Saturday, May 10, 2025
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उत्तराखंड में क्रिकेट में सट्टा लगा रहे तीन युवकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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देहरादून, राजपुर पुलिस ने क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा खेलने और खिलाने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार को सीज कर दिया है। आरोपियों के पास से सात मोबाइल बरामद किए गए हैं। आरोपी दिल्ली में बैठे शख्स के निर्देशन में आनलाइन सट्टा लगवाने का काम कर रहे थे ।राजपुर एसओ राकेश शाह ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम को पुलिस को सूचना मिली कि मसूरी रोड पर एक संदिग्ध कार खड़ी है। कार में मौजूद युवक बिगबैश लीग के क्रिकेट मैचों में आनलाइन सट्टा लगा रहे हैं और लोगों के रुपये लगवा रहे हैं।

इस सूचना पर एसआई बलबीर रावत के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची।पुलिस को देखकर युवक घबरा गए। पुलिस ने तीन युवकों को कार से उतारकर तलाशी ली। पुलिस ने मोबाइल चेक किए, जिसमें पाया कि तीनों युवक आनलाइन मैचों में सट्टा लगा रहे थे।पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को राजपुर थाने लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ में नाम शाहनवाज पुत्र मोहम्मद उमर निवासी ग्राम जड़ौदा थाना मंसूरपुर मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश, शेरख़ान पुत्र इमरान ग्राम कूटेसरा थाना चरथावल जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश और शाहनवाज उर्फ सोनू पुत्र शहीद निवासी ग्राम निर्धना थाना चरथावल जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश बताए।

थाना प्रभारी राकेश ने बताया कि तीनों के खिलाफ जुआ अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है।दिल्ली नंबर की कार को सीज किया है।आरोपियों के पास से सोलह हजार रुपये नगद और सात मोबाइल मिले हैं। बताया कि जांच में सामने आया कि दिल्ली में मौजूद शख्स के कहने पर आरोपी आनलाइन सट्टा लगवाते थे। आरोपी की जल्द गिरफ्तारी होगी। बताया कि पुलिस टीम बनाकर आरोपी को पकड़ने के लिए रणनीति बनाई जाएगी।

जीतने पर दस गुना देते हैं रकम
एसओ राकेश शाह ने बताया कि आरोपी व्हाट्सएप के माध्यम से स्थानीय व जान पहचान वाले लोगों का रुपया वर्तमान मे चल रहे विभिन्न देशों के मध्य क्रिकेट मैचों में टीम के हारने-जीतने, खिलाड़ी के व्यक्तिगत स्कोर व विकेट लेने वाले खिलाड़ियों पर सट्टा लगाते हैं। साथ ही मैच खेल रहे खिलाड़ियों द्वारा चौकों व छक्के लगाने पर पैसा लगाकर जीतने पर 10 गुना धन देने का लालच देकर सट्टा लगवाया जाता है l

यह रहे पुलिस टीम में
देहरादून।पुलिस टीम में एसओ राकेश शाह, एसआई बलवीर सिंह रावत और सिपाही धर्म सिंह, अंकुल कुमार व चंद्रपाल सिंह शामिल रहे।

किसान आंदोलन : 4 जनवरी को 7वें दौर की बैठक, कृषि मंत्री तोमर बोले- पॉजिटिव परिणाम निकलने की उम्मीद

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नई दिल्ली(एजेन्सी), केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को किसान संघों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में पॉजिटिव परिणाम निकलने की उम्मीद है, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि सातवें दौर की बातचीत अंतिम होगी या नहीं। तोमर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से इंटरव्यू में कहा कि 30 दिसंबर, 2020 को हुई पिछली बैठक सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई और अगली बैठक में किसानों तथा देश के कृषि क्षेत्र के हित में सकारात्मक परिणाम निकलने की संभावना है।

किसानों के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहने और विकल्प सुझाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा, ”हम इसे देखेंगे।” क्या चार जनवरी को होने वाली बैठक आखिरी बैठक होने की उम्मीद है, इस सवाल पर तोमर ने कहा, ”एकदम तो अभी कुछ नहीं कह सकता। भविष्यवक्ता तो मैं हूं नहीं। लेकिन मुझे आशा है कि जो भी फैसला होगा, देश के और किसान के हित में होगा।”

