Wednesday, May 21, 2025
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LPG Subsidy : खुशखबरी! रसोई गैस सिलेंडर पर मिल रही है सब्सिडी, घरेलू सिंलेडर मिल रही 237 रुपए तक सब्सिडी

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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक बार फिर घरेलू एलपीजी सिलेंडर (LPG) पर सब्सिडी (Subsidy) शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश चुनावों (Up Election 2022) से पहले मोदी सरकार महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार की छवि ठीक करने में लगी है।

शायद यही वजह है कि पहले पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel) पर एक्साइज ड्यूटी कम हुई। इसके बाद कृषि कानून वापस लेने का फैसला हुआ और अब घरेलू गैस सिलेंडर की सब्सिडी खातों में देना शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ग्राहकों के खातों में इस बार पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। यह 79.26 रुपए प्रति सिलेंडर से लेकर 237.78 रुपए तक है।

सात साल में दोगुने बढ़े LPG के रेट
रसोई गैस की कीमतों (LPG price) में लगातार बढ़ोतरी के कारण सरकार ने यह फैसला लिया है। कांग्रेस (Congress) समेत विपक्षी दल लगातार एलपीजी और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को लेकर सरकार पर हमलावर थे। मोदी सरकार के आने के बाद से पिछले सात सालों में रसोई गैस की कीमतें दोगुनी से भी अधिक हो गई हैं।

उज्ज्वला पर घिरी थी सरकार
मोदी सरकार ने गरीब महिलाओं को मुफ्त उज्ज्वला कनेक्शन (ujjwala yojana) दिए हैं। लेकिन, लगभग हर शहर में सिलेंडर के दाम 900 रुपए तक पहुंच गए हैं। ऐसे में उज्ज्वला के चूल्हे एक कोने में रखे थे। बड़ी संख्या में गरीब परिवार सिलेंडर रीफिल कराने की स्थिति में नहीं थे। इसे लेकर सरकार बार बार घिर रही थी।

पेट्रोल-डीजल पर घटाई थी एक्साइज ड्यूटी
दिवाली से एक दिन पहले मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel) पर एक्साइज ड्यूटी कम की थी। पेट्रोल में 5 रुपए और डीजल में 10 रुपए की बड़ी कटौती करने के बाद कई राज्यों ने वैट घटाया। इसके बाद पेट्रोल और डीजल के दाम 10 से 15 रुपए तक कम हुए हैं।

ऐसे चेक करें खाते में कितनी सब्सिडी मिली
1. ब्राउजर पर www.mylpg.in ओपन करें।
2. स्क्रीन के दाईं तरफ गैस कंपनियों के गैस सिलेंडर का फोटो दिखेगा।
3. यहां आपके पास जिस कंपनी का गैस सिलेंडर है, उसका फोटो क्लिक करें।
4. इसके बाद स्क्रीन पर एक नया विंडो खुल जाएगा, जो आपके गैस सर्विस प्रोवाइडर का होगा।
5. अब सबसे ऊपर दाईं तरफ साइन-इन और न्यू यूजर के ऑप्शन क्लिक करें।
6. अगर आप पहले से यहां अपनी आईडी बना रखी है तो साइन-इन करें। अगर आपकी आईडी नहीं है तो आप न्यू यूजर पर टैप कर वेबसाइट पर लॉगइन करें।
7. अब आपके सामने विंडो खुलेगा, उसमें दाईं तरफ व्यू सिलेंडर बुकिंग हिस्ट्री पर टैप कर दें।
8. यहां आपको जानकारी मिलेगी कि आपको किस सिलेंडर पर कितनी सब्सिडी दी गई है और कब दी गई है।
9. आपने गैस बुक की है और सब्सिडी का पैसा नहीं मिला है तो आप फीडबैक वाले बटन पर क्लिक करें।
11. इसके अलावा आप इस टोल फ्री नंबर 18002333555 पर फ्री में कॉल कर इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

स्कूल में लड़की ने टीचर को मारा थप्पड़, दी गाली और फिर फोन फेंककर चली गई; देखे वायरल वीडियो

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कोरोनावायरस का कहर कम होने के साथ दुनियाभर में कई जगहों पर स्कूल खुल गए हैं. बच्चे स्कूल जाना शुरू कर दिए हैं, लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी घटनाएं सुनने को मिल रही हैं, जिसके बारे में जानकर आप सिहर उठेंगे. अमेरिका के टेक्सास में एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है. एक स्टूडेंट ने अपनी क्लास टीचर को जाकर थप्पड़ मार दिया, इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस मामले में स्कूल प्रशासन ने भी एक्शन लिया.
क्लास में टीचर को स्टूडेंट ने मारा थप्पड़
न्यूयॉर्क पोस्ट की खबर के मुताबिक, टेक्सास के एक स्कूल में एक स्टूडेंट गुस्से में आकर क्लास टीचर पर जाकर बरस पड़ी. वायरल होने वाले वीडियो में देखा जा सकता है कि गुस्सैल स्टूडेंट अपनी सीट से उठकर जाती है और अपनी मां को फोन करने के लिए टीचर के डेस्क पर जाती है. जब टीचर ने ऐसा करने के लिए मना किया उसने टीचर के हाथ पर थप्पड़ जड़ दिया. टीचर ने उसे क्लासरूम से बाहर जाने के लिए कहा, लेकिन गुस्से से भरी स्टूडेंट ने एक ना सुनी.
छात्रा ने टीचर को ‘नस्लीय’ टिप्पणी भी कर डाली
छात्रा ने अपनी मां को फोन लगाया और फिर टीचर को लेकर ‘नस्लीय’ टिप्पणी भी कर डाली. इतना ही नहीं, आखिर में गुस्साई स्टूडेंट ने टीचर के ऊपर ही फोन को फेंक दिया और क्लास रूम से बाहर चली गई. इस दौरान टीचर बेहद ही शांत व्यवहार में नजर आईं. पूरी घटना के एक वीडियो क्लास की एक स्टूडेंट ने रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. यह वीडियो वायरल होते हुए मामला तूल में आ गया.

वीडियो वायरल हुआ तो स्कूल प्रशासन हरकत में आई
बदतमीजी का यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो स्कूल प्रशासन भी हरकत में आ गई. स्कूल प्रशासन ने अपने एक बयान में कहा, ‘टीचर के शांत व्यवहार के लिए हम सराहना करते हैं. पूरी घटना के दौरान हम टीचर और उसकी प्रतिक्रिया का मजबूत शब्दों में समर्थन करते हैं. शिक्षिका के खिलाफ उत्पीड़न, नस्लवाद और हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ इस मामले में स्कूल प्रशासन द्वारा पूरी जांच कराई जा रही है.

 

पंचायत का फैसला: युवक दो साल तक नहीं कर पाएगा शादी

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रुड़की। सगाई के बाद युवती से रिश्ता तोड़ने वाले एक युवक को बिरादरी की पंचायत ने एक अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। पंचायत ने युवक की शादी पर दो साल तक पाबंदी लगा दी है। यदि वह ऐसा करता है तो बिरादरी उसके परिवार का भी बहिष्कार करेगी। यही नहीं बिरादरी की पंचायत ने युवक के स्वजन पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह राशि युवती के स्वजन को दी जाएगी।

रुड़की के एक गांव निवासी व्यक्ति ने अपनी बेटी का रिश्ता देवबंद निवासी एक युवक के साथ तय किया था। इसके लिए रस्में भी हुई थी। छह माह बाद युवक ने युवती से रिश्ता तोड़ दिया। युवक पक्ष की ओर से रिश्ता तोड़ने का कोई ठोस कारण भी नहीं बताया गया। इस बात से परेशान युवती के पिता ने रुड़की, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत आसपास के बिरादरी के मौजिज व्यक्तियों की पंचायत बुलाई। पंचायत को पीड़ि‍त ने सारी बात बताई।

पंचायत में युवक व उसके स्वजन को भी बुलाया गया। युवक, युवती से शादी न करने का कोई ठोस कारण नहीं बता पाया।
युवती पक्ष की भी कोई गलती ऐसी नहीं बता पाया, जिसके कारण उन्हें रिश्ता तोड़ने की जरूरत पड़ी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पंचायत ने युवक पर दो साल तक शादी न करने का प्रतिबंध लगा दिया। इसके अलावा 40 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। हालांकि, युवती पक्ष का कहना है कि दहेज के कारण युवक पक्ष ने यह रिश्ता तोड़ा था। उन्हें लग रहा था कि शायद वह लोग कम दहेज देंगे। क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

15 दिसम्बर 2021 तक स्वरोजगार योजनाओं के तहत लोन के निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण किया जाय: सीएम

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• जिलाधिकारी प्रत्येक सप्ताह विभिन्न योजनाओं के तहत दिये जाने वाले लोन की समीक्षा करें।

• केन्द्र एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

• लोन के लिए अनावश्यक आपत्ति लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

• जिला स्तरीय अधिकारियों एवं बैंकर्स द्वारा कैंप लगाकर जन समस्याओं का समाधान किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस वर्ष विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोन देने का लक्ष्य रखा गया है, उस लक्ष्य को 15 दिसम्बर 2021 तक पूर्ण किया जाय। संबंधित विभागीय अधिकारी एवं बैंकर्स आपसी समन्वय स्थापित कर हर हाल में लक्ष्य पूर्ण करें। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोन दिये जा रहे हैं, उनकी प्रत्येक सप्ताह प्रगति समीक्षा की जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की विभिन्न माध्यमों से लोगों को जानकारी दी जाए। विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोन दिये जा रहे हैं, उनकी आम जन को जानकारी हो। इसके लिए जिलाधिकारियों एवं बैंक के अधिकारियों द्वारा अभियान चलाया जाय। एक ही जगह पर लोगों की लोन की समस्या का समाधान हो, जिला स्तरीय अधिकारी एवं बैंक के अधिकारी कैंपों के माध्यम से जन समस्याओं का समाधान करें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 15 दिसम्बर 2021 तक निर्धारित लक्ष्य पूर्ण करने के साथ ही जिन योजनाओं में अधिक आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, लक्ष्य से अधिक लोन स्वीकृत करने के लिए प्रयास किये जाए। अनावश्यक आपत्तियां लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई भी की जाय। बैंकों द्वारा आवेदन प्राप्त होने के एक सप्ताह के अन्दर लोन की सम्पूर्ण कार्यवाही की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि योजनाओं का लाभ लोगों को समय पर मिले। अनावश्यक रूप से कार्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बढ़ाये गये लक्ष्य को भी समय पर पूर्ण कर लें। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन स्वीकृति की स्थिति पर निगरानी के लिए जिलाधिकारी निरन्तर बैंकर्स के साथ समन्वय स्थापित करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एनआरएलएम, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, होम स्टे, स्पेशल कम्पोनेंट प्लान, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, एन.यू.एल.एम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन प्रोग्राम, स्टैण्ड अप इण्डिया, पीएम स्वनिधि, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री एल. फैनई, सचिव श्री अमित नेगी, श्री शैलेश बगोली, श्री एस. ए. मुरूगेशन, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी एवं बैंकर्स उपस्थित थे।

आपदा प्रभावितों की सहायता को आगे आये भारत सरकार के उपक्रम

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देहरादून, ग्रामीण विद्युतिकरण निगम लि0, विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में श्रम शक्ति भवन नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री आर. के. सिंह ने उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को आपदा प्रभावितों के सहायतार्थ 22.5 करोड़ का चैक सौंपा। कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी वर्चुअली प्रतिभाग किया, उन्होंने राज्य के आपदा प्रभावितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने पर केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह सहित विभागीय अधिकारियों का आभार जताया।

सूबे के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि विगत दिनों उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा से राज्य को भारी नुकसान उठाना पड़ा था, जिसमें जान-माल की हानि भी हुई।

हालांकि समय रहते राज्य सरकार ने बचाव एवं राहत कार्यों में तेजी दिखाते हुए अधिक नुकसान होने से बचा लिया। उन्होंने बताया कि राज्य में दैवीय आपदा के प्रकोप को देखते हुए ग्रामीण विद्युतिकरण निगम लिमिटेड (आरईसी लि0) भारत सरकार ने अपने सात पीएसयू के सहयोग से सीएसआर फंड के तहत उत्तराखंड को 22.5 करोड़ की धनराशि आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए दी है।

मंगलवार को नई दिल्ली स्थित श्रम शक्ति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री आर. के. सिंह के द्वारा सीएसआर फंड के तहत जुटाई कई आर्थिक मदद का चैक सूबे के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री को सौंपा। जिस पर डॉ. रावत ने केन्द्रीय विद्युत मंत्री आर.के. सिंह एवं आरईसी के अधिकारियों तथा उनके पीएसयू के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड आपदा के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील राज्य है, जहां पर्वतीय जिलों में बरसात के मौसम में दैवीय आपदा की संभावनाएं बनी रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दैवीय आपदाओं से निपटने के लिए राज्य स्तर से लेकर जिला एवं न्याय पंचायत स्तर तक एक मजबूत तंत्र स्थापित किया है। जिसके तहत गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में एक-एक हेलीकॉप्टर की तैनाती, जिला एवं तहसील स्तर पर आपदा परिचालन केन्द्रों की स्थापना, एसडीआरएफ फंड के तहत दूरस्थ पंचायतों में सेटेलाइट फोन का संचालन, ग्राम स्तर पर आपदा प्रहरी की तैनाती, पंचायत स्तर पर बचाव एवं सुरक्षा किटों का वितरण आदि व्यवस्थाएं की गई हैं।

आरईसी के सीजीएम सौरभ रस्तोगी ने बताया कि उत्तराखंड के आपदा प्रभावितों के सहायतार्थ सीएसआर फंड के तहत जुटाई गई 22.5 करोड़ की धनराशि में विभिन्न सात विद्युत पीएसयू का विशेष सहयोग रहा है। जिसके तहत एनटीपीसी द्वारा आठ करोड़, आरईसी पांच करोड़, पीएफसी चार करोड़, पीजीसीआईएल साढ़े तीन करोड़, एनएचपीसी एक करोड़, टीएचडीसी तथ एसजीवीएन द्वारा 50-50 लाख की धनराशि का सहयोग प्रदान किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय एवं आरईसी तथा अन्य पॉवर पीएसयू के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।

रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के लिए प्रशिक्षण कैम्प होंगे आयोजित : महाराज

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उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के लिए चलेगा प्रशिक्षण सत्र

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू, कटरा के चार विशेषज्ञों देंगे प्रशिक्षण

देहरादून, चारधाम यात्रा और 15 चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) की ओर से उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा। निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जम्मू, कटरा के चार विशेषज्ञों की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने अपने कैंप कार्यालय सुभाष रोड़ पर मंगलवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए कही।

प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने अपने कैंप कार्यालय सुभाष रोड़ पर मंगलवार को पर्यटन विभाग द्वारा चार धाम यात्रा और 15 चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तरकाशी में एक महीने और रुद्रप्रयाग में 15 दिनों तक रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की थेरपी) के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों जगह होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में करीब 70 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 नवंबर से शुरू किया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘रिफ्लेक्सोलॉजी (पैरों की मसाज) हमारी प्राचीन चिकित्सा है। रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा है, जो भारत साहित अन्य एशियाई देशों में काफी प्रचलित है।

उन्होने कहा कि रिफ्लेक्सोलॉजी एक ऐसी थ्योरी पर काम करती है जो शरीर के अंगों और तंत्रों से जुड़ी होती है। शरीर के कुछ अंगों पर दबाव देने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं। रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि में बिना तेल या लोशन का इस्तेमाल किये अंगूठे, अंगुली और हस्त तकनीक द्वारा पैर और हाथ पर दबाव डाला जाता है।

श्री महाराज ने कहा कि पैरों की मसाज करने से तनाव काफी कम हो जाता है। यह चिकित्सा ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करता है और व्यक्ति को शांति और आराम मिलता है। कई लोग बीमारी के शारीरिक लक्षणों, जैसे कि सिरदर्द, थकान और अनिद्रा के साथ मदद करने के लिए रिफ्लेक्सोलॉजी उपचार की तलाश करते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस 2,000 साल पुरानी मालिश चिकित्सा का ज्ञान और तकनीक बौद्ध भिक्षुओं के गुप्त रहस्य थे। जिन्हें जीवित रखा गया और पीढ़ियों से पारित किया गया।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से चार धाम और अन्य स्थानों पर जाने वाले हमारे तीर्थयात्रियों के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

प्रशिक्षित फुट थेरेपिस्ट रिफ्लेक्सोलॉजी के लिए 150 से 300 रुपये लेते हैं और प्रति दिन 1000 से 1500 रुपये तक कमा सकते हैं। इतना ही नहीं इससे तीर्थयात्रियों/पर्यटकों/ट्रेकरों को देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ों पर चलते हुए बहुत राहत भी मिलेगी। दुनिया भर में बड़ी संख्या में रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट इस तरह की सुविधा दे रहे हैं।

इस मौके पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी श्रीमती सुशीला बलूनी एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के एसीईओ अश्वनी पुण्डीर आदि उपस्थित थे।

गोकुल धाम कालोनी में पार्क के सौंदर्यीकरण कार्य का विधायक हरबंश कपूर ने किया शिलान्यास

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देहरादून, कैंट विधान सभा के अन्तर्गत वार्ड 40 स्थित गोकुल धाम कालोनी में विधायक हरबंस कपूर के कर कमलों द्वारा कालोनी में प्रथम चरण में रुपए 9 लाख 16 हजार की स्वीकृत राशि से पार्क के सौंदर्यीकरंण के कार्य का शिलान्यास किया गया, उन्होंने कहा कि अगर इसके अलावा भी पार्क में अतिरिक्त राशि लगती है तो उसकी भी उचित व्यवस्था की जाएगी | इस पार्क को सुधारने व सवारने हेतु क्षेत्रीय जनता द्वारा पार्षद मीरा कठैत जी के पास काफी वर्षों से मांग चल रही थी जिसे मीरा कठैत के अथक प्रयास से आज निर्माण कार्य हेतु विधायक द्वारा शिलान्यास किया गया, इस अवसर पर प्रेमनगर कावली मंडल अध्यक्ष विजेंद्र थपलियाल, जीएमएस मंडल महामंत्री सुमित पांडे, शक्ति केंद्र संयोजक विनोद रावत, प्रेमनगर कावली मंडल के मंडल मीडिया प्रभारी इं० सुनील दत्त घिल्डियाल, वार्ड मीडिया प्रभारी राकेश कुमार शर्मा बूथ अध्यक्ष पंकज भटनागर युवा मोर्चा के संदीप कठैत, दीपक सुंद्रियाल, धर्मेंन्द्र, अनिल जुयाल, अनिल डंगवाल,पं. प्रदीप उनियाल, जोधा सिंह रावत व लीला राणा, सरोज भरतरी, विजय लक्ष्मी समस्त गोकुल धाम कॉलोनी की सम्मानित जनता उपस्थिति रही |

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विकास कार्यों हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

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देहरादून,     विधानसभा क्षेत्र पुरोला के अन्तर्गत मठ लमकोठी मोटर मार्ग के कि.मी. 02 से 5 तक विस्तार कार्य हेतु रूपये 76.78 लाख, विधानसभा क्षेत्र पिथौरागढ़ के अन्तर्गत विभिन्न 02 निर्माण कार्यों हेतु रूपये 38.76 लाख, विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत विभिन्न 02 निर्माण कार्यों हेतु रूपये 148.40 लाख, विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत रानीगढ़ लैणी-बुढ़वा-सौड मोटर मार्ग का पी0सी0 द्वारा डामरीकरण हेतु रूपये 389.22 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी क्रम में विधानसभा क्षेत्र कपकोट के अन्तर्गत गैंरखेत से लखमरा तक मोटर मार्ग के नवनिर्माण हेतु रूपये 122.90 लाख, विधानसभा क्षेत्र रूड़की के अन्तर्गत विभिन्न 02 मोटर मार्गों हेतु रूपये 392.38 लाख, विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर के अन्तर्गत वार्ड सं0-89 के मार्ग एवं नाली का निर्माण हेतु रूपये 241.93 लाख, विधानसभा क्षेत्र रायपुर के अन्तर्गत वार्ड संख्या- 66 के आंतरिक क्षतिग्रस्त मार्गों पर इण्टरलॉकिंग टाईल्स द्वारा निर्माण कार्य हेतु 76.40 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
वहीं विधानसभा क्षेत्र लैंसडाउन के अन्तर्गत पाली बैण्ड से पाली गांव तक हल्का वाहन मार्ग से मोटर मार्ग में परिवर्तन एवं मोटर मार्ग का विस्तार हेतु रूपये 50.17 लाख, विधानसभा क्षेत्र लैंंसडाउन के ही विभिन्न 05 निर्माण कार्यों हेतु रूपये 233.97 लाख, विधानसभा क्षेत्र थराली के अन्तर्गत बांजबगड़-तेलना मोटर मार्ग के कि.मी. 9 का हल्का वाहन मार्ग से मोटर मार्ग में परिवर्तन एवं किमी0 10, 11 एवं 12 तक नवनिर्माण कार्य हेतु रूपये 192.86 लाख तथा विधानसभा क्षेत्र सहसपुर के अन्तर्गत ग्रीन सिटी कॉलोनी, बाजाली एन्क्लेव, कृष्ण विहार तथा डी0एस0पी0 चौक से आंतरिक मार्गों का निर्माण कार्य हेतु रूपये 265.33 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

खास खबर : 13 आईएएस अधिकारियों को चुनाव से पहले दी गयी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

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देहरादून, उत्तराखंड सरकार से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां आईएएस अफसरों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। 13 आईएएस अधिकारियों को चुनाव से पहले महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, राज्य सरकार की तरफ से इन अधिकारियों को 13 अलग-अलग जिलो जिम्मेदारी देते हुए इन जिलों में विकास योजनाओं की समीक्षा और समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के 13 आईएएस अधिकारियों को जिलों में प्रभारी बनाया गया है।

उत्तराखंड में हरिद्वार जिले में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, नैनीताल जिले में प्रमुख सचिव एल फैनई, देहरादून जिले में सचिव अमित सिंह नेगी, पौड़ी जिले का प्रभार सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, रुद्रप्रयाग जिले में दिलीप जावलकर, उधम सिंह नगर के लिए बीवीआरसी पुरुषोत्तम को जिम्मेदारी दी गर्य है। इसी तरह टिहरी गढ़वाल एसए मुरुगेशन अल्मोड़ा पंकज कुमार पांडे, चंपावत जिले चंद्रेश कुमार यादव, उत्तरकाशी जिले में हरी चंद्र सेमवाल, बागेश्वर जिले में विनोद कुमार सुमन और चमोली जिले में दीपेंद्र कुमार चौधरी को प्रभारी बनाया गया है।

प्रदेश के सभी 13 जनपदों में विकास कार्यों की समीक्षा एवं शासन तथा जनपद के मध्य यथाआवश्यक समन्वय स्थापित किए जाने के उद्देश्य से पूर्व में निर्गत कार्यालय आदेश संख्या 1004/185/रा.यो.आ./प्रभा. सचि.- जनपद/2016 दिनांक 26 अगस्त, 2021 को अवक्रमित करते हुए प्रमुख सचिव/ सचिव/सचिव (प्रभारी) को निम्नानुसार जनपद प्रभारी नामित किये जाने का निर्णय लिया गया है | इसके साथ ही यह अपेक्षा की जाती है कि, सभी जनपद प्रभारीगण अपने-अपने जनपद के सतत् सम्पर्क में रहेंगे,
नियमित रूप से जिले का भ्रमण करेंगे। जनपद की विशिष्ट
समस्याओं से शासन को अवगत करायेंगे।

मुंबई हाई को निजी क्षेत्र को सौंप रही है सरकार, ओएनजीसी के अधिकारियों की यूनियन ने जताया कड़ा विरोध

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नई दिल्ली (पीजीआई), ओएनजीसी के अधिकारियों की एक यूनियन ने कंपनी के सबसे बड़े तेल एवं गैस क्षेत्र (मुंबई हाई) को ‘थाली में सजाकर’ विदेशी कंपनियों को देने के पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। यूनियन का कहना है कि सरकार को ऐसा कदम उठाने के बजाय कंपनी को मजबूत करना चाहिए और उसे समान अवसर उपलब्ध कराना चाहिए।

ओएनजीसी की अधिकारियों की यूनियन ‘वैज्ञानिक और तकनीकी कार्यालय संघ’ ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (खोज) अमर नाथ द्वारा मुंबई हाई की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी और परिचालन अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को देने के प्रस्ताव के खिलाफ पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से गुहार लगाई है। अतिरिक्त सचिव ने उत्पादन बढ़ाने के लिए बेसिन और सैटेलाइट (बीएंडएस) अपतटीय संपत्तियों में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को देने का प्रस्ताव किया है। यह यूनियन ओएनजीसी के 17,000 अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करती है | यूनियन ने कहा कि कंपनी और उसके कर्मचारी आयात में कटौती के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाने के सरकारी उद्देश्य के साथ पूरी तरह से जुड़े हैं।

इसे हासिल करने के लिए ओएनजीसी को तेल एवं गैस खोज के लिए निजी क्षेत्र के समान वित्तीय और नियामकीय व्यवस्था उपलब्ध कराई जानी चाहिए। यूनियन ने 11 नवंबर को पुरी को लिखे पत्र में कहा है कि ओएनजीसी के क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य से नीचे गैस मूल्य निर्धारण की समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि छोटे और दूरदराज के क्षेत्रों से उत्पादन को व्यवहारिक बनाया जा सके। साथ ही ओएनजीसी को प्राकृतिक गैस के छोटे पूल के विपणन की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए, जो वर्तमान मूल्य व्यवस्था में व्यवहार्य नहीं है | पत्र में कहा गया है कि ओएनजीसी के लिए सांविधिक मंजूरी और प्राधिकरणों को महत्तम करने के अलावा दूसरे प्रक्रियागत पहलुओं को बदलने की जरूरत है ताकि कंपनी को तेजी से फैसले लेने में मदद मिल सके। दरअसल, निजी और विदेशी कंपनियां तेल खोज में अरबों डालर का निवेश करने का जोखिम नहीं लेना चाहती हैं। इसके बजाय वे स्थापित क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहती हैं।