Thursday, May 8, 2025
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कोरोना संकट : केरल में 30 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, कर्नाटक में 7 जून तक बढ़ा

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नई दिल्ली, एएनआइ। केरल में लॉकडाउन को 30 मई तक बढ़ा दिया गया है। तिरुअनंतपुरम, एर्नाकुलम और त्रिशूर में ट्रिपल लॉकडाउन कल से वापस ले लिया जाएगा क्योंकि यहां कोरोना के सक्रिय मामलों में कमी आई है। मलप्पुरम में ट्रिपल लॉकडाउन जारी रहेगा। राज्य के बाकि हिस्सों में लॉकडाउन 30 मई तक जारी रहेगा। यह जानकारी केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दी है।

वहीं, कर्नाटक में 7 जून तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि हमने वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसके बाद हमने लॉकडाउन पर फैसला लिया है। 24 मई तक हमारे पास सख्त प्रतिबंध थे। विशेषज्ञों की राय के अनुसार अब हम 7 जून को सुबह 6 बजे तक सख्त प्रतिबंध बढ़ा रहे हैं। बता दें कि कर्नाटक इन दिनों कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है। राज्य में कोरोना के कुल मामलों और उससे हुई मौत के मामलों मे से एक-तिहाई राज्य में दूसरी लहर के दौरान यानी पिछले ढाई महीने में सामने आए हैं। दूसरी लहर में बच्चे, किशार और युवक काफी संक्रमित हुए और कई की इससे मौत भी हो गई।

 

केरल में पिछले 24 घंटे के अंदर कोरोना के करीब तीस हजार नए मामले

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लॉकडाउन के बढ़ाए जाने का ऐलान करते हुए कोरोना के पिछले 24 घंटे में सामने आए मामलों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 29,673 मामले सामने आ रहे हैं। 41,032 लोग बीमारी से और ठीक हो गए हैं, जबकि इस दौरान 142 लोगों की जान चली गई।

बागेश्वर : मकान पर विशाल वृक्ष गिरा, महिला और बच्चे की मौत, सात लोग हुये घायल

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बागेश्वर, उत्तराखंड़ के बागेश्वर से शुक्रवार तड़के सातरतबे के गुनाकोट में मकान पर विशाल वृक्ष गिरने की खबर है, इस घटना में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई जबकि सात लोग घायल हुए हैं।

पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम ने तड़के ही गांव पहुंचकर राहत और बचाव का काम किया। घायलों को जिला अस्पताल में इलाज किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सातरतबे क्षेत्र के गुनाकोट में शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे एक विशालकाय पेड़ कैलाश राम के मकान पर गिर गया। जोरदार आवाज के साथ मकान क्षतिग्रस्त हो गया। मकान पर पेड़ गिरने की आवाज सुनकर गांव के लोग मौके पर एकत्र हो गए,

इस दौरान लोगों में अफरातफरी मच गई। लोग तुरंत राहत और बचाव के काम में जुट गए। परिवार के लोग मलबे में दबे हुए थे। अंधेरा होने से राहत और बचाव के काम में दिक्कत आई। सूचना पर पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। सूचना पर 108 वाहन भी गांव में पहुंच गई। तब तक ग्रामीणों ने मलबे के नीचे दबे लोगों को निकाल लिया था।

गंभीर रूप से घायल गीता देवी (45) पत्नी कैलाश राम, आदित्य (10) पुत्र गणेश राम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि कैलाश राम (54) पुत्र मोहन राम, पूरन कुमार (31) पुत्र मोहन राम, मनोज कुमार (20) पुत्र मोहन राम, निर्मला देवी (35) पुत्री मोहन राम, रेनू (26) पुत्री कैलाश राम, मोहन राम (80) पुत्र बची राम और हरियाणा के झिराना निवासी अशोक कुमार पुत्र अमर सिंह घायल हो गए, घायलों का अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। एसडीएम योगेंद्र सिंह के अनुसार मृतकों के परिजनों और घायलों को नियमानुसार मदद दी जाएगी।
लगातार बारिश की वजह से बेलुवाखान में आवसीय परिसर ध्वस्त हो गया है। अब यहां आवास गिरने का खतरा बन गया है।

