उत्तरकाशी (मोहन सिंह राणा) जिलाधिकारी
डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट के आदेशानुसार एवं अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास के दिशा-निर्देश मे माह अक्टूबर 2024 में जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उत्तरकाशी के तत्वाधान मे एक दिवसीय आपदा संबंधी/ख़ोज- बचाव/स्कूल सुरक्षा जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को विकास खण्ड:- भटवाड़ी के राजकीय इण्टर कालेज जोशियाड़ामें आयोजित किया गया। मस्तान भण्डारी मास्टर ट्रेनर आपदा प्रबन्धन एवं इंस्पेक्टर आनन्द सिह दिगारी एनडीआरएफ के नेतृत्व मे तथा एनडीआरएफ टीम/ क्यूआरटी टीम के सहयोग से विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं विद्यालय कर्मियों सहित 77 को प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आग, सेटेलाइट फोन संचालन विधि , आपदा पूर्व-दौरान-पश्चात की जानकारी ,खोज- बचाव उपकरणों, रोप नॉट्स(गांठे) , इंप्रोवाइज्ड मेथड ऑफ़ स्टेचर मेकिंग, प्राथमिक उपचार/ सीपीआर , राज्य व जनपद आपातकालीन केंद्र के टोल फ्री नम्बरों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य योगेंद्र प्रसाद जोशी भी उपस्थित रहे।
विकासखंड भटवाड़ी के राजकीय इंटर कॉलेज जोशियाडा में आयोजित एकदिवसीय आपदा सबंधी मॉक अभ्यास का प्रशिक्षण
चीन सीमा के चार गांव जुड़ेंगे सड़क से, दो सड़कों के लिए 23 करोड़ जारी
‘सीमांत में खुशी की लहर जिपंस मर्तोलिया ने जताया आभार’
मुनस्यारी, चीन सीमा से लगे चार गांवों को दो मोटर मार्ग का तोहफ़ा मिलने से सीमा क्षेत्र की जनता बेहद खुश है। सीमांत को वाइब्रेंट विलेज का लाभ अब मिलने गया है। इसके तहत इन गांवों के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 2 साल की स्वीकृत हो गई है। मिलम मोटर मार्ग से मापा , गनघर, पांछू गांव के लिए 14 करोड़ तथा टोला गांव के मोटर मार्ग निर्माण के लिए तीन करोड़ की धनराशि स्वीकृत हो गई है।इस बात की सूचना मिलते सीमा क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर व्याप्त है।
सीमा क्षेत्र के इन गांवों को केंद्र सरकार के द्वारा वाइब्रेंट विलेज घोषित किया गया है। केंद्र सरकार इन गांवों में विभिन्न योजनाएं शुरू करने वाली है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया द्वारा भेजे गए मोटर मार्गो की प्रस्तावों में से भारत सरकार ने मुनस्यारी मीलम मोटर मार्ग से मापा, गनघर, पांछू के लिए 6.4 किलोमीटर लंबे मोटर मार्ग के लिए 14 करोड़ की धनराशि से निर्गत की गई है।
मिलम मोटर मार्ग से ही टोला के लिए 3.3 किलोमीटर लंबे मोटर मार्ग के लिए 9 करोड रुपए की राशि निर्गत कर दी गई है।
दोनों मोटर मांगों के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निविदा भी आमंत्रित कर लिया गया है।
धापा से मीलम मोटर मार्ग का निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। इस कार्य को सीमा सड़क संगठन के द्वारा किया जा रहा है। इस मोटर मार्ग से लास्पा, रिलकोट, मर्तोली, बुर्फू, बिलजू, मिलम रोड थ्रू होने के बाद मोटर मार्ग की सुविधा का लाभ मिल जाएगा।
इन दो सड़कों के निर्माण के बाद चीन सीमा से लगे इस क्षेत्र के मापा गनघर, पांछू तथा टोला गांव सड़क मार्ग से जुड़ जाएंगे।
अभी भी चीन सीमा क्षेत्र से लगे इस इलाके में खिलांच, सुमतू, ल्वां तथा रालम गांव मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाया है। इनको भी सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए प्रस्ताव भी भारत सरकार को भी भेजा गया है।इनके स्वीकृति के प्रस्ताव पाइप लाइन में है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने इन दोनों मोटर मार्गो की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय सड़क राज्य मंत्री अजय टम्टा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्र के गांवों के मोटर मार्गो की जुड़ने से विकास के नये आयाम खुलेंगे। इससे सीमा क्षेत्र से पलायन की गति कम होगी और यहां स्वरोजगार के लिए आने वाले लोगों की संख्या में उत्साह जनक वृद्धि होगी।
इस मोटर मार्ग की स्वीकृति सीमा क्षेत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इससे क्षेत्र में पर्यटन विकास के नए द्वार भी खुलेंगे। उन्होंने अन्य शेष प्रस्तावित मोटर मार्गों की भी तत्काल स्वीकृति प्रदान करने की मांग की।
विजिलेंस ने चमोली एवं पौड़ी से 2 रिश्वतखोरों को किया गिरफ्तार
देहरादून, सीएम धामी का भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड़ का संकल्प निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ विजिलेंस की कार्यवाई निरंतर गतिमान है। बीते 48 घंटो में विजिलेंस ने चमोली एवं पौड़ी से 2 रिश्वतखोरों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। शनिवार को विजिलेंस टीम ने पौड़ी जिले के अगरोड़ा क्षेत्र में राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) कैलाश रवि को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
इस घटना के तुरंत बाद रविवार को चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक जयबीर सिंह को 30 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए सतर्कता सेक्टर देहरादून की टीम द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। बीते 48 घंटो में विजिलेंस द्वारा लगातार 2 बड़ी गिरफ्तारियां से मुख्यमंत्री धामी के भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की मुहिम और तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले दिन से ही भ्रष्टाचारियो को सख्त चेतावनी दी है। आम जनता की भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को सुनने के लिए राज्य में “भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064“ को भी लॉन्च किया गया है। एवं प्रदेश के हर छोटे-बड़े सरकारी दफ्तरों में “भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064“ के पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिससे लोगों में जागरूकता पैदा हो। एप में अब तक 980 से ज्यादा विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हुई हैं। इन शिकायतों पर गंभीरता से कार्य करते हुए विजिलेंस ने रिश्वतखोरों को जेल भेजा है। बीते 9 माह में विजिलेंस ने करीब 30 रिश्वतखोरों को जेल भेजा है। बीते 48 घंटे में दो गिरफ्तारियों से यह आंकड़ा 32 के करीब पहुंच गया है। 23 साल के उत्तराखंड में जहां भ्रष्टाचार से जुड़े 281 ट्रैप में कुल 303 गिरफ्तार हुए हैं। वहीं बीते 3 सालों में विजिलेंस ने करीब 70 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता को परेशान करने वाले, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आगे भी तेजी से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में शामिल होगा उसपर कठोर कार्रवाई होगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस को और अधिक सशक्त बनाया गया है।
भ्रष्टाचारियों पर यह कार्रवाई ’भ्रष्टाचारमुक्त एप 1064’ की लांचिंग के बाद तेजी से हुई है। यह एप आम नागरिक के लिए मददगार साबित हो रहा है। इस एप के मार्फत आम नागरिक बेझिझक रिश्वतखोरों, कामचोरों और बेवजह काम लटकाने वालों को सबक सीखा रहे हैं। इस एप में शिकायत करने वाले लोगों की पहचान गुप्त रखी जाती है।
बड़ी खबर देहरादून हाफ मैराथन 2024 (11वां संस्करण) में 1200 धावकों ने भाग लिया
सतपाल ने देहरादून हाफ मैराथन में प्रथम स्थान किया प्राप्त, 1200 धावकों ने लिया भाग
“इस वर्ष देहरादून हाफ मैराथन 2024 की थीम “रन फॉर साइबर सिक्योरिटी” पर रही”
देहरादून, थ्रिल ज़ोन द्वारा देहरादून हाफ मैराथन 2024 (11वां संस्करण) का आयोजित किया गया। जिसका फ्लैग-ऑफ सुबह 5:30 बजे आई टी पार्क, सहस्त्रधारा रोड हुआ। इस वर्ष थीम “रन फॉर साइबर सिक्योरिटी” है जो कि साइबर सुरक्षा जागरूकता माह का हिस्सा है और इसका उद्देश्य ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
देहरादून हाफ मैराथन 2024 (11वां संस्करण) के आयोजक और थ्रिल जोन के संस्थापक पी सी कुशवाह ने बताया कि देहरादून हाफ मैराथन 2024 चार कैटेगरी में में देश भर से आये 1200 महिला और पुरुष धावकों ने 21 कि. मी. फास्टस तथा 10 कि. मी. फास्टस कैटेगरी में भाग लिया।
21 कि. मी. फास्टस पुरुष वर्ग में प्रथम विजेता सतपाल जी रहे जिन्होंने 1 घंटा 22 मिनट और 23 सेकंड में यह मैराथन पूरी की। दूसरे नंबर पर रहे अंकुर शर्मा ने 1 घंटा 23 मिनट और 16 सेकंड तथा तीसरे नंबर पर रहे गुलाब सिंह ने 1 घंटा 29 मिनट और 52 सेकंड में अपनी रेस पूरी करी।
21 कि. मी. फास्टस महिला वर्ग में प्रथम विजेता मेडेलिन रही जिन्होंने 1 घंटा 51 मिनट और40 सेकंड में यह मैराथन पूरी की। दूसरे नंबर पर रही शालू डुडेजा ने 2 घंटा 14 मिनट और 16 सेकंड तथा तीसरे नंबर पर रही प्रीति ने 2 घंटा 15 मिनट और 27 सेकंड में अपनी रेस पूरी करी।
10 कि. मी. फास्टस पुरुष वर्ग में प्रथम विजेता प्रेमपाल सिंह रहे जिन्होंने 39 मिनट और 12 सेकंड में यह मैराथन पूरी की। दूसरे नंबर पर रहे जयंत रावत ने 39 मिनट और 49 सेकंड तथा तीसरे नंबर पर रहे अनंत रावत ने 39 मिनट और 55 सेकंड में अपनी रेस पूरी करी।
10 कि. मी. फास्टस महिला वर्ग में प्रथम विजेता पामेला बहल रही जिन्होंने 57 मिनट और 20 सेकंड में यह मैराथन पूरी की। दूसरे नंबर पर रही अलका जगदीश ने 1 घंटा 1 मिनट और 44 सेकंड तथा तीसरे नंबर पर रही पूजा गुसाईं नेगी ने 1 घंटा 2 मिनट और 8 सेकंड में अपनी रेस पूरी करी।
देहरादून हाफ मैराथन 2024 के सहयोगी पार्टनर के जीविसा वेलनेस और भारत फर्नीचर रहे और साइनोटेक, टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में इसमें शामिल है थे। मैराथन के तकनीकी निदेशक नरेश सिंह नयाल जी थे जिन्होंने कार्यक्रम का प्रबंधन कुशलता पूर्वक किया
चौखंबा से विदेशी महिला पर्वतारोहियों का तीन दिन बाद सुरक्षित रेस्क्यू
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सतत निगरानी और निर्देशन में राहत और बचाव दलों द्वारा एक और कठिन रेस्क्यू अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय से संचालित रेस्क्यू अभियान के उपरांत तीन दिन से चौखम्बा-03 पर्वत में फंसी 02 विदेशी महिला पर्वतारोहियां का आज सुबह सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। दोनों पर्वतारोहियों को राहत और बचाव दलों ने जोशीमठ पहुंचा दिया है। इस पूरे अभियान की एनडीएमए द्वारा भी मॉनिटरिंग की गई।
दिनांक 11 सितंबर को दो महिला पर्वतारोही अमेरिका निवासी मिशेल थैरेसा डूरक (23 वर्ष) तथा इंग्लैंड निवासी फेव जेन मैनर्स (27 वर्ष) चौखंबा पर्वत के आरोहण के लिए दिल्ली से निकले थे। 03 अक्टूबर को देर शाम जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र चमोली को इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि दोनों विदेशी महिला पर्वतारोही चौखम्बा-03 पर्वत (6995 मीटर) में 6015 मीटर की ऊंचाई पर फंस गए हैं।
आईएमएफ द्वारा जिला प्रशासन चमोली से दोनों पर्वतारोहियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने का अनुरोध किया गया। इधर, मा0 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया, उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को तत्काल कार्रवाई कर दोनों पर्वतारोहियों का सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए निर्देश दिए। मा0 मुख्यमंत्री जी से प्राप्त निर्देशों के क्रम में 03 अक्टूबर को ही देर रात अपर जिलाधिकारी चमोली विवेक प्रकाश ने रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को दोनों विदेशी पर्वतारोहियों के हवाई रेस्क्यू के लिए पत्र भेज दिया।
राज्य सरकार के अनुरोध पर रक्षा मंत्रालय द्वारा अगले दिन यानी 04 अक्तूबर को तड़के ही सरसावा एयर बेस से भारतीय वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर रेस्क्यू अभियान हेतु जोशीमठ के लिए रवाना कर दिए गए। वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा उपलब्ध कराए गए कोआर्डिनेट्स पर दोनों पर्वतारोहियों को खोजने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन उनसे किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया।
इधर, एयर ऑपरेशन के जरिये पर्वतारोहियों का पता न चल पाने की स्थिति में प्लान-बी पर भी काम किया गया। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, एसडीआरएफ की आईजी ऋद्धिम अग्रवाल और यूएसडीएमए के एसीईओ ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी द्वारा राहत और बचाव दलों के साथ मिलकर एक लैंड बेस्ड ऑपरेशन की योजना भी बनाई गई और एसडीआरएफ की टीम को 05 अक्तूबर को एडवांस बेस कैंप तक भेजा गया। इधर, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम को भी लैंड बेस्ड ऑपरेशन के लिया तैयार किया गया।
फ्रांस के दल ने निभाई बड़ी भूमिकादेहरादून(आरएनएस)। दोनों महिला पर्वतारोहियों ने पेजर के माध्यम से 03 अक्तूबर को अपने दूतावास को अवगत कराया कि वे चौखंबा से पहले फंस गए हैं तथा उनका सामान खाई में गिर गया है, जिसमें उनका भोजन तथा पर्वतारोहण से संबंधित आवश्यक उपकरण हैं। इनके बिना न वे ऊपर जा सकते हैं और न नीचे आ सकते हैं। इसके बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा इसकी सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को दी गई, जिसके बाद एसडीआरएफ तथा वायु सेना द्वारा रेस्क्यू प्रारंभ किया गया।
