया था की गैरसैंण में जब तक व्यापक व्यवस्थाएं नहीं हो जाती तब तक हर वर्ष बजट सत्र गैरसैंण में ही आहूत होगा परंतु स्वयं की ही सरकार में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बावजूद धामी सरकार गैरसैंण जाने से परहेज कर रही है ।
विधायकों के पत्र को आड़ बनाकर सरकार ने बजट सत्र देहरादून में ही आहूत करने का निर्णय लिया है जो पृथक पहाड़ी राज्य की मूल अवधारणा को ही बेमानी साबित करता है। दसौनी ने कहा की गैरसैंण में प्रतीकात्मक सत्र आहूत किया जाने का प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा का फैसला न सिर्फ धामी सरकार की आंखें खोलने वाला साबित होगा बल्कि आने वाले चुनाव के मध्य नजर ब्रह्मास्त्र साबित होगा। उत्तराखंड की जनता के सामने यह जग जाहिर हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क होता है । दसौनी ने कहा की इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ सत्र आहूत करके कांग्रेस पार्टी सरकार और सरकार में बैठे हुए मंत्रियों को दिखाएंगे की कैसे सत्र चलाया जाता है ?किस तरह के मुद्दे सदन में उठने चाहिए और किस स्तर की बहस होनी चाहिए। मंत्री विधायकों की क्या तैयारी होनी चाहिए और सदन का क्या अनुशासन होना चाहिए यह भी बानगी के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
दसौनी ने आगे जानकारी देते हुए कहा की इस प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, अंकिता भंडारी हत्याकांड, भर्ती घोटाले, अग्निवीर योजना, केदारनाथ में सोना चोरी, प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध और शोषण, बिगड़ती कानून व्यवस्था, बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं, प्रदेश में आंदोलन-प्रदर्शन करते संविदा, उपनल कर्मचारी, आंगनबाड़ी महिलाएं, ओ पी एस की मांग कर रहे सेवानिवृत्ति कर्मचारी, जंगली जानवरों का आतंक और भू-कानून इत्यादि मुद्दों पर मौन धामी सरकार को चौतरफा घेरा जाएगा।
दसौनी ने कहा की प्रदेश के महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए प्रदेश की धामी सरकार यूसीसी, बुलडोजर न्याय और धार्मिक मुद्दों पर अपनी ओछी राजनीति कर रही है और नई आबकारी नीति से देवभूमि उत्तराखंड में शराब को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है दूसरी ओर प्रदेश में खनन एवं भू-माफिया को संरक्षण देने का काम कर रही है।
.इस लिहाज से इस प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र का और भी महत्व बढ़ जाता है। गैरसैंण में आहूत होने वाले प्रतीकात्मक विधानसभा सत्र को लेकर प्रदेश मुख्यालय में रविवार को इंडिया गठबंधन के साथियों की बैठक भी हुई।

उत्तराखंड बोर्ड हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा 27 फरवरी से, परीक्षा में मोबाइल को लेकर बरती जायेगी बेहद सतर्कता

