Monday, May 12, 2025
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पेटीएम और फोनपे की बढ़ेगी मुश्किलें, जियो जल्द करेगा इस प्रोडक्ट की लॉन्चिंग

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नई दिल्ली, टेलीकॉम सेक्टर के बाद रिलायंस जियो अब यूपीआई सेक्टर में पेटीएम, गूगल पे और फोनपे की मुश्किलें बढ़ाने वाला है। दरअसल, रिलायंस जियो जल्द ही पेटीएम जैसा ही अपना पॉकेट साइज स्पीकर लाने वाली है। रिलायंस जियो पे बॉक्स लॉन्च करने वाला है। इसकी मदद से छोटे दुकानदार और कारोबारियों को ग्राहकों की तरफ मिले पेमेंट की जानकारी की सुविधा मिलेगी। जियो पे बॉक्स बिल्कुल पेटीएम बॉक्स या फोनपे बॉक्स की तरह ही होगा। इसमें पेमेंट होने पर ऑडियो से जानकारी मिलेगी। एनबीटी रिपोर्ट की मानें, तो कंपनी इस नए प्रोडक्ट को अपनी कर्मचारियों पर टेस्ट कर रही है। इसके बाद इसे आम पब्लिक के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराएगी।

मौजूदा वक्त में पेटीएम की तरफ से मार्केट में लाखों की संख्या में पेटीएम बॉक्स को उपलब्ध कराया गया है। इनकी मंथली फीस 129 रुपये है। इस सब्सक्रिप्शन मॉडल से पेटीएम को काफी फायदा होता है। जियो पे बॉक्स को पेटीएम के मुकाबले कम कीमत में पेश किया जा सकता है। साथ ही शुरूआत में फ्री सब्सक्रिप्शन ऑफर किया जा सकता है।

जियो पे बॉक्स पेटीएम के कारोबार पर सीधा असर पड़ सकता है। पेटीएम यूपीआई पेमेंट के मामले में भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। लेकिन इसका मार्केट शेयर गूगल पे और फोन से काफी कम है। फोनपे का भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कुल यूपीआई पेमेंट में हिस्सेदारी 46.4 फीसद है। जबकि गूगल पे 34.8 फीसद के साथ दूसरे नंबर पर आता है। जबकि पेटीएम महज 14.7 फीसद के साथ तीसरे नंबर पर आता है।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में की सी.एम हेल्पलाईन 1905 की समीक्षा

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में सी.एम हेल्पलाईन 1905 की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान विभिन्न शिकायतकर्ताओं से वार्ता कर उनकी समस्याएं सुनी एवं सीएम हेल्पलाईन के संबंध में फीडबैक लिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी सीएम हेल्पलाइन 1905 में आने वाली शिकायतों को शीर्ष प्राथमिकता से लें। साथ ही सीएम हेल्पलाइन 1905 को और अधिक प्रभावी बनाए जाने पर कार्य हो। उन्होंने कहा सीएम हेल्पलाइन का मकसद जनता को सहूलियत पहुंचाना है। शिकायत का समाधान न होने पर संबंधित विभाग व अधिकारी उसका अनवरत रूप से फॉलोअप करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दीर्घकालीन/ टेक्निकल समस्याओं को लंबित रखने की आदत छोड़, समस्याओं के शीघ्र समाधान पर कार्य करें। शासन व प्रशासन का एकमात्र मकसद जनता को संतुष्ट करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी प्रत्येक स्तर पर नियमित रुप से सीएम हेल्पलाइन 1905 के संबंध में बैठके लें। शासन एवं प्रशासन की जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिए। उन्होंने कहा शिकायतकर्ताओं के प्रति  सभी सेवा भाव से कार्य करें, एवं उनकी समस्याओं को बेवजह लंबित न रखते हुए शीघ्र समाधान करें। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि  तहसील दिवसों के दौरान भी सीएम हेल्पलाइन 1905 से आने वाली शिकायतों को तत्काल पोर्टल पर अपडेट किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाईन के शिकायतकर्ताओं से फोन के माध्यम से वार्ता की जिसमें उधम सिंह नगर की शिकायकर्ता भावना फुलारा द्वारा बताया गया है कि उनका राशन कार्ड ऑनलाइन प्रदर्शित नही हुआ था, जिस कारण उनका आयुष्मान कार्ड नही बन पा रहा था। सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करने के महज 5 दिन में उनकी शिकायत का समाधान किया जा चुका है। जिसके लिए शिकायकर्ता भावना फुलारा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान नैनीताल के शिकायकर्ता सर्वेश शर्मा ने बताया कि उनके घर में कई दिनों से पानी नही आ रहा था। नई पाइप लाइन डालते समय उनके घर की पुरानी पाइप लाइन टूट गई थी। कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं था। परंतु सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करने के महज कुछ दिनों बाद ही उनकी शिकायत का समाधान किया जा चुका है। शिकायकर्ता सर्वेश शर्मा ने सीएम हेल्पलाईन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
हरिद्वार से शिकायकर्ता सुखजीवन सिंह ने मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान बताया कि उनकी कॉलोनी वसंत विहार में कुछ दिन पहले सड़क का निर्माण कार्य किया गया है। उन्होंने घटिया सड़क निर्माण कार्य के संबंध में सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज की थी। शिकायत दर्ज करने के उपरांत बीते रविवार को ही सड़क को फिर से बना लिया गया है। जिसके लिए उन्होंने सीएम हेल्पलाईन की सराहना की एवं सीएम के प्रति आभार प्रकट किया।
देहरादून से शिकायकर्ता विवेक की  शिकायत को सुनते हुए  मुख्यमंत्री ने तत्काल लंबित पड़ी शिकायत के शीघ्र समाधान हेतु जिलाधिकारी देहरादून को निर्देशित किया। उन्होंने जिला अधिकारियों को भी नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन के संबंध में बैठक लेने की बात कहीं।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर नियमित रूप से कार्य न करने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट किए जाने व्यवस्था भी की गई है। साथ ही अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ताओं से किये गये संवाद सम्बन्धी मैसेज अलर्ट की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। कॉलिंग एग्जीक्यूटिव के संवाद कौशल प्रशिक्षण के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही संतोषजनक रूप से बंद शिकायतों का प्रतिशत बीते एक माह में 60 प्रतिशत से बढ़कर 61 प्रतिशत हो गया है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आयकर विभाग ने टैक्स का पूरा भुगतान नहीं करने वालों का पता लगाया, 15 मार्च तय की समयसीमा

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नई दिल्ली , (आरएनएस)।  वित्त मंत्रालय ने कहा कि आयकर विभाग ने कुछ ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान की है, जिनका वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए टैक्स का भुगतान वित्तीय लेनदेन के अनुरूप नहीं है।
विभाग एक एडवांस टैक्स ई-कैम्पेन चला रहा है, जिसका मकसद ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं को महत्वपूर्ण वित्तीय लेनदेन के बारे में ईमेल के माध्यम से सूचित करना है जिन्होंने टैक्स नहीं भरा है। उनसे आग्रह किया गया है कि वे अपनी देनदारी की सही गणना करें और 15 मार्च को या उससे पहले एडवांस टैक्स की देय राशि जमा करें।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आयकर विभाग विभिन्न स्रोतों से करदाताओं के वित्तीय लेनदेन की जानकारी प्राप्त करता है। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, यह जानकारी वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) मॉड्यूल में परिलक्षित होती है और व्यक्तियों/संस्थाओं को देखने के लिए उपलब्ध है।
महत्वपूर्ण लेनदेन का विवरण देखने के लिए, व्यक्ति/संस्थाएं अपने ई-फाइलिंग अकाउंट में लॉग इन कर सकते हैं और अनुपालन पोर्टल पर जा सकते हैं। इस पोर्टल पर, महत्वपूर्ण लेनदेन देखने के लिए ई-अभियान टैब का उपयोग किया जा सकता है।
जो व्यक्ति/संस्थाएं ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें पहले ई-फाइलिंग वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत करना होगा। पंजीकरण के लिए, ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ‘रजिस्टर’ बटन पर क्लिक किया जा सकता है और संबंधित विवरण उसमें प्रदान किया जा सकता है। सफल पंजीकरण के बाद, ई-फाइलिंग खाते में लॉग इन किया जा सकता है और ई-कैम्पेन टैब के माध्यम से महत्वपूर्ण लेनदेन देखने के लिए अनुपालन पोर्टल तक पहुंचा जा सकता है।

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट उत्तराखंड इकाई द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन

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इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट उत्तराखंड द्वारा क्यारी रामनगर में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जिसमें 2 दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिवस में वास्तुकला के साथ साथ लोक कला के क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर पदमश्री से सम्मानित डॉ माधुरी बरथवाल द्वारालोक लुभावन मनुहारी गीतो एवम रचनाओं से कार्यक्रम में अपना प्रस्तुतिकरण दिया । डॉ माधुरी द्वारा पिछले पांच दशकों में उत्तराखंड लोक कला एवं लोक गीतों को आमजन विशेष कर महिलाओं को विशेष रूप से प्रेरित किया है । May be an image of 3 people, people smiling and treeइस के साथ ही एपेन कला में विशेष कार्य कर रही महिलाओं को भी सम्मानित किया ।इस अवसर मुख्य अतिथि डॉ (आर्किटेक्ट) के के अस्थाना द्वारा कार्यालयों में महिलाओं वर्ग की वास्तुकारों की संख्या बड़ाने पर बल दिया।कार्यक्रम के विशेष अतिथि आर्किटेक्ट दिव्य कुश द्वारा अपने अनुभव सांझा किए तथा उत्तराखंड राज्य के लोक कलाकारों की प्रस्तुति को सराहा ।कार्यक्रम का शुभारंभ सचिव कृष्ण कुरियाल द्वारा सभी का स्वागत किया है तथा गणेश वंदना से बांसुरी वादन से कार्यक्रम का आरंभ किया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ आर्किटेक्ट मनबर सिंह नेगी द्वारा की गई । दिवद्तीय दिवस कार्यक्रम आई आई ए उत्तराखंड चैप्टर की ए जी एम बैठक का आयोजन किया गया एवम कॉर्बेट सफारी का भी आयोजन किया गया । कार्यक्रम की की स्पॉन्सरशिप हेतु केपीटी पाइप को हार्दिक धन्यवाद किया गया ।कार्यक्रम में वरिष्ठ आर्स्किटेक्ट डॉ अशोक कुमार ,देवेश नैनवाल , डॉ अखिलेश ,सुबोध धोभाल,नीरज त्यागी , कर्नल धर्मेंद्र , मनीष जौहरी ,जसप्रीत सिंह , आर्किटेक्ट डी के. जैन , भावुक जैन हरिद्वार , आईआईए यू पी चैप्टर से अध्यक्ष आर्किटेक्ट संदीप कुमार सारस्वत ,संदीप नेगी द्वारा भी प्रतिभागिता की ।कार्यक्रम का सफल संचालन आर्केक्ट शिवांगी, सलोनी ,आर्किटेक्ट रितेश एवम कनव अग्रवाल द्वारा किया ।कार्यक्रम के अंत में मुख्य सम्नव्यकर्रता संजय भार्गव के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।May be an image of 3 people, people smiling, tree, picnic and park

