Monday, June 9, 2025
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मुस्कान प्रोजेक्ट में छात्रों को भारतीय संस्कृति एवं इसकी विरासत की जानकारी दी जा रही हैं

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देहरादून/हरिद्वार। प्रोजेक्ट ‘मुस्कान’ के तहत प्रभा खेतान फाउंडेशन और एजुकेशन फॉर ऑल ट्रस्ट एवं श्री सीमेंट की तरफ से संयुक्त तत्वाधान में पूरे भारत में हजारों छात्रों को लेकर एक परियोजना की शुरुआत की गयी है। इसके तहत कहानी सुनाना, नृत्य, संगीत, कठपुतली, रंगमंच और कला के रुप में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये भारतीय विरासत, साहित्य और संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी देकर इसके प्रति बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करायी जाएगी। इस परियोजना के जरिये जरूरतमंद बच्चों में पौष्टिक भोजन और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जायेगी।

मुस्कान के विभिन्न प्रोजेक्ट के साथ अबतक देशभर में 100 से अधिक स्कूल जुड़े हुए हैं। मुस्कान ने रस्किन बॉन्ड और सुधा मूर्ति जैसे प्रख्यात भारतीय लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़कर भारतीय साहित्य और इसकी सांस्कृतिक विरासत को लेकर एक इंटरैक्टिव सत्र शुरू किया है। स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के अंतर्राज्यीय नेटवर्क के सहयोग से आयोजित इन सत्र में प्रदर्शन कलाओं को स्कूल के विस्तृत पाठ्यक्रम में जोड़ा गया है, जिसकी मदद से प्रतिभाशाली छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।

प्रोजेक्ट मुस्कान एवं प्रभा खेतान फाउंडेशन के प्रमुख, सांस्कृतिकार एवं समाजसेवी संदीप भूतोरिया ने कहा भारतीय साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत इतना विशाल है कि किसी भी पाठ्यक्रम के लिए इसे पूरी तरह से कवर करना असंभव है। हम, बच्चों और छात्रों के रूप में, हमारी समृद्ध भारतीय विरासत के कई पहलुओं से चूक गए हैं। प्रोजेक्ट मुस्कान इस अंतर को एक चंचल और मनोरंजक तरीके से बच्चों के मन में उतारने का एक प्रयास है। मुस्कान छात्रों की विभिन्न जरूरतों और मुद्दों को समझकर इसका समाधान करती है।

एच एम बांगड़ ने कहा श्री सीमेंट ने इसके पहले पिछले कुछ वर्षों में अपनी सीएसआर पहल के तहत एक हिस्से की राशि महिला सशक्तिकरण, बुजुर्गों की मदद, शिक्षा और कौशल विकास के प्रसार, शहीदों के परिवार का समर्थन करने आदि के लिए खर्च कर कई पहल की शुरुआत की हैं।

सुमित्रा रे ने कहा मुस्कान प्रोजेक्ट, भारत की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है और इसका उद्देश्य आधुनिक शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य पुस्तकों से परे हमारी समृद्ध भारतीय विरासत को बढ़ावा देना और इसके प्रति छात्रों के मन में जिज्ञासा पैदा करना है।

10 साल में रकम हो जाएगी दोगुनी, जबरदस्त है ये जीरो रिस्क वाली पोस्ट ऑफिस स्कीम

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नई दिल्ली: निवेश इकलौता ऐसा जरिया है जिससे आप अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं. मौजूदा समय में रिस्क क्षमता (risk capacity) के हिसाब से कई तरह के निवेश विकल्प मौजूद है.

अगर आपमें में जोखिम लेने की क्षमता ज्यादा है तो आप इक्विटी में निवेश करते हैं, जैसे म्यूचुअल फंड्स, लेकिन अगर आप एक सुरक्षित और जीरो रिस्क वाला निवेश खोज रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम्स बेहतर विकल्प हो सकता है.

लंबी अवधि के निवेश

पोस्ट ऑफिस स्कीम्स लंबी अवधि के निवेश हैं. ये स्कीम्स उनके लिए हैं जो परंपरागत निवेश पसंद करते हैं और लंबी अवधि का नजरिया रखते हैं. पोस्ट ऑफिस स्कीम्स पर सरकारी गारंटी मिलती है, यानी इसमें रिस्क बिल्कुल नहीं है. साथ ही निवेश पर एक गारंटीड रिटर्न भी मिलता है. हम यहां पर आपको एक ऐसी ही पोस्ट ऑफिस स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम है किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra).

क्या है किसान विकास पत्र (KVP)

इस स्कीम की अवधि 124 महीने यानी 10 साल 4 महीने है. अगर आपने इस स्कीम में 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 तक निवेश किया है, तो आपकी ओर से जमा की गई एकमुश्त रकम (lump sum amount) 10 साल और 4 महीने में दोगुनी हो जाती है. किसान विकास पत्र पर पर आपको 6.9 परसेंट का सालाना कंपाउंड ब्याज मिलता है.

जितना चाहें निवेश कर सकते हैं

आप किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट को 1,000 रुपये के न्यूनतम निवेश से खरीद सकते हैं, इस स्कीम में निविश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, यानी आप जितना चाहें इस स्कीम पैसा डाल सकते हैं. इस स्कीम की शुरुआत 1988 में हुई थी, तब इसका मकसद था किसानों के निवेश को दोगुना करना, लेकिन अब इसे सभी के लिए खोल दिया गया है. अब ये कह सकते हैं कि किसान विकास पत्र का फिलहाल किसानों से कोई लेना देना नहीं है.

लेकिन देना होगा PAN और आधार

निवेश की कोई सीमा नहीं होने से मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा भी है, इसलिए सरकार ने 2014 में 50,000 रुपये से ज्यादा के निवेश पर PAN कार्ड अनिवार्य कर दिया था. अगर 10 लाख या इससे ज्यादा निवेश करते हैं तो इनकम प्रूफ भी जमा करना होगा, जैसे ITR, सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट वगरैह. इसके अलावा पहचान पत्र के तौर पर आधार भी देना होता है.

तीन तरह से खरीद सकते हैं

1. सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट: इस तरह का सर्टिफिकेट खुद के लिए या किसी नाबालिग के लिए खरीदा जाता है
2. ज्वाइंट A अकाउंट सर्टिफिकेट: इसे दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों होल्डर्स को भुगतान होता है, या जो जीवित हो
3. ज्वाइंट B अकाउंट सर्टिफिकेट: इसे दो वयस्कों को ज्वाइंट रूप से जारी किया जाता है. दोनों में से किसी एक को भुगतान होता है या जो जीवित हो

किसान विकास पत्र के फीचर्स

1. इस स्कीम पर गारंटीड रिटर्न मिलता है, इसका बाजार के उतार चढ़ाव से कोई लेना देना नहीं है, इसलिए ये निवेश का बेहद सुरक्षित जरिया है. अवधि खत्म होने के बाद आपको पूरी रकम मिल जाती है
2. इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट नहीं मिलती है. इस पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से टैक्सेबल है. मैच्योरिटी के बाद निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता है
3. मैच्योरिटी पर यानी 124 महीने बाद आप रकम निकाल सकते हैं, लेकिन इसका लॉक -इन पीरियड 30 महीनों का होता है. इससे पहले आप स्कीम से पैसा नहीं निकाल सकते, बशर्ते खाताधारक की मृत्यु हो जाए या कोर्ट का आदेश हो
4. इसमें 1000, 5000, 10000, 50000 के मूल्य वर्ग (denominations) में निवेश किया जा सकता है
5. किसान विकास पत्र को कोलैटरल के तौर या सिक्योरिटी के तौर पर रखकर आप लोन भी ले सकते हैं

शफीकुर्रहमान का विवादित बयान, बोले- शादी की उम्र सीमा बढ़ाने से लड़कियां करेंगी आवारगी

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लखनऊ, शादी के लिए लड़कियों की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लग गई है इसे जल्द ही कानून बनाया जा सकता हैं। यानी की अब लड़कियों के शादी करने की सही उम्र 18 नहीं बल्कि 21 होगी। इस प्रस्ताव को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी जो काफी अजीबोगरीब थी। प्रस्ताव पर अपने कमेंट के दौरान उन्होंने महिलाओं के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उन्होंने महिलाओं के लिए आवारगी शब्द को भी प्रयोग किया जिसके बाद विवाद बढ़ गया। शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, ‘लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने से हालात बिगड़ेंगे। पहले जो 18 साल की उम्र थी वह भी काफी थी। लंबे समय से यही उम्र थी, वरना इससे ज्यादा आवारगी का मौका मिलेगा।

समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने (18 से बढ़ाकर 21 साल करने) पर अपने अजीबोगरीब बयान ‘लड़कियों को आवरगी का मौका मिलेगा’ के बाद कहा कि वह संसद में इस विधेयक का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने एएनआई के हवाले से कहा भारत एक गरीब देश है और हर कोई कम उम्र में अपनी बेटी की शादी करना चाहता है … मैं संसद में इस विधेयक का समर्थन नहीं करूंगा। जब उनकी टिप्पणी के बारे में पूछा गया जिसने विवाद को जन्म दिया, तो सांसद ने कहा, “मैंने” आवारगी “शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मेरे बयान को गलत तरीके से उद्धृत किया गया था। मैंने कहा कि स्थिति अनुकूल नहीं है।

सरकार ने महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का फैसला किया है, जिससे इसे पुरुषों के बराबर लाया जा सके। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुरुषों और महिलाओं की विवाह योग्य उम्र में एकरूपता लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में संशोधन के लिए संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में एक विधेयक ला सकती है। सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में एक समान शादी की उम्र सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समुदायों के विवाह से संबंधित विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों में परिणामी बदलाव करने की भी मांग की जा सकती है। अब तक, महिलाओं की शादी करने की कानूनी उम्र 18 वर्ष है जबकि पुरुषों के लिए 21 वर्ष है।

अमित शाह की हुंकार, कहा- यूपी में अब माफियाओं की खैर नहीं, 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी भाजपा

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लखनऊ, देश के गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में थे, जहां ‘सरकार बनाओ-अधिकार पाओ’ रैली को उन्होंने संबोधित किया। इस रैली में अमित शाह ने योगी सरकार के कामकाज को गिनाए और दावा किया कि भाजपा अपने सहयोगियों के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करेगी। विपक्ष पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं आप सभी को पूछना चाहता हूं कि ये सपा, बसपा, कांग्रेस ने कई वर्षों तक देश और प्रदेश में शासन किया, आपको क्या दिया? मोदी जी की सरकार ने गरीबों के जीवन स्तर उठाने के लिए गैस, शौचालय, घर, स्वास्थ्य बीमा जैसी अनेक सुविधाएं दी। सपा, बसपा, कांग्रेस ने कई वर्षों तक देश और उत्तर प्रदेश में शासन किया, लेकिन गरीबों के घर में न रसोई गैस पहुंची, न शौचालय बना।

इसके साथ ही शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा की सरकारें बनी, तो उन्होंने सिर्फ अपनी जाति के लोगों के लिए काम किया। सभी पिछड़ी जातियों, सभी गरीबों के हित में काम नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। वर्षों से एक अलग मंत्रालय बनाने की मांग थी। 2019 में मोदी जी ने पिछड़े समाज को लिए एक अलग मंत्रालय बनाकर उस मांग को पूरा किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में माफिया, गुंडों का राज होता है, वहां गरीब का विकास कभी नहीं होता। गरीब का विकास तभी होता है जब कानून का राज हो। सपा-बसपा की सरकारें माफियाओं को संरक्षण देती थी। योगी जी की सरकार में सारे माफिया पलायन कर गये हैं।

अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ के सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सीएम योगी ने यूपी को माफियाओं से मुक्त किया है, गुंडों से मुक्त किया है। अब यहां माफियाओं की खैर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त किया। बसपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने राम मंदिर नहीं बनने दिया। उन्होंने राम मंदिर की राह में बाधाएं डाली। अमित शाह ने कहा कि जहां प्रभु श्री राम का जन्म हुआ आज वही भव्य मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से जो निषाद उमड़ कर आए हैं (रैली में) वो बताता है कि 2022 में 300 पार के साथ भाजपा और एनडीए की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि योगी जी के कोविड प्रबंधन का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश अब कोरोना के भय से मुक्त होकर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।