उत्‍तराखंड : अब प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होगी कोरोना जांच, शासन ने जारी किए आदेश

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देहरादून, राज्य में कोरोना वायरस के पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में भी कोरोना की जांच होगी। इसके लिए शासन ने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हो रही है।

इस वर्ष उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में खासी वृद्धि दर्ज की गई है। खासकर पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया है कि शहर के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के मामले बहुतायत में आ रहे हैं।

ऐसे में यह जरूरी है कि कोरोना जांच की सुविधा हर क्षेत्र में पहुंचाई जाए। इसके लिए उन्होंने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने जनपद के सभी सीएचसी और पीएचसी में रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था बनाएं, इस समय राज्य में फिलवक्त 578 पीएचसी और 79 सीएचसी हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के अलावा महामारी के इस दौर में सुरक्षित प्रसव भी एक चुनौती है। इसके लिए विशेषज्ञों ने निचले स्तर पर कोरोना जांच की पैरवी की है। जिससे गर्भवती के रेफरल अस्पताल पहुंचने पर उसके कोविड अथवा नॉन-कोविड होने की जानकारी रहे और उसके भर्ती होने व उपचार शुरू करने में कम वक्त लगे।

नई दिल्ली : देश में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) से पीड़ित मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी, एहतियात बरतने के निर्देश जारी

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नई दिल्ली, देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इस बात को लेकर केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट भी भेजी जा रही है |

शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने उनसे जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं |

राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को लिखी गई चिट्ठी में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि देश के सभी अस्पतालों में उनके प्रमुखों या प्रशासकों की अध्यक्षता में संक्रमण नियंत्रण समिति का गठन किया जाए, इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ संक्रमण नियंत्रक नर्स या माइक्रोबायोलॉजिस्ट को संक्रमण निरोधक और नियंत्रण नोडल अफसर के तौर पर नियुक्त किया जाए |

उन्होंने यह भी कहा है कि अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के अनुसार हेल्थकेयर फैसिलिटी के तहत संक्रमण के नियंत्रण के लिए जारी राष्ट्रीय दिशानिर्देश के आधार पर संक्रमण निवारण एवं नियंत्रण (आईपीसी) कार्यक्रम की शुरुआत की जाए. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण नियमावली तैयार कर ली जानी चाहिए |

इसके अलावा, रोगाणुरोधी उपयोग और प्रबंधन को लेकर जरूरी दिशानिर्देश, शैक्षिक कार्यक्रम और रणनीतियां, संक्रमण से होने वाले जोखिम मूल्यांकन और प्रबंधन, योजना निगरानी और प्रतिक्रिया एवं कार्यान्वयन रणनीतियों को तैयार कर लिया जाना चाहिए |

 

राज्य में कृषकों की आय में वृद्धि के लिए हर्बल एवं मेडिसनल प्लांट के उत्पादों को बढ़ाया जाय : मुख्यमंत्री

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देहरादून, मुख्यमंत्री  तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान तथा उत्तराखण्ड संगन्ध पौधा केन्द्र (कैप) सेलाकुई की योजनाओं की समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए एग्रीकल्चर एवं हार्टिकल्चर के साथ हर्बल उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के साथ ही इसकी प्रशिक्षण की व्यवस्था भी जाय। किसानों की मदद कैसे की जा सकती है, इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। किसानों को अच्छी गुणवत्ता के प्लांटिंग मैटीरियल उपलब्ध हों। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से अलग-अलग प्रजातियों के उत्पादों के कलस्टर बनाये जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कैप की शोध एवं विकास टीम द्वारा बनाये गये ‘गनिया’ हर्बल हैण्ड सेनिटाइजर को लाँच किया।

जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियो को निर्देश दिये कि कुछ बड़े उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय। तीन-चार ऐसे उत्पाद चयनित किये जाय, जिससे उत्तराखण्ड की देश में अलग पहचान बने। इसके लिए मार्केटिंग प्लान भी हो। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए उत्पादों को अलग पहचान देना जरूरी है। इसके लिए उत्पादों का चयन जल्द करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि 06 माह के अन्दर परिणाम दिखने शुरू हो जाय। एच.आर.डी.आई द्वारा आयुष विभाग की सहायता से जल्द एक हर्बल हीलिंग एवं वैलनेस सेंटर की स्थापना की जाय। उत्तराखण्ड की हर्बल आधारित स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जाय।

उत्तराखण्ड संगंध पौधा केन्द्र की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कैप के जो 109 कलस्टर बने हैं, उनमें से कई कलस्टर एच.आर.डी.आई के लिए भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं। एच.आर.डी.आई एवं कैप दोनों में वैल्यू चैन मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाय। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा उठाने के लिए सटीक प्रोजक्ट बनाये जाय। आगामी 06 माह में हाईटैक नर्सरी के निर्माण, एरोमा पार्क नीति एवं इण्डस्ट्रियल एवं मेडिसनल हैम्प की नीति की दिशा में तेजी से कार्य किया जाय।

राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार कलस्टर बनाये जाय।
हर्बल हीलिंग एवं वैलनेस सेंटर की स्थापना जल्द की जाय।
अच्छी गुणवत्ता के प्लांट मैटीरियल उपलब्ध कराये जाय।

बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड संगंध पौध केन्द्र से प्रदेश के 21 हजार किसान जुड़े हैं। प्रदेश में 109 कलस्टर बनाये गये हैं। इसके अन्तर्गत परित्यक्त भूमि के पुनर्वास, बाउन्ड्री फसल के रूप में डैमस्क गुलाब का कृषिकरण, मिश्रित खेती के रूप में जापानी मिन्ट का कृषिकरण, वानिकी फसल के रूप में तेजपात के कृषिकरण एवं अल्प अवधि के रूप में कैमोमिल व अन्य फसलों के कृषिकरण की ओर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। कैप का सीएजीआर 37 प्रतिशत है। जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान से प्रदेश के 26 हजार किसान जुड़े हैं। सीमान्त जनपदों चमोली, उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ में जड़ी-बूटी अनुसंधान एवं विकास का अनुश्रवण व पर्यवेक्षण हेतु 03 केन्द्रों की स्थापना की गई है । संस्थान की मण्डल पौधशाला में 12 विभिन्न औषधीय उद्यानों के मॉडल की स्थापना की गई हैं। संस्थान मुख्यालय मण्डल में म्यूजियम तथा हर्वेरियम की स्थापना की गई है। संस्थान द्वारा 6 हर्बल चाय यथा मार्निंग हर्बल टी, इवनिंग हर्बल टी, नाईट हर्बल टी, क्वीन हर्बल टी, किंग हर्बल टी एवं हिपोफी हर्बल टी की तकनीकी हस्तानान्तरण हेतु निर्माण किया गया। प्रदेश के काश्तकारों हेतु 38 प्रजातियों की संक्षिप्त कृषि तकनीक की बुकलेट का प्रकाशन किया गया। 100 औषधीय उत्पादों को विकसित किये जाने हेतु शोध एवं विकास की कार्यवाही चल रही है।

बैठक में कृषि एवं उद्यान मंत्री  सुबोध उनियाल, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार  शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सलाहकार  आर.बी.एस.रावत, अपर मुख्य सचिव, मनीषा पंवार, सचिव  हरबंस सिंह चुघ, निदेशक उद्यान डॉ.एच.एस.बवेजा, सगन्ध पौधा केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. नृपेन्द्र चौहान, जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ सी.एस. सनवाल आदि उपस्थित थे।

कोरोना अपडेट : उत्तराखंड में आज 3626 मिले कोरोना संक्रमित, 70 लोगों की हुई मौत

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देहरादून, उत्तराखंड़ कोरोना कर्फ्यू में सख्ती दिखाने और गाइड लाइन का नियमानुसार पालन करने से कोरोना संक्रमण में दो दिन से राहत की खबर है, आज कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तरखंड में 3626 लोग कोरोना संक्रमित मिले है, जिसके बाद राज्य में कोरोना संक्रमित लोगो की संख्या 307566 हो गयी है जबकि प्रदेश में आज 70 लोगों की मौत हुई तो उत्तराखंड में एक्टिव केस की संख्या 63373 है तो वहीँ आज 8731 लोग रिकवर भी हुए है. आपको बताते चले अभी तक उत्तराखंड राज्य के जनपद अल्मोड़ा में 187, बागेश्वर 215, चमोली 238, चम्पावत 48, देहरादून 699, हरिद्वार 535, नैनीताल 555, पौड़ी 177, पिथौरागढ़ 178, रुद्रप्रयाग 193, टिहरी 129, उधमसिंहनगर 383 और उत्तरकाशी में 89 मरीज मिले हैं।

खास खबर : उत्तराखण्ड़ शासन में आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले

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देहरादून, उत्तराखंड़ शासन में कोविड संकट के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले जारी हैं, सरकार ने आज भी आईएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले किये हैं |

आईएएस विशाल मिश्रा से हटा नगर आयुक्त काशीपुर का अतिरिक्त प्रभार, आईएएस आकांक्षा वर्मा बनी डिप्टी कलेक्टर उधम सिंह नगर,आयुक्त काशीपुर का भी अतिरिक्त प्रभार मिला,
पीसीएस देव कृष्ण तिवारी से हटा अप्पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग देहरादून का प्रभार,
पीसीएस अनिल कुमार चन्याल बने प्रधान प्रबंधक नादेही चीनी मिल, पीसीएस सीमा विश्वकर्मा बनी डिप्टी कलेक्टर अल्मोड़ा, सचिवालय सेवा के सुरेश चंद्र जोशी बने अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग देहरादून बनाया है |

भाजपा पार्षद दल ने एमएनए को ज्ञापन देकर की शीघ्र नाला सफाई की मांग

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हरिद्वार 21 मई (कुलभूषण)  आगामी वर्षाकाल के दृष्टिगत नगर निगम क्षेत्र स्थित सभी नालों की सफाई को लेकर भाजपा पार्षद दल ने एमएनए कौस्तुभ मिश्रा को ज्ञापन देकर युद्ध स्तर पर नाला सफाई कराने की मांग की।
एमएनए को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा पार्षद दल के उपनेता राजेश शर्मा ने कहा कि विगत दिवस हुई बारिश ने मेयर के नाला सफाई कार्यों की पोल खोल दी हैं।

उपनेता अनिरुद्ध भाटी ने कहा कि अनेक बार मेयर को आग्रह करने व बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद भी नाला सफाई का कार्य जमीनी स्तर पर प्रारम्भ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले से मिली 4 मशीनों का प्रयोग भी नाला सफाई के लिए किया जाना चाहिए। साथ ही बड़े नालों के लिए टेण्डर अथवा आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था होनी चाहिए।
पार्षद विनीत जौली व ललित सिंह रावत ने कहा कि सड़कों से कूड़ा उठाने व नालों की सफाई से निकले मलबे को तुरन्त उठाने की व्यवस्था होनी चाहिए।

एमएनए कौस्तुभ मिश्रा ने इस संदर्भ में भाजपा पार्षद दल को आश्वासन देते हुए कहा कि नालों की सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर प्रारम्भ कराया जा रहा है। जहां 100 लोगों के नाला गैंग का गठन किया गया है वहीं नाला सफाई के लिए 3 जेसीबी की भी व्यवस्था की गयी है। क्षेत्रवार सेनेटरी इंस्पेक्टर को नाला सफाई की जिम्मेदारी दी गयी है। उन्हांेने कहा कि दो दिन के भीतर नाला सफाई का कार्य तेजी पकड़ लेगा।

इस अवसर पर पार्षद विवेक उनियाल, ललित सिंह रावत, विनित जौली, विकास कुमार विक्की, आशा सारस्वत, नितिन शर्मा, प्रशांत सैनी, नेपाल सिंह, राजेन्द्र कटारिया, शुभम मैंदोला, सचिन अग्रवाल, अनिल वशिष्ठ, पार्षद प्रतिनिधि विदित शर्मा, सचिन बेनीवाल, प्रीत कमल सारस्वत आदि ने एमएनए से अपने वार्ड में सफाई की समस्या रखी।

नई शिक्षा नीति में एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुन सकेंगे छात्र

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हरिद्वार 21 मई ( कुलभूषण ) केंद्र सरकार की नई  शिक्षा नीति में एनसीसी को प्रोत्साहन देने के प्रावधान के अंतर्गत यूजीसी और एआईसीटीई ने विद्यार्थियों को एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनने की मंजूरी दे दी है।  राष्ट्रीय कैडेट कोर से जुड़े कैडेट्स अब विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एन सी सी का वैकल्पिक विषय के रूप में चयन कर सकेंगे। इसके लिए महानिदेशक राष्ट्रीय कैडेट कोर की तरफ से सभी विश्वविद्यालय को पत्र जारी किया गया है।  महानिदेशक ने पत्र में स्पष्ट किया है कि अब एनसीसी को बहुत अधिक आकर्षक बनाने व युवाओं को बेहतरीन तरीके से प्रशिक्षित करने के साथ उनकी प्रतिभाओं को आत्मसात करने के लिए एनसीसी कैडेट को एनसीसी बतौर वैकल्पिक विषय में पढ़ाया जाएगा। महाविद्यालय व विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को एनसीसी वैकल्पिक विषय के रूप में चुनने की मंजूरी दे दी है।

विश्वविद्यालय स्तर पर कार्यान्वयन के तौर तरीकों पर काम किया जा रहा है। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अनुशासित बनाने व उनमें देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस कार्यक्रम में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने से अनुशासन और टीम भावना के मूल्य संवर्धन होगा।  एनसीसी के मूल पाठ्यक्रम में आने के बाद कैडेटों की मूलभूत शिक्षा को एक नई दिशा भी मिलेगी। इस प्रस्ताव से सभी एनसीसी कैडेटस में खुशी का माहौल है। वरिष्ठ शिक्षाविद और जानकार विशेषज्ञों ने इसे बहुत ही महत्वपूर्ण कदम माना है। देहरादून  स्थित एन सी सी  निदेशालय के ए डी जी  द्वारा ग्रुप कमांडर के नेतृत्व में कोर टीमों का गठन किया गया है।  एडीजी द्वारा उत्तराखंड राज्य के एनसीसी यूनिट के कमांडिंग अफसरों को सभी विश्वविद्यालयों और टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को एनसीसी की शुरुआत के लिए सामान्य वैकल्पिक पाठ्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।  पाठ्यक्रम में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल कर सकते हैं। जो छात्र एनसीसी कैडेट्स के रूप में दाखिला लेंगे वह एनसीसी प्रशिक्षण के लिए क्रेडिट बी और सी  प्रमाण पत्र के अलावा शैक्षणिक क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे।

बड़ी खबर : उत्तराखंड़ में स्टाफ नर्स की सीधी भर्ती टली, अब यह भर्ती हर जिले में आयोजित की जाएगी

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ में स्टाफ नर्स भर्ती टली, अब भर्ती में शामिल होने वाले अभ्यर्थी को मिलेगा फायदा, उत्तराखंड में स्टाफ नर्स की होने वाली सीधी भर्ती को फिलहाल जून तक के लिए टाल दिया गया है, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अभ्यर्थी की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब यह भर्ती उत्तराखंड के हर जिले में आयोजित की जाएगी, पहले यह भर्ती गढ़वाल और कुमाऊँ में दो जगह आयोजित होनी थी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोविड की स्थिति में अभ्यर्थियो की सुरक्षा व सुविधा को देखते हुए यह निर्णय लिया।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 28 मई को होने जा रही थी। बोर्ड द्वारा इसकी व्यवस्था करने के लिए अतिरिक्त समय देने का अनुरोध करने पर मुख्यमंत्री ने उक्त परीक्षा को स्थगित कर मध्य जून तक आयोजित करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान कोविड-19 संक्रमण की स्थिति में अभ्यर्थियो को आने जाने में असुविधा न हो,
आवास की परेशानी ना हो और एक साथ अधिक भीड़ न हो,
इसलिए यह परीक्षा सभी जनपदों में करायी जाए , साथ ही यह भी निर्देश दिये की सभी जनपदों में परीक्षा को ले कर तैयारी शीघ्र पूरी कर ली जायें ।