नारी शक्ति की कविताओं से गूंजा पंडाल, महिला दिवस के उपलक्ष्य में हुई काव्य गोष्ठी आयोजित

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देहरादून, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कवि संगम महानगर महिला इकाई की प्रथम काव्य गोष्ठी नवनियुक्त अध्यक्ष मीरा नवेली जी की अध्यक्षता में पैसिफिक गोल्फ स्टेट के सभागार में हुई, जिसमें कवियों ने नारी शक्ति से संबंधित कविताएं सुनाई।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉली डबराल और विशिष्ट अतिथि सुविख्यात कवयित्री महिमा श्री ने
दीप जलाकर और सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ कवयित्री क्षमा कौशिक ने किया। महामंत्री शोभा पराशर ने संगठन के अन्य कार्यों में अपनी सहभागिता दी ।संगठन मंत्री गार्गी मिश्रा ने सुचारू रूप से कार्य भार संभाला।
गोष्ठी में शहर के जानेमाने वरिष्ठ साहित्यकार कविगणों की उपस्थिति रही, जिनमें संगठन के प्रांतीय महामंत्री ओजकवि श्रीकांत , असीम शुक्ल, जसवीर सिंह हलधर, मणि अग्रवाल ‘मणिका’, कविता बिष्ट ‘नेह’, डा० उषा झा ‘रेणु’, अर्चना झा, निशा अतुल्य, महेश्वरी कनेरी, स्वाति गर्ग, नीरू नीलोफ़र, नीरू गुप्त ‘मोहिनी’, उमा सिसोदिया, पूजा कपूर, शादाब अली, डॉ. राकेश बलूनी, सतेन्द्र शर्मा ‘तरंग’, डा. कुम्पल वालिया, डा. मिनोचा, शिव मोहन सिंह, दर्द गढ़वाली, तसनीमा, राकेश जैन व नवोदित रचनाकार रिद्धि आदि कवियों ने काव्य पाठ किया।

होटल चेन लार्डस ईको इन ने उत्‍तराखण्‍ड में भी कदम रखा

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देहरादून। देश की प्रसिद्ध होटल चेन लार्डस ईको इन ने उत्‍तराखण्‍ड में भी कदम रख लिया है। सोमवार को उत्‍तराखण्‍ड में लार्ड ईको इन होटल की शुरूआत की गयी।
इस अवसर पर लॉईस होटेल्स एण्ड रेसॉर्टस के उपाध्यक्ष विकास सूरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लॉईस होटेल्स एण्ड रेसॉर्टस की ओर से दून केसल होटल के के साथ साजीदारी की गयी है । जो कि हम इस कड़ी में पहला होटल उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से शुरू करने जा रहे है होटल बेहतरीन सुविधाएँ सर्वोतम दरों में प्रदान करेगा । लॉईस इको इन भारत और नेपाल में स्थित एक लोकप्रिय और काफी लेओ दून बढता हुआ होटल ब्रांड है जिसके 60 होटेल्स भारत और नेपाल में चल रहे है इसी कड़ी को जोड़ते हुए लॉईस अपना एक होटल लॉईस इको इन देहरादून में लेकर या रहा है जिसके लिए हम सब आज यहाँ पर इकट्ठा हैं।
उन्‍होंने बताया कि नया लॉन्च हुआ यह होटल काफी मॉडर्न डिजाइन से बना हुआ है जिसमे कुल 29 कमरे मौजूद हैं जिसमे स्वीट भी शामिल हैं इसमें गैस्ट के लिए मॉडर्न अममेनिटी जिसमे रूफटॉप स्काइ लौज और बार शामिल हैं, होटल में दो शानदार हाल भी मौजूद हैं जिसमे शादियों व मीटिंग आदि की व्यवस्था की जा सकती है।
यह होटल शहर के बीचों-बीच स्थित है जो रेल्वे स्टेशन से महज 3 किलो मीटर की दूरी पर है यहाँ पर नैशनल हाइवे से भी आसानी से पहुँच जा सकता है होटल के आस पास प्रमुख प्रयत्न स्थल हैं जो की टुरिस्ट और यात्रियों के लिए एक काफी अच्छा विकल्प है।
होटल दून कैसल के मालिक एवं निदेशक मिस्टर मंदीप डांग जी ने कहा कि हमें काफी खुशी है की हमने लॉईस ग्रुप के साथ साजीदारी करके एक ऐसा होटल शुरू किया है जिसके लिए हम काफी उत्साहित हैं देहरादून उत्तराखंड की राजधानी होने के साथ एक काफी सुंदर शहर है हमें यह प्रोपर्टी भारत एवं विदेशी यात्रियों के लिए एक उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करती है । इस उद्‌योग ने अपनी पहचान बनाने के लिए हम आगे बढ़ते रहे हैं और उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह हमारा एक मजबूत कदम है। उन्‍होंने कहा कि यहां आने वाले यात्रियों और मेहमानों का खास खयाल रखा जाएगा और साथ ही साथ हम अतिथि देवो भव: के मूल मंत्र को आगे बढ़ाते हुए अपने गाहकों को सभी सुविधायें प्रदान का वादा भी करते हैं। उन्‍होंने कहा कि आज भी हम अपने आप को इस श्रेणी रखने के योग्‍य हैं कि लार्डस जैसे ग्रुप ने हमारे साथ साझीदारी की।

‘अहल-ए-सुखन’ की ओर से किया गया शायर बदरुद्दीन ज़िया की शान में मुशायरा

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“गला सच का दबाया जा रहा है। सियासत से भरोसा जा रहा है। कतर के पर हमारे देखिए तो। हमें उड़ना सिखाया जा रहा है : दर्द गढ़वाली”

देहरादून, दून पुस्तकालय में अदबी संस्था अहल-ए-सुखन की ओर से शनिवार को शायर बदरुद्दीन ज़िया की शान में मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसमें शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पढ़े। मुख्य अतिथि डा. मुजीबुर रहमान ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे इक़बाल ‘आज़र’ ने ‘पड़ोसी सा न मिल पाया पड़ोसी। मेरी क़िस्मत भी हिन्दुस्तान सी है’ सुनाकर वाहवाही लूटी। बदरुद्दीन ज़िया ने ‘आलम में चमकता है फकत अपने ही दम से, सूरज की कलाई में सितारे नहीं होते।’ सुनाकर महफ़िल में समां बांध दिया।
इससे पहले दर्द गढ़वाली ने चार मिसरे ‘गला सच का दबाया जा रहा है। सियासत से भरोसा जा रहा है। कतर के पर हमारे देखिए तो। हमें उड़ना सिखाया जा रहा है।।’ सुनाकर सियासत पर तंज कसा। अमजद ख़ान अमजद ने ‘हम को मंज़िल पे पहुंचने का जुनूं ऐसा था, रुक के देखे ही नहीं पांओं के छाले हमने।’ सुनाकर खूब तालियां बटोरी।
इसके बाद सुनील साहिल ने ‘जाओ भी अब मुझको तन्हा रहने दो, मेरा ग़म है मुझको खुद ही सहने दो’ मत बहलाओ मुझको मीठी बातों से, मेरी आंखों से अश्कों को बहने दो।।’ सुनाकर श्रोताओं की दाद बटोरी। इम्तियाज़ अकबराबादी के शेर ‘रोज़ करता हूँ मैं तेरे ही ख़यालों का सफ़र, मुझको अच्छा सा लगे है ये उजालों का सफ़र।’ को भी खूब पसंद किया गया।May be an image of 7 people, people studying, television, newsroom and text
शायर राज कुमार ने ‘पहले पहल तो मुझको अज़िय्यत लगी सज़ा, आदत पड़ी जो दर्द की आने लगा मज़ा।’ सुनाकर वाहवाही बटोरी। शादाब मशहदी ने ‘चराग़ बन के जो दुनिया में जगमगाते हैं, वो अपने घर के अँधेरों से हार जाते हैं।’ सुनाकर महफ़िल को रौनक बख्शी। बदायूं से आए शायर अहमद अज़ीम ने ‘मैं मानता हूँ कि मैं रौशनी का क़ाइल हूँ मगर ये रोशनी पूछे बिना बढ़ा दी गई।।’ सुनाकर तालियां बटोरी।

इसके अलावा अमजद खान अमजद, वंदिता श्री, निकी पुष्कर, रईस फिगार, राही नहटौरी, साख दूनवी आदि ने भी कलाम पढ़े। कार्यक्रम को सफल बनाने में गौरव सारथी, विवेक सेमल्टी, हैरी माँझा, अजय, मनदीप बिष्ट, प्रवीण (कैमरा टीम), बैरागी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

10 लाख ओपीडी सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की ऐतिहासिक उपलब्धि : अनुराग ठाकुर

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शिमला , (आरएनएस)। केंद्रीय सूचना प्रसारण व खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सांसद मोबाइल स्वास्थ सेवा के 10 लाख लाभार्थी पूरा होने पर देहरा में हिमाचल प्रदेश का अब तक का सबसे बड़े मेडिकल कैंप का आयोजन करवाया जिसमें 5312 लोगों ने नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया। अनुराग सिंह ठाकुर ने 10 लाख ओपीडी सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए अस्पताल सेवा के माध्यम से जनसेवा के कार्य को निरन्तर आगे चलते रहने की बात कही है। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार, नीति आयोग के डॉ वीके पॉल जी , गंगाराम अस्पताल से चेयरमैन डॉ डी एस राणा व देश भर से 50 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति रही। अनुराग ठाकुर ने डॉ वीके पॉल व गंगाराम अस्पताल से चेयरमैन डॉ डी एस राणा कोक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए स्वास्थ्य सेवा एक्सिलेंस अवॉर्ड से सम्मानित भी किया।
अस्पताल – सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा के 6 वर्ष पूरे होने पर अनुराग सिंह ठाकुर के निजी प्रयास से क्षेत्र के 20 दिव्यांग जनों को कृत्रिम अंग भी नि:शुल्क प्रदान किए गए, जो न्यूमैटिक सॉकेट पर आधारित हैं जिनकी कीमत लाखों मे हैं। यह कृत्रिम अंग कार्बन फाइबर से तैयार किए गए हैं, यानी यह पहनने में अधिक हल्के और अधिक आरामदायक होने के साथ-साथ मजबूत और टिकाऊ भी हैं। यह कृत्रिम पैर लगने के बाद, दिव्यांग व्यक्ति चल सकता है, दौड़ सकता है, साइकल चला सकता है, सीढियां चढ़ सकता है व नृत्य भी कर सकता है। प्रदान किए जा रहे कृत्रिम हाथ की मदद से व्यक्ति भोजन बना सकता है, वाहन चला सकता है व समान भी उठा सकता है।
अनुराग ठाकुर ने कहा आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत दुनिया के लिए मेडिकल हब बनने जा रहा है। बहुत सारे देशो के लोग अपना इलाज कराने भारत आते है। हमारे देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 384 से बढक़र 700 हो गई है।मेरे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं नि:शुल्क उनके घर द्वार पर उपलब्ध कराने के लिए मैंने 6 वर्ष पूर्व सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की शुरुआत की थी।
मुझे यह बताते हुए हर्ष व गर्व की अनुभूति हो रही है कि अस्पताल सेवा ने इतने कम समय में 10 लाख लोगों तक पहुँच कर उन्हें नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई हैं। अस्पताल- सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा के 10 लाख ह्रक्कष्ठ पूरे होने पर, मुझे सेवा का इतना बड़ा अवसर देने पर और जनस्वास्थ्य से जुड़े मेरे इस वृहद कार्यक्रम पर असीम विश्वास जताने पर देवभूमि विशेषकर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की सम्मानित जनता का मैं हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ। पहाड़ी क्षेत्र में ऑपरेट कर 8 लाख किलोमीटर चलना और 6400 से ज्यादा गावों में 10 लाख से ज्यादा मरीजों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर उनके लगभग 50 करोड़ रुपयों की बचत करवा पाने का सौभाग्य मिलना मेरे लिये बहुत ही संतोषजनक है। सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से आपके घर तक पहुँच कर जनसेवा का यह कार्य निरन्तर आगे चलता रहेगा
आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, अस्पताल सेवा के 10 लाख लाभार्थी होने के अवसर पर आज रामलीला ग्राउंड, देहरा में सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा के तहत हिमाचल के सबसे बड़े नि:शुल्क मेडिकल कैम्प का ऐतिहासिक आयोजन हुआ। कैंप में लोगों के इलाज हेतु हमने 50 से ज्यादा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम बुलाई जिसमें 5312 लोगों ने इस नि:शुल्क मेडिकल कैंप का लाभ उठाया। हृदय रोग, किडनी रोग, कैंसर, हड्डी से जुड़ी बीमारियां, जच्चा बच्चा की जांच, कमजोर आंखों का इलाज, कान, नाक और गले की जांच या फिर दांतों की दिक्कत, सभी का मुफ्त जाँच, उपचार और दवा इस मेडिकल कैंप में उपलब्ध कराये गए। सभी 5312 लोगों ने मुफ़्त दवाईयां व 3463 लोगों को मुफ़्त में चश्मा भी दिया गया।
अनुराग ठाकुर ने कहा, मेरे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोग स्वस्थ रहें इसके लिए मैं सदा प्रयासरत रहा हूं। हमने क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने हेतु 2018 में अस्पताल सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की शुरुआत की थी। शुरू में दो मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के साथ शुरू किया गया यह कार्यक्रम आज 32 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के साथ वृहद रूप ले चुका है। प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट एक अनुभवी टीम से सुसज्जित है जिसमें डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन और एमएमयू पायलट होता है जो विभिन्न तरीके के 40 मेडिकल टेस्ट करने में सक्षम हैं जिसमे ्यस्नञ्ज, रुस्नञ्ज, रुद्बश्चद्बस्र क्कह्म्शद्घद्बद्यद्ग, ष्टह्म्द्गड्डह्लद्बठ्ठद्बठ्ठद्ग, ह्म्द्बष् ्रष्द्बस्र, क्चहृ, स्ह्वद्दड्डह्म्, त्रद्यह्वष्शह्यद्ग, इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा मरीजों को मुफ्त दवाएं भी दी जाती हैं।इस अभियान से सबसे ज्यादा लाभान्वित होने वाली हमारी महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक हैं। ्रह्यश्चह्लड्डद्य की 65त्न लाभार्थी महिलाएं हैं। ्रह्यश्चह्लड्डद्य ने महिलाओं के लिए रोजगार के नए साधन भी मुहैया कराये हैं। आज इसके 50त्न कर्मचारी महिला कर्मचारी हैं।अब तक हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर में चार मेगा आई कैंप लगाए जा चुके हैं। 100 से ज्यादा डॉक्टरों की देखरेख में 18,500 ओपीडी और लगभग 15000 से ज़्यादा निशुल्क चश्में बनवा कर दिए जा चुके हैं।
देहरा में मेडिकल कैंप में लोगों को संबोधित करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा देहरा में 500 करोड़ रुपये की लागत से सेंट्रल यूनिवर्सिटी का निर्माण हो रहा है जिससे इसके आसपास की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। भविष्य में मेडिकल कॉलेज भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में ही बनेगा, बनखण्डी में बन रहे चिडिय़ाघर में 90 त्न केंद्र का पैसा लगेगा, इसके साथ ही देहरा से हरिपुर सडक़ केंद्रीय सडक़ निधि से 10 करोड़ की बन कर तैयार है। साथ में ढलियारा तथा नंदनाला पुल करोड़ों रुपये की लागत से बन कर तैयार हैं। यहाँ हरिपुर में सैंकड़ों साल पुराने मंदिर है जिसके जीर्णोद्धार के लिए हम 1 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।
अनुराग सिंह ठाकुर में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के देहरा विधानसभा के हरिपुर, गुलेर में पोस्ट ऑफिस भवन का उद्घाटन कर इसे जनसेवा हेतु समर्पित किया।

सीएम धामी ने किया मुख्य सेवक सदन में किया 8275.51 करोड़ की 17 विभागों की 122 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण

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– ऊर्जा विभाग की प्रदेश में प्रिपेड मीटर योजना का किया शिलान्यास
– भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को किया टूल किट का वितरण
–  सचिव ऊर्जा एवं एमडी. पिटकुल ने मुख्यमंत्री को सौंपा 05 करोड़ का लाभांश का चेक
–  पिछले दो माह में प्रदेश में किया गया लगभग 18 हजार करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यासः मुख्यमंत्री

देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 17 विभागों की 8275.51 करोड़ की 122 विभिन्न योजनाओं का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 11 विभागों की 1048.15 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं 15 विभागों की 7227.36 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की 2027 करोड़ की प्रिपेड मीटर योजना का भी शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को टूल किट का भी वितरण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सचिव ऊर्जा एवं एमडी पिटकुल  पी.सी. ध्यानी द्वारा 05 करोड़ का लाभांश का चेक भी प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न उद्यमियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आवंटन पत्र के साथ ही मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के व्यक्तिगत लाभार्थियों के आवंटन पत्र भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ बनाना है। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। आज का यह कार्यक्रम हमारी विकास नीति का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें 8000 करोड़ रूपए से भी अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े ये सभी विकास कार्य उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश का चहूंमुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए “विकल्प रहित संकल्प“ के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है। अभी कल ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के लगभग 226 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। पिछले दो महीनों में टनकपुर में 2215 करोड़ , हरिद्वार में 5868 करोड़, चंपावत में 161 करोड़, अल्मोड़ा में 117 करोड़, पौड़ी गढ़वाल में 828 करोड़ और रुद्रप्रयाग में 456 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया। इस प्रकार पिछले दो महीने में ही 18,000 करोड़ रूपए से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। कार्य यह दर्शाते हैं कि हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कितनी तेजी के साथ विकास नीति पर आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, आवास और ग्राम्य विकास से जुड़े करोड़ों के विकास कार्यों से प्रदेश का वर्तमान बेहतर होगा। जबकि बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, स्पोर्ट्स स्डेडियम, ऊर्जा, डेयरी और पर्यटन से जुड़े करोड़ों के विकास कार्य आने वाले भविष्य में उत्तराखंड को सक्षम, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरलीकरण, समाधान और संतुष्टि के मंत्र से नई कार्य संस्कृति का वातावरण बना है। जिससे लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। हमारा काम बोले इसका भी हमारा प्रयास रहता है। मातृशक्ति एवं नौजवानों को रोजगार, स्वरोजगार के लिये नियोजन से जोडा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है, प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उत्तराखण्ड में रेल, हवाई एवं सड़क यातायात को प्रभावी बनाया गया है। टनकपुर से भी अब देहरादून के लिये ट्रेन संचालित हो गयी है। अयोध्या सहित अन्य स्थानों के लिये भी ट्रेन  की सुविधा मिल रही है। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में 56 लाख श्रद्धालु आये जबकि पूर्णांगिरी मेले में भी 50 लाख लोग आये। प्रदेश में पर्षभर धार्मिक पर्यटन का संचालन हो इसके प्रयास हो रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश की जी.एस.डी.पी. को 05 वर्षों में दुगना करने का है। प्रत्येक जिलों में 2025 तक बेस्ट प्रेक्टिस व नवाचार के रूप में क्या पहल हो सकती है इसकी भी कार्य योजना बन रही है। राज्य में जी.एस.टी. संग्रहण 23 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि प्रतिवर्ष लिये जाने वाले ऋण की धनराशि में कमी आयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज भारत विकास की एक अभूतपूर्व गाथा लिख रहा है। 2014 के पहले के भारत में और अब के भारत में जमीन आसमान का अंतर साफ-साफ दिखता है। मोदी जी ने हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरु कीं। किसान से लेकर जवान तक और शहर से लेकर गांव तक हर वर्ग और क्षेत्र के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है।
प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड से विशेष प्रेम किसी से छुपा नहीं है, देवभूमि उत्तराखंड उनके हृदय में बसता है और उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास में केंद्र सरकार हर तरह से मदद कर रही है। आज जिन कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है उनमें कई कार्य केंद्र सरकार द्वारा की गई सहायता से पूरे किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में एक तरफ जहां हम विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रहा हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के हित में कई अभूतपूर्व और कड़े फैसले भी लिए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लेकर आयी। इस संहित के लागू हो जाने से विशेषकर हमारी मुस्लिम बहन बेटियों को कई तरह से उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। उन्हें बहुत सारी मुस्लिम बहनें इस संहिता को लागू करने के लिए धन्यवाद देती हैं। अभी पिछले दिनों उधमसिंह नगर में नजूल भूमि पर पट्टा वितरित करने के कार्यक्रम में वहां भी मुस्लिम बहनों के एक ग्रुप ने यूसीसी लागू करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। हमनें प्रदेश में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें पेपरलीक जैसी घटनाओं पर लगाम लग चुकी है और सभी परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा रही हैं। ऐसे ही हमनें लैंड जिहाद के खिलाफ मुहिम चलाई और  5000 एकड़ से अधिक की सरकारी जमीन से अवैध कब्जों को खाली करवाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास के कार्य जितने जरूरी हैं उतना ही जरूरी प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन रखना होता है। हमनें पुलिस प्रशासन को इस बात के लिए खुली छूट दी है कि अगर कोई भी व्यक्ति देवभूमि उत्तराखंड में अशांति फैलाने की कोशिश करे तो उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पिछले दिनों बनभूलपुरा में कुछ असमाजिक तत्वों ने दंगे की स्थिति पैदा करने की कोशिश की, पुलिस ने एक-एक को चिन्हित करके जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, उसके मुख्य दंगाई की संपत्ति कुर्क कर दी गई है। और इतना ही नहीं, हमनें कानून बना दिया है कि अब अगर किसी ने दंगा या तोड़फोड़ करने की कोशिश की तो उसके नुकसान की पूरी भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का जो संकल्प लिया है, उस पर हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। आज जिन कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है उससे निश्चित ही उत्तराखंड के विकास को एक नई पहचान मिलेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल , धन सिंह रावत, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी अपने विचार रखे। सचिव नियोजन  आर.मीनाक्षी सुन्दरम द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर सांसद   माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक  विनोद चमोली,   सरिता आर्या,  दुर्गेश्वर लाल,  शक्ति लाल शाह,  मोहन सिंह बिष्ट,  संजय डोभाल, प्रमुख सचिव  आर.के. सुधांशू,  शैलेश बगोली,  सचिन कुर्वे, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव  रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी आदि उपस्थित थे।

