Tuesday, June 24, 2025
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कुंभ मेला : गढ़वाल ओर कुमाऊँ की देव डोलियां 24 अप्रैल को पहुँचेगी हरिद्वार, 25 को करेंगी स्नान

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देव डोलियों के स्नान की समुचित व्यवस्था के लिए पर्यटन मंत्री ने मेलाधिकारी को दिए दिशा निर्देश

हरिद्वार ( कुल भूषण), राज्य के पर्यटन, संस्कृति, जलागम प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण मंत्री सतपाल महाराज ने कुम्भ मेले में देव डोलियों के स्नान के सम्बंध में मेलाधिकारी दीपक रावत व अन्य के साथ प्रेमनगर आश्रम में बैठक की। उन्होंने मेलाधिकारी दीपक रावत से कहा कि देव डोलियों के स्नान के लिए समुचित व्यवस्था कराएं। जिससे कुंभ के दौरान देव डोलियों के स्नान की परंपरा को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके। उन्होंने बताया कि गढवाल व कुमाऊं से 24 अप्रैल को देव डोलियां ऋषिकेश होते हुये हरिद्वार पहुंचेंगी और 25 अप्रैल को गंगा स्नान करेंगी।

माननीय मंत्री  सतपाल महाराज ने बताया कि देव डोलियों के स्नान की परंपरा बहुत प्राचीन और उत्तराखंड की महत्वपूर्ण विरासत है। 150 देव डोलियां पूरे प्रदेश से कुम्भ में गंगा स्नान को हरिद्वार महाकुम्भ में आएंगी। इसको देखने के लिए आम जन में भी बहुत उत्साह रहता है। इसलिए अधिकारीगण देव डोलियों के स्नान के सम्बंधित सभी तैयारी व व्यवस्था समय रहते पूरी कर लें। बैठक में मेलाधिकारी श्री दीपक रावत ने देव डोलियों के स्नान का बेहतर प्रबंध कराने का भरोसा दिलाया।

स्वरांजलि संगीत विद्यालय ने मनायी बसन्त पंचमी, संगीत कार्यक्रम भी हुआ आयोजित

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देहरादून, विकासनगर में भगवान श्री सूर्य नारायण जी के उत्तरायण में जाने और मकर संक्रांति के बाद आज बसंत पंचमी के शुभ आवागमन के अवसर पर स्वरांजलि संगीत विद्यालय बेलावाला में संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया, विद्यालय में सवेरे मां सरस्वती की पूजा अर्चना प्रबंध निदेशक सुश्री शांति वर्मा तन्हा और विद्यालय के संरक्षक विशाल नैथानी फिल्म लेखक के सानिध्य में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने की , जिसमें आशा, अंजना, निखिल, जसकरण अमृत,खुशी, वेदांश, शिवम,आदिति ,नीलम, सूरज बाबू, मीना, सितारायआदि छात्र-छात्राओं ने मां सरस्वती की वंदना ‘हे शारदे मां, जैसी अनेकों प्रस्तुतियां गाकर मंत्र मुग्ध किया |

शांति वर्मा व विशाल नैथानी ने अपने उद्बोधन में मां सरस्वती जी के जन्म व उनके द्वारा वीणा पर किया गया नाद और संगीत की उत्पत्ति व उसका मानव जीवन में महत्व पर अपना पक्ष रखा, उन्होंने कहा कि वर्तमान की सभी उपासनायें उनको संगीत के अलावा गौण बताया । संगीत हमारे हृदय व अंतस्थल का आनंद है । जिसके सामने पूजा-अर्चना तप योग और व्यायाम इन सब का मिश्रण संगीत उपासना के सामने कुछ भी नहीं है। विद्यालय में उपस्थित सभी छात्र छात्राओं ने ,

मां सरस्वती का पुष्प और अक्षत से पूजन अर्चना कर, राग भीमपलासी, मालकोश, भैरवी, वृंदावन सारंग, यमन दरबारी जैसे कई रागों में सांस्कृतिक व शास्त्रीय गायन में मां सरस्वती, और बसंत पंचमी के सुंदर गायन वादन की प्रस्तुतियों का गायन किया, बसंत हमारे जीवन व जड़ चेतन मैं और प्रकृति में नए रक्त का संचार करता है। मिष्ठान वितरण के साथ अंत संगीत कार्यक्रम का समापन किया गया |

हरिद्वार : प्रेस क्लब ने मनाई गई आचार्य पंडित किशोरीदास की 124वीं जयन्ती

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हरिद्वार 16 फरवरी (कुल भूषण)  । मेलाधिकारी दीपक रावत ने आज आचार्य पंडित किशोरीदास वाजपेयी की 124वीं जयंती के अवसर पर प्रेस क्लब हरिद्वार द्वारा चैक बाजार कनखल में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने चैक बाजार स्थित साहित्य मनीषी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आचार्य पंडित किशोरीदास वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

दीपक रावत ने पंडित वाजपेयी को नमन करते हुये कहा कि वे मूर्घन्य साहित्यकार और व्याकरणाचार्य थे। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि उनके द्वारा रचित साहित्य को जन-जन तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचाया जाये।
इस मौके पर मेलाधिकारी ने पंडित किशोरीदास वाजपेयी की प्रतिमा के आसपास का सौंदर्यीकरण-प्रतिमा के चारों तरफ ग्रिल लगाने, प्रकाश की समुचित व्यवस्था, साफ-सफाई आदि कार्य कराने के निर्देश हरिद्वार रूडकी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को देते हुये कार्यों का शुभारंभ नारियल तोडकर किया।

इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष दीपक नौटियाल, महामंत्री धर्मेन्द्र चैधरी, सुनील पांडेय, राजेश शर्मा आदि ने आचार्य पंडित किशोरीदास वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।

इस मौके पर मेलाधिकारी का स्वागत प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने अंग वस्त्रम एवं माला पहनाकर किया।
कार्यक्रम में अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह, उप मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, त्रिलोक चंद्र भटट, अमित शर्मा, संजय शर्मा, कुलभूषण शर्मा, राजेन्द्रनाथ गोस्वामी, मनोज खन्ना, बाल किशन शास्त्री, सविना जेटली सहित प्रेस क्लब के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

हरिद्वार : कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को 10 लाख मास्क वितरित करेगा हंस फाउंडेशन

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हरिद्वार, (कुल भूषण) उत्तराखण्ड़ में आयोजित होने वाले कुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए कोरोना के खिलाफ रक्षा कवच के रूप में हंस फाउंडेशन मास्क वितरित करेगा, अब कुंभ के आयोजन को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। माघ पूर्णिमा पर 27 फरवरी से कुंभ मेले की शुरुआत होगी।

हरिद्वार में कुंभ के दिव्य,भव्य आयोजन के हिसाब से सरकार तैयारियों में जुटी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सरकार के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। सरकार की सबसे बड़ी चिंता कुंभ में कोरोना संक्रमण की रोकथाम है। जिसको देखते हुए भी तैयारियां की जा रही हैं, मगर लाखों की तादाद में उमडऩे वाली श्रद्धालुओं की भीड़ के लिए कोरोना के दृष्टिगत व्यवस्थाएं जुटाना कोई आसान काम भी नहीं है।

इस परिप्रेक्ष्य में हंस फाउंडेशन सरकार के साथ खड़ा हुआ है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हंस फाउंडेशन हरिद्वार कुंभ में सरकार के साथ खड़ा हो गया है। फाउंडेशन माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज के सानिध्य में हरिद्वार कुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को रक्षा कवच के रूप में 10 लाख मास्क वितरित करेगा। जो कोरोना की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस संबंध में मंगलवार को हंस फाउंडेशन द्वारा कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत को हंस फाउंडेशन द्वारा हरिद्वार कुंभ मेले के लिए तैयार किए गए 40 हजार विशेष मास्क प्रदान किए गए हैं।
हंस फाउंडेशन द्वारा प्रदान किए गए मास्क के बारे बताते हुए मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए हंस फाउंडेशन द्वारा लगभग 10 लाख मास्क प्रदान करने का निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए हम पूज्य माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी का साधुवाद करते हैं।

कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि कुंभ में आने वाले यात्रियों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है। हंस फाउंडेशन जिस तरह से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क वितरित करने के लिए हमारे साथ खड़ा हुआ है। इससे हमारी बहुत बड़ी चिंता दूर हो गई है। इसके लिए हम पूज्य माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी का आभार व्यक्त करते हैं। श्री रावत ने कहा कि हंस फा

उंडेशन के यह मास्क हरिद्वार कुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए कोविड के खिलाफ रक्षा कवच बनेंगे।
इस मौके पर मेला अधिकारी ने कहा कि केंद्र से मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी होने के बाद राज्य सरकार ने भी कुंभ की विस्तृत एसओपी जारी कर दी थी। इसके तहत आश्रम और धर्मशालाओं से लेकर परिवहन तक के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना के साये में होने जा रहे हरिद्वार कुंभ में पंजीकरण और आने से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही श्रद्धालु आ सकेंगे।

आपको बता दें कुंभ मेले के लिए जो मास्क हंस फाउंडेशन की ओर से भेंट किए गए हैं। उनकी क्वॉलिटी पर बहुत ध्यान दिया गया है। ये पांच परत वाले मास्क हैं। फाउंडेशन की ओर से मेला प्रशासन को बताया गया है कि जरूरत के अनुसार आगे भी मास्क की आपूर्ति की जाएगी। अगले 10 दिन के भीतर मेला प्रशासन को 3 लाख मास्क दिए जाएंगे। हंस फाउंडेशन ने मेला प्रशासन को 10 लाख मास्क देने का लक्ष्य रखा है। जैसे-जैसे प्रशासन द्वारा मास्क की मांग की जाएगी, फाउंडेशन मास्क उपलब्ध करा देगा।

जूना अखाड़े ने की ध्वज स्थापना

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हरिद्वार 16 फरवरी (कुल भूषण)   वसंत पंचमी के पावन पर्व पर जूना अखाडे द्वारा दुःखहरण हनुमान मन्दिर जूना अखाड़ा घाट ललतारौ पर सरस्वती पूजन तथा कुम्भ मेला 2021 के निर्विध्न शांति पूर्वक सम्पन्न होने की मंगलकामना के साथ हवन किया गया। जूना अखाड़ा घाट पर अखाडे के अन्र्तराष्ट्रीय  संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के संयोजन में कपूरथला परिवार के वर्तमान गादीपति श्रीमहंत पुरूषोत्तम गिरिश्रीमहंत कमलपुरी सभापति श्रीमहंत प्रेमा गिरि सचिव श्रीमहंत मोहन भारती श्रीमहंत महेशपुरी गादीपति श्रीमहंत पृथ्वी गिरि श्रीमहंत कमल भारती आदि ने भगवा ध्वज की स्थापना की।

साथ ही वैदिक विद्वानों के मंत्रोच्चार के मध्य हवनएमा सरस्वती जीएमा गंगा की विशेष पूजा अर्चना की। अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने सचिव श्रीमहंत मोहन भारतीएश्रीमहंत महेशपुरी तथा थानापति नीलकंठ गिरि आदिके साथ ललतारौ में जूना अखाड़े की छावनी के लिए चल रहे कार्यो का भी निरीक्षण किया तथा कई आवश्यक निर्देश दिए। बताते चले कि यहां पर प्राचीन काल से ही नागा सन्यासियों का सन्यास दीक्षा व अन्य धार्मिक संस्कार होते चले आए है। यहां पर अखाडे के जखीराएमाल असवाब रथ पालकी होै हाथी घोडे टैªक्टर ट्राॅली व अन्य वाहन रखे जाते रहे है। यही से शाही  स्नान के लिए पालकियाॅ व बैडे सजक र शाही जुलूस में जाते है। सरस्वती पूजन तथा हवन में श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के साथ साथ श्रीमहंत इन्दर भारती श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती श्रीमहंत उमाशंकर भारती श्रीमहंत केदारपुरी श्रीमहंत साधनानंद ब्रहमचारी श्रीमहंत कमल भारती कारोबारी महादेवानंद गिरि पुजारी परमानंद गिरि सहित सैंकड़ो नागा सन्यासियों ने भाग लिया।

चारधाम यात्रा 2021 : 18 मई को खुलेंगे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट

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• 29 अप्रैल को नरेन्द्रनगर राजदरबार से तेलकलश(गाडू घड़ा) यात्रा शुरू होगी

• महाराजा मनुजयेन्द्र शाह सहित गणमान्य लोग कपाट खुलने की तिथि घोषित होते समय राजदरबार में मौजूद रहे।

नरेन्द्रनगर/ ऋषिकेश/ देहरादून।। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 18 मई मंगलवार प्रात: 4 बजकर 15 मिनट (बैशाख शुक्ल षष्ठी मंगलवार पुष्य नक्षत्र ज्येष्ठ पांच गते) खुलेंगे। तेल कलश ( गाडू घड़ा) यात्रा तिथि 29 अप्रैल बैशाख कृष्ण तृतीया बृहस्पतिवार निश्चित हुई है।

आज बसंत पंचमी के अवसर पर नरेन्द्रनगर ( टिहरी) राजदरबार में महाराजा मनुजयेन्द्र शाह की उपस्थिति में आयोजित धार्मिक समारोह विधिविधान पूर्वक श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। पंडित कृष्ण प्रसाद उनियाल एवं विपिन उनियाल ने पूजा-अर्चना पंचाग गणना पश्चात कपाट खुलने की तिथि तय की तथा राजा की ओर से कपाट खुलने की तिथि घोषित की गयी। प्रदेश के मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने पर प्रसन्नता ब्यक्त की है।

इस अवसर पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह, बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत , पूर्व विधायक मोहन सिंह गांववासी, चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद ममगाई,
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी राजगुरू माधव प्रसाद नौटियाल एवं स्वास्तिक नौटियाल, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, पीतांबर मोल्फा, डा. हरीश गौड़ सहित डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत पदाधिकारी हरीश डिमरी, पंकज डिमरी, विनोद डिमरी, सुरेश डिमरी, आशुतोष डिमरी भाष्कर डिमरी,नरेश डिमरी, आशाराम नौटियाल आदि मौजूद रहे। कपाट खुलने की तिथि तथा तेल कलश यात्रा का दिन घोषित होने से पहले डिमरी पंचायत द्वारा तेल कलश राजदरबार को सौंपा गया।

डिमरी पुजारियों द्वारा 29 अप्रैल को भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु तिलों का तेल कपाट खुलने के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जायेगा। उल्लेखनीय है कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 11 मार्च शिवरात्रि के अवसर पर तय होगी जबकि श्री गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया 14 मई को खुल रहे है। गढ़वाल आयुक्त /उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

मुख्यमंत्री ने टिहरी लेक फेस्टिवल का किया शुभारंभ, कई घोषणाएं की

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टिहरी/देहरादून । टिहरी लेक फेस्टिवल की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि टिहरी में भागीरथी के तट पर अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्यालय की स्थापना की जाएगी। जहां विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी का भी ज्ञान दिया जाएगा। इससे पूरे विश्व के लोग भारतीय संस्कृति का ज्ञान हासिल कर सकेंगे। यहां 500 प्रशिक्षणार्थियों को स्कूबा डाइविंग के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। लाइट और साउंड शो की शुरुआत की जाएगी। इस अवसर पर देवडोलियों का प्रदर्शन आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनमानस को बसंत पंचमी पर्व की बधाई देते हुए कहा कि टिहरी में उत्तराखंड का भविष्य है। पहले टिहरी लेक फेस्टिवल किस दिन मनाया जाए इसे लेकर कोई तारीख तय नहीं थी परंतु अब हमने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है कि टिहरी लेक फेस्टिवल अब से हर वर्ष बसंत पंचमी को ही होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली में आई प्राकृतिक आपदा के कारण इस बार महोत्सव को लेकर असमंजस की स्थिति थी परंतु हमने निर्णय लिया कि हम आपदा से भी लड़ेंगे और आगे भी बढ़ेंगे। जिन लोगों ने इस आपदा में अपना जीवन खोया है भगवान उनको श्री चरणों में स्थान दे। मैं बाबा केदार और भगवान बद्री विशाल से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर के निवासियों ने काफी दिक्कतें झेली हैं। आज सरकार ने उन्हें मोटरेबल डोबरा चांठी पुल दिया है जिससे उनकी परेशानी दूर हुई। साथ ही पर्यटकों और उत्तर काशी के निवासियों को भी सुविधा मिली है। मसूरी में कारोबार और पर्यटन में सैचुरेशन आ गया है। टिहरी में पर्यटक कुछ दिन रुके और यहां का लुत्फ उठाएं, इस कल्पना के साथ हम टिहरी क्षेत्र का विकास कर रहे हैं। इसके लिए 1210 करोड रुपए से नई टिहरी को विकसित करने का कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर विंग की स्थापना की गई है, जिसका असर राज्य में देखने को मिल रहा है। आज भीमताल, अल्मोड़ा, सतपुली और टिहरी में साहसिक गतिविधियों का सफलतापूर्वक आयोजन हो रहा है। हम टिहरी का इस तरह विकास कर रहे हैं कि लोग पलायन न करें और उन्हें यहीं पर रोजगार मिले। हमें विश्वास है कि पर्यटन का हब यदि कोई राज्य होगा तो वह उत्तराखंड ही होगा।

कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि टिहरी लेक फेस्टिवल के कारण आज बहुत से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। वाटर स्पोर्ट्स की जैसी संभावनाएं संभावनाएं टिहरी में हैं, वैसी संभावनाएं पूरे भारत में कहीं भी नहीं है। टिहरी झील आने वाले समय में इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित होगी।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डा. धनसिंह रावत, विधायक धनसिंह नेगी, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर, अपर सचिव एडवेंचर विंग कर्नल अश्विन पुंडीर, जिलाधिकारी श्रीमती ईवा आशीष श्रीवास्तव, पर्यटन अपर निदेशक पूनम चंद सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारियों सहित पर्यटन से जुड़े लोग और पर्यटक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

टिहरी लेक फेस्टीवल में विभिन्न साहसिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें पैरा ग्लाइडिंग, पैरा मोटर, पैरासेलिंग बोट, स्कूबा ड्राइविंग, हाट एयर बैलून, क्याकिंग, केनोइंग, हाईरोप कोर्स, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग रैपलिंग और ऑल टेरेन बाइक सहित कई साहसिक खेल शमिल है।
आत्मनिर्भर उत्तराखंड के संकल्प को ध्यान में रखते हुए महोत्सव में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों, क्राफ्ट, हस्तशिल्प की वस्तुओं, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के हिलांस आउटलेट, वन विभाग के उत्पादों, लकड़ी की वस्तुओं, जैविक उत्पादों के स्टाल भी लगाए गए। साथ ही लोगों के खाने पीने के भी स्टाल लगाए गए।

इस अवसर पर उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिली। देवडोलियों के माध्यम से धार्मिक परम्पराओं के भी दर्शन हुए। टिहरी झील महोत्सव के अंतर्गत पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही महोत्सव में फोटो प्रदर्शनी और अवार्ड सेरेमनी का भी आयोजन किया गया।

सुरंगों के निर्माण से खोखले तो नहीं हो रहे है पहाड़ : पर्यावरणविद् डॉ त्रिलोक सोनी

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देहरादून, देवभूमि उत्तराखंड अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है यहां की प्राकृतिक नजारों के लुप्त उठाने के लिए देश विदेश के पर्यटक आती हैं लेकिन इन प्राकृतिक नजारों के साथ जो छेड़खानी हो रही हैं कहीं न कहीं पहाड़ की भूमि असुरक्षित हो रही हैं जिसका जीता जागता उद्दाहरण चमोली जनपद के जोशीमठ तपोवन में हुए हिमस्खलन दर्शाता है क्या कहीं विकास की होड़ में हम मानव के जीवन को असुरक्षित तो नहीं बना रहे हैं

जो हिमालयी क्षेत्र में प्रकृति ने जो सौंदर्य कृत्य स्थल हमें दिए हैं कही विकास से जोड़कर हम उनको छती तो नही पहुंचा रहे हैं इस प्रकार के कई प्रश्न जहन में आते हैं।
इस सम्बंध में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी का कहना है विकास के नाम पर कहीं न कहीं हम जो प्रकृति से छेड़छाड़ कर रहे हैं वह आनेवाले समय के लिए कष्टदायक होगा, हम अपने विकास की होड़ में नदियों को रोककर परियोजनाओं को बना रहे हैं,

मजबूत चट्टानों को काटकर सुरंगों का निर्माण कर रहे हैं, पानी को रोककर नदी बेसिन में बसे लोगो को खतरा दे रहे हैं उससे हिमालय क्षेत्र के पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मानव जीवन के साथ यहा के पशु व वन्यजीव तथा प्राकृतिक वनस्पति असुरक्षित हैं। विकास के साथ परियोजना निर्माताओं को परियोजना के रुपरेखा तैयार करने के साथ बचाव के उपाय बनाने चाहिए ताकि मानव जीवन व कार्य मे लगे वर्कर्स को सुरक्षित किया जा सके और हिमालयी क्षेत्रों को कोई नुकसान न पहुंचे। कहा जिस प्रकार गाड़ियों में आपात कालीन द्वार होते है

उसी प्रकार डेम बनाने या सुरंग में लगे कार्य कर रहे मजदूरों के लिए आपात कालीन द्वार होना चाहिए कभी कोई आपदा जैसी घटना होती हैं तो उस द्वार से उन्हें बचाया जा सके। जोशीमठ धौलीगंगा व ऋषिगंगा परियोजना में भी आपात द्वार होता तो सायद इतने मानव जीवन की हानि नहीं होती और उन्हें बचाने में हमें सहायता मिलती। हमारी योजनाएं भविष्य को ध्यान में रखकर हो ताकि जोशीमठ तपोवन की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

बीमाधारकों को दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए डिजिलॉकर सुविधा दें बीमा कंपनियां: इरडा

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नई दिल्ली, पीटीआइ। बीमा कंपनियां अपने पॉलिसीधारकों को डिजिटल पॉलिसी जारी करने और इनका उपयोग करने का तरीका बताएं। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियां को यह निर्देश दिया है। इरडा का कहना है कि इससे न सिर्फ लागत कम होगी, बल्कि दावे को निपटाने की प्रक्रिया भी तेज करने में मदद मिलेगी।

इरडा ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि डिजिलॉकर से लागत में कटौती होगी। यह पॉलिसी कॉपी की डिलीवरी न होने से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने, बीमा सेवाओं के तेज प्रोसेसिंग, दावों का तेज निपटान, धोखाधड़ी पर लगाम, विवादों में कमी, उपभोक्ताओं तक बेहतर पहुंच समेत कई सुधारों का के लिए आगे रास्ता खोल देगा। इरडा का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव मिलेंगे। इरडा ने इससे जीआईसी आरई, लॉयड्स (इंडिया) और एफआरबी (विदेशी री-इंश्योरेंस ब्रांच) को अलग रखा है।

मालूम हो कि आप जल्द ही सरकार के डिजीलॉकर का उपयोग अपने बीमा पॉलिसी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए कर सकेंगे। IRDAI ने कहा है कि बीमाकर्ता उस प्रक्रिया के बारे में भी बताएं जिसके द्वारा पॉलिसीधारक अपनी पॉलिसी को डिजिलॉकर में रख सकते हैं। डिजीलॉकर में नागरिक अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित रूप से अपने सभी दस्तावेजों की कॉपी रख सकते हैं।

डिजीलॉकर एक ऐप’ है। ऐप को Google/Apple Play/ App Store से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। डिजीलॉकर में आप अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित रूप से अपने सभी दस्तावेजों की कॉपी रख सकते हैं। हाल के समय में आप कार रजिस्ट्रेशन, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, स्कूल और कॉलेज प्रमाणपत्र और सरकार द्वारा जारी किए गए कई अन्य दस्तावेजों को डिजिटल तौर पर सेव कर सकते हैं। भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यह सुविधा शुरू की गई है।

उत्तराखण्ड़ : चमोली जल प्रलय, नौ दिन में भी रैस्क्यू आपरेशन जारी, मिले 56 शव, अभी भी 148 लोगों की तलाश

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चमोली (जोशीमठ), जनपद में आई जल प्रलय के 9वें दिन सुरंग के अंदर मलबा हटाने का कार्य जारी
है आज सोमवार को पांच शव मिले हैं। तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग से तीन शव और निकाले गए। इसके अलावा एक शव 90 किमी दूर मैठाणा में मिला जबकि एक श्रीनगर की झील में मिला। अभी तक लापता 206 लोगों में से 56 शव बरामद हो चुके हैं।

दो लोग सुरक्षित मिले थे जबकि अभी भी 148 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं परियोजना के बैराज की ओर मलबा जमा है जिसमें शवों के दबे होने की आशंका है। यहां तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड बनाई जा रही है, जबकि बैराज के दूसरे छोर पर नदी के पानी के बहाव को रोकने के लिए भराव किया जा रहा है।

सोमवार को रेस्क्यू के दौरान सुरंग से मलबे में तीन शव बरामद हुए। इनकी शिनाख्त गजेंद्र पुत्र राम सिंह, धमकलग, रायपुर, मध्यप्रदेश, सलधार पुत्र जुया, कालसी, देहरादून और सत्यपाल पुत्र मदन सिंह, ग्राम-मसोली, चमोली के रूप में हुई। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि सुरंग से मलबा हटाने का कार्य जारी है। मलबे में मिल रहे शवों का मौके पर ही पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा जा रहा है। जिनके परिजन समय पर शवों को लेने के लिए नहीं पहुंचे तो ऐसे शवों के डीएनए सुरक्षित रखे जा रहे हैं।

अभी तक 56 शव हुए बरामद
तपोवन परियोजना की सुरंग से अभी तक 9 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि 47 शव रैणी से लेकर श्रीनगर तक विभिन्न जगहों पर नदी किनारे बरामद हुए हैं। आपदा में लापता 206 लोगों में से अभी तक 56 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि अभी भी 148 लोग लापता हैं। ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना साइड पर एक भी शव बरामद नहीं हुआ है,
आपदा प्रभावित क्षेत्र से निकाले जा रहे शवों में से यूपी के निवासियों के शव उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए यूपी के अधिकारियों का एक दल एक सप्ताह से तपोवन में कैंप किए हुए है।

दल में सहारनपुर के एडीएम विनोद कुमार, एसपी क्राइम बिजनौर अनित कुमार, राहत आयुक्त कार्यालय से चंद्रकांत और लखीमपुर खीरी के एसडीएम डा. अमरेश हैं।
ऋषि गंगा की जल प्रलय के बाद से तपोवन सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की पांच टीमों में 176 जवान जुटे हुए हैं। इसमें तीन टीमें गाजियाबाद से पहुंचीं हैं। बचाव दल ने रैणी, तपोवन बैराज, धौली गंगा और सुरंग में सर्च अभियान शुरू किया जो अभी भी लगातार जारी है।

आपदा में यूपीसीएल को 30 लाख का नुकसान, तीन किमी बिजली लाइन टूटी, 32 पोल और तीन ट्रांसफार्मर बहे, इस आपदा में ऊर्जा निगम को करीब 30 लाख का नुकसान हुआ है। तपोवन से पैंग गांव तक करीब तीन किमी बिजली लाइन टूट गई। जबकि 32 बिजली के पोल और तीन ट्रांसफार्मर भी बह गए । राहत दल ने ट्रांसफार्मर, बिजली के पोल और तार भी क्षेत्र में पहुंचाए हैं। फिलहाल 11 केवी बिजली की लाइन बिछाने का काम जारी है और वैकल्पिक तौर पर प्रशासन की और से इलाके सोलर लाइटें बांटी गई हैं।