Monday, June 16, 2025
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पीएम की स्वच्छ और स्वस्थ भारत की परिकल्पना हो रही साकार : सीएम धामी

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-देवभूमि उत्तराखंड को स्वच्छ रखने में सरकार के सहयोगी बने- सीएम

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के पूर्व दिवस पर रेसकोर्स में स्वच्छता कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देहरादून नगर निगम के अंतर्गत स्ट्रीट लाइट की शिकायत के लिए बनाए गए क्यूआर स्कैनर का शुभारंभ भी किया। यह स्कैनर देहरादून नगर निगम के अंतर्गत लगी स्ट्रीट लाइट के खंभों पर लगाया जाएगा। स्ट्रीट लाइट खराब होने पर कोई भी व्यक्ति इसे स्कैन कर शिकायत दर्ज कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्मोड़ा के मरचूला में बस हादसे में दिवंगत लोगों की स्मृति में आज प्रदेशभर में स्वच्छता और सेवा के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बस हादसे में मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 साल पहले चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान के परिणामस्वरूप पूरे देश में स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी। प्रधानमंत्री की स्वच्छ और स्वस्थ भारत की परिकल्पना साकार हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से आह्वान किया है कि स्वच्छता को अपनी नियमित दिनचर्या बनाकर देवभूमि उत्तराखंड को स्वच्छ रखने में सरकार के सहयोगी बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इन 24 सालों में हमारी देवतुल्य जनता के सहयोग से हर क्षेत्र में राज्य तेजी से आगे बढ़ा है। इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने के लिए जन सहभागिता से राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अनेक क्षेत्रों में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान मिला है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य को अचीवर्स और स्टार्टअप में लीडर की श्रेणी प्राप्त हुई है।

जीएसडीपी में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रणी राज्य बना है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत कमी लाई गई है।

घंटाघर में योग शिक्षकों और साधकों ने किया सामूहिक योगाभ्यास

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर शुक्रवार को दून योग पीठ द्वारा देवभूमि उत्तराखंड को वैलनेस का बड़ा हब बनाने के शुभ संकल्प के साथ आचार्य बिपिन जोशी के पावन सानिध्य में दून की हृदय स्थली घंटाघर में योग शिक्षकों और योग साधकों ने सामूहिक योगाभ्यास किया, आचार्य डा. बिपिन जोशी ने सभी योग साधकों को उत्तराखंड की आन बान और शान की प्रतीक उत्तराखंडी टोपी पहनाई, घंटाघर में सफ़ाई अभियान चलाया गया और पर्यावरण मित्र कृष्णा देवी को उत्तराखंड की टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया l आचार्य डा. बिपिन जोशी ने कहा देवभूमि उत्तराखंड को प्रकृति ने हिमालय, गंगा, यमुना जैसी दर्जनों पवित्र नदियां, चार धाम और जागेश्वर, बागेश्वर, आदि कैलाश जैसे हजारों आध्यत्मिक महत्व के स्थान, स्वास्थ्य अनुकूल वातावरण, पौष्टिक भोजन, जैविक खाद्य पदार्थ, फल, सब्जियां, जड़ी बूटी आदि पर्याप्त मात्रा में मुक्त हस्त से प्रदान की हैं, यदि राज्य के गांवों को योग आयुर्वेद ग्रामों के रूप में विकसित किया जाए तो उत्तराखंड को केरल की तर्ज पर वैलनेस का एक बड़ा हब बनाया जा सकता है, संपूर्ण विश्व को जीवन और राज्य को रोजगार मिल सकता है बस सही नियत और युद्ध स्तर पर प्रयासों की जरूरत के साथ साथ जनसहभागिता भी जरुरी है l
इस अवसर पर योगाचार्य अम्बिका उनियाल, योग शिक्षक विनय प्रकाश, सुनील देशवाल, अदिति उनियाल, सोनाली सैनी,ध्रुव पोखरियाल, हर्ष अग्रवाल, नव्या उनियाल, विकास गुणवंत, उदय शंकर आदि उपस्थित रहे साथ ही श्री टपकेश्वर महादेव, माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर, श्री धोलेश्वर महादेव मंदिर ग्राम धोलास मेंराज्य की सुख शांति और समृद्धि की मंगल भावना के साथ विशेष पूजा अर्चना की गई।

 

मूल निवास और भू-कानून के लिए एक हुआ हरिद्वार, 10 नवंबर को होगी स्वाभिमान महारैली

“संत समाज, व्यापारिक संगठन, किसान संगठनों का आंदोलन को मिला समर्थन”

