Friday, April 26, 2024
HomeTrending Nowदून ओएनजीसी अस्पताल के ‘डॉ0 अर्चित अग्रवाल’ ने दुर्लभ सर्जरी, 57 वर्षीय...

दून ओएनजीसी अस्पताल के ‘डॉ0 अर्चित अग्रवाल’ ने दुर्लभ सर्जरी, 57 वर्षीय महिला के घुटने का सफल ऑपरेशन

देहरादून, भारत सरकार की एक बड़ा संस्थान ओएनजीसी जिसके देहरादून परिसर में ऑर्थोपेडिक सर्जनों ने कुछ ऐसे कर दिया है कि यह एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम के तौर पर सुर्खियां बटोर रहा हैं। बता दे कि एसपी वाही ओएनजीसी अस्पताल के जाने माने ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ0 अर्चित अग्रवाल के नेतृत्व में टीम ने एक 57 वर्षीय महिला के घुटने का सफल ऑपरेशन किया। जो एक दुर्लभ और नई पहल बताई जा रही है। मेडिकल की भाषा में इसे यूनी-कम्पार्टमेंटल रिप्लेसमेंट (यूकेआर) सर्जरी कहते है।

आपको यह भी बता दे कि 57 वर्षीय महिला रोगी को वर्षो से गंभीर मध्य पक्षीय घुटने के दर्द की शिकायत थी जो बिना किसी मदद के चलने में असमर्थ थी । वही उसके जाँच करने पर डॉ0 अग्रवाल ने रोगी को आइसोलेटेड मीडियल ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का डायग्नोसिस किया था। जिसमें घुटने के रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरानए रोग-ग्रसित हड्डी और उपास्थि (कर्टिलेज) को हटा दिया जाता है और इसे धातु तथा प्लास्टिक के घटकों के साथ बदल दिया जाता है।

वही अस्पताल के ज्वाईंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ0 अग्रवाल ने सर्जरी के बारे में बात करते हुए कहा आमतौर पर ऐसी सर्जरी में पूरे घुटने के तीनों भागों को बदलने का ही विकल्प होता है । जिन रोगियों में घुटने के केवल एक ही भाग में ऑस्टियोआर्थराइटिस होती है, उनमें यूनी-कॉनडेलर घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी उन्हें पूर्ण आराम दे सकती है। इसलिए यह प्रक्रिया उन मरीजों के लिए सम्पूर्ण घुटना बदलने का विकल्प है, जिनकी बीमारी घुटने के सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित है। यूनी-कॉनडायलर घुटने के रिप्लेसमेंट का मुख्य लाभ यह है कि इसमें छोटा चीरा, हड्डी की कम से कम काट छाँट और कम से कम रक्त स्त्राव होता है और तेजी से रिकवरी होती है। रोगी दैनिक जीवन की अपनी नियमित गतिविधियों में वापस जा सकते हैं क्योंकि इससे घुटने में लिगामेंट्स से छेड़ छाड़ नहीं करी जाती हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सर्जरी के बाद, मरीज को दर्द निवारक बने रहने में मदद के लिए एनेस्थिसियोलॉजिस्ट द्वारा एपिड्यूरल ब्लॉक दिया गया ताकि रिहैबिलिटेशन की शुरुआत की जा सके। रोगी अच्छी तरह से ठीक हो रही हैं और वो सर्जरी के अगले दिन अपने आप चलने में सक्षम हो गई।

ऐसे में अस्पताल के प्रधान चिकित्सक डॉ0 पीत वासन ने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी प्रोटोकॉल लागू किए जा रहे हैं । इससे महामारी के दौरान मरीजों के सर्वोत्तम प्रबंधन के लिए स्थितियां व्यवहार्य और सुरक्षित हुई हैं। खास कर अब जो मरीज ऐसी ही स्थिति से पीड़ित हैंए जहां उन्हें दर्द मुक्त होने के लिए ऐसी सर्जरी से आराम दिया जा सकता है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments