Wednesday, June 25, 2025
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आश्रम में नाबालिग के साथ दुष्कर्म, आश्रम के प्रधान की तहरीर पर मुकदमा हुआ दर्ज

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देहरादून, जनपद के तिलक रोड स्थित बाल वनिता आश्रम में एक नाबालिग से दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें दुष्कर्म करने वाला आरोपी आश्रम में ही रहता बताया जा है। शहर कोतवाली पुलिस ने आश्रम के प्रधान की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

तिलक रोड़ पर स्थित इस आश्रम में निराश्रित करीब 50 बालक और बालिकाएं रह रही हैं, आश्रम में बालक और बालिकाओं के अलग-अलग हास्टल हैं, लेकिन खाना दोनों का एक साथ ही होता। बताया जा रहा है कि इसी दौरान बालक और बालिका के बीच नजदीकियां बढ़ गई और बालक ने बालिका के साथ दुष्कर्म किया। कुछ दिन पहले ही बालिका की तबीयत खराब हुई थी तो उसने इसकी शिकायत होस्टल वार्डन से की। इस बारेमें जब बालिका से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि आश्रम में रहने वाले एक बालक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। बालिका का मेडिकल करवाया जा रहा है। बालिका के गर्भवती होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट आने की बाद ही हो सकेगी।

देवस्थनम बोर्ड को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट सीएम को सौंपी

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को ऋषिकेश में देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में गठित उच्च स्तरीय समित के अध्यक्ष मनोहर कान्त ध्यानी ने भेंट की। उन्होंने बोर्ड के सम्बन्ध में समिति द्वारा तैयार किया गया अन्तिम प्रतिवेदन आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन का परीक्षण कर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री सुबोध उनियाल, सचिव श्री एच.एस.सेमवाल उपस्थित थे।

विस्तारा एयरलाइंस ने देहरादून और दिल्ली के बीच अपनी हवाई सेवा फिर की शुरू

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देहरादून, दिल्ली से देहरादून हवाई यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर है। विस्तारा एयरलाइंस ने देहरादून और दिल्ली के बीच अपनी हवाई सेवा शनिवार 27 नवंबर से शुरू कर दी है। दोपहर 2:45 बजे विस्तारा एयरलाइंस का विमान दिल्ली से सवारी लेकर जौलीग्रांट पहुंचा. और 3:20 बजे वापसी की उड़ान भरी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट की यात्री क्षमता में बढ़ोत्तरी होने के बाद कई हवाई सेवाओं में भी वृद्धि हो रही है।

विस्तारा ने पिछले साल भी 9 नवंबर को अपनी फ्लाइट शुरू की थी। लेकिन कुछ समय बाद कंपनी ने अपनी सेवाएं देना बंद कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर विस्तारा अपनी दो फ्लाइट लेकर आ रहा है, जिसके बाद जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर फ्लाइटों की संख्या 22 तक पहुंच जाएंगी। इससे पहले 11 नवंबर को गो फर्स्ट भी जौलीग्रांट से दिल्ली और मुंबई के बीच अपनी फ्लाइट शुरू कर चुका है। 1 दिसंबर से विस्तारा देहरादून और दिल्ली के लिए एक और फ्लाइट शुरू करेगा।

दून का बहुचर्चित हत्याकांड का फरार आरोपित 13 साल बाद गिरफ्तार

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देहरादून, बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर विनय क्षेत्री हत्याकांड के आरोपित को 13 वर्ष बाद पुलिस ने मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया है। वह जमानत पर जेल से छूटने के बाद फरार हो गया था।

दून के थाना नेहरू कॉलोनी पर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 21/ 2008 धारा 302, 380, 411 ,148,120बी भादवि में अभियुक्त सुमित पुत्र गोपाल निवासी जड़ौदा थाना मंसूरपुर जिला मुज़्ज़फरनगर उत्तर प्रदेश को वर्ष 2008 में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था, जो जमानत पर रिहा हुआ था और उसके बाद से ही फरार चल रहा था।

