Saturday, June 21, 2025
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किस दिन होगी देवस्थानम् एक्ट वापिसी की घोषणा, और क्या हैं मोदी के दौरे से इस घोषणा का संबंध ?

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(राजेन्द्र सिंह नेगी)

अब लगभग तय हो गया है कि पीएम मोदी ही लगाएंगे प्रदेश राजनीति के ज्वलंत मुद्दों में शुमार देवस्थानम् एक्ट विवाद पर विराम | दरअसल एक्ट को लेकर तीर्थ पुरोहित वर्ग के आंदोलन को शीघ्र समाप्त करने की इच्छुक धामी सरकार, मोदी की केदार यात्रा के दौरान ही बोर्ड भंग करने का मन बना चुकी है | ऐसे में हालिया कृषि कानून वापिसी के बाद अब चारधाम एक्ट वापिसी की घोषणा भी मोदी अपनी 3 दिसंबर को देहरादून में होने वाली रैली के दौरान करेंगे | चूंकि इस एक्ट को लेकर तीन-तीन मुख्यमंत्रियों की अहम् भूमिका रही है, इसलिए इसकी विवाद रहित वापिसी के लिए मोदी की मौजूदगी को भाजपा रणनीतिकारों ने अहम् माना |
लंबे समय से देवस्थानम् बोर्ड एक्ट के खिलाफ आंदोलनरत तीर्थ पुरोहित, पुजारी समाज एवं हक हकूकधारियों की मुराद आखिरकार पूरी होने वाली है | क्योंकि उत्तराखंड सरकार इस एक्ट को वापिस लेने जा रही है | हालांकि इसके संकेत धामी सरकार ने मोदी के केदारनाथ धाम दौरे से पहले उस समय दे ही दे दिये थे जब आंदोलनकारियों की टकराव वाली रणनीति के चलते पीएम के दौरे पर भी सवाल खड़े होने लगे थे | इस दौरान एक अवसर ऐसा भी आया कि पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत को केदार बाबा के दर्शन से रोककर कर उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया |

शायद उसी दिन तय हो गया था कि इस एक्ट को लेकर असंतुष्ट पक्ष को समझाने का समय गुजर गया है | क्योंकि इससे पूर्व तीर्थ सिंह रावत के मुख्यमंत्रिकाल में भी वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहरकान्त ध्यानी की अध्यक्षता में एक्ट के पहलुओं पर विचार करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गयी थी | लेकिन इस प्रक्रिया का हासिल भी सिफर ही निकला | अब सभी इस निष्कर्ष पर पहुँच गए कि कृषि सुधार कानून से नाराज किसानों की तरह असंतुष्ट तीर्थ पुरोहित समाज का मानना अब नामुमकिन सा है |
अब जब तय हो गया कि चार धाम एक्ट को वापिस लेने के अलावा कोई चारा नहीं, ऐसे में लाख टके का सवाल था कि इसकी घोषणा की रूपरेखा तय करना | क्योंकि इस एक्ट को पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के कार्यकाल में लागू किया गया था और एक्ट को लेकर वह समय समय पर अपने भावनात्मक लगाव को सार्वजनिक भी कर चुके हैं | वहीं दूसरे पूर्व सीएम तीर्थ सिंह रावत ने एक कदम आगे बढ़कर बकायदा बोर्ड के सदस्यों को मनोनीत भी कर दिया था | ऐसे में सीएम पुष्कर धामी के लिए प्रदेश की राजनीति में अहम् बने इस एक्ट को वापिस लेने की घोषणा करना आसान नहीं है | लिहाजा सूत्रों का कहना है कि पार्टी और सरकार के रणनीतिकारों के अनुसार कानून वापिसी को विवादरहित और गरिमामय बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी को सुनिश्चित किया गया |

फिलहाल उम्मीद की जा रही है कि देवस्थानम् बोर्ड एक्ट वापिसी से भाजपा सरकार के लगभग समूचे कार्यकाल में जारी रहे इस विवाद का पटाक्षेप हो जाएगा | अब चूंकि विधानसभा चुनाव में बहुत कम समय बचा है और विरोध करने वाले अधिकांश लोग भाजपा के ही कोर वोटर हैं | लिहाजा एक्ट वापिसी से पार्टी को उम्मीद है कि इस मुद्दे पर वह ‘न नफा न नुकसान’ की स्थिति में आ जाएगी, जो पार्टी के लिए शुभ संकेत होगा |

जानें देवस्थानम बोर्ड के विवाद का क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड सरकार के देवस्थानम बोर्ड का क्या है विवाद ?
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चारधाम समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।

देवस्थानम बोर्ड का पुरोहित क्यों कर रहे विरोध ?
अब तक मंदिरों के पुरोहित ही सारा प्रबंधन देखते थे। मंदिरों का चढ़ावा से लेकर दान सब उन्हें मिलता था। अब यह बोर्ड के हाथों में है।

देवस्थानम बोर्ड को लेकर पुरोहितों का क्या कहना है ?
पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने उनके हक को मार लिया है।
देवस्थानम बोर्ड कब बना था?
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बनाया था।

देवस्थानम बोर्ड ऐक्ट कब बना था ?
5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम बोर्ड का विधेयक पास हुआ था।

देवस्थानम बोर्ड के विरोध में कब से चल रहा आंदोलन
देवस्थानम बोर्ड के विरोध में 2019 से ही आंदोलन चल रहा है।

क्यों नहीं सुलझ रहा देवस्थानम बोर्ड विवाद का मुद्दा ?
सरकार चाहती है कि इस मामले में बीच का कोई रास्ता निकाला जाए लेकिन पुरोहित चाहते हैं कि यह बोर्ड पूरी तरह से भंग किया जाए। फिलहाल विवाद को 30 अक्टूबर तक खत्म करने को कहा गया था लेकिन विवाद अब भी बना है।

उत्तराखंड सरकार के देवस्थानम बोर्ड का क्या है विवाद?
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चारधाम समेत 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है।

देवस्थानम बोर्ड का पुरोहित क्यों कर रहे विरोध ?
अब तक मंदिरों के पुरोहित ही सारा प्रबंधन देखते थे। मंदिरों का चढ़ावा से लेकर दान सब उन्हें मिलता था। अब यह बोर्ड के हाथों में है।

देवस्थानम बोर्ड को लेकर पुरोहितों का क्या कहना है ?
पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने उनके हक को मार लिया है।
देवस्थानम बोर्ड कब बना था?
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बनाया था।

देवस्थानम बोर्ड ऐक्ट कब बना था ?
5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम बोर्ड का विधेयक पास हुआ था। देवस्थानम बोर्ड के विरोध में 2019 से ही आंदोलन चल रहा है।

क्यों नहीं सुलझ रहा देवस्थानम बोर्ड विवाद का मुद्दा ?
सरकार चाहती है कि इस मामले में बीच का कोई रास्ता निकाला जाए लेकिन पुरोहित चाहते हैं कि यह बोर्ड पूरी तरह से भंग किया जाए। फिलहाल विवाद को 30 अक्टूबर तक खत्म करने को कहा गया था लेकिन विवाद अब भी बना है।

उत्‍तराखंड सरकार ने कब अपने हाथ में लिया प्रबंधन ?
त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 के तहत एक बोर्ड का गठन कर चार धामों के अलावा 51 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया। सरकार का कहना था कि लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या और इस क्षेत्र को पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मजबूत करने के उद्देश्य के मद्देनजर सरकार का नियंत्रण जरूरी है। सरकारी नियंत्रण में बोर्ड मंदिरों के रखरखाव और यात्रा के प्रबंधन का काम बेहतर तरीके से करेगा। तब से लेकर अब तक तीर्थ पुरोहितों के अलावा एक बड़ा तबका सरकार के इस फैसले के विरोध में है। उसका कहना है कि सरकार इस बोर्ड की आड़ में उसके हकों को समाप्त करना चाह रही है। समय-समय पर वह धरना, प्रदर्शन और अनशन के माध्यम से अपना विरोध दर्ज करते रहे हैं।

30 अक्टूबर तक क्‍यों नहीं सुलझा मामला ?
तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा इस बात पर है कि सरकार ने 2019 में जो देवस्थानम बोर्ड की घोषणा की थी उसे वापस नहीं लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना कार्यभार संभालने के बाद 11 सितंबर, 2021 को तीर्थ पुरोहितों को अपने आवास में बुलाकर आश्वस्त किया था कि 30 अक्टूबर तक इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। पुरोहितों को इस बात पर भी रोष है कि मनोहर कांत ध्यानी ने कहा है कि बोर्ड को किसी कीमत पर भंग नहीं किया जाएगा। अगर पुरोहित समाज को इसके प्रावधानों से दिक्कत है तो उस पर विचार किया जा सकता है।

केदारनाथ धाम के पुरोहित ने क्‍यों लगाया आरोप?
बीते दिनों केदारनाथ धाम में पिछले 31 वर्षों से पूजा पाठ करवा रहे पुरोहित बृज बल्लभ बग्वाड़ी ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार के कामों को मटियामेट कर अरबों रुपये की बर्बादी की है।

कब-कब क्या हुआ ?
27 नवम्बर 2019 को उत्तराखंड चार धाम बोर्ड विधेयक 2019 को मंजूरी। 5 दिसंबर 2019 में सदन से विधेयक हुआ पास। 14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड का सीईओ नियुक्त हुआ।24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड का पुरोहितों ने शुरू कर दिया विरोध। 11 सितंबर 2021 को पुष्कर धामी ने सीएम बनने के बाद संतों को बुलाकर विवाद खत्म करने का आश्वसन दिया था।30 अक्टूबर 2021 तक विवाद निपटाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन मुद्दा नहीं निपटा।

पश्चिमी सभ्यता के दौर में देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना वर्तमान समय की आवश्यकता : मुख्यमंत्री

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देहरादून, संविधान दिवस के अवसर पर विधानसभा भवन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प चढ़ा कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए साथ ही राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने एवं दृढ़ संकल्पित होने के लिए सभी के द्वारा शपथ ली गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संविधान दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि हम अपने संविधान को, अपने कर्तव्य को, अपने अधिकारों को ठीक से समझ सके साथ ही पश्चिमी सभ्यता के दौर में देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना वर्तमान समय की आवश्यकता है।संविधान दिवस : CM धामी और विधानसभा अध्यक्ष ने की बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर  को श्रद्धांजलि अर्पित | Khabar Uttarakhand News

इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष ने कहा की आज संपूर्ण देश में संविधान दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है ऐसे समय में संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर का स्मरण सबसे अधिक प्रसांगिक हो जाता है। संविधान दिवस के दिन डॉ भीमराव अंबेडकर को श्रद्धाजंलि देने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।उत्तराखंड राज्य के निर्माण के लिए हम सब लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज संविधान दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम इस राज्य को अपने कर्तव्य निष्ठा के बल पर संविधान के शक्तियों, अधिकार और कर्तव्यों का निर्वहन कर प्रगति के पथ पर आगे ले जाएं ।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद, विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, आर एस राघव, आदित्य कोठारी, सीताराम भट्ट, सतेंद्र नेगी, रतन सिंह चौहान, सुभाष यादव, अनूप नौडियाल, सुशीला रावत, उषा पाल, बृज बिहारी गुप्ता, आदित्य चौहान, पार्षद शिव कुमार गौतम, हरीश तिवारी, विकास तेवतिया, सुमित पवार, गोपाल, अरुण बडोनी, लव कोहली सहित अन्य लोग उपस्थित थे |

“महिला चौपाल’’ में वोटर कार्ड बनाने व वोटर कार्ड में संशोधन करने के बारे में की गयी चर्चा

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देहरादून, राज्य में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत स्वीप के अन्तर्गत वोटर कार्ड बनाने व मतदाता सूची में पंजीकरण करवाने के लिए राज्य भर में विशेष अभियान आयोजित किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों को मतदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जा रही है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक लोग अपने मत का प्रयोग करें।
दिनांक 01 नवम्बर से 30 नवम्बर तक राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में 18 साल के युवाओं, महिलाओं को केंद्रित कर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। गत चुनाव के आधार पर महिला वोटर की संख्या जिन क्षेत्रों में कम रही वहाँ विशेष जागरूकता कैंप आयोजित किये जा रहे हैं। चकराता क्षेत्र में महिला वोटर अनुपात कम रहने के कारण मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा आज गुरुवार को 26 नवम्बर, 2021 को राजकीय इंटर कॉलेज, कोरबा (साहिया) में ‘‘महिला चौपाल’’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मतदान शपथ दिलवाकर किया गया। स्वीप के विषय में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न बूथ की 11 बीएलओ ने अपने क्षेत्र में वोटर कार्ड बनाने व किसी भी तरह के वोटर कार्ड में संशोधन करने के बारे में चर्चा की।

कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को खेल द्वारा निर्वाचन के विषय में बताया गया। विशेष तौर पर हैल्पलाईन टोल फ्री नंबर-1950, दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा आदि की जानकारी दी गई। ईवीएम मशीन का प्रदर्शन कर वोट देने की संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में व्यवहारिक रूप से समझाया गया। उपस्थित महिलाओं द्वारा बहुत से प्रशन पूछकर जानकारी ली। गांव क्वारना के बुजुर्ग वोटर श्री भवान जोशी (105 वर्ष) द्वारा अपने अनुभवों को बताते हुए सभी से वोट देने की अपील की गई। अंत में समस्त उपस्थित महिलाओं द्वारा जौनसार का लोकनृत्य ‘‘नाटी’’ प्रस्तुत कर कार्यक्रम को लोक संस्कृति से सरोबार कर दिया। इस कार्यक्रम में श्री जितेन्द्र कुमार उप निर्वाचन अधिकारी, स्वीप कॉर्डिनेटर श्रीमती सुजाता, स्वीप कन्सल्टेंट श्री अनुराग गुप्ता, श्री विनोद कुमार प्रधानाचार्य, श्री हिमांशू नेगी, कु. मेधा चमोला, स्थानीय महिलाओं, महिला स्वयं सहायता समूह बी0एल0ओ0 व 18 साल से अधिक आयु के युवाओं ने प्रतिभाग किया।

पीपीपी मोड के खिलाफ उक्रांद का आंदोलन जारी, अब आमरण अनशन की होगी तैयारी

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देहरादून, डोईवाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड से वापस लेने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने के दूसरे दिन सैकड़ों लोगों ने आंदोलन में शिरकत की, साथ ही महिला उत्थान समिति की महिलाएं भी धरने को अपना समर्थन देने के लिए पहुंची तथा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

उत्तराखंड क्रांति दल के डोईवाला विधानसभा प्रभारी तथा केंद्रीय प्रवक्ता शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि, इस बार लड़ाई आर-पार की है या तो सरकार पीपीपी मोड से अस्पताल को वापस ले अथवा यहां पर आमरण अनशन शुरू कर देंगे। आंदोलन को जनता का समर्थन मिलने लगा है। लोग स्वयं ही आंदोलन के समर्थन में एकजुट होने लगे हैं।

यूकेडी नेता प्रसाद सेमवाल ने डोईवाला अस्पताल की बदहाली के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि, राजनीतिक कारणों से कांग्रेस सरकार में अस्पताल के लिए स्वीकृत धनराशि को निरस्त कर दिया तथा उसके बाद भाजपा सरकार ने इस अस्पताल को उच्चीकरण करने के बजाए हिमालयन अस्पताल को सौंप दिया।

उत्तराखंड क्रांति दल के आंदोलन को अपना समर्थन देने आए समाजसेवी फुरकान अहमद कुरैशी ने कहा कि, जनहित के इस मुद्दे पर वह दलगत भावना से ऊपर उठकर अपना समर्थन दे रहे हैं। फुरकान के साथ दर्जनों कार्यकर्ता भी आंदोलन को अपना समर्थन देने आए थे।

उत्तराखंड क्रांति दल की जिला उपाध्यक्ष तारा देवी यादव ने कहा कि, अस्पताल के निजी करण से सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं को उठाना पड़ रहा है।
उक्रांद के नगर अध्यक्ष राकेश तोपवाल ने कहा कि, यदि सरकार जल्दी ही संज्ञान नहीं लेती तो अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।

इस अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष संजय डोभाल, जिला संगठन मंत्री दिनेश सेमवाल, नगर महिला मोर्चा अध्यक्ष बीना नेगी, शशिबाला, लक्ष्मी देवी, भावना मैठाणी, योगी पंवार, मनोज साहनी, पेशकार गौतम, दीप पांडे, बाबूलाल गौतम, सलीम, अखिलेश सिंह, राजू, रणजीत, बाबा रघुनाथ, जसवीर सिंह, सुनील साहनी, रमेश तोपवाल, हर्ष रावत, मालती देवी, जीवानंद भट्ट, लक्ष्मी लखेड़ा आदि सैकड़ों कार्यकर्ता तथा आम जनता शामिल थे।

खास खबर : उत्तराखंड़ वन विभाग में बंफर तबादले, विनोद कुमार बने वन विभाग के मुखिया

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देहरादून, उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने ठीक विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर वन महकमे में बड़ा फेरबदल किया है जिसके तहत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। प्रमुख वन संरक्षण राजीव भरतरी समेत तमाम अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी की जगह विनोद कुमार को वन विभाग का मुखिया बनाया गया है। और राजीव भरतरी को अब उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक से प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। जेएस सुहाग से भी मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को वापस ले लिया गया है।

इन अधिकारियों के हुए तबादले :

– विभाग में मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा को मुख्य वन संरक्षक 1 आदमी एवं आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। उनसे उत्तराखंड वन विकास निगम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वापस ले ली गई है।
– पराग मधुकर धकाते को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक बनाया गया है।
– अशोक कुमार गुप्ता को वन संरक्षक शिवालिक वृत्त की जिम्मेदारी दी गई है।
– धर्मेश कुमार को वन संरक्षक अपर निदेशक उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण अकादमी भेजा गया है। उनसे वन संरक्षक निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वापस ले ली गई है।

– विभाग में वन संरक्षक दीप चंद्र आर्य को वन संरक्षक पश्चिमी वित्त हल्द्वानी की जिम्मेदारी दी गई है, उनसे उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण के निदेशक का पद वापस लिया गया है।
– अखिलेश तिवारी को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व का डायरेक्टर बनाया गया है।
– तिरुज्ञानसंबंदम को प्रभागीय वन अधिकारी हरिद्वार वन प्रभाग की जिम्मेदारी दी गई है। उनसे क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम की जिम्मेदारी वापस ली गई है।
– विनय कुमार भार्गव को उप वन संरक्षक नियोजन एवं वित्तीय प्रबंधन दिया गया है।
– किशन चंद को कालागढ़ डीएफओ पद से हटाते हुए प्रमुख वन संरक्षक के कार्यालय में संबद्ध किया गया है।
– देहरादून के डीएफओ राजीव धीमान को हटाते हुए अब उन्हें उपवन संरक्षक नरेंद्र नगर बनाया गया है।

– धर्म सिंह मीणा को संयुक्त निदेशक राज्य पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी दी गई है।
– मयंक शेखर झा को उप वन संरक्षक भूमि संरक्षण निदेशालय की जिम्मेदारी दी गई है।
– नीतीश मणि त्रिपाठी को प्रभागीय वन अधिकारी देहरादून वन प्रभाग दिया गया है।
– कोको रोसे उप वन संरक्षक प्रभागीय वन अधिकारी पिथौरागढ़ की जिम्मेदारी दी गई है।
– अमित कवर को उप वन संरक्षक उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना की जिम्मेदारी दी गई है।
– सुश्री कल्याणी को उप वन संरक्षक प्रभागीय वन अधिकारी चकराता वन प्रभाग बनाया गया है।
– हिमांशु बागड़ी को जलागम निदेशालय में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है।

– कुंदन कुमार को उप वन संरक्षक अनुसंधान हल्द्वानी भेजा गया है।
– आशुतोष सिंह को उप वन संरक्षक व निदेशक वानिकी प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गई है।
– नीरज कुमार को उप वन संरक्षक निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बनाया गया है।
– इंद्र सिंह नेगी को प्रभागीय वन अधिकारी केदारनाथ वन प्रभाग दिया गया है।
– दीप चंद्र पंत को प्रभावी बना अधिकारी सिविल सोयम वन प्रभाग दिया गया है।
– विनोद कुमार सिंह को प्रभागीय वन अधिकारी टीवी वन प्रभाग दिया गया है।

– सर्वेश कुमार को उप वन संरक्षक और प्रभागीय वन अधिकारी बदरीनाथ वन प्रभाग दिया गया है।
– रमेश चंद्र को प्रभागीय वन अधिकारी चंपावत की जिम्मेदारी दी गई।
– दिनकर तिवारी को उप वन संरक्षक और प्रभागीय वन अधिकारी बागेश्वर वन प्रभाग दिया गया।
-बाबूलाल को वन अधिकारी हल्द्वानी वन प्रभाग दिया गया है।
– प्रकाश चंद आर्य को प्रभागीय वन अधिकारी कालागढ़ बनाया गया है।

फिर बिगड़ेगा मौसम का मिजाज, IMD ने इन इलाकों में दी भारी बारिश की चेतावनी

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नई दिल्लीः नवंबर का महीना मौसम परिवर्तन के लिहाज से बहुत मायने रखता है, जिसमें तापमान लगातार नीचे लुढ़कने से सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण में कुछ कमी दर्ज की गई है।

उत्तरी भारत में सर्दी लोगों को कंपकंपाने लगी है।

दूसरी ओर भारतीय मौसम विभाग(आईएमडी) ने देश के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। आईएमडी के मुताबिक दक्षिणी भारत के कुछ इलाकों में सोमवार तक भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस बीच, इस सप्ताह की शुरुआत में, मौसम एजेंसी ने तमिलनाडु में आज और कल के लिए ‘बेहद भारी बारिश’ की भविष्यवाणी करते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था।

पिछले दो हफ्तों से, दक्षिणी राज्यों में लगातार बारिश हो रही है और अगले कुछ दिनों तक इसके जारी रहने की संभावना है। आईएमडी ने बताया कि 29 नवंबर, 2021 के आसपास दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद के 48 घंटों के दौरान और अधिक चिह्नित होने और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। चेन्नई के क्षेत्रीय मौसम विभाग ने गुरुवार सुबह चेन्नई और तमिलनाडु के कुछ अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की थी।

– यहां भारी बारिश की संभावना

– 25-29 नवंबर के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।

– 26 और 27 तारीख को दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और यनम और रायलसीमा में अलग-अलग भारी वर्षा की भी संभावना है।

– 26 नवंबर, 2021 को दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी, कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी के साथ और दक्षिण तमिलनाडु तट पर तेज हवा (40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 60 किमी प्रति घंटे तक) की संभावना है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में उद्यम न करने की सलाह दी जाती है।

– तमिलनाडु के पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, टूथुकुडी, शिवगंगा, मदुरै, थेनी, डिंडुगल, तिरुचिरापल्ली, तंजावुर, तिरुवरुर, नागपट्टिनम और मायलादुथुराई जिलों में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है।

– 29 नवंबर, 2021 के आसपास दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके बाद के 48 घंटों के दौरान और अधिक चिह्नित होने और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके प्रभाव में, 29 और 30 नवंबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग भारी वर्षा की संभावना है।

जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रधानमंत्री मोदी ने किया शिलान्यास

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पहले की सरकारों ने उत्तर प्रदेश को अंधकार में रखा, उसे हमेशा झूठे सपने दिखाए : पीएम

नोएडा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ग्रेटर नोएडा के जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया, यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा | शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने उत्तर प्रदेश को अंधकार में रखा, उसे हमेशा झूठे सपने दिखाए |
पीएम ने कहा इससे पहले दिल्ली में जो सरकार थी, उसने उत्तर प्रदेश सरकार को चिट्ठी लिखकर बकायदा कह दिया था कि जेवर एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया है. लेकिन डबल इंजन की हमारी सरकार ने इस सपने को साकार किया, पहले की सरकारों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नजरअंदाज किया, उसका उदाहरण ये जेवर एयरपोर्ट भी है, यह एयरपोर्ट पिछले कई सालों तक पिछली सरकारों की खींचतान में उलझा रहा था

पीएम के भाषण की खास बातें :

पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अंधेरे में रखा, हमेशा झूठे सपने दिखाए, उसी उत्तर प्रदेश को आज राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है. आजादी के 7 दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरू हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है |

आजादी के इतनों सालों तक उत्तर प्रदेश को ताने सुनने के लिए मजबूर किया गया, कभी जातिवादी के ताने, कभी अपराधी माफिया के राजनीति गठजोड़ के ताने. लोगों में मन में यही सवाल था कि उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि बन पाएगी या नहीं |

जब एयर कनेक्टविटी बढ़ती है तो टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा मिलता है. जेवर में बनने वाले इस एयरपोर्ट से भी टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा | मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री, मुरादाबाद के पीतल उद्योग, आगरा का फुटवियर और पेठा या सहारनपुर के फर्नीचर उद्योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना जेवर एयरपोर्ट के बनने से और आसान होगा |

इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है. हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि तय समय के अंदर ही प्रोजेक्ट पूरे किए जाएं. देर करने पर कंपनी पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है |

पहले राजनीतिक लाभ के लिए आनन-फानन में रेवड़ियों की तरह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की घोषणाएं होती थीं, लेकिन योजनाएं जमीन पर कैसे उतरेंगी, धन का प्रबंध कैसे होगा, इस पर विचार ही नहीं होता था. यह वजह है कि प्रोजेक्ट दशकों तक तैयार नहीं होते थे | हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हज़ारों लोगों की आवश्यकता होती है. जेवर एयरपोर्ट पश्चिमी यूपी के हजारों लोगों को नए रोजगार देगा |

पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मथुरा, बिजनौर, बरेली, मुरादाबाद में औद्योगिक क्षेत्र हैं. एग्रीकल्चर सेक्टर में भी पश्चिम क्षेत्र की बड़ी हिस्सेदारी है. इसीलिए यह एयरपोर्ट यहां के लोगों के लिए एक नई गति देगा |
इस एयरपोर्ट के निर्माण में तीन साल का समय लगेगा. इसके निर्माण पर 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी. बन जाने के बाद यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा |

पेटीएम मनी ने मार्जिन प्लेज फीचर लॉन्च, यूजर्स को नए ट्रेड्स

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देहरादून, -उपभोक्ताओं और व्यापारियों के लिए भारत के प्रमुख डिजिटल इकोसिस्टम(1) पेटीएम ने आज अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पेटीएम मनी द्वारा “मार्जिन प्लेज” फीचर लॉन्च किये जाने की घोषणा की। इस फीचर में यूजर्स को अपने मौजूदा शेयरों को सिक्युरिटी मार्जिन के बदले गिरवी रखने की इजाजत मिलेगी, जिसे कैश सेग्मेंट, फ्यूचर्स और ऑप्शन राइटिंग्स में पूरे दिन की ट्रेडिंग या एक ट्रेडिंग सेशन के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है।

शेयर्स का पोर्टफोलियो रखने वाले निवेशक फंड उपलब्ध न होने से ट्रेडिंग का मौका चूक सकते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए पेटीएम मनी ने मार्जिन प्लेज फीचर को लॉन्च किया है। मार्जिन प्लेज वह प्रक्रिया है जिसमें यूजर्स सिक्युरिटी मार्जिन के बदले ब्रोकर के पास अपने स्टॉक गिरवी रख सकते हैं।

आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लें कि एक निवेशक के पास 2,00,000 रुपये के शेयर हैं। ट्रेडिंग का मौका आने पर अपने पास फंड की कमी होने के कारण निवेशक लाभ नहीं ले पाता। इस स्थिति में यूजर्स अब अपने स्टॉक को ब्रोकर के पास गिरवी रख सकते हैं। ब्रोकर स्टॉक की कुल कीमत में 20 फीसदी, यानी 40 हजार रुपये की कटौती करता है और शेष 1 लाख 60 हजार रुपये के शेयर को सिक्युरिटी मनी के रूप में रखता है, जिसका ट्रेडिंग के मौकों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

पेटीएम मनी ने शेयर को गिरवी रखने और शेयर को छुड़ाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया है। अब यह काम केवल कुछ क्लिक में हो सकता है। ट्रेडिंग के घंटों के दौरान सिक्युरिटी मनी 30 मिनट में हासिल की जा सकती है और सिक्युरिटी मनी की गणना वास्तविक समय में की जा सकती है। गिरवी रखे गए शेयर यूजर्स के डी-मैट अकाउंट में ही रहते हैं। यूजर्स भी कॉरपोरेट गतिविधियों में इसे इस्तेमाल करने के हकदार हैं। यूजर्स इसकी सीधे बिक्री भी कर सकते हैं।

एफऐंडओ और एक दिन या एक सेशन में ट्रेडिंग करने वाले कारोबारी पेटीएम मनी के लिए राजस्व का मुख्य स्त्रोत हैं। इन ट्रेडर्स को अक्सर ट्रेडिंग के मौकों का लाभ उठाने और स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन, फ्यूचर और ऑप्शंस की जरूरत होती है। सिक्युरिटी मार्जिन का फीचर इन ट्रेडर्स के लिए प्लेटफॉर्म को ज्यादा आकर्षक बनाता है और उन्हें अपनी ट्रेडिंग गतिविधि बढ़ाने की क्षमता मिलती है। शेयर को गिरवी रखने और शेयर को छुड़वाने के अनुरोध के लिए हर इंटरनैशनल सिक्युरिटीज आइडेंटिफिकेशन नंबर (आईएसआईएन) पर 10 रुपये के चार्ज के साथ जीएसटी लगता है। इसलिए मनी प्लेज फीचर में पेटीएम मनी के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरह से राजस्व बढ़ाने की क्षमता है।

