Saturday, May 10, 2025
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जन समर्थन कार्यक्रम में उमडी भारी भीड़, समाज सेवी कुलदीप रावत को विधान सभा चुनाव जिताने का लिया संकल्प

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✍🏻 (देवेंद्र चमोली)
गुप्तकाशी- जाने माने समाज सेवी कुलदीप रावत के समर्थन मे आज केदार घाटी के नारायण कोटी में क्षेत्रीय जनता व जनप्रतिनिधियों ने जन समर्थन कार्यक्रम आयोजित किया गया। केदार घाटी के जन प्रतिनिधि, होटल ब्यवसायी, टैक्सी यूनियन, महिला मंगल दल, ग्राम पंचायत सरपंच, सहित केदार नाथ आपदा के प्रभावित भारी संख्यां में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। भारी संख्या में जुटे छैत्रीय जनता व जन प्रतिनिधियों ने केदारनाथ विधान सभा के होने वाले उप चुनाव में समाज सेवी कुलदीप रावत को भावी विधायक बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित मातृ शक्ति का कुलदीप रावत के समर्थन में उत्साह देखते ही बन रहा था।
आज केदारनाथ विधान सभा छैत्र के नारायणकोटी में स्थानीय जनता व जन प्रतिनिधियों द्वारा समाज सेवी कुलदीप रावत के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें छैत्र के प्रबुद्ध जनों, मातृ शक्ति, युवा शक्ति सहित सैकडो की संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया।
ग्राम प्रधान भेतसेम नारायण कोटी की प्रधान मीना देवी की अध्यक्षता में हुये इस कार्यक्रम में छैत्र के विभिन्न गाँवो से भारी संख्या मे पहुँची जनता ने समाज सैवी कुलदीप रावत को आगामी विधान सभा उप चुनाव में समर्थन देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम मे भारी संख्या में पहुँची छैत्रीय जनता को सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने कुलदीप रावत का आभार ब्यक्त करते हुये कहा कि बिना किसी संबैधानिक पद पर रहते हुये उन्होने असहयाय, जरुरत मंदो, गरीबों की जो सेवा की है उसे नहीं भुलाया जा सकता है। 2013 की केदार नाथ आपदा हो या बीते 31 जुलाई की आपदा हो जिस तत्परता से कुलदीप रावत ने प्रभावितों व यात्रियों की मदद की उससे सरकार व अन्य जन प्रतिनिधियों को सबक लेना चाहिए। कार्यक्रम में पहुँची महिलाओं ने कहा कि कुलदीप रावत उनके हर सुख दुःख का साथी है। बिना पदों पर रहते हुये वे अपना समय व संसाधनों से जन सेवा में समर्पित है। वक्ताओं ने केदारनाथ छैत्र की जनता से अपील करते हुये कहा कि ऐसे ब्यक्ति को अपना आशीर्वाद देकर विधान सभा में भेजें। वक्ताओं ने कहा कि आज कुलदीप रावत के प्रयासों से प्रदेश के मुख्य मत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों के लिये 9 करोड़ स्वीकृत किये हैं। व केदार घाटी की सुध ली है।
कार्यक्रम में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुये समाज सेवी कुलदीप रावत ने कहा कि वे सदैव से ही छैत्र के विकास व छैत्र की जनता के सुख दुःख में भागीदार रहे है। उनके द्वारा प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी से छैत्र सहित केदार नाथ यात्रा से जुडे घोडा खच्चर संचालको, होटल ब्यसाइयों, टैक्सी यूनियन, टैंट संचालको सहित केदारनाथ छैत्र के आम जन की समस्याओं को रखा गया है जिस पर मुख्य मंत्री ने जल्दी ही समाधान करने का आश्वाशन दिया है। उन्होने कहा कि समाज सेवा उनमें कूट कूट कर भरी है लिहाजा वे जनता के सुख दुःख को भली भाँति समक्षते है व उसके समाधान के लिये वे हमेशा समर्पित रहेगें। इस अवसर पर मीना देवी प्रधान नारायणकोटी, सेवा निवृत्त तहसीलदार एम एल भेंतवाल, सेवा निवृत्त जिला पूर्ति अधिकारी किशोरी लाल पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष आलोक नेगी, पूर्व प्रधान उमेन्द्र रमोला, अमित मैखण्डी ,सुषमा देवी, योगिता देवी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्म सिंह सहित छैत्र के विभिन्न गाँवों के प्रधान एँव सैकडो की संख्या में उपस्थित मातृ शक्ति व जनता उपस्थित थी।

मिस एंड मिसेज इंडिया दिवा उत्तराखंड के ग्रैंड फिनाले में मॉडल्स ने बिखेरे जलवे

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“उत्तराखंड में पहली बार हुआ पीजेंट का आयोजन”

देहरादून, मिस एंड मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 के ग्रैंड फिनाले में मॉडल्स ने रैंप वॉक की तो हर कोई देखता रह गया। ये पीजेंट पहली बार उत्तराखंड में किया गया था। जो कि मिस और मिसेज कैटेगिरी लिए अलग अलग था।
मिस एंड मिसेज़ इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 के का ग्रैंड फिनाले रविवार को मालसी रोड स्थित फेयरफील्ड बाय मेरियट में किया गया। जिसमें कुल 22 मॉडल्स ने जलवे बिखेरे। पीजेंट में मुख्य तौर पर तीन कैटेगिरी रखी गई थी। जिसकी शुरुआत टैलेंट राउंड से हुई। इसके बाद स्टेट राउंड और लास्ट इवनिंग गाउन राउंड आयोजित हुआ। स्टेट राउंड में मॉडल्स ने अलग अलग राज्यों की संस्कृति की झलक पेश की। पीजेंट में दून सहित उत्तरकाशी, रुड़की, हरिद्वार आदि जगहों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर मिसेज़ इंडिया दिवा क्लासिक 2023 की विनर और इस इवेंट की उत्तराखण्ड की स्टेट डायरेक्टर ऋतु बहुगुणा ने बताया कि प्रतिभागियों को दो दिन की ग्रूमिंग क्लासेज दी गयी थी। साथ ही तीन कैटेगिरी में कॉम्पटीशन रखा गया था। जिसमें मिस कैटेगरी में 18 से 30 आयुवर्ग, मिसेज कैटेगरी में 40 से कम और मिसेज क्लासिक केटेगरी में 40 वर्ष से अधिक आयुवर्ग की प्रतिभागी शामिल थी। जिनकी दो दिन की ऑफलाइन ग्रूमिंग मडकप में और पांच दिन ऑनलाइन ग्रूमिंग हुई। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में ये पीजेंट पहली बार हुआ है लेकिन इससे पहले यह 7 अन्य राज्यों में हो चुका है, जिनमें राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब, कर्नाटक, तेलंगाना, और महाराष्ट्र शामिल हैं।
इस दौरान जजेज की भूमिका में दिवाज ब्यूटी पीजेंट के डायरेक्टर बिन्नी भट्ट, बोन्ना बासु, मडकप के डायरेक्टर करण सचदेवा और स्टेट डायरेक्टर ऋतु बहुगुणा शामिल रहे।इस मौके पर सिनमिट कम्युनिकेशंस के डायरेक्टर दलीप सिंधी और राजीव मित्तल आदि उपस्थित थे।

