Thursday, May 15, 2025
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कोरोना संक्रमण : वैक्सीन के दो डोज के बीच बढ़े अंतर से क्या होगा बदलाव ?

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नई दिल्ली, भारत में कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बीच का गैप बढ़ा दिया गया है। अब यह गैप 12 से 16 हफ्ते का हो गया है। सरकार के इस फैसले के बाद कई तरह की बातें कही जा रही है।

एक ओर जहां सरकार की आलोचना की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि गैप बढ़ने से सबको वैक्सीन लग सकेगा। सरकार के आलोचकों का कहना है कि देश में वैक्सीन नहीं है इसीलिए सरकार ने दो डोज के बीच गैप को बढ़ा दिया है। इसमें कितनी सच्चाई है यह तो वक्त बताएगा। लेकिन कहीं ना कहीं कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच दुनिया भर में वैक्सीनेशन को लेकर नई रणनीति तैयार की जा रही है। इसी रणनीति का एक हिस्सा यह भी है कि दो डोज के बीच की दूरी बढ़ाना। डोज का साइज घटाना, साथ ही साथ दूसरी डोज में वैक्सीन बदलने का भी प्रपोजल रखा जा रहा है। इसको लेकर विशेषज्ञों में अलग बहस है।

माना जा रहा है कि जिस तरह से कोरोना वायरस का कहर अब भी बरकरार है। ऐसे में वैकल्पिक रणनीति की जरूर जरूरत है। इसी वैकल्पिक रणनीति के तहत भारत में दो डोज के बीच गैप को बढ़ाया गया है। अमेरिका के साथ-साथ एक बार फिर से यूरोपीय देशों में भी कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है। भारत में यह पहले से ही बरकरार है। नए-नए वेरियंट्स का पता चल रहा है। ऐसे में सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जाए। भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश को सबसे पहले लोगों के टीकाकरण पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में सरकार की पहली कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कोरोना वैक्सीन की पहली डोज पहुंच सकें। दूसरी डोज के लिए थोड़ा वक्त भी दिया जाएगा तो कोई दिक्कत नहीं है। एक्सपर्ट की राय है कि एक वैक्सीन के बाद भी लोगों में यूनिटी बूस्ट होने लगती है। ऐसे में गंभीर मामलों में कमी आएगी साथ ही साथ अस्पतालों पर भी बोझ कम पड़ेगा।

इससे एक सवाल और पैदा हो रहा है कि जब कोरोना वैक्सीन दो डोज है। एक से ही इम्युनिटी कैसे बूस्ट होगा। अब तक दुनिया भर में जितनी भी वैक्सीन अप्रूफ हुई है वह सभी दो डोज वाली है। पहली डोज इम्युनिटी सिस्टम को वायरस को पहचानने और उसके खिलाफ सुरक्षा विकसित करने की ट्रेनिंग देता है। दूसरी डोज भी इसी प्रक्रिया को दोहराता है। दो डोज के बीच की दूरी वैक्सीन के प्रभाव पर कोई असर नहीं डालेगा। आपको बता दें कि भारत सरकार ने कोविशील्ड टीके की दो डोज लगवाने के बीच के समयांतर को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की कोविड-19 कार्य समूह की सफारिश को स्वीकार कर लिया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दो डोज के बीच समयांतर की घोषणा करते हुए उक्त बात बतायी।

मंत्रालय ने कहा, लेकिन कोवैक्सीन के दो डोज के समयांतर (पहला और दूसरा डोज लगने के बीच का समय) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उसने कहा, ‘‘वास्तविक समय के साक्ष्यों, विशेष रूप से ब्रिटेन से प्राप्त, के आधार पर कोविड-19 कार्य समूह कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच समयांतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने पर राजी हो गया है। कोवैक्सीन के दो डोज के बीच समयांतर में बदलाव की कोई सिफारिश नहीं की गयी है।’’ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड के दो डोज के बीच समयांतर फिलहाल 6 से 8 सप्ताह का है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोविड-19 कार्य समूह की सिफारिश को कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) द्वारा 12 मई, 2021 को हुई बैठक में स्वीकार कर लिया गया। एनईजीवीएसी के प्रमुख नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी.के. पॉल हैं।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एनईजीवीएसी ने कोविशील्ड टीके के दो डोज के बीच समयांतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने के कोविड-19 कार्य समूह की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।

देहरादून के कौलागढ़ में नल उगल रहे काला और बदबूदार पानी, शिकायत करने के बाद समस्या बरकरार