नशे और नफरत के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगी महिलाएं, 19 मार्च से होगी आंदोलन की शुरूआत

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“उत्तराखंड महिला मंच को कई जन संगठनों का भी मिला समर्थन”

देहरादून, उत्तराखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिलाओं ने इस बार में लोक सभा चुनाव से ठीक पहले फिर से सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है। इस बार महिलाएं उत्तराखंड को नशे और नफरत से मुक्त करने के लिए सड़कों पर उतरेंगी। उत्तराखंड महिला मंच के इस आंदोलन को कई अन्य जन संगठनों ने भी समर्थन दे दिया है। आंदोलन की शुरुआत 19 मार्च को देहरादून से होगी और पूरे राज्य में यह आंदोलन फैलाया जाएगा।
रविवार को कचहरी स्थित शहीद स्मारक में महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित बैठक में नशे और नफरत के खिलाफ आंदोलन चलाने का फैसला किया गया। कहा गया कि चुनाव ही वह मौका है, जब राजनीतिक पार्टियां आम लोगों की बात सुनती हैं। इसलिए लोक सभा चुनाव से ठीक पहले यह आंदोलन शुरू किया जा रहा है। दावा किया गया कि राज्य में ड्रग्स पूरी तरह बंद करने और शराब नीति में सुधार किये जाने तक यह आंदोलन जारी किया रहेगा। इसके साथ ही नफरत की राजनीति का भी विरोध किया जाएगा। इस बैठक में उत्तराखंड इंसानियत मंच, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, इप्टा और भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। सभी ने महिला मंच के आंदोलन को समर्थन देने की बात कही।
बैठक में राज्य में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति में चिन्ता जताई गई। कहा कि राज्य में एक तरफ जहां सरकार ने शराब घर-घर तक पहुंचा दी है, वहीं युवा पीढ़ी तेजी से सूखे नशे की चपेट में है। वक्ताओं को कहना है कि राज्य में हर दिन भारी मात्रा में सूखा नशा सप्लाई किया जा रहा है। नशे की जाल में फंसकर कई युवाओं की मौत हो गई है। देहरादून में जहां शिक्षण संस्थाओं के आसपास सरेआम इस तरह का नशा बेचा जा रहा है, वहीं दूसरी और राज्य के दूर-दराज के इलाकों तक भी स्मैक जैसे नशीले पदार्थ पहुंचाये जा रहे हैं। यह पुलिस और संबंधित अधिकारियों की सांठ-गांठ से किया जा रहा है।
उत्तराखंड महिला मंच की अध्यक्ष कमला पंत ने कहा कि नशे और नफरत ने युवा वर्ग को तबाह कर दिया है। बेरोजगारी से हताश युवाओं को एक पार्टी नशे का आदी बना रही है और अपने झंडे पकड़ाकर उन्हें नफरत में झोंक रही है। इससे समाज और परिवारों को ताना-बाना पूरी तरह से बिखर रहा है। नशे के जरूरत पूरी करने के लिए युवा छोटे-बड़े अपराध भी करने लगे हैं।
बैठक में फैसला किया गया कि 19 मार्च को नशे के खिलाफ डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। इसके बाद शहर के अलग-अलग हिस्सों में छोटी-छोटी जनसभाएं और धरने प्रदर्शन किये जाएंगे। शुरू में कम से कम 10 जगहों पर ऐसी जनसभाएं की जाएंगी। इसके बाद महिला मंच अन्य संगठनोेें के साथ मिलकर घर-घर दस्तक देगा और लोगों को, अपने बच्चों को नशे से दूर रखने के बारे में जागरूक करेगा। यह भी फैसला किया गया कि जन संपर्क अभियान के माध्यम से बेरोजगारी, महंगाई, महिला अपराधों को लेकर भी लोगों को आगाह किया जाएगा और नफरत नहीं रोजगार का नारा दिया जाएगा।
बैठक में उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा, उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, ऊषा भट्ट, उमा भट्ट, किसान सभा के गंगाधर नौटियाल, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के कमलेश खंतवाल, स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट आदि ने भी अपने विचार रखे और नशे और नफरत की बढ़ती प्रवृत्ति के लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
वक्ताओं का कहना था कि नशे के कारण कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं, कई घरों में जवान बच्चों की मौत हो चुकी है। ऐसे में इस मुहिम को पूरे राज्य में चलाया जाना चाहिए। सरकार, पुलिस और प्रशासन पर नशे पर रोक लगाने के लिए दबाव बनाना चाहिए।

 

शहीद कपिल पंवार मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट : गढ़वाल बॉयज ने ईगल टीम को हराया

“कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने पुरुस्कार वितरण कर किया टूर्नामेंट का समापन”

शहीद कपिल पंवार मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट का कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने  पुरुस्कार वितरण कर किया समापन | State News UK
देहरादून, उत्तरकाशी में “द्रोपदी का डांडा” में बर्फ के नीचे दबकर शहादत को प्राप्त हुए शहीद कपिल पंवार की स्मृति में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया, गौरतलब हो कि उत्तरकाशी निम के पर्वतारोही कपिल पंवार 13600 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमालय के ग्लेशियर की चपेट में आ गये थे । शहीद कपिल पंवार मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट ने आज फाइनल में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी कर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और उनको पुरस्कार वितरण कर समारोह का समापन किया।

कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने कहा की खेल जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और क्रिकेट या अन्य किसी भी खेल से युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित होती है और इससे समाज में युवाओं के लिए प्रोत्साहन होता है और आगे भविष्य बनाने की भी संभावना उपलब्ध होती है।

निरंजनपुर स्थित दून बलोनी क्रिकेट स्टेडियम में इस क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। आज इस टूर्नामेंट के फाइनल में गढ़वाल बॉयज ने ईगल टीम को रोमांचक मुकाबले में 24 रन से परास्त किया। गढ़वाल बॉयज के कप्तान नमन अरोड़ा को सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज, सूरज चौहान को सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज व मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार मिला। समापन कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में सन्नी राणा, डॉ रचित गर्ग, दिल्ली रणजी खिलाड़ी कुणाल चंदेला, शैलेन्द्र कौशिक आदि ने भाग लिया। शहीद कपिल पंवार स्मृति मंच के अध्यक्ष देवेंद्र पंवार ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।

 

दून पुस्तककालय में विक्टोरिया क्रॉस गबर सिंह नेगी पर बनी फिल्म का हुआ प्रदर्शन”विक्टोरिया क्रॉस गबर सिंह नेगी पर फ़िल्म का प्रदर्शन - Dakshin Prakash

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से संस्थान के सभागार में विक्टोरिया क्रॉस गबर सिंह नेगी के शहादत दिवस के अवसर पर उनपर आधारित एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया। ‘विक्टोरिया क्रॉस गबर सिंह नेगी’ शीर्षक से बनी इस हिन्दी फ़िल्म की अवधि तकरीबन 30 मिनट की थी। इस फ़िल्म का निर्देशन सुपरिचित फिल्मकार व लेखक जय प्रकाश पंवार ने किया है। फ़िल्म की पटकथा व शोध आलेख साहित्यकार डॉ.मुनिराम सकलानी ने लिखी है।
संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड के आर्थिक सहयोग से इस फ़िल्म का निर्माण श्रीदेव सुमन साहित्य व शिक्षा संस्थान के तत्वावधान में गायत्री आर्ट्स की ओर से किया गया है।

उल्लेखनीय है कि गबर सिंह नेगी को प्रथम विश्व के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना में एक बहादुर सैनिक के रूप में जाना जाता है। जिन्हें युद्ध में असाधारण वीरता के लिए विक्टोरिया क्रॉस का सर्वोच्च और सबसे प्रतिष्ठित वीरता पुरस्कार दिया गया।
गबर सिंह नेगी का जन्म 21 अप्रैल को 1895 में जनपद टिहरी गढ़वाल के चम्बा कस्बे के समीप मंजूर गांव में हुआ था। अक्टूबर 1913 में वे ब्रिटिश भारत सेना की एक रेजिमेंट सेकेण्ड गढ़वाल राइफल की बटालियन में वे बतौर सैनिक शामिल हो गये।
प्रथम विश्व युद्ध छिड़ने पर 39वीं गढ़वाल राइफल्स को भारतीय अभियान दल के लिए रेजिमेंट का चयन किया गया। 10 मार्च 1915 को लड़ाई के दौरान गबर सिंह नेगी की सेकेण्ड बटालियन की टुकड़ी न्यूवे के दक्षिण-पश्चिम में बहादुरी के साथ दुश्मन सैनिकों पर हमलावर की भूमिका निभा रही थी।इस भयंकर महायुद्ध में जब गढ़वाल रेजिमेंट के सेनानायक सहित कई लोग मारे जाने लगे और अनेकों सैनिक हताहत होने लगे तो युद्ध की कमान गबर सिंह नेगी को दी गई। तब उन्होंने वीरता के साथ जर्मन खाइयों पर नियंत्रण करने का बहुतेरा प्रयास किया और आगे बढ़कर टुकड़ी का बहादुरी के साथ नेतृत्व किया। युद्ध करते हुए उन्होंने अनेक शत्रुओं को मौत के घाट उतारा और बाद में खुद इस महायुद्ध में वीरता के साथ मात्र 20 वर्ष की आयु में ही शहीद हो गये ।
10 मार्च को इस महायुद्ध में उनके इस अदम्य साहस और वीरतापूर्ण कार्रवाई को देखते हुए उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के एक वीर सैनिक के रुप में 1856 में स्थापित सर्वोच्च विक्टोरिया क्रॉस, पुरस्कार का सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया।

कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म, फिल्म निर्माताओं की ओर से गढ़वाल राइफल्स के गबर सिंह नेगी की असाधारण वीरता के अभिलेखीकरण की दिशा में किया जाने वाले कार्य का एक शानदार प्रयास है।
फ़िल्म निर्माता और लेखक जय प्रकाश पंवार ने इस फ़िल्म के निर्माण के उद्देश्य और प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए फ़िल्म निर्माण के दौरान के अनुभवों को साझा किया। फ़िल्म की पटकथा लिखने वाले साहित्यकार डॉ. मुनिराम सकलानी ने फ़िल्म के कथानक की जानकारी उपस्थित लोगों को दी।
ब्रिगे. के जी बहल (सेवानिवृत्त) ने प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध और तत्कालीन भारतीय सैनिकों की अदम्य वीरता से जुड़े विविध प्रसंगों पर प्रकाश डाला। सामाजिक इतिहासकार डॉ.योगेश धस्माना ने गबर सिंह नेगी के जीवन पर आधारित अनेक महत्वपूर्ण जानकारी दी और गढ़वाल की परम्परागत सैन्य परम्परा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

इस अवसर पर जनकवि डॉ.अतुल शर्मा, विनोद सकलानी, शिव जोशी, शैलेन्द्र नौटियाल, ब्रिगे. भारत भूषण शर्मा और सुंदर सिंह बिष्ट सहित अनेक फ़िल्म प्रेमी, इतिहास में रुचि रखने वाले अध्येता, पाठकगण, साहित्यकार, लेखक,पत्रकार व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के युवा पाठक सहित अनेक लोग मौजूद रहे।