हरिद्वार, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (समविश्वविद्यालय) ने अपने इतिहास में पहली बार महिला कुलपति के रूप में प्रोफेसर हेमलता के. की नियुक्ति की है। कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. डी.एस. मलिक ने बताया कि प्रोफेसर हेमलता की नियुक्ति यूजीसी के मानकों के अनुरूप वरिष्ठता क्रम में की गई है। वह स्थायी कुलपति की नियुक्ति तक इस पद के सभी दायित्वों का निर्वहन करेंगी।
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की स्थापना 1902 में स्वामी श्रद्धानंद ने कांगड़ी गांव में की थी, और इसे 1962 में भारत सरकार द्वारा डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। यह विश्वविद्यालय अब तक केवल पुरुष कुलपतियों द्वारा संचालित होता रहा है, लेकिन अब पहली बार एक महिला इस पद पर आसीन हुई हैं।
प्रोफेसर हेमलता के. मदुरई, तमिलनाडु की निवासी हैं। उन्होंने चेन्नई में यूजी और पीजी की पढ़ाई की और 1997 में गुरुकुल कांगड़ी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वह कन्या गुरुकुल परिसर, देहरादून में अंग्रेजी की प्रोफेसर के रूप में कई दशकों से सेवा दे रही हैं।
आईक्यूएसी निदेशक प्रो. विवेक कुमार ने कहा कि प्रोफेसर हेमलता भारत सरकार के नियमों और आर्य समाज के सिद्धांतों के अनुरूप गुरुकुल कांगड़ी की सभी व्यवस्थाओं को संचालित करेंगी। उन्होंने कहा कि 1983 से उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हुई प्रो. हेमलता की नियुक्ति से विश्वविद्यालय में एक नई सकारात्मक सोच उत्पन्न हो रही है।
वित्ताधिकारी प्रो. देवेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि महिला कुलपति मिलने से आर्य समाज द्वारा स्थापित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को एक नया आयाम मिला है। शिक्षक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष प्रो. प्रभात कुमार और शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज ने प्रो. हेमलता को बधाई देते हुए कहा कि यह नियुक्ति महिला सशक्तिकरण को और मजबूती प्रदान करेगी।
प्रो. हेमलता के पति शिव कुमार भारत सरकार में वैज्ञानिक पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके दो बेटे हैं, जिनमें से एक वैज्ञानिक और दूसरा अभियंता के पद पर कार्यरत है। प्रो. हेमलता ने कहा कि गुरुकुल का उत्थान सभी महिलाएं मिलकर करेंगी, क्योंकि आधुनिक समय में पुरुष और महिला एक-दूसरे के पूरक हैं।
यह ऐतिहासिक नियुक्ति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है, और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी।
प्रोफेसर हेमलता के. मदुरई बनी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति
डॉ. सुनैना रावत राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी नियुक्त
देहरादून, अंग्रेजी विषय की सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनैना रावत को राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी नियुक्त किया गया। उन्होंने विधिवत राज्य राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी का कार्यभार ग्रहण किया, डॉ. सुनैना रावत पूर्व में राजकीय महाविद्यालय लम्बगांव में कार्यरत रही है। जहां पर उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी के दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने एनएसएस के अंतर्गत विभिन्न सामुदायिक सेवा गतिविधियों व जनजागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया, जिन्हें महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं व स्थानीय लोग आज भी याद करते हैं। छात्र जीवन से सामाजिक कार्यों से सरोकार रखने वाली डॉ सुनैना ने कार्यभार ग्रहण करने पर अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुये कहा कि राज्य में राष्ट्रीय सेवा योजना को वह एक मुहिम बनाएगी। जिसमें छात्र छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुये पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के कार्यक्रमों को गति देंगी।
इसके अलावा रचनात्मक कार्यों में भी अधिक से अधिक युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारियों के सहयोग से वह इस मुहिम को सफल बनाएगी, जिसके लिये पूर्ण मनोयोग से कार्य करेंगी, राज्य सेवा योजना कार्यालय में सचिव दीपेंद्र सोनकर ने उन्हें कार्यभार ग्रहण करवाया।
इस दौरान संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल, कार्यरत लेखाकार मोनिका अग्रवाल, वंदना सुंदरियाल, सुमित पुरोहित, अनिल बिस्ट, कमलेश राणा और संतोष कुमार उपस्थित रहे।
वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया ने आयोजित किया वॉकथॉन,, सभी वर्गों के सात सौ अधिक नागरिकों ने लिया भाग
देहरादून, राष्ट्रीय संवहनी दिवस पर देश के 34 शहरों के साथ दून में भी वाॕकथाॕन का आयोजन किया गया, रविवार सुबह 6 बजे गढ़ी कैंट स्थित महेन्द्रा ग्राउंड ‘एक मील चलो, एक मुस्कान के साथ जियो’ के शानदार संदेश के साथ आयोजित हुई, इस राष्ट्रव्यापी वाॕकथाॕन को मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर परीक्षित, कमांडेंट, मिलिट्री अस्पताल देहरादून ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के तत्वाधान में आयोजित इस वाॕकथाॕन में बच्चे, बूढ़े और जवान सभी ने अपनी सहभागिता निभायी, वाॕकथाॕन के आयोजक डा. प्रवीण जिंदल ने बताया के किस प्रकार से हम एक स्वस्थ जीवन शैली का उपयोग कर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं ।
उन्होंने तम्बाकू व शराब के सेवन से होने वाली खून की नाड़ियों की बीमारी व वैस्कुलर डिजीज रोग से मुक्त रहने के वाॕक करना भी जरूरी है जिससे अपनी शुगर, बीपी और वजन को नियंत्रित रख सकते हैं।
मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर परीक्षित ने कहा कि स्वस्थ्य जीवन के लिये वाॕक करना आवश्यक है और बीमारी मुक्त होकर हम एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वैस्कुलर सोसाइटी की इस भव्य पहल का उद्देश्य संवहनी स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करना है, इस चार किमी की वाॕकथाॕन में सभी वर्गों के सात सौ अधिक नागरिकों ने हाथ मिलाया और प्रत्येक भारतीय के लिए एक स्वस्थ, खुशहाल और विच्छेदन-मुक्त भविष्य की वकालत की। इस आयोजन में सोसायटी के सदस्यों के साथ फौज के जवान भी मौजूद रहे ।
स्वस्थ भारत के लिये थी वैस्कुलर सोसाइटी की यह पहल :
स्वस्थ भारत के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के बाद, भारतीय वैस्कुलर सोसाइटी ने पूरे भारत में
वॉकथॉन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य नागरिकों के व्यवहार में बदलाव लाना और अंगच्छेदन मुक्त भारत सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह राष्ट्रीय अभियान आज के समय में और अधिक प्रासंगिक हो जाता है, जब भारत दुनिया की मधुमेह
राजधानी बनता जा रहा है। अधिक से अधिक आबादी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, डिस्लिपिडेमिया और धूमपान जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस पैदा करने वाले कारकों से पीड़ित रोकथाम योग्य विच्छेदन के जोखिम में है। इसलिए यह राष्ट्रव्यापी जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है, ताकि जीवन शैली में बदलाव करके इन विच्छेदनों को रोका जा सके, और यदि आवश्यकता पड़े, तो उपचार जल्दी किया जा सके, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता को संरक्षित किया जा सके।
राहत एवं बचाव कार्यों में उतरी सेना, आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में बह पैदल पुल व ध्वस्त हुए रास्तों का निर्माण करेगी सेना।
रुद्रप्रयाग– केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षख प्रभावित छैत्रों में मौजूद रहकर रेसक्यू कार्य की निगरानी कर रहे है। अब रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है।
यात्र मार्ग मे बादल फटने से कई जगह यात्र मार्ग वास आउट हुआ है साथ ही पैदल पुल भी बहे है जिसे देखते हुये अब सेना की मदद ली जा रही है। जनपद में तैनात 6 ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना
रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च ऑपरेशंस में मदद करेगी। प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे मौके पर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों के सुझावों से होता है सुनियोजित विकासः मुख्यमंत्री
आपदा के दृष्टिगत हर समय सचेत और सतर्क रहें अधिकारी
नैनीताल, जनप्रतिनिधियो ंके सुझावों से क्षेत्र का सुनियोजित विकास होता है इसलिए अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनायें ताकि प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर हो। यह बात मुख्य मंत्री श्री पुष्कर सिह धामी ने सर्किट हाउस काठगोदाम में अधिकारियों की बैठक लेते हुये कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून की तैयारियां समानान्तर चले नालों, नहरों की नियमित सफाई की जाए। उन्होंने कहा मानसून का अभी एक माह का समय है आपदा को ध्यान में रखकर पूर्ण तैयारी करना सुनिश्चित की जाए। उन्होने कहा जनपद टिहरी के तोला गांव में 50 परिवारों के 300 लोगो को रेक्स्यू कर बचाया गया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन की सराहना की और कहा कि समय रहते पूरा गांव खाली नही किया जाता तो काफी जनहानि होती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आपदा के दृष्टिगत मिशन के तहत कार्य को अंजाम देना होगा, मानसून सीजन समाप्त होने के बाद हम समस्याओं को भूले नहीं बल्कि भविष्य में आने वाली समस्याओं के लिए हमें जागरूक होकर कार्य करना होगा। उन्होने कहा जिन योजनाओं का शिलान्यास हो गया है उन योजनाओं का लोकार्पण भी अवश्य हो ताकि सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनमानस को समय से मिल सके।
उन्होने सडक की खराब हालत पर लोनिवि के मुख्य अभियंता को निर्देश दिये वर्षाकाल का सीजन चला रहा है अस्थाई तौर पर सडके गडडा मुक्त हों और टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर 15 सितम्बर से सडकों का कार्य प्रारम्भ करना 15 अक्टूबर तक पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा जहां-जहां मार्गों पर जेसीबी लगी है उन जेसीबी मे जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से लगा हो यह भी सुनिश्चित किया जाय।
जनपद में जल जीवन मिशन के तहत संचालित कार्यों पर मुख्यमंत्री ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और जेजेएम के मुख्य अभियंता को निर्देश दिये कि आगामी दिनों मे सभी व्यवस्थायें ठीक कर ली जांए शिकायत आने पर सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जायेगी। उन्होने कहा जिन क्षेत्रों मे पाइप लाईन डालने हेतु खुदाई की गई है वहां के गडडे एक सप्ताह में भर दिये जाए तथा जिन क्षेत्रों जेजेएम के तहत लाईने डाली गई है यह भी सुनिश्चित कर लें उन लाईनों मे सुचारू पेयजल आम जनता को उपलब्ध हो। इसलिए अधिकारी प्लानिंग के तहत कार्य कर समस्याओं का निदान करें। विधायक लालकुआ डा0 मोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि उनके क्षेत्र के साथ ही जनपद में जल जीवन मिशन के कार्य पूर्ण नही हुये केवल 40 से 50 प्रतिशत कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री ने नोडल अधिकारी जेजेएम को समयसीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने विद्युत बिलों में आ रही शिकायतों के समाधान के लिए जिन क्षेत्रों की शिकायत है