सरकार और करीब 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों के बीच अब तक हुई छह दौर की बातचीत पिछले एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में विफल रही है। बुधवार को हुई दोनों पक्षों की पिछली बैठक में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने तथा बिजली सब्सिडी जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनती दिखी लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों की दो मुख्य मांगों पर अभी बात नहीं बन पाई है जिनमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी खरीद प्रणाली की कानूनन गारंटी प्रदान करना शामिल है |

सितंबर में लागू हुए तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने बड़े कृषि सुधारों के रूप में पेश किया है और कहा है कि इनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने चिंता जताते हुए कहा है कि इन कानूनों से एमएसपी और मंडी प्रणाली कमजोर होगी और वे बड़े कॉर्पोरेट की दया पर निर्भर हो जाएंगे। सरकार ने इन आशंकाओं को निराधार बताते हुए कानूनों को निरस्त करने की संभावना को खारिज किया है।

बड़ी संख्या में अनेक क्षेत्रों के लोग और विपक्षी दल किसानों के समर्थन में आये हैं तो कुछ किसान समूहों ने पिछले कुछ सप्ताह में कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात कर तीनों कानूनों को अपना समर्थन जताया है। हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मुख्य मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने एक बयान में कहा, ”किसानों की एक मांग है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।”

सिंघु सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने एक अलग बयान में कहा कि उन्होंने जो विषय उठाये हैं, उनमें से केवल पांच फीसदी पर अब तक सरकार के साथ बैठकों में चर्चा हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर चार जनवरी की बैठक में गतिरोध समाप्त नहीं होता तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीख घोषित करेंगे। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करेंगे। एक अन्य किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर अगले दौर की वार्ता में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

कोविड-19 : उत्तराखंड़ में शनिवार को मिले 263 नए संक्रमित, सात की मौत, दून में 73 संक्रमित मिले

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देहरादून, प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बीते 24 घंटे में सात मरीजों की मौत हुई और 263 नए संक्रमित मिले हैं। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 91544 पहुँचा। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को 13423 सैंपलों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, 263 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। प्रदेश में कोविड जांच बढ़ने के साथ ही संक्रमितों की रफ्तार धीमी पड़ी है।
देहरादून जिले में 73 कोरोना मरीज मिले हैं। नैनीताल में 65, हरिद्वार में 27, ऊधमसिंह नगर में 23, पिथौरागढ़ में 14, पौड़ी में 13, उत्तरकाशी में 11, टिहरी में नौ, चमोली में नौ, बागेश्वर में छह, रुद्रप्रयाग में पांच, अल्मोड़ा में चार और चंपावत जिले में चार संक्रमित मिले हैं।

प्रदेश में सात कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज हल्द्वानी में तीन, एम्स ऋषिकेश में एक, दून मेडिकल कालेज में एक, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में एक, गौतम हास्पिटल रुद्रपुर में एक मरीज ने इलाज के दौरान दमतोड़ा, जबकि प्रदेश में अब तक 1522 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, 463 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिला कर 84461 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 4364 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है। संक्रमितों से ज्यादा मरीज ठीक होने से प्रदेश की रिकवरी दर 92.26 प्रतिशत हो गई है।

सच्चे प्यार की कायनात : 650 फीट ऊंचाई से गिरी महिला, फिर भी सुरक्षित

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कहते हैं कि प्यार सच्चा तो पूरी कायनात उन्हें मिलाने से नहीं रोक सकती और अगर सच्चे दिल से आप अपनी प्रेमिका या प्रेमी के सामने शादी का प्रस्ताव रखेंगे तो सामने ना में जवाब शायद ही मिलता है। ठीक ऐसा ही एक मामला ऑस्ट्रिया से आया है, जहां प्रेमी ने प्रेमिका के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और हां बोलने की जल्दबाजी में महिला 650 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गई।

 

दरअसल, प्रेमी के शादी के प्रस्ताव पर महिला इतनी खुश हो गई कि तुरंत हां बोलने के चक्कर में उसका पैर चट्टान से फिसल गया और वो नीचे गिर गई। हालांकि इन दोनों की जोड़ी काफी किस्मत वाली थी क्योंकि इतनी ऊंचाई से नीचे गिरने के बाद भी महिला को कुछ नहीं हुआ।

प्रेमी अपनी प्रेमिका के सामने शादी का प्रस्ताव रखने से पहले उसे एक चट्टान पर ले गया और सूर्यास्त के समय यह प्रस्ताव रखा। प्रेमी की उम्र 27 साल है। शादी का प्रस्ताव सुनते ही प्रेमिका चट्टान से नीचे गिर गई, हालांकि नीचे गिरते समय महिला ने प्रस्ताव का जवाब जरूर दिया और कहा कि हां मैं तुमसे शादी करूंगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेमिका को नीचे गिरता देख प्रेमी ने भी उसे बचाने के लिए छलांग लगा दी। लेकिन वह मात्र 50 फीट नीचे आने पर ही एक स्थान पर फंस गया। महिला को कोई भारी चोट इसलिए नहीं आई क्योंकि वो 650 फीट की ऊंचाई से गिरने के बाद भी बर्फ की चादर पर गिरी थी।

इसके बाद एक राहगीर ने उसे बर्फ पर गिरा देखा तो प्रशासन को खबर की। इसके बाद महिला की जान बचाई गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये दोनों बहुत ही भाग्यशाली हैं, दोनों नीचे गिरे लेकिन किसी को भी गहरी चोट नहीं आई। दोनों सुरक्षित हैं और यह काफी आश्चर्यजनक है।

व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी वसूलने आई महिला उग्रवादी और युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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लातेहार, । TSPC Jharkhand झारखंड के लातेहार थाना पुलिस ने शनिवार को जिला मुख्यालय के चटनाही चौक से उग्रवादी संगठन के नाम पर लेवी वसूलने पहुंची एक महिला उग्रवादी के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से लेवी के 24 हजार 300 रुपए, 10 मोबाइल फोन, राकेश गंझू उर्फ विराज के 11 पहचान पत्र, जमीन से संबंधित कागजात, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, नेपाल की करंसी, नक्सली साहित्य, टीएसपीसी उग्रवादियों का नोटबुक और राडो घड़ी बरामद की गई।

पुलिस की गिरफ्त में आई महिला उग्रवादी की पहचान उग्रवादी संगठन टीपीसी टीएसपीसी के कमांडर राकेश गंझू उर्फ विराज की पत्नी प्रियंका देवी उर्फ सुषमा देवी और युवक की पहचान कमलेश यादव के रूप में की गई। शनिवार को लातेहार एसडीपीओ वीरेंद्र राम ने प्रेस वार्ता में बताया कि पुलिस को गुप्त सुचना मिली थी कि टीएसपीसी का कमांडर राकेश गंझू उर्फ विराज जी लातेहार के कई व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी मांग रहा है। लेवी वसूलने के लिए अपने लोगों को भेज रहा है।इसी सूचना पर लातेहार थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित दो लोगों को चटनाही चौक से पकड़ा।

प्रियंका की निशानदेही पर उसके रांची में किराए के मकान की तलाशी लेने पर नक्सली साहित्य, राकेश गंझू के नाम पर बनवाए गए ढेरों पहचान पत्र, जमीन के कागजात, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड बरामद किए गए। एसडीपीओ ने बताया कि प्रियंका देवी उर्फ सुषमा देवी 2004 से ही माओवादी, जेजेएमपी, अमन साहू गिरोह, टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के लिए काम कर चुकी है।प्रियंका देवी 2011 एवं 2014 में माओवादी से सांठगांठ मामले में बरवाडीह थाना और अपहरण के मामले में चतरा थाना से 2019 में जेल भी जा चुकी है। प्रियंका चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र की रहने वाली है। वहीं कमलेश जिला मुख्यालय के डुरुआ का रहने वाला है। लातेहार पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता के नेतृत्व में गठित टीम में पुअनि सरज कुमार, महिला थाना प्रभारी सुनीता कुमारी समेत अन्य शामिल थे।(साभार -जेएनएन)

केंद्र सरकार के इस फैसले से 3 लाख व्यापारियों को मिली राहत, जाने पूरा मामला

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नई दिल्ली. नए वर्ष पर केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के व्यापारियों को बड़ी सौगात दी है. सरकार ने नेशनल कैपिटल टेरिटरी कानून को तीन साल तक के लिए बढा़ने का ऐलान किया है. इस कदम से दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग और तोड़-फोड़ से बचाया जा सकेगा. व्यापारी संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारी इसकी मांग लगातार कर रहे थे और केंद्र सरकार ने इसके मद्देनजर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन आने के बाद यह कानून अब 31 दिसंबर 2023 तक लागू रहेगा. आपको बता दे कि साल 2011 से प्रभावी नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली लॉ (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो रहा था, जिसे तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया है.

व्यापारियों ने जताया आभार – कैट की मांग को पूरा करने पर व्यापारियों ने शहरी विकास व आवासन मंत्री हरदीप सिंह पुरी का आभार जताया है. इस कानून के जारी रहने से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे करीब 3 लाख से अधिक व्यापारियों को सीलिंग और तोड़-फोड़ से बड़ी राहत मिलेगी. यहीं नहीं इन व्यापारियों से जुड़े करीब 10 लाख से अधिक कर्मचारी भी बेरोजगार होने से बच पायेंगे. कैट ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से गत अक्टूबर में कानून को जारी रखने का अनुरोध किया था. और तब केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली के व्यापारियों को उचित समय पर कदम उठाने का आश्वासन दिया था.

व्यापारियों ने केंद्र सरकार के सामने यह मांग भी रखी- सीलिंग और तोड़-फोड़ से मिली राहत के बाद दिल्ली के व्यापारियों ने एक एमनेस्टी स्कीम की घोषणा किए जाने की मांग की है. ताकि व्यापारियों को इन समस्याओं से स्थायी समाधान मिल सके. गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) अधिनियम को पहली बार साल 2011 में लागू किया गया था.

आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2014 में दिल्ली की गद्दी संभालते ही इस कानून को 2017 तक के लिए बढ़ा दिया था. जिसके बाद 31 दिसंबर 2020 तक इसकी मियाद खत्म हो रही थी. यह अधिनियम अतिक्रमण के चलते सिलिंग के कहर से झुग्गी-झोपड़ियों, अनाधिकृत कॉलोनियों, गांव आबादी क्षेत्र (शहरी गांव सहित), फार्म हाउस और उनके द्वारा किया गया निर्माण कार्य, स्कूल, औषधालय (डिस्पेंसरी), धार्मिक संस्थाएं, सांस्कृतिक संस्थाएं, कृषि भूमि पर बने भंड़ारण का सीलिंग से सीधे राहत देता है.

शिक्षकों को मिला शीतकालीन अवकाश, शिक्षा सचिव ने जारी किये आदेश

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देहरादून, प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की शीतकालीन छुट्टी को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए अपने पुराने आदेश को पलट दिया है। जिसके बाद प्रदेश भर के स्कूलों में शीत लहर को देखते हुए, शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी करते हुए बताया, कि राज्य में व्यापक शीत लहर व शिक्षक संघ की मांग को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है

राजकीय शिक्षक संघ ने गुरु वार को मुख्य सचिव ओमप्रकाश से मुलाकात की थी जिसमें शीतकालीन अवकाश को फिर से बहाल करने का अनुरोध किया गया। राजकीय शिक्षक संगठन के प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह मंजिला ने बताया कि मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया था कि उन्हें शीतकालीन अवकाश दिया जाएगा। शिक्षक संगठनों को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी साथ मिला।

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मुख्य सचिव को फोन कर शिक्षकों की बात पर अमल करने का निर्देश दिया था, गौरतलब हो कि शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस वर्ष शीतकालीन अवकाश को निरस्त कर दिया था। प्रशासन का मानना था की कोविड के चलते काफी महिनों से कक्षाएं नही हो पा रहीं थी जिस वजह से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में काफी नुकसान हुआ। जिस वजह से शीतकालीन अवकाश निरस्त किया जा रहा है।

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ सोहन सिंह माजिला शीतकालीन अवकाश को लेकर शिक्षकों की बात लगातार सामने रख रहे थे।
वहीं शिक्षक संगठनों का कहना था पहाड़ी क्षेत्र में सर्दियों के समय काफी हिमपात रहता है, जिस वजह से ना ही छात्र-छात्राएं स्कूल आ पाते हैं और ना ही शिक्षकगण। शिक्षक संगठनों का कहना था की कोविड के चलते अभी भी कई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नही भेज रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ सोहन सिंह माजिला पिछले 1 सप्ताह से इस मुद्दे को लेकर मुखर रुप से सामने आए थे। शिक्षकों की मांग को लेकर उन्होंने दो-बार शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव से वार्ता कर शीतकाल अवकाश को बहाल करने की पुरजोर मांग की थी |

उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एम्स हॉस्पिटल से हुये डिस्चार्ज

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देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली एम्स हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गए हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री कोरोना पॉजिटिव होने के बाद देहरादून में ही होम आइसोलेशन में थे। लेकिन 27 दिसंबर 2020 को हल्का सा बुखार आने की वजह से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दून मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया था वही डॉक्टरों की सलाह के बाद 28 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली एम्स हॉस्पिटल में मेडिकल जांच के लिए भर्ती करवाया गया था वहां पर मुख्यमंत्री की लगातार सेहत में तेजी से सुधार हुआ इसके बाद मुख्यमंत्री को आज शनिवार को दिल्ली एम्स हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, मुख्यमंत्री फिलहाल कुछ दिनों तक दिल्ली में मौजूद सरकारी आवास में ही कुछ दिन रुकेंगे |

पाॅलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षकों को दी जायेगी नियुक्ति: धन सिंह

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थलीसैण व बुंगीधार आईटीआई में शीघ्र शुरू होंगी कक्षाएं: उच्च शिक्षा मंत्री

देहरादून, सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभा कक्ष में तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें श्रीनगर एवं थलीसैण में स्वीकृत आईटीआई भवन का कार्य शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिये साथ ही पाबौं एवं बुंगीधार आईटीआई भवनों का लोकार्पण कर प्रशिक्षण शुरू करने को कहा।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शासन द्वारा श्रीनगर एवं थलीसैण में स्वीकृत आईटीआई भवनों की डीपीआर तैयार कर ली है जिसकी स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जायेगा। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर के अंतर्गत विकासखंड मुख्यालय थलीसैण एवं बुंगीधार में तैयार आईटीआई भवनों का शीघ्र लोकार्पण कर माह मार्च 2021 से पहले प्रशिक्षण कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री ने तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा पालिटेक्निक संस्थानों से पूर्व में हटाये गये संविदा/आउट सोर्सिंग के माध्यम से तैनात शिक्षकों को योग्यतानुसार पुनः सेवा में रखे जाने के निर्देश दिये। डाॅ. रावत ने कहा कि वर्ममान में राज्य के कई पाॅलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षकों की कमी चल रही है। जिनमें योग्यतानुसार नए सिरे पूर्व में हटाये गये बेरोजगारों कोे तैनाती दी जायेगी।

बैठक में अपर सचिव तकनीकी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक प्रशिक्षण कौशल विकास आर राजेश कुमार, निदेशक तकनीकी शिक्षा हरि सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर यूपीआरएनएन लिमिटेड एस.के.मलिक, प्रोजेक्ट मैनेजर पेयजल निगम श्रीनगर पी.के.अग्रवाल, सहायक अभियंता वी.पी. प्रजापति सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

श्रीदेव सुमन विवि के परीक्षा नियंत्रक की पुस्तक का उच्च शिक्षा मंत्री ने किया विमोचन

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देहरादून, देहरादून: उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभा कक्ष में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. रमेश सिंह चैहान द्वारा लिखित पुस्तक ‘नो योर लर्निंग स्टाइल’ का विमोचन किया। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि डाॅ. चैहान ने पुस्तक में माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थियों की अधिगम शैली का विस्तृत वर्णन किया है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक बच्चों की आवश्यकता एवं रूचियों के अनुरूप उनमें अध्ययन के लिए प्रेरित व मार्गदर्शित करेगी। वहीं डाॅ. चैहान ने बताया कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों, अभिभावकों एवं देश के शिक्षाविदों तथा शिक्षा संबंधी नीति निर्धारकों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।
इस अवसर पर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियंत्रक डाॅ. हेमन्त बिष्ट, मान्यता प्रभारी सुनील नौटियाल सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।