Tuesday, June 17, 2025
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युवा सपनों की तासीर बदल रही देवभूमि उद्यमिता योजना

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 – 26274 छात्र-छात्राओं ने उद्यमिता योजना में किया पंजीकरण
 –  965 उद्यम स्थापित, ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बिक रहे उत्पाद
देहरादून(आरएनएस)।  उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में देवभूमि उद्यमिता योजना युवा सपनों की तासीर बदल रही है। राज्य सरकार की पहल पर शुरू की गई इस योजना के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो रहा है। जिससे छात्र-छात्राओं की व्यावसायिक सोच विकसित हो रही है। योजना के तहत अबतक 26247 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया है जबकि प्रशिक्षण के उपरांत 965 छात्रों ने अपने उद्यम स्थापित कर मुनाफा भी कमाना शुरू कर दिया है।

नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुये राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में देवभूमि उद्यमिता योजना शुरू की। जिसका मकसद राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्टार्टअप और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ाना था। योजना के तहत 124 उच्च शिक्षण संस्थानों में देवभूमि उद्यमिता केन्द्र स्थापित किये गये, जिनके माध्यम से छात्र-छात्राओं में व्यावसायिक सोच विकसित कर उनमें बिजनेस आइडिया और बाजार से जुड़ने से संबंधित जरूरी कौशल दिया जा रहा है। इसके अलावा युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यवसाय शुरू करने के लिये सीड फंडिंग भी की जा रही है। पिछले दो वर्षों में योजना के तहत अबतक 26247 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से 14260 ने दो दिवसीय बूट कम्पों में भाग लिया, जबकि 8721 युवाओं ने 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत अपनी किस्मत खुद लिखने की चाह रखने वाले 965 छात्रों ने अपने उद्यम स्थापित किये। जिनमें से 303 उद्यम खूब मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं इन उद्यमों के 25 ऐसे उत्पाद हैं जो अमेजन, फ्लिपकार्ट और मीशो जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर खूब बिक रहे हैं। देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण वाले 60 उद्यमों के एफएसएसएआई लाइसेंस बन गये हैं और 30 से अधिक लाइसेंस बनने की प्रक्रिया में है। जबकि 8 उद्यमों ने ट्रेडमार्क लाइसेंसे के लिये अवेदन किया है। प्रदेश में देवभूमि उद्यमिता योजना युवा सपनों की तासीर बदलने में कामयाब हो रही है, और छात्र-छात्राओं में नेतृत्व क्षमता और रोजगार सृजन की काबलियत पैदा कर रही है।

नये बिजनेस आइडिया को सीड फंडिंग
देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 20 छात्र-छात्राओं को उनके बिजनेस आइडिया के लिये सीड फंडिंग की व्यवस्था है। जिसमें 20 छात्रों को उनके नवाचार आधारित स्आर्टअप को 75 हजार की धनराशि सीट फंड के तहत प्रदान की जायेगी। योजना के तहत 1132 से अधिक छात्रों ने अपने व्यवसायों का उद्यम आधार बना लिया है।

*बूट कैम्प और ईडीपी हैं बिजनेस के आधार *
योजना के तहत प्रत्येक महाविद्यालयों में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक सोच, उद्यम प्रबंधन, विपणन और वित्तीय नियोजन की बारीकियां सिखाई जा रही है। इसके अलावा छात्रों में स्टार्टअप और उद्यमिता के प्रति जागरूक पैदा करने के लिये दो दिवसीय बूटकैम्प आयोजित किये जा रहे हैं। जहां वह अपने आइडिया विशेषज्ञों के सामने रखते और इनमें से श्रेष्ठ व्यावसायिक विचारों को सीड फंड के लिये चयनित किया जाता है।

हर्बल हर्ट की कहानी
चौखुटिया (अल्मोड़ा) के दीपक सिंह नेगी के बुरांश, माल्टा व अन्य स्थानीय फलों से रेडी-टू-ड्रिंक जूस बनाने का आइडिया को योजना के तहत 75 हजार की सीड फंडिंग प्रदान की गई, साथ ही पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मेंटरिंग का भी समर्थन दिया गया। आज उनकी फर्म ‘हर्बल हर्ट’ सफल उद्यम के रूप में स्थापित हो चुकी है और इसके तहत उन्होंने तीन अन्य युवाओं को भी रोजगार दिया है।

देवभूमि उद्यमिता योजना प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है। राज्य सरकार की ‘शिक्षा से उद्यमिता की ओर’ पहल का परिणाम है कि युवा रोजगार नहीं बल्कि रोजगार सृजक बन रहे हैं।  इस योजना ने यह साबित कर दिया कि हमारे युवाओं को सही मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर मिले तो वह वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना सकते हैं । – डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।

डीएम ने एक ही स्ट्रोक में 14 अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को दिलवाया नया उच्च स्तरीय आशियाना

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देहरादून।  जिलाधिकारी सविन बंसल  एवं  उनकी  कोर टीम के प्रयासों से 14 मूकबधिर अनाथ बालिाओं  को अब उनका नया आशियाना मिल गया है। अब इन बच्चों को सत्य साईं आश्रम से राफेल होम संस्था में शिफ्ट किया गया। ज्ञातब्य है कि सत्य साईं आश्रम अपने निजी एवं आर्थिक कारणों से बन्द हो रहा है तथा बच्चों को संस्था में रखने को असमर्थ था।
मुख्यमंत्री की प्रेरणा से डीएम ने एक ही स्ट्रोक में 14 अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को दिलवाया नया उच्च स्तरीय आशियाना दिव्यांग अनाथ बालिकाओं के पुनर्वास की जरूरत पड़ी, प्रशासन को दलबल से हस्तक्षेप करना पड़ा। उच्च अधिकारियों को बालिकाओं संग रेफल होम भेज विधिवत् सेटल कराया। जिला प्रशासन की सख्ताई का असर प्रत्यक्ष;पूर्ण, प्रभावी रहा 14 मूक बधिर बालिकाओं को बंद होने जा रही सत्य साईं आश्रम से राफैल होम संस्था में विधिवत् दाखिल कराया Specially abled बालिकाओं को संस्थाओं द्वारा एडमिशन न देने पर डीएम ने बिठाई थी उच्च स्तरीय जांच। डीएम के तेवर सख्त; कहा पंजीकरण, गांरटी, अन्डरटेकिंग यदि प्रशासन की जिम्मेदारी तो, दिव्यांग असहाय अनाथ बच्चों के शोषण, अधिकारों का हनन अग्राहाय। डीएम ने कहा मानव मूल्य प्रथम; सेवा के नाम पर लिया पंजीकरण, धन उगाई को कुतंत्र न बनाएं संस्थाएं। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि जो एक दस्तखत इन संस्थाओं के संचालन पालन हेतु करोड़ों का धन दिलवा सकता है तो दस्तखत शर्तों का अनुपालन करवाने में भी सक्षम है। संस्थाओं का पंजीकरण धनराशि सहायता की संस्तुति; आपका दस्तखत महज इतिश्री नहीं, उन पर निर्भर है सैकड़ो दिव्यांग असहाय का जीवन। जो नियम कानून नैतिकता से बाहर उन पर प्रशासन प्रहार करने की तैयारी में है।
जिलाधिकारी के संज्ञान में आते जिला प्रशासन ने बालिओं को स्थानान्तरित करने की तैयारी तेज कर दी थी, जिसके फलस्वरूप आज मूकबधिर बच्चों को जिला प्रशासन के वाहन से उनके नए आशियाने राफेल होम संस्था तक पहुंचाया गया। संस्था द्वारा बच्चों की पढ़ाई एवं भोजन की व्यवस्था संस्था द्वारा वहन की जाएगी। जिलाधिकारी ने अपनी कोर टीम मुख्य विकास अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जो संस्थाएं कार्य कर रही है उनको जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता की जाएगी। उन्होंने संस्थाओं से अनुरोध किया कि संस्थाएं रजिस्ट्रेशन के समय पर जो सुविधा फैसिलिटी स्टॉफ दर्शाते हैं वह हर समय रहना चाहिए, जिला प्रशासन से जो भी सहयोग की अपेक्षा होगी जिला प्रशासन इसके लिए सदैव तत्पर है।
बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता मंमगाईं ने बताया कि डीएम के प्रयास से जरूरतमंद बच्चों के जीवन को नई दिशा मिल रही है। उन्होंने जिलाधिकारी के असहाय दिव्यांग, बजुर्ग, महिलाओं के उत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की सरहाना की।
इससे पूर्व समाज कल्याण विभाग में दिव्व्यांग कल्याण को पजीकृत संस्थाओं द्वारा जिले की दिव्यांग बालिकाओं को सेन्टर में दाखिला न दिए जाने का ताजा मामला प्रकाश में आया था। इससे क्षुब्ध होकर डीएम ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सभी तथ्यों पर 10 बिंदुओं पर जांच करने हेतु उच्च स्तरीय समिति बिठाई है। समिति निर्धारित समयावधि में अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करने के कड़े निर्देश दिए हैं मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर संस्थाओं का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं डीएम ने समाज कल्याण अधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी को अधिकारियों का पाठ पढाते हुए कहा कि महज हस्ताक्षर, संस्तुति देने तक ही सीमित न रहे अपने अधिकारियों को पहचाने  तथा मानव कल्याण को सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कडे़ शब्दों में कहा कि दिव्यांग असहायों का शोषण व अधिकारों का हनन बर्दाश्त नही किया जाएगा ऐसा करने वालों के विरूद्ध सख्त एक्शन लिया जाएगा। ज्ञातब्य है कि यह संस्थाए दिव्यांग असहायों के कल्याण, शिक्षा एवं उपचार के नाम पर राज्य एवं केन्द्र सरकार सहित विदेशी फंडिंग प्राप्त करती है, जो संसाधन, चिक्सिक, टीचर्स, विशेषज्ञ, मानवश्रम, स्टॉफ आदि  पंजीकरण के दौरान अभिलेखों में दर्शाए जाते हैं वह मौके पर नही होते तथा बच्चों की जो संख्या बताई जाती है वह नही होती है। बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती नमिता ममंगाई, पियो लाल राफैल होम, संदस्य नीतू कांडपाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित साई आश्रम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