हरिद्वार, मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवास 1950 और मजबूत भू-कानून के लिए समूचा उत्तराखंड एक है। जल, जंगल, जमीन और गुड़, गन्ना और गंगा की संस्कृति को बचाने के लिए मूल निवासी एक हो गया है। यह इस आंदोलन की बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को संत समाज, व्यापारिक संगठन, किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ है।
स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि आज भू-माफिया उत्तराखंड की जमीनों को खत्म कर रहा है। हमारे किसानों के सामने भूमिहीन का खतरा पैदा हो गया है। बाहरी लोग फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाकर नौकरियों पर डाका डाल रहे हैं। हमारे सभी तरह के संसाधनों को लूटा जा रहा है। आज कुछ लोग वोटबैंक के लिए पहाड़-मैदान को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उनके नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं होंगे।
मोहित डिमरी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तावित कॉरिडोर से हरिद्वार का व्यापारी सबसे अधिक प्रभावित होगा। व्यापारियों को विश्वास में लिए किसी भी तरह के प्रोजेक्ट पर काम न किया जाय। वह हरिद्वार के विकास और सौंदर्यीकरण के पक्ष में हैं, लेकिन इससे स्थानीय जनता और व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट नहीं होना चाहिए।
निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज राज्य निर्माण के 24 वर्षों बाद भी उत्तराखंड की अवधारणा साकार नहीं हो पाई। हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान खत्म हो रही है। गंगा की संस्कृति भी खतरे में है। इसे संरक्षित करने का जिम्मा हम सभी का है।
सैनी सभा हरिद्वार के अध्यक्ष सम्राट सैनी ने कहा कि हम सभी मूल निवासी अपने अधिकारों और अपने उत्तराखंड को बचाने के लिए एकसाथ लड़ेंगे। सरकार को मूल निवास 1950 और मजबूत भू-कानून हर हाल में लागू करना होगा।
जिला/शहर व्यापार मंडल हरिद्वार राजीव पाराशर, जिला महामंत्री संजीव नैय्यर ने कहा कि जमीन के कानून कड़े होने चाहिए और हर तरह के लाभ में पहला अधिकार मूल निवासियों को मिलना चाहिए। आज बाहर से आने वाले लोगों ने बेतहाशा जमीनें खरीद ली हैं। इसका खामियाजा हम सभी लोग भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर से व्यापारियों को सबसे अधिक नुकसान है। सरकार हरिद्वार का विकास करे, लेकिन व्यापारियों को न उजाड़े।
रोड धर्मशाला के अध्यक्ष सेवाराम जी और सिडकुल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर जोशी ने कहा कि आज पहाड़ से लगातार हो रहे पलायन के लिए सरकार जिम्मेदार है। पहाड़ों में उद्योग स्थापित होते तो रोजगार के लिए लोगों को पलायन न करना पड़ता।
भारतीय किसान यूनियन के पद्म सिंह रोड, किसान मजदूर संगठन सोसायटी के मेहक सिंह एडवोकेट ने कहा कि खेती-किसानी बचाने का यह आंदोलन जरूर सफल होगा। हम सभी इस संघर्ष में साथ खड़े हैं।
संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा की राज्य बनने से लेकर अब तक जिस तरह से राज्य के मूल निवासी को ठगा जा रहा था उसे अब जनता समझ चुकी है। उत्तराखण्ड के मूल निवासी अब अपने अधिकारों को लेकर एकजुट हो गए है और हरिद्वार में होने वाली महारैली ऐतिहासिक होगी ।
सचिव प्रांजल नौडियाल ने कहा कि इस राज्य के संसाधनों में पहला अधिकार राज्य के मूल निवासियों का है और किसी भी हालत में इन अधिकारों में कुठाराघात बर्दाश्त नही किया जाएगा ।
पत्रकार वार्ता में पंडित कपिल शर्मा जौनसारी, मनीष थपलियाल, जिला/शहर व्यापार मंडल हरिद्वार के प्रदेश सचिव मनोज सिंघल, मुकेश भार्गव, नरेंद्र ग्रोवर, राजेश पुरी, शहर उपाध्यक्ष मनोज चौहान, अनुज गोयल, अरुण राघव, सुनील तलवार आदि मौजूद थे।

 

दुनिया को अलग नजरिये से देखती है ”नदी की आँखें”

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सायं उत्तराखंड के लेखक और सुपरिचित पर्वतारोही सुभाष तराण की पुस्तक, ‘नदी की आँखें’ के दूसरे संस्करण का लोकार्पण किया गया. लोकार्पण से पूर्व राहुल पाटिल की लघु वृत्त चित्र ‘शिनकुन वेस्ट – ऐन आर्टिफिशियली फेल्ड एक्सपीडिशन का प्रदर्शन भी किया गया।
फ़िल्म के प्रदर्शन व पुस्तक लोकार्पण के पश्चात पुस्तक पर एक बातचीत भी की गई. इसमें सामाजिक व पर्यावरण विचारक बिजू नेगी ने पर्वतारोहण से संबंधित तथा पुस्तक में संकलित कहानियों और लेखक के जीवन के विविध पक्षों पर गहन बातचीत की ।
पुस्तक में संकलित कहानियों के बारे में कहा गया कि यह जहां पाठकों को एक ओर पहाड़ के रोमांच से रूबरू कराती है वहीं हाशिये पर पड़े लोगों का वास्तविक पक्ष सहज रूप से निर्भीकता व ईमानदारी के साथ सामने रखती है। बहुत छोटी- छोटी घटनाओं पर आधारित सरल बोली -भाषा के साथ एक दूसरे से नितांत भिन्न आस्वाद की इन कहानियों में कहीं यह सामूहिकता का उत्सव मनाती दिखती है तो कहीं अपने अकेलेपन से जूझती हुई दिखाई देती है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और अंत में धन्यवाद दिया l
इस अवसर पर शिव प्रसाद जोशी, राजीव गुप्ता, डॉ. लालता प्रसाद ,सुंदर सिंह बिष्ट,सुरेन्द्र सिंह सजवान, शीशपाल सिंह गुसाईं, सुवर्ण रावत, हरिओम पाली, कांता घिल्डियाल, उमा भट्ट, विजय शंकर शुक्ला,और अनेक लेखक, साहित्यकार, घुमक्कड़, पाठकगण सहित युवा पाठक उपस्थित थे.

जीवन को सार्थक दिशा प्रदान करती है श्रीमद् भागवत : हरिचेतनानन्द

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दुर्लभ संत टाट वाले बाबाजी की पावन स्मृति में 8 नवम्बर से 15 नवम्बर तक कथा व्यास पं. रामाजी पाण्डेय पौराणिक के श्रीमुख से होगा गीता भवन के प्रांगण में श्रीमद् भावगत महापुराण कथा का प्रवाह
नगर विधायक मदन कौशिक ने किया कथा के प्रारम्भ के अवसर पर बिरला घाट से कलश शोभायात्रा का शुभारम्भ

हरिद्वार,(कुलभूषण)।, । श्रीमद् भागवत कथा हमारे जीवन को सार्थक दिशा प्रदान करती है, श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को रोग-शोक से मुक्ति मिलती है। साथ ही युवा पीढ़ी को संस्कृति व संस्कारों का ज्ञान होता है। यह विचार म.मं. स्वामी हरिचेतनानन्द जी महाराज ने दुर्लभ संत टाट वाले बाबाजी की पावन स्मृति में 8 नवम्बर से 15 नवम्बर तक कथा व्यास पं. रामाजी पाण्डेय पौराणिक के श्रीमुख से गीता भवन के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भावगत महापुराण कथा के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कलश यात्रा के अवसर पर व्यक्त किये।
नगर विधायक मदन कौशिक ने बिरला घाट पर कलश यात्रा का शुभारम्भ करते हुए कहा कि हरिद्वार व शुक्रताल में श्रीमद् भागवत कथा का विशेष महत्त्व है। हरिद्वार में मां गंगाजी के पावन तट, संतों की पावन उपस्थिति में सुप्रसिद्ध कथा व्यास पं. रामजी पाण्डेय पौराणिक जी के श्रीमुख से प्रवाहित होने वाली अमृतमयी वाणी की रसधारा से सभी अगले एक सप्ताह तक सराबोर होंगे। उन्हांेने कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि हम तीर्थनगरी में हरिद्वार मंे निवास करते हैं जहां प्रतिदिन सैकड़ों कथाओं का आयोजन होता है।
एस.एम.जे.एन. पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी को संस्कारित करने का सबसे सटीक माध्यम श्रीमद् भागवत कथा है, जिसका श्रवण हमें अपने अधिकारों व कर्तव्यांे का बोध कराने के साथ-साथ जीवन जीने की कला भी सिखाता है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए समाजसेवी अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि दुर्लभ संत टाट वाले बाबा के अनन्य शिष्य पं. रामजी पाण्डेय पौराणिक जी विगत 5 दशकों से श्रीमद् भागवत व रामकथा के माध्यम से सनातन संस्कृति व संस्कारों के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। वह हिन्दू संस्कृति के सच्चे संवाहक है।
कथा व्यास पं. रामजी पाण्डेय पौराणिक जी ने कहा कि शनिवार 09 नवम्बर 2024 से 15 नवम्बर 2024 तक प्रतिदिन गीता भवन मायादेवी ग्राउण्ड के प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा। इस अवसर पर सैकड़ों महिलाओं व भक्तों ने कलश शोभायात्रा में भाग लिया। मुख्य रूप से डॉ. सुनील बत्रा, अनिरूद्ध भाटी, विजय शर्मा, नीलम मदान, राजीव मदान, पूनम केशवानी, योगेश अरोड़ा, कपिल अरोड़ा, प्रदीप शर्मा, फूल सिंह, गोपी सैनी, मांगेराम, भोपाल सिंह, रेखा पाल, महेश गौड़, महेन्द्र पाण्डेय, अशोक पालीवाल, ऋषि शर्मा, हितेश शर्मा, रामबाबू तिवारी, कुलदीप गंगवानी, राहुल शर्मा, विनित जौली, रितेश अग्रवाल, श्रीमती सरोज, धीरज कुमार, रमेश उपाध्याय, शत्रुघ्न झा, उमेश शर्मा, ममता चावला, गोपाल गर्ग, सपना भाटी, श्रीमती अंजु, श्रीमती ममता शर्मा, एकता सूरी, कमल अरोड़ा, गोपाल कृष्ण बड़ोला समेत सैकड़ों भक्तजन उपस्थित रहे।

 

30 लाख नए तकनीकी शब्दों का हो चुका निर्माण- प्रो. झाMay be an image of 15 people, people studying, dais and text

धनौरी(कुलभूषण)। वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश नाथ झा ने कहा कि आयोग की ओर से 30 लाख से अधिक तकनीकी शब्दों का निर्माण किया जा चुका है। इन शब्दों का एआई के माध्यम से अंकीकरन का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
प्रोफेसर झा शुक्रवार को हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज धनौरी में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। मीडिया माध्यमों में नई तकनीकी शब्दावली का निर्माण विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग निरंतर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दों के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने आयोग के उद्देश्यों के बारे में बताया। आयोग की विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। वरिष्ठ पत्रकार कुमार अतुल ने कहा कि मीडिया माध्यमों के लिए नई तकनीकी शब्दावली का निर्माण मौजूदा समय की जरूरत है। पत्रकारों को वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली से रूबरू कराने के लिए आयोग की ओर से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। चमन लाल महाविद्यालय लंढौरा के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि मीडिया माध्यमों ने शब्दों को मूल भाषा के अनुसार स्वीकार किया है। मीडिया ने सभी भाषाओं को मिलकर अपनी अलग भाषा बनाई है। यह आम बोलचाल की भाषा है।
तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अजीत सिंह तोमर ने कहा कि आधुनिक मीडिया में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली के बिना कार्य करना संभव ही नहीं है। आज के दौर में सोशल मीडिया पर ब्लॉगिंग, पोस्ट शेयरिंग, लाइकिंग आदि का जमाना है। इस जमाने में हमें वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दों का ज्ञान होना जरूरी है। योगाचार्य डॉ. अंकित सैनी ने कहा कि अति दूरस्थ क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को तकनीकी शब्दावली से परिचित कराने के लिए आयोग के इस कार्य की जितनी सराहना की जाए कम है। आयोग ने वास्तव में अति पिछड़े क्षेत्र के प्रतिभागियों के बीच आकर अपने उद्देश्यों की पूर्ति की है। वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी तथा संगोष्ठी के प्रभारी अधिकारी डॉ आकाश मोहन रावत ने कहा कि अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश नाथ झा के निर्देशन में आयोग की ओर से नए कीर्तिमान स्थापित किया जा रहे हैं। आयोग देश भर में जाकर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली के लिए कार्य कर रहा है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ अंजू शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगेश योगी ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालय से आए 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर राजकीय डिग्री कॉलेज मरगूबपुर की प्राचार्य डॉ. रीता सचान, राजकीय महाविद्यालय पाबो पौड़ी के डॉ. धनेन्द्र कुमार, एसएमजेन कॉलेज हरिद्वार से डॉ रेनू सिंह, डॉ मोना शर्मा, डॉ लता शर्मा, मैथोडिस्ट गर्ल्स पीजी कॉलेज रुड़की से डॉ वंदना चौहान डॉ अनुपमा वर्मा उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय से डॉ परविंदर कुमार, डॉ अनुरिशा धनोरी डिग्री कॉलेज से डॉ गौरव मिश्रा, डॉ अर्पित सिंह, डॉ शौर्यआदित्य, डॉ मुकेश गुप्ता, डॉ. अनिल कुमार कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से आंचल, एसडी कन्या महाविद्यालय रुड़की से काजल त्यागी, डॉ अंजू, डॉ ऐश्वर्या सिंह डॉ. ज्योति जोशी, डॉ प्रिया सैनी आदि उपस्थित रहे।

 

भविष्य में निक्षय मित्र योजना बनेगी शोध का विषय: प्रो बत्राMay be an image of 9 people, hospital and text

हरिद्वार (कुलभूषण)।एस.एम.जे.एन. कालेज में आज मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट एवम् कालेज आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा ‘प्रधानमंत्री टी.वी. मुक्त भारत अभियान-3.0 के अंतर्गत क्षय रोगियों हेतु नि-क्षय पोष्टिक फूडकिट का वितरण किया गया।

इस अवसर पर कालेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज द्वारा निक्षय मित्र योजना में किए जा रहे योगदान को अतुलनीय बताते हुए प्रो सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि श्री महंत रविंद्रपुरी उन सभी क्षय रोगियों के लिए आशा तथा विश्वास बनकर आगे आए हैं। उनके द्वारा किया जा रहा यह सेवा कार्य माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के टीबी मुक्त भारत 2025 के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि आज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी, माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट एवं एसएमजेएन पी जी कालेज के द्वारा 180 से अधिक पोष्टिक किटों का वितरण किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में जानकारी देते हुए जिला टीबी अधिकारी डॉ अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि एस.एम.जे.एन. पी जी कालेज, हरिद्वार हमेशा से ही समाज सेवा के कार्यों में बढ़ चढ़कर अपना योगदान देता आया हैं और निक्षय मित्र योजना महाविद्यालय की उस गौरवशाली परम्परा को दर्शाता हैं। उन्होंने कहा कि आज टीबी जैसी बीमारी को उखाड़ फेंकने के लिए इसी प्रकार के प्रयासों की आवश्यकता हैं। जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ अनिल नेगी ने कहा कि जीवन को टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए सही समय पर जांच तथा पूरा इलाज आवश्यक हैं। इस अवसर पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर श्री सौरभ शर्मा तथा मो. सलीम ने बताया कि टीबी आरोग्य साथी ऐप के माध्यम से टीबी की बीमारी तथा उसके सही इलाज से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं ।
इस अवसर पर कालेज के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि निक्षय मित्र के पिछले दोनों चरणों का सुखद परिणाम क्षय रोगियों की संख्या में कमी के रूप में सामने आ रहा हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में निक्षय मित्र योजना एवं उसकी कार्यप्रणाली पर कई प्रकार के वैज्ञानिक शोध कार्य देखने को अवश्य मिलेंगे। प्रो बत्रा ने कहा कि निक्षय मित्रो द्वारा गोद लिए जाने पर टी बी रोगियों को संबल मिलता हैं जो उन्हें विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करने में सहायक होता हैं।
इस अवसर पर डी पी एस श्री अवनीश कुमार ने कहा कि नि-क्षय मित्र में टी बी रोगियों को पोषण सहायता, नैदानिक सहायता और व्यवसायिक सहायता प्रदान की जा सकती है। जिसके लिए उन्होंने सामाजिक संगठनों व आम लोगों को भी क्षय रोगियों की मदद के लिए आगे आने की अपील की।
कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ संजय माहेश्वरी ने अपील की कि हम सभी का दायित्व है सामूहिक सहयोग कर क्षय रोगियों को भावनात्मक सहयोग के साथ उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध करवायें ताकि वे शीघ्र पूरी तरह से स्वस्थ हो सकें।
इस अवसर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बलबीर पालियाल, दिनेश पंत, गोपी चंद तथा काॅलेज के निक्षय मित्र प्रो. जे.सी. आर्य, प्रो. विनय थपलियाल, डाॅ. विनीता चौहान, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. शिवकुमार चौहान, डाॅ. मनोज सोही, श्रीमती कविता छाबड़ा, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. रेनू सिंह, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, प्रिंस श्रोत्रिय, विनीत सक्सेना, डाॅ. पुनीता शर्मा आदि उपस्थित रहे।

अब तक 2296 बेसिक शिक्षकों को दी गई नियुक्तिः डॉ. धन सिंह रावत

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विभागीय मंत्री ने गढ़वाल मंडल के 128 बेसिक शिक्षकों को बांटे नियुक्ति पत्र

कहा, प्राथमिक शिक्षा सफल नागरिक तैयार करने का प्रथम सोपान

देहरादून, प्राथमिक शिक्षा विभाग के तहत चार जनपदों के 128 प्राथमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गये हैं। शिक्षकों की नियुक्ति से प्रदेश के पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में अक्षर ज्ञान के दिये जल उठेंगे। नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुये राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया था जिसे पूरा किया जा रहा है। नव नियुक्त शिक्षकों के आने से विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और बच्चों को घर के समीप ही गुणवत्तापरक शिक्षा आसानी से सुलभ होगी।

यह बात प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज एससीईआरटी सभागार में आयोजित बेसिक शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में कही। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे डा. रावत ने कहा कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षा व्यवस्था उच्चस्तरीय होनी जरूरी है ताकि नौनिहालों की शैक्षिक नींव मजबूत की जा सके। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा सफल नागरिक तैयार किये जाने का प्रथम सोपान है, अगर बुनियाद सही है तो निश्चत तौर पर भविष्य भी उज्ज्वल होगा। डा. रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा के ढ़ांचे को मजबूत करने के लिये कई ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं जिनमें प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति भी शामिल है। जिसके तहत प्राथिमिक शिक्षा विभाग द्वारा इस वर्ष बेसिक शिक्षकों के 2906 रिक्त पदों विज्ञप्ति जारी की। जिसमें पौड़ी जनपद में 298, चमोली 446, रूद्रप्रयाग 182, टिहरी 315, उत्तरकाशी 211, देहरादून 41, हरिद्वार 184, नैनीताल 190, अलमोड़ा 142, बागेश्वर 187, चम्पावत 75, पिथौरागढ़ 326 तथा ऊधमसिंह नगर में 309 पद शामिल हैं। इन विज्ञापित पदों के सापेक्ष सभी जनपदों में चार चरणों की कांउसिलिंग आयोजित की गई। जिसमें 2296 अभ्यर्थियों को चयनित किया जा चुका है। जिसमें आज गढ़वाल मंडल के चार जनपदों पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, चमोली एवं हरिद्वार के 128 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गये। जिसमें चमोली जनपद में 66, टिहरी 33, पौड़ी 8, तथा हरिद्वार में 19 शिक्षक शामिल हैं। इस दौरान डा. रावत ने सभी नव नियुक्त शिक्षकों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों से पूर्ण मनोयोग के साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने में योगदान देने की अपील भी की।

इस अवसर पर विधायक रायपुर उमेश शर्मा काऊ, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, प्रभारी निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती, प्रभारी निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रघुनाथ लाल आर्य, अपर निदेशक सीमैट अजय कुमार नौडियाल, आशारानी पैन्यूली, आनंद भारद्वाज, पदमेंन्द्र सकलानी सहित टिहरी, पौड़ी, चमोली तथा हरिद्वार जनपद के जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक व नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नव नियुक्त शिक्षक उपस्थित रहे।

प्रदेश में परिवार नियोजन पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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देहरादून, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत राज्य में संचालित परिवार नियोजन सेवाओं पर राज्य स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

भारत सरकार के द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिये गर्भधारण का स्वस्थ समय और अन्तर पर महत्ता देते हुए परिवार नियोजन सेवाओं में काउन्सिलिग की महत्वता और लम्बे अन्तराल एवं छोटे अन्तराल की विधियों की तकनीकी जानकारी दी गयी जो कि अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आई.यू.सी.डी.), प्रसवोत्तर अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (पी.पी.आई.यू.सी.डी.), अंतरा इंजेक्शन, ओरल पिल्स, छाया ई.सी. पिल्स आदि नामों से प्रचलित है।

राज्य में परिवार नियोजन के क्षेत्र में उत्कृष्टता और जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश में परिवार नियोजन के महत्व और प्रभावी योजनाओं की जानकारी प्रदान करना रहा। कार्यशाला में परिवार नियोजन से जुड़े नीतिगत विषयों, स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार और समुदाय में जागरूकता फैलाने के प्रभावी तरीकों पर जानकारी साझा की गई।

