Sunday, June 8, 2025
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ॠषिकेश : पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेसियों ने दी श्रद्धांजलि, कोरोना मरीजों के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा की शुरू

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ऋषिकेश, देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस जनों ने नगर निगम स्थित पार्क में स्व. राजीव गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान नगर कांग्रेस कमेटी की ओर से कोरोना मरीजों के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा भी शुरू की।

रेलवे रोड स्थित कांग्रेस भवन में श्रद्धांजलि सभा के पश्चात नगर कांग्रेस कमेटी की ओर से शुक्रवार को कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा को हरी झंडी देकर रवाना किया गया। नगर अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने कहा कि आज पूरे देश में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस कार्यकत्र्ता स्वास्थ्य सप्ताह मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एम्बुलेंस सेवा कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए समर्पित रहेगी। एआइसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि पंचायती राज व सूचना क्रांति के जनक स्व. राजीव गांधी के किए गए कार्यों को देश भुला नहीं सकता। उन्होंने ही आधुनिक भारत के निर्माण की नींव रखी थी।

प्रदेश महामंत्री राजपाल खरोला ने कहा कि भारत में सूचना क्रांति, पंचायतों को अधिकार, 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को मतदान का अधिकार देने जैसे दूरदर्शी निर्णय लेने वाले स्व. राजीव गांधी का योगदान हमेशा याद किया जाएगा। इस अवसर पर कार्यकत्र्ताओं ने बाजार में सैनिटाइजर और मास्क का वितरण कर त्रिवेणी घाट पर गरीबों को भोजन भी करवाया। कार्यक्रम में प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, विजय पाल रावत, पार्षद मनीष शर्मा, मधु जोशी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरोज देवराडी, सेवादल अध्यक्ष रामकुमार भतालिये, ललित मोहन मिश्र, पार्षद विजय लक्ष्मी शर्मा, सुधीर राय आदि मौजूद थे।

चकराता : सुदूरवर्ती गांवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति किया जागरूक

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देहरादून (चकराता), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा कुशवाहा ने चकराता के सुदूरवर्ती गांवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक किया। इस दौरान प्राधिकरण की सचिव ने ग्रामीणों को वैक्सीन के लिए पंजीकरण कराने के तरीके और संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करने के बारे में भी विस्तार से बताया।

चकराता ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम सभा सावरा व सुजऊ में लगाए शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नेहा कुशवाहा ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने वैक्सीन लगवाने के लिए कराए जा रहे ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में भी ग्रामीणों को समझाया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने और मास्क नहीं लगाने जैसी असावधानियों के कारण विकराल रूप धारण कर रहा है,

इसलिए ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के प्रति पूरी तरह सावधान रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्रामीणों के सामने आने वाली पेंशन, राशनकार्ड, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र आदि की समस्याओं के समाधान के लिए प्राधिकरण की सहायता लेने की अपील की। इस दौरान सचिव ने ग्रामीणों को महिला सुरक्षा, घरेलू हिसा व बाल सुरक्षा को लेकर बनाए गए पोक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखंड अधिनियम 2018 में नागरिकों को दिए गए अधिकारों के बारे में बताया। कहा कि पुलिस उत्पीड़न के मामलों के संबंध में कोई भी व्यक्ति पुलिस अधिकारियों या पुलिस कर्मियों के विरुद्ध अपनी शिकायत प्राधिकरण में दर्ज करा सकता है।

सीएम से मिले विस अध्यक्ष, पर्वतीय क्षेत्रों में टीकाकरण व जांच के लिए बढ़ाए जाएं केंद्र बढ़ाने के संबंध में हुई वार्ता

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ऋषिकेश, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम व किए जा रहे प्रयासों से संबंधित विभिन्न विषयों पर वार्ता की। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश में कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री को कुछ अहम सुझाव भी दिए।

