Monday, June 9, 2025
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नहीं रहे दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा, 86 साल की उम्र में ली आखिरी सांस , पीएम मोदी सहित कई दिग्गजों ने जताया शोक

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मुंबई (एजेसियां)। भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को ८६ वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंड़ी अस्पताल में अंतिम सांस ली। सोमवार को वे स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे।उन्होंने X पर लिखा, ‘श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी कारोबारी नेता, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व दिया. साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया.बाद में उन्होंने ही आईसीयू में भर्ती होने के दावों का खंडन कर दिया था। हालांकि‚ बुधवार को उन्हें एक बार फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया‚ उन्हें दूरदर्शी कारोबारी नेता और असाधारण इंसान बताया। रतन टाटा के स्वर्गवास पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी दुख जताया

एसडीआरएफ के तहत होने वाले सुरक्षात्मक कार्यो में समयबद्धता को प्राथमिकता दें : मुख्य सचिव

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देहरादून, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने एसडीआरएफ (राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि) के तहत होने वाले विभिन्न सुरक्षात्मक एवं पुर्ननिर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता के साथ समयबद्धता को प्राथमिकता देने की सख्त हिदायत दी है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को एसडीआरएफ (राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि) के तहत होने वाले विभिन्न सुरक्षात्मक एवं पुर्ननिर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता के साथ समयबद्धता को प्राथमिकता देने की सख्त हिदायत दी है। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने बाढ़ सुरक्षात्मक कार्याे के साथ ही नदियों के नियमित चौनलाइजेशन करने के निर्देश दिए हैं। जोखिमपूर्ण क्षेत्रों में आबादी की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता पर रखने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा कटाव स्थलों पर त्वरित कार्यवाही करने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों द्वारा जमीनी स्तर पर नियमित निरीक्षण हेतु भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के तहत क्षतिग्रस्त केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के सुरक्षात्मक कार्यों, रूद्रप्रयाग में ऊखीमठ के बेडुला तिमली तोक व सरूणा गांवों की मधुगंगा नदी से कटाव सुरक्षा योजना, ऊखीमठ के पैज गांव की आवासीय बस्ती के समीप वैज—करोखी मोटर मार्ग पर भू—धंसाव एवं भू—स्खलन की रोकथाम हेतु सुरक्षा योजना, रा. ई. कालेज वैडा के समीप हो रहे भूस्खलन एवं आकाश कामिनी नदी से कटाव सुरक्षा योजना, सीतापुर बाजार की पातीगाड एवं मन्दाकिनी नदी के दांये तट से कटाव सुरक्षा योजना, सोनप्रयाग में सोन नदी के बाएं तट पर बिजली घर पर बाढ़ सुरक्षा कार्यों, सोनप्रयाग में सोन व मन्दाकिनी नदी के संगम में डाउन स्ट्रीम में निर्मित योजनाओं के सुरक्षात्मक कार्यों, ऊखीमठ की मंगोली आवासीय बस्ती की कुपडा गदेरे से कटाव सुरक्षा योजना, उत्तरकाशी के बड़कोट के बनास गांव में आबादी के बचाव हेतु सुरक्षात्मक कार्यों, उधमसिंहनगर के सितारगंज में निर्मल नगर को बैगुल नदी की बाढ़ से बचाने हेतु बाढ़ सुरक्षा योजना जैसे विभिन्न प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया। सचिवालय में राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के प्रस्तावों पर अनुमोदन हेतु मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में सचिव श्ौलेश बगौली, डा. आर राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन सहित लोक निर्माण विभाग व सिचाई विभाग के अधिकारी तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग एवं उधमसिंहनगर मौजूद रहे।

 

नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाईट मरम्मत हेतु वार्डवार 35 टीमें मय वाहन रवानाडीएम ने दिखाई हरी झण्डीः नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाईट मरम्मत हेतु  वार्डवार 35 टीमें मय वाहन रवाना | Devbhoomi Media

देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट के मरम्मत हेतु 35 टीमों को मय वाहन के साथ रवाना करते हुए कहा कि जनमानस की समस्या का समाधान करने उनकी प्राथमिकता है।
आज जिलाधिकारी/ प्रशासक सविन बंसल ने नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट के मरम्मत हेतु 35 टीमों को मय वाहन के साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को 20 फॉगिंग एवं स्प्रे मशीनें उपलब्ध कराई। जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में काफी समय से स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी थीं जिनकी शिकायते स्थानीय जनता द्वारा प्राप्त हो रहीं थी।इसी के दृष्टिगत निगम क्षेत्र में खराब लाइट की मरम्मत के लिए वाहनों को रवाना किया गया है। जिलाधिकारी ने 25 सितम्बर को नगर निगम में आयोजित बैठक में लिया था लाईट मरम्मत कार्य नगर निगम से कराने का निर्णय, जिस पर त्वरित एक्शन लेते हुए धरातल पर उतारी टीमें। जिलाधिकारी ने कार्यों के सत्यापन के मैकेनिज्म को मजबूत करने हेतु रिपोर्टिंग अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए जो टीम की उपस्थिति के साथ ही टीम के कार्यों तथा उपकरण की मांग का सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। नगर निगम के कन्ट्रोलरूम प्रभारी लाईटिंग से सम्बन्धित शिकायतों को निर्धारित प्रारूप पर डेटासीट तैयार करते हुए सम्बन्धित रिपोर्टिंग अधिकारी/लाईट इन्सपैक्टर को प्रेषित करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व में नगर निगम क्षेत्र में ईईएसएल कंपनी को शहर की स्ट्रीट लाइटों के मरम्मत व रखरखाव का जिम्मा दिया गया था किंतु कंपनी द्वारा सही प्रकार से अपने कार्य को संपादित नही किया जा रहा था। ऐसे में ईईएसएल कंपनी लाईट मरम्मत का कार्य वापस लेकर नगर निगम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई।जिसके क्रम में आज ऐसे 35 टीमो को मय वाहनों सहित रवाना किया गया।यह समस्त टीम सौंपे गए अपने अपने वार्डाे में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को सही करेंगी साथ ही प्रतिदिन शाम को अपनी रिपोर्ट से निगम को अवगत कराएगी। इसके साथ ही डेंगू और मलेरिया की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई गई 20 फॉगिंग एवं स्प्रे मशीनें क्षेत्र में फॉगिंग करेंगी। कहा कि निगम क्षेत्र में निवासरत स्थानीय जनता को किसी भी प्रकार से परेशानी का सामना ना करना पड़े इस और वह लगातार कार्य कर रहे हैं।उनका प्रयास है कि शहर में व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाए।इसके मद्देनजर वह लगातार प्रयासरत हैं। इस अवसर पर नगर आयुक्त गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ,मुख्य चिकित्साधिकारी संजय जैन सहित निगम के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

तीन नवंबर को बंद किए जाएंगे केदारनाथ धाम के कपाटKedarnath Dham: कब बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट, बता दी गई तारीख, जल्द  बना लें अब प्लान - News18 हिंदी

देहरादून, केदारनाथ धाम के कपाट तीन नवंबर को भैयादूज पर सुबह साढ़े आठ बजे बंद होंगे। इसी दिन बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया, इस वर्ष 10 मई को धाम के कपाट खुले थे।
अभी तक यहां 13 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। बताया, केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए परंपरानुसार भैयादूज पर्व तीन नवंबर को सुबह 8.30 बजे बंद किए जाएंगे।
बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर धाम से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी और रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव पर रामपुर पहुंचेगी। चार नवंबर को बाबा केदार की डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी।

थूक वाली चाय का वीडियो वायरल!, थूककर लोगों को चाय देने वाले दो आरोपी गिरफ्तार    

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-मसूरी में चाय में थूककर ग्राहकों को चाय देने के  सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर मसूरी पुलिस की कार्रवाई

देहरादून(आरएनएस)।   उत्तराखंड के मसूरी में बर्तन में थूककर पर्यटकों को चाय परोसने वाले मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के नाम नौशाद अली और हसन अली है। इन दोनों का चाय में थूककर ग्राहकों को देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की। इस मामले में देहरादून के अपर नेहरू ग्राम निवासी हिमांशु बिश्नोई पुत्र संजय बिश्नोई ने मसूरी कोतवाली में एफआरई दर्ज कराई थी।
हिमांशु ने मसूरी में आकर पुलिस को एक वीडियो उपलब्ध कराया गया, जो उनके द्वारा कुछ दिन पूर्व मसूरी घूमने के दौरान लाइब्रेरी चौक के पास बनाया गया था, जिसमें लाइब्रेरी चौक के पास लगी एक रेहडी में दो युवक चाय, मैगी व अन्य सामान बेचते हुए दिखाई दिए। उनमें से एक युवक चाय बनाने से पहले चाय के बर्तन में बार-बार थूकता हुआ दिखाई दिया।

इस संबंध में हिमांशु बिश्नोई द्वारा एक लिखित तहरीर भी कोतवाली मसूरी में दी गई, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उन दोनों युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ लोगों की सेहत से खिलवाड करने के साथ-साथ लोगों की धर्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए भड़काने की कोशिश का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
इस मामले में बुधवार को मसूरी कोतवाली में भाजपा, बजरंग दल, व्यापार संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी अजय सिंह ने प्रभारी निरीक्षक मसूरी के नेतृत्व में टीम का गठन किया। जिसने दोनों आरोपियों नौशाद अली पुत्र शेर अली तथा हसन अली पुत्र शेर अली मूल निवासी जमशेर कॉलोनी, खतौली जनपद मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर लिया।

 

 

 

 

 

 

 

38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार : सीएम धामी

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देहरादून(आरएनएस)।   38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखण्ड में होंगे। 25 अक्टूबर 2024 को प्रस्तावित भारतीय ओलंपिक संघ की आम सभा की बैठक में इसका पूरा कार्यक्रम जारी किया जायेगा। राष्ट्रीय खेलों के साथ ही विंटर नेशनल गेम का आयोजन भी उत्तराखण्ड में किया जायेगा। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष डॉ. पी.टी उषा से भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की जिम्मेदारी मिली है, इसके लिए उन्होंने भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष डॉ. पी.टी उषा का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें श्रीबद्रीनाथ और श्रीकेदारनाथ के दर्शन के लिए भी आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार है। राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य में काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भव्य तरीके से किया जायेगा। जिन राज्यों में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उनके अनुभवों के आधार पर भी राज्य में और अच्छे तरह से खेलों के आयोजन के लिए कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अभी तक हुए राष्ट्रीय खेलों से बेहतर हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों की अच्छी व्यवस्था के साथ ही खिलाड़ियों और देश भर से आने वाले लोगों के लिए उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल के आयोजन से यहां के लोगों का मनोबल और प्रोत्साहन भी बढ़ेगा। उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से एक अच्छा मंच मिलेगा। हमारे उदीयमान खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अच्छा अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा एवं स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी उपस्थित थे।

दून मेडिकल कॉलेज में दूर हुई मेडिकल फैकल्टी की कमी

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-15 फैकल्टी व 2 मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को मिली मंजूरी
-स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने अधिकारियों को दिये शीघ्र तैनाती के निर्देश
देहरादून(आरएनएस)।  राज्य सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की समस्या को दूर करते हुये विभिन्न संकायों में रिक्त पदों के सापेक्ष 15 फैकल्टी तथा दो मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को मंजूरी दी है। जिससे मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियां सुचारू होगी साथ ही बेस टीचिंग चिकित्सालयों में मरीजों को बेहतर उपचार भी मिल सकेगा।  सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में गुणवत्तापरक मेडिकल शिक्षा उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सरकार ने मेडिकल फैकल्टी के रिक्त पदों को शत-प्रतिशत भरने का निर्णय लिया है। जिसके तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संकाय सदस्यों के पदों को तेजी से भरा जा रहा है। इसी क्रम में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज हेतु हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से डेढ़ दर्जन फैकल्टी का चयन किया गया है। जिसमें 04 प्रोफेसर, 02 एसोसिएट प्रोफेसर, 09 असिस्टेंट प्रोफेसर, एक मेडिकल ऑफिसर तथा एक लेडी मेडिकल ऑफिसर है। इन सभी चयनित संकाय सदस्यों एवं मेडिकल आफिसर को सरकार ने संविदा के माध्यम से नियुक्ति देने की मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसमें ब्लड बैंक में प्रोफेसर के रिक्त पद पर डॉ. नेहा बतरा, इमरजन्सी मेडिसिन में प्रोफेसर पद पर डा. राकेश रावत, कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर पद पर डॉ. तनुज भाटिया, यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर पद पर डा. मनोज बिश्वास, ऑप्थलमोलॉजी विभाग के तहत एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ. दुष्यंत उपाध्याय तथा ऑब्स एंड गायनी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर डॉ. नीतू कोछड़ शामिल है। इसी प्रकार  एनाटॉमी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ. चेतन शर्मा, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में डॉ. प्रियंका डोभाल, पैथोलॉजी विभाग में डॉ. दीपिका, साइकैट्री में डा. आशीष भण्डारी, पीडियाट्रिक्स में डॉ. पूजा अंथवाल, आर्थोपीडिक्स विभाग में डा. निशांत बसौया तथा डॉ. सन्नी दुआ, ऑब्स एंड गायनी विभाग में डॉ. हिमांशी रावत, डेंटिस्ट्री विभाग में डॉ. योगेश्वरी कृष्णन तथा बर्न यूनिट विभाग में मेडिकल ऑफिसर पद पर डॉ. देवाशीष रॉय व आरएचटीसी में लेडी मेडिकल ऑफिसर पद पर डॉ. कीर्ति बंसल शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की नियुक्ति से शैक्षणिक गतिविधियां जहां सही होंगी वहीं मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा। इससे पहले सरकार ने माह अगस्त 2024 में भी दून मेडिकल कॉलेज में विभिन्न विषयों के 20 मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति को मंजूरी दी थी।

सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शत-प्रतिशत फैकल्टी की नियुक्ति करना सरकार की प्राथमिकता में है। जिसके तहत मेडिकल कॉलेजों में लगातार फैकल्टियां नियुक्त की जा रही है। इसी क्रम में दून मेडिकल कॉलेज को लगभग डेढ़ दर्जन और फैकल्टी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है, शीघ्र ही सभी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के पदों को पूरा भर दिया जायेगा।      – डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

साइबर क्राइम की चुनौतियों से निपटने को यूके पुलिस ने मांगे इन राज्यों से सुझाव,  प्रभावी नियंत्रण की पहल

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देहरादून(आरएनएस)।    डीजीपी अभिनव ने पाँच राज्यों (महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश) के डीजीपी को पत्र लिखकर साइबर अपराधों के प्रभावी नियंत्रण हेतु उनके राज्य में उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी माँगी है। यह कदम उत्तराखण्ड में साइबर अपराधों की रोकथाम और प्रबंधन में सुधार लाने के प्रयासों का हिस्सा है।
पत्र में विशेष रूप से निम्नलिखित जानकारी मांगी गई है:
1. साइबर अपराधों का विस्तृत विवरण:
2. बुनियादी ढांचे का विवरण:
3. विशेष व्यवस्था और प्रोटोकॉल:
डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि यह पहल उत्तराखण्ड राज्य में साइबर अपराधों की रोकथाम और उन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की दिशा में उठाई गई है। अन्य राज्यों से प्राप्त जानकारी के आधार पर उत्तराखण्ड पुलिस साइबर अपराध से निपटने की अपनी कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधार और बदलाव करेगी। साथ ही यह आपसी सहयोग राज्यों के बीच साइबर अपराधों की चुनौती से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और इस क्षेत्र में उभरते नए खतरों को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा।

अन्त्योदय और वित्तीय सशक्तिकरण दिवस से होगा राष्ट्रीय डाक सप्ताह का समापन

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“विश्व डाक दिवस आम जनमानस और व्यवासियों में डाक विभाग की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना है : सीपीएमजी”

देहरादून, राष्ट्रीय डाक सप्ताह को लेकर उत्तराखंड़ डाक परिमण्डल के सभागार में मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया, पत्रकारों से रूबरू होते हुये
मुख्य पोस्टमास्टर जनरल श्रीमती शशि शालिनी कुजूर ने राष्ट्रीय डाक सप्ताह के दौरान की जाने वाली विभिन्न गतिविधियो की जानकारी दी | 07 से 11 अक्टूबर 2024 तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह के अन्तर्गत मेल व पार्सल दिवस, फिलेटली दिवस, ‘एक पेड माँ के नाम” की पहल के साथ जीपीओ परिसर में वृक्षारोपण किया गया तथा 10 KM की Postathon Walk Relay का आयोजन किया गया। इसके साथ ही अन्त्योदय दिवस और वित्तीय सशक्तिकरण दिवस भी मनाया जायेगा । उन्होंने कहा कि विश्व डाक दिवस का उद्देश्य आम जनमानस और व्यवासियों के रोजमर्रा के जीवन में डाक विभाग की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना है, साथ ही वैश्विक समाजिक और आर्थिक विकास में उनके योगदान के बारे में भी बताना है। इस वर्ष विश्व डाक दिवस का थीम “राष्ट्रों में संचार को सक्षम बनाने और लोगों को सशक्त बनाने के 150 वर्ष”। इसी क्रम में इस परिमंडल की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण निम्नांकित है l
वित्तीय सशक्तिकरण के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि डाकघरों द्वारा दूरस्थ जनता तक विभिन्न लघु योजनाओं द्वारा वित्तीय सेवा प्रदान की जा रही है। महिला सशक्तिकरण हेतु 01 अप्रैल 2023 से प्रारंभ महिला सम्मान बचत पत्र योजना के तहत एक हजार रु से दो लाख रु तक निवेश किया जा सकता है जिसमे दो वर्षों के लिए 7.5 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। अभी तक उत्तराखंड डाक परिमंडल में 90 हजार खाते खोले गए हैं। इसके अतिरिक्त बचत बैंक के 2.70 लाख खाते खोले गए एवं 103 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ।
डाक घर निर्यात केंद्र के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने बताया कि वर्तमान में उत्तराखण्ड डाक परिमण्डल में देहरादून आई.बी.सी. सहित सभी 13 जिलों में कुल 18 डाकघर निर्यात केंद्र संचालित हैं। जिनमे उत्तराखण्ड डाक परिमण्डल के प्रथम डाकघर निर्यात केंद्र जो कि रूडकी प्रधान डाकघर में वर्ष 2022 में खोला गया था शमिल है। वर्ष 2022 से वर्तमान तक डाकघर निर्यात केंद्र से परिमंडल को लगभग 1.2 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो चुका है। फिलैटली के तहत परिमण्डल के प्रदर्शन की जानकारी देते हुए मुख्य पोस्टमास्टर जनरल महोदया ने बताया कि विगत वर्ष 2023-24 में उत्तराखण्ड परिमण्डल ने अल्मोड़ा मण्डल में आयोजित जिला स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी “अल्मोड़ापैक्स” के अंतर्गत जागेश्वर धाम तथा कटारमल सूर्य मन्दिर पर विशेष आवरण जारी किये थे। इसके अतिरिक्त जनजातीय उत्पादों के महत्व को दर्शाने के लिए मूंज घास, भोज पत्र तथा पौना नृत्य पर भी विशेष आवरण जारी किये गए थे। उक्त के अलावा इस वर्ष चमोली मण्डल में आयोजित जिला स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी “चमोलीपैक्स” के अंतर्गत गोपीनाथ मंदिर एवं वसुधारा जलप्रपात पर विशेष आवरण एवं बद्रीनाथ धाम पर Permanent Pictorial Cancellation जारी किये गए इनके अतिरिक्त थुनेर (देहरादून, वसंतोत्सव) मसूरी, पक्षियों का स्वर्ग (सवॉय होटल) एवं राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह (भारतीय वन्यजीव संस्थान) पर विशेष आवरण जारी किये गए। इनके अतिरिक्त विद्यार्थियों में डाक टिकट संग्रह को बढावा देने के उद्देश्स्य से डाक विभाग द्वारा “दीन दयाल स्पर्श योजना” एवं पत्र लेखन को बढ़ावा देने के लिए ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता की शुरुआत की गयी l
मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने सेल्फ बुकिंग क्योस्क (Self Booking Kiosk) मशीन एवं DIGIPIN के बारे में भी जानकारी दी। मुख्य पोस्टमास्टर जनरल महोदया ने बताया कि वर्ष 2023-24 में गंगाजल की 464640 bottles की आपूर्ति की गई हैं तथा इस वर्ष 2024-25 में वर्तमान तक 270000 bottles की आपूर्ति की गई हैं। इनके अतिरिक्त परिमंडल के 06 POPSK केन्द्रों के द्वारा वर्ष 2023-24 में 68385 एवं वर्ष 2024-25 में वर्तमान तक 20922 पासपोर्ट जारी किये जा चुके हैं।
मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने PLI एवं RPLI के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 में 6614 नई PLI पॉलिसियां खोली गई जिनसे रु 137.65/- करोड़ का प्रीमियम अर्जित किया गया एवं इस वर्ष में वर्तमान तक 5110 नई PLI पॉलिसियां खोली जा चुकी हैं जिनसे 71.98/- करोड़ का का प्रीमियम अर्जित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2023-24 में 13192 नई RPLI पॉलिसियां खोली गई जिनसे रु 97.90/- करोड़ का प्रीमियम अर्जित किया गया एवं इस वर्ष में वर्तमान तक 9945 नई RPLI पॉलिसियां खोली जा चुकी हैं जिनसे 40.87/- करोड़ का का प्रीमियम अर्जित किया जा चुका है।
वहीं IPPB के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने यह बताया कि वर्ष 2023-24 में 58264 एवं इस वर्ष वर्तमान तक 24145 प्रीमियम खाते खोले जा चुके हैं। इनके अतिरिक्त General बीमा (GI) के तहत वर्ष 2023-24 में 54.12 लाख की पालिसी एवम इस वर्ष वर्तमान तक 69 लाख तक की पालिसी जारी की जा चुकी है।
डाकघर के भवनों सम्बंधित कार्यों के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में देहरादून जीपीओ, देहरादून कैंट प्रधान डाकघर व कोटद्वार प्रधान डाकघर भवनों के जीर्णोद्धार (Renovation) के कार्य किए गए। इनके अतिरिक्त 2 कार्यालयों (टनकपुर उपडाकघर व मंडलीय कार्यालय पौड़ी) में महिला शौचालय, 2 डाकघरों (कोटद्वार प्रधान डाकघर व हल्द्वानी प्रधान डाकघर) में Ramp & Rails एवं 17 विभागीय डाकघरों में Braille Signages स्थापित किए गए। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत 5 विभागीय रिक्त भूमियों में लघु डाकघर भवनों के निर्माण के कार्य प्रगति में है एवं 13 अन्य डाक घरो में अन्य कार्य प्रगति पर हैं। इनके अतिरिक्त मुख्य पोस्टमास्टर जनरल महोदया ने यह बताया ग्रामीण डाक सेवक के पदों के लिए वर्ष 2024 के लिये 1238 पदों के लिए चयन सूची जारी की गयी थी जिसमे से 802 का प्रशिक्षण चल रहा है एवं 436 अभ्यर्थियों ने ज्वाइन करने से मना कर दिया। 436 पदों के लिये नई सूची ऑनलाइन पोर्टल द्वारा जारी की जायेगी।
मुख्य पोस्टमास्टर जनरल ने यह बताया कि इस वर्ष 31 गाँवो में नये पोस्ट ऑफिस खोले जाने के प्रस्ताव निदेशालय को प्रेषित किये गये है एवं जो आधार केंद्र सक्रिय नहीं हैं उन्हें सक्रिय करने का प्रयास किया जा रहे हैं।

जल स्रोतों में जल उपलब्धता के लिए “स्प्रिंगशैड मैनेजमेन्ट प्लान” के तहत होगा कार्यः महाराज

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देहरादून।   उत्तराखंड वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण हमारे वर्षा आधारित पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि, तापमान में बढ़ोत्तरी और पानी की उपलब्धता में कमी आई है। जिस कारण अधिकांश फसलों की उत्पादकता प्रभावित हुई है।
उक्त बात प्रदेश के जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को जलागम विभाग द्वारा आईसीएफआरई, ऑडिटोरियम, एफआरआई केंपस में आयोजित उत्तराखंड जलवायु अनूकूल बारानी कृषि परियोजना कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कही। इस कार्य के लिए उत्तराखंड का चुनाव करने पर उन्होंने भारत सरकार एवं विश्व बैंक का आभार भी व्यक्त किया।
जलागम मंत्री महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड के चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में पर्वतीय कृषि को लाभदायक तथा ग्रीन हाउस गैस न्यूनीकरण हेतु सक्षम बनाने के लिए शक्तिशाली उत्पादन प्रणाली विकसित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी के तहत “विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना (न्ब्त्त्थ्च्)” का जलागम विभाग द्वारा आज से संचालन प्रारम्भ किया जा रहा है।
महाराज ने कहा कि छः वर्षीय यह परियोजना चयनित 8 जनपदों में प्रारम्भ की जायेगी और इस परियोजना से 519 ग्राम पंचायतों की कुल 3.7 लाख जनसंख्या को लाभ मिलेगा। यह पहली ऐसी परियोजना है जो जलवायु परिवर्तन से कृषि क्षेत्र में हो रहे प्रभावों को कम करने हेतु विभिन्न जलवायु अनुकूल कृषि प्रणालियों को परियोजना क्षेत्र के तहत मॉडल रूप में विकसित करेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में जल स्रोत जन समुदाय की जीवन रेखा है। जलवायु परिवर्तन से प्रदेश में जो जल स्रोत सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं। उन जल स्रोतों में जल उपलब्धता में वृद्धि एवं इनके सतत् प्रबन्धन हेतु स्प्रिंगशैड मैनेजमेन्ट प्लान की अवधारणा के अनुरूप कार्य किया जायेगा।
जलवायु अनुकूल व्यवसायिक कृषि पद्धतियों को अपनाने से कृषकों की आय में वृद्धि होगी और परियोजना क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से बंजर हो चुकी कृषि भूमि को पुनः उत्पादक बनाने हेतु विभिन्न वृक्ष प्रजातियों को भी रोपित किया जायेगा।
जलागम मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हम ष्सबका साथ सबका विकासष् के मूलभूत सिद्धांत पर कार्य कर रहे हैं। वर्तमान परिदृश्य में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारक है। भारत द्वारा वर्ष 1970 तक शून्य ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन का संकल्प लिया गया है। इस परियोजना की महत्वपूर्ण बात यह है कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक संस्थान कंसोर्टियम पार्टनर्स के रूप में उत्तराखंड से जुड़ेंगे और इन संस्थाओं के वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई गई तकनीक का प्रयोग इस परियोजना के अंतर्गत किया जाएगा।
इस अवसर पर कैंट विधायक सविता कपूर, जलागम के मुख्य परियोजना निदेशक आनंद वर्धन, परियोजना निदेशक नीना ग्रेवाल, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता जयपाल, विश्व बैंक टास्क टीम लीडर रंजन सामन्त्रे, पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक राजीव नाथ त्रिपाठी, डॉ. रेनू सिंह, डॉ. ए.के. नायक, प्रोफेसर सुमित सेन, डॉ. एम.के. वर्मा, प्रोफेसर शेखर मुद्दू, डॉ. लक्ष्मीकांत, डॉ. सुभाष शर्मा एवं डॉ ए.एस. नैन आदि अधिकारी मौजूद थे।

यूकॉस्ट मे “लेखक गाँव- साहित्य सृजन, कला, संस्कृति व विज्ञान से बनता विश्व के लिए प्रेरणा” कार्यशाला का हुआ आयोजन

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देहरादून, विज्ञान धाम मे ‘लेखक गाँव- साहित्य सृजन,कला, संस्कृति व विज्ञान से बनता विश्व के लिए प्रेरणा’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार डा.रमेश पोखरियाल निशंक रहे.
रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि भारत विश्व गुरु है और प्राचीन काल से ही हमारे देश मे नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय थे। उन्होंने कहा कि ज्ञान का व्य वहारिक प्रदर्शन ही विज्ञान है । उन्होंने पौराणिक भारतीय ज्ञान, विज्ञान प्रणालियों से सबको अवगत कराया। उन्होंने कहा विज्ञान, आयुर्वेद, अर्थशास्त्र, कृषि, खगोल शास्त्र आदि सभी क्षेत्रों मे हमारा देश हमेशा से ही अग्रणी रहा है । उन्होंने कहा हमारे देश नयी शिक्षा नीति 2020, के माध्यम से स्टे इन इंडिया और स्टडी इन इंडिया का स्लोगन दिया है । उन्होंने कहा कि लेखक गाँव दुनिया के साहित्य-प्रेमियों को एक मंच प्रदान करेगा, रचनाओं को प्रकाशित किया जाएगा। उन्होने कहा कि लेखक गाँव विश्व में अपनी पहचान बनाएगा और मानव चेतना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह गाँव शब्द, शक्ति और साधना का केंद्र बनेगा। यहां पर साहित्य और विज्ञान से संबंधित विभिन्न कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । यह एक एतिहासिक, तथ्यात्मक केंद्र होगा जो विभिन्न साहित्यिक रचनाओं और पुस्तको का संग्रह का कार्य करेगा।

इस कार्यक्रम से पूर्व परिषद प्रांगण में माँ सरस्वती की मूर्ति का अनावरण और पौधारोपण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया ।

प्रोफेसर दुर्गेश पंत, महानिदेशक यूकोस्ट, ने सभी का स्वागत करते हुए नयी शिक्षा नीति की विशिष्टताओं से सबको अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विज्ञान शिक्षा और साहित्य एक दूसरे के पूरक हैं । उन्होंने कहा कि लेखक ग्राम की अवधारणा साहित्य के क्षेत्र हेतु एक बड़ी उपलब्धि है ।

डॉ सविता मोहन,भूतपूर्व निदेशक उच्च शिक्षा ने कहा कि अध्ययन के विभिन्न आयामों से हमारे विद्यार्थियों को अवगत होना चाहिए । उन्होंने कहा हमारे पौराणिक ग्रंथों और वेदों की ऋचाओं को स्कूल कॉलेज में पढ़ाया जाना चाहिए और उनमें अन्तर्निहित विज्ञान को समझाना चाहिए। उन्होंने बताया कि लेखक गाँव सभी साहित्य के क्षेत्र मे इच्छुक लोगों को एक मंच प्रदान करेगा और विभिन्न साहित्यिक पुस्तकों को उनके पढ़ने वालों तक पहुंचाएगा ।

डॉ कमला पंत,शिक्षाविद ने कहा कि लेखक गाँव बसाने का सपना अपने आप मे विशिष्ट और आवश्यक है ।

डॉ सुधा रानी पांडे,भूतपूर्व कुलपति, संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार ने कहा कि साहित्य की मौलिकता से सृजनात्मकता आती है जो समाज मे सकारात्मक परिवर्तन लाया जाता है । नयी शिक्षा नीति का मूल ही यही है कि भारतीय ज्ञान परम्परा के माध्यम से समाज का विकास करना चाहिए।
इस अवसर पर लेखक गाँव व हिमालयी क्षेत्र और साहित्य से संबंधित एक सूक्ष्म वीडियो संदेश भी दिखाया गया. कार्यक्रम का संचालन व संयोजन अमित पोखरियाल, जनसंपर्क अधिकारी यूकॉस्ट ने किया । डॉ डी पी उनियाल, संयुक्त निदेशक, यूकॉस्ट ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया औए कहा कि लेखक ग्राम की अवधारणा साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संदेश है। इस कार्यक्रम में ग्राफिक एरा, तुलाज इंस्टिट्यूट, सनराइज अकैडमी आदि संस्थानों के लगभग 250 से अधिक शिक्षक और विद्यार्थी तथा यूकॉस्ट और आंचलिक विज्ञान केन्द्र के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

पहाड़ में गुलदार का आतंक, डोबरा चांटी मार्ग पर बेखौफ घूम रहे हैं गुलदार आम जनता को जान का खतरा

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लंबगांव – (मोहन सिंह राणा) डाेबरा चांटी माेटर मार्ग एंव लंबगांव – प्रतापनगर माेटर मार्ग पर बढी झाडियां आये दिनाें जहां दुर्घटनाओं का कारण बनी हुई है वहीं यो बढी हुई झाडियां गुलदार के आतंक का पर्याय भी बनी हुई है क्षेत्र के ब्लाक प्रमुख प्रदीप रमाेला, क्षेत्र पंचायत संदस्य धीरेंद्र महर ,टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष संदीप रावत, महामंञी माेर सिह पंवार ने लाेनिवि से सडकाें पर बढी हुई झाडियाें काे कटवाने की मांग की है उन्हाेने कहा कि वर्षात के माैसम प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रतापनगर क्षेत्र काे आवागमन से जाेडने वाले मुख्य माेटर मार्ग डाेबरां चांटी एंव प्रतापनगर माेटर मार्ग पर बेतहासा रूप से झाडियां बढी हुई है जाे कि सडक मार्गाें के तीब्र माेडाें पर किसी बडी दुर्घटना का कारण भी बन सकती है दूसरी और ये झाडियां गुलदार के आतंक का पर्याय भी बनी हुई है उन्हाेने कहा कि डाेबरा माेटर मार्ग पर भेलुंता के समीप चाैंदार बैंड के आसपास झाडियाें मे छिपे गुलदाराें से कई दुपहिया वाहन बमुश्किल से अपनी जान बचाकर निकल रहे हैं गाेलाणी निवासी बचन सिह कलूडा ने कहा कि बीते दाे दिन पूर्व गुलदार सांय 6 बजे चाैंदार बैंड के पास सडक पर सरेआम घूमता दिखाई दिया काफी देर हाेने के बाद भी गुलदार सडक से नही हटा उन्हाेने कहा कि ये हठथर्मी गुलदार कभी भी किसी बडी घटना काे अंजाम दे सकता है उन्हाेने लाेनिवि से सडकाें पर बढी झाडियाें काे कटवाने एंव वन विभाग से गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है इस संबंध मे लाेनिवि के सहायक अभियंता सतीश भट्ट मे कहा कि दाे सप्ताह के भीतर जल्दी ही सडकाें पर बढी हुई झाडियाें काे कटवाया जायेगा