Friday, March 29, 2024
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पौड़ी : काली स्कार्पियो के आते फ्रंटलाइन वर्करों और जरूरतमंदों के चेहरे पर आती है मुस्कान, जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ सार्थक प्रयास

पौड़ी, कोरोना संकट की इस घड़ी में हरकोई संक्रमण से बचने के उपाय में लगा है, वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो कोरोना संक्रमितों और फ्रंट लाइन वर्कस की मदद को आगे आ रहे हैं, ऐसे ही सार्थक कार्य में लगी एक काले रंग स्कार्पियो जब भी किसी अस्पताल या चौराहे पर रुकती है तो यहां मौजूद फ्रंट लाइनवर्कस के चेहरे पर एक राहत भरी मुस्कान आ जाती है। क्योंकि इस स्कार्पियों से 24 घंटे कोरोना संक्रमण से लड़ने वाले इन फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए भोजन आता है। ये कोई सरकारी सुविधा नहीं है बल्कि जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ के कार्यकर्ता अपने संसाधनों से इस सेवा में जुटे हुए हैं।

कार्यकर्ता पिछले 15 दिनों से इस वाहन में सबकी रसोई संचालित कर रहे हैं। श्रीनगर व आसपास के क्षेत्र में जरूरतमंदों के साथ ही कोरोना फ्रंटलाइन वर्कस को काले रंग की स्कार्पियोे का बड़ा इंतजार रहता है। जहां 24 घंटे ड़यूटी कर रहे कोरोना फ्रंट लाइन वर्कस को खाना बनाना तो दूर खाने तक का समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में जय हो छात्र संगठन व उत्तराखंड महासंघ के कार्यकर्ता इनवर्कस को कार्यस्थल पा जाकर भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। ये कार्यकर्ता हर दिन 20 से 25 किमी. के दायरे में घूम कर 400 से अधिक लोगों को खाना खिला रहे हैं।

जय हो छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष आयुष मिंया व बिडला परिसर छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत ने बताया कि कोविड कफ्र्यू के दौरान होटल आदि बंद रहने से भोजन की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती थी। हमने मरीजों के तीमारदारों के साथ ही कोविड डयूटी कर रहे पुलिस के जवानों, मेडिकल स्टाफ को भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस कार्य में होटल व्यवसाई विपिन रावत ने हमें अपना रेस्टोरेंट उपलब्ध कराया। जहां हमने सबकी रसोई स्थापित की। आयुष व अंकित ने बताया कि हमारी टीम में करीब 6 लोग हैं। हम प्रति दिन 400 लोगों को खाना बांट रहे हैं। इस कार्य में क्षेत्र के लोग भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। अब तक चार लाख से अधकि खर्च हो चुका है। पुलिस कर्मियों व मेडिकल स्टाफ के लिए ये युवा शाम की चाय भी वितरित करते हैं। करीब 15 दिनों से यह सिलसिला चल रहा है। अब प्रत्येक फ्रंटलाइन वर्क के साथ ही जरूरतमंदों को इस काली स्कार्पियों का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। युवाओं की इस पहल को स्थानीय निवासी व अधिकारी भी खूब सराह रहे हैं।

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