Wednesday, May 14, 2025
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स्पा सेंटर पर चल रहे देह व्यापार का पुलिस ने किया भंडाफोड़, पांच पीड़िताओं को कराया मुक्त

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-सांकेतिक तस्वीर

एक महिला समेत चार लोगों को किया गिरफ्तार, 70 स्पा सेंटरों पर मारा छापा

देहरादून, स्पा सेंटर पर चल रहे देह व्यापार का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। सेंटर से एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि, पांच पीड़िताओं को मौके से मुक्त कराया गया है। इस दौरान पुलिस ने कुछ स्पा सेंटर को चेतावनी भी दी है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने रविवार को शहर के 70 स्पा सेंटरों पर छापा मारा। पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों के संबंध में उनके दस्तावेज आदि चेक किए। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे, आने आने वाले ग्राहकों का विवरण और कर्मचारियों के सत्यापन के संबंध में भी पूछताछ की गई। इस कार्रवाई में पुलिस एक्ट में 29 चालान किए गए, जिनसे 10 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया।
कुल 26 स्पा सेंटरों का पुलिस एक्ट में चालान भी किया गया।इस कार्रवाई में पटेलनगर मंडी क्षेत्र के पास लाइन वुड स्पा सेंटर में भी छापा मारा गया। यहां तीन पुरुष और तीन महिलाएं आपत्तिजनक हालत में मिले। इसके बाद स्पा संचालिका समेत चार लोगों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
इसके साथ पांच पीड़िताओं को वहां से मुक्त कराया गया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम शोभा रानी निवासी कांवली रोड, विजय कुमार गुरुंग निवासी क्लेमेंटटाउन, मोहम्मद शादाब निवासी गंदेवाड़ा, सहारनपुर और मोहम्मद अमजद निवासी छुटमलपुर सहारनपुर हैं। सभी को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

सरकार की जन विरोधी नीतियों का लोक जनशक्ति पार्टी मुखर होकर करेगी विरोध : केदारनाथ पंड़ित

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“राज्य में बढ़ते नशे के कारोबार को लेकर लोजपा बेहद चिंतित, जल्द शुरू होगा जन जागरूकता अभियान”

देहरादून, लोक जनशक्ति पार्टी (आर) ने प्रदेश की समस्याओं को लेकर स्थानीय प्रेस क्लब में सोमवार को एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया, पत्रकारों से रूबरू होते हुये पार्टी के उत्तराखण्ड़ अध्यक्ष केदारनाथ पंड़ित ने कहा कि आज दून शहर की यातायात व्यवस्था बेलाम हो गई है। शहर के साथ साथ मुख्य मार्ग के अलावा गलियों में भी जाम की समस्या लोगों की मुसीबत का सबब बनी हुई है। वहीं शहर में कहीं भी पार्किंग न होने के चलते लोगों को अपनी गाड़ियां सड़क के किनारे पार्क करनी पड़ रही है जिसका खामियाजा उन्हें भारी भरकम चालान के रूप में भुगतान के रूप में करना पड़ता है। यदि प्रशासन शहर में पार्किंग की मुकम्मल व्यवस्था होती तो लोग अपनी गाड़ी समुचित शुल्क देकर सही स्थान में खड़ा करते। पार्टी जनहित में सरकार से मांग करती है कि शहर में पार्किंग की सही व्यवस्था की जाय।
पत्रकारों से बातचीत करते हुये लोजपा (आर) के प्रदेश अध्यक्ष केदारनाथ पंड़ित ने कहा कि वहीं सड़कों पर बनी फुटपाथ पर भी लोग नहीं चल पा रहे हैं, इन फुटपाथों पर दुकानदारों और अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। कहीं उनकी गाड़ी खड़ी है तो कहीं लोगों ने गाड़ियां पार्क कर रखी है, रिस्पना पुल से लेकर प्रिंस चौक तक सड़क के दोनों और के फुटपाथ अतिक्रमण से फटे पड़े हैं. इसके अलावा चकराता रोड, राजपुर रोड, सहारनपुर रोड तथा पंचायती मंदिर के पास तक कमोवेश यही हाल है। ऐसे में इन फुटपाथों पर लोग नहीं चल पाते हैं। लोक जनशक्ति पार्टी चाहती है कि सरकार कदम उठाए और फुटपाथ्यों को अतिक्रमणा से मुक्त कराए । प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजधानी देहरादून सहित आसपास इलाकों में फैल रहे नशे के कारोबार को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी बेहद चिंतित है। उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रदेश का नौजवान नशे की गिरफ्त में फंसता चला जा रहा है, स्कूल कॉलेज के बाहर नशीली पदार्थ की बिक्री से बच्चे नशे की आगोश में अपना पूरा जीवन और शरीर को नष्ट कर रहे है। सरकारी एजेंसियां भी नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है, राज्य का पुलिस प्रशासन, नारकोटिक्स विभाग, आबकारी विभाग इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है l
केदारनाथ पंडित ने कहा लोक जनशक्ति पार्टी जल्द ही बढ़ते नशे के खिलाफ जन जागरूकता अभियान शुरू करेगी, जिसके अन्तर्गत हमारे कार्यकर्ता स्कूलों, मौहल्लों और गांवों में लोगों के बीच जाकर रैली निकालेगी, इन तीनों जनसमस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया जायेगा, पार्टी सरकार को आगाह करेगी कि भविष्य में यह सब कुछ चलता रहा तो लोक जनशक्ति पार्टी सड़कों पर उतरकर सरकार का पुरजोर विरोध करेगी।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष केदारनाथ पंड़ित ने कहा कि हालांकि लोक जनशक्ति पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का सहयोगी दल है, पार्टी चाहती है कि राज्य में भी राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचने में सहयोग करें, लेकिन विडंबना है की हमने माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कई मर्तबा मुलाकात का समय मांगा लेकिन हमें मिलने का समय नहीं मिल पाया।
जबकि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) उत्तराखंड़ ने अपना गठबंधन धर्म निभाते हुए प्रदेश में भाजपा को समर्थन देकर पांच के पांचों सीट जिताने में सहयोग किया था। बावजूद इसके भाजपा सरकार हमारे कार्यकर्ताओं को सहयोग नहीं करती। पंड़ित ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि सरकार के कामकाज में किसी प्रकार का दखल न दिया जाए, लेकिन जब बात जनहित एवं जनसमस्याओं से जुड़ी हो तो, लोक जनशक्ति पार्टी मुखर होकर सरकार की जन विरोधी नीतियों का विरोध करेगी।
पत्रकार वार्ता पार्टी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष पिंटू कुमार, उजमा खान, दिलीप कुमार, संजीवन राम, आजीज अली, पंकज कुमार, शहजाद अली, जय गोबिन्द, भरतसिंह नेगी, लोजपा महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष भगीरथी भट्ट, सुषमा खान के साथ बड़ी संख्या पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे l

विकसित राष्ट्र बनाने में युवा पीढ़ी निभाए भूमिका : सांसद नरेश बंसल

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ढाई हजार छात्र शामिल हुए स्वच्छता अभियान में

लंढौरा (हरिद्वार) (कुलभूषण ) l चमन लाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्वच्छता ही सेवा अभियान में राज्यसभा सांसद और संसद की रक्षा समिति के सदस्य नरेश बंसल ने कहा कि भारत को वर्ष 2047 में विकसित देश बनाने के लक्ष्य में सरकार के साथ-साथ युवा पीढ़ी को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई (एनएसएस) के तत्वावधान में आयोजित स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने शिक्षकों छात्र-छात्राओं और प्रबंध समिति के साथ मिलकर महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। इससे पूर्व उन्होंने स्वच्छता जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर हुए समारोह में सांसद नरेश बंसल ने कहा कि नई पीढ़ी को स्वच्छता को अपनी आदत में सम्मिलित करने की आवश्यकता है, यह राष्ट्रपिता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा कि विगत एक दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि में व्यापक रूप से बदलाव आया है। आज चाहे यूक्रेन रूस का युद्ध हो या दुनिया में अन्य स्थानों पर चल रहे संघर्ष इन सभी जगह पर भारत को एक भरोसेमंद मध्यस्थ के तौर पर देखा जा रहा है। भारत की शक्ति उसकी युवा पीढ़ी में निहित है। इस युवा पीढ़ी की लगन ऊर्जा उत्साह और उद्देश्य की प्रति समर्पण से ही भारत विकसित राष्ट्र के रूप में सामने आएगा। सांसद ने युवाओं का आह्वान किया कि वह अपने जीवन में ऐसा लक्ष्य निर्धारित करें जिससे उनके साथ-साथ समाज और राष्ट्र की भी उन्नति हो सके। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिए जाने तथा सामाजिक बुराइयों को दूर करने को भी इस अभियान से जोड़ने पर जोर दिया। इसी क्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस की तारीख छात्र-छात्राओं से पूछी, जिसे महाविद्यालय की रोवर रेंजर्स की छात्रा रश्मि ने 17 सितंबर बताई l, इस पर राज्यसभा सांसद ने छात्रा को ₹500 की धनराशि का पुरस्कार भी दिया l
इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री और भाजपा के जिला अध्यक्ष शोभाराम प्रजापति ने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि विगत एक दशक में इन सरकारों ने आम आदमी के हित में जितने कार्य किए हैं उतने कार्य इससे पूर्व के 6 दशक में नहीं हुए हैं।
महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा ने कहा कि युवाओं को एन.एस.एस के माध्यम से अपने देश और समाज की सेवा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा की स्वच्छ जागरूक और ईमानदार समाज का निर्माण बापू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम के आरंभ में प्राचार्य डॉ .सुशील उपाध्याय ने स्वच्छता ही सेवा अभियान के विषय में जानकारी दी और बताया कि यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान में महाविद्यालय के लगभग ढाई हजार छात्र छात्राएं अलग-अलग भूमिकाओं में प्रतिभाग कर रहे हैं l कार्यक्रम में जिला महामंत्री अरविंद गौतम, प्रमोद चौधरी, सतीश कौशिक, मनोज नायक, डॉ. दीपा अग्रवाल, डॉ. धर्मेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे l कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मोहम्मद इरफान ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया l इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव श्री अरुण हरित ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न एवं शॉल भेंट स्वरूप प्रदान किए l
मंच संचालन डॉ. तरुण गुप्ता द्वारा किया गया l इस अवसर पर महाविद्यालय के समय शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे l

 

सभी मुख्य अतिथियों का चौक बाजार श्री रामलीला समिति की ओर से माल्यार्पण कर भव्य स्वागत कियाMay be an image of 10 people, temple and text

लंढौरा (हरिद्वार) (कुलभूषण ) l  चौक बाजार ज्वालापुर श्री रामलीला समिति के रंग मंच पर रविवार को चौथे दिन प्रयाग दर्शन मीना बाजार एवं पुष्प वाटिका का मंचन किया गया वही मंचन से पूर्व मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री राम चौक व्यापार मंडल एवं श्री राम चौक सेवा समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों अध्यक्ष श्री राकेश मल्होत्रा ओम प्रकाश पाहवा अनुराग गुप्ता राजीव कटारिया संजय अग्रवाल कमल बंसल एवं अभिनव कीर्तिपाल ने राम लक्ष्मण की आरती कर उनका आशीर्वाद लेते हुए लीला का शुभारंभ कराया रंगमंच पर रविवार की रात प्रयाग दर्शन मीना बाजार एवं पुष्प वाटिका का भव्य मंचन किया गया वहीं इससे पूर्व नाटय लीला रंगमंच पर पधारे सभी मुख्य अतिथियों का चौक बाजार श्री रामलीला समिति की ओर से माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया एवं उन्हें अंग वस्त्र पटका पहना कर सम्मान किया गया स्वागत करने वाले पदाधिकारीयों में अध्यक्ष शशिकांत वशिष्ठ संयोजक सुबोध बंसल महामंत्री शिवम अंगार सोडिया ईश्वर चंद जैन मनोज चौहान रमन पटवर शिवम बंसल आदि लोग प्रमुख रहे

तुंगनाथ मंदिर का होगा जीर्णोद्धार, प्रतिबंधो के साथ सरकार से मिली सैद्धांतिक सहमति

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देहरादून/रुद्रप्रयाग- विश्व प्रसिद्ध तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्वार, सौंदर्यीकरण और आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने प्रतिबंधों के साथ सैद्वांतिक सहमति प्रदान कर दी है। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।
पंच केदारों में सबसे ऊँचाई पर स्थित तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के मंदिर जीर्णोद्धार के लिये बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने गत वर्ष महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) व महानिदेशक, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को पत्र लिखा था। बीकेटीसी अध्यक्ष नें समुद्र तल से 11942 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्री तुंगनाथ मंदिर के जीर्णोद्वार, सौंदर्यीकरण व आवश्यक सुरक्षात्मक कार्यों को कराने के लिए तकनीकि परामर्श उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। इस पर दोनों विभागों के विशेषज्ञों ने तुंगनाथ मंदिर का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट बीकेटीसी को सौंपी थी। दोनों विभागों के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के पश्चात बीकेटीसी ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की से भी इस संबंध में राय मांगी है। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों द्वारा पिछले दिनों तुंगनाथ का भ्रमण किया जा चुका है। उनकी रिपोर्ट भी जल्दी ही बीकेटीसी को मिल जाएगी।
इस बीच बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र ने शासन को एएसआई व जीएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते तुंगनाथ मंदिर के संरक्षण कार्यों के लिए सैद्वांतिक सहमति देने का अनुरोध किया। इस पर सचिव धर्मस्व व संस्कृति हरिचन्द्र सेमवाल ने बीकेटीसी को पत्र लिख कर इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। शासन ने मंदिर की पौराणिकता को देखते हुए इसकी विस्तृत योजना रिपोर्ट (डीपीआर) और सम्पूर्ण कार्य सीबीआरआई, रूड़की से सम्पादित कराने के निर्देश दिए हैं। शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सम्पूर्ण कार्य एएसआई व जीएसआई के तकनीकि विशेषज्ञों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए किए जाएंगे।

पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर में विभिन्न प्रतियोगिताओं के साथ सम्पन्न हुआ हिन्दी दिवस पखवाड़ा

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देहरादून, पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय बीरपुर में विभिन्न प्रतियोगिताओं के साथ हिन्दी पखवाड़े का समापन हो गया, 29 सितम्बर तक चले इस हिन्दी पखवाड़े का शुभारंभ 14 सितम्बर को दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। उसके बाद सृष्टि द्वारा तुलसीदास द्वारा रचित शिव वंदना प्रस्तुत की गई। अतिथियों के स्वागत में छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती बसंती खम्पा जी द्वारा अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया।

स्वागत के बाद कक्षा बारहवीं की छात्र द्वारा मधुर स्वर में हिन्दी गीत गाया गया। बच्चों द्वारा हिन्दी प्रचार प्रसार के लिए नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया l इसके बाद विद्यालय के हिन्दी शिक्षक श्री जितेन्द्र डिमरी जी द्वारा हिन्दी पर अपने विचार प्रस्तुत किए गए। इसके साथ ही कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए छात्रों ने हिंदी भाषा की महत्ता बताते हुए अभिनय प्रस्तुत किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की स्नातकोत्तर अध्यापिका सीमा श्रीवस्तव द्वारा किया गया। हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए सबको आगे आने तथा सहयोग देने का आग्रह किया गया। अंत में विद्यालय की उपप्राचार्या ने सभी काधन्यवाद ज्ञापन किया और हिन्दी पखवाड़े का शुभारम्भ किया गया।
हिन्दी पखवाड़े के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें काव्य पाठ, कहानी प्रतियोगिता, निबंध लेखन, नारा लेखन, एकल अभिनय, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के साथ हिंदी विभाग द्वारा विद्यालय में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई थी जिनका 30 सितंबर को परिणाम घोषित हुआ एवं पुरस्कार वितरण हुआ । छात्रों ने निबंध प्रतियोगिता, कहानी प्रतियोगिता आदि में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता मे गौरी, अंश, प्रकृति राज, मनदीप, शभ्रांश को पुरस्कार दिया गया। एकल अभिनय में अंशिका, सार्थक तथा अवनि को पुरस्कृत किया गय। वहीं अध्यापको के लिए कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया एवं कर्मचारियों के लिए पारिभाषिक शब्दावली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। हिन्दी विभाग द्वारा सभी को पुरस्कृत किया गया । हरेन्द्र मलिक, अनुज कुमार, देवेन्द्र सिंह, श्रीमती मनीषा, श्रीमती ऋचा, श्री पी के थपलियाल, श्री डी एम लखेरा, श्रीमती राणा कादिर, श्रीमती सविता, श्री गौरव कांत, श्री त्रिवेणी, शुश्री चारु, श्रीमती दीपमाला को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
नुक्कड़ नाटक में शौर्य, शुभ्रांश, शिमला, शालिनी प्रदीप, खुशी, साक्षी आदि छात्रो को सम्मानित किया गया। काव्य पाठ के लिए अक्षत को सम्मानित किया गया। भाषण प्रतियोगिता में सम्मान सिंह, सार्थक, प्रेरणा, प्राची को पुरस्कृत किया गया ।
समापन के मौके पर छात्रों द्वारा हिन्दी गीत गाया गया। पूरे कार्यक्रम का संचालन और आयोजन हिन्दी विभाग की अध्यक्ष श्रीमती सीमा श्रीवास्तव द्वारा किया गया । प्राचार्या द्वारा छात्रो को हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग के लिए प्रेरित किया गया ।

इस मौके पर हिन्दी विभाग से सीमा श्रीवास्तव, जितेंद्र डिमरी, कपिल कुमार, विनोद कुमार, एवं अन्य अध्यापक डी एम लखेड़ा, देवेन्द्र सिंह, मीना चौहान, आरती उनियाल, हरेंद्र मल्लिक, दीपिका बंसल आदि उपस्थित रहे। विद्यालय के सभी शिक्षक तथा सभी विद्यार्थियों ने हिन्दी पखवाड़े के दौरान हुई गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया | धन्यवाद ज्ञापन के बाद हिन्दी पखवाड़े का समापन समारोह संपन्न हुआ |

राज्य में 3900 क्लस्टर में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा

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– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं प्रदेश के 8.88 लाख किसान
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार, खेती किसानी की तरक्की के लिए प्रयासरत है। इसके लिए कृषि विभाग कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की अहम योजनाओं के लाभ भी प्रदेश के किसानों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
कृषि विभाग किसानों को प्रमाणित बीज वितरण, कृषि उपकरणों की उपलब्धता, सिंचाई सुविधा, उर्वरक, कीट नियंत्रण, फसल बीमा की सुविधा देने के साथ ही केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ दे रहा है। सरकार किसानों को अपने खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत भारत सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 508. 89 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत कलस्टर के आधार पर चयनित गांवों जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में यह योजना 3900 क्लस्टर में संचालित की जा रही है, इसके लिए भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 13127.40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं 8.88 लाख किसान:  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में 8.88 लाख पंजीकृत किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 178.04 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। योजना के तहत अब तक प्रदेश में कुल 2757.20 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी की है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक अप्रैल से सभी जनपदों में चावल और मंडुआ फसल को योजना के तहत कवर किया जा रहा है।
एससी – एसटी बहुल गांवों के लिए विशेष योजना:    सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छोटी जोत वाले किसानों के लिए विशेष कृषि विकास कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में चयनित गांवों के लिए 700 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। हमारी प्राथमिकता आधुनिक तकनीक और नवाचारों को किसानों तक पहुंचाना है, जिससे खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती, फल उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

 

यूसर्क ने किया चतुर्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव 2024-25 कार्यक्रम का आयोजन

“उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से शिक्षकों को किया गया सम्मानित”

यूसर्क ने किया चतुर्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन -  Get Latest News Updates Online India | Dainik Khabar Laye hain | Dehradun

देहरादून, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा आज दिनांक 28 सितम्बर 2024 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कान्क्लेव का आयोजन देहरादून स्थित आई0आर0डी0टी0 सभागार में किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिये नवाचार, सजृनात्मकता, प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा आदि को केन्द्रित करते हुये ग्रास रूट लेवल पर विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियां पूरे प्रदेश में लगातार विभिन्न शिक्षण एवं शोध संस्थानों के साथ मिलकर सम्पादित की जा रही हैं। साथ ही यूसर्क द्वारा राज्य के विभिन्न विद्यालयों में 200 विज्ञान चेतना केन्द्र, 82 स्टैम लैब स्थापित की गई है।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, नवाचार, तथा कौशल व उद्यमिता विकास के क्षेत्र में विशिष्ट एवं अनुकरणीय कार्य करने वाले उत्तराखण्ड राज्य के चयनित 09 शिक्षकों को चतुर्थ ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ 2024-25 से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परम्परागत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समागम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना एवं सतत् विकास से सम्बन्धित विषयों को शिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। प्रो0 अनीता रावत ने कहा कि शिक्षकों का चिंतन कौशल एवं सृजनात्मकता छात्रों में नवाचार, क्षमतावृद्धि और उद्यमिता विकास में सहायक होंगे। इसी विचार धारा के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान आयोजित किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा0 कैबिनेट मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार श्री प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने अपने उदबोधन में यूसर्क द्वारा आयोजित चतुर्थ ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक कानक्लेव’में ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ हेतु चयन किये गये शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने शिक्षकगणों द्वारा किये जा रहे नवाचारी शिक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी कार्यों से प्रदेश को अग्रणी बनाने में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। श्री अग्रवाल ने यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि हमारे द्वारा किये गये कार्यों से उत्तराखण्ड देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेगा।
कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड सुश्री झरना कमठान, (आई.ए.एस.) ने अपने उदबोधन में कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ समाज को एवं देश को दिशा प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने यूसर्क द्वारा विगत तीन वर्षों से किये जा रहे ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ के आयोजन की सराहना करते हुये कहा कि यूसर्क का यह शिक्षकों का सम्मान उन्हें और अधिक कार्य करने की प्रेरणा देने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमको अपने प्रयासों से राज्य के अन्तिम छोर तक के विद्यार्थियों को लाभान्वित करना है तथा राज्य को आगे ले जाना है।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में शिक्षाविद् डा0 शालिनी जोशी ने कहा कि हमको तकनीकी के सकारात्मक प्रयोग की तरफ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है। तकनीकी सत्र में शिवालिक कॉलेज, देहरादून की शिक्षाविद् श्रीमती नविता सिन्हा, ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के विद्यार्थियों के लिये आधुनिक शिक्षा के साथ ही परम्परागत शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा यूसर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तक एलीमेन्ट्री स्पेक्ट्रोस्कोपिक टैक्निक्स का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा किये जा रहे विशिष्ट कार्यों एवं प्रकाशित पुस्तकों, एम0आई0ई0टी0 हल्द्वानी तथा सी0आई0एम0एस0 संस्थान देहरादून में यूसर्क द्वारा स्थापित उद्यमिता विकास केन्द्र तथा हार्क संस्थान व यूसर्क के सहयोग से किये जा रहे उद्यमिता विकास कार्यक्रमों की प्रदर्शनी को अतिथियों द्वारा सराहा गया।

कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा निम्न शिक्षकों को तीन श्रेणियों में चतुर्थ विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2024-25 से सम्मानित किया गया l

नवाचार :
1) डा0 श्वेता मजगॉई, स0अ0, रा0उ0प्रा0वि0, विजयपुर ब्लॉक- कोटाबाग, नैनीताल

प्रौद्योगिकी आधारित विज्ञान शिक्षा :
1) श्रीमती रश्मि उनियाल, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 ग्रास्टनगंज, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल
2) श्री राजमोहन सिंह रावत, स0अ0, रा0उ0मा0वि0 पिपाया, कालसी, देहरादून
3) श्री गम्भीर पाल सिंह, स0अ0, रा0इ0का0 रौंतल, चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी
4) श्री राजेन्द्र कुमार गढ़कोटी, प्रवक्ता, रा0इ0का0 बापरू, चम्पावत

पर्यावरण संरक्षण :
1) श्री सतेन्द्र सिंह भंडारी स0अ0, रा0प्रा0वि0 कोटतल्ला, रूद्रप्रयाग
2) श्री दिनेश चन्द्र कुकरेती, स0अ0, पी0एम0 श्री रा0इ0का0, द्वारी (पैना), रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल
3) श्री रमेश चन्द्र सिंह, प्रवक्ता, रा0इ0का0 ढिकुली, नैनीताल

4) श्री मोहन चन्द्र, प्रधानाध्यापक, रा0प्रा0वि0 डुमलोट, कौसानी, बागेश्वर
कार्यक्रम का संचालन यूसर्क वैज्ञानिक, डा0 ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 जे0एम0एस0 राणा, प्रो0 गुलशन कुमार ढ़िगरा, आर0जे0 काव्या, डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न 12 शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित 350 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

 

13वीं रोहिताश सिंह मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट : द हैरिटेज स्कूल, कॉन्सटेसिया और सेंट जूड्स स्कूल अगले दौर में पहुँचे

देहरादून (केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में 13वीं रोहिताश सिंह मैमोरियल अंतर विद्यालय सुपर ऐट क्रिकेट टूर्नामेन्ट के दूसरे दिन का पहला मैच कॉन्सटेंसिया स्कूल और कारमन स्कूल, डालनवाला के बीच खेला गया। मैच में कारमन स्कूल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते लिया। पहली पारी में कारमन स्कूल ने 32 रन बनायें। मैच में कॉन्सटेंसिया ने 14 रन का निर्णय बनाये और दूसरी पारी में कॉन्सटेंसिया स्कूल ने 34 रन बनाये।
मैच में कारमन स्कूल डालनवाला ने लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन विकेट से मैच जीत लिया। इस अवसर प्रतियोगिता के अंतर्गत आज का दूसरा मैच द हैरिटेज स्कूल और राजा राममोहन राय अकादमी के बीच खेला गया। मैच में राजा राम मोहन रॉय ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निश्चय किया।
मैच की पहली पारी में द हैरिटेज स्कूल ने 45 रन बनाये और राजा राम मोहन राय ने हा रन बनायो दूसरी पारी में राजा राममोहन रॉय ने 16 रन बनाये। मैच को द हैरिटेज स्कूल ने 68 रन से मैच जीता। आज का तीसरा मैच कर्नल ब्राउन स्कूल और सेंट जूड्स स्कूल के बीच खेला गया और सेंट जूड्स स्कूल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। अपनी पहली पारी में सेंट जूड्स स्कूल ने 52 रन बनाए और कर्नल ब्राउन स्कूल ने 35 रन बनाए।
मैच की दूसरी पारी में खेलते हुए सेंट जूड्स स्कूल ने 39 रन बनाए और कर्नल ब्राउन स्कूल ने 31 रन बनाए । मैच में सेंट जूड्स स्कूल ने 24 रन से मैच जीत लिया। इस अवसर पर अनेक खेल प्रेमी शामिल रहे।

 

विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 से नवाजे गये कथाकार पंकज बिष्ट

देहरादून, विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान 2024 इस बार हिंदी के वरिष्ठ कथाकार व उपन्यासकार पंकज बिष्ट को प्रदान किया गया है। सेव हिमालय मूवमेंट एवं संवेदना द्वारा रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह सम्मान उन्हें वरिष्ठ कवि व पत्रकार इब्बार रबी एवं वरिष्ठ कथाकार गुरदीप खुराना के द्वारा प्रदान किया गया है। सम्मान में उन्हें सम्मान पत्र अंग वस्त्र स्मृतिचिन्ह के साथ 31 हजार रुपये भी दिए गए हैं।
यह पुरस्कार साहित्यकार विद्यासागर नौटियाल की कथा संवदेना, सामाजिक संघर्ष, संस्कृति की चेतना का विस्तार है अतः सम्मान के लिये ऐसे ही विचारक, कथाकार का चयन किया जाता है जो वर्तमान में अपनी लेखन में विद्यासागर के विचारों को अपने शब्दों में चरितार्थ करता हो । पंकज बिष्ट के सम्पूर्ण साहित्य लेखन जिसमें प्रमुख रूप से उपन्यास “उस चिड़िया का नाम” पर आम सहमति बनी। विद्यासागर सम्मान 2021 में सुभाष पंत को 2022 में स्व. शेखर जोशी और 2023 को डॉ. शोभा राम शर्मा को दिया गया था, इस वर्ष 2024 में चयन की प्रक्रिया में बदलाव लाते हुए साहित्यकारों द्वारा दो-दो दूसरे साहित्यकारों के नामांकन के आधार पर सम्मान के लिये नामो का चयन किया गया।
इस बार चयन समिति में वरिष्ठ कथाकार सुभाष पन्त, हम्माद फारुकी, धीरेन्द्र नाथ तिवारी, जितेंद्र भारती व राजेश पाल शामिल थे।
कार्यक्रम में सेव हिमालय मूवमेंट के सचिव डा० अरविंद दरमोडा ने उपन्यासकार पंकज बिष्ट का सम्मान पत्र पढ़ा है। सेव हिमालय मूवमेंट के अध्यक्ष समीर रतूड़ी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया है और पूनम कैंतूरा ने सभी सम्मानित अतिथियों को मंच पर आमंत्रित किया है।
कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार विजय गौड़ ने किया है। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा, वरिष्ठ पत्रकार अरुण शर्मा, साहित्यकार गुरदीप खुराना, डा. हम्माद फारूखी, डा. संजीव सिंह नेगी ने विचार व्यक्त किया है। कार्यक्रम में पंचशील नौटियाल, अंतरिक्षा नौटियाल, राजेश सकलानी, साहित्यकार बीना बेंजवाल, जितेन ठाकुर, डा० राजेश पाल, जितेन्द्र भारती, मदन मोहन डुकलान, रमाकांत बेंजवाल, पूनम कैंतुरा, कुसुम बहुगुणा, द्वारिका सेमवाल, प्रेम पंचोली, अनिता जोशी, राजेन्द्र गुप्ता, अंबर जोशी, वरिष्ठ आईएएस वयोवृद्ध चंद्रसिंह आदि सैकड़ों साहित्यकार उपस्थित रहे है।

स्वस्थ समाज निर्माण के लिए हर फरियादी को न्याय मिलना जरूरी- न्यायमूर्ति विवेक भारती

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“मा. न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की अध्यक्षता में अगस्त्यमुनी क्रीडा मैदान स्थित सभागार में बहुउद्देशीय विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मा. न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा बोले अत्याचार और अन्याय को न सहें”।

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- मा. उच्च न्यायालय के मा. न्यायमूर्ति प्रशासनिक न्यायाधीस रुद्रप्रयाग विवेक भारती शर्मा की अध्यक्षता में क्रीड़ा स्थल अगस्त्यमुनि में बहुउद्देशीय विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, स्कूल एवं काॅलेज के छात्र- छात्राओं ने बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्कूलों से पहुंचे छात्र- छात्राओं से संवाद किया। इस दौरान उन्क्होने क्रीड़ा हाॅल परिसर में गुलमोहर का पौधा भी लगाया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मा. न्यायमूर्ति, जनपद न्यायाधीश सहदेव सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर मा. न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिविर को लेकर स्थानीय लोगों एवं छात्र- छात्राओं का उत्साह देखकर काफी प्रसन्नता हुई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से इस तरह के जितने भी शिविर आयोजित होते हैं उन शिविरों के माध्यम से प्रदेश व जनपद के सामान्य नागरिकों को उनके अधिकारों से अवगत कराने साथ ही उन्हें इस बात का साहस प्रदान करना भी होता है कि वो अत्याचार या अन्याय को न सहें। क्योंकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण के लिए ऐसा माहौल होना चाहिए, जिसमें सभी को न्याय मिल सके। इसके लिए जरूरी है कि आम जन या न्याय की खोज में पहुंच रहे फरियादियों को समय पर न्याय मिल सके। जब तक वह आश्वस्त नहीं होगा तब तक कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यदि न्याय के प्रति आश्वासन मूलरूप धारण नहीं करता तब तक देश में अराजकता का माहौल होना स्वाभाविक है।
उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के सहयोग की सराहना की। साथ ही बहुउद्देशीय शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के प्रतिभाग करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही कहा कि शिविर में बड़ी संख्या में लोगों के प्रतिभाग करने से हम इस बात के लिए पूर्ण रूप से आश्वस्त हैं कि लोग अपने न्याय व अधिकारों के प्रति जागरूक हैं। उन्होंने आशा जाहिर करते हुए कहा कि निःसंदेह हम अपने देश को मजबूती और ऊंचाई पर ले जाने में सफल होंगे।
जनपद न्यायाधीश सहदेव सिंह ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत जनपद में लगातार साक्षरता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में आमजनमास को विधिक जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। मा. उच्च न्यायालय नैनीताल के तत्वाधान में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हमारे पर्यावरण को संरक्षित एवं सुरक्षित किया जा सके। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों की ओवर रेटिंग, एक्सपायरी सहित अन्य मानकों का पालन करवाने के लिए भी लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार द्वारा मा. न्यायमूर्ति का कार्यक्रम में पहुँचने पर पुष्पगुच्छ एवं शॉल भेंट कर स्वागत किया गया। एनसीसी एवं एनएसएस के छात्र- छात्राओं ने बैंड की धुन से उनका स्वागत किया। शिविर में विभिन्न स्कूलों के छात्र- छात्राओं द्वारा नशा उन्मूलन सहित अन्य कुरीतियों पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई।
इस अवसर पर कृषि, उद्यान, रीप, पशुपालन, बाल विकास, स्वास्थ्य, एनआएलएम, पुलिस , बन विभाग, उरेडा सहित अन्य विभागों द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं एवं उत्पादों के स्टाॅल भी लगाए गए जिनका निरीक्षण करते हुए मा न्यायमूर्ति ने विभागीय अधिकारियों से संवाद किया। वहीं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में 10 कृषकों को प्रमाण पत्र एवं कृषि यंत्र वितरित किए गए, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं ग्रामीण उद्यम वेग वृद्वि परियोजना रीप के अंतर्गत गठित 10 समूहों एवं सदस्यों को विभिन्न आजीविका संर्वधन एवं आय सृजक गतिविधियों के लिए डेढ़ लाख से लेकर 05 लाख की धनराशि के चेक वितरित किए गये।
समाज कल्याण विभाग द्वारा चार दिव्यांग लोगों को व्हील चेयर एवं छड़ी वितरित की गयी। बाल विकास विभाग के तहत छह महिलाओं को महालक्ष्मी किट वितरित की गयी।
शिविर में सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण रवि रंजन, सिविल जज जूनियर डिवीजन रुद्रप्रयाग जतिन मित्तल, न्यायिक मजिस्ट्रेट पारूल थपलियाल, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे, प्रभागीय वन अधिकारी कल्याणी, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती, उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग आशीष घिल्डियाल, जखोली भगत सिंह फोनिया सहित विभिन्न स्कूलों के छात्र- छात्राएं एवं जिला स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन सिविल जज जूनियर डिविजन ऊखीमठ रोहित कुमार पांडेय ने किया।

खुशहाल, स्वस्थ और आनंदपूर्ण जीवन के लिये करें सार्थक पहल

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(डा. जौहरी लाल)

आज की इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में 35-37 साल की सेवा के बाद, सेवानिवृत्ति पर, व्यक्ति एक आरामदायक और सुकून भरी ज़िंदगी जीने की उम्मीद करता है। हालांकि, यह देखा गया है कि, ज़्यादातर लोग अपनी सेवा से रिटायर होने पर जीवन का आनंद नहीं ले पाते हैं। वास्तव में, वे कड़ी मेहनत वाली सेवा के कठिन दौर से गुज़रने के बाद बहुत ज़रूरी आराम और आनंद के हकदार हैं। आगे एक खुशहाल, स्वस्थ और फलदायी जीवन जीने के लिए कुछ सुनहरे मंत्र दिए गए हैं :
स्वास्थ्य : जीवन में सबसे पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य सेवा होनी चाहिए, खासकर सेवानिवृत्ति के बाद की बढ़ती उम्र में, क्योंकि शारीरिक शरीर में टूट-फूट और प्राकृतिक क्षय होता रहता है। शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन 2-3 घंटे बिताना प्राथमिक कर्तव्य है। निम्नलिखित को हमारे दैनिक जीवन की दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
सुबह की सैर : सुबह 30-45 मिनट टहलना और शाम को डिनर के बाद टहलना ज़रूरी है। हर रोज़ 6000 से 8000 कदम पैदल चलना ज़रूरी है। यह जानना ज़रूरी है कि बुढ़ापा पैरों से ही आता है और इसलिए पैरों को हमेशा सक्रिय और गतिशील रहना चाहिए, साथ ही लोगों को यह भी नहीं पता कि दूसरा दिल भी होता है, पिंडली की मांस पेशियों में स्थित है।

शारीरिक व्यायाम और योग :
रक्त का समुचित संचार सुनिश्चित करने, शरीर के प्रत्येक भाग की पर्याप्त गतिशीलता सुनिश्चित करने तथा जंग लगने से बचाने के लिए प्रतिदिन 10-15 मिनट व्यायाम करना आवश्यक है। योग हमारी प्राचीन परंपरा है, जो ऋग्वेद के समय से लगभग 5000 साल पुरानी है। इसे हमारे विभिन्न उपनिषदों में भी समझाया गया है और भगवत गीता के सभी 18 अध्यायों में योग के बारे में बताया गया है। यह जानना उल्लेखनीय है कि योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपचारात्मक और निवारक दोनों है। इसलिए, ‘सूर्य नमस्कार’ सहित विभिन्न आसनों का कम से कम 15-20 मिनट तक योगाभ्यास करना आवश्यक है।
प्राणायाम : वैसे तो प्राणायाम “अष्ट योग” के 8 घटकों में से एक है, लेकिन प्राणायाम पूरे शरीर की प्रणाली को ऊर्जा प्रदान करने के लिए बहुत ज़रूरी है। चूँकि ‘प्राणवायु’ हमारे जीवन को बनाए रखने के लिए बहुत ज़रूरी है, इसलिए प्राणायाम के विभिन्न तरीके हमारे पूरे शरीर और दिमाग को ज़रूरी ऊर्जा प्रदान करते हैं। कुछ प्राणायाम हैं ‘कपालभाति’, ‘अनुलोम विलोम’,
‘ब्रह्मरी’ और ‘ब्रष्टिका’। इसलिए रोजाना प्राणायाम करना बहुत जरूरी है l शरीर में ऊर्जा का उचित प्रवाह बनाए रखने के लिए लगभग 20 मिनट का समय चाहिए। बिना सांस लिए जीना मुश्किल है, लेकिन प्राणायाम सही तरीके से सांस लेना सिखाता है।
ध्यान : मन की शांति और समग्र कल्याण के लिए ध्यान बहुत महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन 15-20 मिनट ध्यान करना आवश्यक है। यह पहलू योग का हिस्सा है साधना, यह जानना जरूरी है कि बुढ़ापा पैरों से प्रवेश करता है, जबकि पैर सही सलामत और गतिशील रहने चाहिए।
संतुलित आहार, आराम और अच्छी नींद : ये स्वस्थ जीवनशैली के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। अगर इनका पालन नहीं किया जाता है, तो कई तरह से अस्वस्थता और बीमारी की शक्ति बन जाती है। ये स्वस्थ जीवनशैली के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। अगर इनका पालन नहीं किया जाता है, तो यह हमेशा अस्वस्थता और बीमारी का कारण बनता है।
स्वाध्याय : सीखना व्यक्ति के विकास की सतत प्रक्रिया होनी चाहिए। आत्म-विकास के लिए निरंतर प्रयास होने चाहिए। इसलिए, ज्ञान अर्जित करना व्यक्ति के जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है। सभी महान व्यक्तियों में एक बात समान थी कि वे पुस्तकों के बहुत बड़े पाठक थे, जैसे स्वामी विवेकानंद, ओशो, महात्मा गांधी, डॉ. भीम राव अंबेडकर, ये सभी महान पाठक थे। सेवानिवृत्ति के बाद लोगों में यह प्रवृत्ति होती है कि वे सोचते हैं कि उन्हें सब कुछ पता है और कुछ नया सीखने की कोई आवश्यकता नहीं है। पढ़ने की आदत में एक बाधा मोबाइल यानी व्हाट्सएप थी, लेकिन इसमें यूट्यूब आदि के माध्यम से बहुत ज्ञान भी उपलब्ध है। आत्म-विकास में मदद करने के लिए बहुत अच्छी पुस्तकें, साहित्य, शास्त्र उपलब्ध हैं। “भगवद्गीता” एक बहुत ही खुशहाल और आनंदमय जीवन जीने की महान पुस्तक है। चूंकि इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, इसलिए लोग पढ़ना शुरू करने के बारे में भी नहीं सोचते हैं, लेकिन, अगर कोई प्रतिदिन केवल 10 श्लोकों को टीका के साथ पढ़ने का फैसला करता है, तो अगले 70 दिनों में पूरी पुस्तक पूरी हो जाएगी। इसीलिए कहा जाता है कि ‘जहाँ इच्छा है, वहाँ रास्ता है’।
सत्संग : व्यक्ति को अपनी संगति के बारे में सावधान रहना चाहिए। कहा जाता है कि व्यक्ति अपनी संगति से जाना जाता है। संगति व्यक्ति के जीवन में गतिविधियों और दृष्टिकोण को प्रभावित करने में बहुत प्रभाव डालती है। भगवत गीता के अनुसार, 3 प्रकार के व्यक्ति (पुरुष) होते हैं यानि सात्विक, राजसिक और तामसिक। पहले 2 प्रकार के लोग यानि सात्विक और राजसिक संगति के लिए अच्छे हैं, लेकिन तामसिक व्यक्तियों की संगति से बचना चाहिए। ऐसे लोग आलसी, सुस्त और अपने दृष्टिकोण और धारणा में नकारात्मक होते हैं। वे दूसरों में कोई अच्छाई नहीं देख सकते और वे आत्म-केंद्रित और स्वार्थी होते हैं। वे संक्रामक व्यक्ति होते हैं और अगर कोई उनके संपर्क में रहता है, तो वे अपनी नकारात्मक प्रवृत्तियों से संक्रमित हो जाएंगे।
हिन्दी कवि रहीम ने संगति के प्रभाव का बहुत अच्छा उदाहरण दिया है। वे कहते हैं कि जब वर्षा के पानी की एक बूँद कीचड़ भरे गंदे पानी में गिरती है, तो वह स्वयं गंदी हो जाती है। यदि पानी की बूँद किसी फूल पर गिरती है, तो वह फूल पूजा और भगवान को चढ़ाने के काम आता है। यदि पानी की वही बूँद किसी साँप के मुँह में गिरती है, तो वह जहर बन जाती है और यदि वही बूँद केले के पौधे पर गिरती है, तो वह कपूर बन जाती है और यदि वर्षा के पानी की कुछ बूँद सीप पर गिरती है, तो वह मोती बन जाती है। इस प्रकार वर्षा के पानी की बूँद एक ही होती है, लेकिन उसकी संगति अलग-अलग आकार ले लेती है और इसलिए अपने मित्रों और मित्र-मंडली को चुनने में हमेशा सावधानी बरतें।
कदली, सीप, भुजंग, मुख, स्वाति एक गुन तीन ।। जैसी संगति बैठिये, तैसोई फल दीन।।

सेवा- फलदायी जुड़ाव :
सेवानिवृत्ति के बाद के कुछ समय का उपयोग ‘समाज को वापस देने’ के लिए किया जाना चाहिए। हमारे जीवन के कई वर्ष अपने और अपने परिवार की सेवा में व्यतीत हुए, जिसे “स्वान्त सुखाय” कहते हैं। अब समय आ गया है दूसरों के लिए कुछ करने का, अर्थात “प्रान्त सुखाय”। बहुत से लोग सेवानिवृत्ति के बाद अपने समय को उपयोगी ढंग से व्यतीत करना नहीं जानते और समय के साथ वे आलसी और सुस्त हो जाते हैं। यदि किसी को शारीरिक और मानसिक रूप से ऊर्जावान रहना है, तो उसे कुछ उपयोगी गतिविधियों में संलग्न होना होगा। जो लोग अभी भी बहुत दुखी और दयनीय जीवन जी रहे हैं, उनके लिए कुछ अच्छा करने में कोई कमी नहीं है। समाज सेवा करने से देने वाले को बहुत खुशी मिलती है। कहा जाता है कि ‘यदि आप खुश रहना चाहते हैं, तो किसी को खुश करें’।
प्रसिद्ध उर्दू शायर निदा फासली ने कहा है,घर से मज्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें। किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाएँ।” अगर आप किसी के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं तो यह किसी पूजा से कम नहीं है। शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, बाल देखभाल, महिला विकास, ग्रामीण विकास, पिछड़े वर्गों के सामाजिक और आर्थिक विकास, गरीबी उन्मूलन, खेती में सुधार, पशु देखभाल और सैकड़ों अन्य गतिविधियों के क्षेत्र में उत्थान और कल्याण के लिए कई सामाजिक और आध्यात्मिक संगठन लगे हुए हैं। कोई भी अपनी पसंद की कुछ गतिविधियों का चयन कर सकता है, ताकि समाज को रहने लायक बनाने में अपना योगदान देने के लिए खुद को अधिक सक्रिय रूप से शामिल कर सके। कोई भी आध्यात्मिक या सामाजिक संगठन जुड़ सकता है जो सेवा, सत्संग और साधना करने के अवसर प्रदान करता हो। ऐसे कई संगठन हैं जैसे ‘रामकृष्ण मिशन’, ‘भारत सेवा संघ’, ‘अरविंद आश्रम’, ‘राधा स्वामी’, ‘ईशा फाउंडेशन’, ‘ब्रह्मा कुमारी’ ‘गुरुद्वारा’ आदि। सेवा संघ’, ‘अरबिंदो आश्रम’, ‘राधा स्वामी’, ‘ईशा फाउंडेशन’, ‘ब्रह्मा कुमारी’ ‘गुरुद्वारा’ आदि, सेवा के दौरान, व्यक्ति ने सफलता की कई कहानियाँ गढ़ी हैं। सेवा के दौरान किए गए योगदान को गिनाया जा सकता है। इसी तरह, सेवानिवृत्ति के 10 साल, 15 साल और 20 साल बाद भी कुछ कहानियाँ होनी चाहिए जिन्हें वह साझा कर सके। यदि कोई व्यक्ति किसी उद्देश्य के साथ प्रतिबद्धता और मिशन के साथ कुछ कार्य करता है, तो वह सफल हो सकता है।
दिन के अंत में ऐसी कहानियां तो मिलेंगी ही, अन्यथा कोई केवल यही कहता रह जाएगा कि उसने नौकरी में रहते हुए क्या-क्या किया।
मैं लगभग 21 वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुआ था, मैंने तय किया था कि मुझे समाज के प्रति अपना ऋण चुकाना चाहिए और मैंने इस मिशन की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। मैंने पाया कि बहुत से लोग अंधे हो जाते हैं और सबसे अधिक अंधे लोग भारत में रहते हैं। इस अंधेपन का मुख्य कारण ‘मोतियाबिंद’ है और गाँवों में रहने वाले अधिकांश लोग इस बीमारी के शिकार हैं, मैंने अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद ‘अनुग्रह दृष्टिदान’ नामक एक संस्था बनाई और इसके बैनर तले हमने निम्नलिखित योगदान दिया है l
कुल आयोजित नेत्र शिविर: 1,541
जांचे गए मरीजों की संख्या: 4,74,235
लाभार्थियों की संख्या (चश्मा और दवाइयां) : 4,80,841
ऑपरेशन किये गये मोतियाबिंद रोगियों की संख्या: 81,119
कवर किए गए जिलों की संख्या : 195
इसके साथ ही 50 बिस्तरों वाला चैरिटेबल नेत्र चिकित्सालय निर्माणाधीन है, जहां मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों से पीड़ित लगभग 4000 रोगियों का इलाज किया जाएगा। एक अन्य NGO, बाल आरोग्य के तहत हमने 7 राज्यों में एक लाख से ज़्यादा स्कूली बच्चों की जाँच की है और उन्हें चश्मे और दवाइयाँ दी हैं। हमने गरीब परिवारों की 500 ड्रॉप आउट लड़कियों को कटिंग, टेलरिंग और ब्यूटी कल्चर का प्रशिक्षण दिया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीनें दी हैं। ‘मैनेजमेंट एंड लीडरशिप डेवलपमेंट सेंटर’ नामक एक अन्य संगठन के तहत हमने हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने सहित लगभग 400 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। हमारा ‘सेवानिवृत्ति के लिए नियोजन’ बहुत प्रसिद्ध कार्यक्रम है ।

( लेखक ओएनजीसी से निदेशक(कार्मिक) के पद से सेवानिवृत हुये हैं और समाज सेवा के लिये कृत संकल्पित हैं l )

स्यालसौड़ में बोली क्षेत्र की जनता केदारनाथ विधानसभा के विकास के लिये कुलदीप रावत को समर्थन

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रुद्रप्रयाग-केदारनाथ विधान सभा उप चुनाव के लिये दावेदारों ने कमर कस ली, जाने माने समाज सेवी कुलदीप रावत के समर्थन में जुट रही भीड की जनपद में खूब चर्चा हो रही है। आज चन्द्रापुरी के स्याल सौड़ में उनके समर्थन में आयोजित जनसमर्थन कार्यक्रम में उमडी भीड का उत्साह देखते ही बन रहा था। भीड़ के उत्साह से खुश कुलदीप रावत ने जनता को सम्बोधित करते हुये कहा कि उन्होने छैत्र के विकास व गरीब असहाय व जरूरत मंद लोगों की सेवा को अपना मिसन बनाया है। उन्होने कहा कि यह मंच राजनीति का नहीं बल्कि छैत्र व समाज के विकास के चितंन मनन का मंच है। अपने काम धाम छोडकर जिस तरह से आपका समर्थन मिला है उसी तरह मैं सदैव आपकी सेवा में तत्पर रहूगाँ ।May be an image of 8 people and temple
चन्द्रापुरी भटवाडी सुनार के ग्राम प्रधान देवी लाल की अध्यक्षता में आयोजित जन समर्थन कार्यक्रम में आस पास छैत्र से भारी सख्या महिलाओं , युवाओ, व छैत्रीय जनता व जन प्रतिनिधियों ने शिरकत की। इस दौरान कई
छात्र नेताओं ने मंच पर उपस्थित होकर कुलदीप रावत को समर्थन देने की घोषणा की। मंच को संबोधित करते हुये जन समर्थन कार्यक्रम में पहुँची जनता व जन प्रतिनिधियों ने एक स्वर में केदारनाथ के विकास के लिये कुलदीप रावत को समर्थन देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में ग्रामीण छैत्रों से आई महिलाओं का कहना था कि नेता चुनाव में बडे बडे वादे करते है ओर चुनाव जीतने के बाद मुहँ फेर लेते है। लेकिन कुलदीप रावत दो बार हारने के बाद भी हमेशा लोगों के सुखः दुखः मे शामिल रहे। छैत्र में असहाय, गरीब, बीमार लोगों की मदद में उन्होने हमेशा हाथ बढाया। इस बार वे किसी के झासे मे नहीं आने वाले है व छैत्र के विकास के लिये कुलदीप रावत का साथ देकर उप चुनाव में भारी बहुमत से जितायेगें।
जन समर्थन कार्यक्रम को गढ़वाल विश्व विद्यालय के महा सचिव सम्राट राणा, देव कांत देवराडी, प्रदीप रावत, विराट भट्ट, आर्यन छात्र संगठन के छात्र नेता, प्रधान कणसिल प्रधान बावई, हरेन्द्र राणा, पूर्व प्रधानाचार्य भगत सिंह बर्तवाल, लक्ष्मण बर्तवाल, अनिल कोटियाल, सहित छैत्र के प्रधान व जन प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।May be an image of one or more people and crowd

मूल निवास और भू- कानून के लिए ऋषिकेश में उमड़ा जन सैलाब

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मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेशभर से हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

महारैली में लिया निर्णय : बहुत जल्द होगी बड़े कार्यक्रम की घोषणा

ऋषिकेश। मूल निवास 1950, और सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर ऋषिकेश में विशाल महारैली का आयोजन किया गया। इस महारैली में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों लोग शामिल हुए।

‘मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति’ के आह्वान पर हुई इस महारैली में प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, पूर्व सैनिकों, पूर्व कर्मचारियों ने शिरकत की। कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने नटराज चौक पर उत्तराखंड राज्य निर्माण के नायक रहे श्री इंद्रमणि बडोनी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बडोनी जी को नमन करने के बाद संघर्ष समिति के बैनर तले जनसभा का आयोजन किया गया। जनसभा के बाद आंदोलनकारियों ने आइडीपीएल ऋषिकेश से त्रिवेणी घाट तक विशाल जुलूस निकाला।

इस मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि, 40 से ज्यादा आंदोलनकारियों की शहादत से हासिल हुआ हमारा उत्तराखंड राज्य आज 24 साल बाद भी अपनी पहचान के संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के मूल निवासियों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पाया है और अब तो हालात इतने खतरनाक हो चुके हैं कि मूल निवासी अपने ही प्रदेश में दोयम दर्जे के नागरिक बनते जा रहे हैं। आज न मूल निवासियों को नौकरी मिल रही और न ठेकेदारी। हर तरह के संसाधन मूल निवासियों के हाथों खिसकते जा रहे हैं।

डिमरी ने कहा कि मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 लागू करने के साथ ही प्रदेश में मजबूत भू-कानून लागू किया जाना बेहद जरूरी है। मूल निवास का मुद्दा उत्तराखंड की पहचान के साथ ही यहां के लोगों के भविष्य से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि मूल निवास की लड़ाई जीते बिना उत्तराखंड का भविष्य असुरक्षित है। मजबूत भू-कानून न होने से ऋषिकेश ही नहीं पूरे उत्तराखंड में जमीनों की खुली बंदरबांट चल रही है। इससे राज्य की डेमोग्राफी बदल गई है। हमारे लोगों को जमीन का मालिक होना था और वे लोग रिसोर्ट/होटलों में नौकर/चौकीदार बनने के लिए विवश हैं। हम अपने लोगों को नौकर नहीं मालिक बनते हुए देखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि आज ऋषिकेश अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है। सरेआम मूल निवासियों को मारा-पीटा जा रहा है। ड्रग्स और नशे के कारोबार कारण हमारे बच्चों का भविष्य ख़त्म हो रहा है।

‘मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति’ के सह संयोजक लुसुन टोडरिया और सचिव प्रांजल नौडियाल ने कहा कि उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए मूल निवास 1950 और मजबूत भू-कानून लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के युवाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

समिति से जुड़े हिमांशु बिजल्वाण, कोर मेंबर सुरेंद्र नेगी, और हिमांशु रावत ने कहा कि जिस तरह प्रदेश के मूल निवासियों के हक हकूकों को खत्म किया जा रहा है, उससे एक दिन प्रदेश के मूल निवासियों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो जाएगा।

समिति के गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी और कुमांऊ संयोजक राकेश बिष्ट ने कहा कि अगर सरकार जनभावना के अनुरूप मूल निवास और मजबूत भू-कानून लागू नहीं करेगी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता एलपी रतूड़ी, विकास सेमवाल, हर्ष व्यास, सुदेश भट्ट, हिमांशु पंवार, अनिल डोभाल, गोकुल रमोला, कुसुम जोशी, पंकज उनियाल, प्रमोद काला, उषा डोभाल, सुरेंद्र रावत, आशीष नौटियाल, नमन चंदोला, शूरवीर चौहान, नीलम बिजल्वाण, केपी जोशी ने कहा कि इस आंदोलन को प्रदेशभर से लोगों का मजबूत समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 24 दिसंबर को देहरादून में हुई महारैली के बाद हल्द्वानी, टिहरी, श्रीनगर और कोटद्वार, गैरसैंण के बाद अब ऋषिकेश में जिस तरह से जनसैलाब उमड़ा है, उससे स्पष्ट है कि राज्य के लोग अपने अधिकारों, सांस्कृतिक पहचान और अस्तित्व को बचाने के लिए निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हैं।

कार्यक्रम का संचालन प्रांजल नौडियाल और संजय सिलस्वाल ने किया।

आगे की रणनीति….

स्वाभिमान यात्रा निकालेगी संघर्ष समिति
ऋषिकेश में हुई रैली के बाद मूल निवास आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए जल्द ही अगले कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि प्रदेश में मूल निवास की सीमा 1950 और मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को घर-घर में ले जाया जाएगा।अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ठोस कार्यक्रम बनाकर पूरे प्रदेश में स्वाभिमान यात्रा शुरू शुरू की जाएगी। डिमरी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से समिति विभिन्न कार्यक्रम करेगी, जिसके तहत गांव-गांव जाने से लेकर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में जाकर युवाओं से संवाद किया जाएगा। इस बाबत जल्द ही कार्यक्रम का ऐलान किया जाएगा।

हमारी प्रमुख मांगे

1- प्रदेश में मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 घोषित की जाए। इसके आधार पर मूल निवासियों को सरकारी और प्राइवेट नौकरियों, ठेकेदारी, सरकारी योजनाओं सहित तमाम संसाधनों में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाय।

2- प्रदेश में मजबूत भू-कानून लागू हो, जिसके तहत शहरी क्षेत्रों में 200 वर्ग मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू किया जाए तथा इसकी खरीद के लिए 30 वर्ष पहले से उत्तराखंड में रहने की शर्त लागू हो।

3- प्रदेश के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि खरीदने-बेचने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे।

4- राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार द्वारा विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को बेची गई और दान व लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।

5- प्रदेश में किसी भी तरह के उद्योग के लिए जमीन को 10 साल की लीज पर दिया जाय। इसमें भी पचास प्रतिशत हिस्सेदारी स्थानीय लोगों की तय की जय और ऐसे सभी उद्यमों में 90 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। जिस उद्योग के लिए जमीन दी गई है, उसका समय-समय पर मूल्यांकन किया जाय। इसी आधार पर लीज आगे बढ़ाई जाय।