Monday, June 16, 2025
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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक

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देहरादून, मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक आयोजित हुई। आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के पश्चात आयोग की यह पहली बैठक रही जिसमें उपाध्यक्ष सहित सभी नामित सदस्य एवं उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने जनपद बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन को कम करने हेतु आयोग द्वारा की गई सिफारिशों से सम्बन्धित पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि पलायन आयोग द्वारा पलायन के मूल कारणों से सम्बन्धित दी गई प्राराम्भिक रिपोर्ट से ही स्पष्ट था कि राज्य से पलायन मुख्यतः शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा एवं रोजगार की कमी रही है। उन्होंन कहा कि आयोग के सुझावो पर राज्य सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिये जा रहे है। उन्होंने कहा कि आयोग को वर्किंग एजेन्सी के रूप में नहीं अपितु राज्य से पलायन रोकने तथा ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिये थिंकटेक के रूप में कार्य करना होगा। आयोग के सदस्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर कार्य करने का अनुभव है। उनके अनुभव राज्य के समग्र विकास में उपयोगी होंगे इसका उन्होंने विश्वास जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 से पूर्व ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सोलर स्वरोजगार योजना तथा ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना, एलईडी योजना का कार्य गतिमान रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास एवं स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करना इसका उद्देश्य था। सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये मुख्यमंत्री सीमान्त सुरक्षा निधि की व्यवस्था की गई है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की सरकारी खरीद के लिये 5 लाख तक की सीमा निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा यूनीफार्म आपूर्ति के क्षेत्र में भी कार्य किया जा रहा है, पर्वतीय क्षेत्रों में इसे और विस्तार दिये जाने की जरूरत है। इनमें आत्मविश्वास जगाने की भी उन्होंने जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिये भी सदस्यों से सुझाव देने को कहा। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के कारगर ढ़ंग से उपयोग की दिशा में पहल की गई है। चीड़ से बिजली व पेलेटस बनाये जा रहे है। एलईडी निर्माण में 15 संस्थाये कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वयं का रोजगार खड़ा कर समाज को प्रेरणा देने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर युवाओं को तकनीकि प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेन्टरों में क्रेडिट कार्ड योजना आरम्भ किये जाने की भी बात कही।
बैठक में उपाध्यक्ष, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ0 एस0एस0नेगी ने बताया कि आयोग द्वारा अब तक राज्य के पर्वतीय जनपदों, ईको टूरिज्म, ग्राम्य विकास एवं कोविड-19 के प्रकोप के दौरान राज्य में लौटे प्रवासियों एवं उनके पुनर्वास पर आधारित 11 सिफारिशे प्रस्तुत की जा चुकी है।
बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट के सम्बन्ध में डॉ. नेगी ने बताया कि जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद बागेश्वर की जनसंख्या 2,59,898 है, इनमें 1,24,326 पुरूष तथा 1,35,572 महिलाएं है। पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से कुल 23,388 व्यक्तियों द्वार अस्थायी रूप से पलायन किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों द्वार पूर्णरूप से स्थायी पलायन किया गया है। आंकड़े दर्शाते है कि जनपद के सभी विकास खण्ड़ो में स्थायी पलायन की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। जनपद की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के लिए अनन्तिम रूप से 1,00,117 रूपये है।
आयोग द्वारा जनपद हेतु जो सिफारिशें रखी हैं उनमें प्रमुख रूप से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों की संख्या बढ़ाना, दुग्ध उत्पादन एवं दुग्ध उत्पादकों की उपज हेतु पनीर, घी आदि बनाने का प्रशिक्षण दिये जाने, दुग्ध समितियों की सक्रियता बढ़ाने एवं दुग्ध प्रसंस्करण केन्द्र खोले जाने। होम स्टे की संख्या बढ़ाये जाने, इकोटूरिज्म गतिविधियों को पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित किए जाने, पर्यटन से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाए जाने, क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किये जाने, मनरेगा में समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करके महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बनाए रखना, फसलों को बंदरों और जंगली सूअरों जैसे जानवरों से नुकसान से बचाव हेतु वन विभाग की सहायता से बन्दरबाड़ो/सोलर पावर फैन्सिंग का निर्माण कराये जाना, ग्राम पंचायतों में नर्सरियों बनाये जाना तथा औषधीय एवं सुगंधित पौंधों की कृषि को महत्वपूर्ण आजीविका उत्पादन गतिविधियों में विकसित किए जाना, जनपद में जड़ी-बूटी की खेती एवं कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना, जनपद में चाय के क्षेत्रफल को बढ़ावा दिया जाना, जनपद में बागवानी के क्षेत्रों को बढ़ाये जाना शामिल है।
इस अवसर पर आयोग के सदस्यों  रामप्रकाश पैन्यूली,  सुरेश सुयाल,  दिनेश रावत घण्डियाल, अनिल सिंह शाही एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रूद्रप्रयाग से  रंजना रावत ने अपने सुझाव रखे।
अपर मुख्य सचिव  मनीषा पंवार ने आयोग की सिफारिशों पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। आयोग के सदस्य सचिव  रोशन लाल एवं अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

लघु व्यापारियों ने किया बैठक का आयोजन

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हरिद्वार, 15 दिसम्बर (कुल भूषण)  कनखल क्षेत्र के फुटपाथ के कारोबारी रेडी पटरी के लघु व्यापारियों की एक आवश्यक बैठक चौक बाजार स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने की, संचालन नगर संयोजक राजेंद्र पाल ने किया। बैठक के माध्यम से नगर निगम व जिला प्रशासन से मांग की अतिक्रमण के नाम पर रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों का उत्पीड़न व शोषण किया जा रहा है उसे तत्काल प्रभाव से रोका जाए। बैठक के माध्यम से लघु व्यापारियों ने यह भी मांग की सिंहद्वार, देश रक्षक चौक, दादू बाग, हनुमानगढ़ी, कनखल चौक बाजार, दक्ष रोड, बंगाली मोड़, आर इंटर कॉलेज रॉड, श्रीयंत्र मंदिर इत्यादि कनखल के समस्त क्षेत्रों में रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों का वर्ष 2018 के नगर निगम के सर्वे के अनुसार कनखल क्षेत्र का अलग सेक्टर विभाजित कर कुंभ मेला 2021 के दृष्टिगत स्थानीय पार्किंग के नजदीक रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को वेंडिंग जॉन के रूप में स्थापित किए जाने की मांग को दोहराया।

एसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा लघु व्यापारियों को उनके रोजगार से हटाकर लघु व्यापारियों को बेरोज़गार किया जाना न्यायसंगत नही है। उन्होंने कहा जिला प्रशासन को रेडी पटरी के संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उनके सुझाव पर आगे की कार्रवाई के लिए नगर निगम प्रशासन को निर्देशित किया जाना चाहिए।

बैठक में सोनू लोधी, मक्खन लोधी, सतीश कुमार, रंजीत, राकेश कुमार, राजू यादव, संजय कुमार, जतिन, मक्खन सिंह, ओमप्रकाश, विष्णु लोधी, राकेश गुप्ता, ललित, तुलसीदास, नन्द किशोर, विश्वनाथ आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

बी.एससी प्रयोगात्मक आफलाईन कक्षायें प्रारम्भ

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हरिद्वार, 15 दिसम्बर (कुल भूषण) एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार के दृष्टिगत सुरक्षा कारणों से उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आॅनलाईन मोड़ में पठन पाठन कार्य आज से प्रारम्भ किया गया। यह जानकारी देते हुए काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि निदेशक उच्च शिक्षा के आदेशानुसार महाविद्यालय में प्रत्येक संकाय से टास्क ग्रुप का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य आॅफलाईन कक्षाओं के सुचारू संचालन एवं छात्र सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने के साथ-साथ महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर ही सैनेटाईजर, हैण्डवाश, थर्मल स्कैनिंग आदि की व्यवस्था का भी ध्यान रखना है।

प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि काॅलेज के प्राध्यापकों को पूर्व में ही सूचना दे दी गयी थी कि प्रत्येक छात्र-छात्रा के आॅफलाईन कक्षा में उपस्थित होने से पूर्व उनके अभिभावकों का सहमति/अनुमति पत्र अवश्य ले लिया जाये। डाॅ. बत्रा ने बताया कि टास्क ग्रुप टीम में शिक्षक विनय थपलियाल, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. शिवकुमार चैहान, डाॅ. मनोज कुमार सोही, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरयिाल, विनित सक्सेना, दिव्यांश शर्मा, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एम.सी. पाण्डेय, संजीत कुमार, समाजसेवी हरिद्वार नागरिक मंच के देवेन्द्र शर्मा, अधिवक्ता ललित मिगलानी,  डाॅ. नरेश चौधरी, छात्र विनय कुमार, कु. शिवानी आदि के नाम सम्मिलित हैं।

महाविद्यालय आॅफलाईन कक्षा की नोडल अधिकारी डाॅ. सुषमा नयाल ने बताया कि विज्ञान संकाय में प्रयोगात्मक आॅफलाईन कक्षा संचालन के प्रथम दिन बी.एससी प्रथम सेमेसटर के विभिन्न सत्रों में बुलाये गये छात्र-छात्राओं में से केवल 63 छात्र-छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। डाॅ. नयाल ने बताया कि कोविड-19 से छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत  सामाजिक दूरी (दो गज) का अनुपालन किया गया।

मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि प्रथम दिवस में एक सत्र में एक-तिहाई छात्रों का ही महाविद्यालय में प्रवेश कराया गया जिस कारण समयसारिणी को पुनः एस.ओ.पी. के अनुसार तैयार किया गया तथा चरणबद्ध रूप से पांच बैचों में प्रयोगात्मक कक्षायें चलायी गयी। डाॅ. माहेश्वरी ने सभी छात्र-छात्राओं का कोविड-19 की सुरक्षा के दृष्टिगत आह्वान किया कि प्रत्येक छात्र-छात्रा महाविद्यालय में मास्क लगाकर एवं आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाईल में डाउनलोड कर अवश्य आयें।

मेंटल हैल्थ के लिए 3सी फॉर्मूला बेहतर: डॉ. हर्षवर्धन

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नई दिल्ली। ‘कोविड महामारी के चलते हमारे बच्चे और युवा मेंटल हैल्थ की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसके चलते उनकी एकाग्रता प्रभावित हो रही है और वे गुस्से, चिड़चिड़ापन और स्ट्रेस के शिकार हो रहे हैं। इन समस्याओं से उबरने के लिए एकमात्र मंत्र है ‘3सी’। यानि कनेक्ट, कॉन्सनट्रेशन और कॉउंसलिंग…।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को एप्सा और लाइफ इज ब्यूटीफुल फाउंडेशन के ई-कॉन्क्लेव का शुभारंभ करते हुए ये बातें कहीं।

बजट स्कूलों के संगठन ‘अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन’ (एप्सा) के अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया और लाइफ इज ब्यूटीफुल फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र गौड़ ने ‘हमारे बच्चों की मेंटल हैल्थ’ विषय पर संयुक्त रूप से सोमवार को एक ई-कॉन्क्लेव आयोजित किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। कॉन्क्लेव में करीब 750 छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकों, स्कूल संचालकों और चिकित्सकों ने भाग लिया।

कॉन्क्लेव में एम्स के प्रोफेसर ऑफ साइकेट्री डॉ. राजेश सागर और सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ हैल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के सदस्य डॉ. हरीश गुप्ता ने बच्चों और युवाओं में बढ़ती मेंटल हैल्थ की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए सोशल मीडिया और इंटरनेट पर अधिक समय बिताने को इसका एक प्रमुख कारण बताया। माउंट आबू पुब्लूसी स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती ज्योति अरोड़ा, लिटिल फ्लॉवर ग्रुप ऑफ स्कूल्स के प्रबंध निदेशक रोहित दुआ, एप्सा अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया और रोहताश नगर से बीजेपी विधायक जितेंद्र महाजन ने भी बच्चों और युवाओं में मेंटल हैल्थ की समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि दिल्ली में स्कूल्स और कॉलेज बंद हुए 10 महीने बीत गए हैं। ऑनलाइन क्लासेज इसका समाधान नहीं हैं। उम्मीद है कि नई शिक्षा नीति मेंटल हैल्थ संबंधी समस्याओं से निपटने में कारगर साबित होगी।

अल्मोड़ा : कृषि कानून देश के किसानों के हित में उठाया गया बड़ा कदम : प्रकाश रावत

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अल्मोड़ा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत ने सुनीता सन सिटी वैंकट हाॅल में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून देश के किसानों के हित में उठाया गया बड़ा कदम है। इसके बावजूद कुछ राजनीतिक दल किसान आन्दोलन के नाम पर किसानों को बरगला कर अपनी राजनीतिक रोटिया सेकने का काम कर रहे है। लेकिन किसान धीरे-धीरे समझने लगा है दिल्ली में किसान आन्दोलन के माध्यम से कुछ राजनीतिक दल किसानों को भ्रमित करने मंे लगे हुऐ है यह कानून किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है किसान देश की रीढ़ है, और देश की अर्थव्यवस्था किसानों पर ही निर्भर है, एम0एस0पी0 पहले की तरह लागू रहेगा, करार सिर्फ फसल का होगा न कि भूमि का और किसान चाहे तो इसे लेकर न केवल एस0डी0एम0 कोर्ट बल्कि सिविल कोर्ट में भी वाद दायर कर सकेगा, कृषि कानून का विरोध सिर्फ विरोध करने के लिए किया जा रहा है, आन्दोलन को देख साफ लगता है कि कुछ बाहरी ताकतें किसानों को बरगलाने का काम कर रहे है जिसे नुकसान किसानों को होगा।

उन्होंने कहा वर्ष 2013-14 कृषि बजट की तुलना में 2020-21 कृषि बजट में 6 गुना वृद्वि हुई है, यह एक ऐतिहासिक कार्य है कि 6 साल में 6 गुना वृद्वि हुई है भारत सरकार ने 2020 में 1 लाख 34 हजार 399 करोड़ रूपये का बजट का प्रावधान किया है, 2015-16 में 252 मीट्रिक टन अनाज का 2019-20 में यह 297 मीट्रिक टन अनाज का संग्रहण किया।
प्रधानमंत्री किसान योजना के द्वारा 10 करोड़ 60 लाख किसानों को इस योजना से लाभ मिला है, इस योजना से अब तक भारत सरकार ने 95900 करोड़ रूपये खर्च किए हैं, केन्द्र सरकार ने अलग से किसानों के लिए 1 लाख करोड़ की व्यवस्था की है।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व उनकी सरकार निरन्तर किसानों के सशक्तिकरण का कार्य कर रही है, जिससे की आर्गेनिक राज्य, अत्याधुनिक कृषि उपकरण वितरण व किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही है, विपक्षी दल किसान आन्दोलन का उपयोग कर रही है, जो बहुत निन्दनीय है।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष रवि रौतेला और मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र साह मौजूद थें

सीएम की उपस्थित में तकनीकी शिक्षा विभाग एवं एजुस्किल के मध्य समझौता ज्ञापन में हुये हस्ताक्षर

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में मंगलवार को सचिवालय में तकनीकी शिक्षा विभाग एवं एजुस्किल (EduSkill) के मध्य में समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। उत्तराखण्ड सरकार एवं एजुस्किल द्वारा संयुक्त रूप से सभी राजकीय पाॅलीटेक्निक में आॅनलाईन माध्यम से युवाओं को विश्वस्तरीय टेक्निकल स्किल उपलब्ध कराएगी। इसके माध्यम से मल्टीनेशनल कंपनियों के एकेडमिक प्रोग्राम तक छात्र-छात्राओं की पहुंच संभव होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के साथ ही प्रशिक्षकों को भी लगातार अपग्रेड किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका लगातार मूल्यांकन और अनुश्रवण किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इससे छात्र छात्राओं को इंडस्ट्री की डिमांड के अनुरूप कोर्सेज करवाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे इससे कितना ग्रहण कर पा रहे हैं, इस पर भी फोकस किया जाना चाहिए।
एमओयू, निदेशक तकनीकी शिक्षा डाॅ. हरी सिंह एवं निदेशक EDUSkill, श्री शुभजीत जगदेव के मध्य हस्ताक्षरित किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी एवं मुख्यमंत्री के आई.टी. सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त पेटवाल भी उपस्थित थे।

स्मार्ट सिटी की समीक्षा बैठक, सीएम ने दिये समय सीमा के भीतर कार्यो को पूर्ण करने के निर्देश

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देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी की समीक्षा की। बैठक के दौरान सी.ई.ओ. समार्ट सिटी  आशीष श्रीवास्तव ने देहरादून स्मार्ट सिटी पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत कराये जा रहे सभी कार्यों को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इसमें समयबद्धता के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने माॅडर्न दून लाईब्रेरी की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इसे शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से आम जनता को कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए समय-समय पर ठेकेदारों आदि के साथ भी बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि उन्हें आ रही समस्याओं का भी निराकरण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में वर्षाजल को संरक्षण के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर अधिक फोकस किया जाना चाहिए।

सी.ई.ओ. समार्ट सिटी  आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत रू0 1407 करोड़ है, जिसमें 100 प्रतिशत निविदाएं आमंत्रित कर ली गयी हैं और इनसे सम्बन्धित कार्यादेश भी जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत स्मार्ट स्कूल का समस्त कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

इसके अन्तर्गत राजकीय बालिका इंटर काॅलेज राजपुर रोड, राजकीय इंटर काॅलेज, खुड़बुड़ा एवं राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल को शामिल किया गया है, जिनमें स्मार्ट क्लासेज, कम्प्यूटर लैब, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र आदि की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट रोड का कार्य प्रगति पर है। दून एकीकृत कमांड एण्ड कंट्रोल रूम का कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव  शैलेश बगोली एवं श्री सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना में की गई गतिविधियों की उप जिलाधिकारी ने ली समीक्षात्मक जानकारी

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रुद्रप्रयाग , उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग बृजेश कुमार तिवारी की अध्यक्षता में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित दो महत्वपूर्ण केन्द्र पोषित योजनाओं ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन‘ योजना के अन्तर्गत गठित विकासखण्ड स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें उपजिलाधिकारी द्वारा दोनों योजनान्तर्गत गत तीन माहों से अब तक की गई गतिविधियों एवं कार्यों की विस्तृत समीक्षात्मक जानकारी ली गई।

बैठक में उपस्थित बाल विकास परियोजना अधिकारी शैली प्रजापति एवं बाल विकास की क्षेत्रीय सुपरवाइजरों को योजना अन्तर्गत आॅगनवाड़ी केन्द्रों में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों में किशोरियों एवं महिलाओं को स्थानीय उपलब्ध खाद्य सामग्री में पाये जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी देते हुए उनके प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गये। इसके अलावा स्थानीय उपलब्ध खाद्यान्न जैसे मंडुवा, भट्ट, हरी सब्जी इत्यादि को दैनिक आहार में शामिल करने हेतु महिलाओं की काउंसलिंग करने हेतु निर्देश दिए गए ताकि महिलाओं को सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में प्राप्त हो सकें।
बैठक में उप जिलाधिकारी द्वारा समय-समय पर हीमोग्लोबिन जाॅच कैम्प आयोजित किये जाने व आवश्यकता अनुसार दवाइयां एवं काउंसलिंग किए जाने हेतु।

स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया। महिलाओं एवं किशोरियों हेतु संचालित विभिन्न विभागों के अन्तर्गत संचालित योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नन्दा गौरा योजना, जननी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्वि योजना इत्यादि का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किये जाने व सभी पात्र लाभार्थियों तक इन योजनाओं का लाभ प्रदान किए जाने हेतु निर्देशित किया गया। उक्त के अतिरिक्त दो बालिकाओं के जन्म के पश्चात् परिवार नियोजन करवाने वाली दो महिलाओं रूबी असवाल पत्नी रविन्द्र सिंह ग्राम लोली तथा विनीता देवी पत्नी मनोज सिंह ग्राम सन क्यार्क को बेटी बचाओ बेटी बचाओ योजनान्तर्गत एवं अति कुपोषित की श्रेणी से सामान्य वजन की श्रेणी में लाने हेतु दो आंगनवाड़ी कार्यकत्री दीपा देवी आंगनवाड़ी कार्यकत्री धुंयेली तथा रेखा देवी आंगनवाड़ी केन्द्र सारी को उनके किए गये उल्लेखनीय प्रयासों हेतु शाॅल प्रदान करते हुए उप जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्तनुसार महिलाओं को सम्मानित किया गया।

बैठक में निरीक्षक कुंवर सिंह बिष्ट, सहायक अध्यापिका बालिका इण्टर काॅलेज अगस्त्यमुनि वंदना कोठारी, अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण यशोदा खत्री, सहायक विकास अधिकारी ए.पी. वशिष्ट, खंड विकास अधिकारी रोशन लाल शाह, सांख्यकीय सहायक शिल्पी भण्डारी, कनिष्ठ सहायक प्रमोद कुमार आर्य, सुपरवाइजर देवेश्वरी कुंवर, सुधा त्रिपाठी, पुष्पा खत्री आदि उपस्थित रहे।

अपराधियों पर अब रहेगी ‘तीसरी आंख’ की नजर, घटना को अंजाम देने के बाद भागना नहीं होगा आसान

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देहरादून, जनपद में पुलिस ने अपराधियों पर पूरी तरह से शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। अब अपराधी का अपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद भागना होगा मुश्किल, उस पर रहेगी तीसरी आंख की नजर, डीआइजी अरुण मोहन जोशी की देखरेख में चल रहे ‘ऑपरेशन थर्ड आई’ के तहत जनपद में पुलिस ने 500 सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं। जल्द ही डीआइजी मॉक ड्रिल कर कैमरों की सतर्कता को भी परखेंगे।

देहरादून जिले को सीसीटीवी ग्रिड बनाने के उद्देश्य से डीआइजी ने बीते तीन दिसंबर को 15 दिनों का ‘ऑपरेशन थर्ड आई’ के नाम से विशेष अभियान चलाने के निर्देश जारी किए थे जिसके तहत सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया था कि अपने-अपने सर्किल और थाना क्षेत्रों में ऐसे स्थान जो अपराध की दृष्टि से संवेदनशील हैं, उन्हें चिह्नित कर लिया जाए व इन स्थानों में लगाए जाने वाले कैमरों की संख्या का आंकलन कर कैमरे लगाए जाएं। अभियान के दौरान लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि रात के समय भी वाहन की नंबर प्लेट और चेहरे दिखाई दें। कैमरों में बैकअप कम से कम एक माह का हो।

इसके अलावा बाजार क्षेत्रों और रूटों पर कैमरे का रुख ऐसी दिशा में हो, जिसमें संदिग्धों की पहचान हो सके। सभी चीता मोबाइल अपनी-अपनी बीट पुस्तिका में निर्धारित फॉर्मेट में सीसीटीवी संबंधी सूचना रखेंगे, जिससे उनके क्षेत्र में घटित अपराध की रोकथाम के लिए सहयोग मिल सके।

डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि ‘ऑपरेशन थर्ड आई’ की समीक्षा की गई थी। इसमें सामने आया कि काफी संख्या में थाना क्षेत्रों में उच्च क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। संवेदनशील स्थानों पर कैमरे लगाने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही मॉक ड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था परखी जाएगी।

डीआइजी ने थानों में लगने वाले कैमरों की मांगी रिपोर्ट

डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने जिले के सभी एसपी से थानों में लगने वाले कैमरों की रिपोर्ट मांगी है। पुलिस अधीक्षक नगर, ग्रामीण, अपराध एवं अपर पुलिस अधीक्षक पुलिस दूरसंचार की टीम ने बताया कि थानों में इनडोर के लिए 28 व आउटडोर के लिए 36 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है। पूर्व में सभी थानों में आउटडोर के लिए 55 व इनडोर के लिए 28 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। डीआइजी ने बताया कि हाइकोर्ट के आदेश पर सभी थानों में कैमरे लगाने की कार्रवाई चल रही है।

अन्नदाताओं को बरगला रहे है विपक्षी दल, कृषि कानूनों से अन्नदाता होंगे सशक्त : डॉ निशंक

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हरिद्वार केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ” निशंक ” ने हरिद्वार भाजपा कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के अन्नदाताओं को सशक्त व उनकी आय को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने नए कृषि विधेयकों को पारित किया हैं । लेकिन विपक्षी दल किसानों को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं ।
केंद्रीय मंन्त्री डॉ निशंक कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते कहा कि जिस कांग्रेस ने 60 सालों में कभी किसानों की चिंता नही की वो आज नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा किसानों को आत्मनिर्भर एवं बिचौलियों की चंगुल से आजाद करने के लिए लाए गए कृषि विधेयकों का विरोध कर रही है । उन्होंने कहा कि भाजपा सदैव किसानों की हितैषी रही है केंद्र व राज्य सरकार किसानों के हितों को सर्वोच प्राथमिकता देती है इसी को मध्य नजर रखते हुए नए किसान बिल लाये गए हैं इससे किसानों की आय में बेतहाशा वृद्धि होगी।

डॉ निशंक ने कहा कि किसानों पर अपनी फसल को बेचने को लेकर जो बंदिशें वर्षों से लगी थी इन कृषि विधेयकों के माध्यम से प्रधानमंन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं को असली आजादी दी है। लेकिन दुर्भाग्य से विपक्षी दलों द्वारा हमारे मेहनती किसान,अन्नदाताओं को बरगलाने का कार्य किया जा रहा है । कांग्रेस ने देश में इसी झूठ तंत्र के द्वारा इतने सालों तक राज किया है अब उनकी जड़ें हिल चुकी है तो मेहनती अन्नदाता किसानों को बरगला रही है लेकिन हमारे देश का किसान मेहनती व समझदार है वो कांगेस के बहकावे में नही आने वाला है।

डॉ निशंक ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व जो लोग आज इस बिल का विरोध कर रहे हैं वो दल इस विधेयक के पक्ष में थे। लेकिन आज इन कानूनों के प्रति उनका रुख बहुत ही निराशाजनक है। वे अन्नदाताओं को गुमराहित कर उनके हितों के साथ कुठाराघात करने का विपक्षी दलों का अभियान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। दोनों सदनों में स्वच्छ चर्चा के बाद ये बिल भारी बहुमत से पास हुए हैं जिसमें दूसरे दलों ने भी सदन में इस बिल का समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि किसानों को गलत तथ्य देकर भ्रमित किया जा रहा है कि वह अपने जमीन का मालिकाना हक खो देगा किसान आज भी अपनी जमीन का मालिक है और कल भी रहेगा । सरकार ने इस बिल में किसानों के लिए बोनस की व्यवस्था रखी है इसके अंतर्गत यदि किसान को अपना करार समाप्त करना है तो इसके लिए वह पूर्ण स्वतंत्रत है।
श्री निशंक ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्पष्ट कहा है ये बिल किसानों के हितों व उनकी आय बढ़ाने के लिए लाया गया है बिल में एमएसपी जिस प्रकार से पहले थी उसी प्रकार से आगे भी चलती रहेगी । लेकिन एमएसपी को लेकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है वह बहुत ही निंदनीय है ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने का लक्ष्य रखा जिसका असर आज दिखने लगा है आज किसानों की आय डेढ़ गुना तक बढ़ गई है ।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के बीच में जाकर इस विधेयक की पूर्ण जानकारी साझा करेंगीं। उनके हकों के लिए केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दी है ये किसानों को बताएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानो को मंडी की समाप्ति को लेकर भ्रमित किया जारहा है जो कि बहुत बड़ा कुप्रचार है इसके लिए प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार मंडी पहले थी उसी तरह आगे भी रहेगी। इन विधेयकों से किसान हर प्रकार से स्वतंत्र हो गया है वह अब अपनी फसल मंडी के अंदर और मंडी के बाहर, राज्य में या राज्य के बाहर कहीं भी उचित दाम पर स्वेच्छा से बेचने के लिए स्वतंत्र है। अब वह अपनी मर्जी का मालिक हो गया है। कांग्रेस ने देश के किसानों को बंधक बनाकर रखा देश के नौजवानों और देश की प्रगति को बंधक बनाकर रखा ।

डॉ निशंक ने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना काल में विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा JEE और नीट जैसे परीक्षायें कराकर पूरे विश्व को छात्रों के भविष्य पर आंच नहीं आने का संदेश दिया है ।
आज किसान सम्मान निधि सीधे किसानों के खाते में आती है उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों को चुनौती देते हुए कहा कि वह कृषि विधेयकों का अध्ययन कर एक भी कमी बताएं उसके बाद किसानों के बीच जाए।
डॉ निशंक ने कहा कि जिस प्रकार से हमारी सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है, वह विपक्षी दलों को हजम नहीं हो पा रहे हैं। कांग्रेस और विपक्षी दल किसान आंदोलन के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेक रही है उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों को किसानों से सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए।

श्री निशंक ने कहा कि हमारी सरकार 2014 से निरंतर किसान हित में कार्य कर रही है जिस प्रकार किसानों को आज किसान पेंशन किसान, सॉइल हैल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अनेक तरह की सुविधाएं प्रदान की जा रही है
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए कार्यों के बारे में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा 2013 -2014 कृषि बजट की तुलना में 2020- 2021 कृषि बजट में 6 गुना की वृद्धि हुई है यह एक ऐतिहासिक कार्य है कि 6 साल में 6 गुना की वृद्धि हुई है। 2020 में भारत सरकार ने एक लाख 34 हजार 399 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया है 2015-16 में 252 मीट्रिक टन अनाज था 2019-20 में 297 मीट्रिक टन अनाज का संग्रहण किया।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान योजना के द्वारा 10 करोड़ 60 लाख किसानों को इस योजना से लाभ मिला है। इस योजना पर अब तक भारत सरकार ने 95900 करोड़ रूपये खर्च किये है।

इस अवसर पर प्रदेश महामंन्त्री भाजपा श्री कुलदीप कुमार जिलाध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह , विधायक सुरेश राठौड़ आदेश चौहान , प्रदीप बत्रा ,देशराज कर्णवाल डॉ विनोद आर्य , संजय सहगल शोभाराम प्रजापति ,सुशील चौहान प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान, प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सुनील सैनी, कमलेश उनियाल ,विकास तिवारी आदि अन्य भाजपा पदाधिकारी उपस्थित रहे।