एमडीडीए की टीम ने सौ बीघा भूमि पर अवैध प्लॉटिंग का काम रोका

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देहरादून। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की टीम ने सोमवार को लांघा रोड छरबा सहसपुर विकास नगर में करीब सौ बीघा भूमि में की जा रही अवैध प्लॉटिंग का काम रुकवाया। मौके पर किया गया अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया। पछुआदून के विभिन्न क्षेत्रों में प्राधिकरण की ओर से चेकिंग अभियान चलाकर अवैध प्लॉटिंग और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को सहायक अभियन्ता अभिषेक भारद्वाज, अवर अभियंता नितेश राणा, सुपरवाइजर प्यारेलाल जोशी ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में लांघा रोड छरबा सहसपुर विकास नगर में करीब सौ बीघा भूमि में की जा रही अवैध प्लॉटिंग का काम रुकवाया। इसके अलावा विष्णुपुरम माजरा में अवैध रूप से किए जा रहे गोदाम के निर्माण कार्य के खिलाफ सीलिंग की कार्यवाही की गई। इस दौरान सहायक अभियन्ता निशान्त कुकरेती, अवर अभियन्ता जयदीप सिंह, सुपरवाइजर संजीव मौजूद रहे। उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी ने समस्त सेक्टरों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखें।

श्री अखंड परशुराम अखाड़े और महानगर व्यापार मंडल ने दी केदारनाथ आपदा के मृतकों को श्रद्धांजलि

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प्रकृति के संरक्षण संवर्द्धन से ही आपदाओं को रोका जा सकता है-पंडित अधीर कौशिक
हरिद्वार, । वर्ष 2013 में आयी केदारनाथ आपदा की बरसी पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा व महानगर व्यापार मंडल ने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति तथा विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। ऋषिकुल घाट पर श्रद्धांजलि देने के दौरान श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक व महानगर व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष सुनील ने कहा कि मां गंगा आपदा में जान गंवाने वाले सभी लोगों की आत्मा को शांति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व में आपदाओं और युद्ध की स्थिति बन रही है। ऐसे में मां गंगा से विश्व कल्याण खुशहाली की कामना करते हैं। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि केदारनाथ में आयी भीषण आपदा में सैकडों तीर्थयात्रीयों को जान गंवानी पड़ी थी। इस प्रकार का हादसा दोबारा ना हो इसके लिए सरकार के साथ आम लोगों को भी जागरूक होना होगा। प्रकृति के संरक्षण संवर्द्धन से ही इस प्रकार की आपदाओं को रोका जा सकता है। श्रद्धांजलि देने वालों में पंडित पवन शास्त्री, कुलदीप शर्मा, बृजमोहन शर्मा, प्रीतकमल सारस्वत, दीपक कुमार, सोनू चौधरी, सुनील मनोचा, एसके सैनी, अनिल कोरी शामिल रहे।

‎”करें योग, रहें निरोग” के संकल्प के साथ हरिद्वार में निकली रन फॉर योग यात्रा

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‎योग से मधुमेह और हृदय रोग का भी उपचार संभव – प्रो. अरुण त्रिपाठी
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‎हरिद्वार, ( कुलभूषण ) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की पूर्व श्रृंखला में आयुर्वेद एवंं यूनानी विभाग तथा उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के तत्वावधान में “रन फॉर योग” कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन सुबह 6:30 बजे ऋषिकुल परिसर से आरंभ होकर चंद्राचार्य चौक तक पहुंचा। कार्यक्रम में सैकड़ों नागरिकों, छात्र-छात्राओं, योग साधकों, चिकित्सा अधिकारियों एवं आयुष विभाग से जुड़े पदाधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी की। प्रोफेसर नरेश चौधरी, डॉ. विक्रम रावत एवं डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत द्वारा कार्यक्रम की व्यवस्था एवं सफल संचालन किया गया।

‎”योग से मधुमेह और हृदय रोग का भी उपचार संभव” – कुलपति प्रो. अरुण त्रिपाठी
‎कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अरुण कुमार त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा – “जीवनशैली की अनियमितताओं के कारण उत्पन्न होने वाले मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हृदय विकार जैसी गंभीर बीमारियों का योग के नियमित अभ्यास से प्रभावी उपचार संभव है। योग केवल कसरत नहीं, यह एक पूर्ण जीवन पद्धति है।”

‎”योग, बच्चों से बुजुर्गों तक के लिए वरदान” – प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी
‎कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ऋषिकुल परिसर के रचना शारीर विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नरेश चौधरी ने कहा – “योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। यह बच्चों में एकाग्रता और अनुशासन तो वृद्धजनों में शारीरिक स्फूर्ति और मानसिक स्थिरता लाता है। योग एक चमत्कारी विज्ञान है।”

‎”हरिद्वार में लगातार दो माह से जारी योग उत्सव” – डॉ. स्वास्तिक सुरेश
‎जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश ने जानकारी दी कि – “हरिद्वार जनपद में बीते दो माह से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अंतर्गत अनेक योग व आयुर्वेदिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। यह जनभागीदारी की मिसाल है।”

‎”माँ गंगा की पुण्यधारा के संग बह रही है योग की धारा” – डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ
‎चारधाम यात्रा पंडाल में पहुंचकर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के नोडल अधिकारी डॉ. घनेंद्र वशिष्ठ ने कहा – “जिस प्रकार माँ गंगा का पावन प्रवाह संपूर्ण भारत को शुद्ध करता है, उसी प्रकार योग की यह धारा मानवता को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रदान कर रही है।”

‎सभी अतिथियों का किया गया पारंपरिक स्वागत
‎डॉ. विक्रम रावत एवं डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में पधारे सभी विशिष्ट अतिथियों, योग प्रशिक्षकों, चिकित्सा अधिकारियों, और उपस्थित नागरिकों का पारंपरिक रूप से माल्यार्पण कर स्वागत किया।

‎”योग के प्रचार-प्रसार में सभी की सक्रिय भागीदारी आवश्यक” – डॉ. अवनीश उपाध्याय
‎राष्ट्रीय आयुष मिशन हरिद्वार के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय ने कहा – “योग जन-जन तक पहुंचे, यही हमारा लक्ष्य है। इस पुनीत अभियान में सभी नागरिकों, चिकित्सा अधिकारियों, फार्मेसी कार्मिकों और स्वयंसेवकों की भूमिका सराहनीय रही। आने वाले यात्रियों को भी योग अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।”

‎कार्यक्रम में विशेष सहयोगी एवं उपस्थित चिकित्सा अधिकारी: डॉ. सुजाता कादियान, डॉ. वीरेंद्र रावत, डॉ. विक्रम सिंह रावत, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. नवीन दास, डॉ. करुणा नेगी, डॉ. योगेंद्र सिंह, डॉ. विश्वजीत, डॉ. फराज खान, डॉ. भास्कर आनंद, डॉ. अश्वनी, डॉ. सॉरमी, डॉ. मोनिका प्रभाकर, डॉ. पूजा राय, डॉ. दीक्षा शर्मा, डॉ. रेनू सिंह। फार्मेसी अधिकारी एवं कार्मिक: ललित मोहन, मुकेश गोदियाल, महक रावत, शीशपाल सिंह, मीना शर्मा, सलमान अली, अजहर, प्रदीप शाह, कविता चमोली, सुप्रिया बिष्ट, विजय रयाल, रविंद्र पोखरियाल, रुचि सजवाण, अजय तिवारी, सुशील रावत, रईस आलम, अमित दरमोड़ा, दीपिका बेंजवाल, अरविंद, शशिकला, शीला चमोली, अंजना धनोला, राजेंद्र मिश्रा, प्रकाश उनियाल, नवीन थपलियाल पैरामेडिकल स्टाफ: आरती, अमर सिंह, रुपेश, गोविंद, सरोज, अरविंद वर्मा, अंकुर, रोहतास, सुशील, रमेश, प्रहलाद, रघुवीर सिंह, विनीत, विनय, विक्रम सिंह, राकेश डंगवाल। ऋषिकुल फार्मेसी से सुदेश कुमार एवं पंकज कुमार की भी सराहनीय भूमिका रही। योग अनुदेशक: दीपक पांडे (बहादराबाद), शालू (बिहारीनगर), पुष्पा देवी (भोगपुर), गौरव (भोगपुर), अदिति वर्मा (गैडीखाता), निशा भट्ट योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक।

‎नारा:
‎”करें योग, रहें निरोग – योग को अपनाना है, जन-जन तक पहुंचाना है!”

ओएनजीसी के कुएं में तीन दिन बाद भी गैस रिसाव जारी

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“70 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया”

शिवसागर, (आरएनएस)। असम के शिवसागर जिले में ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के एक कुएं में गैस का रिसाव चौथे दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने बताया कि 70 परिवारों को राहत शिविर में पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी के निदेशक (प्रौद्योगिकी एवं फील्ड सेवाएं) विक्रम सक्सेना के नेतृत्व में एक टीम ने शनिवार को कुआं संख्या आरडीएस 147 का परिचालन नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, जहां रिसाव शुरू हुआ था।
एक अधिकारी ने बताया, कुएं को नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है और हमने इसके लिए सभी आवश्यक उपकरण जुटा लिए हैं। संकट प्रबंधन दल (सीएमटी) रिसाव को नियंत्रित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि कुएं में अभी तक आग नहीं लगी है और इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। यह गैस रिसाव 12 जून को भाटियापार के बारीचुक में ओएनजीसी के रुद्रसागर तेल क्षेत्र के रिग नंबर एसकेपी 135 के कुआं नंबर आरडीएस 147ए में हुआ था। एक निजी फर्म एसके पेट्रो सर्विसेज, सार्वजनिक क्षेत्र की ‘महारत्न कंपनी की ओर से कुएं का संचालन कर रही थी।
जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस घटना से करीब 1,500 लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, उन्हें गैस की गंध आ रही है और वे अपना चूल्हा या कुछ भी नहीं जला पा रहे हैं। हम उन्हें पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर कहा कि इस क्षेत्र से 70 परिवारों को निकटवर्ती बनगांव में स्थापित राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया है तथा उनकी सुविधा और खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं।
प्रशासन ने कहा, फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग के चिकित्सक मौके पर मौजूद हैं। वे लोगों और उनके पालतू जानवरों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच कर रहे हैं। इससे पहले, ओएनजीसी के एक अधिकारी ने कहा था कि यह एक पुराना कच्चा तेल कुआं था जिसमें उत्पादन नहीं हो रहा था।

 रुद्रप्रयाग हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त के जांच के आदेश, लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

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– हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय के लिए “कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर” की होगी स्थापना
देहरादून(आरएनएस)।  सोमवार तक चार धाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रहेगी। चार धाम में लगे सभी हेली ऑपरेटरों एवं पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी एवं सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु किया जाएगा। राज्य में अब हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए  देहरादून में एक कॉमन “कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर” की स्थापना की जाएगी, जिसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा, हेली आपरेटर कम्पनी के अधिकारियों की तैनाती होगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री ने सचिव गृह उत्तराखंड की अध्यक्षता में  एक समिति गठित किए जाने के निर्देश दिए। जिसमें डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार, ATC के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। यह समिति जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मानक प्रचालन नियमावली का प्रारूप बनाएगी। समिति अपनी रिपोर्ट सितंबर माह से पूर्व प्रस्तुत करेगी। मुख्यमंत्री ने आगामी समय के लिए प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एडमिनिस्ट्रेटिव एंड टेक्निकल एसओपी तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के संबध में उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा आम जन के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी कीमत में जिंदगियों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हीं पायलटों को अनुमति दी जाएगी जिनका उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेली उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव होगा। उन्होंने कहा डीजीसीए द्वारा निर्धारित गाइडलाइन को और सख्त बनाया जाए, जिसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमालय क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौसम पूर्वानुमान के अत्याधुनिक उपकरण लगाने के भी निर्देश दिए,  जिससे मौसम की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से संपर्क कर उनके पार्थिव शरीर को संबंधित राज्यों में भेजने की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नागरिक उड्डयन समीर कुमार सिन्हा, डीजीसीए (DGCA) के महानिदेशक फैज अहमद किदवई , सचिव शैलेश बगौली, सचिव सचिन कुर्वे,   सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन,  सीईओ युकाडा सोनिका, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ( एएआईबी) के अधिकारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

चहेते हेली सर्विस कम्पनियों पर डीजीसीए की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करानी चाहिए-अमन गर्ग

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हरिद्वार। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष अमन गर्ग ने प्रेस को बयान जारी करते हुए कहा कि यात्रा सीजन को लेकर उत्तराखंड सरकार के सभी दावे फेल हो गए हैं। हरिद्वार प्रशासन यात्रा सीजन और चारधाम यात्रा को लेकर सिर्फ बैठकों की खानापूर्ति तक ही सीमित है जबकि धरातल पर तीर्थयात्रियों को और शहरवासियों को जाम के झाम से जूझना पड़ रहा है। इतना ही नहीं बीते दिनों से बिजली पानी से पूरे शहर को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
केदारनाथ यात्रा में पांचवीं दुर्घटना से पूरा उत्तराखंड गमगीन हैं लेकिन सरकार को अपने चहेते हेली सर्विस कम्पनियों पर डीजीसीए की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करानी चाहिए, जिससे आम श्रद्धालुओं के जीवन के साथ खिलवाड़ न हो।

कलयुग में हरिनाम स्मरण ही भव से पार पाने का एकमात्र उपाय: रविन्द्र पुरी

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धर्म स्थापना और भक्तों की रक्षा को अवतार लेते हैं भगवान: रामेश्वरानंद
हरिद्वार(कुलभूषण)। भगवान शिव की ससुराल कनखल संयास मार्ग स्थित श्री रामेश्वर आश्रम में श्रीमद् भागवम कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग का सुंदर वर्णन कर श्रोत्राओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कथा में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज की भी उपस्थिति रही। उन्होंने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए उनके कल्याण की कामना की।
इस अवसर पर श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहाकि कथा सुनने की सार्थकता तभी है, जब श्रवण के साथ उस पर मनन भी किया जाए। उन्होंने कहाकि कलयुग में केवल हरिनाम की भव से पार पाने का एकमात्र उपाय है। इसलिए प्रत्येक स्थित में भगवन नाम स्मरण करते रहना चाहिए।
कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास महा मण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि धर्म की स्थापना और श्रेष्ठ पुरूषों की रक्षा के लिए भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेते हैं और अपनी लीलाओं के माध्यम से समाज को संदेश देकर जन-जन के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहाकि यह भगवान की लीला की थी कि भगवान के जन्म के समय पहरेदार और महल के सभी लोग निद्रा में चले गए। नन्द बाबा की बहन सुनन्दा ने गोकुल में नन्द बाबा को सूचना दी। भगवान के निर्देश पर वसुदेव श्रीकृष्ण को गोकुल में नन्द बाबा के घर ले गए।
कार्यक्रम में श्रीकृष्ण जन्म की मनोरम झांकी प्रस्तुत की गई। पंडाल जय कन्हैया लाल के जयकारों से गूंज उठा।
कथा व्यास ने भक्त प्रहलाद और गजेंद्र मोक्ष की कथाएं सुनाईं। उन्होंने समुद्र मंथन की गाथा का वर्णन किया। साथ ही अजामिल और मोहिनी अवतार की कथाओं का भी वर्णन किया।
श्रीमती कमलेश की स्मृति में आयोजित भागवत कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया। जन्मोत्सव के बाद माखन-मिश्री का प्रसाद व भगवान के जन्म की खुशी में उपहार वितरित किए गए।

मेला चिकित्सालय कैंपस में निकला विशालकाय अजगर

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हरिद्वार(कुलभूषण) मेला चिकित्सालय हरिद्वार के कर्मचारियों के कैंपस में निकला अजगर कर्मचारी नेता दिनेश लखेडा ने संतन सिंह नेगी को दूरभाष पर सूचना दी वन विभाग के संतन सिंह नेगी, तत्काल मौके पर पहुंचे और उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के नितिन ठाकुर, मूल चंद चौधरी, अमन, शीशपाल, अर्पित ने संतन सिंह का सहयोग विशालकाय अजगर को जंगल में छोड़कर आए।
कर्मचारी नेता दिनेश लखेड़ा ने कहा कि गर्मियों के मौसम में खतरा बढ़ गया है कर्मचारियों के परिवारों में दहशत का माहौल है सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों ने संतन सिंह नेगी का आभार व्यक्त किया है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने यह भी बताया कि वन विभाग के अधिकारियों को पहले भी अवगत कराया गया था कि कर्मचारियों के आवासों के पीछे एक बहुत बड़ा पेड़ सुखा खड़ा है और आज कल आंधियों का समय है अगर आधी आती है तो कर्मचारी के परिवारों को बहुत खतरा है इसके लिए जल्द ही जिलाधिकारी हरिद्वार और आपदा प्रबंधन अधिकारी को लिखा जाएगा।
अगर कोई भी दुर्घटना होती है तो इसका उत्तरदायित्व वन विभाग का अधिकारियों का होगा।