Monday, May 12, 2025
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बीएमएस का 70वें वर्ष में पर्दापण : मैं सांसद ही नहीं, भारतीय मजदूर संघ का कार्यकर्ता भी हूं : नरेश बंसल

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देहरादून, उत्तराखंड़ भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के 70वें वर्ष में पर्दापण करने के उपलक्ष्य में रविवार को नगर निगम प्रेक्षागृह में कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान वक्ताओं ने भारतीय मजदूर संघ की स्थापना और संघर्ष की जानकारी दी। बतौर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद व संसदीय श्रम समिति के सदस्य नरेश बंसल और विशिष्ट अतिथि भा.म.संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम और आरएसएस के प्रान्त कार्यवाह दिनेश सेमवाल ने दीप प्रज्वलित का कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षत भा.म. संघ के प्रदेश अध्यक्ष उमेश जोशी ने की। इस दौरान मजदूर संघ के वर्षभर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।
मुख्य अतिथि नरेश बंसल ने कहा, मैं सांसद ही नहीं, भारतीय मजदूर संघ का कार्यकर्ता भी हूं। उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के सिद्धांतों, नारों व कार्यकर्ताओं के समर्पण की तारीफ की। संगठन मंत्री अनुपम ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ विश्व का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन है। उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि उन्हें देश को सर्वोपरि रखते अपने आपको चारित्रिक रूप से मजबूत बनाना है ताकि कोई भी सरकार हो वह आपको उचित सम्मान दें, विशिष्ट अतिथि दिनेश सेनवाल ने संघ संस्थापक श्रद्धेय डॉ. हेगडेवर भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक श्रद्धेय दत्तेपंत ठेंगड़ी को याद किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के का सबसे बड़ा अनुषंगिक संगठन है। जो न केवल भारतीय मजदूर संघ के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करता है बल्कि अपने मूल संगठन आरएसएस के विचारों को मजबूत बनाता है। किन्तु तंत्र में कुछ ऐसे लोग है जो हमारे भारतीय ग्रंथों को काल्पनिक बता कर भारत को कमजोर करना चाहते हैं जिसके लिए वे लव जिहाद, लैंड जिहाद के माध्यम से भारत को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में क्षमता से कहीं अधिक सैंकड़ों की संख्या में  कार्यकर्ताओं ने  बड़े  उत्साह व उमंग के साथ प्रतिभाग किया  जिनमें से नवीन चंद्र कुरील, अजय कांत शर्मा, पी एस धमांदा, श्रीमति अर्चना बिष्ट, सुनील कुमार मेहता, संजीव विश्नोई, उदय वीर, श्रीमति गंगा गुप्ता, ऋषिपाल, शेखरानंद पांडे, अवनीश कांत, गुरमीत सिंह, अरविंद कुमार श्रीमति दीप्ति विश्नोई, श्रीमति ललतेश विश्वकर्मा, ललित पुरोहित, अनिल राठी आदि मौजूद रहे |

हर वर्ष दो सितंबर को मनाया जाएगा बुग्याल संरक्षण दिवस: सीएम धामी

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में हिमालय संरक्षण सप्ताह की शुरुआत बड़े उत्साह के साथ की गई। कार्यक्रम का आरंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के वीडियो संदेश से हुई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हिमालय हमारी पहचान है, हमारी संस्कृति है, और हमारी जीवनरेखा है। उन्होने कहा कि हमारी भावी पीढ़ियों के लिए हिमालय की सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है । इस अवसर पर माननीय मुख्यमन्त्री ने हर वर्ष 02 सितंबर को बुग्याल संरक्षण दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम हिमालय संरक्षण के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता की ओर एक नया कदम साबित होगा । उन्होंने बुग्याल को हिमालय की अनमोल धरोहर बताते हुए कहा कि इनका संरक्षण करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी बताई।
कार्यक्रम की शुरुआत यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत के स्वागत उद्बोधन से हुई, जिन्होने कहा कि विश्व धरोहर हिमालय के भव्य बुग्याल, न केवल सुंदरता से भरे हुए हैं, बल्कि जैव विविधता और जीवनयापन के लिए महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र भी हैं। हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने पर भी उन्होंने अपने विचार रखे।May be an image of 5 people and text

इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पद्मभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी रहे, जिन्होंने हिमालय की रक्षा करना सबका नैतिक दायित्व बताया। बुग्याल संरक्षण हमारे स्थानीय समुदायों के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों स्तरों पर काम करना होगा ताकि हमारे हिमालय को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हिमालय से हम सबका अस्तित्व है और हमें एकजुट होकर हिमालय सरंक्षण की इस सकारात्मक पहल का हिस्सा बनना चाहिए, हमें समस्याओं के बजाय समाधानों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।May be an image of 3 people, dais and hospital

इस मौके पर पदमश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि बुग्याल देवताओं का आगन हैं और इसका संरक्षण एक पवित्र कार्य है, जो हमें अपनी संस्कृति, परंपराओं और पर्यावरण के साथ जोड़ता है। हमें इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा ताकि हम अपनी मातृ प्रकृति की अनमोल सुंदरता को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करें।

यूकॉस्ट के एमेरिटस वैज्ञानिक डॉ. जी. एस. रावत ने अपने प्रस्तुतिकरण में विभिन्न प्रकार के बुग्याल और उनकी विशेषताओं से सबको अवगत करवाते हुए कहा कि बुग्याल, हिमालय के उच्च हिमाच्छादित क्षेत्रों में स्थित घास के मैदान है, जहाँ प्रकृति की सुंदरता और जैव विविधता का अनोखा संगम होता है ।

वन संरक्षक आई. एफ.एस. धर्म सिंह मीणा ने इस अवसर पर वन विभाग द्वारा उत्तरकाशी जिले मे बुग्याल संरक्षण पर किए गए कार्यों पर एक प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमे उनके द्वारा बताया गया कि इस संरक्षण अभियान से मिट्टी के कटान में कमी आई तथा प्राकृतिक सुंदरता भी पुनर्जीवित हुई है।May be an image of 3 people, people smiling and people studying

वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन ने बुग्यालों को उत्तराखण्ड का एक अद्वितीय क्षेत्र बताया। उन्होंने कहा कि बुग्याल जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में भी एक विशेष भूमिका निभाते है, तथा इस मौके पर वन प्रमुख द्वारा एक समिति बनाने की भी घोषणा की गई, जो बुग्याल संरक्षण के हर पहलू पर विशेष योजना तैयार करेगी।

कार्यक्रम के अंत में मैती संस्था द्वारा यूसैक के वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र सिंह को विगत वर्षो से हिमालयी क्षेत्र में किए गए विशेष वैज्ञानिक कार्यों हेतु ‘गिरी गंगा गौरव सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया। इस दौरान यूकॉस्ट और मैती संस्था द्वारा आयोजित अल्पाइन मीडोज फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए गए। प्रथम पुरस्कार चिनार शर्मा, द्वितीय पुरस्कार सृष्टि जोशी व तृतीय पुरस्कार संजय कुमार द्विवेदी व महिपाल सिंह गड़िया को दिया गया तथा सांत्वना पुरस्कार पाने वालो में श्री महेश पैनुली तथा डॉ. गजेंद्र सिंह शामिल रहे। कार्यक्रम का समापन यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डी.पी. उनियाल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और आयोजनकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन यूकॉस्ट की वैज्ञानिक अधिकारी कंचन डोभाल द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के 200 से अधिक विद्यार्थियों, शिक्षकों, परिषद और आंचलिक विज्ञान केन्द्र के अधिकारियो, कर्मचारियों तथा विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञों, वैज्ञानिको ने प्रतिभाग किया ।

मसूरी गोलीकांड की 30वीं बरसी के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने शहीद आंदोलनकारियों को नमन कर श्रद्धाजंलि अर्पित की

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देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड की 30 वीं बरसी के अवसर पर मसूरी के शहीद स्मारक पहुँचकर शहीद आंदोलनकारियों को नमन किया एवं उनकी प्रतिमा पर श्रद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू किये जाने पर राज्य आंदोलनकारियों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों ने जो सपने उत्तराखंड के लिए देखे थे, उन्हें पूरा करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को खटीमा कांड, 2 सितंबर को मसूरी और 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा कांड हुआ, ये तीनों दिन हमारे राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने अमर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को कभी भूला नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन को बर्बरतापूर्ण कुचलने का काम तत्कालीन सरकार ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों का सपना था कि एक ऐसा उत्तराखंड बने, जहां सबको समान अधिकार मिले। इसी लक्ष्य को लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में जारी नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड ने नंबर एक स्थान प्राप्त किया है। राज्य में विकास के साथ पर्यावरण संतुलन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में जी.ई.पी की शुरूआत की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। आने वाले दस वर्षों में उत्तराखंड अपने विकास और उन्नति के चरम पर होगा। इसके लिए इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू की है एवं पेंशन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलन में हमारी नारी शक्ति की बड़ी भूमिका रही है। इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार ने महिलाओं को राज्य की सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। 100 से ज्यादा नकल माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने का कार्य किया गया। इसके अलावा राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़ा कानून लाने के साथ ही दंगा रोधी कानून भी राज्य में लागू किया गया है। राज्य में डेमोग्राफी चेंज न हो, इसके लिए लैंड जिहाद पर कठोर कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 16 हजार से ज्यादा नियुक्तियां विगत 3 वर्षों में सरकारी विभागों में की गई है। उन्होंने कहा कि अभी एक ही दिन में राज्य पीसीएस परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट और 2024 का प्री का रिजल्ट जारी किया गया। इस परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थी उत्तराखण्ड के चयनित हुए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी के शहीद स्मारक में बलिदानियों के स्मरण में संग्रहालय बनाया जायेगा। हमारे राज्य आन्दोलनकारियों के बारे में भावी पीढ़ी को जानकारी होना जरूरी है।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने मसूरी में स्वं इन्द्रमणि बडोनी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्वांजलि भी दी।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड के बाद मसूरी में लोगों में भारी आक्रोश था। जिसको लेकर 2 सितंबर को आंदोलनकारी खटीमा गोली कांड के विरोध में शांतिपूर्वक तरीके से एक सितंबर को उधमसिंह नगर खटीमा में हुए गोलीकांड के विरोध में क्रमिक अनशन कर रहे थे। इस दौरान तत्कालीन सरकार के निर्देश पर पीएसी व पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बिना पूर्व चेतावनी के अकारण ही गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। जिसमें आंदोलनकारी बलबीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी, मदनमोहन ममगाईं, बेलमती चौहान और हंसा धनाई शहीद हो गए। उन्होंने कहा अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को अलग राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, मसूरी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, ओपी उनियाल, भगवान सिंह धनई एवं राज्य आन्दोलनकारी उपस्थित थे।

बेसमेंट पार्किंग के मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश

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-प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बैठक लेकर दिए निर्देश, कहा-कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट कराई जाए उपलब्ध

-एमडीडीए जल्द तैयार करेगा अपनी नर्सरी, शहर में एक लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के सापेक्ष 80 प्रतिशत लक्ष्य किया प्राप्त

-अवैध निर्माण को लेकर अभियंताओं को लगाई गई फटकार

देहरादून , मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष महोदय श्री वंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में सोमवार को प्राधिकरण सभागार में विभिन्न अनुभागों की समीक्षा बैठक की गई। इस दौरान उपाध्यक्ष महोदय ने कहा कि विगत दिनों दिल्ली में हुई एक घटना के आलोक में शहर में स्थित जिन कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट पार्किंग की जांच की गई थी। उपरोक्त मामलों में जिनके द्वारा भी मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है, उन पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित कर प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया जाए।

उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के अभियंता शहर में अपने स्तर पर कहां-कहां पर पार्किंग का निर्माण किया जा सकता है, इसकी संभावना तलाशें और इस दिशा में अग्रिम कार्रवाई की जाए।

उपाध्यक्ष महोदय ने अवैध निर्माणों को लेकर अभियंताओं को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जो लोग मानचित्र पास कराकर निर्माण कार्य कर रहे हैं, उन्हें नोटिस इत्यादि देकर परेशान नहीं किया जाए।
उपाध्यक्ष महोदय ने इस दौरान प्राधिकरण की स्वयं की नर्सरी भी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से प्राधिकरण को किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी।
उपाध्यक्ष महोदय ने कहा कि शहर के तमाम बड़े कॉम्प्लेक्स व ग्रुप हाउसिंग में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में संबंधित से वार्ता की जाए और इन दोनों ही व्यवस्था को प्रभावी रूप से सुदृढ बनाया जाए।
बैठक के दौरान उपाध्यक्ष महोदय द्वारा शहर में गतिमान पौधरोपण कार्यों की भी जानकारी ली गई जिस पर उन्हें अवगत कराया गया कि एक लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के समक्ष लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। उपाध्यक्ष ने कहा कि पौधरोपण में ज्यादा से ज्यादा फलदार व छायादार पौधों को लगाया जाए।

स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र मिलेंगे 391 एएनएम  :  डॉ. धन सिंह रावत

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-चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने जारी किया अभिलेख सत्यापन कलैण्डर
-आगामी 18 से 30 सितम्बर तक होंगे एएनएम के अभिलेखों का सत्यापन
देहरादून(आरएनएस)।  चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को शीघ्र ही 391 एएनएम (महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता) मिलेंगे। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन हेतु कैलेण्डर जारी कर दिया है। चयन बोर्ड आगामी 18 सितम्बर से लेकर 30 सितम्बर तक वर्षवार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अभिलेख सत्यापन करेगा। इसके उपरांत चयनित अभ्यर्थियों का वर्षवार मेरिट के आधार पर चयन परिणाम घोषित किया जायेगा।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग में लम्बे समय से विभिन्न संवर्गों में रिक्त पड़े पदों को तेजी से भरा जा रहा है। इसी कड़ी में एएनएम के रिक्त 391 पदों पर शीघ्र तैनाती दी जायेगी। इसके लिये उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने सभी औचारिकताएं पूरी कर ली है। डॉ. रावत ने बताया कि चयन बोर्ड ने स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) परीक्षा-2024 के लिये तिथिवार अभिलेख सत्यापन कलैण्डर जारी कर दिया है। आगामी 18 सितम्बर 2024 से अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी जो 30 सितम्बर 2024 तक चलेगी। अभिलेख सत्यापन हेतु अभ्यर्थियों को बैचवार ज्येष्ठता क्रम में बुलाया गया है, जिसके लिये अभ्यर्थियों को अनुक्रमांक भी जारी किये गये हैं। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा संलग्न प्रमाण पत्रों की बारीकी से जांच की जायेगी। अभिलेख सत्यापन के समय अभ्यर्थियों को अपने मूल दस्तावेजों के साथ सम्बंधित अभिलेखों की दो-दो स्वप्रमाणित छायाप्रतियां लाना अनिवार्य है। अभिलेख सत्यापन प्रक्रिया के उपरांत चयन बोर्ड द्वारा अर्हता प्राप्त अभ्यर्थियों की वर्षवार मेरिट के आधार पर चयन परिणाम जारी किया जायेगा, जिन्हें प्रदेश के विभिन्न जनपदों के चिकित्सा इकाईयों में तैनाती दी जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि राजकीय चिकित्सा इकाईयों में एएनएम की तैनाती होने से स्थानीय स्तर पर आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सकेगी, साथ ही गर्भवती महिलाओं, जच्चा-बच्चा के टीकाकरण में तेजी आयेगी इसके अलावा सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजनाओं का आम लोगों के बीच प्रचार-प्रसार हो सकेगा।

पत्रकार योगेश डिमरी पर जानलेवा हमला करने वाले शराब माफिया गिरफ्तार

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ऋषिकेश(आरएनएस)।  दिनाँक 01सितंबर को इन्दिरा नगर क्षेत्र में योगेश डिमरी व उनके साथियो के साथ मारपीट की घटना घटित होने व योगेश डिमरी के एम्स अस्पताल में उपचाराधीन होने की सूचना ऋषिकेश पुलिस को प्राप्त हुई। उक्त घटना के सम्बन्ध में पुलिस द्वारा योगेश डिमरी व उनके परिचितों से सम्पर्क कर घटना की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर घटना में शामिल अभियुक्तों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने हेतु तहरीर देने के लिए अवगत कराया गया था।
उक्त संबंध में आज दिनांक: 02-09-24 की प्रात: वादी  संदीप भण्डारी पुत्र  दयाल सिंह भण्डारी निवासी: 14 बीघा, थाना मुनीकीरेती जनपद टिहरी गडवाल द्वारा कोतवाली ऋषिकेश में घटना के सम्बन्ध में लिखित तहरीर दी कि सुनील गंजे द्वारा उनके साथ मार पीट कर बेस बाल के डण्डे से जानलेवा हमला किया गया, जिसमे योगेश डिमरी को गम्भीर चोटें आयी। लिखित तहरीर के आधार पर सुनील कुमार के विरूद्ध कोतवाली ऋषिकेश पर मु0अ0स0ं: 556/24 धारा: 109 (1)/ 352 बीएनएस का अभियोग पंजीकृत करते हुए तत्काल घटना में शामिल अभियुक्त सुनील कुमार पुत्र लाखन सिंह, निवासी: गली नं0 02 इन्द्रानगर, थाना ऋषिकेश देहरादून को तत्काल गिरफ्तार किया गया है। घटना के सभी पहलुओं की पुलिस द्वारा विस्तृत विवेचना की जा रही है। घटना में अन्य किसी व्यक्ति की संलिप्त्ता प्रकाश में आने पर उनके विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जायेगी।
इसके अतिरिक्त पुलिस द्वारा ऋषिकेश क्षेत्र में शराब तस्करी में लिप्त अभियुक्तों की कुण्डलियां तैयार की जा रही हैं, जल्द ही सभी अभियुक्तों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

लापता पूर्व सभासद का शव बरामद, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

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हरिद्वार, बीते रोज लापता हुए सभासद का शव घर के पड़ोस में ही स्थित खाली मकान से बरामद हुआ। परिजनों ने हत्या की आशंका जाताई है वहीं पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की बात कह रही है। फिलहाल शव को पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।
जानकारी के अनुसार मंगलौर के बाहरी किला निवासी पूर्व सभासद नसीम अहमद रविवार सुबह करीब ग्यारह बजे से लापता थे। जिनके परिजन उनकी तलाश में जुटे हुए थे और मामले की जानकारी पुलिस को भी दी थी। वही आज सुबह किसी ने नसीम अहमद के परिजनों को सूचना दी कि उनका शव पड़ोस के ही एक खाली पड़े मकान के कमरे में पड़ा है। परिजन मौके पर पहुंचे और जानकारी पुलिस को दी। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है वही मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास छानबीन की इसके साथ ही शव का पंचनामा भरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र राठी का कहना है कि मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगी। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।

18 सालों से मांगों को लेकर आन्दोलनरत एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं ने किया मुख्यमंत्री आवास कूच

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देहरादून, एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्लाओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जिनको पुलिस ने कनक चौक पर ही रोक दिया। जिसके बाद वह वहीं धरने पर बैठ गये।
सोमवार को एसएसबी प्रशिक्षित गुरिल्ला परेड ग्राउंड पर एकत्रित हुए जहां से उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के लिए कूच किया। वह जैसे ही कनक चौक पर पहुंचे तो पुलिस ने उनको बैरकेडिंग लगाकर रोक दिया। जिससे गुरिल्लाओं पर पुलिस के बीच तीखी नोंक झोंक हुई। जिसके बाद वह वहीं धरने पर बैठ गये। जिसके बाद एसएसबी गुरिल्ला संगठन का एक प्रतिनिधि मण्डल सचिव गृह से मिलने सचिवालय गया। जहां पर उन्होंने सचिव गृह को अपना ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उन्होंने कहा कि 18 सालों से प्रदेश के अपनी मांगों को लेकर आन्दोलनरत हैं तथा कई बार मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, प्रधानमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं तथा वार्ता भी हुई किन्तु संगठन की जायज मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि संगठन की कई दौर की बातचीत केन्द्र व राज्य सरकार के साथ हुई तथा 20 दिसम्बर 2020 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में तमाम विभागीय सचिवों व मुख्य सचिव के साथ गुरिल्ला पदाधिकारियों एवं अन्य गुरिल्ला की वर्चुअल माध्यम से भी बैठक सम्पन्न हुई थी तथा बैठक में कार्यवृत्त भी तैयार हुआ था कतिपय बिन्दुओं पर सहमति भी बनी थी किन्तु शासन की अकर्मण्यता के कारण कार्यवाही आगे नहीं बढ पायी है तथा गरीब व असहाय गुरिल्लां की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
वहीं विरोध को देखते हुए तत्काल गुरिल्लाओं के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया गया। इसपर अन्य गुरिल्ला एस्लेहॉल के समीप धरने पर बैठ गए। दोपहर करीब 02 बजे प्रतिनिधिमंडल सचिवालय से वार्ता कर लौटा। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई। सीओ डालनवाला अभिनय चौधरी ने वार्ता में हुए निर्णय गुरिल्लाओं के सामने रखे। प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में एसडीएम हरिगिरी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। विभागों को गुरिल्लाओं के समायोजन के लिए पत्राचार किया जा रहा है। संगठन ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो वह अनिश्चित काल तक धरने पर रहेंगे।

यह है गुरिल्लाओं की तीन मुख्य मांग :
-सेवा योग्य गुरिल्लों को राजकीय सेवा में लिया जाये।
-उम्र दराज गुरिल्लों को सम्मानजनक पेंशन अथवा एकमुश्त धनराशि प्रदान की जाये।
-गुरिल्लों के मृतक आश्रितों को रोजगार व पेंशन प्रदान की जाये।

पाखरो रेंज घोटाला : पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पहुंचे ईडी ऑफिस

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-पूरे मामले में पूर्व डीएफओ समेत कुछ अधिकारियों की हो चुकी है गिरफ्तारी

-पिछले साल हरक सिंह रावत समेत उनके परिचितों के संस्थानों पर पड़े थे छापे

देहरादून, पाखरो रेंज घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत आज ईडी ऑफिस पहुंचे। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पाखरो रेंज घोटाले के मामले में वर्ष 2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में तत्कालीन कुछ अधिकारियों (जिनमें पूर्व डीएफओ किशनचंद भी शामिल थे) को गिरफ्तार भी किया गया था।
विजिलेंस ने पिछले साल अगस्त में विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिचितों के संस्थानों पर छापे मारे थे। बताया गया था कि यहां एक पेट्रोल पंप पर सरकारी जनरेटर बरामद हुआ था। हालांकि, जांच अभी और आगे बढ़ती इससे पहले ही हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जांच सौंप दी गई।
विजिलेंस ने इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए थे। इसी बीच ईडी ने भी इसका संज्ञान ले लिया। गत फरवरी 2024 में ईडी ने भी हरक सिंह रावत के घर और इससे जुड़े कुछ अधिकारियों के घरों पर छापे मारे थे।
हरक सिंह के यहां से कुछ भी बरामद होने की सूचना नहीं थी। जबकि, एक अधिकारी के घर से कैश व अन्य सामान बरामद हुआ था। ईडी ने बारी-बारी से सभी अधिकारियों और नेताओं से पूछताछ की थी। ईडी ने हरक सिंह रावत को फिर से नोटिस भेजकर सोमवार को पेश होने के लिए कहा था, जिसे बाद वह आज फिर ईडी ऑफिस पहुंचे।

बिजली कर्मचारियों को कब मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ

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देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ न मिलने पर सवाल उठाए। मोर्चा की रविवार को माजरा कार्यालय में हुई बैठक में सवाल उठाए गए कि जब राज्य में 2005 से बाद के कर्मचारियों को सिर्फ अध्याचन, विज्ञप्ति के आधार पर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, तो ऊर्जा के निगमों में क्यों 2005 से पहले वाले कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया जा रहा है। मोर्चा की बैठक में संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि पुरानी पेंशन का लाभ न मिलने से बिजली कर्मचारियों में आक्रोश है। बिजली कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। कहा कि राज्य में ऐसे कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ देने की तैयारी है, जिनकी नियुक्ति 2007, 2009, 2011 तक में जाकर हुई। कर्मचारी इसका स्वागत करते हैं, लेकिन सवाल ये भी है कि सिर्फ बिजली कर्मचारियों की क्यों अनदेखी की जा रही है। निगमों का कर्मचारी बता कर क्यों उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। कहा कि 2002 में नियुक्त हुए कर्मचारियों तक को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसके खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी।
राकेश शर्मा ने कहा कि 2600 ग्रेड वेतन में नियुक्त कार्मिकों की एसीपी की व्यवस्था में सुधार किया जाए। वर्ष 2020 के बाद नियुक्त कार्मिकों को पूर्व की भांति विद्युत टैरिफ की सुविधा का लाभ दिया जाए। पूर्व में प्रदान की गई नियुक्ति पर प्रारंभिक वेतन वृद्धि की व्यवस्था को यथावत रखा जाए। बैठक में केहर सिंह, बीरबल सिंह, वाईएस तोमर, कार्तिकेय दुबे, पंकज सैनी, आनंद सिंह रावत, सुनील मोगा, अमित रंजन, राहुल चानना, भानु प्रकाश जोशी, प्रदीप कंसल, सुनील तोमर, गोविंद प्रसाद नौटियाल, राजवीर सिंह, सौरभ पांडे, मुकेश कुमार, शैलेंद्र मौजूद रहे।
उपनल कर्मचारियों की कब ली जाएगी सुध
विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि उपनल कर्मचारियों की सुध नहीं ली जा रही है। न उन्हें नियमित किया जा रहा है। न ही उन्हें समान काम का समान वेतन दिया जा रहा है। शासन स्तर से जारी हुए महंगाई भत्ते के लाभ को भी स्थगित कर दिया गया। जबकि पूरे पॉवर सेक्टर की कमान इन्हीं उपनल कर्मचारियों के हाथ में है।