Tuesday, June 10, 2025
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विजय थपलियाल श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के नए सीईओ

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देहरादून, कृषि उत्पादन मण्डी समिति देहरादून के सचिव विजय प्रसाद थपलियाल को तीन वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त किया गया है। धर्मस्व-तीर्थाटन प्रबंधन सचिव हरिचंद सेमवाल द्वारा आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिये गये हैं।
आदेश में कहा गया है कि प्रतिनियुक्ति इस प्रतिबन्ध के साथ प्रदान की जा रही है कि विजय प्रसाद थपलियाल द्वारा अपने पैतृक विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए तत्काल शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

आपदा के समय आपसी समन्वय बनाकर तत्परता से काम करें अधिकारी- रुहेला

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“जनपद भ्रमण पर पहुंचे उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रूहेला ने विकास भवन सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन के संबंध में समीक्षा बैठक ली”।

रुद्रप्रयाग- दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर पहुंचे उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन श्री विनय रूहेला ने दूसरे दिन विकास भवन वीसी रूम में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर जनपद में आपदा प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यों एवं राहत एवं बचाव के संबंध में समीक्षा की।
जनपद आगमन पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
बैठक मे अधिकारियों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत जनपद एक संवेदनशील क्षेत्र है तथा यहां प्राकृतिक आपदाएं घटित होती रहती हैं इसके लिए सभी अधिकारी गंभीरता एवं संवेदनशीलता एवं मनोभाव से कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे कि कम से कम समय में राहत एवं बचाव कार्य करते हुए होने वाली क्षति को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर जनपदों की स्थिति की समीक्षा हेतु मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार श्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के क्रम में सभी जनपदों का भ्रमण कार्यक्रम किया जा रहा है तथा आपदा के दृष्टिगत जनपदों में की जा रही तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद में आपदा की दृष्टि से किस क्षेत्र में किस तरह की समस्याएं हैं तथा उन समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर पर उनका आंकलन करते हुए उसका तत्परता से समाधान कराया जा सके। उन्होंने जनपद में संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी लेते हुए कहा कि संवेदनशील एवं भू-स्खलन क्षेत्रों की जानकारी लेते हुए कहा कि एनएच, लोनिवि एवं पीएमजीएसवाई उनके अधीन सड़क मार्गों का ठीक प्रकार से रख रखाव रखें एवं सड़क बाधित होने पर तत्काल बाधित यात्रा मार्ग को यातायात हेतु सुचारू किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि केदारनाथ यात्रा के दृष्टिगत जनपद का महत्वपूर्ण स्थान है तथा यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा एवं सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए तथा संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित कराई जाए।
उन्होंने जनपद में विद्युत व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देश दिए हैं कि जो भी विद्युत लाइनें व तार झूल रहे हैं तथा जो विद्युत पोल आपदा से क्षतिग्रस्त होते हैं उन्हें त्वरित गति से दुरूस्त करते हुए विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पेयजल समस्या के लिए भी जल निगम एवं जल संस्थान को पेयजल ग्रस्त क्षेत्रों एवं आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली पेयजल लाइनों का भी प्राथमिकता से दुरूस्त किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरूस्त रखने एवं गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए तथा इस संबंध में होर्डिंग्स के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए तथा व्हट्स एप ग्रुप के माध्यम से भी व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दि। उन्होंने खाद्यान्न की समीक्षा करते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में तीन माह का राशन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए तथा सभी आवश्यक प्रबंधन के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जो विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण हैं एवं जिन स्थानों में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाने हैं उसके लिए तत्परता से आंकलन तैयार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
एक ओर जहां एसडीआरएफ के अंतर्गत कराए जा रहे बचाव कार्यों को लेकर जिला प्रशासन की सराहना की वहीं सड़क, विद्युत, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित अपने-अपने विभाग की परिसंपत्तियों को युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए दुरुस्त रखें।
उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन ने जिला स्तरीय अधिकारियों को कहा कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जनहित से जुड़े कार्यों व योजनाओं को उसपर अपडेट करते रहें। उन्होने कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से एक ओर जहां आम जनमानस व सरकारी मशीनरी के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी वहीं लोगों की शिकायतों को टेकअप करने व उनके निस्तारण में मदद मिलेगी। चालू मानसून सीजन के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के साथ-साथ अपने विभागीय संसाधनों यथा मेन पावर व उपकरणों को दुरुस्त रखने को कहा हैं। उन्होने जनपद के नगर निकायों के क्षेत्रांतर्गत बंद नालियों को खुलवानें, नगर के आंतरिक मोटर मार्गो को गढ्ढा मुक्त करने के साथ-साथ नगरों को स्वच्छ बनाये रखने की बात कही। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि जनपद भ्रमण के दौरान जो भी समस्याएं क्षेत्रवासियों के द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं उनका संबंधित अधिकारी तत्परता से निराकरण करना सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी ढिलाई एवं लापरवाही न बरती जाए। इस अवसर पर उपाध्यक्ष द्वारा विकास भवन परिसर में आंवले के पौधे का भी रोपण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. जीएस खाती ने जनपद में आपदा प्रबंधन के संबंध में किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है तथा केदारनाथ यात्रा में लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री दर्शन करने आ रहे हैं जिसके लिए आपदा प्रबंधन के मानकों में संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनपद में किसी भी तरह की आपदा घटित होने पर सभी जनप्रतिनिध सहित जिला स्तरीय अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए राहत एवं बचाव कार्य तत्परता से किया जाता है। उन्होंने उपाध्यक्ष को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं उनका संबंधित विभागीय अधिकारियों से तत्परता से आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, उपाध्यक्ष जिला पंचायत सुमंत तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर सिंह पंवार, महिला मोर्चा भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती आशा नौटियाल, युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रदीप राणा, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला, रुद्रप्रयाग आशीष चंद्र घिल्डियाल, पुलिस उपाधीक्षक हर्षवर्धनी सुमन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, लोनिवि इंद्रजीत बोस, मनोज भट्ट, जल संस्थान अनीश पिल्लई, जल निगम नवल कुमार, विद्युत मनोज कुमार, उप प्रभाीय वनाधिकारी देवेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान मयकोटी अमित प्रदाली सहित जनप्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