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देहरादून, उत्तराखंड हाईस्कूल इंटर मीडिएट बोर्ड परीक्षा के दौरान परीक्षा कक्ष के भीतर मोबाइल पर सख्ती से प्रतिबंध रहेगा। कक्ष निरीक्षक के रूप में तैनात शिक्षकों के पास यदि मोबाइल पाया जाता है तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे शिक्षकों को तत्काल परीक्षा प्रक्रिया से हटा दिया जाएगा। उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है। महिला शिक्षकों को भी परीक्षा कक्ष के भीतर बैग लाने की अनुमति नहीं होगी।
विद्यालयी शिक्षा परिषद के सभापति महावीर सिंह बिष्ट ने शनिवार को इसके निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल को लेकर बेहद सतर्कता बरती जा रही है। मोबाइल को भी एक प्रकार नकल कराने का उपकरण माना गया है। बोर्ड परीक्षा के दौरान जांच के लिए जाने वाले फ्लाइंग स्क्वायड को स्पष्ट निर्देश गए हैं।यदि कोई शिक्षक मोबाइल के साथ पकड़ा जाता है तो उसे तत्काल परीक्षा प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाए। बिष्ट के अनुसार इस वर्ष राज्य में 165 परीक्षा केंद्र संवेदनशील केंद्र के रूप में चिह्नित हैं। खासकर इन केंद्रों के प्रति विशेष एहतियात बरता जाएगा।
उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं 27 फरवरी से शुरू होने जा रहे हैं। विद्यालयी शिक्षा परिषद ने सभी जिलों को छात्र संख्या के अनुसार प्रश्नपत्र व अन्य आवश्यक सामग्री को भेज दिया है। सभापति महावीर सिंह बिष्ट ने बताया कि इस वर्ष हाईस्कूल और इंटर मीडिएट में दो लाख दस हजार 648 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। पूरे प्रदेश में 1228 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षाओं की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और परिषद मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं।

 

दून से ऋषिकेश तक हुआ अखंड रिले मैराथन दौड़ का आयोजन

“रिले दौड़ में 70 से अधिक महिला और पुरुष कार्मिकों ने लिया भाग”

अखंड रिले मैराथन दौड़ में दिखाई क्षमता, स्वच्छता का दिया संदेश - Dakshin  Prakash
देहरादून, सचिवालय एथलेटिक्स एंड फिटनेस क्लब के तत्वावधान में नमामि गंगे परियोजना के सहयोग से अखंड रिले मैराथन दौड़ 2024 का आयोजन किया गया।
यह मैराथन दौड़ सचिवालय देहरादून से प्रारंभ होकर परमार्थ निकेतन ऋषिकेश तक आयोजित की गई। इस रिले दौड़ में सचिवालय परिवार की 70 से अधिक महिला एवं पुरुष अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। रिले रेस को संयुक्त सचिव उत्तराखंड शासन श्री एस एस रावत एवं नमामि गंगे कि अधिकारियों द्वारा हरी झंडी दिखाई गई ।
क्लब के अध्यक्ष श्री ललित चंद्र जोशी द्वारा बताया गया कि मैराथन दौड़ का उद्देश्य आम जनमानस को गंगा सफाई, स्वच्छता पर्यावरण रक्षा, एवं खुद को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रखने के लिए किया गया। इस अखंड रिले दौड़ में क्लब के महासचिव श्री राजेंद्र प्रसाद जोशी सलाहकार श्री जीवन सिंह बिष्ट उपाध्यक्ष श्रीमती रीता कौल, कोषाध्यक्ष श्री दिनेश घींगा श्री तुलसी प्रसाद पचोली श्री सुभाष लोहनी, रीना शाही, प्रमिला टम्टा, गोदावरी रावत,सहित सचिवालय परिवार की 70 लोगों ने प्रतिभागा किया |

महिलाओं को सबल बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता : पीएम मोदी

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वाराणसी , (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महिलाओं को आगेे बढ़ाना और उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दो दिवसीय यात्रा के दौरान महिलाओं के एक समूह से बात कर रहे थे।
बातचीत के दौरान महिलाओंं ने उन्हें प्राप्त गिर नस्ल की गाय की खूबियों व उनसे होने वाले लाभ के बारेे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया। महिलाओं ने कहा कि जब से वे गिर गाय पालने लगी हैं, उनके जीवन में बहुत सकरात्मक बदलाव आया है। गायों के दूध को वे यहां स्थापित अमूल की डेरी में देती हैं। इससे उनकी आय पहले के मुकाबले बढ़ गई है। अब वे अपनी निजी खर्च के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं हैं।
गायों के गोबर का इस्तेमाल जैविक उर्वरक के रूप मेें भी करने की बात महिलाओं ने बताई। उन्होंने कहा कि इस उर्वरक का इस्तेमाल करने से उनके खेत की उर्वरता बढ़ गई है। इससे फसलों का उत्पादन पहले की तुलना में अधिक हो गया है। इसके चलते उन्होंने अब अपने खेत में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम कर दिया है। इसके कारण जहां उनके पैसे की बचत हो रही है, वहीं खेत में पौष्टिक फसलों का उत्पादन हो रहा है।
कुछ महिलाओंं ने अपने अनुभव का वर्णन करते हुए बताया कि गिर गाय के दूध का इस्तेमाल करने से उनको कई बीमारियों से भी छुटकारा मिल गया। उनके दवा के खर्चे के कम हो गए। महिलाओंं ने और अधिक पैमाने पर गिर गाय पालने की अपनी मंशा भी बताई। प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हेंं हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

