लखनऊ, (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सांसदों और विधायकों समेत सभी जनप्रतिनिधियों तथा सरकारी कर्मचारियों से राज्य के गरीबों एवं वंचितों के साथ दीपावली की खुशी बांटने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को जारी अपील में सभी प्रदेश वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई देते हुए प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों, महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्षों, प्रखंड प्रमुखों, नगर निकायों के अध्यक्षों और पार्षदों, जिला पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत के सदस्यों समेत आठ लाख से अधिक जनप्रतिनिधियों और लाखों सरकारी कर्मचारियों से अपील की है कि वे इस दीपावली पर प्रदेश के हर गरीब और एक-एक वंचित परिवार के साथ जुड़कर दीपावली की खुशियां बांटें। उन्होंने कहा अगर आप ठान लें तो प्रदेश में हर गरीब और वंचित के घर में भी दीपावली का पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा सकता है। सभी जनप्रतिनिधि और कर्मचारी एक-एक घर के साथ जुड़ें और उन घरों में भी दीप प्रज्ज्वलित करें तथा दीपावली की मिठाई उन घरों में पहुंचाने पर ध्यान दें।
PNB ने सस्ता किया Loan, अब सस्ते में मिलेगा होम, ऑटो और पर्सनल लोन, डिटेल में जानिए
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने बुधवार को कर्ज पर लगने वाले ब्याज को 0.05 प्रतिशत घटाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया. पीएनबी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि रेपो से जुड़ी ब्याज दर (RLLR) को आठ नवंबर से 6.55 फीसदी से घटाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया है.
RLLR में कमी के साथ आवास, कार, शिक्षा, पर्सनल लोन सहित सभी कर्ज सस्ते हो जाएंगे.
बैंक ने पिछली बार 17 सितंबर को अपने रेपो आधारित ब्याज को 6.80 फीसदी से घटाकर 6.55 फीसदी कर दिया था. दिवाली से ठीक एक दिन पहले पीएनबी के इस कदम को अहम माना जा रहा है. महंगाई से जूझते लोगों को इससे राहत मिलेगी और वे पहले की तुलना में सस्ते में कर्ज ले सकेंगे. पीएनबी ने कहा है कि रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट घटने से ग्राहकों को हाउसिंग लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ते में मिलेगा.
सीएनजी और बिजली गाड़ियों को राहत
सबसे अहम बात यह है कि पीएनबी ने सरकार के कदम के समर्थन में इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएजी के लिए लिए जाने वाले लोन की दर भी घटाई है. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बैटरी और सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को प्रोत्साहन मिले और प्रदूषण को कम किया जा सके. साथ ही जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता कम हो. पीएनबी ने ई-व्हीकल और सीएनजी गाड़ियों पर 6.65 फीसदी ब्याज कर दिया है. जबकि अन्य गाड़ियों के लिए लोन की रेट 6.75 फीसदी से शुरू होती है.
पर्सनल लोन की लिमिट बढ़ी
PNB ने पर्सनल लोन को 5 बेसिस पॉइंट तक घटाया है. अब यह दर 8.90 परसेंट हो गई है. ग्राहकों को एक और बड़ी सुविधा देते हुए पंजाब नेशनल बैंक ने पर्सनल लोन की लिमिट को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है. इसके लिए रीपेमेंट की अवधि 72 महीने निर्धारित की गई है.
क्या होता है RLLR
आरएलएलआर को सबसे पहले साल 2019 में शुरू किया गया था. इसे रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट कहते हैं. यानी कि रेपो रेट के आधार पर मिलने वाले लोन को ही आरएलएलआर कहा जाता है. रेपो रेट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया तय करता है जिसके आधार पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देते हैं. RLLR दरअसल फ्लोटिंग रेट आधारित पर्सनल या रिटेल लोन होता है जो बाहरी बेंचमार्क से संबंधित होता है. यहां बाहरी बेंचमार्क का अर्थ रिजर्व बैंक के रेपो रेट से है.
लोन की नई सुविधा
पीएनबी ने अभी हाल में लोन देने के लिए मिस्ड कॉल की सुविधा शुरू की है. ग्राहक महज एक मिस्ड कॉल देकर लोन पा सकते हैं. पीएनबी ने कहा कि ग्राहकों को फोन नंबर 1800 180 5555 मिलाना होगा. इस टोलफ्री नंबर है जिस पर मिस्ड कॉल देकर ग्राहक होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन, एमएसएमई लोन और एग्रीकल्चर लोन ले सकते हैं.
दिवाली का तोहफा: पेट्रोल-डीजल के दाम एक झटके में इतने रुपये घटे
दिवाली से ठीक एक दिन पहले आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम घटा दिए हैं। अब पेट्रोल 5 रुपए सस्ता हो गया है। वहीं, डीजल की कीमत में 10 रुपए की कटौती हुई है दरअसल, दिवाली की पूर्व संध्या पर, भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की है। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कल यानी गुरुवार से क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये कम किया जाएगा। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक पेट्रोल की तुलना में डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी दोगुनी होगी।
On eve of #Diwali, Government of India announces excise duty reduction on petrol and diesel. Excise duty on Petrol and Diesel to be reduced by Rs 5 and Rs 10 respectively from tomorrow pic.twitter.com/peYP1fA4gO
— ANI (@ANI) November 3, 2021
आगामी रबी सीजन को देखते हुए किसानों के लिए राहत की खबर है। इस राहत के साथ ही पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की भी उम्मीद बढ़ गई है। बता दें कि भारत के अधिकतर शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है और लगभग हर रोज 35 पैसे महंगा हो रहा है। 4 अक्टूबर 2021 से 25 अक्टूबर तक पेट्रोल की औसत कीमत में यहां 8 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
सरकार ने बढ़ाया था उत्पाद शुल्क: बता दें कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक उत्पाद शुल्क जुटाती है। पिछले साल पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 19.98 रुपये से बढ़ाकर 32.9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। इसी तरह डीजल पर शुल्क बढ़ाकर 31.80 रुपये प्रति लीटर किया गया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें सुधार के साथ 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं और मांग लौटी है, लेकिन सरकार ने उत्पाद शुल्क नहीं घटाया था। इस वजह से आज देश के सभी बड़े शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है। वहीं डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों में डीजल शतक लगा चुका है। सरकार ने पांच मई, 2020 को उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी कर इसे रिकॉर्ड स्तर पर कर दिया था। उसके बाद से अब तक पेट्रोल के दाम 37.38 रुपये प्रति लीटर बढ़े हैं। इस दौरान डीजल कीमतों में 27.98 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
बिजली पोल से गिरी चिंगारी से पटाखों की दुकान लगी आग , बड़ा हादसा टला
ऋषिकेश। शार्ट सर्किट के चलते डोईवाला में छोटी दीपावली के दिन बड़ा हादसा होने से टल गया। बिजली के पोल पर हुए शार्ट सर्किट से एक चिंगारी यहां लगी पटाखों की दुकान पर पड़ गई, जिससे पटाखों में जबरदस्त आग लग गई। बुधवार को डोईवाला चौक पर स्थानीय निवासी दिवेश यादव ने पटाखों की दुकान लगाई थी। सायं करीब पांच बजे अचानक यहां स्थित बिजली के पोल में तारों में शार्ट सर्किट हो गया। जिससे चिंगारी सीधे पटाखों की दुकान में गिर गई। जिससे देखते ही देखते पटाखों में आग लग गई। पटाखों की आग से यहां लगा टेंट भी जलने लगा। जिससे आसपास