Monday, June 23, 2025
Home Blog Page 1665

ऋषिकेश में आयोजित हो रहा है अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव

0

1 से 7 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव

देहरादून 26 फरवरी, 2021। ऋषिकेश में प्रतिवर्ष एक मार्च से सात मार्च तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की मेजबानी के लिए उत्तराखंड पूरी तरह तैयार है, यह फेस्टिवल योगनगरी ऋषिकेश में आयोजित हो रहा है। योग और अध्यात्म के अनुरागियों के लिए यह देश का सबसे आकर्षक उत्सव है। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2021 दैनिक जीवन में योग के फायदों के बारे में विश्व व्यापी जागरुकता फैलाने पर केन्द्रित है।

उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सभी का आवाह्न करते हुए कहा कि आप योग नगरी ऋषिकेश में एक से सात मार्च तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में हिस्सा लेने यहां अवश्य आएं। ऋषिकेश सदैव योग गुरूओं व संतों के लिए सदैव प्रसिद्ध रहा है। इस भव्य महोत्सव में आपको पुरातन योग पद्धति को निकटता से जानने समझने का सुअवसर मिलेगा। साथ ही, योगाभ्यास करके आपको अनोखा अनुभव भी प्राप्त होगा। देवभूमि उत्तराखण्ड में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ’’अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2021 के लिए प्रस्तावित गतिविधियों के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं। हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोविड-19 के इस दौर में पर्यटकों के लिए सभी सावधानियां बरती जाएं।’’

अपने प्रारंभ के बाद से यह आयोजन निरंतर विस्तारित हो रहा है तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस परिवार में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहा है। इस वर्ष ऋषिकेश में पारंपरिक योग, समकालीन योग, सदियों पुराना भारतीय चिकित्सीय अभ्यास व उपचारात्मक योग के साथ शक्ति-सृजन पर फेस्टिवल में चर्चा की जायेंगी।

इस वर्ष प्राचीन तकनीकों के द्वारा योग का अभ्यास किया जायेगा। योग सत्र के दौरान प्राचीन कला के माध्यम से अनुभवी योग चिकित्सकों द्वारा उपस्थित लोगों को शरीर, मन और आत्मा को शांत करने के बारे में जानकारी दी जायेगी। योग फेस्टिवल में प्रसिद्ध योग गुरूओं से मिलने का मौका मिलेगा। फेस्टिवल में योग के प्रति उत्साही लोंगो को 50 घंटे का योग प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जायेगा। इसके साथ ही योग में उपस्थित लोगों को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूप्रेशर/मर्म/सुजोक, ज्योतिष व टैरो कार्ड, चक्र हीलिंग, न्यूरो थैरेपी के बारे में अधिक जानने का मौका मिलेगा। इस फेस्टिवल में उत्तराखण्ड हाट भी होगा जहां से लोग योग संबंधी सभी जरूरतों के लिए सामानों की खरीदारी कर सकते हैं और उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने के साथ ही राज्य की संस्कृति का भी अनुभव कर सकते हैं।

गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक और अन्तरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल के प्रमुख आशीष चैहान ने कहा, ’’गंगा रिजार्ट ऋषिकेश में आयोजित होने वाले अन्तरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल में देश-दुनिया की तमाम प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हो रही हैं। गुरूओं में गौर गोपाल दास, स्वामी अवधेशानंद गिरि, आर्चाय बालकृष्ण, सिस्टर बीके शिवानी व कलाकारों में हसंराज रघुवंशी, मोहित चैहान, रजनीश मिश्रा, रितेश मिश्रा, सुष्मित सेन, इंद्रा नाइक प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि इस योग फेस्टिवल में आप भी शामिल हो सकते हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्टेªशन आॅनलाइन व आॅफलाइन दोनों तरह से किए जा रहे हैं।

इस योग फेस्टिवल से संबंधित ज्यादा जानकारी या रजिस्टेªशन करने के लिए आप https://internationalyogfestival.co.in पर विजिट कर सकते हैं।

उत्तराखंड़ : त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विभिन्न आयोगों, निगम, परिषद, समितियों में 17 महानुभावों को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सलाहकार का दायित्व सौंपा

0

देहरादून, मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विभिन्न आयोगों, निगम, परिषद, समितियों में 17 महानुभावों को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सलाहकार का दायित्व सौंपा है। सभी दायित्वधारिVCयों को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है।
1-श्री रामसूरत नौटियाल, चिन्यालीसौढ़-उपाध्यक्ष राज्य स्तर मत्स्य पालक विकास अभिकरण
2-श्री कैलाश पंत, रानीखेत -अध्यक्ष-उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति
3-श्री प्रताप सिंह रावत,चकराता -उपाध्यक्ष-वन विकास निगम
4-श्री कमल जिंदल, सितारगंज-उपाध्यक्ष-उत्तराखंड वन व पर्यावरण सलाहकार समिति
5-श्री संजय सिंह ठाकुर, रुड़की-उपाध्यक्ष-राज्य वन जीव सलाहकार बोर्ड
6-श्री मोहन सिंह मेहरा, जागेश्वर-अध्यक्ष –राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार एवं अनुश्रवण परिषद
7-डा. आशुतोष किमोठी,रुद्रप्रयाग-उपाध्यक्ष-जड़ी बूटी शोध व विकास संस्थान गोपेश्वर चमोली के अंतर्गत जड़ी बूटी सलाहकार
8-श्री हरीश दफोटी-देवीपुरा मालधन चौड़ रामनगर-अध्यक्ष-हरीराम टम्टा परंपरागत शिल्प उन्नयन संस्थान
9-श्री विमल कुमार हरिद्वार-सलाहकार-मा.मुख्यमंत्री लघु उद्योग
10-श्रीमति बेबी असवाल-पूर्व ब्लाक प्रमुख टिहरी-अध्यक्ष-राज्य महिला उद्यमिता परिषद
11–श्रीमति सुषमा रावत पौड़ी-अध्यक्ष-राज्य स्तरीय महिला सतर्कता समिति
12 –श्री अरुण कुमार सूद डोईवाला-अध्यक्ष-राज्य स्तरीय खेल परिषद
13- श्री मुकेश कुमार-महुआडाबरा जसपुर-अध्यक्ष- अनुसूचित जाति आयोग
14-पं.सुभाष जोशी देहरादून-अध्यक्ष-वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद
15-श्री दिनेश मेहरा, सल्ट अल्मोड़ा- उपाध्यक्ष- राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सलाहकार समिति
16-श्री अनिल गोयल-देहरादून-उपाध्यक्ष-उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण
17-श्री राजेंद्र जुयाल, प्रतापनगर टिहरी-उपाध्यक्ष-उत्तराखंड कृषक मित्र परिषद

अभीबस अब आईआरसीटीसी के ग्राहकों को बस टिकट बुक कराने की सुविधा मुहैया कराएगा

0

देहरादून,  बस टिकट बुक कराने के लिए भारत के तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन मार्केटप्लेस अभीबस डाॅट काॅम ने देश के सबसे बड़े टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) के साथ साझेदारी की है। इस तरह अभीबस डाॅट काॅम ने अपनी सफलता में एक और उपलब्धि जोड़ी है। आइआरसीटीसी पर रोजाना नौ लाख से अधिक टिकटों की बुकिंग होती है और इस सहयोग से आईआरसीटीसी के ग्राहकों के लिए बस टिक बुकिंग विंडो भी खुल जाएगी। इसमें अभीबस देशभर में आईआरसीटीसी के प्लेटफॉर्म पर बस टिकट बुक कराने के विकल्प मुहैया कराएगा।

 

अभीबस बस टिकट बुकिंग के मामले में सबसे पुराना प्लेटफॉर्म है और अभी तक इसने अपना ऑनलाइन पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम शुरु करने के बाद से करीब 4.5 करोड़ से अधिक ग्राहकों को टिकट बुकिंग की सेवा दी है। कंपनी ई-टिकटिंग प्लेटफॉर्म- अभीबस डाॅट काॅम और अपने मोबाइल एप्स को भी लॉन्च किया है। अब इस साझेदारी के साथ आईआरसीटीसी को 100,000 बस पर बस इंवेन्ट्री मिलेगी। साथ ही आइआरसीटीसी के ग्राहकों को बसों में अपनी जरूरत के आधार पर स्लीपर, नॉन स्लीपर, एसी या नॉन एसी टिकटों की बुकिंग का विकल्प उपलब्ध होगा। इस सहयोग से, आईआरसीटीसी की योजना अपने ग्राहकों के लिए टिकट बुकिंग की योजना को आसान करने की है ताकि वेटिंग लिस्ट में टिकट होने की स्थिति में वह आसानी से बसों की उपलबधता को चेक कर अपनी यात्रा पूरी कर सकें और इसके लिए उन्हें एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर भागना न पड़े। इससे यात्रियों को बुकिंग का शानदार अनुभव मिलेगा।

 

इस साझेदारी पर अपनी बात रखते हुए अभीबस के चीफ कमर्शियल ऑफिसर शशांक कूना ने कहा, ‘ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना अभीबस का मुख्य उद्देश्य है। साथ ही हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन्हें अपनी यात्रा जरूरतों, विशेषकर बस यात्रा के लिए बिना किसी मुश्किल के टिकटों की बुकिंग कराने के सुविधाजनक, आसान विकल्प मिलें। पिछले 13 से अधिक सालों से हमारी कंपनी ने देश के सभी राज्यों में लगभग सभी निजी और सरकारी बस ऑपरेटरों के साथ मिलकर काम किया है। आईआरसीटीसी के साथ साझेदारी अभीबस को तेजी से आगे बढ़ने में मदद करेगी। वहीं आईआरसीटीसी के ग्राहकों को बिना किसी मुश्किल के बेहद आसानी से भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन बस बुकिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बुकिंग का लाभ मिलेगा। उन्हें बुकिंग के दौरान भुगतान का भी अनोखा विकल्प मिलेगा और साथ ही प्रोमोशनल ऑप्शंस भी मिलेंगे ताकि वह शुरु से लेकर अंत तक अपनी यात्रा का आनंद उठा सकें और उन्हें कनेक्टिविटी की वैकल्पिक चॉइस भी मिले। ’

 

आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘आईआरसीटीसी हमेशा से भारतीय नागरिकों को सबसे अच्छा यात्रा समाधान मुहैया कराता रहा है। और देश के सबसे दूरस्थ स्थान तक बस बुकिंग विकल्प प्रदान करने की तुलना में अधिकतम कनेक्टिविटी प्राप्त करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है। अभीबस के साथ आईआरसीटीसी की साझेदारी आईआरसीटीसी को ऑनलाइन उपलब्ध व्यापक बस इन्वेंट्री के साथ लाखों यात्रियों तक पहुंचने में मदद प्रदान करेगी। इससे न केवल शुरुआती और अंतिम कनेक्टिविटी का अंतर कम होगा बल्कि यह ट्रेनों की अनुपलब्धता की स्थिति में यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा का अवसर भी मुहैया कराएगा। विभिन्न राज्यों के आरटीसी और निजी बस ऑपरेटर्स का बसों का बेड़ा यूजर्स को 100,000 से अधिक बस मार्गों से चुनने का विकल्प देगा। आईआरसीटीसी और अभीबस एक लंबी और उपयोगी साझेदारी की उम्मीद करते हैं।‘

 

सितंबर 2020 में लॉकडाउन में राहत दिए जाने के बाद, पिछले चार से पांच महीनों के दौरान अभीबस ने मांग में करीब 200 फीसदी का उछाल दर्ज किया है। मांग में इस उछाल की भरपाई के लिए अभीबस ने 150 नए निजी बस ऑपरेटर और तीन नए सरकारी आरटीसी ऑपरेटर्स को अपने साथ शामिल किया। अब कुल बुकिंग का स्तर कोविड-19 से पूर्व की स्थिति में आ चुका है। इस वृद्धि का श्रेण इस सच्चाई को दिया जा सकता है कि लोगों के यात्रा करने के रुझान में उल्लेखनीय बदलाव आया है। त्योहारी सीजन के कारण अक्टूबर महीने में मासिक आधार पर 32 फीसदी जबकि नवंबर महीने में बुकिंग में 36 फीसदी की तेजी आई। इसमें कोई हैरत की बात नहीं है कि गोवा पर्यटकों के लिए छोटी या बड़ी दोनों यात्राओं के लिए नंबर वन गंतव्य रहा और गोवा की यात्रा करने वाले 45 फीसदी यात्रियों ने चार दिनों के प्रवास के बाद अभीबस प्लेटफॉर्म पर वापसी की टिकट की बुकिंग कराई। जबकि बाकी यात्रियों ने 15-20 दिनों के प्रवास के बाद वापसी की बुकिंग कराई।

 

फिलहाल अभीबस ने एपीआरसीटीसी, टीएसआरटीसी, केरल आरटीसी, पीआरटीसी (पुडुचेरी), ओएसआरटीसी, केटीसी (गोवा), एमएसआरटीसी, जीएसआरटीसी, यूपीएसआरटीसी, बीएसआरटीसी, एचआरटीसी (हिमाचल), आरएसआरटीसी, हरियाणा रोडवेज और डब्लूबीटीसी आदि सहित विभिन्न राज्य परिवहन निगमों के साथ साझेदारियां की हैं। अभीबस पिछले तीन महीनों से रोजाना 30,000 से अधिक बुकिंग दर्ज कर रही है।

दून ओएनजीसी अस्पताल के ‘डॉ0 अर्चित अग्रवाल’ ने दुर्लभ सर्जरी, 57 वर्षीय महिला के घुटने का सफल ऑपरेशन

0

देहरादून, भारत सरकार की एक बड़ा संस्थान ओएनजीसी जिसके देहरादून परिसर में ऑर्थोपेडिक सर्जनों ने कुछ ऐसे कर दिया है कि यह एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम के तौर पर सुर्खियां बटोर रहा हैं। बता दे कि एसपी वाही ओएनजीसी अस्पताल के जाने माने ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ0 अर्चित अग्रवाल के नेतृत्व में टीम ने एक 57 वर्षीय महिला के घुटने का सफल ऑपरेशन किया। जो एक दुर्लभ और नई पहल बताई जा रही है। मेडिकल की भाषा में इसे यूनी-कम्पार्टमेंटल रिप्लेसमेंट (यूकेआर) सर्जरी कहते है।

आपको यह भी बता दे कि 57 वर्षीय महिला रोगी को वर्षो से गंभीर मध्य पक्षीय घुटने के दर्द की शिकायत थी जो बिना किसी मदद के चलने में असमर्थ थी । वही उसके जाँच करने पर डॉ0 अग्रवाल ने रोगी को आइसोलेटेड मीडियल ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का डायग्नोसिस किया था। जिसमें घुटने के रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरानए रोग-ग्रसित हड्डी और उपास्थि (कर्टिलेज) को हटा दिया जाता है और इसे धातु तथा प्लास्टिक के घटकों के साथ बदल दिया जाता है।

वही अस्पताल के ज्वाईंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ0 अग्रवाल ने सर्जरी के बारे में बात करते हुए कहा आमतौर पर ऐसी सर्जरी में पूरे घुटने के तीनों भागों को बदलने का ही विकल्प होता है । जिन रोगियों में घुटने के केवल एक ही भाग में ऑस्टियोआर्थराइटिस होती है, उनमें यूनी-कॉनडेलर घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी उन्हें पूर्ण आराम दे सकती है। इसलिए यह प्रक्रिया उन मरीजों के लिए सम्पूर्ण घुटना बदलने का विकल्प है, जिनकी बीमारी घुटने के सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित है। यूनी-कॉनडायलर घुटने के रिप्लेसमेंट का मुख्य लाभ यह है कि इसमें छोटा चीरा, हड्डी की कम से कम काट छाँट और कम से कम रक्त स्त्राव होता है और तेजी से रिकवरी होती है। रोगी दैनिक जीवन की अपनी नियमित गतिविधियों में वापस जा सकते हैं क्योंकि इससे घुटने में लिगामेंट्स से छेड़ छाड़ नहीं करी जाती हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सर्जरी के बाद, मरीज को दर्द निवारक बने रहने में मदद के लिए एनेस्थिसियोलॉजिस्ट द्वारा एपिड्यूरल ब्लॉक दिया गया ताकि रिहैबिलिटेशन की शुरुआत की जा सके। रोगी अच्छी तरह से ठीक हो रही हैं और वो सर्जरी के अगले दिन अपने आप चलने में सक्षम हो गई।

ऐसे में अस्पताल के प्रधान चिकित्सक डॉ0 पीत वासन ने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी प्रोटोकॉल लागू किए जा रहे हैं । इससे महामारी के दौरान मरीजों के सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए स्थितियां व्यवहार्य और सुरक्षित हुई हैं। खास कर अब जो मरीज ऐसी ही स्थिति से पीड़ित हैंए जहां उन्हें दर्द मुक्त होने के लिए ऐसी सर्जरी से आराम दिया जा सकता है।

उपनल कर्मचारी महासंघ मुखर हुआ : आपातकालीन सेवाओं का करेगा बहिष्कार, क्रमिक अनशन भी होगा शुरू

0

उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी उपनल कर्मियों का किया समर्थन

देहरादून, उपनल कर्मचारी महासंघ ने शुक्रवार से प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार करने का एलान किया है, उत्तराखंड़ सरकार के उदासीन रवैये और बर्खास्तगी की चेतावनी के बाद उपनल कर्मियों का गुस्सा और बढ़ गया है। उपनल कर्मचारी महासंघ ने एकता विहार स्थित धरनास्थल पर क्रमिक अनशन शुरू करने का निर्णय लिया है। उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मी सरकार के खिलाफ और मुखर हो गए हैं। समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले बीते सोमवार से कार्यबहिष्कार पर डटे कर्मियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। एकता विहार में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी धरने पर डटे हैं। उपनल की ओर से पांच दिन के भीतर ड्यूटी पर न लौटने वाले कर्मियों को बर्खास्तगी की चेतावनी भी जारी की गई है। जिसके बाद महासंघ में भारी आक्रोश है।

महासंघ के अध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने गुरुवार को धरने को संबोधित करते हुए कहा कि उपनल कर्मचारी मांगों को लेकर चार दिन से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार की ओर से अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। सरकार के इस अडिय़ल रवैये को देखते हुए शुक्रवार से स्वास्थ्य, परिवहन, विद्युत, पेयजल, नगर निगम, खाद्य आदि आवश्यक सेवाओं को भी बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा महासंघ के सदस्य क्रमिक अनशन पर बैठेंगे।

 

उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी उपनल कर्मियों का समर्थन किया है। परिषद के अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह, महामंत्री अरुण पांडे, चौधरी ओमवीर सिंह, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बनवारी सिंह रावत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष सुनील देवली, फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि सुधा कुकरेती ने धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन दिया,जिला
प्रशासन की अनुमति न मिल पाने के कारण उपनल कर्मचारी महासंघ का सचिवालय कूच स्थगित हो गया है। शुक्रवार को प्रस्तावित कूच को लेकर महासंघ ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन और शांति व्यवस्था का हवाला देकर अनुमति नहीं दी।
आंदोलन में प्रदेश के समस्त राजकीय विभागों, सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, निकायों, विश्वविद्यालयों, विकास प्राधिकरण और केंद्र पोषित योजनाओं में उपनल के माध्यम से करीब 22 हजार कार्मिक शामिल हैं। धरने में प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत, पूर्व अध्यक्ष दीपक चौहान, भवेश जगूड़ी, विद्यासागर धस्माना, विनोद गोदियाल, हरीश कोठारी, विजयराम खंकरियाल, नरेश शाह, हिमांशु सुयाल, प्रदीप कश्यप, सोहन लाल, मीना रौथाण, पल्लवी, अमिता, पूनम, कल्पना आदि शामिल रहे |

1 अप्रैल 2021 से ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में देखने को मिलेगा बड़ा बदलाव, घट सकती है टेक होम सैलरी

0

नई दिल्ली, केन्द्र सरकार की ओर से 1 अप्रैल 2021 से आपकी ग्रेच्युटी, पीएफ और काम के घंटों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (पीएफ) मद में बढ़ोतरी होगी लेकिन हाथ में आने वाली सैलरी घट जाएगी। यहां तक कि कंपिनयों की बैलेंस शीट भी इससे प्रभावित होगी। इसकी वजह है पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल)। इन विधेयकों को इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है।

