Tuesday, June 10, 2025
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श्रद्धा भक्ति आश्रम के महंत की हत्या मामले में चार गिरफ्तार

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हरिद्वार, श्रद्धा भक्ति आश्रम के महंत की हत्या की पुलिस ने गुत्थी सुलझाते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य की तलाश जारी है। आरोपित लाखों की हेराफरेी भी कर चुके हैं। हत्या की वजह आश्रम की बेशकीमती सम्पत्ति बनी। एसएसपी कार्यालय रोशनाबाद में घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने बताया कि रूद्रानन्द पुत्र श्यामलहरी गिरी निवासी रायवाला गौरी गीता आश्रम बिरला मन्दिर देहरादून ने 17 अक्टूबर को महन्त गोविन्द दास शिष्य बिशम्बर दास महाराज निवासी श्रद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कॉलोनी कनखल के 15 जून को धर्म प्रचार के लिए आश्रम से राजस्थान जाने व वापस न आने के संबंध में थाना कनखल में गुमशुदगी दर्ज करायी थी।
इस मामले में एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देश पर एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह व सीओ सिटी जूही मनराल के निर्देशन में पुलिस जब विवेचना में जुटी तो आश्रम के कार्यकर्ता मनीषानंद, शोभित व गुमशुदा महन्त के परिचितों से पूछताछ करने पर पता चला कि जून माह 2024 से आश्रम में एक नया बाबा बैठा है, जिसको पहले कभी देखा नहीं गया। एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में कुछ लोगों की भूमिका संदिग्ध लगने पर आश्रम में बैठाए गए नए बाबा रामगोपाल नाथ से कनखल पुलिस की कई चरणों की पूछताछ पर पूरी घटना से पर्दा उठा व मुख्य आरोपितों की भूमिका सामने आने पर महंत की हत्या किए जाने का मामला प्रकाश में आया।
एसएसपी ने बताया कि घटना का मास्टरमाइंड अशोक फरवरी माह 2024 में आश्रम में आया था जो कपड़े बेचने के लिए आश्रम एवं आसपास इलाकों में आता था और कभी-कभी एक या दो दिन के लिए आश्रम में रूक जाया करता था। वहीं से इसकी बाबा से मुलाकात हो गई। ये आश्रम के बाबा को 2021 से जानता था। मुख्य आरोपी अशोक समय-समय पर अपने दोस्त ललित, सौरभ व प्रदीप को आश्रम में बुलाता रहता था। इस दौरान इनके द्वारा आश्रम की पूरी जानकारी, महंत का उत्तराधिकारी न होने व शहर के बीचोंबीच स्थित आश्रम की बेशकीमती संपत्ति के बारे में गहनता से जानकारी इकट्ठा कर अशोक वापस गया और अपने साथियों ललित, सौरभ व प्रदीप के साथ षड़यंत्र रचते हुए महंत को रास्ते से हटा पूरी की पूरी बेशकीमती संपत्ति पर कब्जा कर मोटा मुनाफा कमाने का प्लान बनाया। सभी दोस्तों ने प्लान के मुताबिक सबसे पहले आश्रम में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे हटाए और मौका देखकर 01 जून 2024 को महंत राम गोविंद दास को पहले नशे के इंजेक्शन लगाकर मूर्छित कर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने कट्टे में रखे शव को किराए की स्कूटी की मदद से ले जाकर गंगा नदी में फेंक दिया। महंत की हत्या के बाद अशोक ने 3 जून को अपने किसी परिचित फर्जी बाबा रामगोपाल नाथ को रुपयों का लालच देकर आश्रम की निगरानी के लिए बुला लाया और फर्जी बाबा को अंधेरे में रखकर महंत के धर्म प्रचार हेतु अयोध्या जाना बताया।

आरोपितों ने बताया कि किसी के द्वारा महंत के बारे में पूछताछ करने पर महंत के अयोध्या जाने की बात कहने की बात कही। अशोक द्वारा बुलाए गए फर्जी बाबा को बाकी लोगों के साथ उठने बैठने, खाने-पीने के दौरान कुछ दिन बाद आश्रम के महंत की हत्या की जानकारी हो गई, लेकिन समय-समय पर मिल रहे खर्च एवं आश्रम बेचकर हिस्से में आने वाले मोटे मुनाफे के लालच में वह चुपचाप बैठा रहा और इस बात को दबाए रखा। एसएसपी ने बताया कि बाबा को ठिकाने लगाने के बाद उसके आश्रम को कैसे बेचा जाए। इसके लिए आरोपी अशोक ने आश्रम को बेचने के लिए संजीव त्यागी जो प्रॉपर्टी डीलर है, से मिलकर महंत के हू-ब-हू जाली हस्ताक्षर कर फर्जी वसीयतनामा तैयार किया और संजीव त्यागी द्वारा पूरी जानकारी होने के बाद भी मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में आरोपियों का साथ दिया गया। अब तक घटना में फिलहाल 06 आरोपी प्रकाश में आए हैं, विवेचना के दौरान अन्य की संलिप्तता की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने बताया कि मास्टरमाइंड अशोक ने अपने साथियों के साथ मिलकर महंत की करोड़ों की प्रोपर्टी हड़पने के उद्देश्य से घटना को अंजाम दिया था। मुख्य आरोपी महंत की हत्या के पश्चात महंत की लगभग 50 लाख की एफडी, चेक बुक, मोबाइल व अन्य दस्तावेज अपने साथ ले गया और गुमराह करने के उद्देश्य से मृतक के मोबाइल में अलग अलग सिम डाल रहा था। महंत के बैंक एकाउंट चैक पर फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से लगभग 10 लाख की रकम भी हड़प चुका था। इसके बाद अब लाखों की एफडी, जिसके मूल कागजात इनसे बरामद हुए हैं, को कैश कराने की फिराक में घूम रहा था, लेकिन कनखल पुलिस से बच न सका। आरोपी संजीव त्यागी के साथ मिलकर आश्रम का फर्जी वसीयतनामा बनाकर आश्रम को 10 करोड़ में बेचने की डील की तैयारी में थे।
एसएसपी ने बताया कि विगत 04 माह से महंत का मोबाइल स्विच ऑफ होना व उनकी कोई खबर न होने पर भी आश्रम से किसी के द्वारा पुलिस को सूचना न देने पर महंत के एक अन्य चेले रूद्रानन्द जो परशुराम अखाडे से सम्बन्ध रखता है द्वारा शक होने पर थाना कनखल पर 17 अक्टूबर 2024 को महंत की गुमशुदगी दर्ज कराई गई। जिसको कनखल पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मात्र 24 घंटे के अंदर खोल दिया। घटना में शामिल मुख्य आरोपी अशोक, ललित व आपराधिक षड्यंत्र में शामिल रामगोपाल नाथ व संजीव त्यागी को थाना क्षेत्र से हिरासत में लिया जा चुका है। वर्तमान में प्रकाश में आए अन्य 02 अभियुक्तों सौरभ व प्रदीप की तलाश जारी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद थाना कनखल की कई पुलिस टीमें जल पुलिस की मदद से शव की तलाश में जुटी हुई हैं।

सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 21 अक्टूबर को “जन आक्रोश रैली”

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हल्द्वानी, उत्तराखंड़ कांग्रेस ने सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 21 अक्टूबर को नैनीताल में “जन आक्रोश रैली” निकालेगी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को हटाने की साजिश की जा रही है। भ्रष्टाचार तथा स्मार्ट मीटर के नाम पर अडानी की उत्तराखंड में एंट्री कराई जा रही है। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। खनन की रखवाली निजी हाथों में सौंप दी गई है। जनहित इन के दर्जनों मामलों को लेकर कांग्रेस 21 अक्टूबर को नैनीताल कमिश्नरी का घेराव करेगी।
स्थानीय एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में यशपाल आर्य ने कहा कि वर्तमान में भ्रष्टाचार चरम पर है, खनन में हैदराबाद की कंपनी वसूली कर रही है, स्मार्ट मीटर अडानी के नाम पर दिए जा रहे हैं। उत्तराखंड को बेचने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। लेकिन कांग्रेस सरकार के जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर विरोध करने को तैयार है। रुद्रपुर, हल्द्वानी के बाद अब 21 अक्टूबर को नैनीताल कमिश्नरी का घेराव किया जाएगा। इसके बाद अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर में कांग्रेस सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक प्रर्दशन करेगी।
उन्होंने कहा कि आज राज्य की जनता को अतिक्रमण के नाम पर डराया जा रहा है। सरकार बाहर से लाकर लोगों को जमीनें सौंप रही है। गरीब लोगों को उजाड़ने की सरकार की मंशा पूरी नहीं होगी। कहा कि नैनीताल कमिश्नरी घेराव ऐतिहासिक होगा। हमने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को चेता दिया है कि प्रर्दशन में आ रहे लोगों को रोकने की भूल न करें। कहा कि 21 अक्टूबर को कांग्रेस नैनीताल कमिश्नरी का घेराव करेगी जहाँ बड़ी संख्या मे कांग्रेस जन सरकार को चेतावनी दी जाएगी। जन मुद्दों पर जनता के हितों पर कुठाराघात नही किया जाय। खनन पर बाहरी राज्यों की ताकते काबिज हो चुकी है। अधिकारियों के अधिकार इन लोगों के हाथों बेच दिए। प्री पेड़ मीटर लगाना गरीब लोगों के जेब पर सीधा हमला है। फोन की तरह पहले रिचार्ज नही होने पर लोगो के दुकान अंधेरे में डूब जाएंगे। जल जीवन मिशन योजना फैल हो चुकी है। सड़को पर गड्डो के जाल बिछ गए हैं।

 

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में 5वीं अनुसूची की वापसी की मांग : आंदोलन की नई लहर, 22 दिसंबर को दिल्ली में मूल निवासियों की संसद का ऐलान

हल्द्वानी, उत्तराखंड़ के संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र में 5वीं अनुसूची और जनजातीय दर्जा की वापसी की मांग को लेकर आज एक महत्वपूर्ण अधिवेशन का आयोजन हल्द्वानी नगर निगम सभागार में किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों, युवा नेताओं,प्रकारों ,साहित्यकारों और पहाड़ी समुदाय के सदस्यों ने एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
अधिवेशन में मुख्य वक्ता अजय सिंह रावत ने बताया गया कि सन 1972 से पहले उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र संविधान की 5वीं अनुसूची के अंतर्गत था, देश के ट्राइबल क्षेत्र में शेड्यूल्ड डिस्ट्रिक्ट एक्ट, 1874 , नॉन रेगुलेशन एरिया एवं बहिष्कृत क्षेत्र घोषित थे l इन्हीं इलाकों के मूलनिवासियों को आज़ादी के बाद ट्राइब स्टेटस और 5 वीं अनुसूचि या 6वीं अनुसूची घोषित किया l उत्तराखंड में यही ट्राइबल कानून लागू थे l लेकिन उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को 5वीं अनुसूचि लगाने के बजाय,1972 में यह कानून पहाड़ियों से छीन लिया l
इस दौरान उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की समस्याओं का एकमात्र समाधान 5वि अनुसूची है पलायन आयोग की जगह सरकार को जल जंगल जमीन बचाने व पहाड़ खाली होने से चीन व नेपाल की नजरे हमारे पहाड़ी क्षेत्रों पर है व अक्साई चीन की तरह यहां विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक मात्र समाधान पांचवीं अनुसूची है ।
कार्यक्रम के उत्तराखंड एकता मंच के निशांत रौथान ने कहा कि उत्तराखंड के 80% लोग मूल रूप से खस जनजाति से हैं । उन्होंने बताया कि हमारा ट्राइबल स्टेटस धीरे-धीरे छीना गया है और इसे वापस प्राप्त करने से ही उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों का समुचित विकास हो पायेगा l

मेडिकल काॅलेजों में निकली फार्मासिस्टों की भर्ती

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देहरादून, उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चिकित्सा शिक्षा उत्तराखण्ड विभागान्तर्गत राजकीय मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट (भेषज) के रिक्त 73 पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से चयन हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं। रिक्तियों की संख्या घट-बढ़ सकती है। इच्छुक अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट www.ukmssb.org पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं l

उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बदरी-केदार के किये दर्शन, दान में दिये पांच करोड़

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चमोली, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ने आज श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम के दर्शन किये। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी आज प्रात:पहले श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को आये ।उसके पश्चात श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे हैं।
श्री केदारनाथ धाम में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने उद्योगपति मुकेश अंबानी का स्वागत किया। बताया कि दोनों धामों को उद्योगपति मुकेश अंबानी ने पांच करोड़ की धनराशि दानस्वरूप दी है।

खाई में गिरने से स्थानीय व्यापारी की मौत, नदी किनारे मिला शव

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रुद्रप्रयाग- बेलनी में एक स्थानीय युवक की खाई में गिरने से मौत हो गई है। सुबह ढूंढ खोज करने पर घर के पास ही अलक नंदा नदी किनारे युवक को मृत पाया गया। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस, डीडीआरएफ सहित बडी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। मृतक वेलणी निवासी स्थानीय ब्यापारी था।
घटना बीती रात की बताई जा रही है बेलनी पुल के पास पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण स्थानीय ब्यापारी खाई गिर गया। यह युवक बेलनी में दुकान संचालित करता था। रात्रि किसी को इस घटना की जानकारी नहीं मिल पाई, किंतु जब युवक घर नही पहुचा तो, परिजन खोजबीन करते रहे। दुकान के समीप घटनास्थल से उसके चप्पल बरामद हुए। जिससे युवक के गिरने का शक जाहिर हुआ। इसके बाद नदी किनारे जाकर देखा गया तो युवक का शव नदी किनारे मिला। इस घटना से समूचे रुद्रप्रयाग में शोक की लहर है।स्थानीय लोगों व व्यापारियों ने घटना पर दुःख व्यक्त किया है। कोतवाली निरीक्षक राजेंद्र सिंह रौतेला ने बताया कि मृतक 45 वर्षीय प्रकाश नेगी पुत्र रणजीत सिंह नेगी निवासी ग्राम सतेरा हाल निवासी बेलनी रुद्रप्रयाग की बेलनी में मकान व दुकान थी, बीती रात यह घटना हुई है। जिससे युवक की मौत हो गई है। बताया कि शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है।

बेहतर संपर्क मार्ग हेतु स्टील सेतु का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण:  महाराज

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देहरादून(आरएनएस)।  उत्तराखंड के विकास में बुनियादी ढांचे का विकास करना एक बड़ी चुनौती है। प्रदेश में तेजी से बढ़ते आवागमन और बेहतर संपर्क मार्ग हेतु स्टील सेतु का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण है। पारंपरिक पुलों की तुलना में यह पुल कम समय में तैयार हो जाते हैं और आपातकालीन स्थितियों में बहुत लाभकारी हैं। उक्त बात प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को हरिद्वार-बाईपास रोड स्थित होटल शेफर्ट सरोवर प्रीमियर में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्रिज एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के भारतीय राष्ट्रीय समूह (आईएनजी-आईएबीएसई), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली और लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय स्टील  सेतु के डिजायन, निर्माण एवं रख रखावष् कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि स्टील सेतु हल्के होने के साथ-साथ मजबूत और जलवायु के उतार-चढ़ाव को झेलने में सक्षम होते हैं। जरूरत पड़ने पर स्टील सेतु के हिस्सों को बदला भी जा सकता है और इसके रखरखाव पर खर्च भी काम आता है।
लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बरसात और भूस्खलन के दौरान कई बार पुराने पुलिया रास्ते क्षतिग्रस्त हो जाते हैं इनकी जगह अब इस प्रकार के टिकाऊ सेतु बनाए जा रहे हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में राज्य के 13 जनपदों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, मुख्य जिला मार्गों और ग्रामीण मार्गों की 9192 सड़कों का कुल 46742 किमी लंबाई का विशाल नेटवर्क है। इन मार्गों पर कुल 2238 मोटर सेतु, 31 फुटओवर सेतु, 04 फ्लाई ओवर, 24 रोड़ ओवर ब्रिज और 1021 पैदल सेतुओं का निर्माण किया गया है, जिनका रखरखाव लोक निर्माण विभाग के अधीन है। पुराने स्टील सेतु के साथ-साथ दीर्घ अवधि तक सेतु सुरक्षित एवं उपयोगी बने रहे इसके लिए कार्यशाला में सेतुओं के रखरखाव की नवीन तकनीकी पर चर्चा होगी ऐसी मुझे उम्मीद है।
महाराज ने स्टील  सेतु के डिजायन, निर्माण एवं रख रखावष् कार्यशाला के लिए देहरादून का चयन करने परआईएनजी और आईएबीएसई का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस कार्यशाला में हुई चर्चा की परिणाम स्वरूप सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
कार्यशाला के दौरान उपस्थित केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे मंत्रालय द्वारा पूरे देश में जितने भी स्टील पुल और बिल्डिंग स्ट्रक्चर बनाये जाते हैं उसमें नई तकनीकी की जानकारी देने के लिए हर साल देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। इस बार इसके लिए हमारे राज्य उत्तराखंड को चुना गया जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इस कार्यशाला के माध्यम से हमारे इंजीनियरों को विश्व के अन्य देशों में अपनायी जा रही तकनीक की जानकारी प्राप्त होने के साथ-साथ उसे सीखने का भी मौका मिलेगा।
इस मौके पर महानिदेशक (सड़क विकास) एवं विशेष सचिव, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार तथा आईएनजी-आईएबीएसई के अध्यक्ष धर्मेंद्र सारंगी, आईएनजी-आईएबीएसई के सचिव बी.के. सिन्हा, साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन सुब्बाराव, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एवं विभाग अध्यक्ष दीपक कुमार यादव मोर्थ के एडीजी सुदीप चौधरी राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य अभियंता दयानंद आदि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा

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देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े अहम विषयों पर बैठक की। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिये उन्होंने  इसके नीति आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनसख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को प्रत्येक साल जन-धन की काफी क्षति होती है। राज्य में विकसित किया गया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होता है। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाय। उन्होंने कहा कि वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है। राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखण्ड पहल“ वर्ष 2022 में आरम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में हमने राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। हमने इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु अल्पकालीन, मध्यकालीन एवं दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किये है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखण्डों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी,  मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरं के. सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, भारत सरकार सोनिया पंत, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।

दूसरे दिन गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव मेला का सीएम धामी ने किया शुभारंभ…

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देहरादून- गोरखा दशै: दीपावली महोत्सव के आज दूसरे दिन मेले में पहुंचे मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने मेले का विधिवत रूप से शुभारंभ किया I कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में नेपाल देश के राजदूत डॉ सुरेंद्र थापा, विशिष्ट अतिथि के रूप में जसपाल सिंह सौंधी, (प्रोपराइटर पाल ज्वैलर्स), विधायक  विनोद चमोली,  इंद्र पुंन,महासचिव,(भेरी यातायात प्राइवेट लिमिटेड), प्रमोद धिताल कोषाध्यक्ष, (भेरी यातायात प्राइवेट लिमिटेड), श्री बलराज मित्तल (मित्तल क्लॉथ हाउस),श्री विक्रम थापा (प्रोपराइटर जय दुर्गे एसोसिएट्स), अभिषेक शाही (प्रदेश संयोजक गोरखा प्रकोस्ट भाजपा), कैंट बोर्ड गढ़ी के सीईओ हरेंद्र सिंह,  चंद्रवीर गायत्री (आंचलिक फिल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष), राजेंद्र गिरी जी,कर्नल आदित्य श्रीवास्तव (कर्नल वेटेरन , सब एरिया मुख्यालय,उत्तराखंड), कुणाल शमशेर मल्ला (अध्यक्ष,ओलम्पस हाई स्कूल ), मामचंद वर्मा (पार्षद वार्ड नंबर 85),  सुशांत वोहरा पार्षद वार्ड नंबर एक, आनंद थापा(आनंद टायर सर्विस कि मालिक)  रणजीत धामी(सामाजिक कार्यकर्ता) मौजूद रहे।May be an image of 8 people

वीर गोर्खा कल्याण समिति के अध्यक्ष कमल थापा ने मुख्य अतिथि माननीय श्री पुष्कर सिंह धामी जी एवं अति विशिष्ट अतिथि डॉ सुरेंद्र थापा,(नेपाल के राजदूत) एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी मेहमानों का धन्यवाद किया I उन्होंने बताया कि कलाकारों ने गोरखाली संस्कृति के विभिन्न रंग,कला,गीतों को दिखाकर गोरखाली संस्कृति के बारे में बताया। नेपाल की महिलाओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विभिन्न प्रकार के स्टॉलों में गोर्खाली पारम्परिक वेष-भूषा एवं परिधानों की प्रदर्शनी में दिवाली के शुभ अवसर पर खरीदारी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि ढाका धागा आज का मुख आकर्षण का केंद्र रहा IMay be an image of 6 people and text

गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव-2024 मेले के दूसरे दिन नेपाली हथकरघा से बने उत्पादों का बोलबाला रहा। ढाका धागा से बने उत्पाद जैसे,ढाका टोपी,नेपाली साड़ी,घलक,लुंगी व नेपाली परम्परिक वस्त्रो ने लोगो का ध्यान अपनी ओर खींचा,वही साथ ही नेपाली संस्कृति से जुड़े आभूषणों,टोपे,छटके तिलेरी जैसे सुन्दर गहने भी किस अवसर पर मेले में आकर्षण का केंद्र रहे।

वीर गोर्खाकल्याण समिति के महासचिव विशाल थापा ने बताया कि महोत्सव में गोरखाली संस्कृति की धूम रही। उन्होंने कहा कि तीन दिन तक चलने वाले गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव में नेपाल क्षेत्र की सदियों पुरानी संस्कृति,सभ्यता,परंपराओं और जनजातीय जीवन शैली की अनुपम झलक देखने को मिलती है।

कार्यक्रम में वीर गोर्खाकल्याण समिति के कोषाध्यक्ष टेकु थापा ने बताया कि मेले के दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ भारत और नेपाल के कलाकारो और उनके संस्कृतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। महोत्सव में पहुंचे मेहमानों ने गोरखा व्यंजनों का भी स्वाद भी चखा। इसमें प्रमुख रूप से सेल रोटी और गोरखा चटनी शामिल है IMay be an image of 6 people, people dancing and text

समिति के सांस्कृतिक सचिव देवकला दीवान ने बताया कि गोर्खा दशैं-दीपावली महोत्सव-2024 मेले के दूसरे दिन वीर गोर्खाकल्याण समिति के बच्चों में कोरियो ग्राफ्रर निशा राना मगर , कोडिनेट यामु राना मगर , अनुष्का थापा,समिक्षा राई, झरना गुरुङ्ग,लक्ष्मी तामाङ्ग , कम्रु तामाङ,तनिषा थापा ने नेपाली परंपरागत तामाङ सेलो डांस की प्रस्तुति दी गई साथ ही खुखरी डांस की प्रस्तुति भी दी गई I वीर गोर्खा कल्याण समिति के सचिव श्री देविन शाही ने नेपाली गाने की प्रस्तुति दी। नेपाली लोकगायीका निर्जरा गुरुंग द्वारा सुन्दर-सुन्दर गाने से लोगों का दिल जीत लिया। इस मौके पर हिन्दी गानों पर उत्तराखंड की जानी मानी लोकगायीका कलाकार सोनाली राई ने टक्कान-टुकउन और कश्मीरयी पछाऊरी दर्शको के सामने प्रस्तुत की I

कार्यक्रम में वीर गोर्खा कल्याण समिति के अध्यक्ष कमल थापा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष उर्मिला तामाङ कर्नल माया गुरुंग,उपाध्यक्ष सूर्य बिक्रम शाही,महासचिव विशाल थापा,कोषाध्यक्ष टेकु थापा,सचिव देविनशाही, सहसचिव आशु थापा, सांस्कृतिक सचिव देवकला दीवान,सह सांस्कृतिक सचिव करमिता थापा,संगठन मंत्री लोकेश बन, जनरल राम सिंह प्रधान मुख्य संरक्षक वीर गोरख कल्याण समिति, सोनू गुरुंग, ज्योति राना,सोना शाही,एन बी थापा,बुद्धेश राई,यामु राना, मीन गुरुंग,बबिता गुरुंग,सुरेश राई,तुला राना, अनीता प्रधान,नरेंद्र थापा, पूरन बहादुर थापा मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन वीर गोर्खा कल्याण समिति के सचिव श्री देविन शाही ने कियाI कार्यक्रम में मधुसूदन शर्मा, सोनाली राई, साहील थापा सहयोगी रहे।

राज्य के सामरिक महत्व को देखते हुए नीति बने-सीएम

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मुख्यमंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा

पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाने का सीएम ने किया अनुरोध।

देहरादून, मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े अहम विषयों पर बैठक की। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिये उन्होंने इसके नीति आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनसख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनंसख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को प्रत्येक साल जन-धन की काफी क्षति होती है। राज्य में विकसित किया गया इन्फ्रास्टक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होता है। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाय। उन्होंने कहा कि वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है। राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखण्ड पहल“ वर्ष 2022 में आरम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में हमने राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। हमने इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रोडमेप तैयार किये है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखण्डों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आरं के. सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, भारत सरकार सोनिया पंत, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुदंरम, श्री शैलेश बगोली, श्री एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदण्डे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।

राज्य स्थापना दिवस विशेष – महिला सशक्तिकरण 24 साल के सफर में आधी आबादी ने भरी ऊंची उड़ान

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देहरादून। पृथक उत्तराखण्ड राज्य के गठन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। पलायन प्रभावित कई पहाड़ी जिलों में तो महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। इस कारण महिलाओं को पहाड़ के लोक जीवन की धुरी भी कहा जाता है। अच्छी बात यह है उत्तराखण्ड राज्य के अब तक के 24 साल के सफर में महिलाएं अब हर ऊंचाई को छूती नजर आ रही है।
उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद से ही सरकारों ने कई कदम उठाए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। एक बड़ा सकारात्मक बदलाव, निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने से सामने आया। इससे अब विभिन्न स्तर पर महिला नेतृत्व उभरता हुआ नजर आने लगा है। वर्तमान सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, अब सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है। साथ ही पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखण्ड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण फिर लागू कर दिया है। राज्य की वर्तमान मुख्य सचिव भी एक महिला हैं। साथ ही कई जिलों में जिलाधिकारी के साथ ही पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी तक महिलाएं उठा रही हैं।

उच्च शिक्षा में नया आयाम
उच्च शिक्षा में भी छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है, प्रदेश सरकार बालिका शिक्षा के लिए कई तरह से प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए नंदा गौरा योजना के तहत बेटी के जन्म के साथ ही 12 हजार और 12वीं पास करने पर 51 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। साथ ही बेटी के जन्म पर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट भी उपलब्ध कराई जा रही है।

तिलू रौतेली पुरस्कार
उत्तराखंड सरकार हर साल वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिन पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखलनीय कार्य करने वाली उत्तराखंड की महिलाओं को राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरसकार प्रदान करती है। इस पुरस्कार के तहत 51 हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। सरकार प्रत्येक जिले में कामकाजी महिला हॉस्टल भी शुरू करने जा रही है, देहरादून, हरिद्वार में इस तरह के हॉस्टल शुरू भी हो चुके हैं। जहां घर से दूर रहने वाली महिलाओं को सस्ती दरों पर सुरक्षित आवासीय सुविधा मिलती है।

हो रहा आर्थिक सशक्तिकरण
सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए, महिलाओं के नाम प्रापर्टी खरीदने पर, स्टाम्प ड्यूटी में भी छूट दे रही है। सरकार महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लखपति दीदी योजना भी चला रही है। इसमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी प्रत्येक महिला की सालाना आय एक लाख के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें महिलाओं को कृषि उत्पाद, दुग्ध उत्पादन, सिलाई कढ़ाई के साथ ही रसोई गैर वितरण, प्रारंभिक पशु चिकित्सा सेवा, बीमा योजना, डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण देकर आजीविका से जोड़ा जा रहा है। साल 2022 में शुरू की गई इस योजना के सफल परिणाम अब सामने आने लगे हैं। प्रदेश में एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। अब प्रदेश सरकार ने लक्ष्य बढ़ाते हुए 2026 तक कुल 2.50 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों का कारोबार शुरू करने के लिए पांच लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जा रहा है। इसी तरह मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के तहत भी समूहों की आय बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

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प्रदेश सरकार मातृशक्ति को समर्पित है। हमारी सरकार की कोशिश है कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो, इसके लिए सरकार महिला समूहों के जरिए कई योजना चला रही है। साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार के लिए भी लोन दिया जा रहा है। इसी सोच के चलते सरकारी नौकरियों में महिला आरक्षण लागू किया गया है। प्रदेश में जल्द लागू होने जा रही समान नागरिक संहिता भी महिलाओं को आर्थिक सामाजिक तौर पर सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री