Tuesday, June 10, 2025
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मुख्यमंत्री ने आई.डी.पी.एल ऋषिकेश में 500 बेड के कोविड सेंटर का उद्घाटन किया

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देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आई.डी.पी.एल ऋषिकेश में डी.आर.डी.ओ. द्वारा स्थापित 500 बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर (राइफलमैन जसवंत सिंह रावत, एम.वी.सी) का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कोविड केयर सेंटर की सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया।

आधुनिक सुविधायुक्त इस कोविड केयर सेंटर में सभी बेड ऑक्सीजन युक्त हैं। 100 बेड में आईसीयू की व्यवस्था भी है। इसमें म्यूकरमायोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों एवं बच्चों के लिए भी अलग से वार्ड बनाये गये हैं। बच्चों के वार्ड में स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी आईसोलेशन एरिया बनाया गया है। मात्र 02 सप्ताह में डीआडीओ द्वारा इसे तैयार किया गया है। इस कोविड केयर सेंटर का क्लीनिकल मैनेजमेंट एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने इस कोविड केयर सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से वृद्धि की गई है। ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आईसीयू एवं ऑक्सीजन बेड की पर्याप्त उपलब्धता है। जल्द ही हल्द्वानी में भी 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हो जायेगा। आई.डी.पी. एल ऋषिकेश में राइफलमैन जसवंत सिंह रावत, एम. वी.सी के नाम से यह कोविड केयर सेंटर बनाया गया। मुख्यमंत्री श्री तीरथ ने कहा कि राइफलमैन जसवंत सिंह रावत ने 1962 भारत-चीन युद्ध में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। इस युद्ध में वे शहीद हो गए थे। पौड़ी के बीरोखाल के बाड्यू पट्टी में जन्मे जसवंत सिंह रावत की वीरता की कहानी आज भी सबको प्रेरणा देती है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनीता ममगाई, एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकान्त, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव, डिप्टी मेडिकल सुप्रिटेंट एम्स ऋषिकेश डॉ. मधुर उनियाल एवं डीआडीओ के अधिकारी उपस्थित

पिथौरागढ़ : उच्च हिमालयी क्षेत्र के बुग्यालों में घास चरने के लिये भेड़ व बकरियों के पालकों ने की कोविड इनर लाइन परमिट दिए जाने की मांग

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पिथौरागढ़, उच्च हिमालयी क्षेत्र में माइग्रेशन के लिए बुग्यालों में घास चरने के लिए जाने वाली धारचूला व मुनस्यारी के भेड़ व बकरियों के पालकों को बीते साल की तरह कोविड इनर लाइन परमिट दिए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी सहित कई अफसरो को इस आशय का पत्र लिखा। कहा कि चैक पोस्ट पर सीमा पुलिस ने हजारो बकरियों को रोक लिया है।

बीते साल की तरह कोविड के कारण सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी निभा रही आई.टी.बी.पी. तथा एस.एस.बी.के चैक पोस्ट इन भेड़ व बकरियों को चीन व नेपाल की सीमा से लगे घास के बुग्यालों में जाने से रोक रही है।
गर्मीयो में उच्च हिमालयी क्षेत्र के बुग्यालों में घास चरने के लिए जाने वाले इन जानवरो पर भी कोविड की महामारी की छाया दो साल से लगा हुआ है।

पिछले साल एक दो पत्र देने के बाद धारचूला व मुनस्यारी के उपजिलाधिकारियों ने कोविड इनर पास इन पालको को जारी किया। अभी हाल में ही अपने ग्रीष्मकाल के चारागाह तराई भावर क्षेत्र से भेडपालक इस क्षेत्र में लौटे है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज उपजिलाधिकारी धारचूला व मुनस्यारी, जिलाधिकारी व कुमांयू आयुक्त को पत्र लिखकर बीते साल की तरह कोविड इनर लाइन पास जारी करने की मांग की है। मर्तोलिया ने कहा कि बीते साल का डाटा वेस प्रशासन के पास मौजूद है, उसे आधार मानकर इनर पास जारी किया जाय।

कहा कि चैक पोस्ट में बिना पास के भेड़ , बकरियों के साथ पालकों को रोक दिया गया है। एक स्थान पर ज्यादा दिन रहने पर चारे की समस्या हो जाती है। इसे दूर नहीं किया गया तो इनके भूखे रहने की नौबत आ सकती है।

सरकार का इंटरनेट मीडिया पर कड़ा रूख, मिल सकती है कुछ मोहलत लेकिन नहीं मिलेगी बेलगाम छूट

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नई दिल्ली, । सरकारी दिशा-निर्देशों के पालन में नाकाम रहने होने वाले फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप जैसे कुछ इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म की ओर वक्त मांगा जा रहा है तो कुछ पूरी तरह चुप्पी साधे हैं। माना जा रहा है कि बुधवार को खत्म हो रही समयसीमा में कुछ मोहलत दी जा सकती है। लेकिन सरकार के अंदर यह मन बन चुका है कि उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह निरंकुश और सर्वशक्तिमान होने की छूट बिल्कुल नहीं दी जा सकती। इतिहास गवाह है कि ईस्ट इंडिया कंपनी कमाई तो भारत में करती रही लेकिन उसके नियम कायदे इंगलैंड के होते थे।

इन्हें किसी हाल में ईस्ट इंडिया कंपनी नहीं बनने देगी सरकार

सरकारी सूत्रों के अनुसार ये कंपनियां भी कुछ इसी तरह व्यवहार कर रही हैं। फेसबुक, ट्विटर जैसी कंपनियां इतना मामूली और जायज आदेश मानने के लिए भी तैयार नहीं हैं कि वह भारत के अंदर ऐसा आफिस बनाएं, ऐसे अधिकारी नियुक्त करें जिससे किसी शिकायत के निपटारे के लिए संपर्क साधा जा सके। क्या इतनी बड़ी कंपनी से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती है कि वह आपत्तिजनक पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई करे और पारदर्शी रूप से यह बताए कि वह किसी आधार पर किसी के पोस्ट को ब्लाक करता है। क्या संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार नहीं होना चाहिए। उसकी सुनवाई नहीं होनी चाहिए।

नियम न माने तो डिजिटल मीडिया की श्रेणी में कर दी जाएंगी ये कंपनियां

बहरहाल, अधिकारी मानते हैं कि इन कंपनियों का भारत में बहुत बड़ा ग्राहक वर्ग है और ऐसे में उन्हें थोड़ा वक्त मिल सकता है लेकिन बिना शर्त के नहीं। वक्त इस चेतावनी के साथ दिया जाएगा कि अब नहीं माने तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।

सूत्रों के मुताबिक अगर ये प्लेटफार्म इन निर्देशों का पालन करने से इन्कार कर देते हैं तो वे अपना इंटरमीडिएरीज का दर्जा खो देंगे और वे डिजिटल मीडिया की तरह हो जाएंगे। यानी उन्हें हर पोस्ट के लिए जिम्मेदार माना जाएगा और उन पर आपराधिक कानून पर लागू होगा। वहीं दूसरी ओर से डिजिटल मीडिया होने पर उन्हें भारत से अपना कारोबार भी समेटना पड़ सकता है क्योंकि डिजिटल मीडिया में विदेशी निवेश की सीमा अलग है।(जागरण )

Lockdown News: महाराष्ट्र में खत्म होगा तालाबंदी का दौर! 1 जून से शुरू हो सकती है अनलॉक की प्रक्रिया

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मुंबई. कोरोना संकट से उबर रहे महाराष्ट्र में जारी पाबंदियों में जल्द ढील दी जा सकती है. राज्य सरकार 1 जून से अनलॉक (Unlock in Maharashtra) की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार कर रही है. कहा जा रहा है कि शुरुआत में समयसीमा के साथ दुकानों को खुलने की अनुमति दी जाएगी. वहीं, लोकल रेल सेवा (Local Trains) अनलॉक के अंतिम चरण में शुरू हो सकती है. राज्य में लगातार कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों में गिरावट जारी है.

खबर है कि महाराष्ट्र में अनलॉक की प्रक्रिया के चार चरण होंगे. हालांकि, इसे लेकर अंतिम फैसला राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लेंगे. कहा जा रहा है कि सरकार अनलॉक की प्रक्रिया को लेकर दो तारीखों को लेकर विचार कर रही है. बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में फैसला किया जाएगा कि प्रक्रिया 1 जून या 7 जून से शुरू होगी. सरकार ने फिलहाल शिक्षण संस्थानों को बंद ही रखने का फैसला किया है.

सोमवार को राज्य में 22 हजार 122 नए मरीज मिले. बीते 69 दिनों में यह आंकड़ा सबसे कम है. नए आंकड़ों को मिलाकर महाराष्ट्र में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 56 लाख 2 हजार 19 पर पहुंच गई है. जबकि, मौत के मामले में यह आंकड़ा 89 हजार 212 पर है. सोमवार को कुल 361 लोगों ने अपनी जान गंवाई. बीते तीन हफ्तों में राज्य में संक्रमण की संख्या लगातार कम हो रही है. तीन हफ्ते पहले 55 हजार के आसपास मिल रहे नए मरीजों का आंकड़ा 30 हजार से कम हो गया है.

रविवार को राज्य में एक्टिव केस की संख्या गिरकर 3 लाख 48 हजार 395 हो गई है. 22 अप्रैल को यह आंकड़ा 6 लाख 99 हजार 858 पर था. 18 मई को राज्य की ग्रोथ रेट भी 30 अप्रैल को दर्ज 1.45 फीसदी से कम होकर 0.69 प्रतिशत पर आ गई है. मरीजों की गिरती संख्या को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन खोले जाने की मांग उठने लगी थी. राज्य में 5 अप्रैल को कड़ी पाबंदियां लागू की गई थीं.

भारत और न्यूजीलैंड का रक्षा व सुरक्षा, आतंकवाद रोधक, पर्यावरण परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग का फैसला

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नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और न्यूजीलैंड ने द्विपक्षीय संबंधों की समग्र रूप से समीक्षा की है। दोनों देशों ने फैसला किया है कि वह रक्षा व सुरक्षा, आतंकवाद रोधक, साइबर सुरक्षा और पर्यावरण परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम के लिए गहराई से गति बढ़ाई जाएगी।

भारत और न्यूजीलैंड ने कोरोना वैक्सीन और दवाइयों से जुड़े मुद्दों पर की वार्ता

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार भारत और न्यूजीलैंड के विदेश कार्यालयों की मंगलवार को हुई वर्चुअल बैठक में दोनों देशों ने कोविड-19 की वैक्सीन और दवाइयों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की है। दोनों देशों ने क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा किए। अंतरराष्ट्रीय आदेशों के अमल को भी अहमियत देते हुए द्विपक्षीय सहयोग पर विचार-विमर्श किया है।

भारत और न्यूजीलैंड का अहम क्षेत्रों में सहयोग के मुद्दों पर हुई बातचीत

मंत्रालय का कहना है कि द्विपक्षीय सहयोग पर जारी समग्र समीक्षा से द्विपक्षीय सहयोग, रक्षा व सुरक्षा, व्यापार व निवेश, अंतरिक्ष, साइबर सुरक्षा, निरस्त्रीकरण और पर्यावरण परिवर्तन के मुद्दों पर गहन बातचीत हुई।

न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री महुता ने आस्ट्रेलिया के साथ चीन के व्यापारिक युद्ध पर जताई नाराजगी

न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानिया महुता ने अपने पड़ोसी देश आस्ट्रेलिया के साथ जारी चीन के व्यापारिक युद्ध पर नाराजगी जताते हुए चीन के प्रति दिल खोलकर अपना गुस्सा जताया।

विदेश मंत्री महुता ने कहा- न्यूजीलैंड के डेयरी उत्पादों का चीन प्रमुख निर्यातक बाजार

उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया में चीन के साथ उसके संबंधों को लेकर क्या हो रहा है, उसकी अनदेखी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने ब्रिटिश अखबार गार्जियन को दिए साक्षात्कार में बताया कि न्यूजीलैंड के डेयरी उत्पादों का चीन प्रमुख निर्यातक बाजार है।

बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग पर गांगुली दास और सिंकलेयर ने की वार्ता

विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग पर भारत की ओर से बात करने वाले अधिकारियों में सचिव रीवा गांगुली दास और न्यूजीलैंड की ओर से अध्यक्षता उप सचिव मार्क सिंकलेयर ने की।

लालकुआँ : सफाईकर्मियों ने मांगों को लेकर की हड़ताल, वार्ता के बाद धरना किया समाप्त

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(मुन्ना अंसारी)

लालकुआँ, नगर पंचायत लालकुआँ में ठेका सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगो को लेकर आज कार्य बहिष्कार करते हुए सफाई व्यवस्था ठप करते हुए नगर पंचायत कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जिसके बाद चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी ने काफी देर तक आक्रोशित सफाई कर्मियों को समझाने का प्रयास किया, दिनभर चले घटनाक्रम के बाद आखिरकार सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करते हुए कार्य शुरू कर दिया ।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ठेकेदार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि लम्बे समय से सफाई कर्मचारियों को मानदेय और एरियर का भुगतान नही किया जा रहा है | यही नही वर्षो से कार्यरत सफाई कर्मियों को अभी तक संविदा पर नियुक्त नही किया जा रहा है, जबकि उनके बाद आये कर्मचारियों को संविदा पर नियुक्त कर दिया है ।
इस दौरान नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी राजू नबियाल ने कहा कि कोरोना महामारी में सफाई कर्मियो को हड़ताल करने का कोई भी अधिकार नही है अगले जून माह तक इनकी जायज मांगों का समाधान कर दिया जायेगा, जिसके लिये नगर पंचायत प्रतिबद्ध है ।

देहरादून : दुष्कर्म मामले में पुलिस सक्रिय, साक्ष्य जुटाने पहुंची होटल

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देहरादून, दून की एक युवती ने नेहरू कालौनी थाने में कुछ दिनों पूर्व दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी, पुलिस कांस्टेबल पर लगे दुष्कर्म व गर्भपात कराने के आरोप के मामले में नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार को सब इंस्पेक्टर नीमा रावत के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम साक्ष्य जुटाने के लिए गांधी रोड स्थित एक होटल में पहुंची।

एसआइ नीमा रावत के अनुसार, पीडि़त ने अपने बयानों में बताया है कि आरोपित उसे गांधी रोड स्थित एक होटल में भी ले गया था, इसलिए साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए होटल पहुंचे थे, लेकिन होटल संचालक की सेहत ठीक न होने के कारण अधिक जानकारी नहीं मिली। युवती की ओर से जहां-जहां स्पॉट बताए गए हैं, वहां-वहां जाकर जांच की जाएगी। दूसरी ओर कांस्टेबल मनीष भंडारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लिया हुआ है।

देहरादून की एक युवती ने कांस्टेबल पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए नेहरू कॉलोनी थाने में शिकायत की थी। युवती का आरोप है कि कांस्टेबल मनीष भंडारी से उसकी मुलाकात दिसंबर 2016 में हुई थी। इसी दौरान कांस्टेबल ने उसके साथ होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया। जब युवती ने सबको बताने की बात कही तो कांस्टेबल ने रोने का नाटक करते हुए युवती को शादी का झांसा दिया और उसकी मांग में सिंदूर भर दिया।

इसके बाद फिर से होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया। कुछ समय बाद युवती को पता लगा कि वह गर्भवती हो गई तो उसने यह बात कांस्टेबल को बताई, मार्च 2018 को कांस्टेबल युवती को हरिद्वार के एक अस्पताल में ले गया और गर्भपात करा दिया। 2020 में फिर कांस्टेबल ने युवती को करनपुर स्थित अपने कमरे में बुलाया और दुष्कर्म किया, जिसके बाद वह दोबारा गर्भवती हो गई। इसके बाद कांस्टेबल ने दोबारा से जबरन गर्भपात करा दिया। कुछ समय पहले युवती ने कांस्टेबल के भाई व बहन के वाट्सएप स्टेटस देखे। जिससे पता लगा कि कांस्टेबल ने किसी अन्य युवती के साथ शादी कर ली है। अब कांस्टेबल धमकी दे रहा है कि यह बात किसी को बताई तो वह जान से मार देगा।

उत्तराखंड : शिक्षकों व कर्मचारियों को झटका, कोविड के कारण दूसरे साल भी तबादला सत्र शून्य घोषित, शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी

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देहरादून, राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते लगातार दूसरे साल भी उत्तराखंड सरकार ने तबादला सत्र शून्य घोषित कर दिया। प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में आदेश जारी किया। कार्मिक विभाग ने 19 फरवरी को प्रत्येक संवर्ग में 10 प्रतिशत अथवा चुनावी आचार संहिता के अनुसार तबादले करने के आदेश दिए थे। विभागीय स्तर तबादला प्रक्रिया आरंभ हो गई थी। शासनादेश में कहा गया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

इसके चलते राज्य के अधिकांश जिलों में कोविड कर्फ्यू की स्थिति है। इन परिस्थितियों में राज्य की आर्थिक गतिविधियां बंद होने से राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऐसी दशा में कर्मचारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा आदि करने से संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी। आदेश के मुताबिक, चुनाव आचार संहिता व प्रशासनिक कारणों को छोड़कर वर्तमान स्थानांतरण सत्र शून्य रहेगा। विशेष परिस्थितियों में ही तबादले हो सकेंगे। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है और
आदेश में कहा गया है कि स्थानांतरण अधिनियम के तहत अधिकारी व कर्मचारी अथवा विभाग को किसी प्रकार की कठिनाई के निराकरण के लिए औचित्यपूर्ण प्रस्ताव स्थानांतरण समिति को कार्मिक विभाग के माध्यम से भेजे जा सकेंगे।
प्रदेश में हजारों की संख्या में शिक्षक व कर्मचारी कई वर्षों से तबादले की उम्मीद कर रहे हैं। चुनावी साल में उन्हें दुर्गम से सुगम में जाने की उम्मीद बंधी थी। लेकिन लगातार दूसरे साल भी स्थानांतरण सत्र शून्य हो जाने से उनकी उम्मीदें तार-तार हो गई है |

 

तबादला एक्ट पर शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी, विरोध होना शुरू

राजकीय शिक्षक संघ ने भी इस तबादले एक्ट पर नाराजगी जताई है। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रांतीय अध्यक्ष के.के.डिमरी ने वक्तव्य में कहा कि तबादला एक्ट वर्तमान सरकार की एक उपलब्धि बताती रही है लेकिन तबादला एक्ट बनने के बाद से एक बार भी एक्ट के अनुसार स्थानांतरण न कर पाना वर्तमान सरकार की असफलता है।

प्रत्येक वर्ष किसी न किसी कारण को बताकर सरकार स्थानांतरण, पदोन्नति टालने का काम करती रही है। इस बार भी वित्त की कमी एवं परिस्थितियों का हवाला दिया जा रहा है जबकि अनुरोध की श्रेणी के सभी ( पारस्परिक,गंभीर बीमार,दांपत्य,दुर्गम से दुर्गम) स्थानान्तरण, धारा 27 के तहत स्थानांतरण या अन्तर मण्डलीय स्थानान्तरण में एक्ट के अनुसार वित्त की कोई आवश्यकता नहीं है। राजकीय शिक्षक संघ शिक्षकों से बिना किसी वार्ता के लिए गए इस तरह के निर्णय का पुरजोर विरोध करता है।

कोरोना संकट में डटकर कार्य कर रहे हैं भाजपा कार्यकर्त्ता, लेकिन राजनीतिक दलों के नेता जनता में भ्रम फैलाने में लगे हैं : मदन कौशिक

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देहरादून, भाजपा के कार्यकर्त्ताओं के लिए सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर समाज फिर संगठन एवं अंत में अपना परिवार आता है। कोरोना संक्रमण से जंग में हर मोर्चे पर डटकर कार्य कर रहे भाजपा के कार्यकर्त्‍ताओं ने यह साबित कर दिया है। यह बात पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने देहरादून महानगर कार्यकारिणी के साथ हुई वर्चुअल बैठक में कही।

सोमवार को आयोजित हुई इस वर्चुअल बैठक में मदन कौशिक ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार महामारी से जूझते हुए निरंतर कार्य कर रही हैं। चाहे आक्सीजन सिलिंडर दिलवाने की बात हो, कोरोना किट मरीजों तक पहुंचाने की बात हो भोजन, खाद्यान्न, मास्क, सैनिटाइजर वितरण की बात हो। भाजपा कार्यकर्त्‍ता दिन-रात निरंतर कार्य कर कोरोना से लड़ रहे हैं, जबकि दूसरे राजनीतिक दलों के नेता जनता में भ्रम फैलाने में लगे हैं।

महामंत्री संगठन अजय कुमार ने कहा कार्यकर्त्‍ताओं को हर बूथ पर ऑनलाइन काम करना चाहिए। उन्होंने महामारी में सक्रिय सभी कार्यकर्त्‍ताओं की सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए। कैबिनेट मंत्री और देहरादून के कोरोना प्रभारी मंत्री गणोश जोशी ने राज्य सरकार की ओर से महामारी में चलाए जा रहे राहत कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट ने बताया कि महानगर के 23,011 कार्यकर्त्‍ता इस महामारी में किसी न किसी प्रकार से योगदान दे रहे हैं। वर्चुअल बैठक में महापौर सुनील उनियाल गामा, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, कैंट विधायक हरबंस कपूर, सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर, राजपुर विधायक खजान दास, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी कार्यकर्त्‍ताओं को संबोधित किया। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन, प्रवक्ता विनय गोयल, कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, महामंत्री कुलदीप कुमार, भाजपा महानगर महामंत्री रतन चौहान आदि शामिल रहे।

देहरादून: पहले हुई जान पहचान, फिर दिया लालच, दोगुना मुनाफा कमाने के चक्कर में गंवाए 60 लाख

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देहरादून, लालच आदमी को अंधा बना देता है, फिर वह बस पैसों के पीछे दौड़ने लगता है और वह अच्छे बुरे की पहचान भी भूल जाता है, ऐसा एक मामला पुलिस की साइबर क्राइम में आया, जहां दोगुना मुनाफा कमाने के चक्कर में एक व्यक्ति ने 60 लाख रुपये हाथ धो दिए। पीड़ि‍त ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। तहरीर के अनुसार हर्रावाला निवासी अभिनव पंवार की अप्रैल महीने में फोन के माध्यम से जान पहचान रामकृष्ण नाम के व्यक्ति से हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच वाट्सएप के माध्यम से बातचीत होने लगी।

रामकृष्ण ने कहा कि वह दिल्ली में रहता था लेकिन अब न्यूयार्क में शिफ्ट हो गया है। अभिनव पंवार को विदेशी कंपनी के माध्यम से ट्रेडिंग करने पर काफी मुनाफा होने की बात रामकृष्ण ने कही। अभिनव ने विश्वास करते हुए शुरू में 50 हजार रुपये निवेश कर दिए। इसके बाद रामकृष्ण ने निवेश की गई धनराशि पर दोगुना मुनाफा का प्रलोभन देते हुए अधिक धनराशि निवेश करने को कहा। ऐसे में अभिनव ने विभिन्न बैंकों से करीब 22 लाख रुपये का लोन लेकर ट्रेडिंग के लिए रामकृष्ण को भेज दिए। अभिनव को उनके ट्रेडिंग खाते में करीब साढ़े तीन लाख रुपये अमेरिकी डालर का मुनाफा होना रामकृष्ण ने दिखाया। जब अभिनव ने धनराशि निकालने की बात कही तो रामकृष्ण ने पैसे निकालने के लिए 15 प्रतिशत टैक्स करीब 37 लाख रुपये बिट क्वाइन के माध्यम से भुगतान करने के लिए कहा।

इस पर अभिनव ने 37 लाख रुपये एकत्र किए और बिट क्वाइन के माध्यम से पैसे भेज दिए। इसके बाद रामकृष्ण ने संपर्क करना बंद कर दिया। जब अभिनव ने अपने स्तर पर ट्रेडिंग कंपनी के बारे में पता करवाया तो वह फर्जी निकली। जिसके बाद अभिनव को ठगी का पता चला।