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देहरादून, एक तरफ कोरोना महामारी तो दूसरी तरफ पानी की समस्या, वह भी जब गंदा पानी नलों से आने लगे तो लोगों के लिये इस कोरोना काल में स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति समस्या और गंभीर हो जाती है, घटना कौलागढ़ स्थित गंगा विहार कॉलोनी की है जहां लोग दो हफ्ते से सीवर मिला पानी पीने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक शिकायत करने के बावजूद समस्या अभी भी बरकरार है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि कॉलोनी में पिछले करीब दो सप्ताह से नलों में सीवर मिला पानी आ रहा है।

शिकायत पर जल संस्थान की ओर से जूनियर इंजीनियर मोनिका ने कॉलोनी में आकर पेयजल आपूर्ति की स्थिति परखी। उन्होंने नौ मई से अब तक श्रमिकों से कई स्थानों पर खोदाई कराई, लेकिन लीकेज नहीं मिली। गुरुवार को उन्होंने कॉलोनी के बीच बिछाई गई सीवर लाइन के मेनहोल के ढक्कन खुलवाए, जहां पाया गया कि कई मेन होल में अवैध रूप से पाइपलाइन जोड़ी गई हैं।

इसकी वजह से कॉलोनी के अंदर बिछाई गई सीवर की लाइन ओवरफ्लो और चोक हो गई है, जबकि कौलागढ़ क्षेत्र में बनने वाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट अभी अधूरा है, ऐसे में मेन सीवर लाइन में क्षमता से अधिक सीवर प्रवाहित किया जा रहा है। जो कहीं पर क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन में प्रवेश कर जाता है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि घरों में काला, बदबूदार पानी पहुंच रहा है, जिसके कारण अनेकों लोग दस्त और उल्टी जैसी शिकायतों से जूझ रहे हैं। इस संदर्भ में कॉलोनीवासी विधायक हरबंस कपूर व क्षेत्रीय पार्षद को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हो रहा है। उनकी मांग है कि जिन्होंने सीवर के अवैध कनेक्शन जोड़े हैं उन पर कार्रवाई की जाए और सीवर लाइन को साफ कर पेयजल लाइन को दुरुस्त किया जाए, जिससे क्षेत्रवासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके।

कोरोना कहर : उत्तराखण्ड़ रोडवेज का सभी राज्यों में संचालन हुआ बंद, राज्य भीतर ही चलेंगी बसें

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देहरादून, राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते उत्तराखंड रोडवेज की बस सेवा सभी राज्यों के लिए बंद कर दी गई है। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण और दूसरे राज्यों की बंदिशों के चलते यह फैसला लिया गया है। अब केवल प्रदेश के भीतर ही बसों का संचालन किया जाएगा, पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाली बसों का संचालन बंद कर दिया था। इस वजह से उत्तराखंड रोडवेज की यूपी और यहां से होकर दूसरे राज्यों में जाने वाली बसें बंद कर दी गई थीं। परिवहन निगम ने केवल चंडीगढ़ के लिए ही बस सेवा सुचारु रखी थी। अब कोरोना संक्रमण के चलते सभी राज्यों के लिए बस सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गई है।

कोरोना काल में परिवहन निगम की कई सौ बसों के पहिये पूरी तरह से थम चुके हैं। निगम प्रबंधन के मुताबिक, अब केवल प्रदेश के भीतर ही यात्रियों की उपलब्धता के आधार पर बसों का संचालन किया जाएगा। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन एवं तकनीकी दीपक जैन ने बताया कि फिलहाल प्रदेश के जिस जिले के लिए यात्री होंगे, केवल वहीं की बसें चलेंगी।
कोरोना के पहले लॉकडाउन और अब दूसरी लहर में परिवहन निगम पूरी तरह से लड़खड़ा गया है। निगम की बसों का संचालन तो ठप हो गया है, लेकिन खर्च का मीटर हर महीने तेजी से चल रहा है। अब तक निगम करीब 300 करोड़ रुपये की देनदारियों के बोझ में दब चुका है। अब हांफते निगम को सरकार से राहत की ऑक्सीजन की दरकार है।

उत्तराखंड परिवहन निगम से करीब सात हजार कर्मचारियों का परिवार जुड़ा है। हर महीने करीब 25 करोड़ रुपये वेतन, किराया, डीजल आदि सभी खर्च आते हैं। लॉकडाउन अवधि में भारी नुकसान होने के बाद इस बार कोरोना कर्फ्यू ने निगम की आय चौपट कर दी है। सभी राज्यों के लिए बस संचालन पूरी तरह से बंद हो चुका है। राज्य के भीतर भी औपचारिक तौर पर ही निगम की बसें चल रही हैं।

ऐसे में मार्च 2020 से अब तक निगम करीब 300 करोड़ की देनदारियों के बोझ में दब चुका है। हालात यह हैं कि जो कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा है। जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, उन्हें आखिरी वेतन दिसंबर का मिला था। चार महीने से वेतन नहीं मिला है।

कोरोना संकट : प्रदेश में नहीं होने देंगे ऑक्सीजन की कमी : पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

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देहरादून, कोरोना मरीजों को राहत देने के लिए उत्तराखंड के कुुमाऊं मंडल में तीन नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। जिनमें जल्द ही ऑक्सीजन उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में किसी भी कीमत में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देंगे। प्रदेश सरकार संक्रमित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है | पर्यटन मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश भर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है। आवश्यकता को देखते हुए प्रदेश भर में पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। प्रदेश में ऑक्सीजन की किसी भी प्रकार की कमी न हो इसके लिए ऑक्सीजन उत्पादन के संयंत्र लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि काशीपुर के एलडी भट्ट राजकीय चिकित्सालय में डीआरडीओ की ओर से मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन क्षमता वाले इस प्लांट का निर्माण नेशनल हेल्थ की देखरेख में किया जा रहा है।
बजाज कंपनी की ओर से खटीमा में 400 लीटर प्रति मिनट और मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर में 1000 लिटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की योजना है। खटीमा में इस माह के अंत तक और मेडिकल कॉलेज रुद्रपुुर में 15 जून तक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।

महाराज ने अपील करते हुए कहा कि बेवजह लोग अपने घर में ऑक्सीजन सिलिंडर न रखे। आवश्यकता पूरी होने के बाद सिलिंडर लौटा दें, जिससे वह सिलिंडर किसी जरूरतमंद व्यक्ति के काम आ सके। अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महामारी में मेडिकल ऑक्सीजन और अति आवश्यक दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मिशन हौसला- जनसेवा में तत्पर जनपद पुलिस दे रही बेसहारों को सहारा

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रुद्रप्रयाग- जनपद मे जारी कोरोना कर्फ्यू के बीच पुलिस गरीब, असहाय व जरुरतमंदों का सहारा बनकर पीड़ितों का सहारा बनकर लोगों की मदद कर रही है। मिशन हौसला के तहत पुलिस के अधिकारी/ कर्मचारी वेसहारा लोगों तक पहुंच उनकी मदद के तत्पर है।
आज प्रभारी निरीक्षक कोतवाली श्री कुंवर सिंह बिष्ट जब सिरोबगड़ की ओर जा रहे थे, तो उनको रास्ते में एक व्यक्ति दिखाई दिया, सरकारी वाहन रोकने पर वे उस व्यक्ति के पास गये, जो कि अपना नाम पता भी नहीं बता पा रहा था, जिससे खाने-पीने के संबंध में पूछताछ की गई तो उसने‌ इशारों से बताया कि, उसे भोजन की आवश्यकता है। वह काफी दिनों से भूखा प्रतीत हो रहा था क्योंकि वह स्पष्ट कुछ भी नहीं कह पा रहा था।

“कोरोना कर्फ्यू के बीच कोतवाली रुद्रप्रयाग पुलिस जरुरत मंदो के पास पहुंच कर उपलब्ध करा रही जरुरत की सामग्री”।

प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग श्री कुवंर सिंह बिष्ट द्वारा उक्त व्यक्ति की कुशलक्षेम पूछते हुए भोजन कराया गया व बिस्किट एवं पानी दिया गया। साथ ही आर्थिक मदद भी की गई।
इसी तरह मेघा कंपनी में कार्यरत कोरोना पॉजटिव मोहन सकलानी ने थाना कोतवाली को फोन पर सूचना दी गई कि वह कोरोना पाजिटिव है, और वर्तमान में गोविंद होटल, जनपद रुद्रप्रयाग में आइसोलेट है, उसके पास खाना तथा अन्य सामग्री नहीं है।
इस पर कोतवाली रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा प्रभारी निरीक्षक श्री कुंवर सिंह बिष्ट के नेतृत्व में अविलंब उक्त व्यक्ति को खाना, काढ़ा एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई।
उक्त व्यक्ति द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया गया है। पुलिस द्वारा किये जा रहे कार्यों की आम जनता सराहना कर रही है।

मुख्यमंत्री का कल जनपद भ्रमण कार्यक्रम, कोविड ब्यवस्थाओं का लेगें जायजा।

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(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिहं रावत कल जनपद भ्रमण कर स्वास्थ्य ब्यवस्थाओं की जानकारी लेंगे।इस बीच वे कोविड अस्पताल कोटेश्वर व जिला अस्पताल का निरीक्षण करेगें व जनपद स्तर पर कोविड ब्यवस्थाओं से रूबरू होंगे।

तय कार्यक्रम के तहत कल जनपद भ्रमण के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री अपरान्ह 12:30 बजे माधवाश्रम अस्पताल कोटेश्वर में कोविड ब्यवस्थाओं की जानकारी लेगें व उसके पश्चात उनके द्वारा जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिहं रावत करीब 12 बजे मुख्यमंत्री तीरथ रावत रूद्रप्रयाग पहुँचेंगे जहाँ कोटेश्वर स्थिति माधवाश्रम शंकराचार्य अस्पताल का निरीक्षण करेंगे। साथ वे जिला अस्पताल का भी निरीक्षण करेंगे। इसके बाद वे श्रीनगर व पौड़ी जिले के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जिला प्रशासन ने प्रोटोकाॅल संबंधित तैयारियां कर दी हैं।

कोरोना अपडेट : उत्तराखंड़ में आज मिले 5775 नये कोरोना संक्रमित, 116 की हुई मौत, दून में 1583 संक्रमित मिले

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना से आज भी कोई राहत की खबर नहीं है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 5775 नए मामले सामने आए हैं। जबकि आज 4483 मरीज डिस्चार्ज भी हुए हैं। जबकि कोविड से 116 लोगों की आज मौत हुई है

सरकार की ओर जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज अल्मोड़ा से 267, बागेश्वर से 38, चमोली से 201, चम्पावत से 155, देहरादून से 1583, हरिद्वार से 844, नैनीताल से 531, पौड़ी से 359, पिथौरागढ़ से 225, रुद्रप्रयाग से 285, टिहरी से 349, ऊधमसिंह नगर से 692 व उत्तरकाशी से 286 नए मामले सामने आए हैं |

राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज कोरोना के 5775 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश अब संक्रमितों की संख्या 277585 पहुंच गई है। वहीं प्रदेश में आज 4483 मरीज मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। इसके साथ ही प्रदेश 188690 मरीज ठीक हो स्वस्थ हो चुके हैैं। राज्य में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 79379 पहुंच गई है। वहीं प्रदेश आज कोरोना से 116 की मौत के साथ मौत का आंकड़ा 4426 पहुंच गया है। प्रदेश में अभी भी 15591 सैंपल की जांच रिपोर्ट आनी अभी भी बाकी है। प्रदेश में संक्रमितों की रिकवरी दर 67.98 प्रतिशत है। वहीं प्रदेश में अब कंटेनमेंट जोन की संख्या भी 454 हो गई है।

प्लाज्मा के नाम पर की गई धोखाधड़ी

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देहरादून। महामारी के इस दौर में भी कुछ लोग इतना नीचे गिर रहे है कि खून देने के नाम पर भी ठगी का कारोबार कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला यहां डालनवाला थाना में सामने आया है। पुलिस ने एक व्यक्ति को इस मामले में गिरफ़तार किया है। चौकी आराघर पर श्री कार्तिक पुत्र मुने सिंह निवासी 97 बलवीर रोड डालनवाला द्वारा आकर लिखित तहरीर दी गई ,

उनकी माताजी कोविड-19 पॉजिटिव है और गंभीर हालत में दून अस्पताल में आईसीयू वार्ड में एडमिट है ,जिन्हें डॉक्टरों द्वारा प्लाज्मा की आवश्यकता बताई गई. आवेदक द्वारा प्लाज्मा हेतु काफी अस्पतालों व अन्य जगह मालूमात किए जाने के बाद प्लाज्मा हेतु एक मैसेज बनाकर अपने मोबाइल नंबर सहित सोशल मीडिया पर डाला गया, जिसके बाद कल 13 मई की शाम को मोबाइल नंबर 7060328883 से आवेदक को कॉल आया कि मेरा नाम गुरु साजन सिंह है. मैं तुम्हें प्लाज्मा उपलब्ध करा सकता हूं इसके लिए तुम्हें पहले 2500 रुपये गूगल पे से मेरे मोबाइल नंबर में डाल दो। आवेदक द्वारा कॉलर को गूगल पे से पहले 300 डाले गए.

उसके बाद कॉलर लगातार पैसों के लिए आवेदक को कॉल करता रहा एवं आवेदक द्वारा सोशल मीडिया पर बनाए गए मैसेज में आवेदक का मोबाइल नंबर हटा कर अपना मोबाइल नंबर डालकर सोशल मीडिया पर इधर-उधर मैसेज भेजता रहा, एवं आवेदक से पैसों की मांग करता रहा। उक्त तहरीर पर चौकी आराघर में अभियुक्त गुरु साजन सिंह बख्शी के खिलाफ धारा 269 270, 188, 420 आईपीसी,51ड्ढ स्रद्व ड्डष्ह्ल, धारा -3 महामारी अधिनियम पंजीकृत किया गया।
उपरोक्त अभियोग में विवेचनात्मक कार्यवाही करते हुए चौकी प्रभारी आरा घर उप निरीक्षक महावीर सिंह सजवान द्वारा उपरोक्त मोबाइल धारक व्यक्ति जो कि आवेदक को लगातार फोन कर स्थान बदल बदल कर ओर पैसों हेतु बुला रहा था, जिसको टीम बनाकर तहसील चौक थाना कोतवाली नगर देहरादून के पास से पकड़ लिया गया जिसके द्वारा अपना नाम गुरु साजन सिंह बख्शी पुत्र हरजीत सिंह बख्शी निवासी 34 /35 मुन्नू गंज थाना कोतवाली नगर देहरादून बताया.उसे पूछताछ चौकी को आराघर लाया गया। चौकी पर अभियुक्त से बरामद मोबाइल फोन पर धोखाधड़ी के पर्याप्त सबूत मिलने के बाद मोबाइल कब्जे में लेकर अभियुक्त गुरु साजन सिंह बख्शी उपरोक्त को उपरोक्त मुकदमे में गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में लिया गया।

गोएयर बदलकर हुई गो फर्स्ट,  अब यात्री सस्ते में कर सकेंगे हवाई सफर

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नई दिल्ली , । वाडिया ग्रुप की लो-कॉस्ट एयरलाइन गो एयर ने खुद को गो फर्स्ट के रूप में रिब्रांड किया है। 15 साल पुरानी एयरलाइन अल्ट्रा लो कॉस्ट बिजनेस पर फोकस करने के चलते ये फैसला लिया है। बता दें कि कोरोना महामारी से एविएशन इंडस्ट्री जूझ रही है। इसका असर गो एयर पर भी पड़ा है। इससे उबरने के लिए यह अब लो कॉस्ट बिजनेस मॉडल पर फोकस करेगी।

दरअसल गो एयर पर फोकस कर रही है, जिस वजह इसने ये निर्णय लिया है। 13 मई को एयरलाइन ने औपचारिक रूप से एक बयान में कहा कि वह खुद को गो फर्स्ट के रूप में रीब्रांड कर रही है। बता दें कि एयरलाइन ने 2005 में परिचालन शुरू किया और उसके बेड़े में सिर्फ 50 से अधिक विमान हैं, यहां तक कि प्रतिद्वंद्वी इंडिगो के रूप में जो एक साल बाद शुरू हुआ, आकार में 5 गुना से अधिक है।
गोएयर पब्लिक इश्यू के जरिये प्राइमरी मार्केट से फंड्स जुटाने की तैयारी में है।

उपनल द्वारा सेवा प्रदाता व्यक्तियों को हटाया नहीं जाएगा

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देहरादून। प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने विभिन्न विभागों में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड के माध्यम से आउट सोर्स के आधार पर सेवा का प्रदाता व्यक्तियों के संबंध में आदेश जारी किया है इसके तहत राज्य सरकार के किसी विभाग कार्यालय आदि में नियमानुसार भर्ती नियुक्ति होने पर यदि उपनल द्वारा सेवा प्रदाता व्यक्तियों को हटाया जाता है तो ऐसे हटाए गए व्यक्तियों को उनके द्वारा अनुरोध किए जाने व अन्य किसी विभाग कार्यालय से मांग प्राप्त होने पर उपनल द्वारा प्राथमिकता दी जाएगी

बिना किसी समुचित कारण के उपनल द्वारा प्रायोजित सेवा प्रदाता व्यक्तियों को ना हटाए जाने के संबंध में निर्गत शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा इस संबंध में यह भी कहने का निर्देश हुआ है कि रिक्त पदों के सापेक्ष नियमित कर्मचारियों के यथा प्रक्रिया यथा नियम भर्ती होने के फलस्वरूप उपनल द्वारा प्रायोजित सेवा प्रदाता व्यक्तियों को यथा नियम हटाया जाता है तो प्राथमिकता के आधार पर उक्त व्यक्तियों से उनकी समकक्ष रिक्ति पदों के सापेक्ष सेवा ली जाए यह पूरा स्पष्ट किया जाता है कि इन व्यक्तियों को सेवा प्रदान करने के लिए उपनल द्वारा प्रयोजन से उन्हें शासकीय कार्मिक होने के लिए प्रस्थिति नहीं प्राप्त होगी