वहा कैम्प लगाकर लोगों के बिलों मे त्रुटियों को सही करने के निर्देश दिये उन्होंने मुख्य अभियंता विद्युत को स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश भी दिये। उन्होने कहा इस सीजन गर्मी में शहरी क्षेत्र में विद्युत की आपूति प्रभावित हुई इसके लिए शहर में तीन विद्युत स्टेशन स्वीकृत हो चुके है जिन पर शीघ्र कार्य प्रारम्भ किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में पेयजल संकट के समाधान के लिये शीशमहल प्लांट की क्षमता बढाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। आने वाले गर्मी के मौसम से पहले यह कार्य पूर्ण कर लिया जाए। उन्हांने कहा कि गौशालाओ हेतु भी धनराशि स्वीकृत कर दी गई है उनके शीघ्र निर्माण कार्य प्रारम्भ कर गौशालाओं को संचालित किया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने वन महकमे के अधिकारियों को निर्देश कि जिन क्षे़त्रों में जीर्णशीर्ण व सूखे पेड है जिससे जनहानि हो सकती है, उन पेडों को शीघ्र हटाया जाय। लोगों द्वारा बार-बार शिकायत की जाती है जो अनुचित है। भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो। तथा जन शिकायतों का त्वरीत संज्ञान लिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही खेल विश्वविद्यालय का एक्ट लाने जा रही है इससे हमारे प्रदेश के प्रतिभावान खिलाडियों को राष्टीय एवं अन्तर्राष्टीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का बेहतर अवसर उपलब्ध होगें।
आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि मण्डल में जागेश्वर मार्ग भूस्खलन से बन्द है सोमवार तक उसे खोल दिया जायेगा तथा मण्डल के सभी एनएच आवागमन हेतु खुले है कुछ ग्रामीण सडकें बन्द है उन सडकों पर कार्य प्रगति पर है शीघ्र खोल दिया जायेगा। उन्हांने कहा मण्डल के आपदाग्रस्त 20 हजार परिवारों को आर्थिक सहायता राशि मुहैया करा दी गई है।
जिलाधिकारी वंदना ने कहा शहर में स्थायी गौशाला का निर्माण 3 करोड की लागत से 64 बीघा मे निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसकी क्षमता दो से ढाई हजार होगी। उन्होने बताया कि कैंची धाम बाईपास जो 64 करोड की लागत से बनना है उसकी टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है जून 2025 से पहले कार्य को पूर्ण कर लिया जायेगा।
बैठक में अध्यक्ष जिला पंचायत बेला तोलिया, विधायक बंशीधर भगत, रामसिंह कैडा, सरिता आर्या, डा0 मोहन सिंह बिष्ट,जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, दर्जा राज्य मंत्री गोविन्द सिह बिष्ट, डा0 अनिल कपूर डब्बू, मजहर नईम नवाब,सुरेश भटट, निवर्तमान मेयर डा0 जोगेन्द्र पाल सिह, दिनेश आर्य के साथ ही आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी डा0 योगेन्द्र रावत, जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी पीएन मीणा, डीएफओ सीएस जोशी, कुन्दन कुमार के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
सरकार व जिला प्रशासन पर बरसे पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कहा अनुभवी व पहाड़ की परिस्थितियों को समझने वाले अधिकारी हो जिले में तैनात
रुद्रप्रयाग- पूर्व कबीना मंत्री व काँग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने केदारनाथ आपदा को लेकर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को आडे हाथ लिया। गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाऊस में पत्रकार वार्ता में उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता पर आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। जिसमें प्रदेश सरकार नाकाम रही 2013 की आपदा के बाद भी सरकार ने सबक नहीं लिया जिसका नतीजा फिर केदार नाथ यात्रा मार्ग में देखने को मिला। सरकार व जिला प्रशासन को आडे हाथ लेते हुए उन्होने कहा कि आपदा के तीन दिन बाद भी कोई स्पष्ट जानकारी साझा करने को तैयार नहीं है। जबकि कई स्थानीय लोगों व यात्रियों का परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया। उन्होने इस जल प्रलय में भारी जानमाल की आशंका जतायी है।
पूर्व कैविनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने आपदा को लेकर सरकार को कठगरे में खडा करते हुये कहा कि उत्तराखंड मे आपदाओं की संवेदनशीलता को देखते हुये उनके आपदा प्रबंधन मंत्री रहते हुये जिला स्तर पर आपदा प्रबधन केन्द्र की स्थापना की गयी थी । लेकिन आज तक सरकार उसके ढांचे में कोई सुधार नहीं कर पाई। उन्होने कहा की आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिलों में प्रशिक्षित व दक्ष आपदा राहत दलों की तैनाती की जानी आवश्यक है।
उन्होने कहा कि स्थानीय लोगों से मिलकर पता चला की उनके परिजन चार दिनो से ला पता है उनकी कोई जानकारी नही मिल पा रही है लेकिन अभी तक लापता लोगों व मवेशियों की हानि की कोई जानकारी स्पष्ट नहीं की जा रही है। उन्होने कहा कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जनपद रुद्रप्रयाग मे विशेष प्रशिक्षित टीम तैनात की जानी अति आवश्यक है क्योंकि यहाँ केदार धाम में लाखों की संख्या मे लोग आते है इसको देखते हुए जनपद में ऐसे अधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिये जो पर्वतीय छैत्र की भौगोलिक परिस्थियों से अवगत हो, ओर जो पहाड की चुनौतियों का सामना कर सके। उन्होने
जिला प्रशासन पर आपदा की स्थिति स्पष्ट न करने का आरोप लगाया ओर कहा कि जिला प्रशासन को आपदा पर पत्रकारों से स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। केदार नाथ मंदिर मे सोना गायब होने व दिल्ली में केदा धाम से मंदिर निर्माण पर उन्होने कहा कि केदार बाबा के साथ ठगी करोगे तो त्रासदी होगी उन्होने कहा कि सरकार के पापो का खामियाजा उत्तराखंड वासियों को भुगतना पड रहा है।
जिला प्रशासन की निगरानी में आज भी जारी रहा रेसक्यू कार्य।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 जुलाई 2024 की रात्रि को केदारनाथ धाम यात्रा पैदल मार्ग अतिवृष्टि के चलते हुए भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग काफी स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है। लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। काफी लोगों का बारिश के चलते व नेटवर्क न रहने के कारण उनके परिजनो से सम्पर्क नहीं हो पा रहा था, इनमें से रेस्क्यू के उपरान्त काफी लोगों का उनके परिजनो से सम्पर्क हो गया है और अधिकांश लोग अपने घर सकुशल पहुंच भी गए हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कतिपय माध्यमों से ऐसी भी सूचनाएं चल रही हैं “कि इस पूरे घटनाक्रम में बड़ी संख्या लोग लापता हैं”। उन्होंने कहा कि जितने भी लोगों की सूचना पुलिस के पास है, लगभग सभी अपने घरों को पहुंच गए हैं। किसी भी तरह से अगर कोई भ्रामक सूचनाएं फैलाता है तो उस पर विश्वास न करें। अगर आपका परिजनो से सम्पर्क नहीं हो रहा है तो पुलिस से जरूर सम्पर्क करें।
जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन रुद्रप्रयाग में आपके सहयोग के लिए है। परिवार जनों से सम्पर्क न हो पाने का कारण यह है कि मौसम खराब होने व नेटवर्क की समस्या के चलते यह समस्या बनी हुई है। किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचना से बचें।
जिला पुलिस व जिला प्रशासन के स्तर से जारी हेल्पलाइन नम्बर का विवरण
01364-233727, 2331077, 297878, 297879, 233387, 7579257572, 8958757335, 8078687829, 7579104738।
क्या कहा सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन के अनुसार 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ तथा केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। दिनांक 02 अगस्त 2024 तक कुल 7234 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है। वहीं दिनांक 03 अगस्त 2024 को 1865 यात्रियों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। दिनांक 03 अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। करीब 1000 यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान जारी है। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू अभियान की स्वयं मॉनीटरिंग कर रहे हैं। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दिनांक 02 अगस्त 2024 तक 15 यात्री केदारनाथ से एयरलिफ्ट किए गए। लिंचौली और भीमबली से 1354 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। भीमबलीध्लिंचौली से पैदल 365 यात्री चौमासी-कालीमठ पहुंचे तथा गौरीकुंड से सोनप्रयाग पैदल पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 5500 रही।
दिनांक 03 अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया। लिंचौली और भीमबली से कुल 495 यात्री एयरलिफ्ट किए गए। वहीं 90 यात्री भीमबलीध्लिंचौली से पैदल चौमासी-कालीमठ सुरक्षित पहुंचे। गौरीकुंड से सोनप्रयाग आने वाले यात्रियों की संख्या 1162 रही। चीड़बासा ;गौरीकुंडद्ध से 75 तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं विभिन्न स्थानों पर फंसे करीब 1000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई गतिमान है।
वहीं 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण 15 लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं 01 अगस्त को देहरादून के सहसत्रधारा में स्नान करते समय पैर फिसलने से 02 लोगों की मौत हुई, जो मानवीय भूल की श्रेणी में दर्ज है। इस प्रकार कुल 17 यात्रियों की मृत्यु हुई है। वहीं अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में 10 लोग घायल हुए और 01 व्यक्ति अभी लापता है। जिलावार टिहरी में 03, हरिद्वार में 04, देहरादून में 06, चमोली में 01, रुद्रप्रयाग में 03 लोगों की मृत्यु हुई है।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही वायुसेना के चिनूक तथा एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के 83 जवान, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा पीआरडी के 168 जवान, पुलिस विभाग के 126, अग्निशमन के 35 कार्मिक अलग-अलग स्थानों पर तैनात हैं। 35 आपदा मित्रों के साथ ही लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कार्यरत 150 मजदूर अवरुद्ध मार्गों को खोलने में लगाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के 12 डाक्टरों के नेतृत्व में 32 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजस्व विभाग के 57, जीएमवीएन के 68, खाद्य विभाग के 27 कर्मचारी संबंधित व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने में जुटे हैं। इस प्रकार कुल कुल 882 जवानध्कार्मिक युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं।
बता दें कि जैसे ही मा0 मुख्यमंत्री को केदारनाथ यात्रा मार्ग में यात्रियों के रुके होने की सूचना मिली, उन्होंने भारत सरकार से वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मांग की। भारत सरकार ने तुरंत 01 चिनूक तथा 01 एमआई-17 हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए। मा0 मुख्यमंत्री के निर्देश पर नागरिग उड्डयन विभाग ने भी 05 अन्य हेलीकॉप्टर यात्रियों के रेस्क्यू हेतु उपलब्ध कराए। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो यात्री अभी भी रुके हैं, जिला प्रशासन की टीमों ने उनके रहने और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की है। उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से पूरे रेस्क्यू अभियान की सतत मॉनीटरिंग की जा रही है। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। मौसम की वजह से कुछ दिक्कतें रेस्क्यू अभियान में आ रही हैं, मौसम जैसे-जैसे साफ हो रहा है, वैसे-वैसे यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है।
