Thursday, May 15, 2025
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राज्य आंदोलनकारियों ने तहसील में प्रदर्शन कर दिया धरना

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कोटद्वार, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा के बैनर तले राज्य आंदोलनकारियों ने चार सूत्री मांगों को लेकर तहसील में प्रदर्शन कर धरना दिया। उन्होंने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मांगों के निराकरण की मांग की, इस मौके पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि राज्य निर्माण के 20 वर्ष बाद भी आंदोलनकारियों के चिह्निकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। हर जिले में चिह्निकरण के लिए अलग-अलग मानक अपनाए जाने से कई राज्य आंदोलनकारी अब भी चिह्निकरण से वंचित रह गए हैं।

कई आंदोलनकारियों की मृत्यु हो चुकी है और उनके आश्रित ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कहा कि सरकार की ओर से न्यायालय में ठोस पैरवी नहीं करने से मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अभी तक सजा नहीं मिल पाई है। धरना देने वालों में मोर्चा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत, दिनेश सती, गुलाब सिंह रावत, हरि सिंह रावत, अशोक कंडारी, समीम, मुन्नी कंडवाल, मंजू कोटनाला, राजकुमार गुप्ता, नंदकिशोर डबराल, चंद्र प्रकाश, संगीता रावत, राजेंद्र सिंह, कमल किशोर खंतवाल, इच्छा नेगी, प्रकाश बमराड़ा, सूरी देवी, पार्वती अधिकारी, मनमोहन सिंह नेगी, पुरुषोत्तम डबराल और बंटी नेगी मौजूद रहे।

ये हैं चार सूत्री मांगें
31 दिसंबर 2017 से डीएम कार्यालयों में आंदोलनकारियों के लंबित आवेदनों को तहसील स्तर पर एलआईयू से जांच कराकर निश्चित अवधि में निस्तारण कर चिह्निकरण किया जाए।
पेंशन की पात्रता रखने वाले ऐसे आंदोलनकारी जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनकी विधवाओं को पेंशन के दायरे में शामिल कर आंदोलनकारियों की भांति सुविधाएं प्रदान की जाए।
न्यायालय मुकदमे, घायल, अस्थायी जेल व एक दिन जेल में रहने का मानक बनाकर आंदोलनकारियों को चिह्नितकर सुविधाएं प्रदान करें।
राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने के लिए पुन: विधेयक लाने, सुप्रीम कोर्ट में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण और मुजफ्फरनगर कांड व सीबीआई से संबंधित वादों के निस्तारण के लिए महाअधिवक्ता उत्तराखंड की अध्यक्षता में स्थायी अधिवक्ता (सीएससी) व चिह्नित आंदोलनकारी अधिवक्ताओं की उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की मांग।

छात्रवृत्ति घोटाला : काशीपुर पुलिस की गिरफ्त में घोटले का आरोपी

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उधमसिंह नगर, छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को आईटीआई थाना क्षेत्र की पैगा चौकी पुलिस ने घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले एक युवक को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पकड़े गए बिचौलिए के खिलाफ मार्च में आईटीआई थाने में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने बिचौलिए को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।

आईटीआई थाना पुलिस ने दो दिन पूर्व देहरादून से छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। घोटाले की जांच के दौरान ही एसआईटी को बिचौलियों की ओर से जसपुर के कुछ ओबीसी छात्रों का फर्जी दस्तावेज से शिक्षण संस्थानों में दाखिला कराने के साक्ष्य मिले थे।

इसके आधार पर एसआईटी इंस्पेक्टर जीबी जोशी ने काशीपुर महुवाखेड़ा गंज निवासी पाकेश सिंह के खिलाफ आईटीआई थाने में केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से पुलिस पाकेश की धरपकड़ में जुटी थी। मुखबिर की सूचना पर पैगा चौकी पुलिस ने रविवार देर शाम पाकेश को महुवाखेड़ा गंज से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पैगा चौकी प्रभारी अशोक फर्त्याल ने बताया कि पाकेश ने जसपुर के तीन छात्रों का महेंद्रगढ़, हरियाणा स्थित एक शिक्षण संस्थान में फर्जी दाखिला कराया था। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

एक छात्र का मिलता था 47 हजार, गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में पाकेश ने खुलासा किया कि शिक्षण संस्थान और समाज कल्याण विभाग की ओर से उसे एक छात्र के 47 हजार 350 रुपये मिलते थे। इसमें से कुछ रकम वह छात्र को देता था और कुछ समाज कल्याण विभाग के लोगों को। छात्र को तैयार करने के बाद वह उसके शैक्षिक दस्तावेज लेकर उन्हें शिक्षण संस्थान में जमा कर देता था जिससे छात्र का फर्जी दाखिला दिखाया जाता था।

खुद भी छात्रवृत्ति से किया था बीएड |
काशीपुर। छात्रवृत्ति घोटाले में पकड़े गए बिचौलिए पाकेश ने वर्ष 2008 में बीपीएड और 2015 में बीएड किया था और यह पढ़ाई भी उसने छात्रवृत्ति से ही की थी। इसके चलते उसे छात्रवृत्ति लेने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी थी और वह छात्रों को आसानी से बरगला लेता था। काशीपुर में ही पाकेश की करीब तीन एकड़ जमीन भी है जिस पर खेती की जाती है। पढ़ा- लिखा और घर से संपन्न होने के बाद भी पाकेश लालच में आकर बिचौलिया बन गया।

शादी के बंधन में बंधे युजवेंद्र चहल, धनाश्री संग लिए सात फेरे

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नई दिल्‍ली. ऑस्‍ट्रेलिया दौरे से वापस लौटने के कुछ दिन ही भारत के स्‍टार गेंदबाज युजवेंद्र चहल शादी के बंधन में बंध गए हैं, उन्‍होंने कोरियोग्राफर और यूट्यूबर धनाश्री वर्मा संग मंगलवार को गुरुग्राम में सात फेरे लिए. चहल ने इंस्‍टाग्राम पर फोटो शेयर करके अपनी शादी की खुशखबरी दी. इसी साल अगस्‍त में चहल ने धनाश्री के साथ अपनी सगाई की घोषणा करके सभी कोई को सरप्राइज दिया था.

इस कपल ने अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से फैंस को यह खुशखबरी दी थी. सगाई से पहले तक चहल और धनाश्री, जो एक डेंटिस्‍ट भी है, दोनों ने अपने रिश्‍ते को सार्वजनिक नहीं किया था. हाल में ही धनाश्री यूएई में नजर आई थी, जहां आईपीएल का 13वां सीजन खेला गया. वह चहल का उत्‍साह बढ़ाने के लिए यूएई गई थी.
शादी की तरस्‍वी में धनाश्री गहरे लाल रंग के लहंगे में नजर आ रही है , जबकि चहल गहरे लाल रंग की पगड़ी के साथ शेरवानी में नजर आ रहे हैं.

चहल कुछ दिन पहले ही ऑस्‍ट्रेलिया दौरे से भारत लौटे थे. चहल ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का हिस्‍सा थे. हालांकि वह एक टी20 मैच को छोड़कर इस दौरे पर कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए. तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले मैच में चहल मैन ऑफ मैच रहे थे. उन्‍होंने पहले मैच में 3 बड़े विकेट लिए थे. ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर उन्‍होंने 5 मैचों में कुल 5 विकेट लिए. अब चहल इंग्‍लैंड के खिलाफ मैदान पर नजर आएंगे. इंग्‍लैंड की टीम फरवरी में भारत का दौरा करेगी.

एपल ने कर दिया कमाल, जल्द बाजार में लॉन्च होगी इलेक्ट्रिक गाड़ी, जानिए सबकुछ

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नई दिल्लीः बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों में गिने जाने वाली एप्पल आए दिन ग्राहकों के लिेए नए-नए प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग करती रहती है, जिसे लोगों का रिस्पॉन्स भी अच्छा मिलता है। एपल कंपनी अब इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने की योजना पर काम कर रही है। माना जा रहा है कि साल 2024 तक ऐपल की इलेक्ट्रिक कार मार्केट में आ जाएगी।

खास बात ये है कि ऐपल अपने स्मार्टफोन के प्रोसेसर की तरह ही अपनी इलेक्ट्रिक कार के लिए भी खुद ही बैटरी टेक्नोलॉजी डिवेलप कर रही है, जो लागत कम करने के साथ ही बेहतरीन माइलेज दे सकती है।

– इस गाड़ी से मुकाबला

एक रिपोर्ट की मानें तो ऐपल सेल्फ ड्राइविंग कार बनाने की योजना पर काम कर रही है, जो शायद फ्यूचर मोबिलिटी के लिए उदाहरण बने। ऐपल की अपकमिंग इलेक्ट्रिक कार की खबर से अमेरिका की ही कंपनी Tesla के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक है, क्योंकि दोनों ही कंपनी अपने प्रीमियम प्रोडक्ट के लिए जानी जाती है। आने वाले समय में पता चलेगा कि ऐपल की इलेक्ट्रिक कार लुक, फीचर्स, पावर और बैटरी के मामले में क्या कुछ नया लेकर आती है और अपने प्रतिद्वंदी को कितनी टक्कर देती है।

– आईफोन 12 की धूम

ऐपल ने इस साल दुनिया को बेहतरीन टेक्नोलॉजी से रूबरू कराया है और शानदार फीचर्स और बैटरी वाले लैपटॉप के साथ ही स्मार्टफोन्स समेत अन्य कई प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं, जिनमें आईफोन 12 सीरीज काफी खास है और यह फोन 5जी सेगमेंट में सबसे ज्यादा बिकने वाला फोन है।

बता दें कि ऐपल की कार के बारे में सबसे पहले साल 2014 में ही खबर आई थी, लेकिन बाद में ऐपल ने अपनी टेक्नॉलजी और सॉफ्टवेयर के डवलपमेंट तक खुद को फोकस किया और हर साल एक से बढ़कर एक धांसू प्रोडक्ट लॉन्च किए।

बीएमसी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 500 लोगों को लगाया 15 करोड़ का चूना, गैंग के सात लोग गिरफ्तार

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मुंबई: मुंबई पुलिस की प्रॉपर्टी सेल ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों से लाखों की वसूली करता था. यह गैंग अब तक करीब 500 लोगों के साथ धोखाधड़ी करके नौकरी दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये की जालसाजी कर चुका है. मुंबई पुलिस के मुताबिक इस जॉब रैकेट में मुंबई महानगरपालिका, मुंबई पुलिस और सरकारी अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी शामिल थे.

मुंबई पुलिस को जब इस जॉब रैकेट की शिकायत मिली तो उन्होंने इसकी तफ्तीश शुरू की. जांच में पता चला कि इस गैंग का सबसे शातिर और मुख्य सदस्य मुंबई महानगरपालिका का एक पूर्व कर्मचारी है, जो शुरुआत में बीएमसी में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी दिलाने के लिए पहले एक लाख रुपये एडवांस लेता था और उसके बाद नौकरी की चाहत रखने वाले शख्स को मुंबई महानगरपालिका भेजा जाता था, जहां इसकी गैंग का दूसरा सदस्य नौकरी दिलाने के लिए डॉक्यूमेंटेशन का काम करता था.

 

इसके बाद तीसरा सदस्य नौकरी पाने की चाहत रखने वाले शख्स की मेडिकल जांच कराने का काम करता था. इसी तरह से गैंग के सदस्य कोई कार्ड बनाता था तो कोई ग्राहकों को लाने का काम करता था और जैसे-जैसे काम आगे बढ़ता था, इन लोगों से पैसे वसूले जाते थे. मुंबई पुलिस के मुताबिक इस जॉब रैकेट ने एक-एक सदस्य से करीब 5-5 लाख रुपये की वसूली की है और करीब 15 करोड़ रुपये की जालसाजी की है.

 

गैंग के सदस्यों में मुंबई पुलिस की एक महिला कॉन्स्टेबल भी शामिल है, जो नौकरी छोड़ चुकी थी और नौकरी पाने वाले इच्छुक कैंडिडेट्स को फंसाने का काम करती थी. मामले में दिलचस्प बात यह है किसी भी कैंडिडेट को शक ना हो, इसलिए कुछ लोगों के बैंक अकाउंट में कुछ महीनों तक सैलरी भी भेजी जा रही थी और उन्हें कहीं ना कहीं काम भी दिया जा रहा था. फिलहाल मुंबई पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें 28 दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

उत्तराखंड़ विधान सभा सत्र का दूसरा दिन, विपक्ष का विधानसभा के बाहर गन्ने के साथ प्रदर्शन

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ विधान सभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर मुद्रा रहा, सदन शुरू होने से पहले विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा के बाहर गन्ने के साथ प्रदर्शन कर विरोध जताया | इस दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर हमला बोला. गौर है कि विधानसभा सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहने की उम्मीद जताई जा रही है |
सत्र शुरू होने से पहले जिस तरह से विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा के बाहर हंगामा किया, उससे सदन के अंदर भी हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं |

मंगलवार को सदन शुरू होने से पहले हरिद्वार जिले के तमाम विधायक जिनमें काजी निजामुद्दीन, फुरकान अहमद, ममता राकेश के अलावा विपक्ष के तमाम विधायक सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए गन्ने को लेकर विधानसभा के बाहर पहुंचे और गन्ने मूल्य को लेकर सरकार का घेराव किया | विपक्षी विधायकों का कहना है सरकार गन्ना किसानों के प्रति बेहद उदासीन है, पिछली कांग्रेस सरकार से लेकर अब तक कई किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हुआ है |

वहीं विपक्ष के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आज वह सदन के भीतर किसानों के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे. वहीं इसके अलावा प्रीतम सिंह ने कहा कि वह आज होने वाली कार्य मंत्रणा की बैठक में सदन बढ़ाने को लेकर मांग करेंगे और अगर सदन नहीं बढ़ाया जाता है तो वह कार्य मंत्रणा का बहिष्कार करेंगे |

CBSE छात्रों के लिये बड़ी खबर, फरवरी 2021 के अंत तक नहीं होगी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं

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नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE ) के छात्रों के लिए के बड़ी खबर है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को शिक्षकों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE ) की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी के अंत तक नहीं होंगी।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते इनमें देरी हो रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा बाद में आयोजित की जाएगी, लेकिन एग्जाम की तारीखों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। शिक्षकों के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए ये फ़ैसला लिया गया है कि फरवरी 2021 तक 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी। परीक्षाएं कब आयोजित होंगी इस संबंध में ज़रूरी परामर्श और स्थिति के आकलन के बाद निर्णय लिया जाएगा।’

शिक्षा मंत्री ने ट्वीट करके भी इस संबंध में जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि बहुत से विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित करने के लिए उनसे अनुरोध किया था। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि 2021 में होने वाली बोर्ड परीक्षाएं ऑनलाइन ना होकर लिखित तरीक़े से ली जाएंगी।

 

अल्मोड़ा : दुग्ध संघ कर्मियों का कार्य बहिष्कार, फैक्ट्री गेट पर किया प्रदर्शन

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अल्मोड़ा, दुग्ध संघ लालकुआं के कम ग्रेड-पे के वरिष्ठ क्षेत्र पर्यवेक्षक राजेश मेहता को दुग्ध संघ अल्मोड़ा के प्रधान प्रबंधन का दायित्व दिए जाने से दुग्ध संघ के कार्मिक भड़क गए हैं। कर्मचारियों ने सोमवार को कार्य बहिष्कार कार्यालय गेट पर प्रदर्शन किया। प्रधान प्रबंधन को हटाने तक कार्य बहिष्कार जारी रखने का एलान किया और कहा कि 24 दिसंबर से दुग्धशाला का बहिष्कार कर दूध की सप्लाई भी ठप कर दी जाएगी। साथ ही 24 दिसंबर को होने वाली दुग्ध संघ प्रबंध कमेटी की बैठक का भी विरोध किया जाएगा। बाद में मांगों को लेकर निदेशक/निबंधक डेरी विकास विभाग उत्तराखंड हल्द्वानी को ज्ञापन भी भेजा।

गुस्साए दुग्ध संघ कार्मिक कार्य बहिष्कार कर दुग्ध फैक्ट्री के गेट पर एकत्र हुए और उन्होंने नारेबाजी की। इस मौके पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में दुग्ध संघ अल्मोड़ा के वरिष्ठ कार्मिक देवेंद्र कुमार कांडपाल द्वारा प्रधान प्रबंधक के दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। दो सितंबर 2020 को हुई प्रबंध कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर उन्हें मार्च 2021 तक प्रधान प्रबंधन का दायित्व सौंपने का प्रस्ताव भी किया गया था, जिनका सेवाकाल मार्च 2021 तक है।

वर्तमान में संस्था की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ नहीं है। अन्य दुग्ध संघ के कार्मिक को दुग्ध संघ अल्मोड़ा के प्रधान प्रबंधन का दायित्व नहीं दिया जाना चाहिए। इससे संस्था पर अतिरिक्त व्यय भार पड़ेगा। मांग की कि मार्च 2021 तक देवेंद्र कुमार कांडपाल को ही प्रधान प्रबंधन का दायित्व दिया जाए। दूसरे दुग्ध संघ के सीसीए कैडर के अंतर्गत अपात्र कर्मचारी को अल्मोड़ा दुग्ध संघ का प्रधान प्रबंधक बनाया जाना उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि लालकुआं डेरी के कम ग्रेड-पे के कार्मिक को अल्मोड़ा दुग्ध संघ का प्रधान प्रबंधन बनाया गया है, जबकि दुग्ध संघ अल्मोड़ा में उनसे उच्च ग्रेड-पे के कार्मिक तैनात हैं। यदि उनके तैनाती का आदेश निरस्त नहीं हुआ तो 24 दिसंबर से दुग्ध सप्लाई भी रोकने को कर्मचारी बाध्य होंगे।
प्रदर्शन में अरुण नगरकोटी, शिव शंकर, बलवंत सिंह, प्रेम सिंह, नवीन चंद्र, पंकज सिंह, देवेंद्र कुमार, कमला बिष्ट, मनोहर, पूरन सिंह, वीरेंद्र सिंह, देवेंद्र कुमार, पुष्पा तविारी, आरसी लोहनी, राजेंद्र सिंह लटवाल, दीप चंद्र जोशी, कौशर जहां, राजेश नंदा, महेंद्र सिंह मेहता, नरेश कुमार शर्मा, सुरेश चंद्र बेलवाल आदि शामिल हुए।

हरियाणा : मुख्यमंत्री के काफिले का किसानों ने किया घेराव, सुभाष बराला की गाड़ी को भी बनाया निशाना

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अंबाला, कृषि कानूनों के विरोध के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मंगलवार को अंबाला में किसानों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। आक्रोशित किसानों को काबू करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने किसानों को पीछे किया। इसी धक्का-मुक्की में एक किसान की पगड़ी भी गिर गई। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ। किसानों ने सीएम के काफिले में शामिल हरियाणा भाजपा के पूर्व प्रधान सुभाष बराला की गाड़ी को भी निशाना बनाया। किसान शांतिपूर्ण तरीके से काले झंडे दिखाकर विरोध व्यक्त करने की मांग कर रहे थे। प्रशासन ने चालाकी दिखाते हुए मुख्यमंत्री को दूसरे रास्ते से निकालने का प्रयास किया। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया। करीब एक हजार से ज्यादा किसान मौके पर मौजूद थे।

दरअसल मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अंबाला में भाजपा की मेयर पद की प्रत्याशी डॉ. वंदना शर्मा के समर्थन में मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करना था। सीएम के अंबाला आगमन की सूचना मिलते ही सैकड़ों किसान सिटी के अग्रसेन चौक पर जमा हो गए।

किसानों को संभालने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। किसान पहले ही एलान कर चुके हैं कि जहां-जहां भाजपा-जजपा के बड़े नेता आएंगे वहीं पर काले झंडे दिखाकर विरोध व्यक्त किया जाएगा।

सड़कों की धीमी प्रगति से राज्यमंत्री डॉ. धनसिंह रावत नाराज, लापरवाह अफसरों पर कार्यवाही के निर्देश

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देहरादून, श्रीनगर गढ़वाल विधान सभा की सड़कों के मरम्मत कार्य और डामरीकरण में बरती जा रही कोताही पर राज्यमंत्री डॉ. धनसिंह रावत की नाराजगी के बाद सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने विभाग से रिपोर्ट तलब कर ली है। सचिव लोनिवि के मुताबिक, विभागीय स्तर पर यदि कोताही मिली तो जवाबदेह अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।

धनसिंह रावत ने अपनी विधानसभा श्रीनगर गढ़वाल की सड़कों की धीमी प्रगति को लेकर बैठक में अफसरों को वापस लौटा दिया। उन्होंने सचिव लोनिवि को पत्र लिखकर लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
डॉ. रावत ने अपनी विस की सड़कों को लेकर सोमवार को अधिकारियों की बैठक में कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। बैठक के बाद उन्होंने सचिव लोनिवि आरके सुधांशु को भी दूरभाष पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

सचिव लोनिवि के मुताबिक, पूर्व में हुई बैठकों में दिए गए निर्देशों के क्रम में कार्य की प्रगति का ब्योरा मांग लिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि निर्देशों के अनुरूप कार्य नहीं होगा, जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी