-ग्राम चौपालों के आयोजन में उच्चाधिकारी भी हों शामिल।
-पंचायत भवनों के निर्माण के 10 लाख की धनराशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपये किये जाने के मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश ।
-पर्वतीय शैली के आधार पर हो पंचायत भवनों का निर्माण।
देहरादून(आरएनएस)। गांवों के सुनियोजित विकास के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में कार्य किये जाएं। देश के शीर्ष 100 आदर्श गांवों की श्रेणी में उत्तराखण्ड के 10 गांवों के नाम भी शामिल हों, इसके लिए गावों के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किये जाएं। ग्राम चौपाल के आयोजन में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जाए तथा ग्राम पंचायतों के प्रबुद्धजनों के साथ बैठकर गांवों की विकास योजनाओं पर कार्य किया जाए। ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाये जाए, इनमें उन गांवों के प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रतिभागी बनाया जाए। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानक तय कर पंचायत भवनों का निर्माण किया जाए। ग्राम पंचायतों में जो भी पंचायत भवन बनाये जा रहे हैं, वे पर्वतीय शैली में बनाये जाय, जिसमें उत्तराखण्ड की विरासत की झलक हो। पंचायत भवनों के लिए उचित स्थलों का चयन किया जाए, ताकि उनका ग्राम पंचायतों में पूर्णतः उपयोग हो सके। पंचायत भवनों के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की जा रही 10 लाख की धनराशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपये करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। गांवों में सड़क निर्माण के समय नालियां भी बनाई जाय, ताकि जल निकासी की समस्या न हो। ग्राम पंचायतों में ओपन जिम और पार्कों की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सेना और अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के नाम पर उनके गांवों में द्वार, स्कूल और पंचायत भवनों के नाम रखे जाएं और गांवों में शिलापटों पर शहीदों के नाम अंकित करने की व्यवस्था बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग से राज्य को प्राप्त धनराशि का योजनाबद्ध तरीके से उपयोग किया जाए। स्वच्छता, कूड़ा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गांवों के विकास के लिए जो भी योजनाएं बनाई जाए, धरातल पर पहले उसका आंकलन किया जाए। सभी ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर और हाई स्पीड इन्टरनेट कनेक्टिविटी की व्यवस्था की जाए।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांवों के विकास के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा दिया जाए। ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्यों की वरिष्ठ अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने सभी पंचायतों की परिसम्पतियों की जी.आई.एस मैपिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मल्टी-लेवल पार्किंग के निर्माण से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि उनका उचित इस्तेमाल और देख-रेख हो। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से गांवों के विकास के लिए निर्धारित मानकों के हिसाब से तेजी से कार्य किए जाएं।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव पंचायती राज चन्द्रेश यादव, अपर सचिव आलोक कुमार पांडेय, निदेशक पंचायती राज सु निधि यादव, निदेशक सेतु डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।
प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 गांवों को बनाया जाए आदर्श ग्राम : मुख्यमंत्री
शंका आशंका के बीच दूसरे दिन राहत एवं बचाव कार्य जारी, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा आपदा की सही जानकारी दे सरकार
