Sunday, June 22, 2025
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आद्य जगद्गुरू रामानन्दाचार्य  की 721वीं जयन्ती पर शोभायात्रा का आयोजन

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हरिद्वार 02 फरवरी कुल भूषण  आद्य जगद्गुरू श्री रामानन्दाचार्य की  721वीं जयन्ती महोत्सव कोविड19 के नियमों के साथ पूरे श्रद्वा उत्साह के साथ मनाई जायेगी। माघ कृष्ण सप्तमी संण्2077 यानि 04 फरवरी को जयन्ती महोत्सव के मौके पर पूजा अर्चना के बाद भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी। गोकुलधाम आवले वाला भूपतवाला से प्रारम्भ होने वाली शोभायांत्रा का शुभारम्भ श्रीनिरंजनी पंचायती अखाड़ा परमाध्यक्ष व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज के द्वारा किया जायेगा।

जबकि मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक होंगे। अतिविशिष्ट अतिथि मेलाधिकारी दीपक रावत तथा मेला आईजी संजय गुज्याल के अलावा विशिष्ट अतिथि अपर मेलाधिकारी ललित नारायण मिश्र व हरबीर सिंह होंगे। यह जानकारी देते हुए श्री रामानन्दीय श्री वैष्णव मण्डल रजिण्हरिद्वार के अध्यक्ष व उछाली आश्रम परमाध्यक्ष महन्त बिष्णुदास महाराज व सचिव महंत प्रहलाद दास ने दी।

शास्त्र और लोकाचार में अदभूत समन्वय स्थापित कर राष्ट्रभक्ति का प्रबल रूप दिखाने वाले आद्यजगद्गुरू श्रीरामानन्दाचार्य जी महाराज की पूजा अर्चना की जायेगी। उन्होने बताया कि विश्वव्यापी महामारी कोविड19 यानि कोरोना को देखते हुए शोभायात्रा के दौरान कोविड19 के नियमों का पूरी तरह से पालन कराया जायेगा।

बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेसजनो ने फूंका भाजपा सरकार का पुतला

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हरिद्वार 02 फरवरी ( कुल भूषण) कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आवाहन पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी हरिद्वार ने बढ़ती हुई महंगाई को लेकर एवं किसान आंदोलन के समर्थन में और कल आये निराशाजनक बजट को लेकर भाजपा सरकार का पुतला दहन किया। कांग्रेस प्रदेश महासचिव संजय पालीवाल ने कहा भाजपा की सरकार देश में लगातार बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने में असफल साबित हो रही है।

हरिद्वार ब्लॉक अध्यक्ष रवि कश्यप ने कहा कि किसान आंदोलन को तरह तरह के एजेंडे चला कर भाजपा लक्ष्य से भटकने का असफल प्रयास कर रही है हम इस तानाशाही सरकार को सन्देश देना चाहते है के जनता पर पड़ रही महंगाई की मार को कम करे और किसानों पर थोपे गए तीनो बिलो को वापिस ले। अमन गर्गए पार्षद कैलाश राजीव भार्गव आशीष शर्मा ने भी अपने विचार रखे ।

प्रदर्शन करने वालों में रवि भाटिजा राहुल चौहानए शिवम गिरी शरद शर्मा प्रकाश भाटी शुभम जोशी सोनू गिरी आशीष भारद्वाज ओम पहलवान प्रकाश शिवम् चौहानएविमल साहू सरदार रमणीक सिंह आदि उपस्थित रहे।

लखनऊ : बार में लड़के की गंदी हरकत पर नशे में धुत्त लड़कियों ने बाल पकड़ कर डाली पिटाई

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लखनऊ, यूपी की राजधानी लखनऊ एक बार में युवक-युवतियों द्वारा नशे में हंगामा किए जाने का मामला सामने आया है। हंगामे की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। वीडियो में दिख रहा है कि विभूति खंड में समिट बिल्डिंग स्थित माई बार में रविवार रात गेट पर अचानक बवाल शुरू हो गया।

एक युवक को युवतियों ने मारना शुरू कर दिया। युवक ने युवती को धक्का दे दिया। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने युवक की पिटाई शुरू कर दी। युवतियां जमकर गालियां निकाल रही थीं। दोनों पक्ष काफी नशे में थे। हंगामा बढ़ता देख महिला बाऊंसर माैके पर पहुंचीं और लड़कियों को शांत करते हुए जाने को कहा। लड़कियां इस कद्र हंगामा कर रही थी कि मारपीट की नाैबत आ गई।नशे में लड़कियों ने पहलवान का उतार दिया नशा, बालों से खींच फर्श पर पटक पटक  कर पीटा – Janadhikar Media – janadhikarmedia.com

 

पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था पूरी होने तक सभी बार को सील करने के निर्देश दिए हैं, वहीं विभूतिखंड पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि हमज़ा नाम के एक युवक ने लड़कियों से छेड़छाड़ की थी, वहां मौजूद लड़कियों ने छेड़छाड़ का विरोध करते हुए हमज़ा को पीट दिया। आरोपी हमज़ा ने भी लड़कियों से जमकर मारपीट की। हंगामा काफी देर तक चलता रहा और वहां खड़े लोग हंसते रहे।

 

सूचना के बाद पुलिस जब तक मौके पर पहुंचती तक सभी घटनास्थल से भाग चुके थे। यहां हूटिंग इस प्रकार हो रही थी जैसे कि वहां कोई विशेष आयोजन हो रहा हो। धीरे-धीरे यह मामला बढ़ता गया और मारपीट शुरू हो गई। कई लोग तो उन्हें शांत कराने की बजाय उनका वीडियो बनाने में मशगूल रहे।

उत्तराखंड़ सांसद बलूनी का सार्थक प्रयास : सिद्धबली और पूर्णागिरि एक्सप्रेस नामों को रेल मंत्रालय ने दी मंजूरी

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“फरवरी माह के अंत तक रेल मंत्रालय की दोनों ट्रेनों के संचालन की प्राथमिकता”

नई दिल्ली/देहरादून,उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख एवं मुख्य प्रवक्ता श्री अनिल बलूनी ने बताया कि उन्हें केंद्रीय रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल जी द्वारा अवगत कराया गया है कि उनके ( सांसद बलूनी ) द्वारा सुझाए गए नामों को रेल मंत्रालय ने संस्तुति दे दी है।

सांसद बलूनी ने रेल मंत्रालय से अनुरोध किया था कि कोटद्वार और टनकपुर से चलने वाली दोनों गाड़ियों के नाम स्थानीय भावनाओं, मान्यताओं और आस्थाओं के आधार पर रखे जाएं। उन्होंने कोटद्वार से चलने वाली ट्रेन का नाम “सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस” और टनकपुर से चलने वाली ट्रेन का नाम “पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस” रखने का अनुरोध रेल मंत्रालय से किया था। आज माननीय मंत्री जी द्वारा संसद में भेंट के दौरान सांसद बलूनी को बताया कि उक्त दोनों नाम मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कर दिए गए हैं।

सांसद बलूनी ने कहा कि उनके अनुरोध पर रेल मंत्रालय ने कोटद्वार से नई दिल्ली और टनकपुर से नई दिल्ली तक उपरोक्त दो नई जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने की स्वीकृति दी है। वर्तमान में दोनों ट्रेनों के स्टॉपेज, रूट और टाइम टेबल पर तेजी से कार्य जारी है।

सांसद बलूनी ने कहा कि माननीय मंत्री ने एक और सुखद समाचार दिया कि मंत्रालय का प्रयास है कि इसी माह के अंत तक दोनों ट्रेनों का संचालन प्रारंभ कर दिया जाएगा, इस हेतु रेल मंत्रालय तेजी से कार्य कर रहा है। सांसद बलूनी ने माननीय मंत्री जी का आभार प्रकट किया कि उन्होंने जन भावनाओं के आधार पर उपरोक्त नामों को स्वीकृति दी और साथ ही ट्रेनों के संचालन हेतु भी त्वरित निर्देश जारी किए हैं।

बड़ी खबर : हल्द्वानी पुलिस को यहां मिला चांदी के सिक्कों से भरा घड़ा, अब इस कार्रवाई में जुटी पुलिस

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी, हल्द्वानी कोतवाली के मंडी चौकी क्षेत्र पुलिस को उस वक्त बड़ी सफलता हाथ लगी जब मोती नगर बैरियर पर पुलिस द्वारा सघन चेकिंग की जा रही थी रात को पुलिस द्वारा की जा रही चेकिंग में एक गाड़ी से घड़ा बरामद किया गया और इस घड़े (गागर) में 1224 चांदी के सिक्के मिले है।