 

 

दून पुस्तकालय में हुआ कविता संग्रह ‘एहसास-ए-मोहब्बत‘ का लोकार्पण

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से रविवार सायं साहित्यकार डॉ. राज बख़्शी ‘गुमराह‘ द्वारा रचित पुस्तक ‘एहसास-ए- मुहब्बत‘ का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय पुलिस सेवा से अवकाश प्राप्त वरिष्ठ अधिकारी ए.बी. लाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम मेें विशिष्ट अतिथि के तौर पर समाज सेवी डॉ.एस. फारूक, साहित्यकार डॉ. राम विनय सिंह, भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी डॉ.जयराज व साहित्यकार श्रीमती साधना और डॉ. ममता सिंह मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मीरा नवेली ने किया।कार्यक्रम में सुपरिचित गजलकार अरूण भट्ट ने डॉ. राज बख़्शी ‘गुमराह‘ की गजलों को अपना स्वर भी दिया या। कार्यक्रम के अन्त में लोगों को धन्यवाद डॉ. दलजीत कौर ने दिया।
पुस्तक के रचानकार डॉ. राज बख़्शी ‘गुमराह‘ ने पुस्तकका परिचय देते हुए कहा कि उर्दू एक प्यारी भाषा है जिसमें प्रेम,खुसी,निराशा,दुःख एवं अन्य मानवीय भावों /संवेदनाओं का बेहतर इजहार किया जाता है। हिन्दी और उर्दू दोनों आम लोगों की प्रिय भाषा रही हैं। उन्होंने अपने प्रिय विषय मुहब्बत के बारे में कहा एक शेर है ‘‘ वक्त के साथ हर चीज बदलती रही लेकिन एक दर्दे-मोहब्बतहै जो पहले की तरह है ‘‘।
कार्यक्रम में समाज सेवी डॉ.एस. फारूक ने राज बख़्शी ‘गुमराह को मुबारकबाद देते हुए कहा कि यह एक दिलवाले व्यक्ति हैं और एक दिलवाला ही दिल की बातों की कद्र कर सकता है। आप मोहब्बत करने वाले शख्स हैं और मोहब्बत ही आपने लिखा है। उन्होंने कहा ‘‘मैं ‘गुमराह‘ नहीं गुमराही का एहसास है मुझे/एहसासे मौहब्बत है वफा का पास है मुझे‘‘।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम विनय सिंह ने वक्ता के तौर पर कहा कि दुनिया का कोई भी साहित्य ऐसा नहीं जहां प्रेम को जीवन की अभिव्यक्ति का अभिन्न विषय न बनाया गया हो। राज बख़्शी ‘गुमराह‘ इस पुस्तक के माध्यम से अपनी मोहब्बत का पैगाम को अपने अशआर के माध्यम से समाज तक पहुंचाना चाहते हैं। इश्के मिजाजी के अनेक रंग इनकी लिखी गजलों में अनायास देखे जा सकते हैं।
मुख्य अतिथि भारतीय पुलिस सेवा से अवकाश प्राप्त वरिष्ठ अधिकारी श्री ए.बी. लाल ने उनकी इस कृति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राज बख़्शी ‘गुमराह‘ की शायरी /कविताओं में प्यार मोहब्बत की भावनाओं की सहज अभिव्यक्ति हुई है। मोहब्बत की भावनाओं व आह्वानों के विभिन्न रूपों को अपनी कविताओं के माध्यम से व्यक्त करने में वह पूरी तरह सक्षम दिखाई देते हैं।
‘एहसास-ए- मुहब्बत‘ डॉ. राज बक्शी के छह दशकों की कविताओं का नायाब संग्रह है जिसमें उन्होंने कविताओं, गजलों, उर्दू दोहों, गीतों और व्यंग्य के माध्यम से भावनाओं के विभिन्न रूपों को उकेरा है। इन कविताओं में व्यक्ति को खुशी, हंसी, हास्य व्यंग्य, उदासी, घृणा, भय, आश्चर्य और क्रोध का सायास अनुभव होता है 155 पृष्ठों में कवि की भावनाओं और आह्वानों के विभिन्न रूपों से युक्त सभी प्रकार की भावनाएं हैं जिन्हें वह अपनी कुछ कविताओं के माध्यम से व्यक्त करते हैं। पुस्तक का विशेष पक्ष यह है कि यह रचनाकार की लेखनी की वास्तविक क्षमता को हिंदी, उर्दू, पंजाबी, भोजपुरी और अंग्रेजी भाषाओं में सहजता के साथ चित्रित करने के साथ ही मानवीय भावनाओं को मुखरित करती है।
उल्लेखनीय बात यह है कि डॉ. बख्शी को किशोर उम्र में पंद्रह वर्ष की आयु में अंग्रेजी में कविताएं लिखने की प्रेरणा मिली, उन्होंने जब एक बार देहरादून के परेड ग्राउंड में पंडित जवाहर लाल नेहरू का भाषण सुना था। उस दौरान उनकी कविताओं की बहुत सराहना हुई। इस प्रोत्साहन से प्रेरित होकर डॉ. बख्शी ने अपनी काव्य यात्रा सतत आज भी 80 साल की उम्र तक जारी रखी है। वह ओएनजीसी में इंजीनियर अधिकारी के तौर पर अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे चुके हैं।
इस अवसर पर सभागार में शादाब अली, डॉ. वी के डोभाल, शैलेन्द्र नौटियाल, रजनीश त्रिवेदी, विवेक तिवारी,कल्याण बुटोला, सुंदर एस बिष्ट, अवतार सिंह सहित अनेक पाठक, लेखक, साहित्यकार व अन्य प्रबुद्ध लोग उपस्थित रहे।

