Sunday, May 11, 2025
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विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाला : थापर की जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने सरकार को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के दिए आदेश

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नैनीताल/देहरादून, उत्तराखंड़ में विधान सभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता के विषय में दून निवासी कांग्रेस नेता व सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की जनहित याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है जिस पर आज माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में सुनवाई हुई । इस विषय पर विधानसभा ने एक जाँच समिति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया, किंतु यह घोटाला 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था जिस पर सरकार ने अनदेखी करी। इस विषय पर अबतक अपने करीबियों को भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है, अतः विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने हेतु व लूट मचाने वालों से “सरकारी धन की रिकवरी ” हेतु अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर करी जिसपर माननीय हाईकोर्ट ने गंभीरता निर्देश दिए और 28.02.2024 को माननीय हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए की 2021 से 2022 तक सभी विधानसभा बैकडोर भर्तियों को बिना नियमों के नियुक्त किया गया था, अतः 06.02.2003 के कार्यवाही पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें l किन्तु आज उत्तराखंड सरकार ने फिर कार्मिक सचिव को जवाब दाखिल करने के लिये समय मांगा।
याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट के समक्ष मुख्य बिंदु में सरकार के 6 फरवरी के 2003 शासनादेश जिसमें तदर्थ नियुक्ति पर रोक, सरकारी धन के दुरुपयोग की वसूली, संविधान की आर्टिकल 14, 16 व 187 का उल्लंघन जिसमें हर नागरिक को नौकरियों के समान अधिकार व नियमानुसार भर्ती का प्रावधान है, उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 व उत्तराखंड विधानसभा की 2011 नियमवलयों का उल्लंघन किया गया है ।
याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में सभी तथ्यों सहित रिपोर्ट माननीय हाईकोर्ट के कार्यवाही हेतु दाखिल कर दी गई है। हम प्रदेश के 12 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं को उनका हक दिलवाने की लड़ाई लड़ रहे है। याचिका में हमारे तथ्यों को 28 फरवरी 2024 को मान लिया गया है की राज्य निर्माण के वर्ष 2000 से 2022 तक विधानसभा में बैकडोर में भ्रष्टाचार से नियुक्तियों करी गयी है। अतः हमारी मांग है कि गलत प्रक्रिया से नौकरी देने वाले अफसरों, विधानसभा अध्यक्षों व मुख्यमंत्रियों भ्रष्टाचारियों से सरकारी धन के लूट को वसूला जाय और युवाओं की नौकरियों की लूट करवाने वाले “माननीयों” के खिलाफ सरकारी धन की रिकवरी व कानूनी कार्यवाही हो ।
सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य कर अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी है जिससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा किया है, यह सरकारों द्वारा जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है ।

जनहित याचिका के माननीय हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा युक्त पीठ ने इस याचिका के विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में हुई अनियमितता व भ्रष्टाचार विषय पर विधानसभा और याचिकाकर्ता को तथ्यों और रिकॉर्ड से भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार पर 28.02.2024 को सहमत हुए है। 6 फरवरी के 2023 शासनादेश के अनुरूप कार्यवाही हेतु निर्देश दिए थे, जिसमें “माननीयों से रिकवरी ” व अन्य प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख है किंतु कई महीनों बाद भी राज्य सरकार का कोई जवाब नहीं आया, अतः आज माननीय हाईकोर्ट ने सरकार को कड़े निर्देश दिये कि कार्मिक सचिव को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए । अगली सुनवाई 15 अक्टूबर 2024 को होगी। “

बालावाला मामचंद चौक स्थित शांति काम्प्लेक्स में शराब की दुकान का विरोध, अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन जारी

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देहरादून, रायपुर क्षेत्र के बालावाला में मामचंद चौक के निकट शांति काम्प्लेक्स में एफएल 5डीएस डिपार्टमेंट स्टोर के साथ खुलने वाली शराब की दुकान का स्थानीय लोगों ने विरोध किया, जिसको लेकर सामाजिक एकता संगठन के नेतृत्व में क्षेत्र की जनता द्वारा अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है ।
इस दौरान पत्रकारों ने धरना स्थल पर जाकर शराब की दुकान का विरोध कर रही जागरूक महिलाओं और पुरुषों से उक्त शराब की दुकान के बारे में पता किया, महिलाओं ने कहा कि जहां पर यह शराब की दुकान खोली जा रही है उसके उपर एक कॉचिंग सेंटर है जिसमें हमारे बच्चे ट्यूशन पढ़ने आते है ऐसे में लोगों ने अपनी चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि यहां पर कई तरह के असमाजिक तत्वों का आना तय है जिससे हमारे बच्चों पर गलत असर पड़ सकता है |
महिलाओं ने एक स्वर में कहा की जब तक यह शराब की दुकान का लाइसेंस रद्द नही किया जाता तब तक हमारा ये विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा की अभी ये शराब की दुकान खुली भी नही है, उससे पहले ही इन शराब माफियाओं ने हमसे धमकी भरे लहजे में बात कर आग में घी का काम किया है। जब महिलाओं द्वारा इनसे दुकान बन्द करने हेतु बातचीत की तो उनका कहना था कि यह शराब की दुकान आम शराब की दुकान नहीं है, आपकी हैसियत नहीं है की आप लोग इस दुकान से शराब खरीद सको, ये शराब की दुकान बड़े लोगों के लिए हे और 1800 रुपए से ऊपर दाम की शराब की बोतल ही यहां मिलेगी, जिसके ज़बाब में लोगों ने उनको कहा की आप इतनी महंगी शराब की दुकान यहां क्यों खोल रहे हो यहां तो गरीब लोग रहते है, आप देहरादून के राजपुर रोड जहां पर शहर के बड़े लोग रहते हैं वहां पर ही ये शराब की दुकान खोलो।
इस संबंध में संगठन का शिष्टमंडल ने हरिद्वार लोकसभा सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत से उनके आवास पर मिला और अपनी मांग उनके आगे रखी, जिसका संज्ञान सांसद रावत ने लिया और जिलाधिकारी एवं एसएसपी देहरादून से फोन पर इस संबंध के बारे में बात कर तुरंत इस दुकान का लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा जिसके पालन में जिलाधिकारी ने तुरंत तहसीलदार, जिला आबकारी अधिकारी और आबकारी इंस्पेक्टर को मौके पर भेजा।
उन्होंने लोगों को लिखित आश्वासन दिया कि हम इस लाइसेंस की स्वीकृति को रोकने के लिए अपने उच्च अधिकारियों को भेज रहे हैं । लेकिन जब तक शासन द्वारा पूर्ण रूप से उक्त शराब की दुकान का निरस्तीकरण की लिखित सूचना नहीं मिलती तब तक हमारा धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

धरना स्थल पर यह लोग रहे मौजूद :
अजयपाल सिंह रावत, खेमराज उनियाल, आनन्द प्रकाश, नवीन रावत, हेमंत कुकरेती, इंदु थपलियाल, मनीता चौहान, विजया भारती, रेनू चौहान, द्रोपदी रावत, कल्पना बिष्ट, वंदना, पूजा शर्मा, वसुंधरा बमराडा, रौशनी चौहान अरुण रावत, स्मृति बिष्ट, नीतू, पम्मी चंद्र, उषा बिष्ट, प्रभा गुसाई और स्थानीय लोग मौजूद रहे।

युवक की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर डॉ. प्रदीप भट्ट पुलिस महानिदेशक से मिले

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उत्तरकाशी, जनपद के ठाण्डी गांव के युवा की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर जिला पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डा. प्रदीप भट्ट पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार से मिले और ग्रामीण बाजारों में सार्वजनिक स्थानों, होटल व ढाबों पर शराब पीने व पिलाने वालों पर लगे रोक लगाने की मांग की |
डा. भट्ट ने गाजणा क्षेत्र के ठाण्डी गांव के स्थानीय युवक की संदिग्ध नग्न अवस्था में मिले शव को लेकर हत्या की आशंका व्यक्त की है, उन्होंने पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार से मुलाक़ात कर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की, साथ ही उन्होंने पुलिस महानिदेशक को बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शराब व नशे के सेवन से इस तरह की वारदाते हो रही हैं |
उन्होंने ग्रामीण बाजारों धौन्त्रि, कमद, चौरंगीखाल, कोडार, रातलधार, श्रीकालखाल आदि स्थानों पर सार्वजनिक स्थलों एवं होटल व ढाबों पर शराब पीने व पिलाने वालों पर अंकुश लगाए जाने का आग्रह किया, इस दौरान डा. भट्ट ने पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन भी दिया |

खेल मे खेल भावना का विकास भी सकारात्मक चिन्तन का ही हिस्सा-डॉ0 शिवकुमार चौहान

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हरिद्वार-( कुलभूषण )स्वस्थ्य रहने के लिए खेल जरूरी है, परन्तु खिलाडी बनने का गुण भी सभी व्यक्तियों मे नही होता है। केवल प्रयास करने से खिलाडी बनना संभव नही है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के दयानंद स्टेडियम परिसर के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे छात्रों के साथ परिचर्चा मे एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि सकारात्मक चिंतन खेल के कई आयामों को प्रभावित करता है। जिसके कारण मन के भाव बदलते है। खेल मे खेल भावना का विकास भी सकारात्मक चिन्तन का ही हिस्सा है। डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि शारीरिक शिक्षा केवल कुशल खिलाडी का निर्माण नही करती, अपितु खिलाडी के साथ बेहतर शारीरिक शिक्षक तैयार करती है, जो समाज को एक सन्तुलित एवं व्यवहार कुशल नागरिक प्रदान करता है। उन्होने छात्रों से परिचर्चा करते हुये अनेक प्रश्नों के समाधान सुझाए। स्वस्थ जीवन शैली के लिए सकारात्मक चिन्तन सबसे पहली आवश्यकता है। जो दैनिक जीवन की कई व्यक्तिगत एवं सामाजिक समस्याओं का समाधान प्रदान करती है। बी0पी0ई0एस0 प्रशिक्षु छात्रो ने समाज के बदलते स्वरूप एवं सामान्य समस्याओं के जटिल होने के कारणों पर प्रश्न एवं समाधान भी सुझाएं। परिचर्चा मे देवाशीष बिष्ट, अभिषेक शर्मा, उदय कुमार, निलांजन, सिविल राजपूत, ओमखत्री, आदित्य गौतम, अनुराग सिंह राणा, रजित भारद्वाज आदि ने भाग लिया।

भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा- जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह

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हरिद्वार( कुलभूषण), जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की 137वी जयंती के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय सभागार में संबोधित करते हुए कहा कि भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत के योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की अग्रणी भूमिका रही साथ ही पंत जी की कार्यशैली नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम कलेक्ट्रेट के सभागार में गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, इसके बाद देवपुरा चौक पर स्थित गोविंद बल्लभ पंत पार्क में प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। तथा ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी ने दीप प्रवज्जलित कर किया। इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉo नरेश चौधरी के मुख्य संयोजन में स्कूलों/कॉलेजों के छात्र-छात्राओं द्वारा गोविंद बल्लभ पंत की कार्यशैली पर नाटिकाओं का चित्रण, लोक नृत्य,देशभक्ति नृत्य उत्तराखंड की संस्कृति एवं लघु भारत के रूप में अन्य प्रदेशों की संस्कृति के लोक नृत्य का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर खूब वाही वाही लूटी गई। कार्यक्रम संयोजक डॉo नरेश चौधरी ने जिलाधिकारी का स्वागत एवं सम्मान करते हुए कहा कि जिलाधिकारी ने संपूर्ण कार्यक्रम की स्वयं मॉनिटरिंग करते हुए क्षण प्रतिक्षण बनवाया कि नई पीढ़ी हमेशा राजकीय एवं राष्ट्रीय पर्वों के कारण महापुरुषों की कार्यशैलियों से प्रेरणा लेकर अपनी जीवन शैली में उतारने को मजबूर होते हैं। कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी, नगर आयुक्त वरुण चौधरी, नगर मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉo राजेश सिंह के साथ विभिन्न स्कूलों/ कॉलेजों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य रूप से डीo पीo एसo स्कूल रानीपुर, सेंट मैरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एचoआईoसीo ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, पार्थ सारथी हायर सेकेंडरी स्कूल, माता वैष्णो स्कूल ज्वालापुर, होली गैंगेज स्कूल, श्रीराम विद्या मन्दिर श्यामपुर,आनंदमई सेवा सदन, बीoएमoएलo मुंज्याल स्कूल, ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने मुख्य रूप से प्रस्तुति दी। साथ ही साथ जमालपुर स्कूल एवं पार्थ सारथी स्कूल बैंड ने भी अपनी मधुर धुन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर विशेष रूप से आकर्षित किया।

मुंडकटिया भूस्खलन घटना स्थल का एसपी रुद्रप्रयाग ने किया निरीक्षण सतर्कता बरते जाने के दिये निर्देश

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रुद्रप्रयाग- बीती सांय कोतवाली सोनप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत कुछ यात्रियों के ऊपर पहाड़ी से मलबा पत्थर के नीचे दबने की घटना में मृतको की संख्या बढ़ती जा रही है।आज पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने हादसा स्थल का निरीक्षण कर राहत व बचाव कार्य का जायजा लिया व उनके द्वारा रेस्क्यू कार्य में लगी टीमों से वार्ता की गयी। उनके द्वारा घायलों के उपचार की जानकारी ली गयी तथा मृतकों के शवों को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप पंचायतनामा व पोस्टमार्टम सहित अन्य आवश्यक कार्यवाही हेतु जिला चिकित्सालय भिजवाने के निर्देश दिये गये। उनके द्वारा उपस्थित एसएचओ सोनप्रयाग को निर्देशित किया गया कि मृतकों के परिजनों की यथासम्भव आवश्यक मदद की जाये। दिनांक 31 जुलाई 2024 के पश्चात एवं समय-समय पर हो रही बारिश के चलते आवागमन हेतु खतरनाक हो चुके सड़क मार्ग एवं पैदल मार्ग पर अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए पुलिस बल को भली-भांति ब्रीफ कर ड्यूटीरत किये जाने के निर्देश दिये गये। मौसम खराब होने की सम्भावना के दृष्टिगत रखते हुए सभी यात्रा पड़ावों पर नियुक्त पुलिस बल एवं चौकी व थाना प्रभारियों के मध्य उचित सामन्जस्य बनाकर यात्रियों को भी मौसम खराब होने तथा हाल में घटित घटनाओं के दृष्टिगत आवागमन पूर्णतया बन्द करने के निर्देश दिये गये। इस अवसर पर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सोनप्रयाग देवेन्द्र असवाल, थाना प्रभारी गुप्तकाशी राकेन्द्र कठैत, उपनिरीक्षक ललित भट्ट सहित रेस्क्यू कार्य में लगे एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के प्रभारी मौजूद रहे।

मुनकटिया के पास भूस्खलन में चार लोगों की मौत, रेसक्यू कार्य जारी

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रुद्रप्रयाग- बीती शाँय लगभग साढ़े सात बजे रुद्रप्रयाग-गौरी कुण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुनकटिया के पास पहाडी से गिरे मलबे व पथ्थरों की चपेट में आने से चार यात्रियों की दुःखद मौत हो गयी। भूस्खलन छैत्र में खोज एँव बचाव कार्य जारी है।
कोतवाली सोनप्रयाग के अन्तर्गत सोन प्रयाग से 1 किमी गौरीकुण्ड की तरफ हुए भूस्खलन में गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग की ओर आ रहे कुछ यात्रियों के ऊपर पहाड़ी से मलबा पत्थर आने पर दबने की सूचना मिली थी सूचना पर पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की ओर से संयुक्त रेस्क्यू अभियान चलाया गया। रेस्क्यू के दौरान देर रात्रि को इस स्थान से 3 व्यक्ति घायल अवस्था में निकाले गये व 1 अचेत अवस्था में मिला जिसको डाॅक्टरों द्वारा मृत घोषित किया गया। रात का समय व खराब मौसम के कारण रेस्क्यू टीमों को अपना कार्य करने में दिक्कतें आने के कारण रात को रेस्क्यू कार्य रोकना पड़ा।
आज प्रातः मौसम अनुकूल होने व यहां पर मलबा-पत्थर गिरना बन्द होने के कारण रेस्क्यू टीमों द्वारा रेस्क्यू कार्य प्रारम्भ किया गया। रेस्क्यू टीमों को इस स्थल पर 3 व्यक्ति (2 महिला व 1 पुरुष) अचेत अवस्था में मिले, जिनको डाॅक्टरों द्वारा मृत घोषित किया गया है। इस भूस्खलन में अब तक चार यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है।
दुर्घटना में घायलों का विवरण
1. जीवच तिवारी पुत्र रामचरित निवासी धनवा नेपाल उम्र 60 वर्ष।
2. मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह निवासी वेस्ट बंगाल उम्र 30 वर्ष।
3. छगनलाल पुत्र भक्त राम निवासी राजोत जिला धार मध्य प्रदेश उम्र 45 वर्ष।
मृतकों का विवरण
गोपाल जी पुत्र भक्त राम निवासी राजोद जिला धार मध्य प्रदेश उम्र 50 वर्ष।
2. दुर्गाबाई खापर पत्नी संघन लाल निवासी नेपावाली, जिला घाट, मध्य प्रदेश उम्र 50 वर्ष।
3. तितली देवी पत्नी राजेंद्र मंडल निवासी ग्राम वैदेही जिला धनवा नेपाल उम्र 70 वर्ष।
4. भारत भाई निरालाल पुत्र निरालाल पटेल निवासी ए 301 सरदार पैलेस करवाल नगर खटोदरा सूरत गुजरात उम्र 52 वर्ष।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पीसीएएफ़ पर हस्ताक्षर करने वाला प्रथम प्रमुख भारतीय बैंक

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देहरादून-यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पार्टनर्शिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स (पीसीएएफ़) पर हस्ताक्षरकर्ता बनने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय वैश्विक स्तर पर जलवायु जोखिम प्रबंधन पर बढ़ती जागरूकता और हाल ही में जलवायु जोखिम प्रकटीकरण पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी मसौदा दिशानिर्देश के साथ संरेखित है.

पीसीएएफ़ वित्तीय संस्थानों की एक वैश्विक साझेदारी है जो ऋण और निवेश से जुड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का आकलन और प्रकटीकरण करने के लिए एक सामंजस्यपूर्ण दृष्टिकोण विकसित करने और लागू करने के लिए काम कर रही है. पीसीएएफ़ में शामिल होकर, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया अपने वित्तपोषित उत्सर्जन को मापने और प्रबंधित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है, जो बैंकों के लिए जलवायु जोखिम प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है.

वित्तपोषित उत्सर्जन, जिसे स्कोप 3 उत्सर्जन के रूप में संदर्भित किया जाता है, अप्रत्यक्ष उत्सर्जन का प्रतिनिधित्व करता है जो बैंक की ऋण देने और निवेश गतिविधियों के परिणामस्वरूप होता है. ऐसे उत्सर्जन बैंक के परिचालन उत्सर्जन से काफी अधिक हो सकते हैं और जलवायु परिवर्तन और बदलते नियमों के साथ इसके पोर्टफोलियो के लिए पर्याप्त जोखिम बन सकते हैं.

वित्तपोषित उत्सर्जन को ट्रैक करने के महत्व को आरबीआई के हाल ही में 28 फरवरी, 2024 को जारी ‘जलवायु-संबंधी वित्तीय जोखिमों पर प्रकटीकरण रूपरेखा, 2024’ पर मसौदा दिशानिर्देशों द्वारा रेखांकित किया गया है. रूपरेखा विनियमित संस्थाओं को चार प्रमुख क्षेत्रों पर जानकारी का प्रकटीकरण करने के लिए बाध्य करती है: गवर्नेंस, कार्यनीति, जोखिम प्रबंधन और मेट्रिक तथा लक्ष्य. आरबीआई के मसौदा दिशा-निर्देश भारतीय बैंकों के लिए अधिक कठोर जलवायु जोखिम रिपोर्टिंग की ओर बदलाव के सांकेतिक हैं. पीसीएएफ हस्ताक्षरकर्ता बनने में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सक्रिय भूमिका इन आगामी विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाएगी.

उद्योग पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि यह निर्णय भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में जलवायु जोखिम प्रबंधन के मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया अग्रणी है. बैंक द्वारा पीसीएएफ की कार्यप्रणाली को अपनाने से वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करने और कार्यनीति विकसित करने की इसकी क्षमता में वृद्धि होगी.

हेल्पेज इण्डिया द्वारा सतेराखाल में आयोजित किया गया स्वास्थ्य शिविर

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रुद्रप्रयाग, हेल्पेज इंडिया अस्पताल गिंवाला गांव द्वारा पहली बार सतेराखाल क्षेत्र में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 123 लोगों का परीक्षण किया गया।
शिविर में हाथ,पैर, घुटना दर्द संबंधी, लकवा, स्लिक डिस्क, गठिया, सरवाइकल जैसी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों का इलाज किया गया और साथ ही दवाईयों का वितरण भी किया गया। साथ ही बीपी और शुगर टेस्ट भी किए गए।
हेल्पेज अस्पताल के डा. रंगलाल यादव ने बताया कि हेल्पेज़ इंडिया अस्पताल 2013 से लगातार मरीजों की सेवा कर रहा है और उनके द्वारा कई लोग जो असहाय थे उनका सफलतापूर्वक इलाज किया गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस क्षेत्र में हेल्पेज़ इंडिया मरीजों के लिए विशेष अभियान चलाएगा।

समाजिक कार्यकर्ता गम्भीर सिंह बिष्ट ने हेल्पेज इंडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि सतेराखाल में पहली बार उनके द्वारा शिविर लगाया गया। जिससे शिविर में आए लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने क्षेत्र के हर व्यक्ति को सही स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके इसके लिए वे सदैव प्रयासरत रहेंगे।

इस दौरान डा. रंगलाल यादव, डा. साहिल ठाकुर, नवीन भट्ट, भाजपा नेता पंकज भट्ट, समाजसेवी कुलदीप रावत, भाजपा जिला मंत्री गम्भीर सिंह बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य गौरव सुपरियाल, त्रिभुवन बर्तवाल, दीपक नेगी, बलदेव टम्टा, जितेंद्र बर्त्वाल, विक्रम पैलड़ा, प्रेम सिंह नेगी, विजेंद्र बुटोला, आनंद नेगी आदि मौजूद थे।

सचिव गृह शैलेश बगोली ने ली प्रदेश के यातायात प्रबंधन को लेकर बैठक

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देहरादून(आरएनएस)। सचिव गृह शैलेश बगोली ने प्रदेश एवं विशेषकर देहरादून और अन्य बड़े शहरों में यातायात को लेकर पुलिस एवं परिवहन विभाग सहित अन्य सम्बन्धित एजेन्सियों के साथ बैठक की। सचिव गृह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यातायात की समस्या के निराकरण के लिए शीघ्र ही अल्पावधिक एवं दीर्घावधिक  योजनाएं तैयार की जाएं। सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा आपसी सामंजस्य से व्यापक कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि यातायात निदेशालय देहरादून सहित सभी जनपदों में यातायात व्यवस्था के सुधार के लिए कार्य करेगा।
सचिव गृह ने यातायात संकुलन को दूर करने के लिए आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था में सुधार की दिशा में कार्य कर रहे अन्य संस्थानों और एजेंसियों किए गए कार्यों का भी अध्ययन कराते हुए अपनी योजनाओं में शामिल किया जाए। उन्होंने अधिक यातायात संकुलन वाले स्थानों पर नयी पार्किंग चिन्हित करने के साथ ही नए सड़क मार्गों के निर्माण और पक्कीकरण पर फोकस किए जाने के निर्देश दिए। वाणिज्यिक संस्थानों, मॉल, रेस्टोरेंट आदि द्वारा अपनी पार्किंग को प्रयोग में लाने हेतु एन्फोर्समेंट बढ़ाया जाए।
सचिव गृह ने शहर में रेहड़ी ठेली लगाने वालों के लिए मोबाईल वेंडिंग जॉन निर्धारित करने की दिशा पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने रेड लाईट वायोलेशन डिटेक्शन (लालबत्ती उल्लंघन पहचान प्रणाली) को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि चौराहों पर ऑटोमेटेड रेड लाईट सिग्नल्स को बढ़ाया जाए। साथ ही अधिकतर समय ऑटोमेटेड मोड को चालू रखा जाए ताकि सिस्टम यातायात प्रवाह को सीख कर खुद को अपग्रेड कर सके। उन्होंने स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ लगातार सामंजस्य स्थापित करते हुए यातायात समस्याओं का निस्तारण किया जाए।
इस अवसर पर विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, आईजी एवं निदेशक यातायात अरूण मोहन जोशी, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल एवं एसएसपी देहरादून अजय सिंह सहित लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के अधिकारी उपस्थित थे।

 

उत्तराखंड़ की जल व्यवस्था पर हुआ गोलमेज सम्मेलन

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र उत्तराखंड और हिमालय के संदर्भ में महत्वपूर्ण मुद्दों पर समय-समय पर गोलमेज चर्चा का आयोजन करता रहा है। पूर्व में अब तक केदारनाथ आपदा के आलोक में प्राकृतिक आपदा और उसके बाद वनाग्नि पर ऐसे दो गोलमेज सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। आज इसी क्रम में तीसरा उत्तराखंड की जल व्यवस्था पर तीसरा गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया। इस गोलमेज सम्मेलन में विभिन्न पृष्ठभूमि के विशेषज्ञों ने भाग लिया और राज्य में घटते भूजल भंडार और समग्र रूप से जल संसाधनों के कुप्रबंधन पर अपनी सार्थक चिंताएँ व्यक्त कीं।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के संस्थापक निदेशक रहे प्रोफेसर बीके जोशी ने चर्चा शुरू करने से पहले अपने प्रारंभिक भाषण में राज्य के घटते जल संसाधनों पर एक सिंहावलोकन प्रदान किया। श्री ए.आर .सिन्हा (सेवानिवृत्त पीसीसीएफ) ने जलागम विकास और नदी के प्रवाह को बनाए रखने में जल स्रोतों और धाराओं की भूमिका पर अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने जल विज्ञान, जल को नियंत्रित करने में वृक्ष प्रजातियों और वनस्पति आवरण की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया।
यटाटा ट्रस्ट के डॉ विनोद कोठारी ने स्प्रिंगशेड प्रबंधन के बारे में ज्ञान और सीख साझा की और राज्य में जलस्रोत सूची तैयार करने के कार्य पर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि राज्य में 90% से अधिक ग्रामीण आबादी पीने के पानी और अन्य जरूरतों के लिए जलस्रोतों पर निर्भर है। जलस्रोत को आजीविका के अवसरों से जोड़ना जलस्रोत संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। श्री एच.पी. उनियाल, जो पूर्व में उत्तराखंड सरकार और राज्य योजना आयोग से भी जुड़े थे श्री उनियाल ने जलस्रोत प्रबंधन पर भी अपने विचार साझा किए, उन्होंने बताया कि स्प्रिंग्स के हाइड्रोजियोलॉजी को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है और स्प्रिंगशेड प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्ट्रेट जैकेट दृष्टिकोण उत्तराखंड के विभिन्न स्प्रिंग टाइपोलॉजी और भूवैज्ञानिक विविधता में काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने उत्तराखंड में चाल (प्राकृतिक जल भंडारण), खाल (तालाब) की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि वे उच्च जल विज्ञान संबंधी कार्य करते हैं और जलस्रोतों को रिचार्ज करते हैं।

प्रख्यात जलविज्ञानी डॉ. एस.के.भरतरी ने सूखते जलस्रोतों सतही जल अपवाह और पुनर्भरण क्षेत्रों की पहचान में आइसोटोप पद्धति के उपयोग के तकनीकी वाले पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अल्मोड़ा के कोसी बेसिन पर तीन दशक से भी पहले किए गए अध्ययनों से महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
प्रसिद्ध पुरातत्वविद् प्रो. एम.पी. जोशी ने अतीत में प्रचलित जल प्रबंधन तकनीकों को प्रदर्शित किया और बताया कि किस तरह पारंपरिक जल प्रबंधन के बारे में समाज से ज्ञान लुप्त हो रहा है। आज के इस गोलमेज सम्मेलन में शामिल कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में यह बात उभर कर आयी कि उत्तराखंड राज्य के गठन के 24 साल बाद भी राज्य में ककरगर जल नीति नहीं है, इसी तरह भूजल निकासी के नियम भी मनमाने हैं। सड़क व अन्य विकास निर्माण की तकनीक भी बेतरतीब है और इससे भूजल स्रोतों पर असर पड़ सकता है। इसी तरह पुनर्भरण क्षेत्रों के संरक्षण पर भी बहुत कम ध्यान दिया जाता है। चरागाहों के महत्व को समझ कर उनके संरक्षण की दिशा में कार्य करना होगा क्योंकि वे भूजल पुनर्भरण में मदद करते हैं साथ ही भारी मात्रा में कार्बन और जैव विविधता का संरक्षण भी करते हैं। विशेषज्ञ समूह ने राज्य में जल प्रबंधन और शासन को बेहतर बनाने के लिए एक प्रेशर ग्रुप विकसित करने पर जोर दिया। हिमालयी क्षेत्र व उत्तराखंड में भविष्य में जनसंख्या और पर्यटन का दबाव बढ़ने वाला है, इसलिए राज्य में जल प्रबंधन के संबंध में कुछ कदम तत्काल उठाए जाने चाहिए।
इस सम्मेलन के संयोजक व सिडार के मुख्य कार्यकारी डॉ.विशाल सिंह ने भी उत्तराखण्ड के जल प्रवाह व उनके सरंक्षण पर अपनी बात रखी। इस अवसर पर दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट, चंद्रशेखर तिवारी और सामाजिक इतिहासकार डॉ.योगेश धस्माना व सुंदर सिंह बिष्ट उपस्थित रहे।

 

चिनाब घाटी में पौधारोपण और फ्लोरा फौना के अध्ययन के साथ मनाया गया हिमालय दिवस

चमोली, पीपलकोटी में तैलाघाम तोक के भूस्खलन क्षेत्र में पौधरोपण और सुरक्षा के संकल्प के साथ सामाजिक संस्था के सदस्यों ने हिमालय दिवस मनाया, हिमालय दिवस के अवसर पर ‘आगाज’ के कार्यक्रम समन्वयक जयदीप किशोर के नेतृत्व में बाड़ेपानी और तैलाघाम भूस्खलन पर 50 – टिमरू और कचनार के पौधे रोप गए, अर्थ समूह के निदेशक सुशील कान्त सती ने कहा कि ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम मिल जुलकर प्रकृति का संरक्षण करें और लगाये गए पौधों की सुरक्षा करें ।
कैनाबिस कैफे के संचालक कुलदीप नेगी ने कहा की, हिमालय दिवस सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है बल्कि हिमालय के संरक्षण और जैव विविधता को बचने के लिए हम सभी को आगे आना होगा ।
आगाज के एक अध्ययन दल ने इस दौरान – जोशीमठ के पास के ट्रेकिंग रूट और पर्यटक स्थल चैनाब घाटी की अनाम फूलों की घाटी का अनुज नम्बूदरी के नेतृत्व में भ्रमण किया और चैनाब घाटी के पुष्प प्रजातियों , मशरूम, फ्लोरा फौना का अध्ययन किया, अब अध्ययन दल एक रिपोर्ट तैयार करेगा । इस अध्ययन दल में शामिल आशीष उनियाल, धीरज भुजवान और विकास डिमरी सहित टीम लीडर ने थैंग गांव के ऊपर स्थित चिनाब घाटी के ट्रेक से 7 किलो प्लास्टिक पॉलिथीन कचरा भी एकत्र किया ।
दूसरी ओर पीपलकोटी में आयोजित आज के इस कार्यक्रम में सुश्री चंदा पंवार , श्रीमती रेवती देवी , श्रीमती शशि देवी, श्रीमती अनीता देवी , कुमारी आयशा , आगाज के सहायक समन्वयक श्री भूपेंद्र कुमार, कैनाबिस कैफे के संचालक कुलदीप नेगी ने भाग लिया।

 

मौन पालन पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

देहरादून, उत्तराखण्ड़ विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा हिमालय दिवस के अवसर पर सोमवार को उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत मौन पालन विषय पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ खादी और ग्रामोद्योग आयोग के सहयोग से आयोग के सभागार में किया गया।

यकार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो (डा.) अनीता रावत द्वारा हिमालय दिवस की शुभकामनायें देते हुये कहा कि हिमालय संरक्षण के लिये हमको Bottom up approach के साथ मिलकर कार्य करना होगा। प्रो. रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को आत्मनिर्भर बनाने एवं हिमालय की जैवविविधता के संरक्षण में मौन पालन प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी एग्रोईकोलोजी को मजबूत बनाना होगा तथा परम्परागत ज्ञान के साथ हिमालय संरक्षण संबंधी कार्यो को आगे बढाना होगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मधुमखियां न केवल मनुष्यों के लिये अपितु पूरे पर्यावरण में सन्तुलन बनाये रखने के लिये अत्यन्त आवश्यक है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की समन्वयक डाॅ. मंजू सुन्दरियाल, वैज्ञानिक यूसर्क द्वारा हिमालय के संरक्षण एवं मानव जीवन को सुरक्षित रखने में मौन पालन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदे्दश्य एवं महत्व पर भूमिका प्रस्तुत की। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में उततराखण्ड राज्य के 8 जिलो से 12 संस्थानों के 42 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि खादी ग्रामोद्योग विभाग देहरादून के निदेशक डा. संजीव राय ने अपने सम्बोधन में लघु उद्यम स्थापित करने के लिये भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की। सम्पूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में मधुमक्खियों की प्रजातियां, उपयोगिता, संरक्षण, एवं मौन पालन हेतु प्रायोगिक ज्ञान के साथ शहद के प्रसंन्सकरण उत्पाद वर्धन, विपणन एवं लघु उद्यम स्थापित करने की जानकारी प्रदान की जायेगी।
कार्यक्रम में हिमालय दिवस के संरक्षण के लिये समस्त प्रतिभागियों द्वारा हिमालय प्रतिज्ञा ली गयी एवं फलदार वृक्षों का रोपण किया गया। कार्यक्रम के अन्त में यूसर्क वैज्ञानिक डाॅ ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया तथा वैज्ञानिक डा. राजेन्द्र सिंह राणा एवं इं. उमेश जोशी द्वारा विशेष सक्रिय योगदान दिया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कुल 75 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।