जानकारी के मुताबिक मंडी चौकी प्रभारी दिनेश चंद्र जोशी ने टीम के साथ जब मोती नगर बैरियर पर चेकिंग शुरू की इस दौरान गाड़ी संख्या यूके 04 के 5233 से चांदी से भरा एक घड़ा बरामद किया जब वाहन चालक से उन सिक्कों के बारे में पूछा गया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला जिसके बाद पुलिस ने घड़े को कब्जे में ले लिया और आयकर विभाग को घटना की जानकारी दे दी है बताया जा रहा है घड़ा 1224 चांदी के सिक्कों से भरा हुआ था |

हल्द्वानी : गलत अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देने पर भड़के पत्रकार

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( चंदन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी, कुमाऊं के मेडिकल हब माने जाने वाले हल्द्वानी में प्राइवेट अस्पतालों के लापरवाही भरे रवैए में सुधार नहीं हो रहा है। ताजा मामला मुखानी स्थित तिवारी मैटरनिटी सेंटर एंड नर्सिंग होम से सामने आया है। वरिष्ठ पत्रकार तरेंद्र सिंह बिष्ट की पत्नी को किसी अन्य महिला की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट सौंपकर उसी के अनुसार दवाएं लिख दी गई। अस्पताल की लापरवाही का पता लगाने पर मंगलवार को शहर के पत्रकारों ने अस्पताल प्रबंधक डॉ. मोहन चंद्र तिवारी का घेराव करते हुए कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई की मांग की। डॉ. तिवारी से कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर पत्रकार शांत हुए।

वरिष्ठ पत्रकार तरेंद्र बिष्ट ने बताया कि सोमवार को उनकी पत्नी के पेट में दर्द हुई। वे उन्हें मुखानी स्थित तिवारी अस्पताल में उपचार के लिए ले गए। वहां डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड की सलाह दी। अल्ट्रासाउंड कराने के बाद रिपोर्ट को अस्पताल के पर्चे के साथ लगाकर सौंपा गया। डॉक्टर ने उसी हिसाब से दवा लिख दी।

जब घर आकर रिपोर्ट देखी तो नाम पर नजर पड़ी तो वे रिपोर्ट किसी दूसरी महिला की थी। कहा कि कई ऐसे मरीज आते हैं जो कम पढ़े-लिखे होते हैं और वे नाम आदि नहीं पढ़ पाते हैं। ऐसी लापरवाही किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। घेराव करने वालों में वरिष्ठ पत्रकार रवि दुर्गापाल, राजीव शुक्ला, मनोज पांडे, धीरज जोशी, अंकुर भारद्वाज, दीपिका नेगी, हर्ष रावत, गोविंद बिष्ट, पुष्कर अधिकारी, भानू जोशी, राहुल जोशी, ऋषि कपूर, संजय कनेरा, कृष्ण बिष्ट, चंदन बिष्ट आदि मौजूद रहे |

केंद्रीय बजट 2021-22 पर पंजाब नैशनल बैंक के एमडी और सीईओ श्री सीएच. एस. एस. मल्लिकार्जुन राव के विचार

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देहरादून, हम केंद्रीय बजट 2021-22 में माननीय वित्त मंत्री द्वारा घोषित सुधारों का स्वागत करते हैं। यह बजट एक बड़ी आधारभूत संरचना को बढ़ावा देकर मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए मार्ग निर्मित कराने के अलावा स्वास्थ्य और कल्याण, समावेशी विकास, मानव पूंजी, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास के प्रमुख स्तंभों का समाधान करने के बीच एक उचित संतुलन बनाता है। घोषित किए गए उपायों की श्रृंखला, लोगों के साथ-साथ बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप हैद्य यह स्वास्थ्य केंद्रित उपायों के माध्यम से महामारी से लड़ते हुए बुनियादी ढांचे और ग्रामीण विकास पर निवेश को बढ़ाकर राष्ट्र को पटरी पर लाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा।

जहां तक वित्तीय क्षेत्र का संबंध है, वित्त वर्ष 2021-22 में पीएसबी के लिए 20000 करोड़ रुपये का पुनर्पूंजीकरण एक स्वागत योग्य कदम है। बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने के लिए अपेक्षित अन्य उपाय निम्नानुसार हैं।

– बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर विभिन्न उपायों की घोषणा की गई है, जिससे अर्थव्यवस्था को विकास के एक नए पथ में ले जाने की उम्मीद हैं। पूंजीगत व्यय में 34 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के अतिरिक्त, नई राजमार्ग परियोजनाओं की भी घोषणा की गई है।

– एक पेशेवर रूप से प्रबंधित विकास वित्तीय संस्थान की स्थापना बुनियादी ढाँचे के वित्तपोषण को उत्प्रेरित करेगी।

– एएआरसी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी का निर्माण जो स्ट्रेस्ड एसेट्स का अधिग्रहण करेगा और वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) को बेचेगा, यह भी स्वागत योग्य है क्योंकि यह मूल्य खोज पर प्रभाव और बाजार प्रतिस्पर्धा में सुधार के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

– एनसीएलटी प्रणाली को मजबूत किया जाएगा और ई-कोर्ट को अपनाया जाएगा और ऋण समाधान के वैकल्पिक तंत्र की स्थापना की जाएगी।

– पूर्ण / प्रक्रियाधीन परियोजनाओं के मुद्रीकरण के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आईएनवीआईटीएस जैसे उपकरणों के माध्यम से आवश्यक संसाधन निर्माण में मदद करेगा।

– अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं जैसे एलआईसी का आईपीओ में लाना, बीमा में एफडीआई सीमा में वृद्धि जिसे 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया जाना, 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और 1 सामान्य बीमा कंपनी को रणनीतिक रूप से निर्निहित करना, सही दिशा में उठाए गए कदम हैं।

पुराने वाणिज्यिक वाहनों को परिवहन से हटाने के लिए प्रस्तावित स्वैच्छिक स्क्रैपिंग नीति ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देगी। बुनियादी ढांचे के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक धन उपलब्ध कराते हुए समग्र उधार कार्यक्रम अर्थव्यवस्था के राजकोषीय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी सहायक होंगे।

गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सा विज्ञान केन्द्र के आईसीयू का लोकार्पण

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में आपातकालीन चिकित्सा सेवा 108 के बेड़े में 132 नई एम्बुलेंस का फ्लैग आॅफ किया । इन आपातकालीन एम्बुलेंसस का क्रय विश्व बैंक सहायतित उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के माध्यम से किया गया है। उन्होंने गांधी शताब्दी अस्पताल में 10 बेड की आईसीयू यूनिट का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी कोरोना वॉरियर्स को प्रमाणपत्र और कोविड वार्ड में मरीजों की सेवा करने वाले सभी डाॅक्टरों एवं अन्य कार्मिकों को 11-11 हजार रूपए की धनराशि सम्मान स्वरूप देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में रहा है। आपातकालीन सेवा में 132 नई एम्बुलेंस के सम्मिलित होने से मरीजों को स्वास्थ्य सेवा का त्वरित लाभ मिल सकेगा। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में यह सेवा मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित होंगी। ये एम्बुलेंस एडवांस व बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम से युक्त हैं। पिछले चार साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कुल 271 एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से अभी तक लगभग 02 लाख 32 हजार लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना से 4200 से अधिक नेत्र रोगी अपना ईलाज करा चुके हैं। राज्य में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। 10 माह पूर्व जहां राज्य में कुल 216 आईसीयू बेड व 116 वेन्टीलेटर्स थे, अब बढ़कर 863 आईसीयू बेड व 695 वेन्टीलेटर्स हो गए हैं। जल्द ही तीन मेडिकल काॅलेज रूद्रपुर, हरिद्वार एवं पिथौरागढ़ तैयार हो जायेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अनेक प्रयास किये गये हैं।

इस अवसर पर मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी, सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस. ए. मुरूगेशन, प्रभारी सचिव डाॅ. पंकज पाण्डेय, अपर सचिव श्री युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ. अमिता उप्रेती, सीएमओ देहरादून डाॅ. अनूप डिमरी आदि उपस्थित थे।

सात समुद्र पार डाॅ0 निशंक के साहित्य का मूल्यांकन : केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ0 निशंक को हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने दिया ’साहित्य गौरव सम्मान-2021’

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✒️डाॅ0 वीरेन्द्र बर्त्वाल

देेहरादून, साहित्य मानवीय जीवन का चित्र होता है। वह संवेदनाओं का पुंज होता है। वह समाज का दर्पण होता है। साहित्य हमारी अनुभूतियों की तीव्रता बढ़ाता है। वह समस्याओं को प्रस्तुत कर उनके निराकरण में योगदान देता है। साहित्य सत्य, शिव और सुंदर होता है। डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक की कविताएं, कहानियां, उपन्यास आदि साहित्य की इन कसौटियों पर खरी हैं। साहित्यकार ने जिन परिस्थितियों को भोगा, उन्हें शब्दों और पात्रों के माध्यम से समाज के सामने पूरी निष्ठा के साथ रख दिया। इसलिए उनकी रचनाएं बहुत पढ़ी जा रही हैं और लोकप्रिय हो रही हैं। भारत ही नहीं, विदेश में भी उनके साहित्य का परचम लहराता है। इसीलिए सात समुद्र पार की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड उन्हें ’साहित्य गौरव सम्मान-2021’ से नवाजती है।
वियोगी होगा पहला कवि
आह से उपजा होगा गान
उमड़कर आंखों से चुपचाप
बही होगी कविता अनजान।
दरअसल जब साहित्यकार गहन भावों में डूबकर आपबीती को सुंदर शब्दों में व्यक्त करता है तो वह साहित्य हाथोंहाथ लिया जाता है, क्योंकि उसमें मौलिकता और स्वाभाविकता होती है। डाॅ0 निशंक के साहित्य में यही है।
तनाव-अभावों के बीच पथरीली पगडंडियां नापकर जीवन पथ पर आगे बढ़ना कठिन तो है, परंतु असंभव नहीं। विपरीत हालात हमें कष्ट तो देते हैं, लेकिन बहुत कुछ सिखाते भी हैं। संवेदनशील व्यक्ति इन कठिन परिस्थितियों में भोगे हुए क्षणों को दूसरे रूपों में अभिव्यक्त करता है। वह समाज को एक संदेश और सीख देता है। इससे उसे बड़ा संतोष मिलता है। डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक के साहित्य संसार का यही मूल है। विदेश की धरती से साहित्य गौरव सम्मान से नवाजे जाने का मतलब उनकी रचनाधर्मिता उच्च कोटि की है।

डाॅ0 निशंक ने 75 से अधिक पुस्तकों के रचना कर हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं मंे अपनी प्रतिभा सिद्ध की है। उनका जन्म पौड़ी गढ़वाल के पिनानी गांव में बहुत निर्धन परिवार में हुआ था। पहाड़ के जीवन की पहाड़ जैसी समस्याओं को झेलते हुए वे अंदर से बहुत मजबूत हो गए। बचपन में ही कठिन हालात से लड़ने का सामर्थ्य पैदा हो गया। उन्होंने विवशताओं और विडम्बनाओं सामना किया और संघर्षों पर विजय प्राप्त करते गए। तीव्र जिजीविषा, इच्छाशक्ति, ललक, विद्वता और देशप्रेम की गहन भावना ने उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्रदान की।

वे सफल शिक्षक, पत्रकार, सफल राजनेता और ख्यात साहित्यकार बने। उनका काव्य और गद्य जीवनमूल्यों की आधारशिला पर खड़ा है, जिसमें मानवता के विभिन्न रंग हैं। इसीलिए डाॅ0 निशंक लिखते हैं-’मेरी कविताएं बारूद के ढेर पर खड़े आदमी को दानव से मानव बनाएंगी।’ इसके अलावा डाॅ0 निशंक के संपूर्ण सहित्य में प्रेम, प्रकृति, सौन्दर्य, पर्यावरण, देश प्रेम भी दर्शनीय और प्रशंसनीय है। उनके पात्र हालात के मारे होते हैं, वे विवश हैं, लेकिन उनमें सकारात्मकता और जीवन की विषमताओं से लड़ने का जुनून है। उनकी कविता प्रेरणा देती है-’तुम शब्दों के पक्ष में आ जाओगे तो हर शब्द एक नया कल लाएगा।’ असीम संवदेनाओं से आच्छादित डाॅ0 निशंक के साहित्य में ’चरैवेति-चरैवेति’ का सूत्रवाक्य पाठकों में असीम उत्साह का संचार करता है। वे लिखते हैं-’अभी भी है जंग जारी, वेदना सोयी नहीं है।’

संस्कृत, गढ़वाली, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, मलयालम इत्यादि भाषाओं में अनूदित उनके साहित्य पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध हो चुके हैं, हो रहे हैं और पाठ्क्रमों में पढ़ाया जा रहा है। साहित्य सृजन में उत्कृष्टता के लिए अनेक देशों की संस्थाओं से अलंकृत डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक को इस बार कनाडा की संस्था हिन्दी राइटर्स गिल्ड ने साहित्य गौरव सम्मान-2021 से नवाजा है। कनाडा में करीब 16 लाख भारतीयों में भारतीय संस्कृति के तत्वों को जीवित रखने और इन लोगों के बीच हिन्दी के प्रचार-प्रसार में जुटी यह संस्था हर साल हिन्दी के साहित्यकारों को सम्मान प्रदान करती है। इस बार कोविड-19 के कारण वर्चुअल रूप में आयोजित सम्मान समारोह में देश-दुनिया की साहित्य, खेल, फिल्म, संगीत इत्यादि विभिन्न हस्तियों की उपस्थिति में उत्तराखंड की राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य के हाथों डाॅ0 निशंक को यह पुरस्कार दिया गया। 55 से अधिक देशों के साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति में हुए इस कार्यक्रम में डाॅ0 निशंक के साहित्य पर गहन विमर्श भी हुआ तथा हिन्दी राइटर्स गिल्ड की दो पुस्तकों (ई-संकलन)- ’संभावनाओं की धरती’ और ’सपनों का आकाश’ का विमोचन किया गया। इनमें एक गद्य और दूसरी पद्य संकलन है।

पुरस्कार ग्रहरण करने के बाद डाॅ0 निशंक ने इस पुरस्कार को हिन्दी के साहित्यकारों, हिन्दी के लिए कार्य कर रहे लोगों और हिन्दी प्रेमियों को समर्पित करते हुए हिन्दी के प्रचार-प्रसार और संरक्षण के लिए किए जाने वाले हिन्दी राइटर्स गिल्ड के कार्यों की सराहना की और उम्मीद जतायी कि यह संस्था एक दिन कनाडा में हिन्दी को शिखर पर ले जाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हिन्दी का भविष्य उज्ज्वल बताते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अभी तक के आंकड़ों के अनुसार हिन्दी विश्व की तीसरी बड़ी भाषा है, लेकिन जिस प्रकार हिन्दी का क्षेत्र बढ़ रहा है, उससे लगता है कि यह जल्द ही पूरे विश्व की नंबर एक भाषा बन जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत की सहोदरी भाषा हिन्दी समृद्ध है। इसमें दस लाख शब्दों की संपदा है। इसमें संवेदना, लालित्य और स्नेह है। यह संपूर्ण संसार की भाषाओं को अपनी बांहों में समेटकर चलने की विशेषता रखती है। भारत की नई शिक्षा नीति में हिन्दी को विशेष महत्त्व मिला है।

हंसराज काॅलेज की प्राचार्य डाॅ0 रमा ने डाॅ0 निशंक के साहित्य की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डाॅ0 निशंक ने अपने साहित्य में मानवता को प्रमुख स्थान दिया है। उनकी रचनाओं में प्रेम, प्रकृति और सौंदर्य तो है, लेकिन अधिक महत्त्व मानवता को दिया गया है। वे आत्मा को संवारने की प्रेरणा देते हैं।
पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि निशंक संघर्षशील जीवन के पर्याय हैं। राजनीति में होते हुए कला को संजोए रखना बड़ी बात है और यह डाॅ0 निशंक बखूबी कर रहे हैं। राजनीति में रहकर रचनाधर्मिता कर रहे लोगों का हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपयुक्तता के साथ उल्लेख होना चाहिए। श्री जगूड़ी ने कहा कि दो नावों पर सवार होने के खतरे तो होते हैं, लेकिन डाॅ0 निशंक ने इन खतरों का सामना करते हुए उन पर विजय प्राप्त की है। वे जितने सफलत साहित्यकार हैं, उतने ही सफल राजनेता भी हैं।

प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो0 योगेंद्र नाथ शर्मा ’अरुण’ ने कहा कि डाॅ0 निशंक ने राजनीति में रहते हुए बड़ा साहित्यकार बनकर यह दिखाया है कि संवेदनाओं और परिश्रम के बूते कोई कार्य मुश्किल नहीं होता। डाॅ0 निशंक जैसे संवेदनशील व्यक्ति के लिए अपनी कहानियों और उपन्यासों के लिए पात्र ढूंढने की आवश्यकता नहीं पड़ती, उन्हें सड़कों, ढाबों और होटलों मंे अपनी रचनाओं के पात्र आसानी से मिल जाते हैं। प्रो0 ’अरुण’ के अनुसार साहित्य व्यक्ति को अमर बना देता है, जबकि राजनीति व्यक्ति को कालांतर में ’भूत’ बना देती है। इस बात को डाॅ0 निशंक भी स्वीकारते हैं, इसलिए उन्होंने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति मुझसे कहे कि राजनीति या साहित्य में क्या चुनोगे तो मैं निश्चित रूप से साहित्य का चयन करूंगा। प्रो0 ’अरुण’ ने कहा कि डाॅ0 निशंक के उपन्यास ’जिंदगी रुकती नहीं’ में मानवीय संवेदनाएं शिखर को स्पर्श करती हैं। केदारनाथ आपदा पर केंद्रित इस उपन्यास में त्रासदी और करुणा का अनुपम संयोग दृष्टिगोचर होता है।
केंद्रीय हिन्दी शिक्षण मंडल, आगरा के उपाध्यक्ष अनिल जोशी ने कहा कि डाॅ0 निशंक वर्षों से हिन्दी के प्रचार-प्रसार की लौ जलाए हुए हैं, यह उनके हिन्दी प्रेम का प्रमाण है। डाॅ0 निशंक साहित्य के गौरव हैं। कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय विसारिया तथा काउंसलर अपूर्वा श्रीवास्तव ने डाॅ0 निशंक के रचनासंसार की सराहना की।

राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य ने कहा कि डाॅ0 निशंक न केवल प्रसिद्ध साहित्यकार हैं, बल्कि वे नई शिक्षा नीति पर क्रांति लेकर आए हैं। वे हमारी भारतीय संस्कृति और हिन्दी भाषा के ध्वजवाहक के रूप में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 शैलजा सक्सेना और धन्यवाद ज्ञापन अमृता शर्मा ने किया। इस गरिमामय कार्यक्रम के साक्षी युगांडा, माॅरीशस, सिंगापुर,बहरीन, साउथ कोरिया, जापान पोलैंड कतर, अमेरिका, तंजानिया, थाईलैंड इत्यादि देशों के साहित्यप्रेमियों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियां बनीं। डाॅ0 शैलजा सक्सेना के मधुर संचालन के सभी मुरीद हो गए। धन्यवाद ज्ञापन अमृता शर्मा ने किया।

ख्यातिलब्ध हस्तियां बनीं समारोह की साक्षी
ख्यातिलब्ध साहित्यकार डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक को साहित्य गौरव सम्मान-20121 दिए जाने के गरिमामय कार्यक्रम की साक्षी जानी-मानी हस्तियां बनीं। किसी साहित्यकार के सम्मान समारोह में इतनी जानी-मानी हस्तियों का जुड़ना बड़ी बात है। इनमें प्रमुख रूप से इसरो के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में आईआईटी परिषद के अध्यक्ष प्रो0 राधाकृष्णन, कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय विसारिया, काउंसलर अपूर्वा श्रीवास्तव, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, अनुपम खेर, पी0टी0 उषा, दीपा मलिक, मैरी काॅम, मालिनी अवस्थी, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, प्रसून जोशी, आचार्य बालकृष्ण, नरेंद्र कोहली, श्यामसिंह शशि, ज्ञान चतुर्वेदी, पुष्पेश पंत, बृजेश शुक्ल, उषा किरण दास, रामबहादुर राय, प्रसिद्ध लोकगायक प्रीतम भरतवाण, पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट, डाॅ0 अनिल जोशी, मनोषी चटर्जी, सुमन घई, विजय विक्रांत, जापान के डाॅ0 तोमियो मिजोकामी तथा हिन्दी राइटर्स गिल्ड संस्था के पदाधिकारी शामिल रहे।

 

साहित्य का प्राण है संवेदना: निशंक

डाॅ0 निशंक कहते हैं कि संवेदना साहित्य का प्राण है। संवेदना हमें मनुष्य बनाती है, यदि हम संवेदनहीन हैं तो हममें प्राण होते हुए भी हम एक रोबोट या मशीन हैं। संवेदनहीन व्यक्ति दूसरे का हित कभी नहीं कर सकता है। किसी व्यक्ति को लेखक, कवि बनाने के पीछे संवेदना का ही हाथ होता है। यह कहना है प्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ0 रमेश पोखरिया निशंक का। डाॅ0 निशंक के अनुसार संवेदनशील व्यक्ति अपने अंदर की भावनाओं को श्ब्दों में पिरोकर प्रस्तुत करता है तो उसे असीम आनंद की अनुभूत होती है। साहित्यकार समाज का हित करते हुए अभिव्यक्ति के कारण स्वयं भी आनंदित होता है। साहित्य सृजना करना एक प्रकार से परोपकार यानी कल्याण का कार्य है, क्योंकि वह साहित्यकार समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास करता है। वह समाज की विद्रूपताओं को उघाड़कर चैराहे पर फेंक देता है। वह अवांछित बातों पर सवाल खड़े करता है और जो होना चाहिए, उसकी प्रेरणा देता है।

साहित्य सत्य, शिव और सुंदर तीनों है। इसलिए साहित्य का सर्जन करने वाला किसी तपस्वी और पवित्र आत्मा से कम नहीं होता। साहित्यकार के लिए जितनी संवेदनाओं की आवश्यकता है, उतनी ही शब्दों की भी। शब्दों में असीम शक्ति होती है। शब्दों ही विध्वंस कराते हैं और शब्द ही रचना भी कराते हैं। शब्द ब्रह्म होता है, वह कभी नष्ट नहीं होता। शब्दों की साधना करना अत्यंत पवित्र कार्य है। एक सफल साहित्यकार वही बन सकता है, जिसके मन में छटपटाहट हो। जिसे अपने इर्द-गिर्द की घटनाएं गहराई तक प्रभावित करती हों। वे घटनाएं आनंद देने वाली भी हो सकती हैं और मन को कचोटने वाली भी।

समाजसेवी स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा वॉलीबॉल प्रतियोगिता कोटद्वार ने जीती

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देेहरादून, सुप्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा( भगत जी) की स्मिर्ति में आयोजित दसवीं राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता का खिताब कोटद्वार ने गुणेडी गांव को हराकर जीता ! राजकीय इंटर कॉलेज बुंगलगड्डी के प्रांगण में आयोजित इस प्रतियोगिता में कुल 15 टीमों ने भाग लिया जिसमें वल्सा , गुणेडी, भगत जी क्लब एवं कोटद्वार की टीमों के बीच सेमीफाइनल मुकाबले खेले गये !

संघर्षपूर्ण सेमीफाइनल मुकाबलो के बाद गुणेडी और कोटद्वार की टीमों के मध्य रोचक फाइनल मुकाबला देखने को मिला जिसमें कोटद्वार की टीम ने अपने खेल कौशल दिखाते को हुए फाइनल मुकाबला 25 – 17, 25- 15, और 25-21 से जीता ! फाइनल मुकाबले के बाद अंकित को मैन ऑफ द मैच तथा मोहित को मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया ! उपविजेता टीम को ट्रॉफी और नगद पुरष्कार राशि प्रदान करते हुए राजकीय इंटर कॉलेज बुंगलगड्डी के प्रधानाचार्य नीरज सक्सेना ने स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा भगत जी द्वारा समाज हित में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए समाज को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश वहां उपस्थित सभी लोगों और खिलाड़ियों को दिया !

विजेता टीम को ट्राफी व नगद पुरष्कार राशि सुरेंद्र सिंह नेगी पूर्व प्रमुख रिखणीखाल द्वारा प्रदान कि गई इस अवसर पर उन्होंने खिलाड़ियों को खेल भावना के साथ खेलने एवं क्षेत्र के विकास कार्यों में सहयोग करने की अपील की , उन्होंने कहा खेलने से शरीर स्वस्थ होता है और स्वस्थ मानसिकता किसी भी क्षेत्र के विकास में अहम रोल अदा कर सकती है! इस अवसर पर स्वर्गीय लीलानंद लखेड़ा जनकल्याण समिति के सचिव महिमानंद ध्यानी ने सभी का आभार व्यक्त किया प्रतियोगिता के आयोजन में अध्यक्ष बीआर लखेड़ा, आयोजन सचिव दीपक लखेड़ा और उपाध्यक्ष जे के लखेड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई !