रेडक्रॉस के स्वयंसेवकों ने किया कोविड को लेकर जागरूक
श्रीमहंत का खोया आई फोन ड्यूटी में तैनात फायरमैन ने ढूढकर लौटाया
कुम्भ मेले को निर्विघ्न सम्पन्न कराने गंगा पूजन का आयोजन
गंगा सभा पदाधिकारियों ने किया मोहन भागवत का स्वागत
मण्डलायुक्त ने किया सीसीआर से हरकी पौडी क्षेत्र का निरीक्षण
केन्द्र सरकार का सहयोग, वायु सेना के MI-17 Helicopter ने की उत्तराखंड़ के जंगलों में आग बुझाने की कवायत प्रारम्भ
देहरादून, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि प्रदेश में वनाग्नि के प्रकोप को कम करने के लिए राज्य सरकार पूरी गम्भीरता से प्रयास कर रही है। इसके लिए हर जरूरी और उपलब्ध संसाधन का उपयोग किया जा रहा है। भारत सरकार ने वायु सेना के हेलीकाप्टर उपलब्ध कराए हैं। आज एक एमआई-17 हेलीकाप्टर का उपयोग किया गया। गढ़वाल में आज टिहरी जनपद अन्तर्गत नरेन्द्रनगर वन प्रभाग की नरेन्द्रनगर रेंज में वनाग्नि को बुझाने का कार्य किया गया। दूसरा हेलीकाप्टर हल्द्वानी पहुंच चुका है। उसका भी उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मांग किए जाने पर प्राथमिकता से तत्काल एमआई-17 हेलीकाप्टर उपलब्ध कराए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि रविवार को मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से फोन पर बात कर उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए हेलीकाप्टर दिए जाने का अनुरोध किया था।
वन मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए वन विभाग तत्पर है। विभाग के अधिकारियों और कर्मचरियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय, नरेन्द्रनगर वन प्रभाग, मुनिकीरेती द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वायु सेना के एमआई-17 हेलीकाप्टर के माध्यम से जंगलों में आग को बुझाने की कवायद प्रारम्भ की गई। जिसके प्रारम्भिक चरण में गढ़वाल में आज टिहरी जनपद अन्तर्गत नरेन्द्रनगर वन प्रभाग की नरेन्द्रनगर रेंज में अदवाणी क0सं0-04 एवं तमियार (फकोट ब्लॉक, टिहरी) में वनाग्नि को बुझाने का कार्य किया गया।
सुबह 08ः30 बजे हेलीकॉप्टर देहरादून एयरपोर्ट पर उतरा। प्रारम्भिक तैयारियों के पूर्ण होने के उपरान्त प्रातः 10ः00 बजे एयर ऑपरेशन प्रारम्भ किया गया, जिसमें प्रारम्भिंक रैकी कार्य प्रभावित क्षेत्रोें के ऊपर दो बार किया गया। तद्पश्चात कोटी काॅलोनी, टिहरी झील से 5,000 लीटर की बकेट में पानी भरकर वनाग्नि से प्रभावित जंगलों में पानी का 04 सोर्टियों के माध्यम से दो बार 10,000 लीटर पानी का छिड़काव कर वनाग्नि को नियंत्रित किया गया। एयर ऑपरेशन दोपहर 12ः40 बजे तक जारी रहा तथा बाद में प्रतिकूल मौसम के कारण ऑपरेशन को रोकना पड़ा। कल दोबारा प्रातः काल में ही पुनः ऑपरेशन किया जायेगा। इस सम्पूर्ण ऑपरेशन में वायु सेना के साथ ही उत्तराखण्ड सरकार के विभिन्न महकमों यथा-वन विभाग, सिविल एविएशेन विभाग, जिला प्रशासन, एवं स्थानीय स्टाफों द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
कश्यप समाज ने धूमधाम से मनाई महर्षि कश्यप जयंती, माल्यार्पण कर अर्पित की पुष्पांजलि
देहरादून(सहसपुर), विकासखंड विकास नगर क्षेत्र में ग्राम डांडीपुर तीपरपुर मैं महा ऋषि कश्यप की जयंती को कश्यप समाज के लोगों ने धूमधाम से मनाया महा ऋषि कश्यप जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर चरण स्पर्श करके आशीर्वाद प्राप्त किया गया।
इस अवसर पर कई गांव के दर्जनों लोगों ने महर्षि कश्यप का आशीर्वाद लिया इस अवसर पर अखिल भारतीय आदिवासी कश्यप कहार भोई निषाद समन्वय समिति युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कश्यप तथा महिला मोर्चा की महासचिव सपना कश्यप अध्यक्ष स्नेहा कश्यप तथा नई दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति के संस्थापक अमर सिंह कश्यप तथा रामकिशन कश्यप और कार्यक्रम के संयोजक अखिलेश कश्यप तथा सोम भगत जी मौसम सिंह कश्यप कृत राम वर्मा कश्यप तथा रघुवीर कश्यप विजय आजाद रामकिशन कश्यप रवि कश्यप कश्यप सुभाष कश्यप पवन कश्यप काशीराम कश्यप विशंभर कश्यप अजय कश्यप सुंदरलाल ईश्वर सिंह कश्यप नाथीराम अनिल कुमार प्रभु राम कश्यप बबली देवी सहित दर्जनों महिला पुरुषों ने प्रतिभाग किया और महर्षि कश्यप का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर हलवे का प्रसाद वितरण किया गया और कार्यक्रम में वक्ताओं ने महा ऋषि कश्यप के जीवन दर्शन पर इतिहास के संबंध में लोगों को जानकारी दी और एकजुटता पर बल दिया उन्होंने कहा कि कश्यप समाज के लिए एकजुटता का मंत्र सबसे कारगर रहेगा अन्यथा हम लोग और पिछड़ते जाएंगे वक्ताओं ने कश्यप समाज के लोगों को जगाने तथा महर्षि कश्यप जी के जन्मदिवस पर सार्वजनिक अवकाश देने की भी केंद्र सरकार से मांगती है वक्ताओं ने कहा कि हमारे पूर्वजों के इतिहास में बहुत से महापुरुषों के द्वारा कार्य किए गए हैं जिसमें सृष्टि रचयिता महर्षि कश्यप जी का नाम प्राथमिकता के तहत आता है ।
उन्होंने मांग की कि उनके जन्मदिवस 5 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए और महर्षि कश्यप के जीवन चित्रण को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए जिससे ओबीसी समाज को आगे बढ़ने तथा अपने इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा इस अवसर पर कई वरिष्ठ कश्यप समाज के लोग कार्यकर्ता महिलाएं पुरुष और बच्चों ने बढ़-चढ़कर कार्यक्रम में हिस्सा लिया और महर्षि कश्यप की जय के नारे लगाए इस अवसर पर हुकम सिंह कश्यप मनीराम कश्यप सदानंद मनीष आशीष अर्जुन विभूति देवी सहित कश्यप समाज के बहुत से लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता कृत राम कश्यप हम संचालन अमर सिंह कश्यप ने किया
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुवल माध्यम से आईएचआईपी को मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किया लांच
देहरादून, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत रावत ने वर्चुअल माध्यम से इन्टेग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफार्म के लाँचिंग कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को आई.एच.आई.पी को लाँच किया। आई.एच.आई.पी पोर्टल के अन्तर्गत अभी 33 तरह की बीमारियों को जोड़ा गया। इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न प्रकार की बीमारियों की ऑनलाईन रिपोर्टिंग होगी। किसी राज्य के किसी भी क्षेत्र में फैल रही बिमारियों के बारे में इस सिस्टम के माध्यम पता चलेगा, जिससे उसको जल्द नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की दृष्टि से यह देश में एक ऐतिहासिक कदम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के संकल्प की दिशा में स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि आई.एच.आई.पी को विकसित करने के लिए अनेक प्रयास किये गये हैं, इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी पूरा सहयोग मिला। आने वाले समय में इसके तहत अन्य बीमारियों को शामिल किया जायेगा, ताकि उनकी भी सतत निगरानी हो सके। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से भी आई.एच.आई.पी में पूरा सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि आई.एच.आई.पी के शुभारम्भ होने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों को जल्द नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आई.एच.आई.पी के क्रियान्वयन के लिए राज्य में 1282 टेबलेट उपलब्ध कराये गये हैं। एएनएम, आशा और लेब टैक्निशियन को प्रशिक्षण दिया गया है। न्याय पंचायत स्तर तक प्रशिक्षण दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य में अभी कोविड के 03 हजार केस एक्टिव हैं, राज्य में कोविड का रिकवरी रेट 95 प्रतिशत है। जिन राज्यों में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के अधिक मामले आये, उन राज्यों से उत्तराखण्ड आने वाले लोगों को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लाने पर ही प्रवेश दिया जा रहा है। हरिद्वार कुंभ राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती है, कुंभ में केन्द्र सरकार की कोविड गाईडलाईन का पूरा पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से राज्य को जल्द 05 लाख और कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव भारत सरकार श्री राजेश भूषण आदि उपस्थित थे।
ड्राइविंग लाइसेंस की अवधि समाप्त होने पर अब आप जिस जिले में होंगे, वहीं अपने लाइसेंस का नवीनीकरण करा सकेंगे
देहरादून,उत्तराखण्ड़ में ड्राइविंग लाइसेंस की अवधि खत्म होगी तो आप अपने राज्य के जिस जिले में होंगे, वहीं अपने लाइसेंस का नवीनीकरण करा सकेंगे। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में बड़ी राहत दे दी है। इससे हजारों लोगों को लाभ मिलेगा, इसके तहत तमाम ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने ड्राइविंग लाइसेंस युवावस्था में किसी जिले से बनवाए थे, लेकिन अब किसी अन्य जिले में बस गए हैं। इनके डीएल की अवधि खत्म होती है तो उन्हें वापस उसी जिले में आना पड़ता है। इस समस्या को लेकर मंत्रालय ने राहत दे दी है, जिसके बाद परिवहन विभाग ने भी सुविधा प्रदान कर दी है। अब डीएल नवीनीकरण के लिए किसी भी आरटीओ दफ्तर में जाकर काम हो जाएगा। इसके साथ ही, बड़े वाहनों को भी राहत दी गई है। ऐसे वाहनों को अब पंजीकरण भी अब आरटीओ दफ्तर जाकर करने के बजाए सीधे डीलर के स्तर से ही हो जाएगा।
मौजूदा समय कोई व्यक्ति भारी वाहन कंपनी से तैयार लेता था, तो उसे पंजीकरण और फिटनेस के लिए वाहन को आरटीओ में ले जाना पड़ता था। लेकिन अब उसे वाहन को आरटीओ ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैन्यूफैक्चरर या मैन्यूफैक्चरर डीलर ही पंजीकरण और फिटनेस कराकर देगा।
इसी तरह चेचिस लेकर 30 दिन के अंदर बॉडी बनाने के आदेश में भी बदलाव किया गया है। अब 30 दिन के बजाए छह माह तक बॉडी बना सकते हैं। उन पर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगेगा। अभी तक अस्थायी आरसी की अवधि 30 दिन बाद खत्म हो जाती थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मंत्रालय के आदेशों के तहत सुविधा शुरू हो गई है।
आरटीओ दफ्तर में अब फाइलों का बोझ खत्म होने जा रहा है। पहले चरण में आरटीओ देहरादून कार्यालय की फाइलों को डिजिटल करने का काम शुरू हो चुका है। कुछ महीनों में सभी पुरानी से पुरानी फाइलें भी डिजिटल हो जाएंगी, जिसके बाद लोगों को अपने कागजात देखने और आरटीओ कर्मचारियों को काम करने में आसानी हो जाएगी।
कुम्भ 2021: पुश्तैनी धंधा है साहब..!, इसी से रोजगार चलता है
✒️प्रेम पंचोली
हरकी पैड़ी स्थित अस्थी घाट पर कुछ नौजवान गंगा नदी में कूड़ा कबाड़ आदि बर्तन व धातुओं की सामग्री, जो श्रद्धालुओं द्वारा विसर्जित किये गए हैं, बर्तनों आदि को इकट्ठा कर रहे हैं। बताते हैं कि यह उनकी रोजी-रोटी का सवाल है। वे इस बात से खुश है कि मेला प्रशासन ने उन्हें इस दौरान परिचय पत्र भी दिया है।
ज्ञात हो कि धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों महाकुंभ चल रहा है। जहां अगले एक माह तक श्रद्धालुओं की बहुतायात भीड़ रहेगी। ऐसे में हरिद्वार निवासी दीपू कुमार और दीपक कुमार दोनों मिलकर के अस्थि घाट पर साफ-सफाई का काम संभाल रखे हैं। यहां जो लोग पानी में बह जाते हैं या कहीं से नदी में लाश बहकर आ रही हो, आदि उनको पकड़ने का काम भी वे करते हैं। वे तैराकी का काम करते हैं और गंगा नदी में विसर्जित की गई तरह-तरह की वस्तुओं को इकट्ठा भी करते हैं। यही नहीं गंगा नदी के प्रवाह में अचानक कोई श्रद्धालु अनजाने से बह रहा हो तो उसे भी दिपू और दिपक दोनो नदी में तैराकी करके बचाने का प्रयास करते है।
गौरतलब हो कि गंगा में विसर्जित सामग्री को जब वे एकत्रित करते है, उससे उनकी रोजी रोटी चलती है। दीपक का कहना है कि गंगा में कुछ लोग तांबे के बर्तन भी विसर्जित करते है, जो आम तौर पर बह जाते है, उसमे मात्र एक प्रतिशत तांबे, कांसे व पितल के बर्तन जैसे लोटा आदि ही बच जाते हैं उन्हें वे पकड़ने का काम पानी के प्रवाह के साथ करते है। इसी से ही उनको रोजगार प्राप्त होता है।
काबिले तारीफ यही है कि बाल्मिकी समुदाय के दीपू कुमार और दीपक कुमार का यह पुश्तैनी धंधा है। इनके समुदाय के अन्य युवा भी हरिद्वार के अलग अलग घाटों पर उनके जैसा ही काम करते है। बताते है कि पहले उनके पिताजी, उससे पहले उनके दादा जी इस धंधे को करते थे, सो अब वे कर रहे हैं |