(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- बीते बुधवार रात्रि केदारघाटी में हुए जल प्रलय के बाद आज भी राहत एँव बचाव कार्य जारी रहा। जिला प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुशार आज शुक्रवार को जिला प्रशासन की निगरानी में 599 लोगों को हेली सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया, जबकि सोनप्रयाग से जंगलचट्टी के बीच फंसे 2024 तथा चौमासी से 161 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया गया। आपदा के बाद अब तक 1353 लोगों को हेली सेवा व 5324 लोगों को पैदल मार्गो से सुरक्षित निकाला गया साथ ही 303 लोगों को चौमासी से सुरक्षित रेसक्यू किया गया कुल 6,980 यात्रियों रेस्क्यू हो चुका है।
जल प्रलय के बाद लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिये जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। तीर्थयत्रियों के परिजन जानकारी के लिए इन नंबरों हेल्पलाइन नंबर संपर्क कर जानकारी ले सकते है। संपर्क न. 7579257572, 01364- 233387, 8958757335, 01364-297878, 01364-297879, 918078687829, 917579104738, 01364- 233727, 01364- 2331077 ।
आज दूसरे दिन बीत जाने के बाद भी आपदा को लेकर शंका, आशंका का बाजार गर्म है। भले ही जिला प्रशासन ओर सरकार द्वारा अभी तक किसी प्रकार के मानव छति की अधिकारिक सूचना नहीं दी गयी। लेकिन स्थानीय जनता व विपक्षी पार्टियाँ इस आपदा में जान के नुकसान को लेकर आशंकित है व सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की माँग कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज रुद्रप्रयाग में पत्रकार वार्ता कर केदारनाथ यात्रा मार्ग में हुये जल प्रलय पर हुये जान माल के नुकसान पर शंका जताते हुये सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की माँग की है। उन्होने कहा कि बाड़ का नुकसान तो दिख रहा पर जान का नुकसान क्या है सरकार स्थिति स्पष्ट करे। वहीं काँग्रेस नेता गणेश गोदियाल इस आपदा में जान की आशंका जताई है व सरकार पर स्थिति स्पष्ट न करने का आरोप लगाया। आपदा के बाद राहत एँव बचाव कार्य जारी है यात्रा मार्ग में फँसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानो पर पहुँचाने का कार्य जारी है। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग की देखरेख में राहत एँव बचाव कार्य लगातार जारी है।
मासी में मूल निवास, स्थायी राजधानी और भू-कानून के लिए जुटे संगठन
-एक सितंबर को आयोजित मूल निवास स्वाभिमान महारैली को सफल बनाने का आह्वान
द्वाराहाट(अल्मोड़ा), मूल निवास, भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर से द्वाराहाट के भूमियाँ मंदिर (मासी) के सभागार में 1950 के आधार पर मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने, गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने और प्रदेश में सशक्तब भू-कानून लागू करने को लेकर बैठक हुई। इससे पूर्व स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन भी किया। बैठक विभिन्न संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों, सदस्यों ने प्रतिभाग किया। बैठक में 1 सितम्बर को गैरसैण में होने जा रही मूल निवास स्वाभिमान महारैली की तैयारी को लेकर चर्चा हुई।
बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती कांता रावत जी ने की। इस मौके पर जन भागीदारी के साथ आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया और तथा एक सितंबर को गैंरसैंण महारैली को सफल बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से एडवोकेट अशोक कुमार को द्वाराहाट-चौखुटिया विधानसभा संयोजक व व्यापार संघ अध्यक्ष मासी गिरीश आर्या को मासी का संयोजक चुना गया।
तय हुआ कि शीघ्र ही अगली बैठक कर समिति का विस्तार किया जाएगा तथा आंदोलन के लिए आगे की रणनीति तय की जाएगी।
मूल निवास, भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के कुमाऊं संयोजक राकेश बिष्ट ने कहा कि गैरसैण में ऐतिहासिक महारैली होगी। अब आर-पार की लड़ाई का वक्त आ गया है। हमारे अधिकार अपने राज्य में सुरक्षित नहीं है। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए एक-एक व्यक्ति आंदोलन को आंदोलन में भागीदारी निभानी है।
इस मौके पर गैरसैण राजधानी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, धनगढ़ी पुल संघर्ष समिति के विजय उनियाल, रघुवर नैनवाल, भुवन कठायत, एडवोकेट राकेश बिष्ट, अशोक कुमार, बसंत उपाध्याय, बालम नेगी ,परमेश्वरी देवी ,गोपाल मासीवाल, गिरीश आर्या, संतोष मासीवाल, गंगा पटवाल, तनु बिष्ट, जगदीश ममगाई, एलडी मठपाल, हितेश बिष्ट, मधु लोहनी, सुनीता जोशी, बी एस मटोला, भैरव असनोड़ा, शंकर बिष्ट, रविंद्र नेगी, मदन सिंह, केसर सिंह आदि शामिल हुए।
राज्य आंदोलनकारियों का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी
देहरादून, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों के निस्तारण की मांग को लेकर आज अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा।
शहीद स्थल पर चल रहे धरने में शुक्रवार को पहुंचे उक्रांद के संरक्षक और वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रवर समिति की 9 बैठकों के बाद विधानसभा से पारित यह विधेयक 5 माह से राजभवन में लंबित है। यदि विधेयक में कोई खामी है तो राजभवन को कमी उजागर करनी चाहिए इस तरह से रोक के रखने से तो सरकार की मंशा पर संदेह पैदा होता है। उन्होंने सभी आंदोलनकारी शक्तियों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि एकजुट रहोगे तभी सरकार बात सुनेगी नहीं तो सिवाय आश्वासनों के कुछ नहीं मिलने वाला।
राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि कई बार आश्वासन देने के बाद मुख्यमंत्री अपने वचन पर खरे नहीं उतरे, इससे प्रदेश में मुखिया की साख कम होती है। उन्होंने कहा कि अबकी बार जब तक 10% का विधेयक राजभवन से पास हो कर लागू नहीं ही जाता आंदोलनकारी यहां से उठने वाले नहीं हैं।
आज धरने पर बैठने वाले में टिहरी से हरिओम ओमी, जबर सिंह पावेल, बलबीर सिंह नेगी, उक्रांद से प्रमिला रावत, शिवराज सिंह रावत, दिनेश भारद्वाज,प्रेम नगर से लोक बहादुर थापा, प्रभात डंडरियाल, कौलागढ़ से विपुल नौटियाल, मूल निवास भू कानून के संयोजक मोहित डिमरी, प्रांजल नौडियाल, प्रमोद काला, विकास नगर से रामकिशन, अम्बुज शर्मा, क्रान्ति कुकरेती आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
आयुक्त दीपक रावत ने औचक निरीक्षण कर जाना बेस चिकित्सालय का हाल
हल्द्वानी, सोबन सिंह जीना बेस चिकित्सालय में पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस केन्द्र का आयुक्त दीपक रावत ने आज शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान चिकित्सक के अनुपस्थित रहने पर उन्होंने एक माह का सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ताकि यह पता चल सके कि चिकित्सक कब केन्द्र में आ रहे है। निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने पाया कि डायलिसिस केन्द्र में 25 बैड पर मरीजों की डायलिसिस की जाती है लेकिन बैड की स्थिति काफी खराब होने पर आयुक्त ने केन्द्र संचालक को एक सप्ताह के भीतर मरीजों के बैड ठीक कराने के निर्देश दिये साथ ही प्रमुख अधीक्षक बेस को मानिटरिंग कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिये। वर्तमान में डायलिसिस केन्द्र में प्रतिदिन लगभग 70 लोगों की डायलसिस की जाती है। आयुक्त ने प्रमुख अधीक्षक बेस को निर्देश दिये कि डायलिसिस सेंटर की व्यवस्थाओं में कोई भी कमी है तो उसकी लिखित सूचना महानिदेशक स्वास्थ्य के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को देना सुनिश्चित करें ताकि डायलिसिस केन्द्र की व्यवस्थाओं में सुधार किया जा सके। बेस चिकित्सालय निरीक्षण के दौरान मौके पर तीनों गेटों पर सुरक्षा कर्मी नदारत पाये गये और बुलाने के पश्चात काफी देर के बार उपस्थित हुये जो सुरक्षा मानकों के अनुसार ड्रेस में भी नही पाये गये। जिस पर आयुक्त ने कडी आपत्ति जताई और प्रमुख अधीक्षक को सुरक्षा कर्मियों की नियमित मानिटरिंग के साथ ही सुरक्षा कर्मी के ड्रैस कोड को भी चौक करने के निर्देश दिये। इसके पश्चात आयुक्त द्वारा अटल आयुष्मान कक्ष का निरीक्षण किया गया। आयुक्त ने आयुष्मान के कक्ष के निरीक्षण के दौरान कहा कि सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाय। निरीक्षण के दौरान बेस चिकित्सालय गेट के निकट आई लैंस ऑप्टिकल की दुकान द्वारा नाले व गेट पर अतिक्रमण कर टिन शैड बना दिया है जिस पर आयुक्त ने सायं 5 बजे तक टिन शैड हटाने के निर्देश दिये। इसके पश्चात श्री रावत ने केएमवीएन पार्किग के निकट सडक के निरीक्षण के दौरान लोगों द्वारा सडक पर वाहनों को पार्क किया था जिस पर उन्होंने चालान की कार्यवाही करने के निर्देश सीओ को दिये। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, सचिव विकास प्राधिकरण बीएन शुक्ल, सहायक नगर आयुक्त तुषार सैनी आदि उपस्थित थे।
अजय कांत शर्मा बने असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के सदस्य
देहरादून(शंकर दत्त कांड़पाल), भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कांत शर्मा को असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का सदस्य बनाये जाने पर श्रमिकों में उत्साह की लहर है। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कांत शर्मा ने कहा की प्रदेश के 30 लाख असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी संगठित श्रमिकों जैसी सुविधाएं मिले यह उनकी प्राथमिकता रहेगी। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा जैसे ईएसआईसी पीएफ जैसी सुविधाएँ मिले जिसको लेकर बोर्ड में मज़बूती के साथ श्रमिकों की समस्याओं को उठाया जाएगा ताकि उनको न्याय दिलाया जा सके।
भारतीय मज़दूर संघ संगठन स्तर से भी प्रदेश एवं केंद्रीय स्तर पे असंगठित क्षेत्र मैं कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए उनके उत्थान के लिए लगातार शासन प्रशासन स्तर से वार्ता करते रहते है। उन्होंने कहा की अधिकांश असंगठित श्रमिक ऐसे उद्यमों में काम करते हैं जहाँ श्रमिक कानून लागू नहीं होते। इसलिये इनकी कार्य दशा भी सुरक्षित नहीं होती और इनके लिये स्वास्थ्य संबंधी खतरे बहुत अधिक होते हैं।
असंगठित क्षेत्र में रोज़गार गारंटी न होने के कारण रोज़गार का स्वरूप अस्थायी होता है, जो इस क्षेत्र में लगे कामगारों को हतोत्साहित करता है। रोज़गार स्थिरता न होने के कारण इनमें मनोरोग का खतरा भी असंगठित क्षेत्र के कामगारों से अधिक होता है। बोर्ड के माध्यम इन्हें रोज़गार गारंटी मिले उस पर कार्य किया जाएगा।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष पदम सिंह धमानदा ने कहा कि अजय कांत शर्मा निःस्वार्थ भाव से संगठन एवं श्रमिकों के लिए तत्परता से काम करते आ रहे है। उन्होंने पहले भी हजारो असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों को न्याय दिलाया और उनके साथ हर वक्त खड़े रहते है। अजय कांत शर्मा को बोर्ड में सदस्य बनाने से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के सरकार ने एक अच्छा कदम उठाया है। इस मौके पर बड़ी भारतीय मजदूर संघ से श्रमिक और कार्यकर्ता मौजूद रहे |
‘एक मील चलो, एक मुस्कान के साथ जियो’ के संदेश के साथ दून में वॉकथॉन का आयोजन
-जागरुकता बढ़ाने के मिशन में भारत भर के 34 शहरों को एकजुट करेगा वांकथाॕन
देहरादून, राष्ट्रीय संवहनी दिवस के शुभ अवसर पर एक राष्ट्रव्यापी वाॕकथॉन होने जा रहा है, जो ‘एक मील चलो, एक मुस्कान के साथ जियो’ के शानदार संदेश के साथ जागरुकता बढ़ाने के मिशन में भारत भर के 34 शहरों को एकजुट करेगा।
स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुये स्थानीय आयोजक डा. प्रवीण जिंदल ने बताया कि रविवार 4 अगस्त को आयोजित इस वॉकथॉन को महिंदर ग्राउंड, गढ़ी कैंट से मेजर जनरल श्री आर प्रेम राज, जीऔसी जनरल ऑफिसर कमांडिंग, उत्तराखण्ड सब एरिया द्वारा हरी झंडी दिखाई जाएगी।
डा. प्रवीण जिंदल ने कहा कि आयोजन का व्यापक विषय ‘विच्छेदन मुक्त विश्व, हमारे दिलों को प्रिय एक मुद्दा है। भारतीय वैस्कुलर सोसाइटी की इस भव्य पहल का उद्देश्य समुदाय और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देते हुए संवहनी स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करना है।
उन्होंने कहा कि जीवन के सभी वर्गों के नागरिक हाथ मिलाएंगे और एक साथ आगे बढ़ेंगे, प्रत्येक भारतीय के लिए एक स्वस्थ, खुशहाल और विच्छेदन-मुक्त भविष्य की वकालत करेंगे।
उन्होंने कहा कियस्वस्थ भारत के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के बाद, भारतीय वैस्कुलर सोसाइटी ने पूरे भारत में वाॕकथाॕन का आयोजन कर रही है, जिसका उद्देश्य नागरिकों के व्यवहार में बदलाव लाना और अंगच्छेदन मुक्त भारत सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली के बारे में जागरुकता फैलाना है।
यह राष्ट्रीय अभियान आज के समय में और अधिक प्रासंगिक हो जाता है, जब भारत दुनिया की मधुमेह राजधानी बनता जा रहा है। अधिक से अधिक आबादी उन्च रक्तचाप, मधुमेह, डिस्लिपिडेमिया और धूम्रपान जैसे एथेरोस्क्लेरोसिस पैदा करने वाले कारकों से पीड़ित रोकथाम योग्य विच्छेदन के जोखिम में है। इसलिए यह राष्ट्रव्यापी जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है, ताकि जीवन शैली में बदलाव करके इन विच्छेदनों को रोका जा सके, और यदि आवश्यकता पड़े, तो उपचार जल्दी किया जा सके, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता को संरक्षित किया जा सके।
यह वॉकथॉन एक अविस्मरणीय अनुभव होने का वादा करता है, क्योंकि प्रतिभागी हाथ में हाथ डालकर मार्च करेंगे और संदेश को दूर-दूर तक फैलाएंगे। उठाया गया हर कदम निवारक उपायों के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और एक ऐसी जीवन शैली का प्रतीक होगा जो संवहनी मुद्दों को दूर रखता है। डा. जिंदल ने कहा कि हम शहर-दर-शहर एकजुट हो और विच्छेदन मुक्त भारत की और मार्ग प्रशस्त करें। किसी उद्देश्य, के लिए चलने की भावना को अपनाएं, और साथ मिलकर, हम एक स्वस्थ राष्ट्र की ओर कदम बढ़ाएंगे जहां हर मुस्कान बरकरार रहेगी, और जहां हमारे दिल मजबूत होकर उद्देश्य में एकजुट होकर धड़केंगे।पत्रकार वार्ता में ललित रिखाड़ी एवं नीरज भट्ट भी मौजूद रहे |
श्रृंखला सांस्कृतिक समिति रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ मनायेगी बॉलीवुड गायक किशोर कुमार का 95वां जन्मदिवस
देहरादून, श्रृंखला सांस्कृतिक समिति महान बॉलीवुड गायक किशोर कुमार के 95वें जन्मदिवस एक महासंगीतमय कार्यक्रम रूप में आयोजन करने जा रहा है |
उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों रूबरू होते हुये समिति के संस्थापक अध्यक्ष पीयूष निगम ने बताया कि सगीतमय कार्यक्रम का आयोजन रविवार आईआरडीटी ऑडिटोरियम में किया जायेगा, जिसमें बॉलीवुड के महान गीतकार समीर अनजान भी शिरकत करेंगे, निगम ने कहा कि समीर अनजान ने अबतक लगभग 5000 से ज्यादा गीत लिखे है जिसके कारण समीर जी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनजन तक अपने उत्कृष्ट गायन से बॉलीवुड के महान गायक किशोर कुमार का 95 वां जन्मदिन को मनाना है साथ ही भारतीय संस्कृति, साहित्य, गीत व संगीत के माध्यम से हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार, भारतीय संस्कारों को आत्मसात कराना एवं समाज में समरसता बनाना है ताकि होनहार व प्रतिभावान बच्चों को बड़ा मंच प्रदान करना है। निगम ने कहा कि समाज में स्पेशल चिल्ड्रेन्स को भी मंच प्रदान कर उनके बेहतर स्वास्थ्य व आत्मविश्वास को सुनिश्चित करना है। समिति प्रति वर्ष समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रही शख्सियतों को श्रृंखला श्री की उपाधि से सम्मानित भी करती है।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रसिद्ध गायक कलाकर किशोर कुमार के साथ समीर अनजान जी के गीतों की प्रस्तुति करेगें साथ बहुत से डांसर ग्रुप भी अपनी कला का प्रदर्शन करेगें।
प्रेस वार्ता में समिति के संस्थापक अध्यक्ष पीयूष निगम, उपाध्यक्ष राम सिंह असवाल, उपाध्यक्ष मनीषा आले, महासचिव संजीव वर्मा, सहसचिव अमित रावत, विगेडियर विपिन नौटियाल (सेनि०), हितेन्द्र सक्सेना संदीप अग्रवाल एवं सुनीता क्षेत्री आदि मौजूद रहे ।
अंकिता भंडारी हत्याकांड : आरोपियों पर कोटद्वार में ही चलेगा मुकदमा, सुप्रीम कोर्ट ने पुलकित आर्य की याचिका खारिज की
नई दिल्ली, उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपी पुलकित कार्य की उस अर्जी को देश की सर्वाेच्च अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया है जिसमें मुख्य आरोपी ने अपने केस को कोटद्वार की अदालत से अन्य किसी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलकित कार्य की इस याचिका को खारिज करते हुए कहा गया है कि यह एक संगीन आपराधिक मामला है। कोर्ट ने कहा कि इस केस में जल्द सुनवाई और न्याय करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड ने उत्तराखंड की राजनीति में तहलका मचा दिया था। क्योंकि इस केस का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के सत्ताधारी भाजपा से गहरे रसूख थे तथा अंकिता भंडारी की हत्या के इस केस में किसी वीवीआईपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए अंकिता पर दबाव बनाने और मना करने पर हत्या करने जैसी बातें भी चर्चाओं के केंद्र में रही हैं। विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अंकिता को न्याय दिलाने के नाम पर अब तक आंदोलन करते आए हैं।
अंकिता भंडारी जो पौड़ी गढ़वाल के एक गांव की रहने वाली थी ऋषिकेश के वन्तरा रिजार्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर काम करती थी तथा वही रहती थी। उसे काम करते हुए अधिक समय नहीं हुआ था कि 18 सितंबर को उसके लापता होने की खबर खुद वंन्तरा रिजार्ट के स्वामी के बेटे पुलकित आर्य द्वारा ही राजस्व पुलिस को दी गई थी। जिसके एक सप्ताह बाद 24 सितंबर को उसका शव चीला नहर से बरामद हुआ था। इस मामले में पुलकित आर्य तथा उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
सरकार द्वारा इस मामले में एक एसआईटी गठित की गई जिसकी प्रमुख पी. रेणुका देवी थी। इस मामले में 100 लोगों की गवाही या बयान दर्ज कर 500 पेज की रिपोर्ट दाखिल की गई। 2022 से तीनों आरोपी जेल में बंद है तथा कोटद्वार जिला अदालत में इसकी सुनवाई चल रही है। आरोपियों को जमानत तक नहीं मिल सकी है अब आरोपी पुलकित आर्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर अपना केस कहीं और ट्रांसफर करने की मांग की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया है।
मासूम के फेफड़े में फंसी थी बड़े आकार की गिट्टी, एम्स के चिकित्सकों ने लिया रिस्क और बचा ली जान
ऋषिकेश, एम्स के डाक्टरों के अथक प्रयास से सांस की नली में रोढ़ी बजरी की गिट्टी फंसने से एक 7 वर्षीय बच्चे की जान बचायी जा सकी। मासूम बच्चे का जीवन बचाने के लिए माता-पिता उसे लेकर कई अस्पतालों में गए, मगर मामला गंभीर देख सभी ने हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में जोखिम उठाते हुए एम्स के चिकित्सकों ने इलाज की उच्च तकनीक का उपयोग किया और सांस की नली से होते हुए फेफड़े में फंसी गिट्टी को बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की। बताया गया कि यह गिट्टी खेल-खेल में बच्चे के गले से नीचे उतरकर सांस की नली में फंस गई थी।
हरिद्वार के शाहपुर गांव का 7 साल का मासूम कुछ दिन पहले अपने भाई-बहन के साथ घर के आंगन में खेल रहा था। खेल-खेल में बच्चे ने घर के आंगन में रखी रोढ़ी की ढेर से एक गिट्टी मुंह में डाल दी। यह गिट्टी उसके गले में से नीचे उतरकर सांस की नली में जाकर फंस गई। कुछ दिनों बाद धीरे-धीरे बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उसकी हालत गंभीर हो गई। परिजन बच्चे को अस्पताल ले गए तो जनपद के बड़े अस्पतालों ने भी जबाव दे दिया। आखिरी उम्मीद लिए माता-पिता बच्चे को लेकर एम्स की पीडियाट्रिक पल्मोनरी ओपीडी में पहुंचे। उस समय संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह पीडियाट्रिक पल्मोनरी विभाग के अन्य चिकित्सकों के साथ ओपीडी में स्वयं मौजूद थीं। प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में डॉक्टरों की टीम ने सभी आवश्यक जांचें करने के बाद फ्लैक्सिबल वीडियो ब्रोंकोस्कॉपी करने का निर्णय लिया |
इस बाबत जानकारी देते हुए पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मयंक मिश्रा ने बताया कि टीम वर्क से संपन्न की गई इस प्रक्रिया से चिकित्सकों की टीम, बच्चे की श्वास नली में फंसी गिट्टी को बाहर निकालने में सफल रही। डॉ. मयंक ने बताया कि निकाली गई गिट्टी का साईज 1.5×1 सेमी. था। 16 जुलाई को ब्रोंकोस्कॉपी की प्रक्रिया संपन्न करने के बाद स्वस्थ होने पर बच्चे को पिछले सप्ताह एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया।
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के हेड प्रो. गिरीश सिंधवानी ने बताया कि इस तरह के बढ़ते मामलों के मद्देनजर परिवार वालों को चाहिए कि छोटी उम्र के बच्चों की देखरेख और उनके रख-रखाव के प्रति विशेष सावधानी बरतें। ताकि इस प्रकार की घटनाएं कम से कम हो सकें। इलाज प्रक्रिया को संपन्न करने वाली टीम में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. मयंक मिश्रा के अलावा पीडियाट्रिक पल्मोनरी विभाग की डॉ. खुशबू तनेजा और एनेस्थेसिया विभाग के डॉ. प्रवीन तलवार आदि शामिल थे।
” छह साल से कम उम्र के बच्चों में यह बहुत आम बात है कि वह किसी भी चीज को मुंह में डाल लेते हैं। इनमें छोटे सिक्के, कंचे, शर्ट के बटन, बैटरी, पेंसिल, पिन और नुकीली वस्तुएं आदि प्रमुख हैं। गले से नीचे उतरकर इनमें से कुछ चीजें भोजन नली और कुछ सांस की नली में फंस जाती हैं। पीडियाट्रिक पल्मोनरी विभाग खासतौर से छोटे बच्चों के श्वास रोग संबंधी उपचार के लिए ही बना है। एम्स में क्रिटिकल स्थिति वाले इस प्रकार के बच्चों के इलाज के लिए ब्रोन्कोस्कॉपी की आधुनिक और उच्चस्तरीय विभिन्न तकनीकें उपलब्ध हैं।”
प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स ऋषिकेश
केदारनाथ सहित यात्रा मार्ग में फँसे 4000 श्रद्धालुओं का सुरक्षित रेस्क्यू
(देवेंन्द्र चमोली)
” बीती रात केदार घाटी में हुये जल प्रलय से केदारनाथ यात्रा ही नहीं पूरी केदारघाटी प्रभावित हुई है। सोनप्रयाग से लेकर रामबाडा, भीमबली , लिनचौली सहित यात्रा मार्ग मे भारी नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन की निगरानी में अब तक 4000 श्रद्धालुओं को विभिन्न जगहों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया है। 700 श्रद्धालुओं को हेली से रेस्क्यू, किया गया है, इस दौरान लगभग 5000 फूड पैकेट्स फँसे यात्रियों को वितरित किये गये। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित छैत्र में पहुँचकर राहत बचाव कार्य का जायजा लिया। आपदा की बिभीषिका को देखते हुये पीएमओ ने भी मदद का हाथ बडाया है, रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, एमआई 17 केदारनाथ के लिये भेजा”
रुद्रप्रयाग- केदारघाटी में बीती रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश से अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से छतिग्रस्त होने के बाद जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरु किया। अतिवृष्टि की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा राहत एँव बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरु किया गया। इन स्थानों में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के साथ उन्हें आवश्यकता के अनुसार पानी की बोतल व फूड पैकेट भी उपलब्ध कराए गए। मिली जानकारी के अनुशार देर शाम तक केदारनाथ यात्रा मार्ग से 4000 से अधिक श्रद्धालुओं का रेस्क्यू किया गया। जिसमें लगभग 700 श्रद्धालुओं का हैली के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। फंसे हुए श्रद्धालुओं को जीएमवीएन एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री, आपदा सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर राहत एँव बचाव कार्य पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उधर पीएमओ कार्यालय से भी हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
देर रात्रि हुई अतिवृष्टि के बाद आज प्रातः मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी सौरभ गहरवार से घटना की जानकारी ली। साथ ही जिलाधिकारी से हुई वार्ता में यात्रा मार्ग में फंसे हुए श्रद्धालुओं का प्राथमिकता के आधार पर रेस्क्यू करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने हेतु निर्देशित किया गया। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य करीब डेढ सौ मीटर रास्ते के बहने के बाद एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीमों के सहयोग से लगभग 4000 श्रद्धालुओं को निकाला गया। इसमें भीमबली और लिनचोली में बाधित हुए रास्ते के कारण पांच हैली सेवाओं के माध्यम से करीब 700 लोगों का रेस्क्यू किया गया। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया गया है कि कल से हवाई सेवा हेतु चिनूक एवं एमआई की सेवा उपलब्ध करा दी जाएंगी तथा यथाशीघ्र उनको रेस्क्यू कर लिया जाएगा। केदारनाथ धाम में 10-14 दिनों के लिए खानपान की पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का हवाई एवं मौके पर सर्वेक्षण किया। साथ ही उनके द्वारा रेस्क्यू कर रही टीमों की हौसला अफजाई की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से वार्ता कर उनसे फीडबैक लिया। मौके पर पहुंचने पर श्रद्धालुओं द्वारा मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।
अत्यधिक बारिश के चलते केदार घाटी के लिए जाने वाली 33 केवी की विद्युत सप्लाई बाधित होने के बाद प्राथमिकता के आधार पर श्री केदारनाथ धाम में 11 केवी लाइन की विद्युत सप्लाई के जरिए विद्युत आपूर्ति की जा रही है।वहीं गौरीकुंड, सोनप्रयाग व लिनचोली में विद्युत व्यवस्था सुचारू करने हेतु कार्य गतिमान है, जिसके लिए 55 लोगों द्वारा कार्य गतिमान है। यात्रा मार्ग में पेयजल व शौचालय की व्यवस्था दुरूस्त है। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ सहित जिला एवं तहसील प्रशासन के लगभग 500 कार्मिकों द्वारा अलग-अलग सेक्टर में कार्य किया जा रहा है। सभी सेक्टरों को अलग-अलग 7 सेक्टरों में बांटा गया है। तथा अलग-अलग सेक्टर में अलग-अलग टीमें गठित हैं जो उनसे संबंधित लोगों से लगातार संपर्क कर रही है। साथ ही किसी स्थिति में किसी के फंसे होने अथवा अन्य किसी भी तरह की सहायता हेतु टीमें मुस्तैद हैं।
वहीं केदारनाथ धाम के मोटर मार्गों को भी दुरूस्त कर लिया गया है। रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक को पूर्णतः यातायात हेतु सुचारू किया जा चुका है। जबकि सोनप्रयाग से गौरीकुंड मार्ग पर भी कार्य शुरू किया जा चुका है। दिनभर में लिनचोली, भीमबली सहित अन्य स्थानों पर खाद्य विभाग द्वारा लगभग 5 हजार फूड पैकेट का वितरण किया गया। इसके अलावा जीएमवीएन द्वारा वहां फंसे लोगों को लंच की भी व्यवस्था की गई। वहीं गौरीकुंड में भी खाद्य विभाग के द्वारा भोजन व्यव्स्था कारवाई गई। इसके अतिरिक्त सोनप्रयाग व गौरीकुंड में भी फूड पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह द्वारा भी लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराए गए। चिनूक, एमआई सहित अन्य हवाई सेवाएं निर्बाध रूप से रेस्क्यू कर सकें इसके लिए तीन एटीएफ के टैंकर रुद्रप्रयाग के लिए रवाना हो गए हैं। जिसमें मोहाली से 11 किलोलीटर जबकि देहरादून एवं सहारनपुर 10-10 किलोलीटर के एटीएफ रुद्रप्रयाग पहुंचने जा रहे हैं।
आम आदमी की जेब पर बढ़ा भार, अगस्त के पहले ही दिन आम आदमी को महंगाई का झटका लगा है
दिल्ली , । अगस्त के पहले ही दिन आम आदमी को महंगाई का झटका लगा है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा दिये हैं। इससे अब आपको एलपीजी सिलेंडर महंगा मिलेगा। नई कीमतें आज से लागू हो गई हैं। 19 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में यह बढ़ोतरी हुई है। कंपनियों ने इस एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 8.50 रुपये का इजाफा किया है। वहीं, 14 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की वेबसाइट के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली में 19 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर अब 1652.50 रुपये में मिल रहा है। पहले यह कीमत 1646 रुपये थी। यहां कीमत में 6.50 रुपये का इजाफा हुआ है। कोलकाता में यह सिलेंडर अब 1764.50 रुपये में मिल रहा है। यहां कीमत में 8.50 रुपये का इजाफा हुआ है। मुंबई में इस सिलेंडर की नई कीमत 1605 रुपये और चेन्नई में 1817 रुपये हो गई है। 19 किलोग्राम वाले एलपीजी गैस सिलेंडर की पुरानी कीमत कोलकाता में 1756 रुपये, मुंबई में 1598 रुपये और चेन्नई में 1809.50 रुपये थी।
बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली में यह सिलेंडर 803 रुपये में मिल रहा है। कोलकाता में इस सिलेंडर की कीमत 829 रुपये है। मुंबई में यह सिलंडर 802.50 रुपये और चेन्नई में 818.50 रुपये में मिल रहा है। केंद्र सरकार ने महिला दिवस पर इस गैस सिलेंडर के दाम घटाए थे। इससे कीमत में 100 रुपये प्रति सिलेंडर की गिरावट आ गई थी। इसके बाद रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।