लाखों के जेवरात चोरी का खुलासा, चार गिरफ्तार, सपेरा गैंग ने दिया था वारदात को अंजाम

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हरिद्वार, फौजी के घर हुए लाखों के जेवरात चोरी का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से चुराये गये सोने—चांदी के जेवरात भी बरामद किये गये है। गिरफ्तार आरोपी सपेरा गैंग के सदस्य बताये जा रहे है।
जानकारी के अनुसार बीती 17 जुलाई को ग्राम टिहरी डोब नगर पथरी निवासी फौजी अजय थलवाल पुत्र स्वर्गीय वीर सिंह थलवाल द्वारा थाना पथरी में शिकायती देकर बताया कि अज्ञात लोगों ने उनके घर में रखे सोने चांदी के लाखों रुपए के जेवरात चोरी कर लिए हैं। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी गयी। थाने से कुछ दूरी पर ही फौजी के घर चोरी होने के प्रकरण को गंभीरतापूर्वक पुलिस ने जांच शुरू कर दी। जांच में जुटी पुलिस टीम ने बीती शाम एक सूचना के आधार पर पहाड़ी बस्ती रेलवे ट्रैक से चार संदिग्धो को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
पूछताछ में चारों ने उक्त घटना कारित करना कबूल किया जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने घटना में चोरी किये गये लाखों रूपये के जेवरात बरामद कर लिये है। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम रोहतास नाथ उर्फ वासु उर्फ बोबा पुत्र सुमेंद्र नाथ, ललित नाथ उर्फ टिपरी पुत्र अशोक नाथ, अभिषेक नाथ पुत्र सेवक नाथ व अक्षय नाथ पुत्र सेवक नाथ निवासी सपेरा बस्ती घोसीपुरा थाना पथरी जनपद हरिद्वार बताया। पुलिस ने उन्हे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों पर आधारित ‘वो 17 दिन’ पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन

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नई दिल्ली, नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘वो 17 दिन’ पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक ‘वो 17 दिन’ सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा सुरंग को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए और कहा कि 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन से ही बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूर्ण हो पाया।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता और अनुभवों से भरी यह पुस्तक निश्चित ही पढ़ने योग्य है। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष श्याम जाजू, पूर्व सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह उपस्थित रहे।

अब ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा जोशीमठ, शासनादेश जारी

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चमोली (जोशीमठ), जिलाधिकारी चमोली ने जोशीमठ का नाम ज्योर्तिमठ किए जाने से संबंधित शासनादेश जारी कर दिया गया है। ज्योर्तिमठ की जनता और विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की ओर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया गया। सभी लोगों ने विश्वास व्यक्त किया कि ज्योर्तिमठ अपने प्राचीन नाम से जाने जाने के साथ ही अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को बनाए रखेगा।
ज्योर्तिमठ का शासनादेश जिलाधिकारी चमोली की ओर से जारी कर दिए गया है। इससे संबंधित मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सार्वजनिक घोषणा की थी । इसके बाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की ओर से विगत मार्च महीने में इस पर अपनी सहमति व्यक्त कर दी गई थी। 13 जून को राजस्व सचिव की ओर से सहमति दी गई। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जीओ जारी कर दिया है।

केदारनाथ क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री सहित काबीना मंत्रियों से मिले दर्जाधारी चंडी प्रसाद भट्ट

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रुद्रप्रयाग- सीमांत छैत्र अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कबीना मंत्री धन सिंह रावत व सतपाल महराज से मुलाकात कर केदारनाथ छैत्र की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होने केदारनाथ मंदिर नाम से कहीं ओर मंदिर निर्माण पर रोक लगाने हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव पारित करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिये मुख्यमंत्री का आभार ब्यक्त किया।
दर्जाधारी चंडी प्रसाद भट्ट ने केदारनाथ धाम को लेकर फैले भ्रम का पटापेक्ष करने के लिये प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार ब्यक्त किया। देहरादून में मुख्यमंत्री से भेंटकर उन्होने केदारनाथ धाम के लिये उनके द्वारा लिये गये फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होने कहा कि अब भविष्य में तीर्थ धामों के नाम से कहीं ओर धाम निर्माण पर भ्रम की स्थिति उत्तपन्न नही होगी।
उन्होने केदारनाथ की समस्याओं को लेकर पर्यटन व लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज, एँव शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से भी मुलाकात की। केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में फैली समस्याओं से रूबरू कराकर निराकरण की मांग की, जिस पर दोनों मंत्रियों ने संज्ञान लेते हुए समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया।
राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने पर्यटन व लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज से द्वितीय केदार मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर बनातोली में मोरखंडा नदी पर जल स्तर में भारी वृद्धि होने के कारण बहे पुल की जगह स्थाई पुल निर्माण की माँग की।उन्होने लोक निर्माण मंत्री सतपाल महराज को अवगत कराया कि पिछले वर्ष मोरखंडा नदी पर बना पुल बहने के बाद लोक निर्माण विभाग व ग्रामीणों के सहयोग से मोरखंडा नदी पर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाकर आवाजाही सुचारू की गयी थी लेकिन इस वर्ष भी 26 जुलाई को मोरखंडा नदी के जल स्तर में फिर भारी वृद्धि होने के कारण नदी पर बना लकड़ी का अस्थायी पुल नदी में बह गया जिससे मदमहेश्वर धाम की यात्रा ठप हो गयी है। मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया जिसके चलते मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों की आजीविका खासी प्रभावित हो गयी है इसलिए बनातोली में मोरखंडा नदी पर लोहे के गार्डर पुल निर्माण की सख्त जरूरत है।
उन्होंने पर्यटन मंत्री से तृतीय केदार तुंगनाथ की विश्राम स्थल वणतोली के सौन्दर्यीकरण, विकासखण्ड अगस्त मुनि की ग्राम पंचायत बैजी काण्डई में नन्दाष्टमी पर लगने मेले को भव्य रूप देने के लिए श्रृंगार भवन निर्माण व तल्ला नागपुर की ग्राम पंचायत चमस्वाडा को यातायात से जोड़ने की मांग की। जिस पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उन्हें आश्वासन दिया की शीघ्र हर समस्या के निराकरण के प्रयास किये जायेंगे। राज्यमंत्री चण्डी प्रसाद भटट् ने शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात कर केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत सभी विद्यालयों में रिक्त चल रहे एल टी शिक्षकों व प्रवक्ताओं के पदों पर नियुक्त की मांग की। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करते हुए कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऊखीमठ तहसील मुख्यालय का स्वास्थ्य केन्द्र है तथा तुंगनाथ व मदमहेश्वर धामों की यात्रा का आधार शिविर है इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऊखीमठ का उच्चीकरण के साथ रिक्त रेडियो अस्टिटेंट के पद पर तैनाती की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया कि ऊखीमठ में ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य लाभ न मिलने से ग्रामीणों को 42 किमी दूर जिला मुख्यालय सम्पर्क करना पड़ता है। राज्यमंत्री की मांगों पर अमल करते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य सचिव को शीध्र उचित कार्यवाही के निर्देश दिये।

यूसर्क द्वारा एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी विषय पर यूपीईएस में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा सोमवार को एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी विषय पर सस्टेनेबिलिटी क्लस्टर, यूपीईएस, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर वंदना की गयी।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अतिथि के रूप में उपस्थित यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डा0) अनीता रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा विद्यार्थियों में पर्यावरण विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रयोगात्मक प्रशिक्षण इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रदान किया जा रहा है जिससे उनमें वैज्ञानिक अभिरुचि एवं नवाचार की भावना विकसित होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूपीईएस के प्रेसीडेंट डॉ. सुनील राय ने कहा कि इस प्रशिक्षण के द्वारा विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सिद्धांत प्रयोगात्मक रूप से सीखने को मिलेंगे।

कार्यक्रम समन्वयक एवं यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा ने कहा आज एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी एक बहुत महत्वपूर्ण विषय हो चुका है जिसका मूलभूत ज्ञान एवं प्रायोगिक ज्ञान दोनों का होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजकीय (पी जी) कॉलेज उत्तरकाशी, पुरोला, चिनयालीसौड, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश, डी ए वी कॉलेज देहरादून, डी बी एस पीजी कॉलेज देहरादून, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून के 25 स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सस्टेनेबिलिटी क्लस्टर, यूपीईएस के प्रोफेसर एवं कार्यक्रम समन्वयक (डॉ) संजय भूटानी ने कार्यक्रम की पूरी रूप रेखा बतायी ।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने करते हुए यूसर्क की वैज्ञानिक गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सस्टेनेबिलिटी क्लस्टर के हेड प्रोफेसर विक्रम प्रसाद यादव ने अतिथियों का स्वागत किया।
पहले तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान डॉक्टर रंजीत गौरव ने “सस्टेनेबल गोल्स, क्लाइमेट चेंज एंड इम्पैक्ट ऑन एनवायरनमेंट” विषय पर दिया। दूसरा व्याख्यान डॉ राहुल सिलोरी ने “वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट एंड इटस एडवांस्ड टेक्नोलॉजी” विषय पर दिया।
अपराह्न सत्र में डॉ. मधुवेंन शर्मा एवं डॉ कंचन बहुखंडी ने “वाटर क्वालिटी मोनिटरिंग एंड ट्रीटमेंट” पर हैंडस ऑन ट्रेनिंग प्रदान की।
कार्यक्रम में डॉ. स्वाती दत्ता, प्रोफेसर एस एम तौसीफ, डॉ जितेन्द्र पांडे, इंजिनीयर उमेश जोशी, अरुण उनियाल, हरीश देवरानी, कनिका सहित 50 लोग उपस्थित रहे।

