Monday, May 12, 2025
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हिमालयी वनों के ‘रक्षक’ सुंदर लाल बहुगुणा हमारे बीच नहीं रहे, आइये याद करें उनके योगदान को

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(राजेन्द्र सिंह नेगी)

हिमालयी वनों के रक्षक सुंदर लाल बहुगुणा हमारे बीच नहीं रहे | कई दिनों से कोरोना से जूझ रहे बहुगुणा ने ऋषिकेश एम्स में आज आखिरी सांस ली | निसंदेह पर्यावरण संरक्षण के मैदान में सुंदरलाल बहुगुणा के कार्यों को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा | जिसे नई पीढ़ी का जानना आवश्यक है, चलिये उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, उनके दिये योगदान को याद करके …..

Sundarlal Bahuguna Death: चिपको आंदोलन के प्रतीक पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का निधन, ऋषिकेश एम्‍स में थे भर्ती Uttarakhand News: Environmentalist Sundarlal Bahuguna, symbol of ...

प्रदूषण और उससे होने वाली तबाही के बारे में हम सभी बातें करते हैं। लेकिन गिनती के लोग हैं जो पर्यावरण सुरक्षा को अपना जीवन समर्पित करते हैं। उनमें से ही एक हिमालय के रक्षक हैं सुंदर लाल बहुगुणा । उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि चिपको आंदोलन है। गांधी के पक्के अनुयायी बहुगुणा ने अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य तय कर लिया और वह था पर्यावरण की सुरक्षा । उनका जन्म 9 जनवरी, 1927 को हुआ था।

उत्तराखंड के टिहरी में जन्मे सुंदरलाल उस समय राजनीति में दाखिल हुए, जब बच्चों के खेलने की उम्र होती है। 13 साल की उम्र में उन्होंने राजनीतिक जीवन शुरू किया। दरअसल राजनीति में आने के लिए उनके दोस्त श्रीदेव सुमन ने उनको प्रेरित किया था। सुमन गांधीजी के अहिंसा के सिद्धांतों के पक्के अनुयायी थे। सुंदरलाल ने उनसे सीखा कि कैसे अहिंसा के मार्ग से समस्याओं का समाधान करना है। 1956 में उनकी शादी होने के बाद राजनीतिक जीवन से उन्होंने संन्यास ले लिया। 18 साल की उम्र में वह पढ़ने के लिए लाहौर गए। उन्होंने मंदिरों में हरिजनों के जाने के अधिकार के लिए भी आंदोलन किया। 23 साल की उम्र में उनका विवाह विमला देवी के साथ हुआ। उसके बाद उन्होंने गांव में रहने का फैसला किया और पहाड़ियों में एक आश्रम खोला, बाद में उन्होंने टिहरी के आसपास के इलाके में शराब के खिलाफ मोर्चा खोला। 1960 के दशक में उन्होंने अपना ध्यान वन और पेड़ की सुरक्षा पर केंद्रित किया।Sundarlal Bahuguna Passes Away : Sundarlal Bahuguna Spent His Whole Life  For Environment Saving - उत्तराखंड : सुंदरलाल बहुगुणा ने विश्वभर की यात्रा  कर चिपको आंदोलन को 107 देशों तक ...

पर्यावरण सुरक्षा के लिए 1970 में शुरू हुआ आंदोलन पूरे भारत में फैलने लगा। चिपको आंदोलन उसी का एक हिस्सा था। गढ़वाल हिमालय में पेड़ों के काटने को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन बढ़ रहे थे। 26 मार्च, 1974 को चमोली जिला की ग्रामीण महिलाएं उस समय पेड़ से चिपककर खड़ी हो गईं जब ठेकेदार के आदमी पेड़ काटने के लिए आए। यह विरोध प्रदर्शन तुरंत पूरे देश में फैल गए। 1980 की शुरुआत में बहुगुणा ने हिमालय की 5,000 किलोमीटर की यात्रा की। उन्होंने यात्रा के दौरान गांवों का दौरा किया और लोगों के बीच पर्यावरण सुरक्षा का संदेश फैलाया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भेंट की और इंदिरा गांधी से 15 सालों तक के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके बाद पेड़ों के काटने पर 15 साल के लिए रोक लगा दी गई।

बहुगुणा ने टिहरी बांध के खिलाफ आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कई बार भूख हड़ताल की। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिंहा राव के शासनकाल के दौरान उन्होंने डेढ़ महीने तक भूख हड़ताल की थी। सालों तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद 2004 में बांध पर फिर से काम शुरू किया गया। उनका कहना है कि इससे सिर्फ धनी किसानों को फायदा होगा और टिहरी के जंगल में बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि भले ही बांध भूकंप का सामना कर लेगा लेकिन यह पहाड़ियां नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले से ही पहाड़ियों में दरारें पड़ गई हैं। अगर बांध टूटा तो 12 घंटे के अंदर बुलंदशहर तक का इलाका उसमें डूब जाएगा। बहुगुणा को 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार, 1987 में Right Livelihood Award, 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण पुरष्कार से नवाजा गया |

मुनस्यारी : कोविड नियंत्रण समिति सक्रियता, स्वास्थ विभाग ने हाईस्कूल बुई में कैम्प लगाकर किया 44 लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट

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‘पुलिस उपाधीक्षक राजन सिंह रौतेला ने दरकोट गांव पहुंच, होम आइसोलेशन में रहने वाले 6 परिवारों को दिया राशन, सब्जी आदि सामान’

मुनस्यारी, कोविड नियंत्रण के लिए बनी समितिया अपने रौल में आ गई है। खसियाबाड़ा तथा वल्थी में आज समिति की बकायदा बैठक हुई। रालम, बुई, पातो के लोगों की कोविड जांच में दो पोजिटिव मिले। पुलिस उपाधीक्षक राजन सिंह रौतेला ने आज दरकोट गांव पहुंचकर होम आइसोलेशन में रहने वाले 6 परिवारों को राशन, सब्जी आदि सामान दिया। सीमांत ने कोरोना को हराने के लिए कमर कस ली है। स्वास्थ विभाग ने हाईस्कूल बुई में कैम्प लगाकर 20 लोगों का आरटीपीसीआर जांच तथा 44 लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया। रैपिड़ में दो लोग पोजेटिव निकले। जिन्हें होम आइसोलेशन किया गया।

आज खसियावाडा तथा वल्थी में कोविड नियंत्रण समिति की बैठक में कोविड से निपटने के लिए योजना बनाई गई। दरकोट में होम आइसोलेशन में रह रहे कूल 6 परिवारों को पुलिस उपाधीक्षक ने गांव में जाकर राशन वितरण किया।
सीमांत क्षेत्र में कोविड को मात देने के लिए पंचायत प्रतिनिधियो ने पहल को तेज कर दिया है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य कविता कोरंगा ने आशा न आंगनबाड़ी कार्यकत्री के साथ मिलकर कोविड नियंत्रण में लगी है। पापड़ी के ग्राम प्रधान चरन सिंह पापड़ा भी आशा कार्यकत्री के साथ में इस जंग के मैदान में है।
खसियाबाडा़ के ग्राम प्रधान के संजू धामी भी कोविड के खिलाफ़ जंग ए मैदान में उतर चुके है। हर गांव की रोज रिर्पोट आ रही है, जिसे देखकर आगामी रणनीति बनायी जा रही है।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि ग्राम स्तर पर कोविड का रोकथाम से यह नियंत्रण में आयेगा। कहा कि सीमांत को कैसे सुरक्षित कर सकते है। इसके लिए पल पल का अपडेट लिया जा रहा है।

कोविड-काल में रसोई गैस की खपत बढ़ी, पेट्रोल-डीजल की घटी

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नयी दिल्ली, कोविड-19 महामारी के दौरान देश में पेट्रोल और डीजल की खपत में कमी आई है, जबकि रसोई गैस की खपत बढ़ गई है।

वित्त वर्ष 2020-21 में देश में पेट्रोल की खपत 280 लाख टन रही। इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 में 300 लाख टन पेट्रोल बिका था। इस प्रकार इसकी बिक्री 6.67 प्रतिशत कम हुई। इस दौरान उत्पादन 386 लाख टन से घटकर 358 लाख टन पर आ गया।