अभियुक्त के विरुद्ध सत्र न्यायालय से गैर जमानती वारंट पहले भी कई बार जारी हुए थे, लेकिन अभियुक्त लगातार अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था और लगातार अपने पते बदल रहा था। वर्तमान में भी अभियुक्त के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसकी तामिली के क्रम में एचसीपी डालेंद्र चौधरी के नेतृत्व में टीम गठित कर अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु निर्देश दिए गए थे।

इस पर एचसीपी डालेंद्र चौधरी और आरक्षी आशीष राठी ने लगातार तीन दिन कुशल सुरागरसी पतारसी करते हुए अभियुक्त सुमित पुत्र गोपाल निवासी जड़ौदा थाना मंसूरपुर जिला मुज़्ज़फरनगर उत्तर प्रदेश को उसके गांव से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। अभियुक्त को थाना नेहरू कॉलोनी लाया गया है, जिसे कल न्यायालय पेश किया जाएगा।

थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी सतबीर बिष्ट ने बताया कि, मोथरोवाला में संपत्ति के विवाद में सात आरोपितों ने 2008 में प्रापर्टी डीलर विनय क्षेत्री की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाश यतेंद्र चौधरी के शामिल होने की बात सामने आई थी। पुलिस ने हत्यारोपित सभी सात व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया था। यतेंद्र चौधरी और उसके गुर्गे सुमित को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन वह दोबारा कोर्ट में पेश नहीं हुए। एसआइटी ने हत्या के कई अन्य मामलों में भी आरोपित यतेंद्र चौधरी को 2013 में गिरफ्तार कर लिया था। सुमित की तलाश में पुलिस दबिश दे रही थी।

खास खबर: राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात 7 पुलिसकर्मी निकले कोरोना पॉजिटिव, स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप

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ऋषिकेश, प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ने शुरू हो गए हैं। देश के राष्ट्रपति उत्तराखण्ड़ दौरे पर हैं, जहां उनके कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा ड्यूटी में लगे 07 पुलिसकर्मियों कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसके बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं। वहीं एहतियातन कोविड पॉजिटिव पाए गए सभी पुलिकर्मियों को आइसोलेशन के लिए उन्हें उनके संबंधित जिलों में लौटा दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, परमार्थ निकेतन कार्यक्रम में ड्यूटी में तैनात 7 पुलिस के जवान कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। पॉजिटिव निकले जवान गढ़वाल रेंज के हैं। ऐसे में सभी जवानों की जानकारी जुटाई जा रही है। ड्यूटी पर तैनाती से पहले इनका कोविड टेस्ट किया गया था, जिसके बाद इनकी जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सपरिवार स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में रात्रि विश्राम के लिए रूके हुए हैं। उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए राज्य भर के विभिन्न जिलों से भारी पुलिस बल को बुलाया गया है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में तैनाती से पूर्व पुलिस कर्मियों की स्वास्थ्य की जांच की गई, जिनमें सात पुलिसकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पौड़ी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सांध्यकालीन गंगा आरती में लिया भाग

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गंगा गंगोत्री से उत्पन्न होती है और गंगा सागर में विसर्जित हो जाती है। इतनी लंबी यात्रा में गंगा ने अपना नाम और चरित्र नहीं छोड़ा, यही गंगा की सार्थकता है : राष्ट्रपति

ऋषिकेश, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि गंगा गंगोत्री से उत्पन्न होती है और गंगा सागर में विसर्जित हो जाती है। इतनी लंबी यात्रा में गंगा ने अपना नाम और चरित्र नहीं छोड़ा, यही गंगा की सार्थकता है। गंगा के बिना भारत अधूरा है और भारत के बिना गंगा। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। रविवार को पत्नी सविता कोविन्द और पुत्री स्वाति के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश पहुंचने पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का आचार्यों ने पुष्प वर्षा, शंख ध्वनि व मंत्रोच्चार के साथ स्वागत किया |
राष्ट्रपति ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंट करने के बाद सांध्यकालीन गंगा आरती में भाग लिया। इस दौरान स्वामी चिदानंद ने राष्ट्रपति व सविता कोविन्द का इलाइची की माला पहनाकर स्वागत किया। आरती से पूर्व राष्ट्रपति ने परिवार के साथ गंगा तट पर विश्व शांति के लिए यज्ञ में आहुति दी।

