Saturday, May 17, 2025
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उत्तराखंड में भारतीय व्यापार मंडल की नई कार्यकारिणी का गठन

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देहरादून, भारतीय व्यापार मंडल ने आज देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपनी नई कार्यकारिणी का गठन किया। इस मुहिम में भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंकुर सिंघल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैभव जैन और राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय जनमेजय ने कहा कि भारतीय व्यापार मंडल व्यापारियों के उत्थान व नवनिर्माण में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय व्यापार मंडल के नए प्रदेश अध्यक्ष सतीश अग्रवाल और प्रदेश महामंत्री संजीव शर्मा की नियुक्ति की घोषणा की गई। इस अवसर पर उन्होंने व्यापारियों के हित में भारतीय व्यापार मंडल की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया और संगठन के विस्तार की योजना की चर्चा की।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भारतीय व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी वैभव जैन ने कहा कि व्यापारी हितों व व्यापारी एकता के लिये भारतीय व्यापार मण्डल सबसे उपयोगी संगठन है और व्यापारियों के लिये यह एक सुरक्षा कवच का काम करता हैस व्यापारी उत्पीड़न के विरोध में भारतीय व्यापार मण्डल का थोड़े समय में एक लम्बा इतिहास है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश महामंत्री संजीव शर्मा ने बताया कि भारतीय व्यापार मण्डल निरन्तर संगठन को मजबूती से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। हमारे लिये व्यापारी हित सर्वाेपरि है, व्यापारी की हर समस्या का निदान करना हमारी प्राथमिकता हैस शीघ्र ही पूरे प्रदेश में भारतीय व्यापार मण्डल का विस्तार कर और अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को जोड़कर विस्तार किया जायेगा।
प्रेस कांफ्रेंस का संचालन अजय जनमेजय करते हुए बताया कि भारतीय व्यापार मंडल में फुटपाथ पर बैठे व्यापारी से लेकर बड़े उद्योग चलाने वाला उद्योगपति भी शामिल है।

आईआईएम काशीपुर ने सफलतापूर्वक आयोजित किया कॉमन एडमिशन प्रोसेस (सीएपी) 2024

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देहरादून,  आईआईएम काशीपुर ने कॉमन एडमिशन प्रोसेस (सीएपी) 2024 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। हर साल, दस भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अपने फ्लैगशिप एमबीए/पीजीपी इन मैनेजमेंट प्रोग्राम में प्रवेश प्रक्रिया के लिए एक कॉमन पर्सनल इंटरव्यू (पीआई) आयोजित करने के मकसद से हाथ मिलाते हैं। सीएपी समूह का हिस्सा बनने वाले दस आईआईएम बोधगया, जम्मू, काशीपुर, नागपुर, रायपुर, रांची, संबलपुर, सिरमौर, तिरुचिरापल्ली और उदयपुर हैं।

कॉमन एडमिशन प्रोसेस 2024 में पीआई राउंड के लिए रिकॉर्ड संख्या में उम्मीदवार (16,371) उपस्थित हुए। इस वर्ष के सीएपी में कुल 3800 छात्राएं पीआई के लिए उपस्थित हुईं। पिछले वर्षों की परंपरा का पालन करते हुए, इस वर्ष का सीएपी पीआई भी ऑनलाइन आयोजित किया गया। दस आईआईएम की कॉमन ऑनलाइन पीआई प्रक्रिया से एमबीए/पीजीपी उम्मीदवारों के लिए समय और धन की पर्याप्त बचत संभव हो जाती है।

इस वर्ष के सीएपी में, उम्मीदवारों को कैट पंजीकरण फॉर्म भरते समय की गई कुछ गलतियों को सुधारने का अवसर भी दिया गया। प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए, उम्मीदवारों को परिणाम घोषित होने के बाद सीएपी पोर्टल पर अपने नॉर्मलाइज्ड पीआई स्कोर को देखने का अवसर भी मिला।

सीएपी में भाग लेने वाला प्रत्येक आईआईएम पहले से प्रकाशित प्रवेश नीति के आधार पर नॉर्मलाइज्ड पीआई स्कोर और अन्य मानदंडों का उपयोग करके एक अलग मेरिट सूची बनाता है और व्यक्तिगत रूप से प्रस्ताव भेजता है। पहली कुछ प्रस्ताव सूचियाँ आम तौर पर सभी सीएपी-भाग लेने वाले आईआईएम द्वारा एक ही तिथि पर भेजी जाती हैं, ताकि उम्मीदवार अपने संस्थान के चयन के बारे में सोच-समझकर बेहतर तरीके से निर्णय ले सकें।

हर साल, सीएपी-भाग लेने वाले आईआईएम में से एक को सीएपी समन्वयक के रूप में नामित किया जाता है। आईआईएम काशीपुर ने सीएपी 2024 के लिए समन्वयक की भूमिका निभाई, जो पूरी प्रक्रिया की देखरेख कर रहा था।

उत्तराखंड के सीएम धामी ने AI पर दिया जोर,सीएम धामी ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य परिषद विज्ञान और प्रौद्योगिकी (UCOST) द्वारा “उत्तराखंड के लिए AI” पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जो कि देहरादून के मुख्यमंत्री सदन में हुआ। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लिए तत्परता को बढ़ाना और राज्य में एक सक्रिय AI पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने की, जिन्होंने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन AI के उपयोग के लिए एक रोड मैप तैयार करेगा, जो सततता, पारिस्थितिकी, अर्थव्यवस्था, और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करेगा।

उद्घाटन सत्र में IAS नितेश झा ने स्वागत भाषण दिया और चिकित्सा, शिक्षा, और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में AI को अपनाने पर चर्चा की। इस कार्यक्रम के दौरान Bodhisattva के ऑनलाइन संस्करणों का भी विमोचन किया गया, जो कि अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं।

UCOST के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने उत्तराखंड को “सॉल्यूशन स्टेट” बताया और समाधान, आध्यात्मिकता, और विज्ञान के 3 S’s पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। सेवानिवृत्त IAS दिनेश त्यागी ने कहा कि AI लोगों की ज़िन्दगी को सरल बनाता है।

कार्यक्रम में AI के विभिन्न पहलुओं पर तकनीकी सत्रों की एक श्रृंखला शामिल थी। पहले सत्र का शीर्षक था “उत्तराखंड के लिए AI पारिस्थितिकी तंत्र – राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखण,” जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों ने अपनी राय प्रस्तुत की। प्रोफेसर संजय जसोला, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति, ने तेजी से बदलती तकनीकी प्रगति के बीच अकादमिक संस्थानों के लिए चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। डॉ. हरिश कर्नाटक, ISRO-IIRS ने भौगोलिक डेटा के संदर्भीकरण के माध्यम से निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में AI की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार, रक्षा मंत्रालय ने AI प्रौद्योगिकियों, विशेषकर डीप फेक तकनीक के सुरक्षा चिंताओं और नैतिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. प्रीत दीप सिंह, इन्वेस्ट इंडिया ने भविष्य की तकनीकों के लिए निवेश आकर्षित करने पर जानकारी दी, जिसमें डेटा कौशल और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रोफेसर धर्म बुधि, उत्तरांचल विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा में एक बहुविषयक दृष्टिकोण की वकालत की, जबकि प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी, IIT रुड़की ने सहयोगात्मक AI अनुसंधान परियोजनाओं से सीखे गए पाठ साझा किए।

दूसरे विषय सत्र का शीर्षक था “भविष्य के लिए तैयारी – बुनियादी ढांचा, कौशल, और नवाचार,” जिसमें AI पहलों का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और कौशल सेट पर चर्चा की गई। प्रोफेसर मयंक अग्रवाल, गुरुकुल कांगरी विश्वविद्यालय द्वारा समन्वित इस सत्र में डॉ. एचएस बिष्ट, CSIR-IIP ने मौलिक अनुसंधान में AI की भूमिका पर चर्चा की; डॉ. मनी माधुकर, IBM इंडिया ने शिक्षा पर उद्योग के प्रभाव की समीक्षा की; और प्रोफेसर ए.के. त्रिपाठी, आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने पारंपरिक प्रथाओं में AI के एकीकरण की जांच की। अन्य वक्ताओं में डॉ. प्रीति कोटियाल, देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय, श्री सिद्धार्थ माधव, टेक्नोहब लेबोरेट्रीज़, और श्री मनस उपाध्याय, DTOWN रोबोटिक्स लिमिटेड ने नवोन्मेषी शिक्षा मॉडलों और तकनीकी स्टार्टअप्स की संभावनाओं पर प्रस्तुतिकरण किया।

तीसरे सत्र का शीर्षक था “उत्तराखंड के लिए AI को कार्यान्वित करना – क्षेत्रीय डेटा और उपयोग के मामले,” जिसमें AI के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को विभिन्न क्षेत्रों में दर्शाया गया। Ms. मैत्रेयि शर्मा, ACROKNACKS टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस ने डिजिटल मीडिया क्षेत्र में AI के प्रभाव पर चर्चा की। डॉ. कमल पांडेय, ISRO-IIRS ने बुद्धिमान निर्णय लेने के लिए रिमोट सेंसिंग के साथ AI के एकीकरण पर बात की। कैप्टन कुनाल उनियाल, Maritech ने लॉजिस्टिक्स और ट्रैफिक चुनौतियों को AI के माध्यम से हल करने पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि श्री राजत वर्धन, AgroNxt ने स्मार्ट मिट्टी पोषक तत्व परीक्षण उपकरणों पर प्रकाश डाला। डॉ. ए.एस. नैन, GBPUAT पंतनगर ने कृषि में AI अनुप्रयोगों की जांच की, और श्री मनीष कुमार, अशोका बिल्डकॉन ने स्मार्ट शहरों में AI के उपयोग मामलों पर चर्चा की।

सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण था समापन संवाद सत्र “उत्तराखंड के लिए AI रोडमैप – समूह गतिविधि,” जिसमें प्रतिभागियों को एक संपूर्ण AI रणनीति तैयार करने के लिए सहयोगी चर्चाओं में शामिल किया गया। इस सत्र का उद्देश्य क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए AI के उपयोग के लिए विचारों को ठोस योजनाओं में बदलना था।

यह सम्मेलन राज्य की मौजूदा AI क्षमताओं का मूल्यांकन करने और भविष्य के विकास के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करने के लिए एक सहयोगी मंच प्रदान करने का उद्देश्य था। यह रोडमैप नैतिक विचारों, नीति ढांचों, और एक मजबूत AI वातावरण को समर्थन देने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रयासों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को संबोधित करेगा।

उत्तराखंड के लिए AI सम्मेलन कृत्रिम बुद्धिमत्ता को राज्य की विकास रणनीति में एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उत्तराखंड के भविष्य पर नवाचारात्मक वृद्धि और परिवर्तनकारी प्रभाव का मार्ग प्रशस्त करेगा।

सरकार की तत्परता से यात्रा मार्ग में फँसे हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया- कुलदीप रावत

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रुद्रप्रयाग- जानेमाने समाज सेवी कुलदीप रावत ने केदार नाथ यात्रा मार्ग में हुई अतिबृष्टि से उपजे हालातों पर सरकार की संवेदनशीलता व तत्परता के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि समय रहते राहत एँव बचाव कार्य त्वरित गति प्रदान करने के कारण इस दैवीय आपदा के प्रभाव को कम करने में सफलता मिली है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी में जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से यात्रा मार्ग में फँसे दस हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होने राहत एँव बचाव कार्य में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग की भी सराहना की जिन्होने एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रशासन का सहयोग किया। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार भी हर संभव मदद कर राहत एँव बचाव कार्य पर नजर बनाये हुये है। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने प्रभावित छैत्रों का दौरा कर प्रभावितों की कुशल झेम जानी व राहत एँव बचाव कार्य में लगे राहत दलों का हौसला बढाया। राहत एँव बचाव कार्य को गति प्रदान करने व यात्रीयों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिये चिनूक व एमआई 17 का सहारा लिया गया।
केदार घाटी के आपदा प्रभावित छैत्रों में पिछले कुछ दिनों से अपनी टीम के साथ प्रभावितों की मदद में जुटे समाजसेवी व भाजपा नेता कुलदीप रावत आज रुद्रप्रयाग गढ़वाल मंडल विकास निगम में पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होने कहा कि काँवण यात्रा होने के कारण यात्रा मार्ग में यात्रियों की संख्या का सही अनुमान लगाना संभव नही हो पा रहा है । सरकार की पहली प्रार्थमिकता मार्ग में फँसे लोगों को सुरक्षित निकलना था जिसमें युद्ध स्तर पर सर्च आपरेसन कर फँसे लोगों को पैदल मार्गो व हेली सेवाओं से सुरक्षित निकाला गया। अब सेना की मदद से ध्वस्त हुए पैदल मार्गो को ठीक करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
उन्होने स्थानीय ग्रामीणो, ब्यापार संघ, टैक्सी यूनियन का आभार ब्यक्त किया जो प्रशासन के साथ कधें से कधां मिलाते हुए लगातार प्रभावितों की सहायता में जुटे हैं। उन्होने कहा कि स्वयँ वे ओर उनकी टीम भी आपदा के बाद से प्रभावित छैत्रों में मदद करने में जुटे थे। यात्रियों की भोजन ब्यवस्था व केदार घाटी से निःशुल्क वाहनों से गन्तब्य तक पहुचाँया गया। उन्होने विपक्षी पार्टियों से इस आपदा की घडी में राजनीती न कर सहयोग करने की बात कही। जिससे शीघ्रता से चुनौतियों से निपट कर केदारनाथ यात्रा को पुनः संचालित किया जा सके।

इंस्टाग्राम पर रील बनाने के शौकिनों के लिए गूड न्यूज  ये एआई का नया फीचर दिलाएगा खास पहचान

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नई दिल्ली । मेटा ने अपने इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म पर एक नया एआई टूल ‘एआई स्टूडियो’ जारी किया है जिसकी मदद से यूजर अपना खास एआई चैटबॉट बना सकेंगे। यह टूल यूजरों को अपना निजी एआई चैटबॉट बनाने और उसे सोशल मीडिया पर साझा करने की सुविधा देता है। खासकर प्रभावशालियों और छोटे व्यवसायों के लिए यह टूल बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके जरिए वह अपने कस्टमाइज जवाब बनाकर संदेशों का जवाब दे सकते हैं।
मेटा ने इस नए टूल का इंस्टाग्राम यूज करने वाले कारोबारी व्यवसाय के विस्तार के लिए उपयोग कर सकते हैं। यह एआई चैटबॉट सामान्य डायरेक्ट मैसेज प्रश्नों और स्टोरीज के जवाब देने में सक्षम है। इसके अलावा, यूजर अपने एआई चैटबॉट को मेटा के विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर भी साझा कर सकते हैं।
एआई स्टूडियो का निर्माण मेटा के ओपन सोर्स एआई मॉडल लामा 3.1 पर किया गया है, जो पिछले सप्ताह जारी किया गया था। यह कई भाषाओं में उपलब्ध है और प्रतिद्वंद्वियों के पेड टूल्स को टक्कर देता है। यह नया फीचर सिर्फ इंस्टाग्राम तक सीमित नहीं रहेगा। मेटा इसे अपने अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी जोड़ेगा। इससे यूजरों को हर प्लेटफॉर्म पर एक समान अनुभव मिलेगा।
इससे पहले, जून में गूगल ने भारत में अपना जेमिनी मोबाइल ऐप नौ भाषाओं में लॉन्च किया था। इसके एक सप्ताह बाद ही मेटा एआई को भारत में व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर और ‘मेटा डॉट एआई’ पर पेश किया गया था। मेटा एआई के लॉन्च के समय कंपनी ने कहा था कि इसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) के साथ बनाया गया है। इससे फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर लाखों यूजरों को फायदा होगा।
मेटा एआई का उपयोग करके सामग्री बनाने से लेकर किसी विषय पर जानकारी हासिल करने जैसे काम अब सीधे और आसानी से हो जाते हैं। यह नया फीचर निर्माताओं को अपने फॉलोअर्स के साथ बेहतर और प्रभावी तरीके से संवाद करने में मदद करेगा।
अगर आप भी इंस्टाग्राम पर रील बनाने के शौकीन हैं, तो मेटा प्लेटफॉर्म का यह नया एआई स्टूडियो टूल आपके लिए बेहद खास साबित हो सकता है। इसके जरिए आप अपनी रचनात्मकता को नए आयाम दे सकते हैं तथा अपनी पहचान और भी मजबूत बना सकते हैं। अब रील्स बनाना और भी मजेदार और आसान हो जाएगा, साथ ही आपकी पहुंच भी बढ़ेगी।
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सीपीयू सिपाही पर कार चढ़ाने का प्रयास, चालक ने 50 मीटर तक सिपाही को घसीटा

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देहरादून, जनपद के दर्शन लाल चौक पर सीपीयू के सिपाही के ऊपर कार चालक ने कार चढ़ाने का प्रयास किया। आरोपी कार चालक सिपाही को घसीटता हुआ करीब 50 मीटर तक ले गया।मिली जानकारी के अनुसार बीते शनिवार की शाम दर्शन लाल चौक पर सीपीयू के दारोगा संजीव त्यागी और केशर मुस्तफा जैदी यातायात का संचालन कर रहे थे। तभी घंटाघर की तरफ से काले रंग की कार आई, जो चौक के बीचों बीच खड़ी हो गई। सिपाही केशर मुस्तफा जैदी ने उसे कार पीछे करने को कहा तो वह कार भगाने लगा। सिपाही ने खतरे को देखते हुए बोनट पर छलांग लगा दी, वाइपर पकड़ लिए। इसके बाद आरोपी कार चालक कार को जिक जैक करते हुए और ब्रेक मारते हुए आगे ले गया।करीब 50 मीटर पर अन्य वाहन चालकों ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसकी पिटाई करते हुए पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी कार चालक की पहचान शादाब निवासी ब्रह्मपुरी पटेल नगर के रूप में हुई है, जोकि निरंजनपुर सब्जी मंडी में फल की दुकान चलाता है।

