Thursday, May 1, 2025
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खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाया जाएः मुख्य सचिव

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देहरादून,  मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने मंगलवार को सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हुए, इसे राज्य की प्राथमिकता बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाया जाए। यह अभियान सिर्फ त्यौहारी सीजन को देखते हुए न हो, बल्कि इसे नियमित आधार पर चलाया जाए।

मुख्य सचिव ने फूड टेस्टिंग लैब बढ़ाए जाने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव ने कहा कि अभी राज्य में एक ही फूड टेस्टिंग लैब है, जो कि रूद्रपुर में है। उन्होंने अधिकारियों को देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में भी फूड टेस्टिंग लैब खोले जाने के नर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गढ़वाल एवं कुमाऊं हेतु एक-एक मोबाईल फूड टेस्टिंग लैब की व्यवस्था भी की जाए। साथ ही, फूड एडल्ट्रेशन को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलायी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक इसके प्रति आमजन जागरूक नहीं होगा तब तक फूड एडल्ट्रेशन को रोकना आसान नहीं होगा।

मिलावट को रोकने के लिए बनाए गए नियमों का अनुपालन हो सुनिश्चित

मुख्य सचिव ने होटल व्यवसायियों को स्वच्छता रेटिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाए, इसके लिए होने वाले व्यय को सरकार द्वारा वहन किए जाने हेतु प्रस्ताव लाया जाए। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए बनाए गए नियमों और मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग की जाए। होटल व्यवसायियों को इसके लिए जागरूक किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई के अभाव में मिलावट पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए लगातार सघन निरीक्षण अभियान के साथ ही मिलावटखोरों पर सख्त कानूनी कार्रवाई कर उदाहरण पेश किया जाए ताकि लोगों में मिलावटखोरी के प्रति भय हो, और इसे रोका जा सके।
इस अवसर पर सचिव श्री अमित नेगी एवं कमिश्नर फूड सेफ्टी डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में औद्योगिक कलस्टर के विकास में सिडबी करेगा 350 करोड़ की फंडिंग

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देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा अन्य अधिकारियों ने भेंट की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सिडबी से प्रदेश में औद्योगिक विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा करते हुए कहा कि राज्य का वातावरण उद्योगों के अनुकूल है। राज्य में बड़े उद्योगों के साथ एमएसएमई सैक्टर में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना हो यह हमारा उद्देश्य है। इसके लिये उद्योगों के अनुकूल नीतियां भी तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिडबी द्वारा दिये गये प्रस्ताव के संबंध में राज्य सरकार के स्तर पर जो भी कार्यवाही की जानी होगी वह प्राथमिकता के आधार पर की जायेगी।

सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सिडबी राज्य में एमएसएमई कलस्टर विकसित कर 350 करोड़ की फंडिंग कर औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने में सहयोगी बनने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फण्ड के तहत राज्य को यह फंडिंग की जानी है। सिडकुल के माध्यम से सितारगंज प्लास्टिक पार्क, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग, क्लस्टर काशीपुर खादी माल उत्तराखण्ड तथा अरोमा पार्क उधमसिंह नगर का प्रस्ताव सिडकुल द्वारा तैयार किया गया है। जो राज्य के वित्त विभाग के स्तर से भारत सरकार से सिडबी फंड की स्वीकृति हेतु भेजा जाना है।

इस अवसर पर अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सीजीएम डॉ. आर.के.सिंह, जी.एम श्री आशु तिवारी आदि उपस्थित थे।

आईआईटी रुड़की में मेहता फैमिली स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना

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रुड़की,  पूरी दुनिया में डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञों की बढ़ती मांग के मद्देनजर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की मेहता फैमिली फाउंडेशन (एमएफएफ), यूएसए से सहयोग करार के तहत मेहता फैमिली स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना करेगा।

दोनों संगठनों के बीच इस समझौता करार (एमओयू) पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी और मेहता फैमिली फाउंडेशन, यूएसए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राहुल मेहता ने हस्ताक्षर किए। 27 सितंबर 2021 को हुए इस वर्चुअल आयोजन मंे भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन, भारत सरकार के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड के सचिव प्रो. संदीप वर्मा और आईआईटी रुड़की के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. बी.वी.आर. मोहन रेड्डी मौजूद थे। सहयोग करार पर आईआईटी रुड़की के उपनिदेशक प्रो मनोरंजन परिदा, प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श के डीन प्रो. मनीष श्रीखंडे, आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. नारायण प्रसाद पाढ़ी और पर्ड्यू विश्वविद्यालय, इंडियाना के प्रो. अनंत ग्रामा; कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो के प्रो. शंकर सुब्रमण्यम और प्रो राजेश के. गुप्ता और कार्यकारी निदेशक, एमएफएफ, यूएसए के श्री बर्नी लुक्सिच ने भी हस्ताक्षर किए।
डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक करार पर अपने विचार रखते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो के. विजय राघवन ने कहा, ‘‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शोध और प्रशिक्षण हमारे भविष्य की कुंजी है। भारत के लिए एआई प्रौद्योगिकियांे का विशेष महत्व है और आने वाले वर्षों में इसका समाज और अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। आईआईटी रुड़की और एमएफएफ का यह अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक करार एक सराहनीय प्रयास है जिससे भारत का नवाचार के पथ पर अग्रसर होना सुनिश्चित होगा।’’

करार के तहत, नए स्कूल में बैचलर, मास्टर और डॉक्टरेट डिग्री प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। स्कूल सितंबर 2022 में बैचलर डिग्री के विद्यार्थियों के पहले बैच को दाखिला देगा। स्कूल का उद्देश्य डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्रों में नए और कुशल मानव संसाधन का विकास करना है। साथ ही, इन क्षेत्रों पर केंद्रित ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन प्रदान कर मौजूदा मानव संसाधन को अधिक सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड के सचिव प्रोफेसर संदीप वर्मा ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आईआईटी रुड़की और मेहता फैमिली फाउंडेशन के इस करार से विद्यार्थियों को सैद्धांतिक के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान का मजबूत आधार प्राप्त होगा। आईआईटी रुड़की एआई और डेटा साइंस के क्षेत्र में अग्रणी रहा है और मेहता फैमिली फाउंडेशन के साथ इस करार से संस्थान को ज्ञान और सूचना का संसाधन केंद्र बनने में अधिक बढ़ावा मिलेगा।‘‘

उपस्थित लोगों को अपने संबोधन में आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर ए. के. चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आज आईआईटी रुड़की के सफर का ऐतिहासिक दिन है। हम संस्थान का ऐसा पहला स्कूल स्थापित कर रहे हैं। मेहता फैमिली फाउंडेशन के सहृदय सहयोग के बिना यह संभव नहीं होता। मैं विशेष रूप से श्री राहुल मेहता का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने पिछले छह महीनों में इस काम में गहरी रुचि ली और अपना कीमती समय दिया है। इसके बिना हम इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाते। इस स्कूल की परिकल्पना में बड़ी संख्या में संस्थान के शिक्षकों का योगदान रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि वे अपनी देखरेख मेें आईआईटी रुड़की में मेहता फैमिली स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पूरा विकास करेंगे।’’

यह स्कूल एमएफएफ के सहयोग से आईआईटी रुड़की परिसर में इसी के लिए तैयार भवन में खुलेगा। बुनियादी व्यवस्था करने के अतिरिक्त एआई के जाने-माने विशेषज्ञ प्रो अनंत ग्राम, प्रो शंकर सुब्रमण्यम, और प्रो राजेश गुप्ता पाठ्यक्रम डिजाइन करने, शिक्षक नियुक्त करने, निगरानी रखने और स्कूल के भारतीय विद्यार्थियों को शोध के नए विचारों का सुझाव देने में सक्रिय भागीदारी करेंगे। ये विशेषज्ञ एमएफएफ के विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप और शिक्षक आदान-प्रदान की सुविधा भी देंगे।
आयोजन में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मेहता फैमिली फाउंडेशन, यूएसए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राहुल मेहता ने कहा, “एआई-संचालित प्रौद्योगिकियांे से हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है। विश्वस्तरीय शिक्षकों और आईआईटी रुड़की के बीच इस तरह के शैक्षिक सहयोग से ऐसे मानव संसाधन का विकास होगा जो जलवायु परिवर्तन, संसाधन की स्थिरता और सुरक्षा जैसी मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होगा।’’
“हम ने आईआईटी रुड़की को चुना है क्योंकि उत्कृष्ट शिक्षा के दृष्टिकोण से इसका समृद्ध इतिहास रहा है और यह स्थान भी बहुत उपयुक्त है। मैं प्रोफेसर अजीत के. चतुर्वेदी और आईआईटी रुड़की के सभी शिक्षकों एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों डॉ शंकर सुब्रमण्यम, डॉ राजेश गुप्ता और डॉ अनंत ग्राम को डेटा साइंस और एआई स्कूल स्थापित करने के उनके अथक प्रयास के लिए धन्यवाद देता हूं”, श्री मेहता ने कहा।

‘‘आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र डॉ. अनंत ग्राम और पर्ड्यू विश्वविद्यालय, इंडियाना में कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर सैमुअल डी. कोंटे ने कहा, ‘‘मैं 1989 का आईआईटी रुड़की (तब रुड़की विश्वविद्यालय) स्नातक हूं। हम गौरवशाली थॉमसन परिवार से हैं – मेरे भाई डॉ. चेतन ग्राम भी 1986 के आईआईटी रुड़की स्नातक हैं और मेरे पिता डॉ. जी. एन. योग नरसिम्हन कई वर्षों तक शिक्षा सेवा दी। मेरे इस पूर्व शिक्षा संस्थान में मेहता फैमिली फाउंडेशन स्कूल ऑफ डेटा साइंस एण्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना कर रहा है यह देख मुझे बहुत खुशी हुई है। आईआईटी रुड़की के प्रतिभाशाली और समर्पित शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ काम करने और मेहता फैमिली फाउंडेशन का सहयोग प्राप्त करने के साथ मैं इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में एक विश्वस्तरीय अनुसंधान, शिक्षा और संपर्क कार्यक्रम बनाने में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’’

मेहता फैमिली स्कूल ऑफ डेटा साइंस एण्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दूरदृष्टि डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में प्रौद्योगिकी सहायता देने में सबसे आगे रहने की है। कई अन्य उद्देश्य भी हैं जैसे डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित उद्यमिता और स्टार्टअप का बीजापरोपण कर भारत सरकार के खास अभियान मेक-इन-इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को समर्थन देना और सूचना और ज्ञान के आदान-प्रदान का संसाधन केंद्र बनाना है।

मेहता फैमिली फाउंडेशन का परिचय
भूपत एंड ज्योति मेहता फैमिली फाउंडेशन (एमएफएफ) ह्यूस्टन, टेक्सास, यूएसए में है। इसकी स्थापना निशा, राहुल, जैनेश और उनकी पत्नी ममता और धर्मेश और उनकी पत्नी अर्चना ने अपने माता-पिता मुंबई, भारत के भूपत और ज्योति मेहता के सम्मान में की थी। भूपत और ज्योति ने अपने बच्चों को शिक्षा के महत्व को आत्मसात करने के बारे में बताया क्योंकि इससे मनुष्य और समाज के जीवन में गुणात्मक सुधार होता है। एमएफएफ 20 से अधिक वर्षों से पूरी दुनिया में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की पहल का समर्थन करता रहा है और 100 से अधिक संगठनों को आर्थिक सहयोग दिया है जो स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की सुलभता बढ़ाते हैं। एमएफएफ का वर्तमान मिशन वैश्विक शैक्षिक सहयोग से बौद्धिक प्रतिभा का विकास करना है। इसे पूरा करने के लिए एमएफएफ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में बैचलर, मास्टर और डॉक्टरेट डिग्री के नए प्रोग्राम शुरू करने को बढ़ावा देता है और विश्वप्रसिद्ध शिक्षकों और संस्थानों के बीच सहयोग की सुविधा देकर इनकी सफलता सुनिश्चित करता है। अब तक आईआईटी के साथ एमएफएफ के सहयोग करार में शामिल हैं स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज (आईआईटी मद्रास), सेंटर फॉर इंजीनियरिंग इन मेडिसिन (कानपुर) और स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (गुवाहाटी और रुड़की)। इन सहयोग करारों और अन्य प्रयासों के माध्यम से एमएफएफ भारत के शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थियों को शिक्षा, पेशा और व्यक्तिगत जीवन में उत्कृष्टता की नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास करता है। इस तरह से अधिक सुशिक्षित और अत्यधिक कुशल कार्यबल तैयार होता है जो नवाचार, आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का वैश्विक वर्चस्व कायम करता है।

Jio का नया ऑफर : रिचार्ज पर दे रही 20 फीसदी Cashback, उठाएं फायदा

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नई दिल्ली। रिलायंस जियो अपने प्रीपेड प्लान्स में बार-बार बदलाव करती रहती है। कंपनी ने त्योहारी सीजन को देखते हुए एक और नया बदलाव किया है। मगर इस बार का बदलाव इसके ग्राहकों के लिए बचत का मौका लेकर आया है। जी हां, असल में जियो, जो कि देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, ने कुछ प्लान्स पर कैशबैक का ऐलान किया है। जियो का टार्गेट इस ऑफर से अपने प्लान्स को ग्राहकों के लिए और अधिक किफायती बनाना है। जिन तीन प्लान्स पर कैशबैक दिया जा रहा है, उनमें 249 रुपये, 555 रुपये और 599 रुपये वाले रिचार्ज शामिल हैं।

नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का पीएम नरेंद्र मोदी ने किया शुभारंभ

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नई दिल्ली । नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सुविधा से स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि बीते सात सालों में देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। आज एक ऐसे मिशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत है।

उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि आज से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी पूरे देश में शुरू किया जा रहा है। ये मिशन देश के गरीब और मध्यम वर्ग के इलाज में होने वाली दिक्कतों को दूर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। इस सुविधा से सभी नागरिकों का हेल्थ रिकार्ड सुरक्षित रहेगा। पीएम ने कहा, आयुष्मान भारत- डिजिटल मिशन, अब पूरे देश के अस्पतालों के डिजिटल हेल्थ सोल्यूशंस को एक दूसरे से कनेक्ट करेगा। इसके तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी। हर नागरिक का हेल्थ रिकार्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा।

पीएम ने कहा, ‘कोरोना काल में टेलिमेडिसिन का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। ई-संजीवनी के माध्यम से अब तक लगभग सवा करोड़ रिमोट कंसल्टेशन पूरे हो चुके हैं। ये सुविधा हर रोज देश के दूर-सुदूर में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे ही शहरों के बड़े अस्पतालों के डाक्टरों से कनेक्ट कर रही है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट यूजर्स, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खाते इतना बड़ा कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में कहीं नहीं है। ये डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर राशन से लेकर प्रशासन तक को तेज, पारदर्शी तरीके से सामान्य भारतीय तक पहुंचा रहा है।
डिजिटल हेल्थ मिशन के लांच कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद थे। इस मौके पर मांडविया ने कहा, 15 अगस्त 2020 को पीएम ने लाल किले की प्राचीर से मिशन (आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन) की घोषणा की थी। मुझे खुशी है कि वह आज इसे लांच कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन (पीएम-डीएचएम) के तहत सभी नागरिकों को एक विशिष्ट डिजिटल हेल्थ आइडी मुहैया कराई जाएगी जिसमें उनकी सेहत से जुड़ी सभी सूचनाएं दर्ज होंगी। इस संबंध में पीएम कार्यालय की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया था। इसके मुताबिक, संयोगवश पीएम-डीएचएम की राष्ट्रव्यापी शुरुआत ऐसे समय पर हो रही है, जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तीसरी वर्षगांठ मना रहा है।

अक्टूबर में 21 दिन बंद रहेंगे बैंक, चेक कर लें छुट्टियों की पूरी लिस्ट

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नई दिल्ली , ।  अक्टूबर का महीना पूरे भारत में त्योहारों और समारोहों से भरा हुआ है। अक्टूबर में दूसरे और चौथे शनिवार और रविवार को शामिल करते हुए अक्टूबर माह में बैंक कुल 21 दिन बंद रहेंगे। अक्टूबर महीने में गांधी जयंती, वाल्मीकि जयंती, नवरात्रि, दशहरा, ईद-ए-मिलाद जैसे कई अवसर हैं, जिन पर बैंकों में छुट्टी रहेगी। हालांकि अक्टूबर माह में देश में हर जगह बैंक 21 दिन बंद रहेंगे, ऐसा नहीं है। माह में पड़ रही कुछ छुट्टियां/त्योहार किसी राज्य या क्षेत्र विशेष से संबंधित हैं। इसलिए बैंक हॉलिडे अलग-अलग राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के पास कुछ विशेष राज्यों के आधार पर कुछ क्षेत्रीय छुट्टियों के साथ सभी सार्वजनिक छुट्टियों पर बैंकों को बंद रखने के लिए कुछ दिशानिर्देश हैं। बता दें, संबंधित राज्यों की राज्य सरकारें क्षेत्रीय छुट्टियां तय करती हैं। यहां अक्टूबर 2021 के महीने में बैंक की छुट्टियों की सूची दी गई है-
1 अक्टूबर: बैंक खातों का अर्धवार्षिक समापन (गंगटोक)
2 अक्टूबर: महात्मा गांधी जयंती (सभी राज्य)
3 अक्टूबर: रविवार
6 अक्टूबर: महालय अमावस्ये (अगरतला, बेंगलुरु, कोलकाता)
7 अक्टूबर: लैनिंग्थौ सनमही (इंफाल) के मेरा चौरेन हौबा
9 अक्टूबर: दूसरा शनिवार
10 अक्टूबर: रविवार
12 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (महा सप्तमी) / (अगरतला, कोलकाता)
13 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (महा अष्टमी) / (अगरतला, भुवनेश्वर, गंगटोक, गुवाहाटी, इंफाल, कोलकाता, पटना, रांची)
14 अक्टूबर: दुर्गा पूजा / दशहरा (महा नवमी) / आयु पूजा (अगरतला, बेंगलुरु, चेन्नई, गंगटोक, गुवाहाटी, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ, पटना, रांची, शिलांग, श्रीनगर, तिरुवनंतपुरम)
15 अक्टूबर: दुर्गा पूजा/दशहरा/दशहरा (विजया दशमी)/(इंफाल और शिमला को छोड़कर सभी बैंक)
16 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (दसैन) / (गंगटोक)
17 अक्टूबर: रविवार
18 अक्टूबर: कटि बिहू (गोहाटी)
19 अक्टूबर: ईद-ए-मिलाद/ईद-ए-मिलदुन्नबी/मिलाद-ए-शरीफ (पैगंबर मोहम्मद का जन्मदिन)/बारावफात/(अहमदाबाद, बेलापुर, भोपाल, चेन्नई, देहरादून, हैदराबाद, इंफाल, जम्मू, कानपुर, कोच्चि, लखनऊ , मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, रायपुर, रांची, श्रीनगर, तिरुवनंतपुरम)
20 अक्टूबर: महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिन/लक्ष्मी पूजा/ईद-ए-मिलाद (अगरतला, बेंगलुरु, चंडीगढ़, कोलकाता, शिमला)
22 अक्टूबर: ईद-ए-मिलाद-उल-नबी के बाद शुक्रवार (जम्मू, श्रीनगर)
23 अक्टूबर: चौथा शनिवार
24 अक्टूबर: रविवार
26 अक्टूबर: परिग्रहण दिवस (जम्मू, श्रीनगर)
31 अक्टूबर: रविवार

