Monday, April 28, 2025
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निजी बस में घुसा सौ फीट लम्बा पाइप, दो की दर्दनाक मौत

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जयपुर | राजस्थान के पाली में एक निजी बस में 100 फीट लंबा और दो फीट चौड़ा पाइप बस की खिड़की तोड़ अंदर घुस गया, जिससे दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
पाइप की वजह से खिड़की के पास बैठी महिला का सिर कट गया और उसके बगल में बैठा पुरुष यात्री भी गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसने बाद में दम तोड़ दिया।
पाइप एक हाइड्रो-मशीन से जुड़ा था और हवा में लटका हुआ था, जब मंगलवार शाम पाली जिले के सांडेराव गांव में फोर-लेन जयपुर-अहमदाबाद राजमार्ग पर एक भूमिगत गैस पाइपलाइन डाली जा रही थी।

मृतकों की पहचान मैना देवी देवासी और भंवरलाल प्रजापत के रूप में की गई है, दोनों मारवाड़ जंक्शन के इसाली गांव के निवासी हैं।

पुलिस ने कहा कि शवों को शवगृह में रखवा दिया गया है और मृतकों के परिवार वालों को सूचित कर दिया गया है।

पुलिस ने कहा कि बस मालिक के साथ ही गुरुग्राम स्थित एक निजी कंपनी जीएम गोल्डन के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे, जिसने निर्माण कार्य में लापरवाही बरता और ये हादसा हो गया। बता दें की आज ही देश के यूपी , तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में सडक हादसों में एक ही परिवार के लोगों की मौत हो गई| -आईएएनएस

डीजीपी अशोक कुमार ने की पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग, कहा- कौन कहां और क्या कर रहा उसकी उन्हें है खबर

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देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य के नए डीजीपी अशोक कुमार ने आज सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कौन कहां और क्या कर रहा है इसकी उन्हें खबर है। सख्त निर्देश के साथ उन्होंने कहा
सभी इस बात के प्रति संभल जाएं कि ऊपर कुछ पता नहीं । उन्होंने पुलिस में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह न होने की बात कहते हुए सभी कप्तानों और अधिकारियों को आग्रह किया कि कोई भी शिकायत मिली तो वे स्वयं कार्रवाई करेंगे। इसके लिए उन्हें चाहे किसी भी स्तर तक जवाब देना पड़े, उत्तराखंड़ के डीजीपी अशोक कुमार कहा कि हम सभी लोकसेवक हैं। हमें पब्लिक को डिलिवरी देनी है, जिसके लिए हमें परफार्म करना है। हमारा प्रयास समाज को ऐसी पुलिस व्यवस्था प्रदान करने का हो, जहां अपराधी पुलिस से डरें और सज्जन पुरुष सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें। जनता में पुलिस की छवि अच्छी हो।

उन्होंने कहा कि ‘मुझे 100 प्रतिशत कार्य तथा 100 प्रतिशत अनुशासन चाहिए और मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि आपका 100 प्रतिशत कल्याण होगा। आप अपना कार्य पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण से करें, यही मेरी आपसे अपेक्षा है। हमारा उद्देश्य गरीब, असहाय, पीड़ित जो भी थाने में आए उसे सुरक्षा एवं न्याय देना है। इसके लिए पुलिस को संवेदनशील बनना होगा, जो हमारा प्राथमिक उत्तरदायित्व है’।
डीजीपी ने कहा कि लंबे समय से जो कर्मचारी एक स्थान पर जमे हुए हैं, वे यह न समझें कि वे बिना परफार्मेंस के बने रहेंगे। उन्हें 100 प्रतिशत परफार्म करना होगा और पब्लिक डिलिवरी देनी होगी। बिना परफोर्मेंस कोई भी एक जगह पर नहीं टिकेगा। थानों में हर जगह शत प्रतिशत शिकायतें रिसीव की जाएंगी। साइबर, ड्रग्स और आर्थिक अपराध से संबंधित विशेष प्रकोष्ठों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन प्रकोष्ठों को प्राथमिकता पर लिया जाए और इन्हें सशक्त किया जाए।

अब अपराधियों के विरुद्ध चलेगा विशेष अभियान

अपराध और अपराधियों के खिलाफ दो दिसंबर से दो माह का विशेष अभियान चलाने का निर्णय डीजीपी ने लिया है। इसमें फरार और इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी, कुर्की, हिस्ट्रीशीटर, पांच साला आपराधियों और सक्रिय अपराधियों का सत्यापन और वारंट तामील कराना शामिल होगा।

डीजीपी अशोक कुमार ने यह भी दिए निर्देश जिसके तहत स्थानांतरण नीति में एकरूपता लाई जाएगी, जिसमें कर्मचारियों का कार्यकाल पुनर्निर्धारित किया जाएगा। प्रत्येक कर्मचारी को स्थानांतरण के लिए तीन विकल्प अवश्य दिए जाएंगे। पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए हैपीनेस कोशेन्ट को बढ़ाया जाएगा। उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, अवकाश, प्रमोशन आदि में सुधार किया जाएगा, भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलों में स्थापित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल एवं सोशल मीडिया प्रमोशन सेल को प्रभावी बनाया जाए |

ऋषिकेश : ब्रेक फेल होने से सड़क पर पलट गया ट्रक, परिचालक की हुई मौत

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ऋषिकेश, ऋषिकेश चंबा मोटर मार्ग पर एक ट्रक ब्रेक फेल होने से सड़क पर पलट गया। हादसे में परिचालक की ट्रक के नीचे दबने से मौत हो गई है जबकि चालक सुरक्षित है।
मिली जानकारी के मुताबिक आज ट्रक संख्या यूके 14 सीए 8899 घनसाली से ऋषिकेश जाते समय औणी बैंड, नरेंद्रनगर के पास ब्रेक फेल होने के कारण सड़क पर पलट गया।

मुनिकीरेती थाना पुलिस द्वारा परिचालक का शव पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया। चालक की पहचान कमल पुत्र डाल चंद (30 वर्ष)निवासी बिजनौर जबकि परिचालक की पहचान दीपक पुत्र साधु (25 वर्ष) निवासी मायाकुंड, ऋषिकेश के रूप में हुई है।

दो हजार के नोटों पर भ्रम, बैंक एटीएम मशीन से निकालने लगे कैलीबर, सैन्ट्रल बैक अपने 58 एटीएम मशीन से निकाल चुका कैलिबर

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नई दिल्ली। देश में 2000 रुपए के नोट को लेकर अक्सर बातें होती रहती हैं। जल्द ही 2 हजार रुपए के नोट मिलने बंद हो सकते हैं। आरबीआई से 2000 के नोट मिलने फिलहाल बंद हो गए हैं। बैंक भी एटीएम मशीन से दो हजार के नोट वाले कैलिबर निकालने लगे हैं। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया ने इसकी शुरुआत कर दी है।

सेंट्रल बैंक अपने 58 एटीएम मशीन से कैलिबर निकाल चुका है। अन्य बैंकों का भी कहना है कि अब एटीएम में सिर्फ 100, 200 व 500 रुपए के नोट ही लोड किए जा रहे है। सेन्ट्रल बैंक के मण्डल प्रमुख एलबी झा कहते है कि कई महीने से आरबीआई से दो हजार के नोट नहीं मिले हैं। बाजार से भी शाखाओं में दो हजार के नोट बहुत कम आ रहे हैं। ऐसी भी सूचना आ रही है कि आरबीआई ने दो हजार के नोट की छपाई बंद कर दी है। दो हजार के नोट के संकट को देखते हुए परिक्षेत्र के 58 एमटीएम मशीन से दो हजार की नोट के कैलिबर हटा कर 500 के लगाए गए है। ताकि अधिक से अधिक नोट एटीएम में लोड किए जा सके। यूनियन बैंक का कहना है कि एटीएम मशीन में 500, 200 व 100 के नोट भी डाले जा रहे है।

आरबीआई से दो हजार की नोट आने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है क्योंकि बीते पांच महीने से एक बार भी दो हजार के नोट के बंण्डल नहीं आए है। पीएनबी के एजीएम संतोष कुमार यादव का कहना है कि दो हजार के नोट का संकट हर जगह है। शाखाओं में जमा करने के लिए आने वाली दो हजार के नोट को एटीएम में भरा नहीं जा सकता है। आरबीआई से दो हजार के नोट की आवक नहीं हो रही है। शाखाओं में कुछ ही नोट आ रहे हैं। उसे ही रीसाइकिल कर बड़े भुगातान लेने वाले ग्राहकों को दिया जा रहा है।

सड़क पर फर्राटा भरती दिखी यह धांसू गाड़ी, जानिए कब होगी लॉन्च

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नई दिल्लीः कोरोना वायरस काल में ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री में काफी गिरावट देखने को मिली है, जिसके चलते कंपनियों ने लाखों कर्मचारियों को नौकरी से भी निकाल दिया। ऑटो जगत की बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स के लिे यह साल काफी नुकसान दायक रहा है। लॉकडाउन में सेल कम होने के बाद कंपनी को Hexa का लॉन्च टालना भी पड़ा था।

यह SUV अब अगले साल लॉन्च होगी और Hexa अब टाटा मोटर्स लाइनअप का पार्ट नहीं है। BS6 नॉर्म्स लागू होने के बाद इस एसयूवी को 2020 में डिस्कॉन्टिन्यू कर दिया गया था। हालांकि, इस 7-सीटर की इंडियन ऑटोमोबाइल मार्केट में अगले साल एंट्री होना तय है।

Hexa को कंपनी ने इस साल की शुरुआत में हुई AutoExpo में शोकेस किया था और अलग अवतार में आई इस SUV के नाम के साथ Safari भी जोड़ा था। अब, Hexa को टेस्टिंग करते हुए देखा गया है, जिसका मतलब है कि अगले साल कंपनी इसे इंडियन मार्केट में लॉन्च कर सकती है। फिलहाल कंपनी का सारा फोकस 7-सीटर Gravitas और एंट्री लेवल HBX पर था और Hexa से जुड़ा कोई अपडेट ऑफिशली सामने नहीं आया था।

– जानिए कहां दिखी Hexa

यूट्यूब चैनल SP Auto Tech की ओर से Hexa BS6 को पुणे में कंपनी के प्लांट के पास टेस्टिंग करते हुए देखा गया और उन्होंने इससे जुड़े डिटेल्स शेयर किए। इस मॉडल का विडियो भी SP Auto Tech की ओर से शेयर किया गया है, जिसमें ट्रिम लेवल बेस 4×4 वेरियंट देख रहा है, जो स्टील वील्स के साथ आता है। इस SUV के हाई एंड वेरियंट्स ड्यूल-टोन अलॉय वील्स के साथ आ सकते हैं। यह टाटा की IMPACT डिजाइन फिलॉसफी के साथ डिजाइन की गई है।

हरिद्वार में हर की पैड़ी को स्केप चैनल घोषित करने का आदेश सरकार ने किया निरस्त, शासनादेश हुआ जारी

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देहरादून, प्रदेश सरकार ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के हरिद्वार में हर की पैड़ी को स्केप चैनल घोषित करने के आदेश को निस्तर कर दिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव आवास ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। गौरतलब हो कि कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संतों की बैठक में स्केप चैनल को निरस्त करने की घोषणा की थी। इस फैसले के बाद संत समाज में मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया था।

क्या था पूरा मामला
वर्ष 2016 में हरीश रावत की कांग्रेस की सरकार ने हर की पैड़ी से होकर बहने वाली धारा को नहर(स्केप चैनल) घोषित किया था। उस के बाद से ही अखाड़ा परिषद सहित अन्य संत इसका विरोध कर रहे थे और जबकि यह मामला पिछले चार साल तक दबा रहा और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत इस आदेश को लेकर संतों के बीच पहुंच कर माफी मांगी तो यह मामला फिर उठ खड़ा हुआ था।

भोजपुरी गाना ‘बाजे खटिया चर-चर’ ने इंटरनेट पर मचाई धूम, वीडियो हो रहा वायरल

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नई दिल्ली, भौजपुरी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से लोगों पर राज करने वाले रवि किशन भले ही आज सांसद बन गए हों, लेकिन भोजपुरी गानों की बात जब भी आती है उन्हें भोजपुरी एक्टर के तौर पर याद किया जाता है। रवि किशन और पाखी हेगड़े ने कई गाने एक साथ किए हैं |
भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन और पाखी हेगड़े की फिल्में दर्शकों के बीच खूब सुर्खियों में बनी रहीं। दोनों ने कई हिट फिल्में साथ में की हैं। इस बीच दोनों का फिल्म ‘संतान ईगो तोहफा’ का बाजे खटिया चर-चर गाना इंटरनेट पर खूब धूम मचा रहा है।
रवि किशन और पाखी हेगड़े की रोमांटिक कैमिस्ट्री लोगों को खूब पसंद आई इस गाने को मनोज मिश्रा और इंदू सोनाली ने मिलकर गाया है।

Bhojpuri Hot Viral : भोजपुरी स्टार पवन सिंह के गाने 'रतिया की रानी' ने  यूट्यूब पर मचाई खलबली-bhojpuri hot video viral song pawan singh | News24

 

अनोखी संस्कृति : विचित्र किंतु सत्य “मृत्यु यात्रा के साथ नृत्य”

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✒️लोकेंद्र सिंह बिष्ट

स नृत्य कला में निपुण बड़कोट निवासी रामदास कहते हैं कि इस अदभुत संस्कृति व कला के संरक्षण की आवश्यकता है, अन्यथा संसाधनों के अभाव में ये एक दिन दम तोड़ देगी।
आपने आजतक किसी शवयात्रा/मृत्युयात्रा को पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल नगाड़ों की थाप के साथ नृत्य करते हुए ले जाने की बात न सुनी होगी न देखी होगी,,,, लेकिन,,,, उत्तरकाशी जिले में खासकर रवाईं यमुनाघाटी में अभी भी जिंदा है एक अनोखी संस्कृति, जहां किसी बुजुर्ग के मरने पर शव यात्रा को मोक्षघाट तक गाजे बाजों व पारंपरिक ढोल नगाड़ों रणसिंघो के साथ नृत्य करते हुए ले जाया जाता है शमशान घाट तक।

सुनने व देखने मे जरूर अटपटा लग सकता है लेकिन यही विचित्र भी है, और सत्य भी है, अद्भुत भी है अकल्पनीय भी, मैं अपने रिश्तेदार चैन सिंह जयाड़ा जी उम्र 87 वर्ष, सेवानिवृत्त पंचायत राज अधिकारी निवासी डख्याट गांव, बड़कोट की मृत्यु का समाचार सुन उनके अंतिम दर्शन व उनकी शवयात्रा में शामिल होने के लिए गया। उनकी मृत्युयात्रा/ शवयात्रा को भव्य रूप से दर्जनों ढोल, नगाड़ों, रणसिंघो के साथ ले जाया गया । सैकड़ों लोग इस शवयात्रा में शरीक थे। रास्ते में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़कोट में शवयात्रा को एक जगह रोककर गढ़वाली पहाड़ी पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल बाजे नगाड़े व रणसिंघो के साथ करीब 30 मिनट तक नृत्य किया गया है।

यह एक नया अनुभव था, जो अदभुत और अकल्पनीय था। मात्र और मात्र केवल शवयात्रा में किये जाने वाले इस नृत्य को ‘पैंसारा’ नाम दिया गया है। इस खास नृत्य को ढोल बजाने के साथ ही किया जाता है। जोड़ी में बारी बारी से नृत्य में निपुण लोग ढोल के साथ ढोल को विशेष अंदाज में बजाते बजाते इस नृत्य को प्रस्तुत करते हैं। बाकी ढोल, नगाड़े व पहाड़ी वाद्य यंत्रों को बजाने वाले इनका साथ देते हैं।। इन ढोल नगाड़े बजाने वालों को स्थानीय भाषा मे “बाजगी” कहा जाता है। जिस किसी के घर से किसी बुजुर्ग की मृत्यु होती है, उसके परिवारजन व रिश्तेदार मृत आत्मा की शांति के लिए पर्याप्त मात्रा में इस नृत्य को करने वालों व दूसरे वाद्य यंत्रों व पहाड़ी ढोल नगाड़े बजाने वालों को पैसे, रुपये भेंट करते हैं, वह भी बारी-बारी से, ताकि बीच नृत्य में कोई बाधा न हो।

इस पैंसारा नृत्य के निपुण लोग इस नृत्य के दौरान गजब का समां बांध लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। गजब का समां बंध जाता है। लोग मंत्रमुग्ध इस नृत्य को देखते हैं। हालाँकि ये परंपरा व संस्कृति विलुप्ति की कगार पर है, लेकिन है अभी भी जिंदा।। केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के प्रोफेसर रहे प्रो डी आर पुरोहित कहते हैं कि पहले ये संस्कृति उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी गढ़वाल में जिंदा थी। पहले जवान हो या बुजुर्ग, सभी की मृत्युयात्रा में इस नृत्य को किया जाता था। तब लोग मौत को भी सेलीब्रेट करते थे, क्योंकि मृत्यु ही अंतिम सत्य है। प्रशासनिक अधिकारी रहे मदन सिंह कुंडरा कहते हैं कि अपनी उम्र पूरी कर चुके बुजुर्गों की ही मृत्युयात्रा में इस नृत्य को किया जाता है। आज पहाड़ की एक मजबूत औऱ अदभुत, अनूठी, अकल्पनीय कला औऱ संस्कृति विलुप्ति के कगार पर है। ये एक ऐसी कला है जिसे लाखो करोडों खर्च करके भी किसी संस्थान से नहीं सीखा जा सकता है। इस अति महत्वपूर्ण कला के बचे खुचे माहिर और निपुण लोगों को चिन्हित कर सरकार उन्हें मदद और संरक्षण दे ताकि विलुप्ति की कगार पर यह अनूठी कला संसाधनो व संरक्षण के अभाव में कहीं दम न तोड़ दे।

पैंसारा नाम से विख्यात इस दुर्लभ कला को जानने वाले लोग शदियों से अपने ही पूर्वजों व बुजुर्गों से इस अनूठी कला को सीखते आये हैं। और इसी क्रम में ये अदभुत कला एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरण हो रही है, बिना किसी सरकारी संसाधनों व संरक्षण के। इस नृत्य कला में निपुण बड़कोट निवासी रामदास कहते हैं कि इस अदभुत संस्कृति व कला के संरक्षण की आवश्यकता है, अन्यथा संसाधनों के अभाव में ये एक दिन दम तोड़ देगी,
इस नृत्य कला में निपुण बड़कोट निवासी रामदास कहते हैं कि इस अदभुत संस्कृति व कला के संरक्षण की आवश्यकता है, अन्यथा संसाधनों के अभाव में ये एक दिन दम तोड़ देगी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है और वर्तमान में निदेशक, GMVN, उत्तराखंड सरकार)

साप्ताहिक बंदी का पूरा असर, बाजार बंद रहे, सन्नाटा पसरा रहा

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मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी में साप्ताहिक अवकाश के तहत बाजार पूरी तरह बंद रहे जिसके कारण जन जीवन प्रभावित रहा व पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिला प्रशासन के निर्देश पर साप्ताहिक अवकाश का पालन सख्ती से कराने के निर्देश दिए गये थे।
जिलाधिकारी के निर्देश पर पर्यटन नगरी मंे साप्ताहिक अवकाश पर सभी दुकानें पूरी तरह बंद रहीं केवल सब्जी, दूध, शराब व मेडिकल की दुकानों सहित पेट्रोल पंप खुले रहे। जिस कारण बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा वहीं पुलिस भी पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात रही। मालूम हो कि मसूरी के साप्ताहिक बंदी बुधवार को होती है लेकिन लॉक डाउन समाप्त होने के बाद से बाजार पूरी तरह खुलने लगे थे तथा साप्ताहिक अवकाश पर भी मसूरी में दुकाने बंद नहीं होती थी क्यों कि मसूरी पर्यटन नगरी है जिस कारण प्रशासन की ओर से ढिलाई दी जाती है।

लेकिन प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के बढने पर प्रदेश सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने साप्ताहिक बंदी पर सख्ती की है। वहं दूसरी ओर बाजार बंद होने से सबसे अधिक परेशानी पर्यटकों को हुई व इन दिनों मसूरी घूमने आये पर्यटक बाजार बंद होने पर निराश नजर आये क्यो कि उन्हें खाना तो दूर चाय तक नहीं मिल पायी। दिल्ली से आये पर्यटक परिंदर सिंह का कहना था कि एक ओर सरकार पर्यटन को बढावा देने की बात करती है वहीं बाजार पूरी तरह बंद करने से उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

न ही उन्हें खाना मिल पाया और न ही चाय मिल पायी वहीं वह बाजार में खरीदारी से भी वंचित रहे। उनका कहना था कि कम से कम चाय पानी की दुकान तो खुलनी चाहिए थी। इस संबंध में व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल का भी कहना है कि साप्ताहिक बंदी मसूरी में लागू नहीं होनी चाहिए क्यों कि यह पर्यटक स्थल है और यहां पर पर्यटक आते रहते हैं ऐसे में बाजार बंदी से पर्यटन प्रभावित होता है व इसका संदेश गलत जाता है। जबकि मसूरी पर्यटन नगरी होने के कारण साप्ताहिक बंदी से मुक्त रखी जाती है व इसे मेला क्षेत्र घोषित किया गया था।

बाक्स- साप्ताहिक बंदी से पर्यटक स्थलों को दूर रखा गया है तथा वहां पर बड़ी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही रही, वहीं पर्यटक स्थलों पर सभी दुकानें खुली रखी गई। वहंीं लोगों का कहना था कि जब पूरा बाजार बंद है तो शराब की दुकानों को छूट देना समझ से बाहर है क्यो कि यह कोई आवश्यक सेवा नहीं है।

मुंबई : योगी के दौरे से मचा हड़कंप, उद्धव बोले- ‘जबरन’ कारोबार ले जाने नहीं देंगे

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मुंबई(एजे़सी), यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंबई दौरे से महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह राज्य से किसी को ‘जबरन’ कारोबार नहीं ले जाने देंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र को किसी की उन्नति से “जलन” नहीं है, बशर्ते यह निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के तहत हो. योगी आदित्यनाथ आज मुंबई दौरे पर हैं. इस दौरान उनके उद्योगपतियों और फिल्म जगत की शख्सियतों से मिलने का कार्यक्रम है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बॉलीवुड को मुंबई से बाहर ले जाने की साजिश की जा रही है.

छोटे कारोबारियों की हिमायत करने वाले एक संगठन आईएमसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने कहा, “हम किसी की प्रगति से नहीं जलते. अगर कोई प्रतिस्पर्धा करके प्रगति करता है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन, अगर आप जबरन कोई चीज ले जाना चाहेंगे तो मैं ऐसा नहीं होने दूंगा और आप (उद्योगपति) भी ऐसा नहीं चाहेंगे | निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने राज्य द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली टैगलाइन ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ का उल्लेख करते हुए ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के पास अपनी संस्कृति और संस्थानों की शक्ति है. ठाकरे ने कहा, “आज कोई व्यक्ति आ रहा है. वे आपसे भी मुलाकात करेंगे और आपको निवेश करने के लिए कहेंगे लेकिन उन्हें महाराष्ट्र की आकर्षण क्षमता का पता नहीं है, यह इतना मजबूत है कि लोग यहां से वहां जाना भूल जाते हैं.”

‘ईर्ष्‍यालु नहीं लेकिन..’ : इंडस्‍ट्री को लुभाने के लिए योगी आदित्‍यनाथ की मुंबई यात्रा को लेकर बोले उद्धव ठाकरे
ठाकरे ने कहा कि महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को झटका लगा लेकिन अब वह धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है. उन्होंने कहा कि महामारी के कारण बनी स्थिति स्थायी नहीं है और आर्थिक गतिविधियां बहाल हो जाने पर धन प्रवाह भी शुरू हो जाएगा. उधर, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुंबई में पोस्टर्स लगवाए हैं, जिसमें उन्हें ऐसा ठग कहा गया है, जो मुंबई से फिल्म इंडस्ट्री ले जाने आया है |