शुक्रवार को देहरादून में मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में मुलाकात के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने संपूर्ण प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय जनपदों में टेस्टिग व वैक्सीनेशन केंद्र बढ़ाने के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ को बढाने का सुझाव दिया। उन्होंने आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने तक जिनका भी टेस्ट हुआ है, उनको होम आइसोलेशन में अनिवार्य रूप से रखे जाने, निजी चिकित्सालयों को भी यथाशीघ्र वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन के निर्धारित मूल्य के साथ अनुमति दिए जाने, कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव होने पर भी गंभीर रूप से सिप्टोमेटिक बीमार व्यक्तियों को भी जिला स्तर के चिकित्सालय सहित आयुष्मान योजना में इंपैनल्ड निजी चिकित्सालय में भर्ती कर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने की बात कही।

कंटेनमेंट जोन में प्रशासन द्वारा कड़ाई से नियमों का पालन करवाये जाने संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव मुख्यमंत्री को दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उक्त सुझावों पर विचार कर यथाशीघ्र उचित कार्रवाई की जाए, जिससे कोविड-19 की बीमारी को नियंत्रित किया जा सके। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विकास कार्यों को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की, साथ ही गौहरीमाफी, साहब नगर, जोगीवाला माफी आदि बाढ़ प्रवाहित क्षेत्रों में मानसून से पूर्व बाढ़ प्रबंधन कार्य करवाए जाने संबंधी विषय पर भी बातचीत की।

उत्तराखंड़ : नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश सरकार को लिखा पत्र, टीकाकरण व्यवस्था को लेकर जताई नाराजगी

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के व्यक्तियों के टीकाकरण की उचित व्यवस्था नहीं होने पर नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लिखे पत्र में उन्होंने कोविड-19 टीके की समुचित व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जन सुरक्षा व स्वास्थ्य का उचित ध्यान नहीं रख सकती है तो उसे सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।

पत्र में डा हृदयेश ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक के टीकाकरण की व्यवस्था करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के टीकाकरण की घोषणा तो की, लेकिन इसके लिए उचित व्यवस्था नहीं की। 45 और इससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए टीके की दूसरी डोज की समय सीमा चार हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते की गई है। सरकार प्रदेश में टीकाकरण, कोरोना से बचाव को इंजेक्शन व दवाइयां उपलब्ध कराने में पूर्ण रूप से विफल साबित हुई है।

अब ब्लैक फंगस बीमारी प्रदेश में दस्तक दे चुकी है। इससे मृत्यु का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इससे बचाव को तेजी से कदम नहीं उठाए जा सके है, डा. हृदयेश ने कहा कि भ्रम और अव्यवस्था के माहौल में जनता खुद को डरा हुआ व असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने सरकार से कोरोना संक्रमित हर नागरिक को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने की मांग की, साथ ही प्रदेश के हर नागरिक का स्वास्थ्य बीमा कराने की पैरवी की है। उन्होंने सरकार को कोरोना संक्रमण को देखते हुये पहाड़ों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया|

कोरोना संकट : केरल में 30 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, कर्नाटक में 7 जून तक बढ़ा

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नई दिल्ली, एएनआइ। केरल में लॉकडाउन को 30 मई तक बढ़ा दिया गया है। तिरुअनंतपुरम, एर्नाकुलम और त्रिशूर में ट्रिपल लॉकडाउन कल से वापस ले लिया जाएगा क्योंकि यहां कोरोना के सक्रिय मामलों में कमी आई है। मलप्पुरम में ट्रिपल लॉकडाउन जारी रहेगा। राज्य के बाकि हिस्सों में लॉकडाउन 30 मई तक जारी रहेगा। यह जानकारी केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दी है।