सिमटती जा रही है असहमति की जगह : कॉमरेड बच्चीराम कौंसवाल स्मृति व्याख्यान में वक्ताओं ने संवैधानिक मूल्यों की दिलाई याद

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“जनपक्षीय पत्रकारिता के लिए स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट सम्मानित”

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि असमति की आवाज को न सिर्फ जगह मिले, बल्कि पूरा सम्मान भी मिले। लेकिन आज ऐसा नहीं हो रहा है। असहमति की जगह सिमटती जा रही है और ऐसी आवाजों को कुचलने के प्रयास किये जा रहे हैैं। इससे लोकतंत्र के सामने संकट पैदा हो गया है। कॉ. बच्चीराम कौंसवाल स्मृति सम्मान एवं व्याख्यान कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह बात कही।
जन संवाद समिति उत्तराखंड की ओर से प्रेस क्लब में आयोजित सम्मान एवं व्याख्यान समारोह में जनपक्षीय पत्रकारिता के लिए स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट को स्मृति चिन्ह, शॉल और 11 हजार रुपये नकद देकर सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान स्व. बच्चीराम कौंसवाल के धर्मपत्नी श्रीमती जगदेश्वरी कौंसवाल, वरिष्ठ कवि व लेखक सोमवारी लाल उनियाल, वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत और सीपीएम नेता कॉ. सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने प्रदान किया।
इस मौके पर ‘मौजूदा परिपेक्ष्य में कॉ. बच्चीराम कौंसवाल की प्रासंगिकता’ विषय पर एक व्याख्यान का भी आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत ने कॉ. कौंसवाल को जन संघर्षों का पुरोधा, निष्पक्ष पत्रकार और योग्य शिक्षक बताया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब आम लोगों के संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है, समाज में वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया जा रहा है और घृणा का वातावरण तैयार किया जा रहा है, ऐसे में कॉ. कौंसवाल के विचार हमें एक राह दिखाते हैं। वरिष्ठ कवि, लेखक और पत्रकार सोमवारी लाल उनियाल ने कहा कि कॉ. कौंसवाल की पुण्यतिथि पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने पहला पुरस्कार त्रिलोचन भट्ट को दिये जाने को एक सकारात्मक पहल बताया।
सीपीआई नेता समर भंडारी ने कहा कि कॉ. बच्चीराम कौंसवाल जानते थे कि मौजूदा दौर में हमें साम्प्रदायिक ताकतों के साथ लड़ने के लिए सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मोर्चे की भी जरूर है। इसीलिए उन्होंने जन संवाद समिति का गठन किया। सीपीएम के नेता शिव प्रसाद देवली ने पत्रकारिता के मौजूदा दौर को निराशाजनक बताया और कहा कि आज पत्रकारिता का अर्थ सत्ता का स्तुतिगान हो गया है, यह बेहद खतरनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जिस तरह के कदम उठा रही है, वह लोकतंत्र को जानबूझकर खतरे में डालने जैसा है। त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि मीडिया कर्मियों पर मालिकान की ओर से कई तरह के दबाव होते हैं, फिर भी जनपक्षीय सोच रखने वाले पत्रकारों को किसी न किसी रूप में जनता के पक्ष में खड़ा जरूर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता प्रतिष्ठान आज हमारे सभी अधिकारों को छीनना चाहता है। हम क्या खाएं, क्या पीएं, कौन सा रंग धारण करें और किसकी जय बोलें, सत्ता चाहती है कि यह भी उसकी मर्जी से हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार रोजगार और भू-कानून जैसे मुद्दों पर बुरी तरह से घिरी हुई है। लोग इन सवालों को न उठाएं, इसलिए लगातार साम्प्रदायिक मुद्दों का हवा दी जा रही है। पुरोला से लेकर मजार जेहाद, यूसीसी और बनभूलपुरा तक की घटनाओं को उन्होंने शर्मनाक ओर संवैधानिक मूल्यों के विपरीत बताया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने कॉ. कौंसवाल के जन संघर्षों और समाज के लिए उनके समर्पण को याद किया।
जन संवाद समिति के सचिव सतीश धौलाखंडी ने कहा कि यह सम्मान हर दो साल में दिया जाएगा। अगली बार से पत्रकारिता के अलावा साहित्य, जनसंघर्ष और रंगमंच के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एक-एक व्यक्ति को भी सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन कमलेश खंतवाल ने किया।
इस मौके पर गीता गैरोला, निर्मला बिष्ट, विजय गौड़, डॉ. जितेन्द्र भारती, प्रमोद कौंसवाल, हिमांशु चौहान, शैलेन्द्र परमार, राकेश अग्रवाल, जगमोहन मेहंदीरत्ता, अखिलेश उनियाल, इंद्रेश नौटियाल, स्वाति नेगी, संजय कोठियाल, राजेन्द्र पुरोहित, अनंत आकाश, लेखराज, एनएस पंवार, विनोद खंडूरी, मदन मोहन कौंसवाल, नमन कौंसवाल, अर्जुन रावत, जबर सिंह पावेल, प्रो. राजेश पाल, नन्दलाल शर्मा, हरिओम पाली, किशन गुनियाल, मामचंद, राजेश सकलानी, राकेश पंत, अरिजेन्द्र सिंह, नवनीत गोसाईं, पंकज कौंसवाल, शोभा कौंसवाल, संजीव घिल्डियाल, गजेन्द्र बहुगुणा सहित कई लोगों ने हिस्सा लिया।

 

प्रगति समीक्षा को लेकर बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष गैरोला ने ली बैठक

देहरादून, बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला की अध्यक्षता में सभी विभाग अध्यक्षों के साथ बैठक संपन्न हुई जिसमें बीस सूत्री कार्यक्रमों को विकासखंड स्तर तक अनुश्रवण कर विकासखंडों को रैंकिंग किए जाने की प्राथमिकता महसूस की गई।
बैठक में उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला ने अवगत कराया कि विकासखंड स्तरीय फ्रेमवर्क में ध्वजवाहक सतत् विकास व आकांक्षी विकास खंडों के की Key performance Indicators जोड़े गए हैं कुल 110 संकेत को चिन्हित किया गया है।
एनआईसी राज्य इकाई के सहयोग से विकसित 20 सूत्रीय कार्यक्रम के नवनिर्मित वेब एप्लीकेशन का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें अब सीधे मासिक प्रगति रिपोर्ट जनपद के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी प्रविष्टि करेंगे तथा प्रत्येक संकेतक के डाटा प्रमाणीकरण का कार्य विभाग अध्यक्ष स्तर पर किया जाएगा इस हेतु सभी जनपद के अधिकारियों व राज्य मुख्यालय के लिए पृथक पृथक आई डी एवं पासवर्ड निर्धारित किए जाएंगे। डैशबोर्ड के माध्यम से जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी 20 सूत्रीय कार्यक्रम की डाटा एंट्री वह वैलिडेशन की प्रगति की मॉनिटरिंग कर पाएंगे।

साथ ही उपाध्यक्ष गैरोला ने दिसंबर माह की प्रगति समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री आवास नगरी एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सभी जनपदों को न्यूनतम प्रगति अर्थात डी श्रेणी होने पर चिंता व्यक्त की एवं अधिकारियों को उचित निर्देश दिए। जे. सी. चंदोला शोध अधिकारी 20 सूत्री कार्यक्रम द्वारा अवगत कराया की पूर्व महा की प्रगति के आधार पर 33 संकेतकों/ योजनाओं की सूचियां भी अब ऑनलाइन फीड की जाएगी जिसमें जिला विकासखंड व पंचायत स्तर के फिल्टर लगाए गए हैं।

संयुक्त निदेशक टी. एस. अन्ना द्वारा अवगत कराया की 20 सूत्री फ्रेम में 11 योजनाओं को रैंकिंग में शासन के निर्देश अनुसार जोड़ा जाना है जिसे प्राप्त डाटा का उपयोग सतत् विकास लक्ष्यों के सूचकांक बनाए जाने में किया जाएगा।

कार्यक्रम में अर्थ सांख्यिकी निदेशक सुशील कुमार सीपीपीजीजी के विशेषज्ञ शैलेंद्र सिंह सहित अर्थ एवं संख्या के समस्त संयुक्त निदेशक उपनिदेशक वह 20 सूत्री कार्यक्रम के अधिकारी कर्मचारी सभी विभागों के अधिकारियों द्वारा प्रतिभा किया गया।

आशा वर्कर्स ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, अब विधानसभा सत्र के दौरान भी होगा प्रदर्शन

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देहरादून, सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय पर प्रदर्शन किया। आशाओं ने मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करने की बात कही। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि 26 फरवरी 2024 को होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान वे विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगी।
प्रदर्शन के दौरान आशाओं को संबोधित करते हुए सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि वर्तमान में केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। ये सरकारें आशाओं की मांगों को नजरअंदाज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा के चुनाव की दहलीज पर हम खड़े हैं। यदि सरकार आशाओं की मांगो पर विचार नही करती है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि हमारी यूनियन की ओर से सरकार व विभागीय अधिकारियों को आंदोलन व अन्य माध्यमों से समय समय पर मांगों को लेकर ज्ञापन दिए गए हैं। किंतु सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कारवाही नही की गई है इस लिए उन्होंने तय किया गया है कि वे 26 फरवरी 2024 को होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान वे विधानसभा पर प्रदर्शन करेंगे उन्होंने मांग की कि उनसे वार्ता कर मांगों पर कार्यवाही की जाए इस अवसर पर स्वास्थ्य महानिदेशक को मांग पत्र दिया गया और कारवाही हेतु मांग की गई।
इस अवसर पर यूनियन की प्रांतीय उपाध्यक्ष कलावती चन्दोला, जिला देहरादून अध्यक्ष सुनीता चौहान, लोकेश देवी, रीता, ममता, नीरा कंडारी ने स्वास्थ्य महानिदेशक के साथ वार्ता में भाग लिया। बताया गया कि वार्ता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से आश्वस्त किया गया कि वे शासन में वार्ता कर कार्रवाई करेंगे।

आशा वर्कर्स की मांगे :
आशाओं को 10 हजार वेतन, मानदेय दिए जाने का कई राज्यो में प्रावधान है। इसे उत्तराखंड में भी लागू किया जाए। आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाए, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशनखोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए आदि मांगे शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों में नीरज यादव, राधा, सुनीता, रोशनी, लता, नीलम, भुवनेश्वरी, अनाली, सुषमा, अंजली, बबीता, सुनयना, आशा ठाकुर, इवन, मेहरून, सुनित पाल आदि शामिल हुए।

 

आशाओं के हर आंदोलन में पंचायत प्रतिनिधि शामिल होकर उनकी ताकत को बढ़ाएंगे : मर्तोलिया

पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के संयोजक तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिला मुख्यालय में आशा कार्यकर्तीओं द्वारा चलाए जा रहे धरना-प्रदर्शन में बैठ कर सरकार को चैताया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री ने ₹6000 तथा प्रधानमंत्री ने ₹12500 मानदेय दिए जाने की घोषणा की थी, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने सरकार से तत्काल आशा कार्यकर्तीओं को मानदेय दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार आशाओं के ऊपर काम के बोझ को लगातार बढ़ा रही है, लेकिन काम के बदले उन्हें पारिश्रमिक नहीं दे रही है। यह महिला समाज के प्रति अन्याय का ज्वलंत उदाहरण है। कहा कि भविष्य में उनके हर आंदोलन में पंचायत के प्रतिनिधि शामिल होकर उनकी ताकत को बढ़ाएंगे।

 

हरिद्वार रोड स्थित परिवहन निगम की पूर्व कार्यशाला स्मार्ट सिटी को हस्तांतरित

देहरादून, उत्तराखंड़ परिवहन निगम की हरिद्वार रोड स्थित पूर्व कार्यशाला भूमि देहरादून स्मार्ट सिटी को हस्तांतरित कर दिया गया। भूमि यूटीसी की तरफ से भूमि हस्तगत कर्ता अनिल सिंह महाप्रबंधक प्रशासन द्वारा देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी तीरथपाल सिंह को किया गया |
उक्त कार्य में सीपीडब्ल्यूडी की तरफ से उनके अधिशासी अभियंता संजय कुमार, सहायक अभियंता तारक कांत नायक, देहरादून स्मार्ट सिटी की तरफ से अधीक्षण अभियंता जगमोहन सिंह चौहान और उनके सहायक महाप्रबंधक गिरीश पुंडीर, यूटीसी की तरफ से उनके सहायक अभियंता प्रमोद दीक्षित भी उपलब्ध रहे एवं स्मार्ट सिटी की लिमिटेड की तरफ से सहायक महाप्रबंधक आशीष दया सक्सेना एवं अधिशासी अभियंता मदन मोहन सिंह पुंडीर, सहायक अभियंता आशीष मिश्रा उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता एचपीएससी की बैठक में हुए निर्णय के बाद एक अतिरिक्त बेसमेंट का निर्माण किया जाएगा ( कुल बेसमेंट 2) तथा एक ग्राउंड फ्लोर एवं 6 और फ्लोर का भवन बनाया जा रहा है। रुके हुए निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ होने जा रहा है।

उत्तराखण्ड़ को 9 योजनाओं की सौगात देंगे पीएम नरेंद्र मोदी, स्वास्थ्य सचिव ने दी जानकारी

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* स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का देहरादून में होगा आयोजन
* पांच जिलों में खुलेंगे ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, हरिद्वार में खुलेगी शहरी सी.एच.सी.
* श्रीनगर में ट्रांजिट हॉस्टल और रुद्रपुर अस्पताल में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास होगा
* खाद्य पदार्थों का परीक्षण हेतु 02 सचल खाद्य विश्लेषणशालाये

देहरादून, पीएम नरेन्द्र मोदी रविवार को उत्तराखंड के 9 चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाओं का वर्चुअल लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री प्रदेश के पांच जिलों में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट और हरिद्वार में शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन 25 फरवरी को करेंगे। इसके अलावा जिला चिकित्सालय रुद्रपुर में क्रिटिकल केयर ब्लॉक और उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर में ट्रांजिट हॉस्टल के निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे। सभी आठ सेवाओं पर रुपये 36.26 करोड़ की लागत आई है |

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री देश को आयुष्मान भारत, विकसित भारत की सौगात देने जा रहे हैं। जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी जनपदों में 25 फरवरी को कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन देहरादून में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में किया जाएगा। जिसमें जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्य अधिकारियों/कर्मचारियों, आम जनमानस को आमंत्रित कर लाइव प्रसारण किया जाएगा।

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा राजकोट से वर्चुअल माध्यम से उत्तराखंड के 08 परियोजनाओं प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-अभिम) के तहत जनपद उत्तरकाशी के पुरोला, नैनीताल के भवाली, रुद्रप्रयाग के जखोली, बागेश्वर के कपकोट, चंपावत के बाराकोट में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट (बी.पी.एच.यू.) एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण करेंगे। यह परियोजनाएं 13.93 करोड़ की लागत से स्वास्थ्य इकाइयां निर्मित की गई है।

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम-अभिम के अंतर्गत जनपद उधम सिंह नगर स्थित जिला चिकित्सालय रुद्रपुर में क्रिटिकल केयर ब्लॉक एवं एन.एच.एम. के अंतर्गत जनपद पौड़ी स्थित उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर में चिकित्साधिकारियों हेतु ट्रांजिट हॉस्टल के निर्माण का शिलान्यास करेंगे। यह 22.33 करोड़ की लागत से निर्मित होंगी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी भौतिक रुप से गुजरात के राजकोट से देश के 25 राज्यों को 11,391.79 करोड़ की लागत से तैयार स्वास्थ्य सेवाओं की सौगात देंगे। जिसमें उत्तराखंड के स्वास्थ्य इकाइयों सहित देश भर में नए एम्स, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के अलावा आईसीएमआर की शोध यूनिट और खाद्य सुरक्षा को लेकर अनुसंधान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा आम जनमानस को सुरक्षित, पौष्टिक एवं गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु उत्तराखंड राज्य को 02 सचल खाद्य परीक्षण विश्लेषणशालायें (फूड सेफ्टी ऑन व्हील) जिनकी कुल लागत रूपये 87.40 लाख उपलब्ध करवायी गयी है। सचल खाद्य परीक्षण विश्लेषणशालाओं द्वारा समय-समय पर राज्य में भ्रमण कर आम उपभोक्ताओं द्वारा उपभोग किये जा रहे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का मौके पर ही परीक्षण किया जायेगा तथा विश्लेषणशाला में स्थापित डिस्पले स्क्रीन एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा खाद्य सुरक्षा से संबधित जानकारी प्रदान की जायेगी।
सचल खाद्य परीक्षण विश्लेषणशाला का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को उपलब्ध कराये जा रहे खाद्य पदार्थों का मौके पर ही परीक्षण, प्रशिक्षण एवं खाद्य सुरक्षा से संबंधित जन-जागरूकता प्रदान किया जाना है, जिनको आगामी चारधाम यात्रा मार्गों, पर्यटक स्थलों, कांवड यात्रा मार्ग एवं विभिन्न मेलों इत्यादि में संचालित किया जायेगा।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा दंगों का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक गिरफ्तार, सेशन कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल दाखिल

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नैनीताल, उत्तराखण्ड़ में हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को पुलिस ने दिल्ली से पकड़ लिया है। मलिक के वकीलों से मिली सूचना के मुताबिक उसे उत्तराखंड पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है |
अब्दुल मलिक के अधिवक्ता अजय कुमार बहुगुणा और शैलभ पांडे ने बताया हल्द्वानी के सेशन कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। अब्दुल मलिक ने सेशन कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल यानी अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। जिसमें उसने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। अधिवक्ता के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस अब्दुल मलिक को हल्द्वानी लेकर आ रही है, फिलहाल, इस मामले को लेकर देर शाम तक पुलिस पत्रकार वार्ता कर सकती है।
आपको बता दें कि आठ फरवरी को बनभूलपुरा के मलिक के बगीचा में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया था। इसमें सैकड़ों कर्मी घायल हुए थे। इसके अलावा नगर निगम की संपत्ति को भी नुकसान हुआ था। बाद में नगर निगम ने ढाई करोड़ से अधिक की राशि की भरपाई के लिए अब्दुल मलिक को नोटिस भेजा। यह राशि जमा न होने के बाद तहसील के माध्यम से आरसी की वसूली की कार्रवाई की जा रही है। इसकी सुनवाई 27 फरवरी को होगी।

मोदी के विकास के विजन मे भरोसा करने वाले विपक्षी विधायकों का स्वागत करेगी भाजपा: भट्ट

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ईडी का नोटिस जांच प्रक्रिया का हिस्सा, सभी सरकारों मे जांच प्रक्रिया के मानक समान

देहरादून । भाजपा ने विपक्षी पार्टियों में चल रही कश्मकश पर स्पष्ट किया कि जो भी विपक्षी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के विजन से प्रभावित होकर
विकास नीति को बढ़ाना चाहते हैं भाजपा उनका स्वागत करती है और पार्टी उन्हे कमल के निशान पर सदन में पुनः भेजेगी ।
प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की जीत निश्चित है, इसलिए समझदार कांग्रेस नेता मैदान में उतरने से बच रहे हैं। साथ ही हरक प्रकरण में ईडी के नोटिस को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए जांच में सहयोग की सलाह दी ।
यमुना कालोनी स्थित आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में श्री भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में देश और प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है । जिसके चलते जनता का आशीर्वाद पूरी तरह भाजपा के साथ है। यही वजह है कि मोदी जी की विकास नीति के खिलाफ जो खड़ा होता है उसे जनता नकार देती है । भारी जन दबाव विपक्ष के जनप्रतिनिधियों पर भी है कि वे उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य में सहभागी बने। उन्होंने विपक्षी विधायकों के भाजपा में आने की चर्चाओं को भी जनता के इसी दबाव का नतीजा बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस या विपक्ष के जो भी विधायक मोदी जी की विकास नीति को मजबूती देने के लिए भाजपा में आना चाहते हैं उनका स्वागत किया जायेगा और विश्वास दिलाते हुए कहा कि विधायकी जाने पर भी हम उन्हे कमल के निशान पर दोबारा विधानसभा भेजेंगे ।

कांग्रेस की गुटबाजी और आंदोलनों को लेकर पूछे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री भट्ट ने कहा कि विचारहीन, मुद्दाविहीन और सिद्धांत शून्य कांग्रेस पार्टी में नेताओं और कार्यकर्ताओं मे किसी में भी जनता का सामना करने का साहस नही है । कांग्रेस सत्ता आधारित राजनीति करती रही है, इसलिए उसे हार किसी भी हाल मे स्वीकार नही है। एक दशक में लगातार संसद, विधानसभा से लेकर नगर निकाय, पंचायतों में नकारे जाने के बाद अब उनके बड़े नेताओं का सिर्फ हार के लिए चुनाव में उतरना समझदारी नहीं है। चुनाव में ही नही कांग्रेस के आंदोलनों में भी उनके कार्यकर्ता शामिल नही होते हैं । क्योंकि जनता की तरह वे भी देश प्रदेश की विकास यात्रा के सहभागी बन रहे हैं । यही वजह है कि उनके आंदोलन से जनता के साथ कार्यकर्ता भी नदारद रहते हैं, जिसकी भड़ास उनके नेता उत्तराखंड के जनमानस के लिए अपशब्द बोलकर उतारते हैं ।

उन्होंने हरक सिंह रावत और उनकी बहू को ईडी ने नोटिस पर पूछे सवाल पर स्पष्ट किया कि यह ईडी की कार्यप्रणाली का एक तरीका है, जिसमे इस तरह से नोटिस दिया जाता है । ऐसा नहीं है कि यह भाजपा के शासनकाल में हो रहा है सभी सरकारों में इसी तरह से ईडी काम करती है । बेहतर हो कि कांग्रेस पार्टी नेताओं को ईडी की कार्रवाई में सहयोग देना चाहिए, ताकि जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो ।