Sunday, April 27, 2025
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PPF: आपने भी खुलवा रखा है ये सरकारी खाता तो जान लें ये 4 जरूरी बातें, नहीं तो…!

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नई दिल्ली: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) पर सरकार ने तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में ब्याज दरों (Interest Rates) में कोई बदलाव नहीं किया है. ब्याज दर फिलहाल 7.9 फीसदी पर ही बनी हुई हैं. बता दें पीपीएफ (PPF) लंबे निवेश के लिए एक अच्छा और बेहतर विकल्प है. ये स्कीम की सरकार की ओर से चलाई जाती है इसलिए इसमें निवेश को सुरक्षित माना जाता है. इस स्कीम में आपको टैक्स में छूट का फायदा भी मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी के तहत एक साल में आप 1.5 लाख रुपये तक के योगदान पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है. इसके अलावा इसमें मैच्योरिटी और ब्याज से होने वाली इनकम भी टैक्स फ्री होती है. पीपीएफ खातों से जुड़ी हम आपको वो 4 अहम बातें बताने जा रहे हैं जो आपको पता होना जरूरी है-

कौन खुलवा सकता है PPF अकाउंट
>> भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं.
>> कोई भी पेरेंट्स अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर भी यह खाता खुलवा सकते हैं.>> बच्चे की उम्र 18 साल होने पर स्टेटस बदलने के लिए एक फॉर्म भरना होगा.
>> पीपीएफ खातों को संयुक्त नाम (Joint Account) पर नहीं खोल सकते.

मैच्योरिटी की तारीख
किसी भी पीपीएफ अकाउंट को मैच्योरिटी की अवधि 15 साल होने के बाद बिना किसी योगदान के भी आगे बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि पीपीएफ खाता बंद होने तक ब्याज देता रहता है. यदि खाताधारक 15 साल बाद भी इसे जारी रखना चाहता है तो इसके लिए मैच्योरिटी की तारीख से एक साल के भीतर फॉर्म ‘एच’ भरकर जमा करना होगा.

ब्याज की गणना
पीपीएफ नियम के अनुसार, निवेशकों को अपनी किश्तों को हर महीने की पांचवीं तारीख या उससे पहले जमा करना होता है. क्योंकि इस खाते में ब्याज की गणना पांचवीं और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर की जाती है. इसलिए अधिकतम ब्याज पाने के लिए खाताधारक को अपना योगदान या एकमुश्त राशि हर महीने की 5 तारीख से पहले जमा करा देनी चाहिए.

समय से पहले निकासी और लोन
पीपीएफ खातों में 7वें वित्तीय वर्ष से 50 फीसदी की निकासी की जा सकती है. बता दें कि पीपीएफ खातों में आंशिक निकासी भी कर मुक्त होती है. पीपीएफ खातों को 15 सालों से आगे बढ़ाने जाने की स्थिति में भी 50 फीसदी निकासी की जा सकती है. वहीं, लोन को उस वर्ष के अंत से एक वर्ष की समाप्ति के बाद लिया जा सकता है जिस वर्ष प्रारंभिक सदस्यता लगी गई थी लेकिन उस वर्ष के अंत से (जिसमें प्रारंभिक सदस्यता ली गई थी) पांच वर्ष की समाप्ति से पहले भी लोन लिया जा सकता है.

उत्तराखंड स्थापना दिवस: जवानों ने दिखाए हैरत अंगेज करतब

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देहरादून, 21 राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित पुलिस परेड के बाद बारी आई विभिन्न दस्तों की परेड और साहसिक करतबों की। शुरूआत हुई श्वान दल (डॉग स्क्वायड) की लूसी से। लूसी ने मुख्य अतिथि को फूलों का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया। इसके बाद डॉग स्क्वायड ने बारी-बारी से अपने करतब दिखाने शुरू किए।

स्वागत के बाद लूसी ने एक संदिग्ध को भीड़ में से दबोचने का प्रदर्शन भी किया। दूर बैठे एक व्यक्ति को पहले तो लूसी ने पहचाना और जब वह भागा तो पीछे दौड़कर उसे दबोच लिया। लूसी की पकड़ इतनी मजबूत थी कि तीन पुलिसकर्मियों के जुटने के बाद व्यक्ति को छुड़ाया जा सका, इसके बाद एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) की टीम ने भी दो डेमो दिखाए। तेज धमाके के साथ शुरू हुए इस प्रदर्शन ने एक बार तो सबको हिलाकर रख दिया। डेमो एक वीआईपी को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने का था। एटीएस की टीम ने प्रतीकात्मक हेलीकॉप्टर के मॎध्यम से उतरने का प्रदर्शन किया।

बिहार चुनाव: फैसले का इंतजार आज, नेताओं की बढ़ी धड़कन

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पटना:बिहार विधान सभा चुनाव के फैसले की घड़ी आ हीं गई. आज होगा 3733 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला. दो महीने की लंबी चुनावी प्रक्रिया और मंथन के बाद आज खुलेंगें प्रत्याशियों की किस्मत के पिटारे और पता चलेगा कि मतदाताओं ने क्या सुनाया है फैसला. किसके सिर पर होगा ताज इस बात का फैसला अब से चंद घंटो में स्पष्ट हो जाएगा. इस चुनाव में विभिन्न दलों के कुल 3733 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. आज सुबह 8 बजे से ही गिनती शुरू हो जाएगी. पहले वीवीपैट की गिनती होगी. फिर साढ़े आठ बजे से इवीएम के वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी और लगभग 10 बजे के बाद रुझान आने शुरू हो जाएंगे.

आज 55 मतगणना भवनों में होगा 3,733 प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला

कोरोना संक्रमण के बीच हुए इस चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने पूरी सतर्कता बरतते हुए जो दिशा-निर्देशों दिए हैं उनके अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में 55 भवनों में मतगणना की तैयारी की गई है. चार जिलों में तीन-तीन भवनों में मतगणना होगी. ये जिले हैं -सिवान,बेगूसराय, पूर्वी चंपारण और गया. इसके अलावे सहरसा, गोपालगंज, दरभंगा,भागलपुर, बांका, नालंदा मधुबनी, पूर्णिया और नवादा ऐसे जिले हैं, जहां मतदान के लिए दो-दो भवनों में केंद्र बनाए गए हैं. राजधानी क्षेत्र पटना समेत राज्य के 23 जिले ऐसे हैं, जहां एक-एक भवन में ही मतगणना केंद्र बनाया गया है.

कोविड गाइड लाइन का पालन

मतगणना केंद्रों में 414 हॉल में टेबल लगाए गए हैं. कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए टेबलों के बीच दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया गया है. जहां एक हॉल में वोटों की बिनती होगी वहां दूरा बरकरार रखते हुए 14 टेबल लगाए जाएंगे और जहां दो हॉल में गिनती होगी वहां सात-सात टेबल एक हॉल में लगाए जाएंगें जिसकी निगरानी के लिए ऑब्जर्बर और माइक्रो ऑब्जर्बर नियुक्त किए जाएंगें.तीन चरणों में हुए मतदान के बाद राज्य भर के 3733 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद है. इनमें से 370 महिला और एक ट्रांसजेंडर हैं.

उत्तराखंड : 221 कांस्टेबलों को मिला दीपावली का तोहफा, प्रमोट कर हेड कांटेबल बनाया

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ स्थापना दिवस पर प्रदेश के 221 पुलिसकर्मियों को दिवाली का तोहफा मिला। इन पुलिसकर्मियों को प्रमोट कर हेड कांस्टेबल बनाया गया है। इनमें कई कांस्टेबल और बाकी हेड कांस्टेबल विशेष श्रेणी के पुलिसकर्मी शामिल हैं। आईजी कार्मिक ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन पुलिसकर्मियों को प्रमोट किया गया है।
राज्य स्थापना दिवस पर पुलिस मुख्यालय ने सोमवार को प्रमोशन लिस्ट जारी की है।

काफी समय से हेड कांस्टेबल पद पर प्रमोशन होने थे। सोमवार को 221 पुलिसकर्मियों का इंतजार खत्म हो गया है। ये सभी पुलिसकर्मी 25 से 30 साल की सेवा करने वाले हैं। लंबे समय से प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही थी। जबकि पुलिस के कुछ कार्मिक इस लिस्ट को ठीक नहीं मान रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें कुछ ऐसे पुलिसकर्मी शामिल हैं जो पहले से हेड कांस्टेबल (बाजू पर तीन फीतियां) लगा रहे थे। इसके साथ ही कुछ ऐसे हैं जो एक स्टार लगाते थे और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर कहलाते थे।

ऐसे में इन्हें अब हेड कांस्टेबल कहने का क्या मतलब? लेकिन, इस मामले में आईजी कार्मिक का कहना है कि प्रमोशन बहुत ही सूझबूझ और सभी नियमों को ध्यान में रखकर किया गया है। जिन्हें हेड कांस्टेबल कहा जा रहा है वे असल में हेड कांस्टेबल विशेष श्रेणी (एचसीवीएस) थे। अब उन्हें कंफर्म हेड कांस्टेबल बना दिया गया है। इनमें कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो एक स्टार कंधे पर लगाते चले आ रहे हैं। वे चालान भी काट रहे थे, लेकिन अब उन्हें हेड कांस्टेबल बनाया गया है। यानी अब उन्हें फीतियां लगानी होंगी। हालांकि मुख्यालय का कहना है कि एक स्टार वाली व्यवस्था सिर्फ अस्थाई व्यवस्था थी। जो कांस्टेबल 30-30 साल सर्विस कर चुके हैं उनके अंदर कोई कुंठा न हो इसके लिए यह व्यवस्था की गई थी। यह नोटिफाई पद नहीं है।

सोना खरीदने से पहले जान लें नया भाव, आज 10 ग्राम के लिए इतना बदल गया दाम

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नई दिल्ली. सोने के भाव (Gold Rate) में लगातार चौथे दिन भी तेजी देखने को मिली. एचडीएफसी सिक्योरिटीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सोमवार को भी दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव 277 रुपये प्रति 10 ग्राम चढ़ा है. आज चांदी के भाव (Silver Rate) में 650 रुपये प्रति किलोग्राम के करीब की तेजी देखने को मिली. अमेरिका में जो बाइडन को राष्ट्रपति निवार्चित किये जाने और प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद में दोनों कीमती धातुओं के भाव में तेजी देखने केा मिल रही है.

सोने की कीमतें (Gold Price, 9 November 2020) – सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के दाम में भी 277 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी के बाद यह 52,183 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. इसके पहले शुक्रवार को यह 51,06 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो यहां आज सोने का भाव 1,960 रुपये प्रति औंस पर रहा.

चांदी की कीमतें (Silver Price, 9 November 2020) – इसी प्रकार चांदी के भाव में तेजी देखने को मिल रही है. दिल्ली सर्राफा बाजार में ही चांदी का भाव 649 रुपये प्रति 10 ग्राम चढ़कर 65,699 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. इसके पहले शुक्रवार को भी यह तेजी के साथ 65,005 के स्तर पर बंद हुआ था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव 25.75 डॉलर प्रति औंस पर नजर आया.

क्या है जानकारों का कहना?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनलिस्ट्स कमोडिटीज तपन पटेल ने बताया, ‘सोने के दाम में तेजी कोरोना वायरस मामलों में इजाफा होने की वजह से भी देखने को मिला.’ मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटीज रिसर्च वीपी नवनीत दमानी का कहना है कि आज कारोबार के शुरुआती दौर में ही सोने में तेजी देखने को मिली. डॉलर में कमजोरी और बाइडन प्रशासन के अंतर्गत प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद में इसमें तेजी आई है.

कोरोना संकट में बेरोजगार हुए लोगों को सरकार का तोहफा, ऑनलाइन दावा कर उठाएं योजना का फायदा

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप के कारण बेराजगार हुए लोगों को राहत प्रदान करने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी ) की अटल बीमा व्यक्ति कल्याण योजना के तहत 20 अगस्त को बड़ा एलान किया। केंद्र ने कहा कि योजना के तहत दावा करने पर इसका 15 दिन में ही निपटान कर दिया जाएगा।

सरकार ने नियमों को लचीला बनाते हुए यह फैसला लिया कि कोरोना संकट में नौकरी गंवा चुके औद्योगिक कामगारों को उनके तीन महीने के वेतन का 50 फीसदी तक बेरोजगारी हितलाभ के तौर पर दिया जाए। यह फायदा केवल उन कामगारों को मिलेगा जिन्होंने 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच अपनी नौकरी गंवाई है या गंवाएंगे। इससे पहले तक यह 25 फीसदी था। वहीं, केंद्र ने रविवार को एलान किया कि इस योजना के तहत क्लेम करने के लिए हलफनामा दाखिल करने की जरूरत भी खत्म कर दी गई है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईएसआईसी ने 20 अगस्त 2020 को हुई अपनी बैठक में अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना को एक जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2021 तक कर दिया था। शपथ-पत्र यानी एफिडेविट फॉर्म में दावा प्रस्तुत करने की शर्त को भी हटाया गया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि योजना के हितलाभार्थियों की प्रतिक्रिया का विश्लेषण करते हुए यह पाया गया कि एफिडेविट फॉर्म में दावा प्रस्तुत करने की शर्त से दावेदारों को असुविधा हो रही है। इसलिए इस शर्त को हटाया गया है। अगर कोई लाभार्थी ऑनलाइन क्लेम के समय दस्तावेजों को अपलोड नहीं कर पाता है तो उसे उनके प्रिंटआउट्स पर हस्ताक्षर करके जमा कराने होंगे।

इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
ईएसआईसी के तहत योजना का फायदा निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों के काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है। कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करने के लिए ईएसआई कार्ड बनाया जाता है। इस कार्ड के जरिए लाभार्भी योजना का फायदा ले सकते हैं। इस योजना का लाभ सिर्फ 21 हजार रुपये या इससे कम सैलरी वाले कर्मचारियों को ही मिलता है। वहीं, दिव्यांग कर्मचारियों के लिए आय की सीमा 25 हजार रुपये है। इसके अलावा, कंपनी का ईएसआईसी के तहत पंजीकरण होना भी जरूरी है। ईएसआईसी से जुड़े कर्मचारी कॉरपोरेशन की किसी भी शाखा में इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि, अब आप ऑनलाइन क्लेम भी कर सकते हैं।

जोशीमठ : बुलेट सवार दो युवकों को ट्रक ने रौंदा, SDRF के जवान देवदूत बनकर आये सामने

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चमोली (जोशीमठ), चमोली में बलदौडा वाहन दुर्घटना में लापता व्यक्तियों की तलाश में गयी एनडीआरएफ टीम पोस्ट जोशीमठ वापस आ रही थी, तो रास्ते में मारवाड़ी- जोशीमठ के मध्य की सीधे टक्कर हुई,
दुर्घटना में दोनों सवार ट्रक से टकराकर गम्भीर रूप से घायल होकर सडक पर गिरे, SDRF टीम द्वारा बिना देरी किए दोनों घायलों(पंकज, पाण्डुकेश्वर तथा अक्षित पंवार, गोविन्द घाट) को तत्काल एक प्राइवेट वाहन में रखकर तुरंत CHC JSM लाकर इमरजेन्सी में दाखिल किया, साथ ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया |

प्रियंका गौ रक्षा वाहिनी की महिला प्रदेश अध्यक्ष बनीं

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देहरादून। भारतीय गौ रक्षा वाहिनी ने अधिवक्ता व संरक्षिका प्रभु श्री राम ट्रस्ट ने प्रियंका रानी को महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष पर नियुक्ति दी है। इस अवसर पर वाहिनी के प्रदेश प्रभारी सादाब अली ने कहा कि अधिवक्ता प्रियंका रानी का कर्मठ व्यक्तित्व हमेशा से ही महिलाओं के लिए प्ररेणा श्रोत रहा है।

समाज सेवा के क्षेत्र में अधिवक्ता रानी ने अनेकों काम किए है। उनकी समाजसेवी छवि ने गौ रक्षा वाहिनी को भी अपनी ओर आर्कषित किया। जिसके बाद गौ रक्षा वाहिने ने प्रियंका रानी को महिला प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया है। उन्होंने आशा व्यक्ति की कि सुश्री प्रियका रानी की कर्मठ छवि वाहनी के कामों को आगे बढ़ाएगी। जिससे कि गौ वंश सुरक्षा के क्षेत्र में तेजी से काम किया जा सकेगा।

उत्तराखंण्ड को भारत का सिरमौर बनाना है: प्रो. त्रिपाठी

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हरिद्वार 09 नवम्बर (कुल भूषण शर्मा)उत्तराखण्ड संस्कृत विष्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति की ओर से उत्तराखण्ड राज्य स्थापनादिवस के अवसर पर ऑन लाइन संस्कृत हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रमका षुभारम्भ विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवीप्रसाद त्रिपाठी ने किया उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना का उद्देष्य यहां की संस्कृति एव परम्परा का संरक्षण कर उसे विषिश्ट पहचान देने के साथ ही यहां के युवाओ ंको रोजगारपरक षिक्षा उपलब्ध करा कर उनके समुज्ज्वल भविश्य की नींव तैयार करना था। उन्होंने कहा कि पुराणों ेंमें उत्तराखण्ड को मानसखण्ड व केदारखण्ड के रूप में बताया गया है। ।

पर्वतीय समाज को सुषिक्षित एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए मिलकर काम करना है। क गंगा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण व परम्परा संरक्षण के माध्यम से उत्तराखण्ड को पूरे भारत का सिरमौर बनाना है।
इस अवसर पर कुलसचिव गिरीष कुमार अवस्थी, प्रो. मोहनचन्द्रबलोदी, डॉ. विन्दुमती द्विवेदी, डॉ. अजय परमार, डॉ.हरीषचन्द्रतिवारी, डॉ. रामरत्न खण्डेवाल, डॉ. रत्नलालकौषिक, डॉ. रामभूशणबिजल्वाण, डॉ. प्रदीपसेमवाल, डॉ. उमेषचन्द्र षुक्ला, डॉ. धीरज षुक्ला, मनमीतकौर आदि उपस्थित रहे।

 

दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए सख्ती से लागू करने होंगे कानून- एयर क्वालिटी मैनेजमेंट पैनल

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दिल्ली की एयर क्वालिटी सोमवार को लगातार पांचवें दिन “गंभीर” बनी हुई है, इसके लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कहा कि निजि परिवहन के सीमित उपयोग और प्रदूषण कम करने के लिए गैर-जरूरी यात्र पर रोक, जैसे मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) को सख्ती से लागू करने की तत्काल आवश्यकता है, ताकी प्रदूषण को कम किया जा सके.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आयोग ने कहा, “हमें मौजूदा कानूनों, दिशानिर्देशों को लागू करने की आवश्यकता है. आपातकालीन स्थिति के आधार पर वायु प्रदूषण को कम करने, व्यक्तिगत परिवहन के उपयोग को कम करने और यात्रा को प्रतिबंधित करने की भी जरूरत है.”

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में कोयले के उपयोग को कम करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में कोयला उपयोग करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने की भी जरूरत है. मालूम हो कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर को आधी रात से लेकर 30 नवंबर को आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तर प्रतिबंध लगा दिया है.

एयर एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने भी फैसला किया है कि दिल्ली में अगर कोई पटाखे जलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी, जिसके तहत डेढ़ साल से छह साल तक सजा भी हो सकती है.

दरअसल बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को पुलिस अधिकारियों, नगर निगम, परिवहन विभाग और जिला अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. गोपाल राय ने कहा कि पटाखों से प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सरकार एयर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी और एयर एक्ट के तहत FIR दर्ज की जाएगी. राय ने कहा, “इसमें मजिस्ट्रेट को आर्थिक दंड देने के साथ-साथ कम से कम डेढ़ साल और अधिक से अधिक 6 साल सजा का प्रावधान भी होगा.”