वहीं, कर्नाटक में 7 जून तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि हमने वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसके बाद हमने लॉकडाउन पर फैसला लिया है। 24 मई तक हमारे पास सख्त प्रतिबंध थे। विशेषज्ञों की राय के अनुसार अब हम 7 जून को सुबह 6 बजे तक सख्त प्रतिबंध बढ़ा रहे हैं। बता दें कि कर्नाटक इन दिनों कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है। राज्य में कोरोना के कुल मामलों और उससे हुई मौत के मामलों मे से एक-तिहाई राज्य में दूसरी लहर के दौरान यानी पिछले ढाई महीने में सामने आए हैं। दूसरी लहर में बच्चे, किशार और युवक काफी संक्रमित हुए और कई की इससे मौत भी हो गई।

 

केरल में पिछले 24 घंटे के अंदर कोरोना के करीब तीस हजार नए मामले

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लॉकडाउन के बढ़ाए जाने का ऐलान करते हुए कोरोना के पिछले 24 घंटे में सामने आए मामलों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 29,673 मामले सामने आ रहे हैं। 41,032 लोग बीमारी से और ठीक हो गए हैं, जबकि इस दौरान 142 लोगों की जान चली गई।

बागेश्वर : मकान पर विशाल वृक्ष गिरा, महिला और बच्चे की मौत, सात लोग हुये घायल

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बागेश्वर, उत्तराखंड़ के बागेश्वर से शुक्रवार तड़के सातरतबे के गुनाकोट में मकान पर विशाल वृक्ष गिरने की खबर है, इस घटना में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई जबकि सात लोग घायल हुए हैं।

पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम ने तड़के ही गांव पहुंचकर राहत और बचाव का काम किया। घायलों को जिला अस्पताल में इलाज किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सातरतबे क्षेत्र के गुनाकोट में शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे एक विशालकाय पेड़ कैलाश राम के मकान पर गिर गया। जोरदार आवाज के साथ मकान क्षतिग्रस्त हो गया। मकान पर पेड़ गिरने की आवाज सुनकर गांव के लोग मौके पर एकत्र हो गए,

इस दौरान लोगों में अफरातफरी मच गई। लोग तुरंत राहत और बचाव के काम में जुट गए। परिवार के लोग मलबे में दबे हुए थे। अंधेरा होने से राहत और बचाव के काम में दिक्कत आई। सूचना पर पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। सूचना पर 108 वाहन भी गांव में पहुंच गई। तब तक ग्रामीणों ने मलबे के नीचे दबे लोगों को निकाल लिया था।

गंभीर रूप से घायल गीता देवी (45) पत्नी कैलाश राम, आदित्य (10) पुत्र गणेश राम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि कैलाश राम (54) पुत्र मोहन राम, पूरन कुमार (31) पुत्र मोहन राम, मनोज कुमार (20) पुत्र मोहन राम, निर्मला देवी (35) पुत्री मोहन राम, रेनू (26) पुत्री कैलाश राम, मोहन राम (80) पुत्र बची राम और हरियाणा के झिराना निवासी अशोक कुमार पुत्र अमर सिंह घायल हो गए, घायलों का अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। एसडीएम योगेंद्र सिंह के अनुसार मृतकों के परिजनों और घायलों को नियमानुसार मदद दी जाएगी।
लगातार बारिश की वजह से बेलुवाखान में आवसीय परिसर ध्वस्त हो गया है। अब यहां आवास गिरने का खतरा बन गया है।

उत्‍तराखंड : अब प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होगी कोरोना जांच, शासन ने जारी किए आदेश

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देहरादून, राज्य में कोरोना वायरस के पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में भी कोरोना की जांच होगी। इसके लिए शासन ने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हो रही है।

इस वर्ष उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में खासी वृद्धि दर्ज की गई है। खासकर पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया है कि शहर के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के मामले बहुतायत में आ रहे हैं।

ऐसे में यह जरूरी है कि कोरोना जांच की सुविधा हर क्षेत्र में पहुंचाई जाए। इसके लिए उन्होंने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने जनपद के सभी सीएचसी और पीएचसी में रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था बनाएं, इस समय राज्य में फिलवक्त 578 पीएचसी और 79 सीएचसी हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के अलावा महामारी के इस दौर में सुरक्षित प्रसव भी एक चुनौती है। इसके लिए विशेषज्ञों ने निचले स्तर पर कोरोना जांच की पैरवी की है। जिससे गर्भवती के रेफरल अस्पताल पहुंचने पर उसके कोविड अथवा नॉन-कोविड होने की जानकारी रहे और उसके भर्ती होने व उपचार शुरू करने में कम वक्त लगे।

नई दिल्ली : देश में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) से पीड़ित मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी, एहतियात बरतने के निर्देश जारी

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नई दिल्ली, देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इस बात को लेकर केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट भी भेजी जा रही है |

शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने उनसे जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं |

राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को लिखी गई चिट्ठी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि देश के सभी अस्पतालों में उनके प्रमुखों या प्रशासकों की अध्यक्षता में संक्रमण नियंत्रण समिति का गठन किया जाए, इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ संक्रमण नियंत्रक नर्स या माइक्रोबायोलॉजिस्ट को संक्रमण निरोधक और नियंत्रण नोडल अफसर के तौर पर नियुक्त किया जाए |

उन्होंने यह भी कहा है कि अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के अनुसार हेल्थकेयर फैसिलिटी के तहत संक्रमण के नियंत्रण के लिए जारी राष्ट्रीय दिशानिर्देश के आधार पर संक्रमण निवारण एवं नियंत्रण (आईपीसी) कार्यक्रम की शुरुआत की जाए. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण नियमावली तैयार कर ली जानी चाहिए |

इसके अलावा, रोगाणुरोधी उपयोग और प्रबंधन को लेकर जरूरी दिशानिर्देश, शैक्षिक कार्यक्रम और रणनीतियां, संक्रमण से होने वाले जोखिम मूल्यांकन और प्रबंधन, योजना निगरानी और प्रतिक्रिया एवं कार्यान्वयन रणनीतियों को तैयार कर लिया जाना चाहिए |

 

राज्य में कृषकों की आय में वृद्धि के लिए हर्बल एवं मेडिसनल प्लांट के उत्पादों को बढ़ाया जाय : मुख्यमंत्री

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देहरादून, मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान तथा उत्तराखण्ड संगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) सेलाकुई की योजनाओं की समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए एग्रीकल्चर एवं हार्टिकल्चर के साथ हर्बल उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के साथ ही इसकी प्रशिक्षण की व्यवस्था भी जाय। किसानों की मदद कैसे की जा सकती है, इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। किसानों को अच्छी गुणवत्ता के प्लांटिंग मैटीरियल उपलब्ध हों। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से अलग-अलग प्रजातियों के उत्पादों के कलस्टर बनाये जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कैप की शोध एवं विकास टीम द्वारा बनाये गये ‘गनिया’ हर्बल हैण्ड सेनिटाइजर को लाँच किया।

जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियो को निर्देश दिये कि कुछ बड़े उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। तीन-चार ऐसे उत्पाद चयनित किये जाय, जिससे उत्तराखण्ड की देश में अलग पहचान बने। इसके लिए मार्केटिंग प्लान भी हो। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए उत्पादों को अलग पहचान देना जरूरी है। इसके लिए उत्पादों का चयन जल्द करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि 06 माह के अन्दर परिणाम दिखने शुरू हो जाय। एच.आर.डी.आई द्वारा आयुष विभाग की सहायता से जल्द एक हर्बल हीलिंग एवं वैलनेस सेंटर की स्थापना की जाय। उत्तराखण्ड की हर्बल आधारित स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जाय।

उत्तराखण्ड संगंध पौधा केन्द्र की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कैप के जो 109 कलस्टर बने हैं, उनमें से कई कलस्टर एच.आर.डी.आई के लिए भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं। एच.आर.डी.आई एवं कैप दोनों में वैल्यू चैन मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाय। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा उठाने के लिए सटीक प्रोजक्ट बनाये जाय। आगामी 06 माह में हाईटैक नर्सरी के निर्माण, एरोमा पार्क नीति एवं इण्डस्ट्रियल एवं मेडिसनल हैम्प की नीति की दिशा में तेजी से कार्य किया जाय।

राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार कलस्टर बनाये जाय।
हर्बल हीलिंग एवं वैलनेस सेंटर की स्थापना जल्द की जाय।
अच्छी गुणवत्ता के प्लांट मैटीरियल उपलब्ध कराये जाय।

बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड संगंध पौध केन्द्र से प्रदेश के 21 हजार किसान जुड़े हैं। प्रदेश में 109 कलस्टर बनाये गये हैं। इसके अन्तर्गत परित्यक्त भूमि के पुनर्वास, बाउन्ड्री फसल के रूप में डैमस्क गुलाब का कृषिकरण, मिश्रित खेती के रूप में जापानी मिन्ट का कृषिकरण, वानिकी फसल के रूप में तेजपात के कृषिकरण एवं अल्प अवधि के रूप में कैमोमिल व अन्य फसलों के कृषिकरण की ओर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। कैप का सीएजीआर 37 प्रतिशत है। जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान से प्रदेश के 26 हजार किसान जुड़े हैं। सीमान्त जनपदों चमोली, उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ में जड़ी-बूटी अनुसंधान एवं विकास का अनुश्रवण व पर्यवेक्षण हेतु 03 केन्द्रों की स्थापना की गई है । संस्थान की मण्डल पौधशाला में 12 विभिन्न औषधीय उद्यानों के मॉडल की स्थापना की गई हैं। संस्थान मुख्यालय मण्डल में म्यूजियम तथा हर्वेरियम की स्थापना की गई है। संस्थान द्वारा 6 हर्बल चाय यथा मार्निंग हर्बल टी, इवनिंग हर्बल टी, नाईट हर्बल टी, क्वीन हर्बल टी, किंग हर्बल टी एवं हिपोफी हर्बल टी की तकनीकी हस्तानान्तरण हेतु निर्माण किया गया। प्रदेश के काश्तकारों हेतु 38 प्रजातियों की संक्षिप्त कृषि तकनीक की बुकलेट का प्रकाशन किया गया। 100 औषधीय उत्पादों को विकसित किये जाने हेतु शोध एवं विकास की कार्यवाही चल रही है।

बैठक में कृषि एवं उद्यान मंत्री  सुबोध उनियाल, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार  शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सलाहकार  आर.बी.एस.रावत, अपर मुख्य सचिव, मनीषा पंवार, सचिव  हरबंस सिंह चुघ, निदेशक उद्यान डॉ.एच.एस.बवेजा, सगन्ध पौधा केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. नृपेन्द्र चौहान, जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ सी.एस. सनवाल आदि उपस्थित थे।

कोरोना अपडेट : उत्तराखंड में आज 3626 मिले कोरोना संक्रमित, 70 लोगों की हुई मौत

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देहरादून, उत्तराखंड़ कोरोना कर्फ्यू में सख्ती दिखाने और गाइड लाइन का नियमानुसार पालन करने से कोरोना संक्रमण में दो दिन से राहत की खबर है, आज कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तरखंड में 3626 लोग कोरोना संक्रमित मिले है, जिसके बाद राज्य में कोरोना संक्रमित लोगो की संख्या 307566 हो गयी है जबकि प्रदेश में आज 70 लोगों की मौत हुई तो उत्तराखंड में एक्टिव केस की संख्या 63373 है तो वहीँ आज 8731 लोग रिकवर भी हुए है. आपको बताते चले अभी तक उत्तराखंड राज्य के जनपद अल्मोड़ा में 187, बागेश्वर 215, चमोली 238, चम्पावत 48, देहरादून 699, हरिद्वार 535, नैनीताल 555, पौड़ी 177, पिथौरागढ़ 178, रुद्रप्रयाग 193, टिहरी 129, उधमसिंहनगर 383 और उत्तरकाशी में 89 मरीज मिले हैं।