लगी अन्य दुकानों में भी अफरा-तफरी मच गयी। इस दौरान बाजार में बड़ी संख्या में ग्राहक भी खरीदारी करने पहुंचे थे। आसपास के नागरिकों ने पानी व रेत डालकर आग बुझाने की कोशिश की मगर, आग एक तरफ से बुझती तो दूसरी ओर से सुलग जाती। इस बीच सूचना पाकर दमकल दस्ता भी मौके पर पहुंच गया। दमकल दस्ते ने पानी डालकर आग बुझाई। जिससे आसपास की दुकानों में भी आग फैलने से बच गई। डोईवाला कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक राज विक्रम पंवार ने बताया कि आग बुझाने के लिए डाले गए पानी से सामान खराब हुआ है। मगर, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
जनजाति सम्मेलन देहरादून में आयोजित किये जाने पर भड़की सीमांत जनजाति
मुनस्यारी, निदेशालय, जनजाति कल्याण उत्तराखंड द्वारा दो साल से मुनस्यारी में प्रस्तावित जनजाति सम्मेलन को अब देहरादून में आयोजित किए जाने पर सीमांत के जनजाति भड़क गए है। कहा कि इसकी कीमत भाजपा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में चुकानी पड़ेगी। कहा कि धामी सरकार नौकरशाहों के हाथों से चल रही है।
मुनस्यारी में दो साल पहले से राष्ट्रीय स्तर का जनजाति सम्मेलन की तैयारी की जा रही थी। सम्मेलन के लिए यहां दर्जनों बार बैठक हुई। उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजन को लेकर कमेटियों का गठन भी किया गया था।
कोविड 19 के कारण सम्मेलन आयोजित नहीं हो पा रहा था। इस सम्मेलन में देश भर से जनजातियों के प्रतिनिधियों को आना था। सीमांत के विकास एवं उत्तराखंड की जनजातियों के सांस्कृतिक विरासत से देशभर की जनजातियां रुबरु होते। चीन सीमा पर होने वाले इस सम्मेलन से राज्य के इस दुर्गम हिस्से को नयी पहचान मिलनी तय थी।
यहां के विकास के नये आयाम भी लिखे जाते। क्षेत्र की जनजाति कोविड 19 के नियमों के ढ़ील का इंतजार कर रही थी।
लेकिन धामी सरकार में हावी नौकरशाही की भेंट यह सम्मेलन भी चढ़ गया। नौकरशाही ने सम्मेलन के स्तर को राष्ट्रीय से राज्य स्तरीय बना दिया। इतना ही नहीं सम्मेलन के लिए पूर्व में प्रस्तावित स्थल मुनस्यारी को बदलकर देहरादून कर दिया। सरकार में हावी नौकरशाही से नाराज जनजाति समुदाय के जन प्रतिनिधियों ने इस फैसले के खिलाफ़ आवाज बुलंद कर दी है।
आज जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, ग्राम प्रधान मनोज मर्तोलिया, कृष्णा पंचपाल, ललिता मर्तोलिया, सावित्री पांगती, गोकरण पांगती, लक्ष्मी रिलकोटिया, पंकज बृजवाल, हरेन्द्र बर्निया, महेश रावत सहित दो दर्जन पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि यह धामी सरकार का दूसरा धोखा है।
अगर सभी सम्मेलन देहरादून में सुविधायुक्त स्थानों में ही होना है तो फिर मुनस्यारी के जनजातियों को आज तक क्यों बेवकूफ़ बनाया। कहा कि बजट की बंदबाट तथा लूटपाट के लिए जिस देहरादून शहर में नाम मात्र की जनजातियां रहती है, उस जगह को चुना गया है।
पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि दुरस्थ क्षेत्रों में इस तरह के आयोजन होने ही नहीं है, तो फिर क्यों पृथक राज्य मांगा गया था। कहा कि धामी सरकार को चुनाव में इसकी कीमत चुकानी होगी।
आरएसएस प्रांत प्रचारक युद्धवीर की मौजूदगी में स्वदेशी मेला का हुआ समापन
देहरादून, स्वदेशी जागरण मंच के तत्वाधान में आयोजित स्वदेशी मेला आज आरएसएस प्रांत प्रचारक युद्धवीर की मौजूदगी में रंगारंग संस्कृतिक संध्या के साथ समापन हो गया । मेला अविधि के दौरान परिसर में सम्पन्न कराये कला प्रतियोगिता, नृत्य प्रति स्पर्धा और अन्य गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले बच्चों और युवाओं को आज सम्मानित किया गया ।