ऐसे कटेगी आपकी जेब

वेज (मजदूरी) की नई परिभाषा के तहत भत्ते कुल सैलेरी के अधिकतम 50 फीसदी होंगे। इसका मतलब है कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। गौरतलब है कि देश के 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

ऐसे बढ़ेगा पीएफ

नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन संरचना बदलेगी, क्योंकि वेतन का गैर-भत्ते वाला हिस्सा आमतौर पर कुल सैलेरी के 50 फीसदी से कम होता है। वहीं कुल वेतन में भत्तों का हिस्सा और भी अधिक हो जाता है। मूल वेतन बढ़ने से आपका पीएफ भी बढ़ेगा। पीएफ मूल वेतन पर आधारित होता है। मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि टेक-होम या हाथ में आने वाला वेतन में कटौती होगी।

रिटायरमेंट की राशि में होगा इजाफा

ग्रेच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में इजाफा होगा। इससे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुखद जीवन जीने में आसानी होगी। उच्च-भुगतान वाले अधिकारियों के वेतन संरचना में सबसे अधिक बदलाव आएगा और इसके चलते वो ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी। क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इन चीजों से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।

काम के घंटे 12 घंटे करने का प्रस्ताव

नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।

देहरादून : लच्छीवाला में टोल टैक्स लगने से रोडवेज की बसों का सफर हुआ महंगा

0

देहरादून, लच्छीवाला में टोल टैक्स लगने के साथ ही अब यात्रियों को अपनी जेब और ढ़ीली करनी पड़ेगी, रोडवेज की बसों में उत्तराखण्ड़ के साथ यूपी के कई रूटों का सफर महंगा हो गया है। जैसे ही टोल टैक्स लगना शुरू हुआ रोडवेज ने बसों का किराया बढ़ा दिया है। बसों के किराया में पांच रुपये से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है क्योंकि देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर लच्छीवाला के पास रोडवेज की बसों को टोल टैक्स देना पड़ रहा है।

बड़ी बसों को 285 और छोटी बसों का टैक्स 135 रुपये प्रति ट्रिप है। रोडवेज ने टैक्स का बोझ यात्रियों पर डाल दिया है। लच्छीवाला से रोडवेज की करीब 300 बसें रोजाना आवाजाही करती हैं। रोडवेज ने सभी बसों का किराया बढ़ा दिया है। इसमें गढ़वाल के टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार कोटद्वार, कुमाऊं के हल्द्वानी, रामनगर, टनकपुर, बागेश्वर, द्वाराहाट जाने वाली बसों के साथ ही यूपी के यूपी के बरेली, लखनऊ, आगरा की बसें शामिल हैं।

रोडवेज ने बसों के किराया में 05 से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। गौरतलब है कि कई रूटों पर रोडवेज बसों का किराया टैक्सियों के बराबर हो गया है। दून से ऋषिकेश से रोडवेज का किराया 70 रुपये है। टैक्सी का किराया भी इतना है। हरिद्वार का रोडवेज बस का किराया 90 और टैक्सी 95 रुपये है। इसी तरह कोटद्वार का रोडवेज बस का किराया 205 रुपये है, जबकि टैक्सी का 250 रुपये है।

जानिए कहां कितना बढ़ा किराया
देहरादून से ऋषिकेश का किराया 65 से 70, हरिद्वार का 85 से 95 और कोटद्वार 195 से 205 रुपये हो गया है। गढ़वाल के टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं के हल्द्वानी, टनकपुर, लोहाघाट, बागेश्वर, द्वाराहाट की बसों का किराया भी करीब 15 रुपये तक बढ़ाया गया है, लेकिन यह अभी मशीनों में अपडेट नहीं हो पाया |
रोडवेज ने सहारनपुर का किराया कुछ दिन पहले ही बढ़ाया था। इसके बाद किराया यूपी रोडवेज की बसों से ज्यादा हो गया था। इसका रोडवेज को नुकसान उठाना पड़ रहा था। बसों में यात्रियों की संख्या घटने लगी थी। इसे देखते हुए रोडवेज ने देहरादून से सहारनपुर का किराया 105 रुपये से घटाकर 95 रुपये कर दिया है।

देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश रूट पर चलने वाली बसों की ई टिकट मशीनों में गलत किराया शो किया। जिस कारण कंडक्टरों को मैनुअल टिकट बनाना पड़ा। जबकि उत्तराखण्ड़ में रोडवेज का किराया पहले से ही विश्वनाथ बसों से ज्यादा था। अब और बढ़ने से किराया में बड़ा अंतर आया है। रोडवेज का देहरादून से ऋषिकेश का किराया 70 रुपये हो गया है, जबकि विश्वनाथ सेवा का किराया 50 रुपये है। इसी तरह टिहरी, घनसाली, चंबा, पौड़ी, जोशीमठ, रुद्रप्रयाग, चमोली की बसों के किराया में भी 30 से 50 रुपये का अंतर हो गया है।

महाप्रबंधक (संचालन), रोडवेज दीपक जैन के मुताबिक लच्छीवाला में टोल टैक्स लगने के बाद बसों के किराया में बढ़ोतरी कर दी है। कुछ रूटों पर किराया पांच तो कुछ पर दस रुपये तक बढ़ाया है। जितना टैक्स पड़ रहा है, यदि उस हिसाब से किराया बढ़ाते तो ज्यादा बढ़ता। जिन रूटों पर किराया बढ़ा है, उनकी ई टिकट मशीनों में किराया अपडेट किया जा रहा है।

सोने का दाम लुढ़का, चांदी की चमक बढ़ी, जानें क्या चल रहे हैं रेट

0

नई दिल्ली, पीटीआइ। सोने के दाम (Gold Price) में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में सोने का मूल्य (Gold Price) 358 रुपये प्रति 10 ग्राम तक लुढ़क गया। इसके साथ ही सोने का दाम 45,959 प्रति 10 ग्राम पर रह गया। सिक्योरिटीज के मुताबिक वैश्विक स्तर पर बिकवाली से दिल्ली में सोने के दाम में यह गिरावट देखने को मिली। इससे पिछले सत्र में यानी बुधवार को सोने का बंद भाव 46,313 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा था। हालांकि, दूसरी ओर चांदी की कीमत में इजाफा दर्ज किया गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है।

चांदी की कीमत (Silver Price Today)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चांदी की कीमत में 151 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इस तरह चांदी की कीमत 69,159 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। इससे पिछले सत्र में चांदी की कीमत 69,008 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही थी।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल ने कहा, ”वैश्विक स्तर पर सोने की बिकवाली की वजह से दिल्ली में 24 कैरेट सोने के भाव में 358 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई।”

अंतरराष्ट्रीय बाजार की में सोने-चांदी की कीमत (Gold and Silver Price in International Market)

वैश्विक स्तर पर सोने का दाम गिरावट के साथ 1,792 डॉलर प्रति औंस पर रह गया। वहीं, चांदी की कीमत मामूली गिरावट के साथ 27.56 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रही थी।

सोने का वायदा भाव (Gold Futures Price)

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर शाम 06:13 बजे अप्रैल, 2021 में डिलिवरी वाले सोने का दाम 114 रुपये यानी 0.25 फीसद की गिरावट के साथ 46,408 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेंड कर रहा था। इसी तरह जून, 2021 अनुबंध वाले सोने का भाव 197 रुपये यानी 0.42 फीसद की टूट के साथ 46,480 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा था।

चांदी की वायदा कीमत (Silver Price in Futures Market)

वायदा बाजार में भी चांदी की कीमत में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। मार्च में डिलिवरी वाली चांदी की कीमत 515 रुपये यानी 0.74 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ 70,058 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेंड कर रही थी। मई अनुबंध वाली चांदी की कीमत 541 रुपये यानी 0.76 फीसद की तेजी के साथ 71,348 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही थी।

फिर महंगा हुआ गैस सिलेंडर, फरवरी में तीसरी बार बढ़े रसोई गैस के दाम

0

नई दिल्ली : रसोई गैस सिलेंडर (LPG cylinde) की कीमतों में फरवरी में तीसरी बार वृद्धि की गई है। सभी श्रेणियों के एलपीजी (LPG) के दाम गुरुवार को 25 रुपए प्रति सिलेंडर और बढ़ गए हैं। इसमें सब्सिडी वाला सिलेंडर, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों द्वारा इस्तेमाल में लाया जाने वाला सिलेंडर भी शामिल है। कोरोना महामारी (Coronavirus) का कहर काबू में होने के बाद मांग में सुधार के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में एलपीजी के दाम बढ़े हैं। यही वजह है कि इस महीने रसोई गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) के दाम तीसरी बार बढ़ाए गए हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में अब 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर का दाम 794 रुपए हो गया है। अभी तक इसके दाम 769 रुपए थे। खास बात यह है कि सब्सिडी और बिना-सब्सिडी वाले यानी दोनों सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए हैं। देशभर में एलपीजी का दाम एक ही होता है। सरकार कुछ चुनिंदा ग्राहकों को इसपर सब्सिडी प्रदान करती है।

हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान महानगरों और बड़े शहरों में कीमतों में लगातार वृद्धि के बाद सब्सिडी समाप्त हो गई है। दिल्ली में उपभोक्ताओं को एलपीजी पर कोई सब्सिडी नहीं मिलती। सभी उपभोक्ताओं के लिए अब रसोई गैस सिलेंडर का दाम 794 रुपये हो गया है।

पेट्रोलियम कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को रसोई गैस सिलेंडर पर कुछ सब्सिडी दी जाती है। ढुलाई भाड़े की भरपाई करने के लिए यह सब्सिडी दी जाती है।

इससे पहले चार फरवरी को एलपीजी के दाम 25 रुपये प्रति सिलेंडर और 15 फरवरी को 50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ाए गए थे। दिसंबर से रसोई गैस सिलेंडर लगातार महंगा हो रहा है। इस अवधि में इसकी कीमतों में 150 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।

हालांकि, गुरुवार को लगातार दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। दिल्ली में पेट्रोल 90.93 रुपए प्रति लीटर और डीजल 81.32 रुपये प्रति लीटर है।

जल्दी करें…! अब कई जगह फास्टैग बनाने की सुविधा शुरू, 31 मार्च तक है निशुल्क

0

देहरादून, जनपद के हरिद्वार रोड़ डोईवाला- लच्छीवाला स्थित टोल प्लाजा में टोल टैक्स शुरू होने के बाद अब हरिद्वार रोड के कई पेट्रोल पंपों पर फास्टैग बनाने की सुविधा शुरू हो गई है। टोल प्लाजा पर अगर डबल पेनाल्टी से बचने के लिए लोग फास्टैग बनवा रहे हैं। 31 मार्च तक फास्टैग बनवाना निशुल्क है।

एनएचएआई ने हरिद्वार रोड के पेट्रोल पंपों में फास्टैग की सुविधा कर दी है। पेट्रोल पंपों के अलावा टोल प्लाजा पर भी सेंटर बना दिए हैं। फास्टैग बनवाने के लिए आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर देना होगा। मौके पर 150 रुपये शुल्क देना होगा। लेकिन 150 रुपये अकाउंट में वापस आ जाएंगे। 31 मार्च तक यह व्यवस्था लागू रहेगी। 31 मार्च के बाद 150 रुपये शुल्क देने के बाद अकाउंट में पैसा नहीं आएगा।

इन पेट्रोल पंप पर है फास्टैग की सुविधा :शहीद फिलिंग स्टेशन रानीपोखरी, जॉलीग्रांट फिलिंग स्टेशन भनियावाला, सार्थक फिलिंग स्टेशन भानियावाला, मलिक फिलिंग स्टेशन डोईवाला, बालाजी फिलिंग स्टेशन हर्रावाला सुपर सर्विस स्टेशन जोगीवाला, मंगल सर्विस स्टेशन माजरी ग्रांट, श्री बालाजी पैट्रोलियम जीवनवाला के साथ ही टोल प्लाजा परिसर में भी सुविधा मिलेगी। एनएचएआई ने कहा है कि इस संबंध में अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 70172 266397 और 98377 83266 पर ली जा सकती |