वन तस्करों ने गश्ती दल के कर्मचारियों को जमकर पीटा, वन दरोगा बनाया बंधक

हल्द्वानी, हल्द्वानी के बरहैनी रेंज केलाखेड़ा श्मशान घाट के पास वन तस्करों ने वन विभाग के गश्ती दल के कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट की। वन दरोगा को पहले लाठी से मारा। हल्द्वानी के बरहैनी रेंज केलाखेड़ा श्मशान घाट के पास शुक्रवार रात वन तस्करों ने वन विभाग के गश्ती दल के कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट की। वन दरोगा को पहले लाठी से मारा। इसके बाद उसे बंधक बनाकर अपने घर ले गए। उधर, गश्ती दल के दो सदस्यों को उठाकर झाड़ी में फेंक दिया। पुलिसकर्मियों और बरहैनी रेंज के वनकर्मियों ने बन दरोगा को घर से छुड़ाया। शुक्रवार रात वन तस्करों ने ही बरहैनी रेंज की टीम को लकड़ी तस्करी की सूचना दी। बरहैनी रेंजर ने इसकी जानकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर के गश्ती दल को दी।
गश्ती दल की टीम केलाखेड़ा श्मशान घाट के पास जैसे ही पहुंची तो वन तस्करों ने गश्ती दल को रोक दिया। उधर वन दरोगा हरीश नयाल को लाठी डंडों से जमकर पीटा। उधर उन्हें बचाने आए दो वनकर्मियों को उठाकर झाड़ी में फेंक दिया। वन दरोगा हरीश नयाल को अपनी गाड़ी में डालकर तस्करों ने उन्हें बंधक बना लिया। इसके बाद उन्हें घर ले गए। उधर बरहैनी रेंज की टीम ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस और बरहैनी रेंज की टीम ने हरीश नयाल को आरोपियों के घर से छड़वाया। गश्ती दल में दो महिला वन रक्षक भी मौजूद थीं। वन तस्कर जब वन दरोगा से मारपीट कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने महिला वनरक्षकों से भी अभद्रता की। उधर वन दरोगा हरेंद्र नयाल ने गाड़ी को लाक कर दिया। इस कारण तस्कर गाड़ी के अंदर नहीं घुस सके। दोनों महिला वनरक्षकों ने गाड़ी में छिपकर जान बचाई | वन विभाग के सूत्रों के अनुसार तस्करों ने पहले से ही वन विभाग के कर्मचारियों को मारने का प्लान बनाया था। मामले में साजिश रचने वाले लालकुआं में पुलिस मुठभेड़ में घायल वन तस्कर के साथी थे। वन विभाग के एसओजी इंचार्ज कैलाश तिवारी ने बताया कि तस्करों ने उन्हें लकड़ी चोरी की सूचना दी। जब उनकी टीम थापा नगला में पहुंची तो 30 40 लोगों ने उन्हें घेर लिया। डीएफओ तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर यूसी तिवारी के मुतबिक मैं वनकर्मियों के साथ रात एक बजे मौके पर पहुंचा था। घायल वन दरोगा को अस्पताल भिजवाया गया।
शनिवार सुबह पुलिस अधिकारियों से मिलकर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। वन विभाग के एसओजी इंचार्ज कैलाश तिवारी ने बताया कि तस्करों ने उन्हें मारने का प्लान बनाया था। कहा कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की। जब शनिवार को मुकदमा लिखवाया तो पुलिस ने तस्करों के खिलाफ बहुत हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।कहा कि ये तस्कर लखविंदर को पकड़ने से गुस्साए थे। तिवारी ने बताया कि वह रात में मुझे बुलाकर जान से मारना चाहते थे। कहा कि वह गश्ती दल में नहीं जा सके। उनका गश्ती दल और बरहैंनी रेंज की टीम शुक्रवार शाम 9:30 बजे जैसे ही थापा नगला केलाखेड़ा पहुंची तो तस्करों ने घेर लिया। कहा कि इन्होंने 30 40 लोग एकत्र कर लिए। जब तक टीम कुछ समझ पाती, इन्होंने दो वनकर्मियों को उठाकर झाड़ी में फेंक दिया। उनके गश्ती दल को भी बलपूर्वक पकड़कर ले गए। पुलिस से जब मदद मांगी तो पुलिस देरी से पहुंची। बरहैनी रेंज की टीम वन दरोगा को बचाने नहीं पहुंची। वन दरोगा हरीश नयाल ने बताया कि आरोपी लाठी डंडो से उन्हें पीट रहे थे। टीम दूर खड़ी थी। कोई भी उन्हें बचाने नहीं आया। कहा कि महिला वनकर्मियों से गालीगलौज और हाथापाई की गई।वन विभाग की टीम शुक्रवार को इस क्षेत्र से खैर पकड़कर लाई थी। वनकर्मियों के अनुसार इस गांव के कुछ लोग लकड़ी तस्करी करते हैं। कहा कि पूर्व में भी कई लोग तस्करी में पकड़े जा चुके हैं।वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वन दरोगा हरीश नयाल को इलाज के लिए सुशीला तिवारी लेकर पहुंचे। यहां उनका इलाज किया गया। चिकित्सा अधीक्षक डा. जीएस तितियाल के मुताबिक कान, सिर और हाथ में गुम चोटें हैं। सोमवार को फिर उन्हें देखने के लिए बुलाया गया है। वन विभाग के एसओजी इंचार्ज कैलाश तिवारी का कहना है कि वन तस्करों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर वन दरोगा को बुरी तरह पीटा। अन्य कर्मियों के साथ मारपीट की। तस्करों ने वन दरोगा को बंधक बना लिया। सरकारी गाड़ी को भी तस्कर ले गए। पुलिस ने बहुत हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

बदमाशों ने युवकों पर चाकुओं से किया हमला, मौके से हुये फरार

हरिद्वार, जनपद के रुड़की में आधा दर्जन बाइक सवार बदमाशों ने दो युवकों पर चाकुओं से हमला कर दिया और मौके से फरार हो गए। घायल युवकों को परिजन और ग्रामीणों ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। वहीं चिकित्सकों ने एक युवक की गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया है। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।जानकारी के मुताबिक रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव का रहने वाला अंकित कुमार (19 वर्ष) गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के सुनहरा गांव में पैथोलॉजी लैब पर काम करता है। बताया गया है कि वह देर शाम छुट्टी के बाद अपने गांव माधोपुर जा रहा था, जैसे वह गांव के पास बने अंडरपास पर पहुंचा तो पहले से घात लगाए बैठे करीब आधा दर्जन बाइक सवार बदमाशों ने उसे रोक लिया और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद बदमाशों ने उसके ऊपर चाकू से हमला कर दिया। इसी दौरान गांव का ही युवक पंकित जो अपने घर वापस लौट रहा था, उसने देखा कि अंकित के साथ कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं। पंकित ने जैसे ही बीच बचाव करने की कोशिश की तो बदमाशों ने उसके ऊपर भी चाकू से हमला कर दिया और मौके से फरार हो गए। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है।

जौनसार में गीत नृत्य से लेकर पहनावा तक सभी आयाम विशेष है : नंदलाल भारती

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‘यमुना घाटी के लोक रंग, लोकगायन व संगीत के परिप्रेक्ष्य में चर्चा का हुआ आयोजन’

देहरादून, यमुना घाटी के लोक रंग को लेकर रविवार को वरिष्ठ रंगकर्मी डा. नंदलाल भारती व यमुना घाटी के प्रसिद्ध लोक गायक अनिल बेसरी ने अपने गायन के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
दून पुस्तकालय के सभागार में इन दोनों लोक कलाकारों के साथ यमुना घाटी के लोकगायन व संगीत के परिप्रेक्ष्य पर युवा लेखक व पत्रकार प्रेम पंचोली ने विस्तार से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यमुना घाटी में अन्य जगहों की अपेक्षा पलायन कम हुआ है। इसीलिए रवाई क्षेत्र में खेती किसानी से लेकर गांव के तीज त्योहार आज भी जिंदा बने हुए हैं। लोक गायक अनिल बेसरी ने बताया कि रवाई क्षेत्र में एक खास बात है कि यदि समाज में कुछ गलत हो रहा हो तो उसका लोग गीत जुड़ा देते है।
वरिष्ठ रंगकर्मी और जौनसारी गीतकार नंदलाल भारती ने कहा कि जौनसार में गीत नृत्य से लेकर पहनावा तक सभी आयाम विशेष है। इन सभी अायामो के जौनसार क्षेत्र में लोक गीत है। उन्होंने कहा कि 30 साल पहले यदि कोई जौनसारी ड्रेस पहनकर बाजार आ गया तो लोग उनके पहनावे की मजाक बनाते थे, इसलिए लोगों ने अपनी संस्कृति से पलायन करना आरंभ किया। मगर जब उन्होंने 30 बरस पहले जौनसारी लोक संस्कृति के प्रचार प्रसार का जिम्मा उठाया तो भी उनका मजाक उड़ाया गया। पर वे अपने मिशन से हटे नही और आज स्थिति ऐसी हो गई है कि दूर शहर अथवा विदेश में भी कोई जौनसारी होगा तो वह अपने पहनावे को गर्व के साथ पहनता है। यहां के गांव में रिवाज है कि कोई भी कार्य बिना सहभागिता के संपन्न नहीं होगा, यमुना घाटी यानी रवांई, जौनसार, बाबर, जौनपुर आदि क्षेत्रों से मिलकर एक छोटा सा क्षेत्र है।
यहां के सभी नृत्य गीत रसीले और भावनात्मक है। जबकि यहां गाई जाने वाली हारूल के विभिन्न प्रकार है, जिसमें वीर रस एक खास प्रकार का हारूल गीत है।
दिलचस्प यह है कि यमुना घाटी के लोकगीतो के रचनाकार आज भी अज्ञात हैं। इन अज्ञात रचयिताओं द्वारा रचित लोकगीत संपूर्ण यमुना घाटी में गाए जाते हैं। आज के आधुनिक युग में इन गीतों को सैकड़ो कलाकारों ने ऑडियो वीडियो फॉर्मेट में प्रस्तुत किया है। यमुना घाटी के लोक नृत्य अपने आप में खास है। इसलिए कि यहां के लोकगीत लोक वाद्य यंत्रों के साथ ही गाए जाते हैं। जिसमें मुख्य रूप से थाली, खंजरी, ढोलक और ढोल, नगाड़ा एवम रणसिंघा प्रमुख है। आज के वाद्य यंत्रों को इनके साथ सम्मिलित करने में थोड़ा सा कठिनाई आ सकती है लेकिन परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ जब यमुना घाटी के लोकगीत प्रस्तुत होते हैं तो देखते ही एक आवाज आती है कि हम भी नृत्यकारों के साथ सम्मिलित होना चाहते है।
कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोकगायक अनिल बेसारी ने जौनसार, रवाईं और जौनपुर के इलाके में प्रचलित परंपरागत गीतों का भी गायन किया । कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवम शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने आमंत्रित कलाकारों व सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में डॉ.नंदकिशोर हटवाल, डॉ.अतुल शर्मा, सुरेंद्र सजवाण, रंजना शर्मा, शूरवीर सिंह रावत, शैलेन्द्र नौटियाल, भारती आनन्द,शोभा शर्मा, aur अनेक लोक कलाकार, रंगकर्मी, संस्कृति कर्मी, लेखक व साहित्यकार और अन्य लोग उपस्थित थे।

खाकी का बटोही साल दर साल अब तक 75 बार कर चुका रक्तदान, बचा चुका कई लोगों की जान

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(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, अगर मनुष्य के अंदर संवेदना जिंदा है तो वह व्यक्तिगत वृत को लांघकर अपने पास पड़ोस, समुदाय समाज, क्षेत्र तथा राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को लेकर स्वाभाविक ही सेवाभाव की ओर झुक जाता है। संवेदना की न कोई जाति होती है और न ही कोई धर्म, संवेदना दिखावे की वस्तु नहीं बल्कि अंतर्मन में उपजी एक टीस है.. और इसी टीस को लेकर खाकी पहने एक बटोही साल दर साल करता आ रहा रक्तदान, वैसे तो विश्वभर में 14 जून को रक्तदान दिवस मनाया जाता है, ऐसे में हम आपको उत्तराखंड की राजधानी दून के एक ऐसे पुलिसकर्मी के बारे में बताने वाले हैं जिसने 75 बार ब्लड डोनेट कर जरूरतमंदों की जान बचाई है, हम बात कर रहे हैं शहनवाज अहमद की जो मूलरूप से उत्तरकाशी के रहने वाले हैं, शहनवाज एसपी कार्यालय में कॉन्सटेबल के पद पर तैनात है और उनका लक्ष्य है कि वह अपने जीवन में कम से कम 100 बार ब्लड डोनेट जरूर करेंगे।

उत्तराखंड पुलिस कॉन्सटेबल शहनवाज अहमद बताते हैं कि साल 2001 में वह अपने किसी साथी के साथ अस्पताल में गए जहां उनके दोस्त का कोई रिश्तेदार एडमिट था और उसे खून की जरूरत थी। उनके दोस्त का ब्लड ग्रुप उससे मैच नहीं किया तब शहनवाज ने उन्हें खून दिया उनकी उम्र उस वक्त 18 साल की थी। पिछले 23 सालों से रक्तदान करने वाले शहनवाज अहमद ने कोरोना से लेकर डेंगू तक के मरीजों को खून दिया ।जरूरतमंद गर्भवती महिला हो या बच्चे, हर किसी के लिये शहनवाज और उनकी टीम खड़ी रहती है, उनका कहना है कि आज समाज में व्यक्ति धार्मिक नफरत फैला रहे हैं लेकिन जब इंसान को खून की जरूरत होती है तो वह यह नहीं कहता कि मैं जिस धर्म से ताल्लुक रखता हूं उसी व्यक्ति का खून चाहिये, वहीं खून कुदरती है जिसे आर्टिफिशियल रूप में नहीं बनाया जा सकता है।

परिजनों के चेहरे की खुशी से मिलता है सुकून :

काॕन्सटेबल शहनवाज ने बताया कि कई बार जब किसी जरूरतमंद मरीज को खून देते हैं तो उनके परिजनों के चेहरे पर जो उम्मीद नजर आती है, जो खुशी नजर आती है उससे हमें उसका अलग ही सुकून मिलता है । उन्होंने बताया कि एक बार रमजान के दिनों में किसी मरीज को खून की जरूरत थी और रक्तदान करने का नियम है कि ब्लड डॉनर एक घण्टे पहले कुछ खाए, उस वक्त उन्हें रोजे से ज्यादा उस जिंदगी की परवाह थी, उन्होंने रोजा तोड़कर ही ब्लड डोनेट किया. वह हमेशा ब्लड डोनेट करने के लिए तैयार रहते हैं। एक बार उन्हें एम्स दिल्ली से किसी मरीज के परिवार ने कॉल किया और वह एम्स ऋषिकेश का सुनकर निकल पड़े लेकिन फिर उन्होंने अपने ही ग्रुप के दिल्ली कॉन्सटेबल जो स्वयं ब्लड डोनेट करते हैं उनसे ब्लड डोनेट करवाया जिससे बॉन कैंसर से पीड़ित बच्चे को दोबारा जीवन मिल पाया।

नहीं आती रक्तदान करने से कमजोरी :

शहनवाज कहते हैं कि उन्होंने डॉक्टर्स से जानकारी ली और यह जाना कि ब्लड डोनेट करने से शरीर कमजोर नहीं होता है बल्कि एक स्वस्थ व्यक्ति को हर तीन महीने में रक्तदान करना चाहिए, ब्लड डोनेट करने के चौबीस घण्टे बात ही नया खून बन जाता है।

संवेदना दिखावे की वस्तु नहीं :

शहनवाज कहते है कि मानवीय संवेदना मस्तिष्क नहीं बल्कि दिल में उत्पन्न होती है और यही संवेदना मनुष्य को महान बनाती है, स्वयं भूखा रहकर दूसरों को खिलाने की हमारी परम्परा संवेदनाशीलता की पराकाष्ठा है ।

पहाड़ी महासभा के चुनाव सम्पन्न तरुण अध्यक्ष, बिष्ट महासचिव व पोखरियाल उपाध्यक्ष निर्वाचित

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हरिद्वार( कुलभूषण )। पहाड़ी महासभा के द्विवार्षिक चुनाव आज सम्पन्न हो गए। तरुण हिमालय स्थित कार्यालय में चुनाव अधिकारी त्रिलोक चंद्र भट्ट ने अध्यक्ष पद पर तरुण व्यास महासचिव पद पर जसवंत सिंह बिष्ट व उपाध्यक्ष पद पर डा0 मयंक पोखरियाल को निर्वाचित घोषित किया। इससे पूर्व चुनाव अधिकारी श्री भट्ट ने बताया कि अध्यक्ष पद पर तरुण व्यास व राकेश नोडियाल, महासचिव पद पर राकेश ममगाई व जसवंत सिंह बिष्ट तथा उपाध्यक्ष पद पर मयंक पोखरियाल ने नामांकन किया था। चुनाव संचालन समिति ने जब नामांकन पत्रों की जांच की तो अध्यक्ष पद पर राकेश नोडियाल व महासचिव पद पर राकेश ममगई का नामांकन अपूर्ण पाया गया जिसके बाद दोनों नामांकन खारिज कर दिए गए। डा0 मयंक पोखरियाल उपाध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुए। नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री उक्रांद नेता दिवाकर भट्ट से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष तरुण व्यास ने महासभा के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पहाड़ी महासभा को एक संगठन के रूप में और अधिक मजबूत करने के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य करेंगे। सभी वरिष्ठ साथियो का मार्गदर्शन लेकर पहाड़ी संस्कृति का प्रचार प्रसार व्यापक रूप से किया जाएगा। महासभा का विस्तार उनकी प्राथमिकताओं में रहेगा। नवनिर्वाचित महासचिव जसवंत सिंह ने कहा कि वह अपने समाज के लिए पूरी निष्ठा से अध्यक्ष जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगे। उन्होंने पहाड़ी महासभा के पूर्व पदाधिकारियो व सदस्यो का आभार व्यक्त किया।
नव निर्वाचित पदाधिकारियो को बधाई देने वालो में अघ्यक्ष सुभाष पुरोहित, महासचिव इन्दर रावत, कोष सचिव भगवती प्रसाद पंत, सहायक चुनाव अधिकारी कमल मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष डा0 अजय नेगी, श्याम सुन्दर, प्रेम प्रकाश नौटियाल, पूर्व महासचिव भुवनेश पाठक, श्रीमति सरिता पुरोहित, मीरा रतूड़ी, पुष्पा चौहान, संजय नैथानी, टी0एस0 रावत, दीपक नौटियाल, पूर्व अध्यक्ष दिनेश चन्द्र जोशी, रमेश, संतोश चन्द रतूड़ी, मनोज सिंह रावत, एस0पी0 चमोली, विजेन्द्र कण्डारी, विवेक उनियाल, विजय ग्वाड़ी, धीरज बिष्ट, डी.पी. थपलियाल, रितेश नौडियाल, मोहन सिंह बुटोला, सतीश रावत, संतोष चमोला, डा. राकेश चर्तुेवेदी, महेन्द्र डबराल, अतोत सिंह गुसांई, अर्जुन सिंह गुंसाई, चन्दन सिंह रावत, विरेन्द्र सिंह तोपाल, सौरभ कण्डवाल, तरुण जोशी, भगवत सिंह, राजीव पंत, प्रकाश चन्द्र भट्ट, राजेन्द्र सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में महासभा के सदस्य शामिल रहे।

 

भाजपा कार्यकर्ताओ ने किया वृक्षारोपणMay be an image of 10 people and tree

हरिद्वार ( कुलभूषण ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के आह्वान पर एक पेड़ मां के नाम अमावस्या तीज के अवसर पर शामलोक कॉलोनी भूपतवाला में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वृक्ष लगाकर प्रधानमंत्री के आवाहन को पूर्ण करने का संकल्प लिया भाजपा मंडल अध्यक्ष तरुण नैयर व जिला महामंत्री विदित शर्मा ने कहा कि हर रविवार को वृक्ष लगाने का कार्यक्रम निरंतर चलाया जाएगा देश के प्रधानमंत्री ने जो संकल्प बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता को दिया है उसे संकल्प को पूरा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता कटिबद्ध है निश्चित पेड़ लगने से आने वाली पीढियां के लिए भी ऑक्सीजन गर्मी जैसी समस्याओं का भी निजात मिलेगा हम सब लोगों को पेड़ लगाने का संकल्प लेना चाहिए । कार्यक्रम में विकल राठी गोकुल डबराल डॉक्टर प्रभात कुमार देवेंद्र पंत श्याम पांडे राजू सिंह मंगल सिंह मृत्युंजय सिंह भास्कर लोहनी जगदीश बुटोला पीसी शर्मा अर्चना तिवारी शोभित कुमार रमाकांत शर्मा सहित विभिन्न कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

संपूर्ण कावड़ मेला अवधि में बीo ईo जीo आर्मी तैराक दलों ने उत्कृष्ट सराहनीय कार्य कर 104 शिव भक्ति कांवड़ियों/श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचायाMay be an image of 8 people and boat

हरिद्वार ( कुलभूषण ) जिला अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पीo एलoशाह एवं डिप्टी कलेक्टर मनीष सिंह के मुख्य संयोजन एवं इंडियन रेडक्रॉस सचिव/नोडल अधिकारी आर्मी तैराक दल डॉo नरेश चौधरी के संयोजन में कावड़ मेला 2024 की सम्पूर्ण कांवड़ मेला अवधि में बीo ईo जीo आर्मी तैराक दलों के सैनिकों ने 104 शिवभक्त कांवड़ियों/श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाकर उत्कृष्ट सराहनीय कार्य किया। जिसके लिए कांवड़ियों के साथ-साथ जन समाज ने भी बीo ईoजीo आर्मी के तैराक दलों के सभी सैनिकों की चुनौती पूर्वक कार्यों की सरहाना की गई। ज्ञात हो संपूर्ण कावड़ मेला अवधि में अपनी मोटर बोट एवं सभी संसाधनों के साथ बीo ईoजीo आर्मी कमांडेंट ब्रिगेडियर केoपीo सिंह, कर्नल दीपक बासकंडी,लेo कर्नल प्रतीक गुप्ता के नेतृत्व में सूबेदार लखबीर सिंह, नायब सूबेदार प्रकाश चंद्र, हवलदार अमनदीप सिंह, हवलदार अनिल कुमार, हवलदार मन्दीप सिंह, हवलदार लखविंद्र सिंह, हवलदार विपिन कुमार, हवलदार त्रिलोक सिंह, हवलदार श्याम सुंदर दास,लांस हवलदार अनिल कुमार, लांस हवलदार संदीप कुमार,लांस हवलदार संजीत घोष,नायक शशिकांत, नायक बप्पा बर्मन, नायक देवब्राटा दास द्वारा हरकि पैड़ी के आसपास के सभी घाटों एवं रुड़की धनौरी क्षेत्र में मुस्तैदी से 104 शिवभक्त कांवड़ियों को डूबने से बचाकर उनके जीवन की रक्षा तो की साथ ही साथ भारतीय सेना का सम्मान भी बढ़ाया, जिसके लिए जगह-जगह भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है। सम्पूर्ण कांवड़ मेला अवधि में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों,स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं के स्वयंसेवकों ने कंधे से कंधे मिलाकर जिला प्रशासन का समर्पित सहयोग किया। तथा बीoआईoजीo आर्मी के सैनिकों ने भी जल पुलिस, एसoडीoआरoएफ के अतिरिक्त जिला प्रशासन का सहयोग किया। और शिवभक्त कांवड़ियों की जान बचाकर जो पुण्य कार्य सैनिकों द्वारा किया गया वह भी देश की सीमाओं पर सेना द्वारा रक्षा करने के समान है। इसके लिए सेना के प्रत्येक सैनिक को जिला प्रशासन एवं जन समाज का बार-बार सलाम है। इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ नरेश चौधरी ने अवगत कराया की रेडक्रॉस स्वयंसेवकों द्वारा भी घायलों को प्राथमिक उपचार के उपरान्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्रिय सहभागिता की। साथ ही साथ जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की विशेष पहल पर भीड़ बढ़ने पर घायलों को मोटर बोट द्वारा ही प्राथमिक उपचार देते हुए शीघ्र अति शीघ्र बिरला घाट पर मुस्तैद की हुई एंबुलेंस में पहुंचाने की विशेष व्यवस्था की गई थी परंतु शिव भोले के आशीर्वाद से इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी।

वर्ष 2027 में भारत होगा विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था व 5 ट्रिलियन इकोनामी-त्रिवेंद्र सिंह रावत

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हरिद्वार ( कुलभूषण) हरिद्वार सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह घोषणा आज हरिद्वार में उद्योगपतियों व्यापारियों एवं व्यवसाय जगत से जुड़े हुए प्रमुख व्यक्तियों के सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में की।
आज दिनांक 4 अगस्त 2024 को भारतीय जनता पार्टी जिला हरिद्वार द्वारा मध्य हरिद्वार स्थित एक होटल में उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों के साथ बजट पर संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिले भर से आए हुए उद्योग एवं व्यवसाय जगत के लोगों के साथ बजट के महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर संवाद किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत सरकार का यह बजट भारत के 5 ट्रिलियन इकोनामी बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा जिसमें विशेष रूप से प्रधानमंत्री ने देश के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देते हुए उद्योगों का भाड़ा खर्च 20% से घटकर 9% पर लाने का लक्ष्य तय किया है जिससे भारत के सुदूर क्षेत्रों में उत्पादित होने वाले समस्त उत्पादों की न सिर्फ लागत कम होगी अपितु उन्हें विश्व भर में एक नया बाजार भी मिल सकेगा। उन्होंने गति शक्ति तथा ऐसी अनेकों योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि पहले जहां एक क्षेत्र के विकास के लिए बजट का प्रावधान करने में ही दशकों बीत जाते थे, 50 के दशक में स्थापित एम्स को पूर्ण रूप से विकसित होने में 30 वर्षों का समय लगा जबकि अब मात्र 10 वर्ष में 7 एम्स पूर्ण रूप से विकसित किए जा चुके हैं। किसानों के उत्पादों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल के सुदूर क्षेत्रों में पैदा होने वाली मटर को बेंगलुरु पहुंचने की लागत लगभग 80 रुपए प्रति किलो आती है जो की आधारभूत संरचनाओं में विकास किए जाने के पश्चात आधी से भी कम हो जाएगी और इसका सीधा लाभ किसानों को भी मिलेगा। उन्होंने विशेष रूप से उत्तराखंड की चर्चा करते हुए बताया कि आज देश में उत्पादन होने वाली दवाओं का लगभग 20% उत्तराखंड के उद्योगों में बनाई जा रही है और मोदी सरकार निरंतर उद्योगों को सुविधा प्रदान करने में लगी हुई है। व्यापारियों के लिए निरंतर कर प्रणाली व अन्य इंस्पेक्टर राज वाले प्रावधानों में छूट की जा रही है। आज एक व्यापारी अपने घर बैठे ही अपनी आय का रिटर्न व अन्य सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कर सकता है। उन्होंने सभी उद्योगपतियों व व्यापारियों से सुझावों को भी आमंत्रित करते हुए कहा कि आपके सुझाव मोदी सरकार को और स्पष्ट विजन के साथ काम करने में मददगार साबित होंगे। भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष संदीप गोयल ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के प्रथम बजट में मोदी जी का विजन स्पष्ट दिखाई दे रहा है। मोदी जी लोक लुभावन योजनाओं की अपेक्षा दूरगामी परिणाम देने वाले कार्यक्रमों को लागू करने में विश्वास रखते हैं और उनके लक्ष्य में चारों जातियां *गरीब किसान युवा व महिला* का उत्थान प्राथमिकता पर रहता है और यही इस बार के बजट में भी परिलक्षित होता है। गढ़वाल संयोजक ओमप्रकाश जमदग्नि ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के जनता की सरकार जनता के द्वारा विजन के अनुरूप सैद्धांतिक रूप से स्पष्ट होता है। कार्यक्रम के संयोजक जिला महामंत्री आशुतोष शर्मा ने बताया कि उक्त कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रत्येक जिले में आयोजित किया जा रहे हैं जिसमें जनता के साथ संवाद कर बजट के बारे में विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रमुख उद्योगपति अविनाश ओहरी ने इस बजट को ऐतिहासिक बताते हुए उद्योग जगत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस मंच के माध्यम से बधाई प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री आशु चौधरी व जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। आज के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रमुख उद्योगपति मनोज गौतम केतन गर्ग विनीत धीमान श्री एम आर शर्मा हरेंद्र गर्ग पराग सक्सेना हिमेश कपूर अनुज चौहान, परमिंदर शर्मा व्यापारी नेता विमल कुमार कैलाश केसवानी संजीव चौधरी राजीव भट्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट अनमोल गर्ग श्याम अरोड़ा आशुतोष पांडे वासु गर्ग, राजीव शर्मा,विमल कुमार, योगेश चौहान, रश्मि चौहान आभा शर्मा विकास तिवारी, नकली राम सैनी, डॉ प्रदीप कुमार मनीष चौधरी विक्रम भुल्लर, अरुण अय्यर हीरा सिंह बिष्ट जितेंद्र सैनी नागेंद्र राणा कैलाश भंडारी मोहित शर्मा विशाल गर्ग राजकुमार अरोड़ा, दीपेंद्र चौधरी, रंजना चतुर्वेदी, मुनेश पाल, शीतल पुंडीर, रंजीत झा, रितु ठाकुर, गौरव कपिल, दीपक उप्रेती , पवन तोमर, मोहित वर्मा, हरजीत सिंह, जितेंद्र सिंह, सूरज शर्मा, वासु पाराशर, अर्जुन चौहान, नवजोत वालिया, युद्धिष्टर वालिया आदि उपस्थित थे।