स्वदेशी के विचार और उत्पादों को जनसामान्य के मध्य अधिक प्रासंगिक बनाने के उद्देश्यों को लेकर 24 नवम्बर से राजधानी में चल रहे स्वदेशी मेले का औपचारिक समापन हो गया ।
मुख्य अथिति के तौर पर सम्मिलित राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ के प्रांत प्रचारक युद्धवीर ने कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सभी आयोजकों की मेहनत और सहभागी दर्शकों के उत्साह को को इस मौके पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश संयोजक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि मेले की सफलता स्वदेशी कृषि उत्पादों, कारीगरी, खान पान, रहन सहन से जुड़े सामानों को लेकर आम लोगों द्वारा दिखायी जबरदस्त दिलचस्पी में देखी जा सकती है । इस तरह कार्यक्रमों के पीछे हमारी कोशिश स्वदेशी के संदेश को अधिकाधिक स्वीकार्य बनाना है | मेले में प्रतिभागी दूकानदारों, कारीगरों व कलाकारों के चेहरे खिले होना भी हमारे लिये महत्वपूर्ण है |
मेले में आयोजित ड्रॉइंग प्रतियोगिता मे प्रतिभागी बच्चों ने विभिन्न विषयों पर केनवास पर रंग उकेरे । आयोजकों द्वारा पैन्टिग में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बाल कलाकारों अयुशी बिष्ट, श्रेष्का, अपूर्वा, अनुभव नेगी आराध्या त्यागी सन्जना बडोनी, कृष्णा बिष्ट अन्शिका चौहान, कनिष्का सेमवाल सार्थक रावत व अन्य को पुरस्कृत किया । इसके अतिरिक्त मेले में आयोजित डान्स प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन के लिये खुशी रावत, वर्निका एवं सूरज रावत को मिमर्की और सोनू को गाने की परफोर्मेंस के लिये सम्मानित किया गया ।
प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेंद्र सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए कहा कि मेले को सफल बनाने में मुख्य तौर पर स्वदेशी जागरण मंच प्रदेश संयोजक सुरेन्द्र जी, मेला संयोजक इन्द्रमणि गैरोला, मेला संरक्षक विशम्भर नाथ बजाज, मेला व्यवस्थापक प्रिंस यादव, मेला प्रचार प्रमुख आधार वर्मा, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख मधु जैन, मेला स्वागत समिति अध्यक्ष राजकुमार परमार स्वदेशी जागरण मंच संरक्षक जे एस वारने, मनोज जोशी, मंच संचालन प्रमोद नौटियाल आदि ने सहयोग दिया |
पीएम के केदारनाथ आगमन की तैयारियों का मुख्यमंत्री धामी ने लिया जायजा
देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम पहुंच कर बाबा केदारनाथ जी के दर्शन किये। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। 5 नवंबर को प्रधानमंत्री जी के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। सौहार्दपूर्ण बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जन भावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंडा, पुरोहित और पुजारियों के मान सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जायेगी। हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है। उनका उत्तराखण्ड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बङे पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, श्री सुबोध उनियाल भी थे।
गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की शपथ ली एनसीसी कैडेट्स ने
गंगा महोत्सव के अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने लेफ्टिनेंट अनुष्का काला और डॉक्टर मधु शर्मा के नेतृत्व में स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया|
जिसमें प्रथम पुरस्कार श्वेता कंडारी और द्वितीय पुरस्कार रितु गुप्ता को मिला|
इस अवसर पर कैडेट्स द्वारा गंगा की सुरक्षा और उसके संरक्षण के साथ ही प्रदूषण मुक्त करने के लिए शपथ ली गई
केंद्रीय कर्मचारियों की धांसू होगी दिवाली, मिलेगा 31 फीसदी डीए के साथ एरियर भी
देश के सभी केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली तोहफा मिल चुका है। अक्टूबर की सैलरी में केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़े हुए 3 फीसदी महंगाई भत्ते (Dearness allowance) और एरियर (DA Arrear) का फायदा मिल है।
वहीं, अब केंद्र सरकार ने दूसरे कर्मचारियों (Minimum wage employees) को दिया जाने वाला वेरिएबल महंगाई भत्ता (Variable dearness allowance) भी बढ़ा दिया है। श्रम मंत्री भुपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) ने इसका ऐलान किया है। इसका फायदा भी 1 अक्टूबर 2021 से मिलेगा।
भारत सरकार के केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेरिएबल महंगाई भत्ते (Variable dearness allowance) में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है। अब सभी केंद्रीय कर्मचारियों को हर माह वेरिएबल महंगाई भत्ता (Variable DA) बढ़कर मिलेगा। वेतन में यह वृद्धि 1 अक्टूबर, 2021 से लागू होगी। इस वृद्धि से केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में भी बढ़ोत्तरी होगी, जो कि इस महामारी के दौर में उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) के इस फैसले से केंद्र सरकार, रेलवे, खनन, ऑयल फील्ड्स, बंदरगाहों और केंद्र सरकार (Central government) से जुड़े दूसरे कार्यलयों में काम करने वाले करीब 1.5 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। केंद्र सरकार ने यह भी बताया कि वेरिएबल महंगाई भत्ते में हुई बढ़ोत्तरी का फायदा संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा।
जोखिम के उभरते संकेतों के प्रति सतर्क रहें बैंक : आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास
नई दिल्ली, पीटीआइ। बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने देश के प्रमुख बैंकों से कहा है कि वे जोखिम के किसी भी उभरते संकेत के प्रति सतर्क रहें। नियामक ने बैंकों को ऐसे संभावित जोखिम के संकेत मिलते ही उसे टालने के भी सभी उपाय करने को कहा है। आरबीआइ ने एक बयान में कहा कि उसके गवर्नर शक्तिकांत दास ने सभी सरकारी व प्रमुख निजी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियोकान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अलग-अलग बैठकें कीं।इस बैठक के शुरुआती संबोधन में दास ने देश के बैंकिंग सेक्टर के परिचालन और वित्तीय सुधार को सराहा। उन्होंने कहा कि इससे इकोनामी में स्थायित्व आता दिख रहा है। आर्थिक सुधार की गति बनाए रखने के लिए जरूरी है कि बैंक उचित समर्थन बनाए रखें। इसके साथ-साथ यह भी बेहद जरूरी है कि बैंक जोखिम के किसी भी उभरते संकेत को लेकर बेहद सतर्क रहें और उसे खत्म करने के सभी उपाय करें। यह सिर्फ उस बैंक विशेष के लिए नहीं, बल्कि पूरे वित्तीय तंत्र की स्थिरता और स्थायित्व के लिए जरूरी है।
आरबीआइ के बयान के अनुसार इस बैठक में कर्ज वितरण, विशेष रूप से छोटी व मझोली कंपनियों को लगातार कर्ज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के विभिन्न उपायों पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा दबाव वाली संपत्तियों, वसूली में कुशलता और फिनटेक कंपनियों के साथ बैंकों के तालमेल के मुद्दों पर भी आरबीआइ गवर्नर ने बैंकों के साथ विमर्श किया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सरकार ने कहा था कि अगर 50 करोड़ रुपये तक के लोन फैसले बाद में गलत साबित हो जाते हैं और लोन अकाउंट एनपीए में चला जाता है, जो बैंक अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि इसका मकसद उस लोन अकाउंट में कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करना भी है, ताकि समय से उसका निपटारा हो सके।