गंगा तट पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि वह मोक्षदायिनी गंगा के तट पर आकर स्वयं को अभिभूत महसूस कर रहे हैं। यह वास्तव में हृदय को स्पर्श करने वाला क्षण है। गंगा के बारे में जितना कहा जाए कम है। सृष्टिकर्ता ने अपने कर कमलों से विश्व कल्याण के लिए ही गंगा को भारत भूमि पर भेजा है। हमें भी गंगा के प्रति अपनी मर्यादाओं का पालन करना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि वह विश्व के कई देशों में गए। स्विट्जरलैंड जैसे खूबसूरत देश में भी लोग भारतीय संस्कृति, अध्यात्म व शांति को याद करते हैं। यह हम सबके लिए गौरव की बात है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने राष्ट्र की सेवा के लिए राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता और उनके अद्भुत नेतृत्व के साथ कुंभ मेला प्रयागराज यात्रा की स्मृतियों को ताजा किया। कहा कि यह यात्रा स्वयं से स्वयं की यात्रा है, अनेकता से एकता की यात्रा है। राष्ट्रपति के रूप वह एक ऐसे संत हैं, जो सहज व महान भी हैं। साधारण परिवार में पैदा होकर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और जात-पात की भावना से ऊपर उठकर देश की सेवा में लगे हैं।
परमार्थ निकेतन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के आगमन पर गंगा आरती कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध ग्रैमी पुरस्कार विजेता गायिका स्नातम कौर आनलाइन जुड़ीं। उनके साथ ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित देवा प्रेमल और मितेन, कृष्णा दास, सीसी व्हाइट और अन्य साथियों ने ‘गंगा गान’ (गंगा एंथम) प्रस्तुत किया। यह गान गंगा को प्रदूषण से बचाने और संरक्षित करने का संदेश देता है।

इस अवसर पर ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अंतरराष्ट्रीय महासचिव डा. साध्वी भगवती ने कहा कि जिसे अपनी युवावस्था में स्कूल जाने के लिए प्रतिदिन आठ किमी पैदल चलना पड़ता था, आज वही हर जाति, धर्म, रंग व संप्रदाय के लिए न्याय, समानता और अखंडता के पथ प्रदर्शक के रूप में भारत का नेतृत्व कर रहा है। इस मौके पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पूर्व मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत भी मौजूद रहे।

भाजपा लगातार महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही : दीप्ति रावत

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देहरादून, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत ने कांग्रेस पर महिलाओं को छलने का आरोप लगाया है। एक बयान में उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के एक पूर्व अध्यक्ष विधानसभा में महिलाओं को अधिक जगह देने की बात करते है वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कहते है कि चुनाव में महिला और युवा नहीं बल्कि जिताऊ उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि जहां पर कांग्रेस की जीत की संभावना नहीं है वहां पर वह 40%महिलाओं को सीट देने की बात करती है और उत्तराखंड जैसे राज्य में महिलाओं की अनदेखी कर रही है, साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा महिलाओं के लिए चलाये जाने वाली योजनाओं को गिनाया और कहा कि भाजपा लगातार महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले चुनाव में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा सीटें मिले इसके लिए महिला मोर्चा प्रयास करेगा।

भारतीय सेना की रोटी एक ही दिन खाने से भी इंसान के जज्बात बदल जाते हैं : गणेश जोशी

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+पूर्व सैनिकों को 13 दिसम्बर को देहरादून के गुनियालगांव में होने वाले शहीद सम्मान यात्रा के समापन कार्यक्रम का दिया निमंत्रण

देहरादून, प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित दून सैनिक इंस्ट्यूट में पूर्व सैनिकों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रतिभाग कर पूर्व सैनिकों के बीच सेना के अपने अनुभव तथा राज्य के सैनिक कल्याण विभाग के मंत्री के तौर पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही गतिविधियों तथा योजनाओं की जानकारी दी।
अपने संबोधन के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतीय सेना की रोटी एक ही दिन खाने से भी इंसान के जज्बात बदल जाते हैं, मैंने तो सेना में पूरे 7 साल तक फौजी बनकर राष्ट्रसेवा का सबक सीखा है। यही फौजी अनुशासन की ही देन है कि मैं आज भी जनता के बीच रहकर विभिन्न भूमिकाओं में जनता की सेवा कर पा रहा हूं।
मंत्री ने कहा कि सरहदों पर विषम परिस्थितियों पर रह रहे जवानों और उनके परिजनों की देखभाल करना जहां सरकार की जिम्मेदारी है, वहीं पूर्व सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए भी राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।
आप सभी लोग जानते हैं कि भारतीय सेना के लगभग 17.5 प्रतिशत से ज्यादा फौजी उत्तराखंड से आते हैं। राज्य के युवाओं का सेना के प्रति एक विशेष लगाव है, परंतु सेना भर्ती में आमतौर पर ऊंचाई के मानक ज्यादा होने के कारण हमारे युवा सेना भर्ती से महरूम रह जाते थे। हमने विशेष प्रयास कर सेना में भर्ती के लिए ऊंचाई के मानकों को 167 सेंटीमीटर से घटाकर 163 सेंटीमीटर कराया। पूर्व सैनिकों को गृहकर में छूट तथा अन्य सुविधाएं नगर निगम क्षेत्र के अंदर तो दी जाती हैं परंतु कैंट क्षेत्रों में भी ऐसा हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कार्य किया गया है। मुझे प्रसन्नता है कि बीते दिनों में उत्तराखंड राज्य के सैनिक कल्याण विभाग की सक्रियता तथा काम करने की चर्चा पूरे देश में हो रही है।
मुझे गर्व है कि मैं उस पार्टी का सिपाही हूं जिस पार्टी का प्रधानमंत्री दिवाली, होली जैसे त्योहारों को मनाने के लिए फौजियों के बीच दुर्गम सरहदों पर मौजूद रहता है। लंबे समय से लटकाई जा रही वन रैंक वन पेंशन की मांग को भाजपा सरकार द्वारा 20400 करोड़ से अधिक खर्च कर पूरा किया गया है।
शहीद सैनिकों के सर्वाेच्च बलिदान को पूरे समाज में गौरवपूर्ण स्थान दिलाने का काम भाजपा सरकार द्वारा किया गया है। देश की सीमा पर भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले परिवारों के परिजनों को नौकरियों में समायोजित करने का काम हमारी सरकार कर रही है। आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अमर शहीदों के सर्वाेच्च बलिदान की भावना को संप्रेषित करने की परिकल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने दी थी। इस परिकल्पना के अनुसार राज्य में पांचवें धाम सैन्यधाम के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। सैन्यधाम के निर्माण में प्रयोग करने के लिए राज्य के 1734 शहीदों के आंगन पवित्र माटी को एकत्रित करने के लिए सहित सम्मान यात्रा पूरे राज्य में जारी है। शहीद सम्मान यात्रा का समापन 13 दिसंबर को एक भव्य कार्यक्रम के माध्यम से गुनियालगांव देहरादून में किया जाना है। मैं आप सभी को शहीद सम्मान यात्रा के समापन दिवस पर आमंत्रित भी करता हूं। उन्होंने पूर्व सैनिकों को आश्वस्त किया कि अब 31 मार्च के बाद उपनल पूर्व की भांति सिर्फ पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों की सेवा के लिए उपलब्ध रहेगा।
कार्यक्रम में उपनल के एमडी सेनि0 ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा, बिग्रेडियर केजी बहल, बिग्रेडियर मुकुल भण्डारी, कैप्टन राजेश वाधवान, कैप्टन एनएन कुकरेती, कमाण्डर गौतम नेगी, कर्नल बीएम थापा, कर्नल एसएस थापा, कैप्टन डीपी बलूनी, कैप्टन धनीराम नैनवाल, कैप्टन केबी थापा आदि उपस्थित रहे।

बड़ी खबर : फिर बड़ा कोरोना सक्रमण, पौड़ी में कोरोना का विस्फोट 19 सक्रमित मिले

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‘प्रदेश में बीते 24 घंटे में 36 नए कोरोना संक्रमित मिले

देहरादून, उत्तराखण्ड़ में कोरोना संक्रमण धीरे धीरे फिर से बढ़ने लगा है, राज्य पूरी तरह पिछले कुछ समय से आमजन कोरोना के प्रति बेफिक्र हो गया था और कोरोना की गाइड लाइन का पालन करने में भी कौताही बरतने लगा, नतीजा सामने है और राज्य में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 36 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। 10 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 176 हो गई है। जबकि शनिवार को प्रदेश में 150 सक्रिय मरीज थे।
राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, रविवार को 5336 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। सात जिलों बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं, पौड़ी में सबसे ज्यादा 19 केस मिले हैं। अल्मोड़ा और हरिद्वार में दो-दो, नैनीताल में सात, देहरादून में पांच और ऊधमसिंह नगर में एक संक्रमित मरीज मिला है।
प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 344219 हो गई है। इनमें से 330476 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7407 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश की रिकवरी दर 96.01 प्रतिशत और संक्रमण दर 0.67 प्रतिशत दर्ज की गई है।

जहां राज्य में कोरोना संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ रहा है। लेकिन इसके उलट कोविड सैंपल जांच की रफ्तार कम हो रही है। प्रदेश में प्रतिदिन औसतन आठ हजार सैंपलों की जांच की जा रही है। हाल यह है कि साढ़े नौ महीनों में बीते सप्ताह में सबसे कम सैंपलिंग हुई है। कोविड महामारी की दूसरी लहर के बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या कम होती जा रही थी, लेकिन बीते कुछ दिन से फिर से संक्रमण बढ़ता जा रहा है, दूसरी तरफ बढ़ती लापरवाही कोरोना के फैलाव की आशंका को और बढ़ा रही है। दरअसल, बीते दिनों प्रदेश सरकार ने अपनी तरफ से लगाई गईं कोरोना संबंधी सभी बंदिशें हटा दी थीं। मौजूदा हाल यह हैं कि अधिकतर लोग सार्वजनिक स्थानों पर भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग तक के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।

देवभूमि उत्तराखंड में हरिद्वार की पावन धरती पर रहने का और शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलना बड़े सौभाग्य की बात : राष्ट्रपति

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“पतंजलि समूह के संस्थानों में भारतीयता पर आधारित उद्यमों और उद्यम पर आधारित भारतीयता का विकास हो रहा है।”

हरिद्वार। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रथम दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.), मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव, कुलपति आचार्य बालकृष्ण, संकाय अध्यक्षा डॉ. साधवी देवप्रिया भी उपस्थित थे।