कार्यशाला में जनपद स्तर पर किये गये कार्यो के सापेक्ष उपलब्धि के आधार पर कार्य मूल्यांकन के उपरान्त जनपद पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, टिहरी एवं अन्य सभी जनपदीय सेवा प्रदाताओं को पुरूस्कृत भी किया गया।

कार्यशाला में भारत सरकार के डा अनुपमा प्रसाद, डिप्टी कमिश्नर, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं डा मिथुनदत्ता, कन्सल्टेन्ट सहित डा सुनीता टम्टा निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड, डा नरेन्द्र शर्मा निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम, चि.स्वा. एवं प.क., डा मनु जैन, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डा उमा रावत, सहायक निदेशक परिवार नियोजन एन.एच.एम. एवं राज्य में सुरक्षित गर्भपात की मास्टर प्रशिक्षक डा मेघना असवाल और समस्त जनपदों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

स्वस्थ शरीर के लिए खेल खेलना बेहद जरूरी – गणेश जोशी

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हरिद्वार। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आज शुक्रवार को रामलीला मैदान बी.एच.ई.एल. हरिद्वार में आयोजित 21वीं यूथ स्टेट अंडर-16 बास्केट बॉल बालक बालिका प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने खिलाड़ियों से उनका परिचय प्राप्त कर किया और उनका उत्साहवर्धन किया।।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज जिस प्रकार से युवाओं की दिशा बदल रही है, मान बिंदु बदल रहे है। इस प्रकार के आयोजन खेल को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में खेल प्रतिभाओं को निखारने तराशने तथा आगे बढ़ाने के लिए बेहद अनुकूल माहौल तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक से बढ़ कर एक खेल प्रतिभाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खेल प्रतिभाएं लगभग सभी खेलों में नेशनल तथा इंटरनेशल स्तर पर अपनी प्रतिभा की चमक विखेर रही है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आज भारत का युवा खेलों के क्षेत्र में भी विश्व में नई पहचान बना रहा है।
उन्होंने कहा प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिया सरकार हर संभव काम कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर के लिए खेल खेलना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन के माध्यम से बच्चो के अंदर एक अलग उर्जा का संचार होता है।ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन भी किया और विजेता और उप विजेता टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं भी दीं।
इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, आईएस सुशील कुमार, मनदीप ग्रेवाल, एसोसिएशन सचिव संजय चौहान, अध्यक्ष हरिद्वार ललित नय्यर, सह सचिव योगेश शर्मा, बलराम कपूर, आदित्य चौहान, देवेंद्र प्रधान सहित कई लोग उपस्थित रहे।

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी बधाई एवं शुभकामना

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देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के 24 वर्ष पूर्ण होने और रजत जयन्ती वर्ष के शुभारम्भ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों एवं देश के लिये सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उत्तराखण्ड की मजबूत नींव रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेई को भी राज्य की जनता की ओर से नमन किया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा कि प्रदेश की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा राज्य आंदोलन के मूल में उत्तराखण्ड के समग्र एवं संतुलित विकास की अवधारणा रही थी। इस भावना को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता, जन सहभागिता और नई कार्य संस्कृति के साथ विकास की नई गाथा लिखने की उल्लेखनीय पहल की गई है। प्रदेश की मातृशक्ति, युवा शक्ति और पूर्व सैनिकों की अहम भागीदारी से सशक्त उत्तराखण्ड के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हम अग्रसर हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप राज्य, तेजी से विकास पथ पर अग्रसर है।वर्ष 2023-24 के एस.डी.जी. इंडेक्स में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है।उन्होंने कहा कि गत वर्ष जी-20 की तीन बैठकों के आयोजन का अवसर मिलना एक उपलब्धि है, जो प्रधानमंत्री जी का देवभूमि उत्तराखण्ड के लोगों की क्षमता और प्रतिभा पर अटूट विश्वास का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में 38वें नेशनल गेम्स हमारे राज्य में होने जा रहे हैं। राष्ट्रीय खेल महाकुम्भ के लिये उत्तराखण्ड तैयार है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। जल्द ही हम इसे प्रदेश में लागू करने जा रहे हैं। ऊधमसिंहनगर के किच्छा में एम्स का सैटेलाईट सेंटर बनने से एक बड़ी आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हुआ है। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य गतिमान हैं। इसी प्रकार मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत प्रथम चरण में 16 पौराणिक मंदिर क्षेत्रो को विकसित किया जा रहा हैं। ऑल वेदर रोड़ से चार धाम यात्रा को सुगम किया गया है। दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद दिल्ली से देहरादून का सफर केवल दो से ढ़ाई घंटे में पूरा किया जा सकेगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द ही पहाड़ में रेल का सपना साकार होने जा रहा है। जौलीग्रान्ट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए कार्य गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोपवे कनेक्टिविटी का भी विस्तार किया जा रहा है। पर्वतमाला परियोजना के तहत राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को रोपवे से जोड़ा जा रहा है। गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया है। सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे का शुभारम्भ किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिये हमारी सरकार ने निवेश अनुकूल वातावरण बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिये पर्यटन, आयुष, वेलनेस, आईटी और सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है। सीमांत क्षेत्रों के लिये मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की गई है। वाईब्रेंट विलेज योजना से उत्तराखण्ड के सीमावर्ती गांवों का विकास हो रहा है। वोकल फॉर लोकल पर आधारित एक जनपद दो उत्पाद योजना से स्थानीय आजीविका के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई सौर ऊर्जा की नीति लाई गई है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में आवेदनों के डिस्पोजल में उत्तराखण्ड देश में सबसे आगे है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के प्रति भी लोगों की रूचि बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू कर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। पिछले 03 वर्षों में सरकारी सेवाओं में लगभग 18 हजार 500 भर्तियां की जा चुकी हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। टोल-फ्री नम्बर 1064 भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। अपणि सरकार पोर्टल, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार, ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था से सुशासन की परिकल्पना साकार हो रही है। जनता से जुड़ी योजनाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को बहुआयामी पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित करने पर काम किया जा रहा है। आध्यात्मिक, धार्मिक और सामान्य पर्यटन के साथ ही एडवेंचर टूरिज्म, इको टूरिज्म और रूरल टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी की वेड इन उत्तराखण्ड की अपील के बाद, उत्तराखण्ड की वैडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान बन रही है। हमारी सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड की पहचान फिल्म शूटिंग के डेस्टिनेशन के रूप में बनी है। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरूआत करने में उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही सहकारी समितियों में भी राज्य की महिलाओं के 33 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, लखपति दीदी योजना और मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना सहित अनेक योजनाएं महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बना रही हैं। हमारी सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन में वृद्धि के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों और पात्र आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का निर्णय लिया है। आंगनबाड़ी और आशा बहनों के मानदेय में बढ़ोत्तरी के साथ ही प्रदेश के लोक कलाकारों का मानदेय भी दोगुना किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये राज्य में जबरन धर्मांतरण के विरूद्ध कठोर कानून बनाया गया है। प्रदेश में अब दंगा करने वाले दंगाईयों से ही सारे नुकसान की भरपाई का कानून लागू किया गया है। राज्य की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिये निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है। प्रधानमंत्री जी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय वाक्य मानकर हम आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास में देवभूमि की देवतुल्य जनता का आशीर्वाद हमें प्राप्त होता रहे, इसके लिये हम निरन्तर प्रयासरत हैं। रजत जयंती वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो यह हमारा संकल्प है।

केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र का विकास मेरी प्राथमिकता – आशा नौटियाल

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रुद्रप्रयाग- भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने ल्वारा-नागजगई क्षेत्र के दर्जनों का गांवों में चुनाव प्रचार अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे।
शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी ने खेड़ा, तुलंगा, ल्वाणी, सल्या, ल्वारा, फलीपसालत, तिनसोली, देवली भणिग्राम, लंबगौंडी, नागजगई, फेगू एवं बरम्वाडी के गांवों का भ्रमण किया। उनके साथ चल रहे भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, ब्लाक प्रमुख श्वेता पांडे, भाजपा नेता कुलदीप रावत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी, कुलदीप नेगी के आजाद ने भी भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे। इस मौके पर भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि सरकार क्षेत्र के विकास के प्रति गंभीर है। क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हुई है। क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हो यही सरकार व उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार के विकास कार्यो को आधार बनाकर ग्रामीणों से भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व देश एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे है। कहा कि मुख्यमंत्री ने गुप्तकाशी-जखोली मोटरमार्ग व तिनसोली एवं फेगू-नागजगई मोटरमार्ग डामरीकरण की स्वीकृति प्रदान की गई है। जबकि राइंका नागजगई में कला वर्ग के पदों की स्वीकृति दी गई है। भाजपा नेता कुलदीप रावत ने कहा कि क्षेत्र के विकास करने में सिर्फ भाजपा ही सक्षम है। क्षेत्र के लिए कई विकास की घोषणाएं हो चुकी है। निकट भविष्य में इनका लाभ प्रत्यक्ष रुप से जनता को मिलेगा। उन्होंने सभी को एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में मतदान कर पार्टी प्रत्याशी को विजयी बनाने की अपील की। इस मौके पर महिला मोर्चा की प्रदेश मीडिया प्रभारी नेहा शर्मा, जिला प्रभारी ऋषि कंडवाल, बीर सिंह रावत, मंडल अध्यक्ष राय सिंह राणा, मंडल महामंत्री सुबोध बगवाडी, वरिष्ठ भाजपा नेता देवप्रकाश सेमवाल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सविता भंडारी, महामंत्री किरन शुक्ला, जिलाध्यक्ष युवा मोर्चा प्रदीप राणा, छात्र नेता यशवंत सिंह, विपिन सेमवाल, पूर्व जिपंस केशव तिवारी, मंडल प्रभारी रघुवीर सिंह बिष्ट, लवीश राणा, रक्षित बगवाड़ी, कमला बगवाड़ी, सरस्वती देवी आदि मौजूद थे।

पुलिसकर्मी ई-रिट पोर्टल से उच्च न्यायालय में दाखिल कर सकते हैं प्रतिवेदन

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ हाईकोर्ट के निर्देशानुसार, राज्य में पुलिस विभाग द्वारा ऑनलाइन ई-रिट पोर्टल के माध्यम से प्रतिवेदन पत्र दाखिल करने की सुविधा प्रदान की है। इसका उद्देश्य पुलिस कर्मियों के कार्य में सहूलियत प्रदान करना और न्यायिक प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता एवं गति लाना है।
प्रथम चरण में यह सुविधा देहरादून जनपद में और द्वितीय चरण में हरिद्वार जनपद में लागू की गई थी। वर्तमान में यह सुविधा राज्य के सभी जनपदों के लिए उपलब्ध है, जिसके माध्यम से पुलिसकर्मी ई-रिट पोर्टल का उपयोग करते हुए उच्च न्यायालय में प्रतिवेदन पत्र दायर कर सकते हैं।

उपलब्धियाँ एवं आँकड़े :
माह जुलाई 2023 से सितंबर 2024 तक, पुलिस विभाग द्वारा ई-रिट पोर्टल के माध्यम से लगभग 1257 प्रतिशपथ पत्र उच्च न्यायालय में दायर किए गए हैं।
इस प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 21,36,900 रुपये की राशि दैनिक/यात्रा भत्तों के रूप मे बचत की गयी है, जो कि पुलिस विभाग द्वारा पोर्टल के उपयोग में हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है।

सामान्यतः एक विवेचक को मा0 उच्च न्यायलय में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने मे 03 दिवस का समय लगता था, नई प्रणाली से पुलिसकर्मियों को अपने केस संबंधी दस्तावेज सीधे ऑनलाइन जमा करने की सुविधा मिली है, जिससे वे अपनी ड्यूटी के दौरान समय की बचत कर रहे हैं और कार्य को सुगमता से पूरा कर रहे हैं। एक विवेचक औसतन रू 3000 प्रतिदिन वेतन प्राप्त करता है इस प्रकार 1257 प्रतिशपथ पत्र आनलाइन दाखिल करने से लगभग रू 1,13,13,000 का अपव्यय भी रोका गया ।

ई-रिट पोर्टल की विशेषताएँ:

1. ऑनलाइन प्रक्रिया – पुलिस कर्मियों को अब प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए कोर्ट आने की आवश्यकता नहीं है। वे थाने से ही ई-रिट पोर्टल के माध्यम से दस्तावेज दायर कर सकते हैं, जिससे उनकी ड्यूटी में व्यवधान कम होता है।

2. समय एवं संसाधनों की बचत – ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पुलिसकर्मी अब लंबी यात्राओं और कागजी दस्तावेज़ों की आवश्यकता से मुक्त हो गए हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत हो रही है।

3. पारदर्शिता और दक्षता – ई-रिट पोर्टल से पुलिस विभाग में केस की स्थिति की नियमित जानकारी उपलब्ध होती है, जिससे कार्य में पारदर्शिता एवं दक्षता बनी रहती है।

पुलिस अधिकारियों के लिए निर्देश:

सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ई-रिट पोर्टल की प्रक्रिया को समयबद्ध, पारदर्शी और सुगम बनाए रखने में अपनी पूरी भूमिका निभाएँ। सभी थानों में कर्मियों को इस प्रणाली का प्रयोग करने हेतु आवश्यक जानकारी एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाएं।

उत्तराखंड पुलिस विभाग का उद्देश्य ई-रिट पोर्टल के माध्यम से सभी पुलिस कर्मियों को सुविधा प्रदान करना है ताकि वे अपने कार्य को सरलता, पारदर्शिता और तेजी के साथ कर सकें। इस डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से पुलिस विभाग का न्यायालय के साथ समन्वय और बेहतर हुआ है, जिससे विभागीय कार्यों में सहजता और गति प्राप्त हो रही है।

उत्तराखंड़ में 28 जनवरी से 14 फरवरी तक होंगे नेशनल गेम्स

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“राष्ट्रीय खेलों की तारीख पर आईओए की अंतिम मुहर, आयोजन की सफलता को पांच कमेटियों का गठन”

देहरादून, उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स के आयोजन की तारीख पर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। संघ की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र के माध्यम से यह सूचना दी गई है। आयोजन को सफल बनाने के लिए पांच विभिन्न कमेटियों का गठन भी भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से कर दिया गया है।
आपको बता दें कि बीते माह मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान संघ की अध्यक्ष डॉ पीटी उषा से मुलाकात कर राष्ट्रीय खेलों की तारीख घोषित किए जाने का अनुरोध किया था। डॉ उषा ने तभी आयोजन की प्रस्तावित तारीखों को सहर्ष स्वीकृति दे दी थी। अब इस तिथि का औपचारिक एलान कर दिया गया है। अगले वर्ष 28 जनवरी से 14 फरवरी तक 38वें नेशनल गेम्स यहां आयोजित होंगे। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पांच विभिन्न कमेटियों का गठन कर दिया गया है।
इनमें सुश्री सुनैना की अध्यक्षता में गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी, मधुकांत पाठक की अध्यक्षता एनएसएफ/एसओए कोऑर्डिनेशन कमेटी, विथल शिरगोंकार की अध्यक्षता में प्रोटोकॉल कमेटी, सुश्री सुमन कौशिक की अध्यक्षता में सेफगार्डिंग कमेटी और आईएएस आरके सुधांशु की अध्यक्षता में प्रिवेंशन ऑफ मैनिपुलेशन ऑफ कंपीटिशन कमेटी गठित की गई है।