अनुसूचित समाज के हित में हैं प्रदेश सरकार की जनकल्याण योजनाएं : धर्मपाल घाघट

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(सुनील घिल्ड़ियाल)

देहरादून, प्रेमनगर कांवली मंडल में लल्लन कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी, बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित महानगर अध्यक्ष भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा धर्मपाल घाघट, महानगर महामंत्री जगराम, महानगर उपाध्यक्ष मदन वाल्मीकि उपस्थित हुए एवं धर्मपाल घाघट द्वारा केंद्र एवं प्रदेश सरकार की जनकल्याण योजनाएं अनुसूचित समाज के हित में होने वाली योजनाओं की जानकारी दी | महामंत्री जगराम ने सभी को संगठन हित में एकजुट होकर मजबूती से कार्य करने के ऊपर जोर देते हुए 2022 में मजबूती से भारतीय जनता पार्टी को दोबारा जिताने हेतु कार्यप्रणाली योजनाओं से संबोधित किया | महानगर उपाध्यक्ष मदन वाल्मीकि द्वारा कई ऐसी योजनाएं जैसे कि स्कूली बच्चों को लैपटॉप तथा जिन बच्चों को समाज कल्याण से लोन इत्यादि रोजगार से संबंधित एवं भारतीय जनता पार्टी की लाभदायक जानकारी दी | आगामी वर्ष 2022 भाजपा को जिताने को लेकर सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया | बैठक में मंडल के सम्मानित मंडल की टीम उपस्थित रही, अंत में मंडल अध्यक्ष ललन कुमार द्वारा सभी का आभार व धन्यवाद किया गया |

मौत के खुलासे को लेकर कोतवाली का घेराव, परिजनों का कहना है कि पवन की आत्महत्या नहीं हत्या हुई

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(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, मृतक व्यवसाई पवन कन्याल के परिजन कोतवाली पहुंच गए , 16 अगस्त से मृतक पवन कन्याल लापता था, जिसके बाद पुलिस, प्रशासन ने मृतक की खोजबीन की लेकिन पुलिस, प्रशासन को मृतक पवन कन्याल को ढूढ़ने में असफल रही। एक माह पश्चात 17 सिंतबर को मृतक पवन कन्याल का शव दो गांव के जंगल में पानी की गूल में सड़ा गला मिला। अब मृतक पवन कन्याल के परिजन कोतवाली पहुंचे है। स्थानीय लोगों के साथ कोतवाली पर धरना शुरू कर दिया है।

धरने के दौरान पवन की बहन एवं पत्नी अपने दो माह के मासूम बच्चे को लेकर धरने स्थल पर एसएसपी से मिल वार्ता करने की बात कहती रही , परन्तु परिजनों की एसएसपी नैनीताल से वार्ता नहीं हो सकी, जिसके पश्चात समर्थन में आये लोगों के द्वारा मित्र पुलिस एवं एसएसपी विरोधी नारे लगाते हुए कल पवन कन्याल के पीपल पानी के बाद दिन बुधवार को कोतवाली के सामने धरना करने की बात कहते हुए धरने को खत्म किया गया

दरअसल हल्द्वानी के मृतक व्यवसाई पवन कन्याल के परिजन आज कोतवाली पहुंच गए, इस दौरान परिजन स्थानीय लोगों के साथ कोतवाली में धरने पर बैठे। प्रदर्शन कर रहे स्थानीय और परिजनों का कहना है कि पवन की आत्महत्या नहीं हत्या हुई है, परिजनों ने कहा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी चोटों के निशान भी मिले हैं साथ ही परिजनों ने कहा कि पुलिस के द्वारा जहाँ डॉग स्कॉड, एसडीआरएफ और वन विभाग से कॉम्बिंग कराई गयी थी, बावजूद इसके एक महीने बाद उसी जगह पर पवन का शव मिला है। परिजनों ने इस दौरान मामले की उच्चस्तरीय जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