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने कहा कि आधुनिक विज्ञान के साथ हमारी परंपरा की प्रासंगिक ज्ञान-राशि को जोड़ते हुए भारत को नॉलेज सुपर पावर बनाने का जो लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने निर्धारित किया है उस मार्ग पर पतंजलि विश्वविद्यालय अग्रसर है। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं तथा स्नातक,स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में हरिद्वार की पावन धरती पर रहने का और शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव जी ने योग की लोकप्रियता को बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत सरकार के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2015 में प्रतिवर्ष 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। ऐसे प्रयासों के परिणामस्वरूप सन 2016 में ‘योग’ को यूनेस्को द्वारा‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ की सूची में शामिल किया गया है। राष्ट्रपति ने क्यूबाका उदाहरण देते हुए कहा कि योग को विश्व के हर क्षेत्र और विचारधारा के लोगों ने अपनाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं उनसे भारतीय ज्ञान-विज्ञान, विशेषकर आयुर्वेद तथा योग को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व-पटल पर गौरवशाली स्थान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। मुझे यह देखकर प्रसन्नता होती है कि पतंजलि समूह के संस्थानों में भारतीयता पर आधारित उद्यमों और उद्यम पर आधारित भारतीयता का विकास हो रहा है।
राष्ट्रपति ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आलस्य और प्रमाद को त्याग कर आप सब योग-परंपरा में उल्लिखित‘अन्नमय कोश’, ‘मनोमय कोश’ और‘प्राणमय कोश’ की शुचिता हेतु सचेत रहेंगे। और ‘विज्ञानमय कोश’ और ‘आनंदमय कोश’ तक की आंतरिक यात्रा पूरी करने की महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ेंगे। करुणा और सेवा के आदर्शों को आप अपने आचरण में ढाल कर समाज सेवा करते रहेंगे। करुणा और सेवा के अद्भुत उदाहरण हमारे देशवासियों ने कोरोना का सामना करने के दौरान प्रस्तुत किए हैं। आज हम गर्व के साथ यह कह सकते हैं कि हमारा देश विश्व के उन थोड़े से देशों में से है जिन्होंने न सिर्फ कोरोना के मरीजों की प्रभावी देखभाल की है अपितु इस बीमारी से बचाव हेतु वैक्सीन का भी उत्पादन किया है। हमारे देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। सृष्टि के साथ सामंजस्यपूर्ण जुड़ाव ही आयुर्वेद एवं योग-शास्त्र का लक्ष्य है। इस सामंजस्य के लिए यह भी आवश्यक है कि हम सभी प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली को अपनाएं तथा प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन न करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब हम आज़ादी का अमृत महोत्सव बना रहे हैं, तब हमें अपने ऐसे विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को और भी अधिक प्रोत्साहन देना चाहिए जो हमारी संस्कृति को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय तथ्य है कि पतंजलि विश्वविद्यालय में छात्रों की अपेक्षा बेटियों की संख्या अधिक है। यह प्रसन्नता की बात है कि परंपरा पर आधारित आधुनिक शिक्षा का विस्तार करने में हमारी बेटियां अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी छात्राओं में से आधुनिक युग की गार्गी,मैत्रेयी, अपाला, रोमशा और लोपामुद्रा निकलेंगी जो भारतीय मनीषा और समाज की श्रेष्ठता को विश्व पटल पर स्थापित करेंगी।

स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने योग एवं आयुर्वेद को दुनियाभर में एक नई पहचान दी : राज्यपाल

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने कहा कि आज हम सभी देवभूमि वासियों के लिये सौभाग्य और प्रसन्नता का क्षण है। महामहिम राष्ट्रपति जी की उपस्थिति से आज यह विद्या और ज्ञान का मन्दिर पंतजलि विश्वविद्यालय तथा हमारा पूरा उत्तराखण्ड परिवार गरिमामय हो गया है। देवभूमि उत्तराखण्ड की पावन धरती, यहां के सुन्दर पर्वत, नदियां और सभी लोग महामहिम राष्ट्रपति जी का आभार व्यक्त करते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि स्वामी रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी ने योग एवं आयुर्वेद को दुनियाभर में एक नई पहचान दी है। वे बधाई के पात्र है। स्वामी रामदेव जी ने आयुर्वेद व योग का महत्व पूरी दुनिया को बताया। वे योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से हेल्थ सेक्टर में क्रांति लाए हैं। भविष्य में विश्व के 7 बिलियन लोग इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने इसे जन-जन तक पहुंचाने का महान कार्य किया है। आज बच्चे, बुजुर्गो सहित सभी लोगों में योग लोकप्रिय हो चुका है। प्राणायाम और योगासनों की शक्तियों को पूरा विश्व पहचान चुका है। राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद तथा योग ने भारत को कोविड काल की चुनौतियों के लिये भी तैयार किया। जहां पूरा विश्व कोविड के कारण बुरी तरह प्रभावित रहा। योग एवं आयुर्वेद के कारण भारत ने इस चुनौती का सामना बेहतर ढंग से किया। राज्यपाल ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आज इस दीक्षांत समारोह में डिग्रीयां लेने वाले विद्यार्थी अपने राष्ट्र, प्रदेश और समाज की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। आप अपनी शिक्षा, प्रतिभा एवं प्रशिक्षण का उपयोग मानव कल्याण के लिये करेंगे। आशा है कि हमारे यह स्वास्थ्य योद्धा आने वाली चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का अर्थ शिक्षा की समाप्ति नही है। शिक्षा तो जीवनभर निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। आज पूरा विश्व असीमित संभावनाओं और अवसरो से युक्त है। युवा पीढ़ी से अपेक्षाएं है कि आउट ऑफ द बाक्स थिकिंग और अपनी नई कल्पनाओं के साथ प्रत्येक क्षेत्र में असीमित परिणाम देंगे। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि आज बड़ी संख्या में युवा संस्कृत भाषा, योग, आयुर्वेद, नैचुरोपेथी तथा प्राचीन भारतीय विधाओं को पढ़ना और सीखना चाहते हैं। ऐसे युवा यदि इन्फोर्ममेशन टेक्नॉलॉजीए डिजिटिजेशन, सोशल मीडिया एवं मास मीडिया में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर लेते हैं तो यह हमारी प्राचीन विधाओं को नई ऊंचाईयों तक ले जाएंगा। युवाओं के द्वारा सोशल मीडिया तथा मास मीडिया का सदुपयोग इन समृद्ध विधाओ के प्रचार प्रसार किया जा सकता है। मेरा मानना है कि योग और आयुर्वेद के विद्यार्थी हमारी सभ्यता, संस्कृति के ब्राण्ड अम्बेसडर भी हैं। राज्यपाल ने कहा कि योग और आयुर्वेद हमारी सरल, सहज एव शाश्वत तथा सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है। हमे जन-जन तक इस बात को पहुंचाना है। योग और आयुर्वेद को विश्व की एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करना है। यह महान उत्तरदायित्व भी आपके ऊपर ही है। राज्यपाल ने कहा कि आज हमारे समक्ष सतत विकास के साथ ही संतुलित विकास की भी चुनौती है। विद्यार्थियों से मेरा आग्रह है कि यदि आपकी शिक्षा, प्रतिभा और विजन का लाभ हमारे देश के पिछडे़ क्षेत्रों, दूरस्थ गांवों, समाज के वंचित और निर्धन तबकों को मिले तो यह आपके जीवन को एक नया अर्थ देगा। विशेषकर उत्तराखण्ड के संदर्भ में यहां की शिक्षित युवाओं को स्थानीय उत्पादों, शिल्पों, संस्कृति और सोच विचार पर आधारित उद्यमों के लिये कार्य करना चाहिये। निश्चित ही आप राज्य में रिवर्स माइग्रेशन का नया अध्याय लिखेंगे। राज्यपाल ने कहा कि आशा है कि भविष्य में आप अपने सेवा क्षेत्र में नैतिक मूल्यों, मानवीयता, विश्व कल्याण और सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। आप सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की सोच के साथ कार्य करेंगे। आप प्रोफेशनल एथिक्स के साथ ही अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट से उत्कृष्ट प्रयास करेंगे।