पेटीएम मनी के सीईओ, वरुण श्रीधर ने कहा कि, “पेटीएम मनी में हमने यूजर्स को बेहतर अनुभव प्राप्त करने और सभी संभावित अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। मनी प्लेज फीचर की लॉन्चिंग से निवेशकों को ट्रेडिंग के नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपने मौजूदा पोर्टफोलियो के इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी। इसके लिए हमने इस तरह का फीचर डिजाइन किया है, जिससे यूजर्स केवल कुछ क्लिक्स में ही संपूर्ण प्रक्रिया पूरी कर लें और उन्हें ट्रेडिंग का लगातार सुखद और सहज अनुभव मिलने में कोई रुकावट न आए।”

अभी तक ये फीचर चुनिंदा यूजर्स को ही उपलब्ध है। बाद में और अधिक यूजर्स तक इसे पहुँचाया जाएगा। इस समय यह फीचर एंड्रॉयड पर उपलब्ध है और शीघ्र ही आईओएस पर भी उपलब्ध होगा।

 

ब्रैकिंग : पूर्व सैनिक ने लाइसेंसी बंदूक से पहले पत्नि को, फिर खुद को मारी गोली

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देहरादून,जनपद रानीपोखरी थाना क्षेत्र में भोगपुर मार्ग स्थित रखवाल गांव से में एक सनसनी खबर से हड़कंफ मच गया, जहां एक पूर्व सैनिक ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से पहले पत्नी की हत्या कर दी, इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। घटना की सूचना लगते ही पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस घटना के कारणों जांच में जुटी है। थाना रानीपोखरी पुलिस के मुताबिक मृतकों की पहचान ब्रजी कृषाली (58 वर्ष) और कुसुम कृषाली (55 वर्ष) रखवाल गांव रानीपोखरी निवासी के रूप में हुई है। अभी फिलहाल पति-पत्नी के बीच किसी तरह के विवाद की बात सामने नहीं आई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जांच के पश्चात ही घटना की सही जानकारी सामने आ पायेगी |

खास खबर : राजधानी दून में एफआरआई समेत दो क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित

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देहरादून, जनपद के कुछ इलाकों में कोरोना संक्रमितों के मिलने से वहां कीटेनमेंट जोन घोषित किया गया | जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल एफआरआई. एवं जी-2 बी-19 तिब्बतन कालोनी डिक्लिन सहस्त्रधारा रोड कुल्हाल में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति चिन्हित होने के फलस्वरुप उक्त क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।

देहरादून में फिर दो क्षेत्र माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित

जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी सदर को उक्त क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एवं प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सधिकारी को इन क्षेत्रों में सैंपलिंग कार्य कराते हुए इसकी नियमित मॉनिटरिंग कराने तथा जिला पूर्ति अधिकारी को उक्त क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं एवं खाद्यान्न की आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपदवासियों से मास्क का उपयोग तथा बाजारों एवं सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी का पालन करने का अनुरोध किया।

 

 

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में 11 वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी मिले कोरोना संक्रमित

देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का ग्राफ फिर से बढ़ने लगा है। देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में मिड टर्म ट्रेनिंग में आए 11 वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सभी को एफआरआइ परिसर स्थित हास्टल में आइसोलेटे कर दिया गया है।

अकादमी के अपर निदेशक डा. एसके अवस्थी ने बताया कि 48 अधिकारियों का दल पहले लखनऊ ट्रेनिंग पर था। इसके बाद दिल्ली में ट्रेनिंग के लिए गया। दिल्ली से दून प्रस्थान के दौरान सभी के सैंपल लिए गए थे, जिसमें आठ अधिकारी संक्रमित पाए गए। इसके बाद दून में सभी 48 की सैंपलिंग की गई और तीन अन्य के साथ संक्रमितों की संख्या 11 पहुंच गई है।

सात और मिले कोरोना संक्रमित

11 आइएफएस समेत सात अन्य लोग कोरोनावायरस से संक्रमित मिले हैं। तिब्बती समुदाय के सात लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें तीन क्लेमेनटाउन क्षेत्र से हैं, जबकि चार सहस्रधारा रोड स्थित तिब्बतन कालोनी से हैं।