इसी तरह डीजल की खपत भी 2019-20 के 8.26 करोड़ टन से 11.99 प्रतिशत कम होकर 7.27 करोड़ टन रह गई। डीजल का उत्पादन भी एक साल पहले के 11.11 करोड़ टन की तुलना में 10.04 करोड़ टन रहा।

देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम.एम. वैद्य ने कंपनी के तिमाही परिणामों की घोषणा के दौरान बताया कि इस समय पेट्रोल-डीजल की मांग सामान्य दिनों की तुलना में 15-20 प्रतिशत कम है। हालांकि रसोई गैस की मांग करीब पांच प्रतिशत बढ़ी है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में एलपीजी की खपत 276 लाख टन रही। यह वित्त वर्ष 2019-20 के 263 लाख टन से 4.94 प्रतिशत अधिक है। हालांकि एलपीजी का उत्पादन 128 लाख टन से घटकर 121 लाख टन रह गया। इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 में एलपीजी की खपत 5.62 फीसदी बढ़ी थी।

कोविड-19 के कारण पिछले साल मार्च के आखिरी सप्ताह में देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था। मई से इसमें धीरे-धीरे छूट दी गई थी, लेकिन महामारी की दूसरी लहर के कारण एक बार फिर कई राज्यों में पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन है। इससे पेट्रोल-डीजल की मांग प्रभावित हो रही है।

उड़ानों पर प्रतिबंधों के कारण विमान ईंधन की मांग खासी प्रभावित हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में इसकी खपत मात्र 37 लाख टन रही। एक साल पहले इसकी खपत 80 लाख टन थी। इस प्रकार इसमें 53.75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

ITR दाखिल करने के लिए 7 जून को लॉन्च होगा नया पोर्टल, मिलेंगी खास सुविधाएं

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नई दिल्ली, आयकर विभाग अगले महीने की शुरुआत में करदाताओं के लिए एक नया ई-फाइलिंग वेब पोर्टल पेश करने की तैयारी कर रहा है, जिसका इस्तेमाल आईटीआर दाखिल करने और अन्य कर संबंधी कार्यों के लिए किया जा सकेगा। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि नया पोर्टल अधिक सुविधाजनक होगा। मौजूदा वेब पोर्टल एक जून से छह जून तक बंद रहेगा।

विभाग के सिस्टम विंग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि पुराने पोर्टल से नए पोर्टल पर जाने का काम पूरा हो जाएगा और सात जून तक इसे चालू कर दिया जाएगा।

आदेश में अधिकारियों से कहा गया है कि वे कोई भी सुनवाई या शिकायत के निपटारे के लिए 10 जून के बाद की तारीख तय करें, ताकि तब तक करदाता नए सिस्टम को अच्छी तरह समझ लें। आदेश में यह भी कहा गया कि इसबीच करदाता और विभाग के अधिकारी के बीच निर्धारित कोई भी कार्य स्थगित जा सकता है।

अच्छी खबर : कर्मचारियों के लिए तोहफा, केंद्र सरकार जून में कर सकती है DA बढ़ोतरी का ऐलान

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नई दिल्ली, केंद्रीय कर्मचारियों के सातवें वेतन आयोग के तहत रुके हुए महंगाई भत्ते पर जनवरी से रोक लगी हुई है। हालांकि कर्मचारियों को इसके लिए अब और ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। केंद्र सरकार DA में बढ़ोतरी का ऐलान जून में कर सकती है। नेशनल काउंसिल-JCM-स्टाफ साइड ने इस बारे में जानकारी दी है। DA में इजाफे के बाद कर्मचारियों की सैलरी कम से कम 4 फीसदी बढ़ जाएगी।

JCM-स्टाफ साइड सेक्रेटरी शिवा गोपाल मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार DA में बढ़ोतरी का ऐलान जून में कर सकती है। इससे बेसिक सैलरी में कम से कम 4 परसेंट का इजाफा होगा। कर्मचारियों के डीएए इजाफे को लेकर नेशनल काउंसिल लगातार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) के अधिकारियों से बातचीत कर रहा है।

विभाग के मुताबिक, देशभर में फैली कोरोना की दूसरी लहर की वजह से डीए के इजाफे में देरी हो रही है। पहले महंगाई भत्ते में इजाउा अप्रैल तक होना था, लेकिन कोरोना संकट के चलते यह अब जून तक हो सकता है।