स्वामी रामदेव अपने संघर्ष और तप से योग, प्रणायाम, अध्यात्म और स्वदेशी चिंतन की पताका को पूरे विश्व में फहरा रहे हैं : मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति का देवभूमि और गंगा नगरी में आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि हमारे महामहिम राष्ट्रपति जी का जीवन एक प्रेरणा पुंज के समान है। ये हमें बताता है कि व्यक्ति में यदि दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास, साहस और इच्छाशक्ति हो तो वो बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम जहां एकत्रित हुए हैं ये वो स्थान है जिसने दुनिया भर योग के प्रचार-प्रसार को एक नया आयाम और एक नया विस्तार दिया है। जिस प्रकार महर्षि दधीचि के तप का उपयोग कर वज्र का निर्माण हुआ उसी प्रकार स्वामी रामदेव अपने संघर्ष और तप से योग, प्रणायाम, अध्यात्म और स्वदेशी चिंतन की पताका को पूरे विश्व में फहरा रहे हैं। साथ ही इस अवसर पर मैं आभार प्रकट करना चाहूँगा आचार्य श्री बालकृष्ण जी का भी जो कि अपने प्रबंधन कौशल तथा आयुर्वेद के ज्ञान से इस भारतीय चिकित्सा पद्धति और योग क्रांति को पूरे विश्व में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग भारतीय संस्कृति के ध्वजारोहक के रूप दुनिया भर में इस सत्य को पुर्नःस्थापित कर चुका है कि भारतीय परम्पराएं, भारतीय दर्शन और हमारे ऋषि मुनियों द्वारा अपनाई और तय की गई जीवन पद्धति कितनी वैज्ञानिक और हितकारी थी। योग केवल शारीरिक ही नहीं मानसिक और भावनात्मक विकारों को भी दूर करता है। यूं तो योग सदियों से विश्व में अपना डंका बजा रहा है लेकिन जो ख्याति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से इसने हासिल की है वो अभूतपूर्व है। ये आदरणीय मोदी जी की ही पहल थी कि 21 जून 2015 को दुनिया में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया ।यशश्वी प्रधानमंत्री जी का कथन है कि हमें खुद भी योग का संकल्प लेना है और दूसरों को भी इस संकल्प से जोड़ना है। “योग से सहयोग“ तक का मंत्र हमें भविष्य का नया मार्ग दिखाएगा और मानवता को सशक्त करेगा।उत्तराखंड में हम लगातार उनके इस मंत्र पर चलने और इसे सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पथ प्रदर्शक श्री दीनदयाल उपाध्याय जी ने जो ’अंत्योदय’ का जो मन्त्र हमें दिया है लगातार उसको अपना कर हम अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। इस दिशा में हमें सफलता भी मिली है और हमारी ये यात्रा निरंतर जारी है। उत्तराखंड उन सपनों को साकार करने की राह पर आगे बढ़ रहा है जो सपने इसके निर्माण के दौरान देखे गए थे। हमारी सरकार जन आकांक्षाओं को पहचान कर उनके अ कस रही है। एक सैनिक पुत्र होने के नाते, मैं उत्तराखंड के सैनिक परिवारों की अपेक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए भी प्रयत्नशील हूँ। हम निरंतर उन कामों को कर रहे हैं जिनका सीधा सरोकार जनता से है, उनकी भलाई से है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि वर्ष 2025 में जब हम राज्य स्थापना के 25 वर्ष का जश्न मन रहे होंगे तब तक हम उत्तराखंड को हर क्षेत्र में नंबर वन बना लेंगे। प्रधानमंत्री जी ने भी कहा है और मैं भी उनके ही कथन को दोहरा रहा हूं कि आने वाला दशक उत्तराखंड का दशक होगा और इस दशक में हम आप सभी के सहयोग से नई बुलंदियों को छुएंगे। प्रदेश की जनता ने हमेशा हम पर विश्वास जताया है और मुझे पूरी आशा है कि उनका ये विश्वास हम पर आगे भी यूं बना रहेगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक श्री आदेश चौहान, श्री सुरेश राठौर, श्री प्रदीप बत्रा, मेयर रूड़की श्री गौरव गोयल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, जिला अधिकारी श्री विनय शंकर पांडे, एस एस पी श्री योगेंद्र सिंह रावत, उपाधि प्राप्तकर्ता विद्यार्थी एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।