इधर, वायु सेना तथा एसडीआरएफ द्वारा लगातार दोनों पर्वतारोहियों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन उनकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था, वैसे-वैसे राहत और बचाव दलों के सामने दोनों महिलाओं को सुरक्षित बचाने की चुनौती भी बढ़ती जा रही थी। उधर, 18 सितंबर को फ्रांस के पांच पर्वतारोहियों का एक दल भी चौखंबा पर्वत के आरोहण के लिए निकला था। आईएमएफ द्वारा 6015 मीटर की ऊंचाई पर दो महिला ट्रैकर्स के फंसे होने की जानकारी इस दल को दी गई।
वहीं प्रशासन द्वारा फ्रांस के दल को दोनों की संभावित लोकेशन दी गई और यह दल भी दोनों ट्रैकर्स को खोजने में जुट गया और 05 अक्टूबर को देर शाम फ्रांस के पर्वतारोहियों का दल इन तक पहुंचने में सफल रहा। उनके द्वारा प्रशासन को अवगत कराया गया कि दोनों महिलाएं सुरक्षित हैं। तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली। उन्होंने राहत और बचाव दलों के साथ अपने कोऑर्डिनेट्स साझा किए और रविवार सुबह लगभग पौने सात बजे वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर जोशीमठ पहुंचा दिया गया। इधर, एसडीआरएफ की टीम को भी एडवांस बेस कैंप से हेलीकॉप्टर के जरिये वापस जोशीमठ लाया गया।
सटीक रणनीति और उत्कृष्ट समन्वय से बची जानदेहरादून(आरएनएस)। यूएसडीएमए के एसीईओ-ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी और उनकी टीम ने इस रेस्क्यू अभियान को कुशल रणनीति के साथ बेहद पेशेवर अंदाज में संचालित किया। 03 अक्तूबर को जैसे ही यह सूचना एसईओसी को प्राप्त हुई, उन्होंने रात को ही सैन्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय भारत सरकार के साथ ही जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी के साथ समन्वय स्थापित कर भारत सरकार से रेस्क्यू के लिए सभी क्लीयरेंस प्राप्त कर लीं तथा रात में ही रेस्क्यू अभियान की पूरी रणनीति बना ली गई। उनके द्वारा पल-पल की मॉनिटरिंग की जाती रही तथा राहत और बचाव दलों को जो भी मदद की जरूरत महसूस हुई वह उपलब्ध कराई गई तथा जो दिक्कतें आई उन्होंने उनका त्वरित गति से समाधान किया गया। रेस्क्यू अभियान में जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी और उनकी टीम द्वारा भी सराहनीय कार्य किया गया। 03 अक्तूबर को रात ढाई बजे तक उनकी टीम द्वारा यूएसडीएमए के एसीईओ-ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी के साथ रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर कार्य किया गया। एयर तथा लैंड ऑपरेशन के लिए सभी जरूरी संसाधनों की व्यवस्था की। यूएसडीएमए के एसीईओ-ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी और जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी के निर्देशन में बनी कुशल रणनीति और उत्कृष्ट समन्वय का ही परिणाम रहा कि अगले दिन तड़के ही वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर जोशीमठ पहुंच गए तथा आज फंसे हुए टै्रकर्स का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। इस पूरे अभियान में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी चमोली नंद किशोर जोशी की भूमिका भी सराहनीय रही।
मा0 मुख्यमंत्री ने की राहत और बचाव दलों की सराहनादेहरादून(आरएनएस)। मा0 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस पूरे अभियान की लगातार मॉनिटरिंग की जाती रही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी भी संसाधन की कमी न रहे। फंसे हुए पर्वतारोहियों को सकुशल निकालने के लिए सभी प्रयास किए जाए। इधर, दोनों पर्वतारोहियों के सफल रेस्क्यू के बाद मा0 मुख्यमंत्री ने मदद के लिए मा0 प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने सफल रेस्क्यू अभियान संचालित करने के लिए यूएसडीएमए के अधिकारियों के साथ ही वायु सेना, एसडीआरएफ की आईजी ऋद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी तथा उनकी टीम और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम की सराहना की है।
वाट्सएप ग्रुप में बनी पूरी रणनीतिदेहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित कंट्रोल रूम में ऐसे अभियानों की सफल संचालन को लेकर कुशल रणनीति तैयार की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की पहल पर एसीईओ क्रियान्वयन, डीआईजी राजकुमार नेगी के निर्देशन में एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिसमें पूरे रेस्क्यू अभियान को लेकर राहत और बचाव दलों ने रणनीति तैयार बनाई। कब क्या करना है, कहां से क्लीयरेंस लेनी हैं, कब और कहां से ऑपरेशन प्रारंभ करना है, इन सबकी रणनीति इसी ग्रुप में बनी। बता दें कि 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा के दौरान रेस्क्यू अभियान के लिए भी एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसने राहत और बचाव कार्यों को सफलतापूर्वक संचालित करने में अहम भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने दी जनपद को सौगात , 25 घोषणाओं में त्रियुगीनारायण-तोषी गरूडचट्टी मार्ग स्वीकृति, सुमाड़ी को नगर पंचायत बनाये जाने की कही बात।
रुद्रप्रयाग- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि क्रीड़ा मैदान में लखपति दीदी अभियान शक्ति को सम्मान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केदारघाटी के स्थानीय उत्पादों को देश- विदेश में केदार ब्रांड बनाकर तैयार कर विपणन किया जाएगा। मातृशक्ति की आजीविका सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा वहीं घाटी के होम स्टे से लेकर अन्य सुविधाओं को भी इसके अंतर्गत पहचान दी जाएगी। केदारघाटी की धार्मिक पहचान के साथ राज्य सरकार घाटी को नई पहचान दिलाने के लिए इसके अंतर्गत कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ विधानसभा की दिवंगत विधायक शैला रानी रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन पर मैंने इस विधानसभा की जिम्मेदारी बतौर उनका प्रतिनिधि लेने का आश्वासन दिया था। इसी क्रम में लगातार क्षेत्र के विकास के लिए शासन- प्रशासन सहित वरिष्ठ मंत्री इसमें लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीते दिनों 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते भारी नुकसान हुआ, सड़कें और पैदल मार्ग बंद हो गए थे। यात्रा मार्ग पर फंसे विभिन्न स्थानों से करीब 15 हजार लोगों को रिकॉर्ड समय में मैनुअल एवं हैली से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा 15 दिनों में पैदल मार्ग को सुचारू कर एक महीने के भीतर ही यात्रा को पूर्व जैसे भव्य स्वरूप में वापस लाया गया। उन्होंने स्थानीय जनता एवं केदार घाटी के लोगों को इस पूरे रेस्क्यू अभियान से लेकर यात्रा को दोबारा समय पर शुरू करवाने के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को नई पहचान दिलाने के लिए मातृशक्ति बड़ी अहम भूमिका निभा रही है। पूरे प्रदेश के अंदर सैकड़ों की संख्या में महिला स्वयं सहायता समूहों में जुड़ी हजारों महिलाएं वर्ड क्लास उत्पाद तैयार कर अपने समूह और राज्य को नई पहचान दिला रही हैं। लगातार उनकी आजीविका में सुधार हो रहा है। वहीं प्रदेश सरकार ने हाउस ऑफ हिमालयाज कम्पनी का गठन कर प्रदेश के उत्पादों की नई सिरे से ब्रांडिंग कर मातृशक्ति को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इन्हीं महिला समूहों द्वारा 110 आउटलेट चारधाम यात्रा मार्गों पर खोले गए हैं जिनसे उनकी आजीविका सुदृढ़ हो रही है। रुद्रप्रयाग जनपद में 4000 से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बनने में सफल रही हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश और प्रदेशवासियों के हित में जल्द सख्त भू- कानून लागू होने जा रहा है। जिन लोगों ने अवैध रूप से जमीनों की खरीद फरोख्त की है उनसे जमीन वापस लेकर सरकारी भूमि में निहित की जाएगी। वहीं देश में सर्वप्रथम समान नागरिकता संहिता लागू करने वाला पहला प्रदेश भी उत्तराखण्ड बनने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केदारनाथ धाम एक था, एक है और एक ही रहेगा, देश में किसी भी स्थान पर उत्तराखंड के चार धामों के प्रयोग कर कोई मंदिर नही बनने दिया जाएगा।
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, राज्यमंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, विधायक शक्ति लाल शाह, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा आशा नौटियाल, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आईजी करन नगन्याल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी एवं भारी संख्या में मातृशक्ति एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं
1. त्रियुगीनारायण-तोषी गरूडचट्टी मार्ग स्वीकृति
2. विजयनगर झूला पुल से रामलीला मैदान के पीछे एप्रोच रोड एवं पार्किंग का निर्माण किया जाएगा।
3. स्व० शहीद फते सिंह रा०उ०मा०वि० बाडव का उच्चीकरण कर इण्टरमीडिएट किया जाएगा।
4. श्री वासुदेव मंदिर पुजारगांव के सौन्दर्गीकरण हेतु रुपए 01 करोड की स्वीकृति।
5. ग्राम मैठाणा के पणसिल्ला नामी तोक में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति।
6. राजकीय इंटर कॉलेज नागजगई, रांसी, पौठी, बावई, कमसाल, ग्वेफड़, खाखंरा, बीना में कला वर्ग के पदों की स्वीकृति दी जाएगी।
7. ग्राम सभा नाला में त्रिपुरासुन्दरी खेल मैदान, ग्राम सभा बडेथ (तालजामण) के बुगला तोक, शिवानन्दी, रणधार बांगर एवं कोठगी में मिनी स्टेडियम के निर्माण की स्वीकृति।
8. पर्यटक स्थल बधाणीताल का सौन्दर्यकरण किया जायेगा।
9. सुमाड़ी को नगर पंचायत बनाया जायेगा।
10. थाती बड़मा में वैटनरी मेडिकल की स्वीकृति (पूर्व में प्रस्तावित स्वीकृति सैनिक स्कूल की भूमि पर)
11. चिरबटिया आईटीआई का भवन निर्माण किया जायेगा।
12. रुद्रप्रयाग में सर्किट हाउस का निर्माण किया जायेगा।
13. गंगाधर मैठाणी राजकीय महाविद्यालय विद्यापीठ में बीएससी, एमएससी एवं एमए के साथ स्नातकोत्तर की स्वीकृति दी जाती है।
14. नाला से जाखधार- बणसू- त्यूडी तक मोटर मार्ग का डामरीकरण किया जायेगा।
15. चोपता में पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन के अवशेष निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु वन पत्रावली का निस्तारण किया जायेगा।
16. ऊखीमठ- पिंगलापानी पेयजल योजना की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है।
17. गुप्तकाशी- मस्ता- कालीमठ मोटर मार्ग की स्वीकृति दी जाती है
18. सिल्ला- बामण गाँव में साणेश्वर मन्दिर, सिद्धपीठ आशुतोष महादेव, तुगेश्रवर महादेव मन्दिर, फलासी एवं महड़ महादेव मंदिर महड़ गांव के सौंदर्गीकरण के लिए 25-25 लाख रुपए की स्वीकृति दी जाती है।
19. बसुकेदार में तहसील भवन के निर्माण की स्वीकृति दी जाती है।
20. पूर्व घोषणा के अंतर्गत शहीद रामसिंह राणा रा० उ०मा०वि० कालीमठ के उच्चीकरण की सैधान्तिक स्वीकृति ।
21. उरोली से कुंड सौड तक 2 किलोमीटर मोटर मार्ग की स्वीकृति दी जाती है।
22. जनता इंटर कॉलेज देवीधार (मोलखाचौरी) में भूगोल, ग्रह विज्ञान, मनो विज्ञान, एवं विज्ञान वर्ग की इंटर स्तर पर वित्त सहिता मान्यता स्वीकृति दी जाती है।
23. बदरी-केदार मंदिर समिति में अस्थाई कर्मियों का वन टाइम सेटलमेन्ट विनियमितीकरण किया जायेगा।
24. नगर पालिका परिषद रूद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि एवं नगर पंचायत तिलवाड़ा तथा ऊखीमठ के बाल्मिकी बस्ती के निवासियों हेतु आवासीय सुविधा की व्यवस्था की जायेगी।
25. फाटा में नई पार्किंग व्यवस्था विकसित की जाएगी
कार की किश्तें नहीं चुका पाया तो बन गया तस्कर
अल्मोड़ा(आरएनएस)। अल्मोड़ा पुलिस की भतरौजखान टीम ने 10 लाख 35 हजार के गांजे के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। एसएसपी देवेन्द्र पींचा के निर्देशों पर जनपद पुलिस अवैध मादक पदार्थों के तस्करों पर लगातार कार्यवाही कर रही है। दरअसल शनिवार को भतरौजखान थाना पुलिस टीम भिकियासैण पुल के पास चेकिंग कर रही थी, इस दौरान एक स्विफ्ट डिजायर कार आती दिखी जिसके ड्राइवर ने पुलिस को देखकर गाड़ी भगा दी। करीब साढ़े चार किलोमीटर कार का पीछा कर पुलिस टीम ने आखिरकार आरोपी को दबोच लिया। आरोपी राजीव रावत (38 वर्ष) पुत्र हरि सिंह रावत निवासी ग्राम रिगोंडा, रामनगर जिला नैनीताल की कार से चार कट्टों में 41.40 किलो गांजा मिला। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह कार टैक्सी में चलाता है, जिसे उसने बैंक किश्तों में लिया था, जिसकी किश्तें नहीं दे पा रहा था। अधिक पैसे कमाने के लिये गांजा तस्करी करने लगा। वह इस गांजे को इकूखेत-सराईखेत से ला रहा था जिसे रामनगर व काशीपुर क्षेत्र में बेचने के लिये ले जा रहा था। यहाँ पुलिस टीम में एसआई संजय जोशी, कांस्टेबल शमीम अहमद, महेन्द्र सिंह, हरीश पांडे शामिल रहे।
उत्तराखंड में बनेगा सख्त भू-कानून : मुख्य सचिव