शिवा गोपाल मिश्रा का कहना है कि इससे केंद्रीय कर्मचारियों के 7th CPC पे मैट्रिक्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स का DA, DR जून 2021 तक फ्रीज करके रखा हुआ है। मार्च 2021 में राज्य सभा में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि DA, DR बढ़ोतरियों को फिर से 1 जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा, इसलिए अगर 1 जनवरी 2021 का DA बढ़ोतरी आज ऐलान हो भी जाता है तो ये शुरू 1 जुलाई 2021 से ही होगा।

शिवा गोपाल मिश्रा ने कहा कि DA में इजाफे की बात की जाए तो उम्मीद है कि कैलकुलेशन के हिसाब से जुलाई से दिसंबर 2020 के लिए औसत महंगाई करीब 3.5 परसेंट रही है तो इस हिसाब से इसमें करीब 4 फीसदी का इजाफा हो सकता है।

अगर पेंडिंग किस्तों की बात की जाए तो शिवा गोपाल मिश्रा ने कहा कि इस बारे में लगातार अधिकारियों से बातचीत हो रही है और जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा। हमने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि वो कर्मचारियों को DA की बकाया तीन किस्तों को अगर एक साथ देने में समर्थ नहीं हैं तो उसे कई हिस्सों में भी दे सकते हैं(साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।

PNB ग्राहकों के लिए Good News, बैंक ने घटा दिए इन Services के चार्ज- फटाफट करें चेक

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नई दिल्ली, कोरोना काल में पीएनबी बैंक ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। दरअसल, बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए डोरस्टेप बैंकिंग के चार्जेस घटा दिए है। बैंक ने यह जानकारी एक ट्वीट के जरिए दी। यानी अब पीएनबी ग्राहकों को डोरस्टेप बैंकिंग के जरिए कैश मंगवाने के लिए सिर्फ 50 रुपये देने होंगे।

पीएनबी की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, डोर स्टैप बैंकिंग सर्विस के तहत मिल रही कैश निकालने की सर्विस फायदा महज 50 रुपये में उठाया जा सकता है। फीस में छूट मई और जून महीने के लिए लागू है। साथ ही, महीने में सिर्फ दो बार ही 50 रुपये चार्जेस के साथ कैश निकालने की सुविधा का फायदा उठाया जा सकता है।

डोरस्टेप बैंकिंग में सुविधाएं
– नकदी प्राप्ति (कैश पिकअप)
– नकदी सुपुर्दगी
– चैक प्राप्त करना (पिकअप)
– चैक मांग –पर्ची लेना
– फार्म 15 एच लेना
– ड्राफ्ट की सुपुर्दगी
– मियादी जमा सूचना की सुपुर्दगी
– जीवन प्रमाणपत्र लेना
– केवाईसी दस्तावेजों का लेना

डोरस्टेप बैंकिंग सर्विस के लिए कैसे रजिस्टर करें
अगर आप भी PNB की डोर-स्टेप बैंकिंग के जरिए मंगवाने का फायदा उठाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको रजिस्टर्ड होना पड़ेगा, तो नीचे दिए गए प्रोसेस को फॉलों करें, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया से पहले एक बात ध्यान रहे कि आपके बैंक अकाउंट से मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड होना चाहिए।

1. खुद को रजिस्टर करने के लिए आप Toll-Free नंबर 1800-10-37-188 या 1800-12-13-721 पर कॉल कर सकते हैं
2. लैपटॉप पर www.psbdsb.in पर जाकर भी खुद को रजिस्टर कर सकते हैं
3. मोबाइल में DSB मोबाइल ऐप को डाउनलोड करके आप खुद को रजिस्टर कर सकते हैं।

मोबाइल ऐप पर लॉग-इन करें और अपनी बैंक डिटेल्स को सेलेक्ट करें, आपके पास वैलिडेशन के लिए एक OTP आएगा, इसको दर्ज करें। जब वैलिडेशन पूरा हो जाएगा तब ऐप पर बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, खाताधारक का नाम, अकाउंट टाइप और ब्रांच नाम आएगा(साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।

दिल्ली : मेट्रो के पास धंसी सड़क, गड्ढे में समा गया पूरा ट्रक, देखिये वीडियो

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नयी दिल्ली, राजधानी दिल्ली में एक दिन पहले हुई भारी बारिश के कारण धनसा स्टैंड मेट्रो स्टेशन के नजदीक फुटपाथ के साथ सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया जिसमें एक ट्रक पलट गया। इसके बाद दिल्ली के परिवहन मंत्री ने घटना के जांच के आदेश दिये। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। परिवहन विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बृहस्पतिवार को धनसा स्टैंड मेट्रो स्टेशन और खैरा क्रॉसिंग पर डीएमआरसी निर्माण स्थल का दौरा किया, जहां कल रात भारी बारिश के दौरान सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था जिससे आसपास की इमारतों को नुकसान पहुंचा।’

बयान में कहा गया है कि सड़क धंसने से बने गड्ढे में वहां से गुजर रहा एक ट्रक में गिर गया लेकिन इसमें किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार भीषण चक्रवाती तूफान ताउते के प्रभाव के कारण दिल्ली में बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुए पिछले 24 घंटे के दौरान रिकॉर्ड 119.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे मई के सभी पहले के रिकार्ड टूट गए। पुलिस के मुताबिक बुधवार देर रात इस हादसे के बारे में जानकारी मिली,
भारी बारिश के कारण सड़क का एक हिस्सा धंस गया जिसके कारण बारिश का पानी आस-पास की कई दुकानों और इमारतों में घुस गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘एक ट्रक धंसी हुई सड़क के हिस्से में गिर गया। इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।’’ उन्होंने बताया कि प्राधिकारियों द्वारा ट्रक को बाहर निकाल दिया गया और इस बारे में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को भी जानकारी दे दी गयी। आस-पास की तीन इमारतों में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम के इस हादसे के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘बुधवार देर रात भारी बारिश के कारण एक नाला टूट गया जिसकी वजह से धनसा स्टैंड मेट्रो स्टेशन के नजदीक खैरा रोड पर फुटपाथ समेत सड़क का एक हिस्सा धंस गया।’’ इस हादसे के कारण पास की एक इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। इसमें किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है और मरम्मत कार्य की निगरानी के लिए डीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं।

दु:खद : पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का एम्स में निधन

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देहरादून, प्रख्यात पर्यावरणविद् एवं स्वाधीनता सेनानी सुंदरलाल बहुगुणा का कोरोना से निधन हो गया है, 94 वर्षीय बहुगुणा पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे थे। उनके निधन से देश-दुनिया सहित उत्तराखंड में शोक की लहर छा गई है, देश-दुनिया में विख्यात चिपको आंदोलन के प्रणेता, पर्यावरणविद् एवं स्वाधीनता सेनानी सुंदरलाल बहुगुणा कोरोना संक्रमित होने के बाद बीते 8 मई को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराए गए थे। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की गहन निगरानी में उनका उपचार चल रहा था। बताया गया कि तमाम प्रयासों के बाद भी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो पाया और आज पूर्वाहन उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली।

सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी, कोरोना संक्रमितों से 10 मीटर तक फैल सकता है संक्रमण

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नई दिल्ली, । हवा से कोरोना संक्रमण की खबरें तो पहले ही आ गई थीं। अब सरकार की ओर से आगाह किया गया है कि संक्रमण हवा में 10 मीटर तक जा सकता है। इससे बचाव के लिए शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन के साथ-साथ सही वेंटिलेशन यानी घरों में खुली हवा आने की व्यवस्था रखने का सुझाव दिया गया है। देश के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजयराघवन की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर यह नई एडवाइजरी ऐसे समय जारी की गई है, जब वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं।

एयरोसोल के फैलाव को लेकर देश के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने जारी की एडवाइजरी

एडवाइजरी की अहम बात यह है कि अब तक संक्रमण से बचाव के लिए दो गज दूरी की ही बात की जाती थी। लेकिन इस नई रिपोर्ट में साफ किया गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ड्रापलेट (मुंह से निकलने वाले सूक्ष्म द्रव्य कण) दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि ड्रापलेट के फटने के बाद हवा में एयरोसोल 10 मीटर तक जा सकते हैं। इसी कारण वेंटिलेशन पर जोर दिया गया है। खासकर आफिसों, शापिंग सेंटर, दुकान आदि में जहां लोगों की भीड़ जुटती है।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वेंटिलेशन को बताया अहम हथियार