सीएम धामी की कोई मजबूरी होगी अन्यथा वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं कि बेवज़ह कोई कार्य को रोकें : विवेकानंद खंडूरी
“आंदोलनकारियों का हौसला बढ़ाने शेर-ए-पहाड़ पहुंचे धरना स्थल”
देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों के निस्तारण की मांग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन भी जारी रहा।
शनिवार को धरनास्थल पर पहुंचे शेर-ए-पहाड़ विवेकानंद खंडूरी ने कहा कि आज आंदोलनकारी राजनीतिक खेमों में बंट चुका है। वह इस प्रदेश की बेहतरी के सवालों को अपनी पार्टी के चश्मे से देख रहा है, जिसका खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सीएम धामी की कोई मजबूरी होगी अन्यथा वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं कि बेवज़ह कोई कार्य को रोकें। साथ ही वह यह कहने से भी नहीं चूके कि हो सकता है इस देरी के पीछे अपना ही कोई महानुभाव हो, अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह स्व. एच. एन. बहुगुणा ने यहां के जनमानस को गढ़वाल विश्वविद्यालय की सौगात दी थी अब उन्हीं का पोता सौरभ बहुगुणा आंदोलनकारी की इन मांगों को कैसे पूर्ण करवा पाते हैं शक्तियों से अपील की कि एकजुट होकर रहें तभी कुछ सुनवाई होगी नहीं तो यहाँ किसके पास समय है किसी की सुनने के लिए।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी शांति शर्मा ने कहा कि कई बार दस्तावेज जमा करवाने के बाद भी चिन्हीकरण नहीं किया गया। दूसरी तरफ़ गुपचुप तरीके से पार्टी से जुड़े लोगों के चिन्हीकरण कर दिए गए अब सरकार या तो बचे हुए लोगों का भी चिन्हीकरण कर दे या वह साफ़ मना कर दे कि वह कुछ नहीं करेगी।
आज धरने पर बैठने वाले में
क्रांति कुकरेती, रोशनी देवी ,सुरेंद्र सिंह, रामकिशन, क्रांति अभिषेक बिष्ट,विकास रावत, अंबुज शर्मा,दिनेश भारद्वाज, सुनीता ठाकुर ,जबर सिंह पावेल आदि रहे, इस अवसर पर जितेंद्र चौहान,ओमी उनियाल, हरि ओम,ललित चंद्र जोशी, माया खत्री, माहेश्वरी कंडारी, निर्मला जोशी, शांति शर्मा, अभय कुकरेती, शिवराज सिंह रावत
चमन सिंह पवार,शैलेश सेमवाल, धर्मेंद्र सिंह नेगी, अमर सिंह,विवेकानंद खंडूरी, जगदीश चौहान देवेश्वरी रावत, पुष्पा देवी आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
आई हब डीआईटी यूनिवर्सिटी द्वारा केंद्रीय विद्यालय में युवाओं के लिए कार्यशाला का किया आयोजन
देहरादून, युवाओं में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, आई हब दिव्यसंपर्क, आईआईटी रूड़की द्वारा समर्थित आई हब डीआईटी विश्वविद्यालय ने केंद्रीय विद्यालय हाथी बरकला No. II के 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्टार्टअप संस्कृति और ड्रोन प्रौद्योगिकी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को साइबर फिजिकल सिस्टम (सीपीएस) स्टार्टअप विकसित करने के लिए जागरूकता पैदा करना और प्रेरित करना था जो पहाड़ी क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान कर सके।
कार्यशाला में व्यवसाय शुरू करने के मूल सिद्धांतों, नवाचार के महत्व और सीपीएस में नवीनतम प्रगति, वास्तविक समाधानों में उनके संभावित अनुप्रयोगों पर विशेषज्ञ डॉ. नफीस अहमद (एचओडी, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग) डीआईटी विश्वविद्यालय के नेतृत्व में इंटरैक्टिव सत्र आयोजित कियागया।
डीआईटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. प्रभा शंकर शर्मा ने ड्रोन में नवीनतम प्रगति, विभिन्न उद्योगों में उनके अनुप्रयोगों और इस क्षेत्र में संभावित कैरियर के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान की।
छात्रों ने व्यावहारिक गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया जिससे उन्हें ड्रोन के यांत्रिकी और परिचालन पहलुओं को समझने का मौका मिला। इस कार्यक्रम में रचनात्मकता, समस्या-समाधान और दृढ़ता के महत्व पर जोर देते हुए नवीन विचारों को सफल स्टार्टअप में कैसे बदला जाए, इस पर भी चर्चा शामिल थी।
केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य, श्री विजय नैथानी ने इस पहल के लिए अपनी सराहना व्यक्त करते हुए कहा, “इस कार्यशाला ने हमारे छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक और उद्यमशीलता कौशल का पता लगाने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया है, जो निस्संदेह उन्हें रचनात्मक और नवीन रूप से सोचने के लिए प्रेरित करेगा।” ।
कार्यशाला को छात्रों और शिक्षकों दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने अकादमिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के बीच अंतर को पाटने में पहल की भूमिका की सराहना की। यह आयोजन तकनीक-प्रेमी उद्यमियों और नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ ने दी मुख्यमंत्री आवास कूच करने की चेतावनी
देहरादून, योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ उत्तराखण्ड़ ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को पत्र प्रेषित कर शीघ्र नियुक्ति न मिलने पर मुख्यमंत्री आवास कूच करने की चेतावनी दी है।
महासंघ ने निर्णय लिया है कि यदि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय परिसरों एवं राजकीय इण्टर कॉलेजों में दिनांक 18 अगस्त 2024 तक योग प्रशिक्षकों की तैनाती नहीं की जाती है तो प्रदेश भर के योग प्रशिक्षित बेरोजगार दिनांक 24 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे और आगामी निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे।
खास बात यह है कि 2 बार माननीय मंत्री मण्डल की बैठक में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय परिसरों एवं राजकीय इंटर कॉलेजों में योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया था किन्तु ढाई वर्ष बीत जाने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं मिली जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश के 65 हजार से अधिक योग प्रशिक्षित बेरोजगार दुखी और निराश हैं।
जबकि योग प्रशिक्षित बेरोजगार
पिछले 18 वर्षों से नियुक्ति की मॉंग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं और बड़ी संख्या में योग प्रशिक्षित बेरोजगार नौकरी की अधिकतम उम्र सीमा को भी पार कर चुके हैं किन्तु सरकार सुनने को भी तैयार नहीं है।
विचारणीय है कि प्रदेश के 95% योग प्रशिक्षित बेरोजगार गरीब, मजदूर एवं किसान परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। माता पिता ने खेती-बाड़ी, ध्याड़ी मजदूरी और गाय भैंस पालकर अपने बच्चों को योग में डिप्लोमा डिग्री इस उम्मीद के साथ कराया था कि नौकरी लगने के बाद बुढ़ापे का सहारा बनेंगे, किन्तु बेरोजगारी ने उनकी इस उम्मीद पर भी पानी फेर दिया है जिसके परिणामस्वरूप हजारों योग प्रशिक्षित बेरोजगारों के परिजन भी दुखी होकर अब सरकार से आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
दून मेडिकल कॉलेज को मिली तीन फैकल्टी, दो मेडिकल ऑफिसर भी हुये नियुक्त
देहरादून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बाद अब राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में भी विभिन्न संकायों की तीन फैकल्टी तथा दो मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। कॉलेज में मेडिकल फैकल्टी व मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति से चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन संबंधी गतिविधियों में तेजी आयेगी साथ ही मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा।
प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को दूर करने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा लगातार किये जा रहे हैं। जिसके तहत राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में विभिन्न संकायों में रिक्त पदो के सापेक्ष तीन असिस्टेंट प्रोफेसर तथा दो मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को राज्य सरकार ने मंजूरीप्रदान की है। जिसमें एनाटॉमी विभाग के अंतर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. राजेश कुमार मौर्य, एनेस्थिसियालॉजी में डॉ. गुंजन विश्नोई तथा ऑब्स एंड गायनी में डॉ. शैलजा निमेश्वरी शामिल है। इसी प्रकार बर्न यूनिट में मेडिकल ऑफिसर के पद पर डॉ. मनीष कुमार तथा डॉ. रिशा भारती शामिल है। सभी अभ्यथियों का चयन हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित साक्षात्कार समिति ने वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किया गया है। चयनित अभ्यर्थियों को संविदा के आधार पर मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति प्रदान की गई है। चयनित फैकल्टी तथा मेडिकल ऑफिसर को तीन वर्ष अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो के लिये नियुक्त किया गया है। मेडिकल फैकल्टी व मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति से दून मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कार्यक्रमों को गति मिलेगी साथ ही सम्बद्ध चिकित्सालय में मरीजों को भी बेहतर उपचार मिल सकेगा।
इससे पहले सरकार द्वारा हल्द्वानी मेडिल कॉलेज में एक दर्जन फैकल्टी *तथा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में चार मेडिकल फैकल्टी तथा दो कैज्युअल्टी मेडिकल ऑफिसर को नियुक्ति दी गई।
“राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियों को बेहतर करने के क्रम में दून मेडिकल कॉलेज में भी संकाय सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जिसका लाभ मेडिकल छात्र-छात्राओं सहित अस्पताल में आने वाले मरीजों को अवश्य मिलेगा। – डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।”*
एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ट्रांसकैवल टावर करने वाला देश का पहला मेडिकल काॅलेज बना
देहरादून, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ ट्रांसकैवल टावर करने वाला देश का पहला मेडिकल काॅलेज बना। काबिलेगौर है कि देश भर में किसी मेडिकल काॅलेज में इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज पहला मेडिकल काॅलेज है। जिसमें एम्स, पीजीआई, सीएमसी वैल्लोर मेडिकल काॅलेज भी शामिल हैं।
टावर तकनीक हृदय रोगियों के उपचार की तकनीकों में उपयोग की जाने वाली विश्व की सबसे अत्याधुनिक तकीनीकों में से एक है। अति गम्भीर ह्दय रोगियों के उपचार में टीएवीआर तकनीक सबसे अधिक विश्वसनीय मानी जाती है। यह जानकारी श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ अजय पंडिता ने दी। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ साहिल महाजन, डाॅ अभिषेक मित्तल व उनकी पूरी टीम को ट्रांसकैवल टीएवीआर तकनीक से किये गए सफल प्रासीजर की बधाई व शुभकामनाएं दीं।
बंशी राम निवासी पिथौरागढ़ उत्तराखण्ड को लंबे समय से ह्दय रोग सम्बन्धित बीमारी की शिकायत थी। बीमारी की वजह से इन्हें सांस फूलना, चलने में परेशानी, हल्की खांसी, सीने में भारीपन व बैठे बैठे अचानक बेहोशी की शिकायत थी। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को एओआरटिक सिनोसिस (महाधमनी में अवरोध की शिकायत) कहा जाता है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ साहिल महाजन ने इनका प्रारम्भिक परीक्षण किया व जॉचें करवाई। जॉचों में एओआरटिक सिनोसिस (महाधमनी में अवरोध की शिकायत) की पुष्टि हुई।
काॅर्डियोलाॅजी विभाग के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. साहिल महाजन, डाॅ. अभिषेक मित्तल व सीटीवीएस के वरिष्ठ ओपन हार्ट सर्जन डाॅ. अशोक जयंत ने टीएवीआर तकनीक से उपचार का फैसला लिया। मरीज बंशी राम की भी यही इच्छा थी कि बिना चीरा उनका हार्ट प्रोसीजर किया जाए। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की आधुनिक कैथ लैब में डेढ़ घण्टे तक चले प्रोसीजर मंे मरीज का सफल उपचार किया गया। सफल प्रोसीजर के बाद मरीज स्वस्थ्य हैं व उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे गई है।
ट्रांसकैवल टावर तकनीक
आमतौर पर ह्दय रोगी का उपचार धमनियों के द्वारा किया जाता है। ट्रांसकैवल तकनीक में हृदय की बंद धमनियों के बजाय नसों के रास्ते उपचार किया जाता है। इस तकनीक से किया जाने वाला प्रोसीजर एम्स दिल्ली, पीजीआई चण्डीगढ़, सीएमसी वैल्लोर व अन्य प्राईवेट व सरकारी अस्पतालों के राज्यों को पीछे छोडते हुए श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ट्रांसकैवल टावर प्रोसीजर करने वाला पहला स्थान हासिल कर चुका है।
एसटीएफ और वन प्रभाग की कार्रवाई : वन्य जीव तस्कर को लेपर्ड की दो खाल के साथ किया गिरफ्तार
देहरादून, एसटीएफ और चम्पावत वन प्रभाग की संयुक्त टीम ने चंपावत जिले की देवीधुरा रेंज से एक वन्य जीव तस्कर को लेपर्ड की दो खाल के साथ गिरफ्तार किया है। एसटीएफ व वन प्रभाग की टीमें आरोपी से विस्तृत पूछताछ कर रही है। एसटीएफ को तस्करी में अन्य कई और लोगों के भी शामिल होने की आशंका है। उत्तराखण्ड एसटीएफ की वन्य जीव तस्करों के खिलाफ एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। एक सप्ताह पूर्व भी एसटीएफ ने 3 वन्य जीव तस्करों को गिरप्तार कर उनके कब्जे से 02 हाथी दांत बरामद किए थे।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक एमपी सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ तथा चम्पावत वन प्रभाग की संयुक्त टीम द्वारा एक ज्वांइट ऑपरेशन में कल शाम कनवाड बैंड देवीधुरा वन रेंज क्षेत्र से वन्यजीव तस्कर आनंद गिरि पुत्र महेश गिरी निवासी सूनकोट सेलाखेत थाना मुक्तेश्वर जनपद नैनीताल को लेपर्ड की 02 खाल के साथ गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार तस्कर लम्बे समय से वन्यजीव अंगों की तस्करी में लिप्त था। एसटीएफ की इस कार्यवाही में मुख्य आरक्षी गोविन्द बिष्ट की विशेष भूमिका रही।
एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि वन्यजीव तस्करों का लम्बे समय से चम्पावत क्षेत्र से वन्यजीव अंगों की तस्करी करने का इनपुट एसटीएफ के पास आया था, जिस पर एसटीएफ की उक टीम को गोपनीय रुप से इस पर कार्यवाही करने हेतु लगाया गया था। कल जब ये तस्कर खालों को किसी बाहर की पार्टी को बेचने के लिए निकला तो टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये तस्कर के विरुद्ध देवीधुरा फॉरेस्ट रेंज में वन्यजीव अधि० (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चन्द्र काण्डपाल ने बताया कि अभी प्रारम्भिक पूछताछ में इसके और भी साथियों की भूमिका सामने आयी है जिस पर आगे कार्यवाही की जायेगी। खालें 2-3 वर्ष पुरानी लग रही हैं।
गिरफ्तार करने वाली टीम :
उत्तराखण्ड एसटीएफ के SI बृजभूषण गुरुरानी, ASI प्रकाश भगत, मुख्य आरक्षी गोविंद सिंह बिष्ट, मुख्य आरक्षी दुर्गा सिंह, आरक्षी दीपक भट्ट और देवीधुरा वन प्रभाग के कैलाश चंद्र गुणवंत, वन क्षेत्राधिकारी देवीधूरा, किशोरी लाल वन बीट अधिकारी, गोविंद साहू-वन बीट अधिकारी, रेनू बिष्ट-वन बीट अधिकारी, यामिनी पुनेठा-वन बीट अधिकारी रहे।
मानवीय संवेदनाओं के मर्मस्पर्शी प्रकृटीकरण पर भट्ट जी खरे उतरते हैं : सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप‘
-कविता संग्रह ‘मैं देख रहा हूँ‘ का हुआ लोकार्पण
-‘कमल‘ की कविताओं में सामाजिक संवेदनशीलता हुई मुखरित
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से शनिवार को कवि हर्ष मणि भट्ट ‘कमल’ के कविता संग्रह ‘मैं देख रहा हूँ‘ का लोकार्पण और उसके बाद उस पर चर्चा का एक कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि, साहित्यकार व पत्रकार सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप‘ ने की और उत्राखण्ड भाषा संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. मुनिराम सकलानी, जनकवि डॉ. अतुल शर्मा और कवि व साहित्यकार राजेन्द्र ‘निर्मल‘ इस कार्यक्रम के अतिथि वक्ता थे। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि व पत्रकार वीरेन्द्र डंगवाल ‘पार्थ‘ ने किया। वक्ताओं ने हर्ष मणि भट्ट ‘कमल’ के कविता संग्रह के कविताओं और उसके विविध पक्षों पर प्रकाश डालते हुए उस पर बातचीत की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप‘ ने कहा कि एक मध्यम वर्गीय आदमी के अनुभूत सत्य को खूबसूरती के साथ कवि ने यथार्थता के साथ सरल शब्दों में कविताएं पेश की हैं। मानवीय संवेदनाओं के मर्मस्पर्शी प्रकृटीकरण पर भट्ट जी खरे उतरते हैं। आज के मूल्यहीन माहौल में जब शोषण, भ्रष्टाचार और एकाधिकार की आसुरी प्रवृत्तियां प्रबल हैं ऐसे में कवि कर्म अत्यंत कठिन चुनौती भरा मार्ग है, और कमल ने अपनी धारदार लेखनी चलायी है।
जनकवि डॉ. अतुल शर्मा ने कहा कि इन कविताओं में सामाजिक संदर्भ और संवेदनशीलता दृष्टव्य है। सच कहने की क्षमता और साहस इन कविताओं में नजर आती है। भाषा में सरलता व मौलिकता है। कविता क्रांति हो या परिस्थिति और पोस्ट कार्ड इन सभी मंे समकालीन जीवन दृष्टि मुखरित है।
डॉ.मुनिराम सकलानी ने कविता संग्रह में निहित कविताओं को रचनाधर्मिता और सर्जनशीलता के बहुआयामी धरातल को छूने वाली बताया। कहा कि इनकी कविताओं में सुकोमल हृदय की प्यास और कहीं -कहीं वेदना के स्वर भी उभरे हैं। इन्होंने प्राकृतिक बिम्बों की मनमोहक सृष्टि कर कविताओं को कलात्मक अभिव्यक्ति प्रदान की है।