 

ज्योतिर्मठ-मलारी हाईवे तीसरे दिन खुला, आईटीबीपी व सेना के वाहनों की आवाजाही हुई शुरु

चमोली, उत्तराखंड़ में भारत-चीन सीमा (तिब्बत) को जोड़ने वाला ज्योतिर्मठ-मलारी हाईवे आज तीसरे दिन खुल पाया। हाईवे के खुलने के बाद सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ ही सीमा पर तैनात आईटीबीपी व सेना के वाहनों की आवाजाही भी शुरु हो गई है। मलारी हाईवे पर शुक्रवार सुबह लाता के पास मलबा आने से यातायात बंद हो गया था। इससे सीमांत क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। सीमा क्षेत्र में तैनात सेना और आईटीबीपी के वाहनों का अवागमन भी ठप हो गया।
वहीं शुक्रवार पूरे दिन हाईवे खोलने का प्रयास किया गया, लेकिन पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा आने से हाईवे को खेला नहीं जा सका। वहीं शनिवार को भी बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने जेसीबी से मलबा हटाने का प्रयास किया, लेकिन पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है। वहीं, आज तीसरे दिन दोपकर करीब तीन बजे हाईवे खुल गया है। स्थानीय निवासी लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि पहाड़ी से बार-बार मलबा आने से उसे खोलने में दिक्कत आ रही थी। आवागमन बंद होने से लोग परेशान थे।

 

कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर फूंका पुतला

देहरादून, भाजपा सरकार मे राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा एश्ले हॉल चौक पर भाजपा सरकार का पुतला भी फूंका।
गोगी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। खुद भाजपा के ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं। एक के बाद एक प्रकरण सामने आते जा रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध तो रुक ही नहीं रहे थे अब भाजपा के वरिष्ठ सदस्यों के अपराधों की कलई भी खुलती जा रही है। मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में जांच की अनुमति धामी सरकार से खुद विजिलेंस न्यायालय ने मांगी है। यह भाजपा सरकार और राज्य के लिए शर्मिंदगी की स्थिति है।
गोगी ने कहा कि अभी इसी मामले में सरकार घिरी थी फिर रानीखेत विधायक का भाई अवैध हथियारों के साथ भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी के द्वारा पकड़ा गया है। कुछ ही दिन पूर्व अल्मोड़ा और काशीपुर क्षेत्र में भाजपा के दो वरिष्ठ सदस्य बलात्कार के मामले में लिप्त पाए गए हैं। भाजपा के चाल चरित्र के नारे की पोल पूरी तरह खुल गई है और अब इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच तब तक आंदोलनरत रहेगी जब तक दोषियों पर समुचित कार्रवाई नहीं की जाती।
इस दौरानप्रमुख रूप प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, प्रदेश महासचिव श्रीमती गोदावरी थापली, आलोक मेहता, मनीष गर्ग, अभिषेक तिवारी, वीरेंद्र पवार, सूरज छेत्री, शहजाद अंसारी.इस्लाम अंसारी,.हेमंत उप्रेती, मनीष, नदीम अंसारी, विजरेंद्र सिंह,संदीप जैन, अर्जुन पासी, हर्ष राणा, वाहिल, मोहित, रजत सिद्धू, मोनू सनी, सुमित, संजय शर्मा, पिंटू मोर्या, अमित, गौरव, मोहित, रॉबिन त्यागी ,एमएम खोली,जगदीश धीमान, मनीष गर्ग, शुभम सैनी, इज़हार प्रसिन,ओम भंडारी,सागर,अंसुल थापा, राज कुमार, राजेश पुंडीर, साजिद , जमाल, आदर्श सूद, गगन, निहाल सिंह से आदि उपस्थित रहे |

 

उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन करेगा पंचायती राज मंत्री के आवास कूच

देहरादून, उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने पंचायत राज मंत्री सतपाल महाराज द्वारा उनकी मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा तय भूमिका नहीं निभाए जाने पर सोमवार 9 सितंबर को उनके सरकारी आवास कूच करेगी।
संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा संगठन के एक सूत्रीय मांग दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर पंचायत राज मंत्री को मुख्य भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी थी। एक माह बीत जाने के बाद भी पंचायत राज मंत्री द्वारा कोई भूमिका नहीं निभाई गई। मांग का समर्थन करने वाले पंचायती राज मंत्री अब मांग के विरोध में बोलने लगे है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जिम्मेदारी देने के बाद भी संगठन के विशेष अनुरोध करने के बाद भी पंचायती राज मंत्री ने मांग के परीक्षण के लिए एक बैठक तक नहीं बुलाई। उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को परेड ग्राउंड में प्रात:11 बजे जमा होकर त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्य सुभाष रोड स्थित मंत्री के सरकारी आवास को कूच करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से भी 11 सितंबर तक परीक्षण रिपोर्ट संगठन के सम्मुख प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है।
अगर सरकार का यही रुख रहा तो मुख्यमंत्री आवास कूच भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान संगठन 2 साल से तथा त्रिस्तरीय पंचायत संगठन 1 वर्ष से सरकार से अनुरोध कर रहा है, अब अनुरोध की सीमा समाप्त हो गई है। अब सड़कों पर रण होगा।उसकी शुरुआत आज से हो गई है। उन्होंने समस्त सदस्यों को नियत समय पर उपस्थित होने का अनुरोध किया है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति पर मुफ्त इलाज और एक लाख रुपये देने की तैयारी

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देहरादून, प्रदेश की 40 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए राहत की खबर है। उन्हें मुफ्त इलाज की सुविधा और सेवानिवृत्ति पर एक लाख रुपये देने की तैयारी है। विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के मुताबिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति पर अभी 30 हजार रुपये दिए जाते हैं, जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपये करने पर विचार किया जा रहा है। प्रदेश में 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और इतनी सहायिकाएं हैं, जो पिछले काफी समय से पेंशन और अन्य सुविधाएं देने की मांग कर रही हैं।

विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, विगत दिनों महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को ईएसआई के तहत लाने की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश दिए गए कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक कर संबंधित विभाग बाल विकास एवं महिला कल्याण से संबंधित योजनाओं की रूपरेखा तैयार करें।
सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, इन्हें ईएसआई के तहत लाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुछ अंशदान देना होगा। वहीं, संबंधित विभाग की ओर से भी इसके लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी। उनके श्रम सचिव रहते इस मसले पर एक बैठक हो चुकी है। ईएसआई के अंतर्गत आने से इन्हें ईएसआई के अस्पतालों, उससे संबद्ध या अन्य अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी। हालांकि, विभाग का यह भी कहना है कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अटल आयुष्मान योजना का भी लाभ दिया जा रहा है।

“प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कई काम लिए जाते हैं। इन दिनों उन्हें मतदाता सूची के सत्यापन के काम में लगाया गया है। यदि उनके न्यूनतम अंशदान से उन्हें सुविधाएं दी जाती हैं, तो इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैयार हैं।
-सुशीला खत्री, प्रांतीय अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ”

 

“आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए कुछ प्रीमियम सरकार देगी और न्यूनतम प्रीमियम उनसे लिया जाएगा। इसके लिए बैठक कर पहले उनकी सहमति ली जाएगी।
-रेखा आर्या, मंत्री महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग”

 

भिक्षावृति मुक्त दून को लेकर बैठक : शहर में कोई बच्चा भिक्षावृति करता न दिखे : जिलाधिकारी

बाल मजदूरी और भिक्षावृत्ति जैसी कुचक्र में फंसे बच्चों का खेवनहार बनेगा दून  प्रशासन | Udaipur Kiran
देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में देर सांय भिक्षावृति मुक्त देहरादून के संबंध में बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि देहरादून शहर में कोई बच्चा भिक्षावृति करता न दिखे इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएं। भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी करते बच्चों को रेस्क्‍्यू कर मुख्य धारा, शिक्षा के सार्वागीण विकास से जोड़े। वाहन के माध्यम से निरंतर पेट्रोलिंग करते हुए भिक्षावृति करते बच्चों को रेस्कयू करें।
जिलाधिकारी ने भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने हेतु प्रतिदिन अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित कि भिक्षावृति करते तथा सड़क पर घुमतु बच्चों को रेस्क्यू करने हेतु वाहन का प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। यह वाहन शहर में घूमकर बच्चों को रेस्क्‍्यू कर सीडब्ल्यूसी में लाएंगे। जल्द ही जनपद में दो पैट्रोलिंग वाहन का शुभारंभा किया जाएगा।जिलाधिकारी ने भिक्षावृति पर रोक हेतु मोबाइल यूनिट बढ़ाने के निर्देश जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि इन्टेंशिप केयर सेंटर का प्रस्ताव बनाए, उक्त सेंटर में बच्चों के लिए इस प्रकार से शैक्षिण वातावरण तैयार करेंगे जिससे बच्चे उक्त परिवेश के प्रति आकर्षित हो सकें जिससे बच्चों का खिचाव स्कूल एवं अन्य क्रियाक्लाप के प्रति हो। इस दिशा में प्रभावी कार्य करने हेतु उपस्थित सीडब्लूसी के पदाधिकारी, आसरा ट्रस्ट, सपर्मण सोसायटी, सहित अन्य संगठन के पदाधिकारी एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रम विभाग, बाल विकास विभाग, समाज कल्याण, पुलिस आदि सम्बन्धित विभाग द्वारा सहमति जाहिर करते हुए सराहनीय पहल बताया गया।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, अपर मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम बीर सिंह बुदियाल, डा राजीव दीक्षित, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास जितेन्द्र कुमार, रश्मि कुलश्रेष्ठ अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, आसरा से अमित बलोदी, समर्पण सोसायटी से मानसी मिश्रा, समाज सेवी किशोर,कविता पांडे, वीईसीडी माया नेगी सीडब्ल्यूसी से पूजा शर्मा सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

हिमालय के हालात यदि खराब हुये तो इसके सबसे अधिक दुष्परिणाम मानव को भुगतने पड़ेंगे : डा. अनिल जोशी

पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी बोले भारतीय संस्कृति पृथ्वी संरक्षण का  मूल आधार - Environmentalist Dr Anil Prakash Joshi said that Indian culture  is the basic foundation of earth ...

 

 

देहरादून, रविवार को सीएमआई अस्पताल सभागार में हिमालय एवं स्वास्थ्य पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पदमभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी ने शिरकत की । इस मौके पर पदमभूषण डा० अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हिमालय के हालात यदि खराब हुये तो इसके सबसे अधिक दुष्परिणाम मानव को भुगतने पड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे बेहतर यह होगा कि प्रत्येक व्यक्ति को समय रहते हुये हिमालय के प्रति गंभीरता दिखाकर इसके संरक्षण एवं सवर्धन की दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पदमभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि मानव जीवन प्रकृति से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि समय-समय घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से हमें सीख लेनी चाहिये। डा. जोशी ने कहा कि प्रबंधन का अभाव होने के चलते हमें प्राकृतिक आपदाओं के दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता है। कहा कि यदि समय रहते हुये मानव प्रकृति के प्रति गंभीर न हुआ तो हर वर्ष नई आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। कार्यक्रम में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं सीएमआई अस्पताल के निदेशक पदमश्री डा. आर के जैन ने कहा कि हिमालय नदियों का स्त्रोत है। कहा कि हिमालय के संरक्षण एवं संवर्द्वन की दिशा में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। सीएमआई अस्पताल के प्रबंध निदेशक वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. महेश कुड़ियाल ने कहा कि हिमालय भारत की सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक संरचना है। कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह प्रकृति के संरक्षण की दिशा में निस्वार्थ भाव से कार्य करें। गोष्ठी के दौरान पदमभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी ने अस्पताल के स्टाफ को हिमालय प्रतिज्ञा भी दिलाई। इस अवसर पर डा. संजय प्रकाश सक्सेना, डा. प्रवीण जिंदल, डा. सुमिता प्रभाकर, डा. अंशिका जैन, डा. रोहित अरोड़ा, डा. अपूर्व जैन, डॉ. संजीव कुमार, पीआरओ नवीन परमार मौजूद रहे। गोष्ठी का संचालन अस्पताल के प्रबंधक बीसी डिमरी ने किया।

दून मेडिकल कॉलेज की कैंटीन का आकस्मिक निरीक्षण मानकों के अनुरूप सफाई न पाए जाने पर नोटिस दिया गया

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देहरादून। आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डा. आर.राजेश कुमार के निर्देशों पर उपायुक्त गढवाल मण्डल आर.एस.रावत के नेतृत्व में दून मेडिकल कालेज के मेस/कैन्टीन का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण टीम ने कीचन में साफ-सफाई, पेस्ट कंट्रोल के साथ ही खाद्य पदार्थों की जांच की। निरीक्षण में सफाई व्यवस्था समुचित न पाए जाने पर कैंटीन संचालक को नोटिस जारी किया गया। किचन में पाए गए एक्सपायरी खाद्य पदार्थ को नष्ट कर दिया गया। मौके पर पेस्ट कंट्रोल से संबंधित भी कमी पाई गई। कैंटीन संचालक को कार्यरत कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। किचन में रखे गये खाद्य पदार्थ-खुला पनीर एवं खुला धनिया पावडर के नमूने संदेह के आधार पर जॉच हेतु लिये गये, जिन्हें जॉच हेतु प्रयोगशाला भेजा गया है। मौके से प्राप्त कुछ धनिया पावडर, मिर्च पावडर, सौफ पैकेट एवं अन्य खाद्य पदार्थो को कालातीत/बिना लेबल होने के कारण नष्ट किया गया। मेस संचालक को उपरोक्त व्यवस्था को सुधारने हेतु मौके पर नोटिस दिया गया। उक्त कार्यवाही में अधिकारी मनीष सिंह सयाना एवं वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी नगर निगम श्री रमेश सिंह मौजूद रहे।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ अब श्रीनगर में देंगे स्वास्थ सेवाएं

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श्रीनगर: हृदय की उन्नत देखभाल हेतु प्रसिद्ध नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने श्रीनगर में एक नए हृदय परामर्श ओपीडी सेवाओं की घोषणा की है। अब श्रीनगर के करन चौक स्थित कश्मीर क्लीनिक में 7 सितंबर, 2024 से कार्डियक सर्जरी में सीनियर कंसलटेंट डॉ. सौरभ जायसवाल, परामर्श हेतु उपलब्ध रहेंगे। कश्मीर क्लिनिक सेंट्रल के साथ-साथ कश्मीर क्लिनिक साउथ, अनंतनाग में परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे। ओपीडी हर पहले शनिवार को अनंतनाग में और रविवार को श्रीनगर में दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक आयोजित की जाएगी।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर, उत्तरी भारत में एक अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है, जो कार्डियक साइंसेज, ऑन्कोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और रीनल साइंसेज सहित 30 से अधिक विशेषताओं में अपनी व्यापक देखभाल के लिए जाना जाता है। नारायणा हॉस्पिटल ने विभिन्न विशेषताओं में 1.7 मिलियन से अधिक रोगियों का इलाज करने और 11,000 से अधिक कार्डियक सर्जरी और 34,000 एंजियोप्लास्टी करने के एक विशिष्ट ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, खुद को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक विश्वसनीय नाम के रूप में स्थापित किया है।

अत्यधिक अनुभवी हृदय विशेषज्ञों की टीम और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, हॉस्पिटल ने हृदय संबंधित बीमारियों के लिए वयस्कों के साथ छोटे बच्चों में भी होने वाली इन समस्याओं का इलाज किया है।

नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ जायसवाल वयस्कों की हृदय संबंधी सर्जरी में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं, जिसमें बाईपास सर्जरी, वाल्व ट्रांसप्लांटेशन और अन्य जटिल हृदय संबंधी हस्तक्षेप शामिल हैं। श्रीनगर में उनकी उपस्थिति स्थानीय स्तर के लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली हृदय संबंधी देखभाल को और अधिक सुलभ बनाने के लिए नारायणा हॉस्पिटल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हृदय संबंधित बढ़ती वैश्विक घटनाओं पर जोर देते हुए डॉ. जायसवाल ने खराब आहार, धूम्रपान, शराब का सेवन और तनाव जैसे जीवनशैली कारकों को इसका प्रमुख कारण बताया। उन्होंने हृदय संबंधी लक्षणों के बारे में नियमित परामर्श, जीवनशैली में सुधार और सतर्कता के महत्व पर जोर दिया।

नारायणा अस्पताल, जयपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर, श्री बलविंदर सिंह वालिया ने कहा कि अस्पताल का लक्ष्य स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि लोगों को अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना चाहिए, नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, पौष्टिक आहार लेना चाहिए और एक व्यवस्थित जीवनशैली अपनानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्हें संभावित रूप से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्या का समय पर निदान सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर निवारक स्वास्थ्य जांच करवाने पर ध्यान देना चाहिए।

धामी सरकार खोल रही नौकरी का पिटारा, 4400 पदों पर इसी माह से भर्ती

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-16 हजार से ज्यादा युवाओं को धामी सरकार में अब तक मिल चुकी रिकॉर्ड नौकरी

-आयोग 11 विभागों में रिक्त पदों के लिए 15 सितंबर से शुरू करेगा भर्ती प्रकिया

-पुलिस, वन आरक्षी समेत इंटर और स्नातक स्तरीय पदों पर मिलेगी नौकरी

-आवेदन से लेकर परीक्षा और परिणाम जारी करने के शेड्यूल बनाने में जुटा है आयोग

देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। सरकार 11 विभागों में रिक्त समूह ग के 4405 पदों पर इसी माह भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने 15 सितंबर से आवेदन से लेकर परीक्षा और परिणाम का शेड्यूल जारी करने का निर्णय लिया है। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार अब तक 16 हजार से ज्यादा नौकरी देने का भी रिकॉर्ड बना चुकी है।

राज्य में बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने में पुष्कर सिंह धामी सरकार सबसे धाकड़ साबित हो रही है। सरकार ने महज तीन साल के भीतर 16 हजार युवाओं को विभिन्न विभागों में नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़ा राज्य बनने के 23 साल में किसी सरकार में युवाओं को सबसे ज्यादा नौकरी मिलने में बड़ा है। नौकरी में पारदर्शिता रहे, इसके लिए खुद मुख्यमंत्री ने युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। अभी भी सरकार यूकेएसएसएससी, यूकेपीएससी, चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड आदि के मार्फत नौकरी दिलाने की प्रक्रिया में जुटी है। इसमें पुलिस दरोगा समेत शिक्षकों के सैकड़ों पदों पर वर्तमान में भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। इसी क्रम में धामी सरकार ने राज्य के करीब 11 विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती करने का सिलसिला जारी रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूकेएसएसएससी के द्वारा स्वीकृत अधियाचन वाले पदों पर पारदर्शिता और समय सीमा के भीतर भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि 11 विभागों से करीब 4405 रिक्त पदों पर भर्ती के अधियाचन स्वीकृत हुए हैं। आयोग ने इन रिक्त पदों के सापेक्ष भर्ती की तैयारी पूरी कर ली है। इस माह के 15 सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगा। साथ ही परीक्षा तिथि से लेकर परिणाम का शेड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा। आयोग के अध्यक्ष मर्तोलिया ने कहा कि आयोग द्वारा संपादित की जा चुकी भर्ती तय शेड्यूल से रिकॉर्ड समय में संपन्न हुई हैं। आयोग का प्रयास रहता कि परीक्षा से लेकर परिणाम समय पर जारी हो। आगे भी पारदर्शिता और समय सीमा पर रिक्त पदों की भर्ती कराई जाएगी।

 

युवाओं को इन पदों पर मिलेगी नौकरी

आयोग के अनुसार 15 सितंबर से पुलिस आरक्षी के 2000, वन आरक्षी के 700, इंटर स्तरीय सींचपाल, कनिष्ठ सहायक, राजस्व सहायक, मेट, कार्य पर्यवेक्षक के 1200, वैयक्तिक सहायक के 280, वैज्ञानिक सहायक के 50, स्नातक स्तरीय 50, सहायक विकास अधिकारी के 40, वाहन चालक 25, लाइब्रेरियन के 10, प्राईमरी शिक्षक एसटी के 15, आईटीआई विभिन्न ट्रेड के 35 पदों पर भर्ती होनी है।

 

“राज्य गठन के 23 सालों के भीतर युवाओं को समय पर रिकॉर्ड नौकरी मिली हैं। करीब 16 हजार युवाओं को अब तक नौकरी मिल चुकी हैं। खुद मेरे द्वारा युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। हमारी सरकार द्वारा राज्य में देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून बनाने के बाद प्रतिभावान युवाओं को चार-चार नौकरी मिल रहीं हैं। पहले नकल माफियाओं द्वारा नौकरी का सौदा कर दिए जाने से एक ही परिवार के सदस्यों को चार-चार नौकरी मिलती थी। हमने संकल्प लिया कि उत्तराखंड के हितों और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ”

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड।

गढरत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने ‘मीठी’ फ़िल्म को बताया उत्तराखंडी सिनेमा का मौलिक कार्य

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*गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने उत्तराखंडी फिल्म ‘मीठी’ को बताया उत्तराखंड के खान-पान को समर्पित एक अभूतपूर्व मौलिक योगदान*

देहरादून। उत्तराखंडी लोक संगीत के दिग्गज गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने ‘मीठी-मां कु आशीर्वाद’ फ़िल्म को उत्तराखंडी सिनेमा में एक अभूतपूर्व और मौलिक योगदान बताया है। रविवार को देहरादून के सेंट्रियो मॉल में अपने परिवार के साथ फिल्म की स्क्रीनिंग में शामिल होने के बाद, श्री नेगी ने उत्तराखंड की पाक विरासत पर फिल्म के साहसिक फोकस की प्रशंसा की।

श्री नेगी ने कहा, “निर्माता वैभव गोयल ने पहाड़ी व्यंजनों के इर्द-गिर्द कहानी को केंद्रित करके वास्तव में कुछ अनूठा हासिल किया है,” उन्होंने कहा कि यह फिल्म क्षेत्रीय सिनेमा में अक्सर देखी जाने वाली बॉलीवुड-प्रभावित कथाओं से अलग है। “उत्तराखंड की समृद्ध खाद्य संस्कृति को इतने प्रामाणिक तरीके से पर्दे पर फ़िल्मांकन करने वाली फिल्म देखना ताज़गी भरा है। उत्तराखंडी सिनेमा के लिए मीठी फ़िल्म एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”

श्री नेगी ने निर्माता वैभव गोयल और निर्देशक कांता प्रसाद के अभिनव दृष्टिकोण के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उनका मानना है कि ‘मीठी – माँ कु आशीर्वाद’ उत्तराखंड की पाक परंपराओं को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी। इस विशेष स्क्रीनिंग के लिए उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती उषा नेगी और उनके बेटे कविलाश नेगी का परिवार भी मौजूद था।

हाल के हफ्तों में, एक फिल्म ने उत्तराखंड भर के सिनेमा प्रेमियों का ध्यान और प्रशंसा आकर्षित की है। मीठी – माँ कू आशीर्वाद फिल्म ने न केवल क्षेत्रीय फिल्म उद्योग को पुनर्जीवित किया है, बल्कि आलोचकों और दर्शकों के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है। ‘मीठी’ में दिखाए गए संस्कृति, संगीत और कहानी कहने के अनूठे मिश्रण ने जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त की है, जिसने उत्तराखंड के सिनेमाई परिदृश्य में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली है।

देहरादून सहित पांच शहरों में 30 अगस्त को रिलीज़ हुई ‘मीठी – माँ कू आशीर्वाद’ को सिनेमा प्रेमियों ने खूब पसंद किया है, सिनेमाघरों में खचाखच भरी स्क्रीनिंग देखी गई। उत्तराखंड की समृद्ध खाद्य विरासत का चित्रण, क्षेत्रीय कहानी कहने के समकालीन दृष्टिकोण के साथ, दर्शकों को खूब पसंद आया है। आलोचक और दर्शक दोनों ही पारंपरिक विषयों, उच्च गुणवत्ता वाले फ़िल्मांकन और बेहतरीन प्रदर्शन के लिए फिल्म की प्रशंसा कर रहे हैं।

फिल्म समीक्षकों ने मनोरंजन और सांस्कृतिक गहराई के संतुलित मिश्रण के लिए ‘मीठी’ की सराहना की है। एक प्रसिद्ध क्षेत्रीय फिल्म समीक्षक ने कहा, “फिल्म ने उत्तराखंड के खाद्य संस्कृति के अपने सुंदर चित्रण के माध्यम से उत्तराखंड के सार का जश्न मनाकर दर्शकों के दिलों को छू लिया है। यह एक दुर्लभ रत्न है जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें उनकी जड़ों के बारे में शिक्षित करने में भी कामयाब होता है।”

फिल्म के निर्माता वैभव गोयल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “30 अगस्त को रिलीज होने के बाद से, ‘मीठी- मां कू आशीर्वाद’ पांच शहरों में रोजाना दिखाई गई और दर्शकों का उत्साह अभूतपूर्व रहा। बॉक्स ऑफिस पर उत्साहजनक संख्या दर्शकों के फिल्म के प्रति प्यार और जुड़ाव को दर्शाती है।”

फिल्म में स्थानीय प्रतिभाएँ हैं, जिसमें अभिनेता गढ़वाली भाषा में संवाद बोलते हैं, इसकी प्रामाणिकता को और बढ़ाते हैं। श्रीनगर और पौड़ी जैसे क्षेत्रों में बोली जाने वाली गढ़वाली को फ़िल्म में तरजीह दी गई है, जिससे स्थानीय ज़ायक़ा दर्शकों को बिल्कुल नया ज़ायक़ा मिला है जिससे फ़िल्म के साथ मजबूती से जुड़ाव हो पाया है।

‘मीठी-माँ कू आशीर्वाद’ का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों, खास तौर पर मोटे अनाजों के इस्तेमाल की खोज है। निर्देशक कांता प्रसाद ने फिल्म की सफलता पर बात करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य अपनी संस्कृति से जुड़ी कहानियों में रुचि जगाना था और जब लोगों की प्रतिक्रिया मिली जो एक अविश्वसनीय अनुभव रहा। यह उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा को आगे बढ़ाने और सिल्वर स्क्रीन पर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपनी विरासत से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

कांता प्रसाद ने फिल्म निर्माताओं के लिए सांस्कृतिक विषयों के साथ-साथ समकालीन विषयों को तलाशने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। “आज उत्तराखंड के लोगों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके फ़िल्में को रुचिकर बनाया जा सकता है जिससे दर्शकों क्षेत्रीय फ़िल्मों की ओर आकर्षित हो सकेगें ”

अपनी सांस्कृतिक समृद्धि, दमदार अभिनय और प्रामाणिक कहानी कहने के साथ, ‘मीठी-माँ कू आशीर्वाद’ न सिर्फ़ व्यावसायिक रूप से सफल है, बल्कि इसे क्षेत्रीय सिनेमा के भविष्य के लिए एक संभावित मोड़ के रूप में भी देखा जा रहा है। आलोचक इसे वह चिंगारी कह रहे हैं जो उत्तराखंडियों की सिनेमाघरों में जाने की प्रवृत्ति को फिर से जगा सकती है।

 

फिल्म की सफलता सार्थक क्षेत्रीय सिनेमा के प्रति बढ़ती रुचि का प्रमाण है, जो यह साबित करती है कि स्थानीय संस्कृति में निहित कहानियां सार्वभौमिक अपील पा सकती हैं और दर्शकों के दिलों को छू सकती हैं।

 

आईएसबीटी परिसर ऋषिकेश में बस परिचालक का मिला शव, इलाके में मचा हड़कंप

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ऋषिकेश, आईएसबीटी ॠषिकेश परिसर में एक बस परिचालक का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला है। मृतक के सिर पर घाव हैं। पुलिस मामले में हत्या की आशंका जता रही है। शव मिलने की खबर की हड़कंप मच गया। वहीं, घटनास्थल पर भारी भीड़ भी जुट गई।
जानकारी के अनुसार, मृतक परिचालक भरत सिंह भंडारी उर्फ गारू पुत्र दीप सिंह भंडारी ,ग्राम भेनटला, टिहरी गढ़वाल का रहने वाला था। मृतक परिचालक बस मालिक का पार्टनर भी था। कोतवाल आरएस खोलिया का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है।

उत्तराखण्डी सिनेमा दिशा, दशा एवं भविष्य तथा समस्या और समाधान’ विषय पर आयोजित

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‘उत्तराखण्डी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति 2024 लागू की गई

देहरादून । आर्थिक आमदनी के बिना उत्तराखण्डी सिनेमा उद्योग का विकास संभव नहीं है । प्रादेशिक फिल्मों में जब तक रीजनल कंटेंट, एडवांस टैक्नोलाॅजी एवं प्रोफेशनल्जिम नहीं आएगा तब तक उन फिल्मों को देखने दर्शक हाॅल में नहीं उमड़ेंगे । इस अवसर पर ग्राफिक एरा के छात्रों द्धारा उत्तराखंडी फिल्म उद्योग पर बनाई गई एक शार्ट फिल्म दिखाई गई जिसकी खूब सराहना हुई तथा फिल्म निर्माण करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया गया।
उक्त विचार आज यहाॅ ‘उत्तराखण्डी सिनेमा दिशा, दशा एवं भविष्य तथा समस्या और समाधान’ विषय पर आयोजित सेमिनार में सामुहिक रूप से उभर कर आए । यह कार्यक्रम आज यहाॅ दून पुस्तकालय प्रेक्षागृह में ‘’द्वारा आयोजित किया गया था । सेमिनार में जुटे प्रदेश के वरिष्ठ फिल्म निर्माता, निर्देशक, तकनीशियन, वरिष्ठ कलाकारों एवं समीक्षकों द्वारा बहुत तथ्यात्मक ढ़ंग से 42 साल के उत्तराखण्डी सिनेमा के अविकसित व्यवसायिक पक्ष पर विस्तार पूर्वक अपने तर्क रखे गए ।
इस अवसर पर सेमिनार के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी एवं संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति 2024 लागू की गई है, जिसकी देशभर के फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनेक फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड में कर रहे है, जबकि उत्तराखण्ड की भाषा बोली के फिल्म निर्माण में बहुत तेजी आयी है। उत्तराखंड की गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा की फिल्मों को 50 प्रतिशत अनुदान, जो अधिकतम 2 करोड़ रुपए की धनराशि दी जा रही है। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय फ़िल्म निर्माता फिल्में बना रहे है। उन्होंने कहा कि फ़िल्म विकास परिषद द्वारा फ़िल्म रिसोर्स डायरेक्टरी तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति को उद्योग के नजरिये से लागू किया गया है, ताकि राज्य में फ़िल्म उद्योग का वातावरण बन सके।

इससे पूर्व प्रदेश में अच्छी फिल्मनीति लागू करने पर सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मुख्य अतिथि श्री उपाध्याय का शाल ओढ़कर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया । इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक प्रदीप भण्डारी द्वारा फिल्म इंडस्ट्री की ओर से  उपाध्याय को तीन सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा गया । जिसमें फिल्म अवार्ड शीघ्र प्रदान करने, फिल्म सिटी योजना को क्रियावन्वित करने तथा फिल्म कलाकार कल्याण कोष भी फिल्म नीति में जोड़ने की मांग की गई ।
सेमिनार में सभी वक्ताओं की एक राय साफ उभर कर आयी कि फिल्म निर्माताओं के योगदान एवं सरकार के सकारात्मक रूख से आज प्रदेश में आंचलिक फिल्म निर्माण का बेहतरीन वातावरण तैयार हुआ है । पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड की संस्कृति और भाषा बोली को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने की दिशा में यह एक सुखद पहलू है। मगर बड़ी संख्या में आंचलिक फिल्मों के बनने के बावजूद उत्तराखण्डी सिनेमा की सेहत अन्य राज्यों के सिनेमा उद्योग की तुलना में व्यावसायिक रूप से दशा अच्छी नहीं है । क्योंकि शूरू की 2-4 फिल्मों को छोड़कर बाद का प्रादेशिक सिनेमा बाक्स आॅफिस पर कभी कमाल नहीं दिखा पाया। टिकट खिड़की पर लोगों की कतारें न दिखायी दी जिसका यही कारण रहा कि फिल्में दर्शकों को रिझा नहीं पायी। दर्शक धीरे धीरे सिनेमा से दूर होते चले गए । दर्शकों का फिल्मों से मोह भंग का कारण फिल्मों में मूल विषय सामग्री, उन्नत तकनीकि, उत्कृष्ट निर्देशन, प्रतिभाशाली कलाकार और व्यवसायिकता का बड़ा अभाव होना प्रमुख कारण रहा है । 90 के दशक में जहाॅ फिल्मों के छः सौ से अधिक दर्शक क्षमता वाले सिनेमा हाॅल में 4 शो हाउसफुल चलते थे, वहीं आज 100 से 200 तक के दर्शक क्षमता वाले मल्टीप्लेक्स हाल में मात्र एक शो चलता है और उस शो को भरने के लिए भी निर्माता निर्देशकांे को भारी पापड़ बेलने पड़ते हैं ।May be an image of 8 people, people smiling, dais and text
सेमिनार में फिल्म निर्देशक प्रदीप भण्डारी, सुदर्शन शाह, गोपाल थापा, विजय भारती, ऋषि परमार, वैभव गोयल, कान्ता प्रसाद, बेचेन कण्डियाल, जय कृष्ण नौटियाल, देबू रावत, गोविंद नेगी, विनय चानना, डाo वीरेंद्र बर्तवाल, दीपक नौटियाल, गंभीर जयाडा, बद्रीश छाबड़ा, रवि मंमगाई, मोहित घिल्डियाल, मेघा खुगसाल, सुरेश भट्ट, अनामिका राज, मनशा कुकरेती, मुकेश शर्मा, आशीष पंत समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

केदारनाथ यात्रा के बेहतर संचालन के साथ ही जनपद की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना रहेगीं प्राथमिकता- पुलिस अधीक्षक

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रुद्रप्रयाग(देवेंद्र चमोली)- रुद्रप्रयाग जनपद में नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे (आईपीएस) ने पदभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने पुलिस कार्यालय का व्यापक निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की और अपनी प्राथमिकताएं बताई। नव नियुक्त एसपी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा के बेहतर संचालन के साथ ही जनपद की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में वर्ष 2018 बैच के आईपीएस अफसर अक्षय प्रहलाद कोंडे ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि बाबा केदार की भूमि में कार्य करने का अवसर मिला है। स्वयं उनकी इच्छा थी कि वे रुद्रप्रयाग जनपद में आकर केदारनाथ धाम यात्रा में अपना योगदान दे सके। उन्होने कहा कि केदारनाथ यात्रा से संबंधित जो व्यवस्थाएं हैं वह उत्तराखंड की छवि को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं उन्हें बेहतर सुविधा देने के लिए पुलिस और भी बेहतर कार्य करेगी। यातायात सहित केदारनाथ धाम, यात्रा पड़ाव और पैदल मार्ग पर यात्रियों को पूरा सहयोग दिया जाएगा। एसपी ने कहा कि मुख्यमंत्री व पुलिस के उच्चाधिकारियों के स्तर से जो महिला सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड में बहुत बड़ी चिन्ता जताई गई है इसको देखते हुए जनपद में महिला सुरक्षा तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा करना भी उनकी प्राथमिकता में होगा। कहा इन सभी कार्यो को तभी धरातल पर उतारा जा सकेगा जब अधीनस्थ कार्मिकों का मनोबल ऊंचा हो। साथ ही उनका वैलफेयर हो। विभाग में कार्यरत सभी पुलिस के जवान, कर्मचारी और अधिकारी पूरे जोश और मनोबल के साथ कार्य करें। कहा कि जनपद का अधिकांश क्षेत्र आपदा से प्रभावित है, ऐसे में पूर्ण तैयारी व सजगता से कार्य किया जाएगा। प्रयास रहेगा कि आपदा से जनहानि व अन्य प्रकार की हानि को न्यून किया जा सके।
एसपी ने कहा कि वर्तमान समय में मानसूनी सीजन के बाद सड़क एवं पैदल मार्गों की स्थिति को लेकर जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उसकी मदद से जन सुविधा दी जाएगी। लोगों की समस्याएं हल की जाएंगी। पुलिस अधीक्षक ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि वे पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून के पद पर रहने के दौरान के पुराने अनुभव यहां व्यवस्था में सुधार के लिए काम आएंगे। कुछ अतिरिक्त रिसोर्सेज जैसे कि प्राइवेट क्रेन आदि को सीमावर्ती जनपदों से संसाधन एवं सहयोग प्राप्त कर सुधार लाने के प्रयास किए जाएंगे। इस मौके पर पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल भी मौजूद थे।