एडवाइजरी में कहा गया है कि यह ठीक वैसे ही है जैसे कोई गंध वेंटिलेशन बेहतर होने पर ज्यादा देर तक एक जगह नहीं रहती। वैसे ही यदि कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति वहां आ भी गया है तो वेंटिलेशन होने पर संक्रमण से बचा जा सकता है। खुले स्थान पर संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके साथ ही सैनिटाइजेशन पर भी जोर दिया गया है।

इसमें बताया गया है कि कोरोना का यह वायरस ड्रापलेट आदि के जरिये निकलकर सतह पर फैल जाता है। इस दौरान यह प्लास्टिक, कांच और स्टेनलेस स्टील पर ज्यादा समय तक सक्रिय रहता है। ऐसे में कुछ भी छूने के बाद हाथ धोना चाहिए या फिर उसे सैनिटाइज करें।

पौड़ी : काली स्कार्पियो के आते फ्रंटलाइन वर्करों और जरूरतमंदों के चेहरे पर आती है मुस्कान, जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ सार्थक प्रयास

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पौड़ी, कोरोना संकट की इस घड़ी में हरकोई संक्रमण से बचने के उपाय में लगा है, वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना संक्रमितों और फ्रंट लाइन वर्कस की मदद को आगे आ रहे हैं, ऐसे ही सार्थक कार्य में लगी एक काले रंग स्कार्पियो जब भी किसी अस्पताल या चौराहे पर रुकती है तो यहां मौजूद फ्रंट लाइनवर्कस के चेहरे पर एक राहत भरी मुस्कान आ जाती है। क्योंकि इस स्कार्पियों से 24 घंटे कोरोना संक्रमण से लड़ने वाले इन फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए भोजन आता है। ये कोई सरकारी सुविधा नहीं है बल्कि जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ के कार्यकर्ता अपने संसाधनों से इस सेवा में जुटे हुए हैं।

कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों से इस वाहन में सबकी रसोई संचालित कर रहे हैं। श्रीनगर व आसपास के क्षेत्र में जरूरतमंदों के साथ ही कोरोना फ्रंटलाइन वर्कस को काले रंग की स्कार्पियोे का बड़ा इंतजार रहता है। जहां 24 घंटे ड़यूटी कर रहे कोरोना फ्रंट लाइन वर्कस को खाना बनाना तो दूर खाने तक का समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ के कार्यकर्ता इनवर्कस को कार्यस्थल पा जाकर भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। ये कार्यकर्ता हर दिन 20 से 25 किमी. के दायरे में घूम कर 400 से अधिक लोगों को खाना खिला रहे हैं।

जय हो छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष आयुष मिंया व बिडला परिसर छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत ने बताया कि कोविड कफ्र्यू के दौरान होटल आदि बंद रहने से भोजन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती थी। हमने मरीजों के तीमारदारों के साथ ही कोविड डयूटी कर रहे पुलिस के जवानों, मेडिकल स्टाफ को भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस कार्य में होटल व्यवसाई विपिन रावत ने हमें अपना रेस्टोरेंट उपलब्ध कराया। जहां हमने सबकी रसोई स्थापित की। आयुष व अंकित ने बताया कि हमारी टीम में करीब 6 लोग हैं। हम प्रति दिन 400 लोगों को खाना बांट रहे हैं। इस कार्य में क्षेत्र के लोग भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। अब तक चार लाख से अधकि खर्च हो चुका है। पुलिस कर्मियों व मेडिकल स्टाफ के लिए ये युवा शाम की चाय भी वितरित करते हैं। करीब 15 दिनों से यह सिलसिला चल रहा है। अब प्रत्येक फ्रंटलाइन वर्क के साथ ही जरूरतमंदों को इस काली स्कार्पियों का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। युवाओं की इस पहल को स्थानीय निवासी व अधिकारी भी खूब सराह रहे हैं।