आय प्रमाण पत्र को लेकर बड़ा फैसला, सरकार ने गरीबों को दी बड़ी राहत

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने आय प्रमाण पत्र को लेकर जनता को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को बड़ा फैसला किया है। शासन ने गरीब परिवारों के बनने वाले आय प्रमाण पत्रों की वैधता को 6 महीने से बढ़ाकर साल भर कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब प्रदेश के लाखों परिवारों को बार-बार आय प्रमाण पत्र बनाने की परेशानी से निजात मिलेगी। शासन की ओर से आय प्रमाण पत्र की वैधता बढाने के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।

आपको बता दें कि आय प्रमाण पत्र एक ऐसा दस्तावेज होता है जो यह बताता है कि किसी व्यक्ति की वार्षिक आय कितनी है। आय प्रमाण पत्र से आपको राज्य में चलने वाली सभी योजनाओं का लाभ मिल सकता है। अगर आपके पास आय प्रमाण पत्र है तो आप भी राज्य द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने में सक्षम होंगे। पहले आय प्रमाण पत्र की वैधता सिर्फ 6 माह थी। उसे हर 6 महीने में रिन्यू कराना आवश्यक होता है।

18 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी और शिक्षकों के साझा मंच ने रैली निकाली

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देहरादून । आज सोमवार 27 सितंबर को राजधानी देहरादून में  उत्तराखंड में कार्मिकों के साझा मंच उत्तराखंड उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक, समन्वय समिति के तत्वावधान में परेड मैदान से सचिवालय तक रैली निकाली गई। उत्तराखंड में कार्मिकों के साझा मंच उत्तराखंड उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक, समन्वय समिति के तत्वावधान में आज सोमवार 27 सितंबर को राजधानी देहरादून में परेड मैदान से सचिवालय तक रैली निकाली गई। इसके लिए मंच से जुड़े कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि सुबह से ही परेड मैदान में एकत्र होने लगे। दोपहर 12 बजे परेड मैदान से कार्मिकों ने सचिवालय के लिए कूच किया। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय रैली निकाली गई।

इसके बाद पांच अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली आहूत की गई है। गौरतलब है कि हाल ही में उत्तराखंड के कर्मचारी, शिक्षक और अधिकारियों के विभिन्न संगठनों ने साझा मंच का गठन कर 18 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया। आंदोलन के पहले चरण में गेट मीटिंग के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाया गया। इसके बाद 20 सितंबर को जिला स्तरीय धरना आयोजित किया गया था। आंदोलन के तीसरे चरण में आज 27 सितंबर को जनपद स्तरीय रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। चौथे चरण में पांच अक्टूबर को देहरादून राजधानी में प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली प्रस्तावित है। उसी दिन आगामी अनिश्चित कालीन आन्दोलन की घोषणा की करने की कार्मिकों की रणनीति है।
समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल की मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री से भी वार्ता हो चुकी है। इन वार्ताओं के दौरान उन्हें आश्वासन जरूर मिले, लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मांगों के बिंदुओं को लेकर शासन स्तर पर कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। ऐसे में कर्मचारियों के समक्ष आंदोलन के सिवाय और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
ये हैं मांगे

1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों/शिक्षकों/निगम/निकाय/पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-केन्द्र सरकार की भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11 फीसद मंहगाई भत्ते की घोषणा शीघ्र की जाए।
5-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
6-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
7-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
8-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
10-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
11-सिंचाई विभाग को गैर तकनीकी विभागों (शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग आदि) के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में स्थाई रूप से अधिकृत कर दिया जाए।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदंडो के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा “अतिउत्तम” के स्थान पर “उत्तम” की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/एसीपी/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते/निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।