रुद्रपुर(आरएनएस)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी रविवार को रुद्रपुर पहुंचीं। उनका कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत एवं डीएम उदयराज सिंह ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। मुख्य सचिव ने पहाड़गंज के वेंडिंग जोन और निर्माणाधीन सर्किट हाउस (पूर्व ट्रंचिंग ग्राउंड) का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सख्त भू-कानून बनाया जाएगा। अवैध रूप से जमीन की खरीद-फरोख्त पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराधों की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। कलेक्ट्रे में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सख्त भू-कानून बनाया जा रहा है, जिसमें अधिकारियों व आमजन की राय ली जा रही है। उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए महिलाओं एवं बच्चों पर होने वाले अपराधों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने और स्लम बस्तियों में होने वाले अपराधों को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एवं घरेलू हिंसा रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। कहा कि पुलिस थानों में आने वाले पीड़ितों की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर निस्तारण करें। इस दौरान डीएम उदयराज सिंह व सीडीओ मनीष कुमार ने मुख्य सचिव को जनपद में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य सचिव ने पूर्व ट्रंचिंग ग्राउंड में किया पौधारोपण: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पहाड़गंज के पूर्व ट्रचिंग ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण कर पौधारोपण किया। उन्होंने पहाड़गंज से कूड़ा हटाने और राष्ट्रीय राजमार्ग से हटाए गए रेहड़ी-ठेली वालों के जीवकोपार्जन के लिए बनाए जा रहे वेंडिंग जोन का निरीक्षण कर जिला प्रशासन की सराहना की। कहा कि जिले में प्रशासन ने सरकारी भूमि से अवैध कब्जों को हटाकर ऐतिहासिक काम किया है।
बैठक में ये रहे मौजूद : बैठक में मंडलायुक्त दीपक रावत, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एडीएम अशोक कुमार जोशी, मुख्य नगर आयुक्त रुद्रपुर नरेश दुर्गापाल, काशीपुर विवेक राय, डीएफओ यूसी तिवारी, परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी, एसपी सिटी मनोज कत्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट आशिमा गोयल, एसडीएम मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पांडे, उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी, सीएमओ डॉ़ मनोज शर्मा, मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध, मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन आदि मौजूद रहे।
रामलीला का तीसरा दिन : लक्ष्मण परशुराम संवाद की चौपाई व गानों से दर्शकों हुये मंत्र–मुग्ध
‘उत्तराखंड आंदोलनकारियों के सम्मान से हुआ भव्य रामलीला में सीता– स्वयंवर का मंचन’
देहरादून, श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी – पुरानी टिहरी प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु देहरादून के टिहरी–नगर के “आजाद मैदान, टिहरी नगर, निकट बंगाली कोठी, दून यूनिवर्सिटी रोड, देहरादून ” में 11 दिन की ‘भव्य रामलीला’ का मंचन शारदीय नवरात्रों में 3 से 13 अक्टूबर 2024 तक किया जा रहा है।
श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा, 1994 में आंदोलन में सभी वर्गो व व्यापारियों ने राज्य के संघर्ष में अपना सहयोग दिया था। उत्तराखंड राज्य का निर्माण संघर्षों, बलिदानों और शहादत से हुआ है अतः रामलीला ने आज के दिवस को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को समर्पित कर शहीदों को नमन कर रामलीला मंचन किया गया l
श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी की रामलीला 1952 के ‘आजाद मैदान में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में इसको 21 वर्षों बाद भव्य रूप से 2023 में पुनर्जीवित किया गया। 2023 में आयोजित भव्य रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लेजर शो व
डिजिटल लाइव टेलीकास्ट सिस्टम का प्रसारण किया गया था जिससे विभिन्न माध्यमों के द्वारा हमारे रामलीला मंचन को 2023 में रिकॉर्ड 10 लाख लोगों तक पहुंचने में सफलता पाई। इससे गढ़वाल के इतिहास को भव्य रूप से पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा। इस बार रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार डिजिटल लाइव टेलीकास्ट सिस्टम से रामलीला मंचन का प्रसारण को 50 लाख से अधिक दर्शको द्वारा देखा जाएगा। रामलीला के तीसरे दिन सीता स्वयंवर, धनुष खंडन व परशुराम – लक्ष्मण संवाद का शानदार मंचन रहा। सीता स्वयंवर में विभिन्न राजाओं ने हास्य अभिनय से माहौल खुशनुमा कर दिया। परशुराम – लक्ष्मण संवाद में किरदारों ने पौराणिक चौपाई व गानों से दर्शकों को मंत्र–मुग्ध कर दिया। लेजर शो में आरती का आकर्षण में दर्शकों ने आनंद लिया।
कार्यक्रम में अध्यक्ष अभिनव थापर,सचिव अमित पंत, अतिथिगणों के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, महामंत्री रामलला खंडूरी, कोषाध्यक्ष जयदीप सकलानी, अमित ओबेरॉय, विकेश नेगी, भू–कानून मूल निवास संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी, लुसून ढोडरिया प्रांजल नौडियाल आदि ने भाग लिया।
शेरपुर में अनेक लोगों ने लगाया उनकी जमीन कब्जाने का आरोप, भारतीय सेना में नायब सूबेदार ने मीडिया समक्ष रोया अपना दुखड़ा
देहरादून, राज्य बनने के बाद से उत्तराखंड़ में जमीन के खरीद फरोख्त में धांधली और जमीन कब्जाने का खेल बखूबी से पल बड़ रहा है, ऐसा ही एक मामला थाना सहसपुर क्षेत्र के अंतर्गत शेरपुर में कुछ लोगों द्वारा एक नायब सूबेदार सहित अनेक लोगों की भूमि कब्जाने का सामने आया I राज्य की राजधानी देहरादून के शेरपुर में भूमि हड़पने का यह मामला आज रविवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में मीडिया के सम्मुख पीड़ित लोगों द्वारा रखा गया I
मीडिया के सम्मुख यह धोखाधड़ी का मामला रखते हुए जीएमएस रोड निवासी सतपाल सिंह तथा अन्य भुक्त भोगी लोगों ने बताया कि शेरपुर में उनके द्वारा आज से कई वर्ष पूर्व भूमि खरीदी गई थी I इस भूमि पर उनके द्वारा तरबन भी कर दी गई थी बाद में एक के हिस्से वाली भूमि पर कुछ निर्माण कार्य भी किया जा चुका था, लेकिन समय बीतने पर मौके पर जाकर देखा कि तार-बाढ और निर्माण किए गए भवन को ध्वस्त कर दिया गया है, जिसे देखकर काफी हैरानी और परेशानी हुई I पीड़ित सतनाम सिंह द्वारा पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया गया कि जो भूमि उन्होंने शेरपुर में क्रय की थी, उस पर जगमोहन सिंह रौथान द्वारा कब्जा कर लिया गया है और निर्माण किए भवन तथा चारों तरफ की गई तारबाड़ को भी हटा दिया गया है I
पत्रकार वार्ता में मौजूद एक अन्य पीड़ित नायब सूबेदार सुधीर रावत ने बताया कि वह वर्तमान समय में भारतीय सेना के गढवाल राइफल्स राजस्थान में सुबेदार के पद पर है I मेरा परिवार किराये के मकान में क्लेमनटाउन एरिया में रहता है। मुझे व मेरे भाई मनोज रावत को आवासीय प्लाट की आवश्यकता थी और हमारा परिचय मोहन सिंह रावत पुत्र नारायण सिंह रावत निवासी ग्राम बड़ोवाला देहरादून व उनके सहयोगी अरुण रतूड़ी, निवासी पोस्ट ऑफिस आर्केडियाग्रान्ट, सुरेश उनियाल निवासी नया गाँव, पेलिओ, देहरादून व दिलबर सिंह कंडारी निवासी गणेशपुर कारबारी ग्रांट देहरादून से हुआ, जो कि प्रापर्टी का काम करते हैं। इन लोगों ने हमे शेरपुर में जमीन खसरा नम्बर 1753 (ख) दिखाई, जो हमे पसन्द आ गई और हम जमीन खरीदने के लिए तैयार हो गये। उक्त जमीन में से मेरे भाई 376 वर्गमीटर अर्थात् 450 वर्गगज अपनी पट्टी रेनू रावत और 188 वर्गमीटर अर्थात 225 वर्गगज का रजिस्टर्ड बैनामा 17 दिसंबर 2012 को मैंने अपनी पत्नी नीरू रावत के नाम पर पंजीकृत कराकर बाद दाखिल खारिज के उक्त भूमि पर कब्जा लेकर तारवाड़ कर दिया गया। माह सितम्बर में अपने परिवार के लिए मकान बनाने के आशय से अपनी युनिट से छुट्टी लेकरवह देहरादून आया और अपने परिवार के लोगों के साथ जमीन पर गया तो देखा कि हमारी जमीन पर लगाई गई तारबाड को तोड़ दिया गया है। उस समय हमें अपने प्लाट पर दो व्यक्ति बैठे हुए मिले, उनसे हमने तारबाड तोडने के बारे में पूछा तो, उन्होंने हमे बताया कि यह जमीन जगमोहन सिंह रौथाण की है, उन्हीं से जाकर मालूम करें I हम तो सिर्फ चौकीदार हैं। हमने उन लोगों से कहा कि यह जमीन तो हमने 2012 में बैनामा के द्वारा खरीदी थी I यह भूमि ऐसे में जगमोहन सिंह रौथाण की कैसे हो सकती है I तो उन लोगों ने कहा कि हमें कुछ नहीं पता, आपको जो भी बात करनी है, वह जगमोहन सिंह से करना या जिन लोगों में आपने जमीन खरीदी है उनसे जानकारी करो। हुमने मोहन सिंह रावत व अरुण रतूडी तथा दिलबर सिंह कंडारी से सम्पर्क किया, तो उन्होंने कहा कि हमने तुम्हें जमीन बेच दी है, अब तुम जानो, हमारा इससे कोई मतलब वास्ता नहीं है। बताया गया कि जबकि खतौनी मे खसरा नम्बर 1754 (ख), 1755, (क) 1752 (ख) 1753(क), 1758 (क) जगमोहन सिंह रौथाण के नाम पर दर्ज है,खसरा 1753 (ख) दर्ज नहीं है जो कि हमारी भूमि है I
मीडिया से बातचीत करने वाले पीड़ितों द्वारा कहा गया कि जगमोहन सिंह व अन्य भूमाफियों द्वारा आपस में मिलकर भूमि कब्जाने का अपराधिक कृत्य किया गया है I इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र देकर भी अवगत कराया जा चुका है I पत्रकार वार्ता में सरदार सतपाल सिंह, रेनू रावत, मनोज रावत, नीलू रावत, सुधीर रावत उपस्थित रहे I
अब निराशा की गुंजाइश नहीं, बची रहेगी हमारी लोकभाषाएं : नेगी
“इस मौके पर गीत संगीत से सजी रामलीला की नृत्य नाटिका का हुआ भावपूर्ण मंचन”
देहरादून, उत्तराखंड की लोक संस्कृति के शिखर पुरुष और प्रख्यात लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने विश्वास व्यक्त किया है कि जिस तरह से लोक भाषा की विविध विधाओं में लेखन और सृजन हो रहा है, उससे भरोसा हो रहा है कि अब हमारी लोक भाषाओं का अस्तित्व बना रहेगा।
दो दशक पहले तक यह स्थिति नहीं थी, तब एक तरह का संकट मंडरा रहा था किंतु आज नई पीढ़ी अपनी भाषा, संस्कृति के प्रति सजग दिख रही है तो उम्मीदें भी बढ़ी हैं। नेगी संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में हिमालयी लोक साहित्य और संस्कृति विकास ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित गढ़वाली रामलीला पुस्तक के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गढ़वाली रामलीला ग्रंथ गढ़वाली के प्रसिद्ध नाटककार कुलानंद घनसाला ने लिखी है जबकि प्रकाशन विनसर पब्लिशिंग कंपनी ने किया है। इस अवसर पर श्री घनसाला द्वारा लिखित गढ़वाली रामलीला के चुनिंदा प्रसंगों का मंचन भी किया गया जिसे दर्शकों ने मुक्त कंठ से सराहा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तराखंड शासन की मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी थी, जबकि पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी और ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय जसोला विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम का संचालन गढ़वाली के प्रसिद्ध कवि और संस्कृतिकर्मी गिरीश सुंदरियाल ने किया।
श्री नेगी ने कुलानंद घनसाला को उनकी उत्कृष्ट रचना के लिए बधाई देते हुए कहा कि रामलीला का मंचन उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग है और अभिनय की यह पहली पाठशाला है। रामलीलाओं से ही हमारे कला जगत में अनेक कलाकार स्थापित हुए हैं और श्री घनसाला की इस कृति के लोगों के बीच पहुंचने के बाद समाज इसे अंगीकृत करेगा।
मुख्य अतिथि श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि रामलीला का मंचन जहां सांस्कृतिक आयोजन है, वहीं इससे भाषा का संरक्षण और संवर्धन भी होगा। उन्होंने इस विशिष्ट आयोजन के लिए कुलानंद घनसाला और उनकी टीम को बधाई दी। विशिष्ट अतिथि अनिल रतूड़ी ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि राम का व्यक्तित्व विराट है। राम वैदिक युग से हैं। राम के चरित्र का वर्णन संस्कृत से लेकर तमाम भाषाओं में हुआ है।
गोस्वामी तुलसीदास ने तो उस कालखंड में रामचरित मानस की रचना की जब अकबर का शासन था। उनका कहना था कि दुनिया की अनेक सभ्यताएं खत्म हो गई लेकिन यह राम के चरित्र की विराटता ही है कि भारत की संस्कृति अमिट है। प्रो. संजय जसोला ने सुदूर पूर्व के थाईलैंड, इंडोनेशिया के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उन लोगों ने धर्म जरूर बदला लेकिन संस्कृति नहीं छोड़ी। वहां आज भी रामलीला आयोजित होती हैं।
कुलानंद घनसाला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह रामकाज भगवान राम ने ही उनसे करवाया है। वे 1988 से इसकी परिकल्पना कर रहे थे, अब यह साकार हुई है। उन्होंने गढ़वाली में पहली बार रामलीला का मंचन करने वाले स्व. गुणानंद पथिक और अन्य लोगों का स्मरण करते हुए कहा कि भगवान राम की प्रेरणा से अब उनका यह सपना साकार हो गया है।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में कुलानंद घनसाला कृत रामलीला पर आधारित सम्पूर्ण रामायण के सार रूप में कलाकारों ने मंचन किया। डेढ़ घंटे की इस प्रस्तुति में दर्शक मंत्रमुग्ध होकर अभिनव प्रस्तुति का आनंद लेते रहे। खचाखच भरे प्रेक्षागृह में अनेक मौके ऐसे भी आए जब दर्शक भावविभोर दिखे।
दिनेश बौड़ाई और इंदु रावत ने सूत्रधार की शानदार भूमिका अभिनीत की। दशरथ की भूमिका रमेंद्र कोटनाला ने शानदार ढंग से निभाई, राम की भूमिका आयुष रावत, लक्ष्मण की भूमिका में आलोक सुंदरियाल, सीता की भूमिका में अनुप्रिया सुंदरियाल ने अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ी। विजय डबराल ने परशुराम का सशक्त अभिनय किया जबकि रावण का अभिनय दिनेश भंडारी ने किया।
शुरुआत में गौरव रतूड़ी ने श्रवण कुमार की भूमिका में और गोकुल पंवार ने शांतनु के रूप में भावविभोर किया। गोकुल पंवार ने कुछ अंतराल के बाद निषाद राज की भूमिका भी निभाई। हनुमान का किरदार मुकेश हटवाल ने निभाया। अंगद की भूमिका में ओमप्रकाश काला और शूर्पनखा की भूमिका में डॉ. सृष्टि रावत ने गहरी छाप छोड़ी। इसके अतिरिक्त कैकई की भूमिका में भावना नेगी ने एक सिद्धहस्त कलाकार का प्रमाण दिया।
सीता की भूमिका निभा रही अनुप्रिया सुंदरियाल पहली बार मंच पर थी किंतु उसने अपने सशक्त अभिनय से सिद्ध किया कि वह रंगमंच की मंझी हुई कलाकार है। इसी तरह शूर्पनखा की भूमिका निभा रही भावना नेगी ने भी अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी। गीत नाटिका के रूप में अभिनीत इस प्रस्तुति में ओम बधानी का संगीत पक्ष बेहद दमदार रहा। दृश्य परिवर्तन के साथ मंच व्यवस्था को यंत्रवत परिवर्तित करने में घनसाला की पूरी टीम बता रही थी कि टीम ने भरपूर अभ्यास किया। इस
कार्यक्रम के प्रस्तुति नियंत्रक मदन मोहन डुकलान थे। डुकलान ने एक बार फिर सिद्ध किया कि वे मंच पर जितने खरे हैं, मंच के पीछे भी उतने ही कारगर हैं। निसंदेह यह प्रस्तुति लोगों को लंबे समय तक याद रहेगी और यही कुलानंद घनसाला की सफलता भी है। इसके साथ ही यह संभावना भी बढ़ गई है कि गढ़वाल में रामलीला मंचन में इस अंदाज को लोक समाज आत्मसात कर इसे आगे बढ़ाएगा। आम तौर पर हिंदी में मंचित होने वाली रामलीला अगले कुछ वर्षों में गढ़वाली में अंगीकृत हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।
ललित मोहन कोठियाल स्मृति पर दिवस पर विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को किया पुरस्कृत
पौड़ी, उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट पौड़ी के द्वारा ललित मोहन कोठियाल स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी इंटर कॉलेज पौड़ी में पोस्टर प्रदर्शनी, व्याख्यान का आयोजन किया गया।
आयोजन की शुरुआत ट्रस्ट के महा सचिव नरेश नोड़ियाल ने ललित मोहन कोठियाल के जीवन के बारे बताते हुये आयोजन में आए सभी लोगों का स्वागत किया। महात्मा गांधीजी के जीवन पर बात रखते हुये विकास बड़थ्वाल प्रयास ने गाँधी ने कहा बच्चे सीधे तौर पर अपने जीवन में उतार सकते हैं। सत्य खुद की गलतियों को स्वीकारना और उनसे सीखना, समाज के हर वर्ग को बराबर मानना और बराबरी का व्यवहार करना अहिंसा और सेवा का भाव। इन 5 विचारों के इर्द-गिर्द कुछ उदाहरण के साथ ही गांधी जी पर आधारित प्रश्नों के जरिए संदर्भदाता ने गाँधी के पूरे जीवन चरित्र को बच्चों के समक्ष रखा।
उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट पौड़ी ने पत्रकार ललित की स्मृति में डीएवी इण्टर कॉलेज में विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभावान चार छात्र-छात्राओं अमन थपलियाल राइका पौड़ी, मो. जोहद एमआईसी पौड़ी, कु० दीप्ति. राकइका पौड़ी, धर्मेश जवाड़ी को ललित मोहन कोठियाल प्रतिभा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती रेनू नेगी प्रभारी प्रधानाचार्य डीएवी इंटर कॉलेज पौड़ी ने की। इस अवसर पर नागरिक कल्याण मंच पौड़ी के अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत, गब्बर सिंह , ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत, प्रशांत नेगी ने भी अपने विचार रखे।
आशीष नेगी ने कार्यक्रम का संचालन किया व ट्रस्ट के बारे में बताया। इस अवसर पर,सुदर्शन, स्वप्निल धसमाना, राजेंद्र रावत, मीनाक्षी, श्वेता के साथ ही विद्यालय स्टॉफ व अजीम प्रेमजी से जुड़े सहयोगी शामिल थे, कार्यक्रम संचालन में अज़ीम प्रेम फाउंडेशन पौड़ी, डीएवी इंटर कॉलेज विद्यालय परिवार ने विशेष सहयोग किया।
सामाजिक संगठनों और विपक्षी राजनीतिक दलों ने दून में निकाला सद्भावना मार्च
“साम्प्रदायिकता ताकतों को जवाब देने के लिए उतरे सड़कों पर”
देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), दून और राज्य के अन्य हिस्सों में बार-बार साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के प्रयासों के बीच रविवार को बड़ी संख्या में लोग मुंह पर सफेद पट्टी बांधकर और हाथों में तख्तियां लेकर दून की सड़कों पर उतरे। विभिन्न सामाजिक संगठनों और विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से निकाले गये मौन सद्भावना मार्च में सैकड़ों लोग शामिल हुए।
साम्प्रदायिक एकता और सद्भावना में विश्वास रखने वाले सैकड़ों लोग दोपहर को गांधी पार्क में एकत्रित हुए। यहां सतीश धौलाखंडी और इंद्रेश मैखुरी ने एकता और बंधुत्व को लेकर जनगीत गाये गये।
उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने मार्च के नियमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह मार्च किसी के खिलाफ नहीं है और न ही हम इस मार्च के माध्यम से सरकार से कोई मांग रखने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब धर्म के नाम पर कानून हाथ में लिया जाता है और ऐसे तत्वों के खिलाफ सरकार कोई सख्त कदम नहीं उठाती तो सरकार से कोई मांग करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता, इसलिए सद्भावना मार्च मुंह पर सफेद पट्टी बांधकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें साम्प्रदायिकता फैलाने का प्रयास करने वालों को नजरअंदाज करना है, लेकिन उन्हें यह जरूर बताना है कि सद्भावना के हिमायतियों की संख्या उनसे ज्यादा है।
सद्भावना मार्च गांधी पार्क से शुरू होकर घंटाघर, पल्टन बाजार, राजा रोड होता हुआ कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचा।
सद्भावना मार्च के बैनर पर निवेदकों के जगह भारत के संविधान का पहला वाक्य ‘हम भारत के लोग’ लिखा था। लोग हाथों में जो तख्तियां लिये हुए थे, उन पर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में सब भाई-भाई, है यही सनातन का आधार, सारा जग मेरा परिवार, गीता, बाइबिल कहे कुरान, रहे प्यार से हर इंसान, मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना, जाति-धर्म के बंधन तोड़ा, संविधान से नाता जोड़ो, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे में, मत बांटो इंसान को और नफरत नहीं रोजगार दो, जीने का अधिकार दो, जैसे नारे लिखे हुए थे। पल्टन बाजार में जहां हाल के दिनों में लगातार भाईचारा बिगाड़ने के प्रयास किये गये, वहां लोगों ने इस मार्च को भरपूर समर्थन दिया।
शहीद स्मारक पर ढाई आखर प्रेम का पढ़ने और पढ़ाने आये हैं, हम भारत से नफरत का हर दाग मिटाने आये हैं, जनगीत गाया गया। समापन के मौके पर प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ. रवि चोपड़ा ने सभी का आभार जताया। उन्होंने कि एक मौन जलूस निकाल लेने के बाद हमें चुप नहीं बैठना है, बल्कि शहर और राज्य की हवा बिगाड़ने वाले लोगों को लगातार संदेश देना है कि हम अभी जिन्दा है, इसलिए उनकी संविधान और कानून विरोधी गतिविधियांे को चुपचाप स्वीकार नहीं किया जाएगा।
मार्च के दौरान एक पर्चा भी बांटा गया। इस पर्चे मंे कहा गया है कि हाल के दिनों में लगातार छोटी-छोटी घटनाओं को साम्प्रदायिक रूप देने का प्रयास किया गया। इनमें पुरोला जैसी घटना तो कोर्ट में भी झूठी साबित हो चुकी है।
पर्चे में कहा गया है इस तरह के तनाव में हर बार कुछ लोगों का नाम सामने आता है, लेकिन सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। ऐसे में आम नागरिकों का कर्तव्य है कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने, साम्प्रदायिक एकता व बंधुत्व बढ़ाने तथा भाईचारा बिगाड़ने व नफरत फैलाने वालों को कड़ा संदेश देने के लिए एकजुट हों।
पर्चे में डॉ. शेखर पाठक, विभापुरी दास, राधा बहन, बल्ली सिंह चीमा, कमला पंत, राजीव नयन बहुगुणा, जयसिंह रावत सहित डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों के नाम दर्ज हैं।
सद्भावना मार्च में मुख्य रूप से उत्तराखंड इंसानियत मंच, उत्तराखंड महिला मंच, चेतना आंदोलन, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, एसएफआई, इप्टा, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, जन संवाद समिति, गढ़वाल सभा, एडवा, एनएपीएसआर, सर्वाेदय मंडल, एमएडी जैसे संगठनों के अलावा, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई माले और समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
मोहित डिमरी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों नहीं लिया सम्मान
देहरादून, मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों सम्मान नहीं लिया।
कल रात श्रीरामकृष्ण लीला समिति टिहरी की ओर से आजाद मैदान बंगाली कोठी, देहरादून में आयोजित रामलीला में राज्य आंदोलनकारी मंच, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, मूल, निवास भू-कानून संघर्ष समिति, पहाड़ी स्वाभिमान सेना और देवभूमि युवा संगठन को आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर रामलीला कमेटी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों कई लोगों को सम्मानित करवाया गया। लेकिन संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने हरीश रावत के हाथों सम्मान लेने से मना कर दिया।
मोहित डिमरी ने मंच पर अपने संबोधन में कहा कि वह हरीश रावत जी का बड़ा सम्मान करते हैं। हो सकता है कि 2027 में उनकी सरकार बने और वह मुख्यमंत्री बन जाय। अगर हरीश रावत जी मुख्यमंत्री रहते मूल निवास 1950, मजबूत भू-कानून और स्थाई राजधानी गैरसैंण को लेकर विधानसभा में जन भावनाओं के अनुरूप कानून बनाते हैं तो वह उनके हाथों सम्मान को सहर्ष स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में इन प्रमुख मुद्दों का हल नहीं निकल जाता, वह किसी भी मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक के हाथों कोई सम्मान नहीं लेंगे। इस दौरान रामलीला समिति के संयोजक अभिनव थापर, सचिव अमित पंत और सम्मान पाने वाले लोग मंच पर उपस्थित रहे |
सीएम धामी ने किया राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्विद्यालय द्वारा आयोजित “ग्लोबल समिट-2024″में प्रतिभाग किया
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्विद्यालय द्वारा आयोजित “ग्लोबल समिट-2024″में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने वैश्विक सम्मेलन में उपस्थित सभी विद्वान जनों का स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है, जहां कण-कण में शंकर का वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य एक ओर जहां प्राकृतिक रूप से सुरम्य है वहीं आध्यात्मिक रूप से विशिष्ट भी है। विश्व के कोने-कोने से लोग देवभूमि उत्तराखंड में आकर स्वयं की खोज करते हैं। स्वयं को साधना में लगाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग उन्हें पूछते हैं कि देवभूमि में कितने देवस्थान हैं या कितने प्रसिद्ध स्थान हैं तो मेरा एक ही उत्तर होता है कि देवभूमि में जिधर भी आपकी नजर जाएगी वो हर स्थान देवों का है। हर स्थान हमारा पर्वतों, वनों से आच्छादित है, हर स्थान हिम ग्लेशियर, नदियों से आच्छादित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी देवभूमि से आकर आप सबके बीच आकर आप सबके कार्यक्रम से जुड़ना, आप सबके बीच आने का जो सुअवसर प्राप्त हुआ यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे स्थान पर वही आ पाता है जिन पर बाबा की कृपा होगी। इसीलिए सब लोग यहां पर पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि आज मैं भी एक जिज्ञासु बनकर आया हूँ, मुझे अपने भीतर भी एक आत्मिक शांति का एहसास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कई वर्षों से प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज के कार्यक्रमों में आते रहे हैं। बहुत बार संस्थान के लोग माउंट आबू आने के लिए कहते थे। मन में आने की बहुत इच्छा भी रही। इसके पीछे का कारण परमपिता परमात्मा का असीम आशीर्वाद भी है और इस स्थान की महत्ता भी है और राज योगिनी दीदी मां रतन मोहिनी से जो स्नेह यहां मिलता है वह भी इसका बड़ा कारण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबके लिए यह गर्व का विषय है कि संयुक्त राष्ट्र के साथ ही परामर्शदात्री दर्जा प्राप्त भारत की भूमि से उपजा हुआ यह स्थान विश्व के कोने-कोने में आज शांति, सद्भाव और मानवता का संदेश देने का कार्य कर रहा है। सच में लोगों को स्वयं को खोजने का एक बहुत बड़ा प्रकल्प चल रहा है। मैं आज यहां स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में आद्यात्मिक की महत्वपूर्ण भूमिका को ही समझने के लिए ही आया हूँ कि कैसे इन मूल्यों को हम अपने जीवन में उतार सकते हैं ताकि सभी के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम भारतीय जीवन दर्शन का सार है। परस्पर भाईचारे का संदेश आज भी प्रासंगिक है। जिस प्रकार से नई तकनीक हमें भौतिक सुख प्रदान करती है वैसे ही आध्यात्मिकता हमें आंतरिक सुख प्रदान करती है। हमारे शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य पूर्ण संतुलन बनाने का काम करती है। पूरे विश्व के अंदर यह संस्था करोड़ो लोगों के जीवन में बदलाव लाने का काम कर रहा है। ब्रह्कुमारीज संस्था से जुड़ी बहने और भाइयों द्वारा जीवन जीने की कल बहुत ही सरल शब्दों में लोगों को समझाया जाता है, उससे आमजनमानस में भी आसानी से इन विषयों को जानकर लोग अपने जीवन को सरल बना सकते हैं। इस प्रकार के जो बदलाव हैं, इनको मैंने अपने जीवन में महसूस किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आध्यात्मिकता को अस्तित्व के एक भागीदार के रूप में देखने लगते हैं तो हमारा मन स्वतः ही स्वच्छ होने लगता है। हमे अहसास होता है कि यह हमारे जीवन की आवश्यकता नहीं है बल्कि जीवन की अनिवार्यता है। आध्यात्मिकता की वह शक्ति है जो शरीर को बाहरी व अंदरूनी रूप से स्वच्छ रखने के साथ साथ मानसिक और शारीरिक दबावों को सहने के सामर्थ्य प्रदान करती है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण केवल आधुनिक तरीके व कानूनों से भी संभव नहीं है कि केवल हम कानून व अन्य तरह से इसको कर पाएं बल्कि इस लक्ष्य को जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों को शामिल करके ही हासिल किया जा सकता है।
इस अवसर पर भारत सरकार के रेल एवं फूड प्रोसेसिंग मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट,गोरखपुर के सांसद रवि किशन आदि उपस्थित रहे।