राजेंद्र निर्मल ने कवि का परिचय और उनकी काव्ययात्रा पर चर्चा करते हुए बताया कि उनके दो काव्य संग्रह कुरेडी का बीच एवं अमर पथ वर्ष 1978 व 1987 में प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ भट्ट के शोध प्रबंध का विषय छायावाद के संदर्भ में कवि चंद्रकुंवर बर्तवाल के काव्य का मूल्यांकन है। कवि विगत 50 वर्षों से अधिक समय से साहित्यिक कार्य में सक्रिय हैं। उनकी कविताएं मौलिक, संवेदनशील व अनुभूतियों से ओतप्रोत हैं।
डॉ. हर्षमणि भट्ट ‘कमल‘ ने अपने संग्रह पर बात रखते हुए कहा कि पर्वतीय जन जाग उठा कविता ने अपनी पचास वर्ष की काव्ययात्रा पूरी कर ली है। जबकि पावस मास इसी स्वतंत्रता दिवस पर अपनी 50 वर्षीय यात्रा पूरी करने जा रही है। सुधी पाठक कविता का जो मूल्यांकन करेंगे वही कविता का सही मूल्यांकन होगा।
समारोह का संचालन करते हुए कवि व गीतकार वीरेन्द्र डंगवाल ‘पार्थ‘ ने कहा कि डॉ हर्षमणी भट्ट के काव्य संग्रह में आधी सदी के समय की यात्रा निहित है। कवि के जीवन अनुभव से उपजी एक-एक रचना पाठक की अपनी कविता है। यह काव्य संग्रह विशुद्ध रूप से साहित्यिक है जिसे पाठक अपना स्नेह देंगे।
उल्लेखनीय है कि इस काव्य संग्रह में डॉ. हर्षमणि भट्ट ‘कमल‘ की विभिन्न पृष्ठभूमि एवं संदर्भ की 57 कविताएं समाहित हैं। पहली कविता बच्चा में मां और बच्चे की ममता, दशा एवं दिशा का मार्मिक एवं हृदयस्पर्शी चित्र प्रस्तुत हुआ है। बच्चे को मेरे देश का देवता और बच्चे के घर को मेरे देश का मंदिर बताया गया है। प्रमुख तौर पर महंगाई, बरबादी, मैं देख रहा हूं, अध्यात्म और विज्ञान, परिस्थिति, नेक सलाह, पोस्टकार्ड, महामूर्ख बन गया हूं, श्रद्धा सुमन सर्वेश्वर जी को, एक टुकड़ा जिंदगी, भाव भूमि, शब्दों का स्वभाव, राजनीति, भाषा जनजन की आशा, संत रोजी की आत्मकथा, पावस मास, सूना प्रदेश और पर्वतीय जन जाग उठा है महत्वपूर्ण हैं।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार केशव दत्त चंदोला, निशा रस्तोगी, प्रेम पंचोली , पी. एस. नेगी, दर्द गढ़वाली, पुष्पलता ममगाईं, विनोद सकलानी, डॉ. मनोज, शांति प्रकाश जिज्ञासु,सुरेन्द्र सिंह सजवान व सुंदर सिंह बिष्ट सहित शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार सहित दून पुस्तकालय के युवा पाठक उपस्थित रहे।
हिमश्री फिल्म्स द्वारा निर्मित धारावाहिक ‘लाइफ हिल गई’ 9 अगस्त को होगी रिलीज
देहरादून, हिमश्री फिल्म्स द्वारा डिज्नी हॉट स्टार के सहयोग से निर्मित बहुचर्चित धारावाहिक श्रृंखला ‘लाइफ हिल गई’ आगामी 9 अगस्त को रिलीज होगी।
दून के होटल में हिमश्री फिल्म्स की संस्थापक प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं निर्माता-निर्देशक आरुषि निशंक ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि दो साल की कठिन मेहनत और समर्पण द्वारा इस श्रृंखला में उत्तराखंड की सरलता और अद्भुत सौंदर्य के साथ ही यहां के परिवेश एवं रीति- रिवाज को बहुत ही बेहतरीन तरीके से फिल्माकर देश और दुनिया के सामने लाने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला की सौ प्रतिशत शूटिंग उत्तराखंड में ही की गई है। ‘लाइफ हिल गई’ धारावाहिक में यहां की खूबसूरत वादियों को सुन्दर और दिल को छू लेने वाली कहानी के साथ फिल्माया गया है।
निर्मात्री आरुषि ने कहा कि पिछले दिनों ही इस धारावाहिक श्रृंखला का ट्रेलर रिलीज किया गया था। जिसने काफी चर्चा बटोरी। अब तक ट्रेलर को 7 करोड़ से अधिक लोग यूट्यूब पर देख चुके हैं। इससे हिमश्री फिल्म्स काफी उत्साहित है। आरुषि निशंक द्वारा स्थापित हिमश्री फिल्म्स सशक्त कहानी, नैसर्गिक और अद्भुत दृश्यों के माध्यम से दर्शकों के साथ गहरी जुड़ा वाली सामग्री बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हिमश्री फिल्म्स का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक समृद्धि, एकता, अनोखी विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य पर ध्यान केंद्रित करती हुई संबंधित कथाओं को प्रामाणिक रूप से देश और दुनिया के सामने लाना है। आरुषि निशंक कहा कि इस धारावाहिक में हिंदी फिल्मों और धारावाहिकों के अनेक प्रमुख अभिनेताओं अभिनेत्रियों द्वारा किरदार निभाए गए हैं।
निर्मात्री आरुषि निशंक ने कहा कि निश्चित रूप से धारावाहिक को भी दर्शकों का भरपूर प्यार और स्नेह प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस धारावाहिक की प्रसारण से उत्तराखंड भविष्य में निर्माता और निर्देशक निर्देशकों की पहली पसंद बनता जाएगा। इससे यहां के फिल्म उद्योग, कलाकारों को अवसर, पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
रोचकता भरी है धारावाहिक की कहानी :
‘लाइफ हिल गई’ धारावाहिक की कहानी एक परिवार के बीच आपसी प्रेम, सौहार्द के साथ ही कटुता, स्पर्धा और व्यक्तिगत विकास भावना को जीवंत करती है। जिसमें कुशा कपिला और दिव्येंदु इस श्रृंखला में स्क्रीन सजा कर रहे हैं। यह हॉटस्टार ओरिजिनल अपने दादा (कबीर बेदी द्वारा अभिनीत) की विरासत के लिए दो भाई- बहनों के बीच टकराव की कहानी है, जिसमें उनके दादा लंबे समय से वीरान पड़े एक होटल को बहाल करने की चुनौती देते हैं और कहते हैं कि जो इसमें सफल होगा इस पूरी विरासत मिलेगी। दोनों भाई-बहन इसके लिए अपना पूरा प्रयास करते हैं, लेकिन तभी होटल की भूतिया होने की खबर फैलती है। सस्पेंस, थ्रिल, हॉरर, प्यार और प्रतिस्पर्धा जैसे अनेक नाटकीय घटनाओं के साथ किसको दादा जी की विरासत मिलती है, यह विषय दर्शकों में रोमांच और जिज्ञासा बनाये रखता है।
इन कलाकारों ने किया अभिनय :
‘लाइफ हिल गई’ धारावाहिक श्रृंखला की मुख्य भूमिका में मिर्जापुर फेम (मुन्ना भैया) देवेंद्र शर्मा, मुक्ति मोहन, कबीर बेदी, विनय पाठक, हेमंत पांडे, भाग्यश्री और कुशा सहित अनेक नामी कलाकारों ने अभिनय किया है।