बैडमिंटन प्रतियोगिता में मंदाकिनी व सागवान सदन का खिताब पर कब्जा

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देहरादून(केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंतर सदनीय सीनियर एवं जूनियर ब्वॉयज बैडमिंटन प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला गया और सीनियर वर्ग में मंदाकिनी सदन एवं जूनियर वर्ग में सागवान सदन के खिलाड़ियों ने बाजी मारते हुए खिताब पर कब्जा किया।
यहां द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में अंतर सदनीय सीनियर एवं जूनियर ब्वॉयज बैडमिंटन प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला गया। इस दौरान प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में सागवान सदन एवं मंदाकिनी सदन के बीच फाइनल मैच खेला गया। मैच में मंदाकिनी सदन के खिलाड़ी शुरूआती दौर से ही सागवान सदन पर हावी रहे और मैच को लगातार दो सेटों में 2-0 से जीत दर्ज करते हुए विजेता होने का गौरव हासिल किया।
इस दौरान जूनियर वर्ग का फाइनल मैच सागवान सदन एवं मंदाकिनी सदन के बीच खेला गया और मैच में सागवान सदन के खिलाड़ी ने मैच के आरंभ से ही विपक्षी खिलाड़ी पर दवाब बनाते हुए अंक हासिल किये और मैच को सागवान सदन ने लगातार दो सेटों में 2-0 से जीत हासिल करते हुए विजेता रहे।
इस अवसर पर विजेता एवं उप विजेता खिलाड़ियों को शिक्षिका मुनेश कहर ने प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकायें उपस्थित रहे।

स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की लंबित मांगों का निस्तारण 15 दिन के अंदर करना सुनिश्चित करें जिलाधिकारी : मुख्य सचिव

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देहरादून, प्रदेश की प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी के साथ स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठनों एक बैठक हुई, यह बैठक संगठनों के विभिन्न पदाधिकारी एवं विभागीय सचिव और वर्चुअल स्तर पर प्रत्येक जिले के जिला अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुई | बैठक में उत्तराखंड़ प्रदेश कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के प्रांतीय महामंत्री अवधेश पंत ने राज्य की सांस्कृतिक पहचान एपण कलाकृति भेंट कर प्रमुख सचिव का स्वागत किया । उक्त महत्वपूर्ण बैठक में सेनानी परिवारों के प्रमुख मांगों पर गहन चर्चा एवं पूर्व में लगभग 2016 से लंबित मांगों को प्रमुखता से उठाया गया, पंत ने प्रमुख रूप से प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानी एवं शहीदों के नाम से विभिन्न जिलों में संपर्क मार्ग एवं विद्यालयों के नामकरण का मुद्दा और देहरादून में आवंटित उत्तराखंड स्वतंत्रता सेनानी सदन एवं भव्य स्मारक के लिए 5 करोड रुपए अभिलंब मुक्त करने का आग्रह सरकार से किया, पंत ने भूमि आवंटन के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सभी सेनानी परिवारों की की तरफ से धन्यवाद अदा किया । प्रमुख सचिव द्वारा जिलाधिकारियों को विशेष तौर पर निर्देशित किया गया कि स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की लंबित मांगों का निस्तारण 15 दिन की अवधि के अंदर करना सुनिश्चित करें ।
मुख्य सचिव के साथ हुई इस बैठक में स्वतंत्रता सेनानी आनन्द सिंह बिष्ट और जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह कंडारी व प्रांतीय महामंत्री महिपाल सिंह रावत एवं सभी सदस्यों ने भाग लिया ।

आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा : राज्य सरकार आपदा प्रबंधन में गंभीर नहीं- यशपाल आर्य

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टिहरी (घनसाली), राज्य के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने घनसाली के बूढ़ाकेदार क्षेत्र के ग्राम भिगुन के तिनगढ, तोली और बुढाकेदार का सघन दौरा किया। नेता विपक्ष ने सबसे पहले राहत शिविर इंटर कॉलेज विनियखाल मे सभी माता ,बहनों और भाइयों से मुलाकात कर उनका दु:ख दर्द साझा किया।
राहत शिविर मे आपदा से पीड़ित श्रीमती नागी देवी, श्रीमती कीड़ी देवी, पुन्हा देवी,शिवा जो कि निराश्रित परीवार है, इन्होंने नेता विपक्ष को आपबीती सुनाई। नेता प्रतिपक्ष ने व्यवस्थाओ का जायजा लिया। इसके बाद नेता विपक्ष ने तिनगढ़ के क्षतिग्रस्त घरों और पूरे इलाके का दौरा किया, ग्राम तोली मे जहां विरेन्द्र शाह की पत्नि श्रीमती सरिता देवी और बेटी अंकिता की मलवे मे दब कर दुखद मृत्यु हों गई थी। वहा जाकर शोक संवेदना व्यक्त की। आर्य ने कहा कि तोली ग्राम के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि तिनगढ़ के ऊपर की बासर नहर भी क्षति का एक का कारण हो सकता है। सरकार को इस पर समय रहते ध्यान देना चाहिए था और उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल आपदा के मानकों मे परिवर्तन करना होगा, और तिनगढ़, तोली के पूर्ण विस्थापन के लिय काम करना होगा, सरकार आपदा प्रबंधन मे गम्भीर नही है।
आर्य ने कहा कि प्रशासन को अभी तत्कालिक रूप से आपदा ग्रस्त घरो से उनके जरूरी सामानों को शिफ्ट करने मे मदद करनी चाहिए, चुकीं अभी लोग सदमे में है, इसलिए उनकी पूर्ण रूप से मदद करनी चाहिए। पहाड़ों मे घर 1.30लाख मे नही बनता है, और 10हजार मे एक एकड़ कृषि भूमि की क्षतिपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है, सरकार मृतको के परिवार को शीघ्र विशेष सहायता प्रदान करे। उनके घरों, पशुओं, कृषि भूमि, जो क्षतिग्रस्त हुए है, उनको आपदा मे संशोधित राशि प्रदान करे। नेता प्रतिपक्ष नेे कहायह क्षेत्र आपदा से अति संवेदन शील है और सरकार को इस क्षेत्र के लिए दीर्घ कालिक प्लान तैयार करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष यषपाल आर्य के साथ विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष राकेश राणा, पूर्व प्रमुख भिलंगना विजय गुनसोला, पूर्व जिलाध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट , पूर्व प्रमुख धनी लाल शाह, डॉ राकेश लाल षाह, ब्लॉक अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद जोशी, ब्लॉक बाल गंगा अध्यक्ष जसवीर सिंह नेगी, गबर सिंह नेगी, दिनेश लाल, मुरारी लाल खंडवाल खुशी लाल ,राकेश थलवाल, श्याम लाल साह, बाल कृष्ण नौटियाल, हिम्मत रौतेला, कैलाशी देवी, हुकम सिंह रावत, कुंवर सिंह रावत, बच्चन सिंह रावत, सतीश जोशी, बावन सिंह बिष्ट, संतोष रतूड़ी, बसंत लाल, हुकम सिंह रावत, कुंवर सिंह रावत आदि रहे।