सफलतापूर्वक हुई राहुल की रैली से गदगद दिखे कांग्रेसी नेता

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी, दून के परेड ग्राउंड में विजय सम्मान रैली के अवसर पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जनसभा में उमड़े जनसैलाब से कांग्रेस कार्यकर्ता बेहद उत्साहित है। पार्टी इस बात से गदगद है कि राहुल गांधी जी की रैली की सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी इतनी परेशान हो गई है हल्द्वानी के स्वराज आश्रम में प्रेस वार्ता में कहा कि 24 दिसंबर को हल्द्वानी में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को स्थगित करना पड़ा है।

रैली से वापस लौटने के बाद शुक्रवार को स्वराज आश्रम में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया और जिला अध्यक्ष सतीश नैनवाल ने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा के खिलाफ कितनी मुखर हो चुकी है कि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण गुरुवार को देहरादून परेड ग्राउंड में देखने को मिला। राहुल जी को सुनने के लिए जनता इतनी उमड़ पड़ी कि ग्राउंड के भीतर पैर रखने की जगह नहीं थी। वही लोग बाहर सड़कों में खड़े होकर राहुल जी का उद्बोधन सुन रहे थे। लाखों लोगों फेसबुक लाइव प्रसारण के माध्यम से भी जुड़े रहे। राहुल जी के भाषण में बेरोजगारी, महँगाई, पलायन, विकास , लोकतंत्र की रक्षा आदि विषयों ने जनता का मन मोह लिया। और 2022 में इस डबल इंजन की सरकार को जनता सबक सिखाएगी |

देश के सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप में उत्तराखंड़ को पहला स्थान, सीओ अंकुश मिश्रा को मिला यह अवार्ड

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देहरादून, उत्तराखंड के पुलिस अधिकारी ने देश के सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप में पहला स्थान प्राप्त किया है। उत्तराखंड के लिए यह गर्व का मौका है। राज्य पुलिस के सीओ साइबर अंकुश मिश्रा को यह अवार्ड मिला है। डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नई दिल्ली में 16वें डीसीएसआई एक्सीलेंस अवार्ड 2021 आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया | जिसमें देश में चुने गए तीन सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप में उत्तराखंड ने पहला स्थान हासिल किया है। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर व एसटीएफ एसएसपी के पर्यवेक्षण में पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम स्पेशल टास्क फोर्स अंकुश मिश्रा को नामित किया गया। देशभर से सभी राज्यों द्वारा करीब 55 साइबर मामलों का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिनमें ज्यूरी द्वारा 55 मामलों में से सर्वश्रेष्ठ तीन मामलों का चयन कर अंतिम सूची जारी की गई। जिसमें क्रमश: स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड, आंध्रा पुलिस और सीआईडी कर्नाटक को स्थान प्राप्त हुआ । अंकुश मिश्रा की इस उपलब्धि के लिए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने उन्हें बधाई दी है।

आप ने की जनसभा : उत्तराखण्ड़ में दिल्ली की तर्ज़ पर होगा विकास : गौतम

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(मिर्ज़ा वसीम)

हरिद्वार, जनपद के भगवानपुर में 2022 विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज़ होते ही सभी पार्टियों का जन सभाओं का दौर शुरु हो गया है, सभी पार्टियां जगह जगह जन सभायें कर अपनी जीत की पुष्टि कर दम भरने की बात करने में लगी हैं,
दअरसल पूरा मामला भगवानपुर विधानसभा के मानकमजरा चौक का है। जहाँ आप पार्टी ने एक जन सभा का आयोजन किया जिसमें आसपास के देहात से भारी संख्या में लोगों की देखते देखे भारी भीड़ जुड़ती चली गयी।
वही दिल्ली से आये आप पार्टी के कैबिनेट मंत्री (समाज कल्याण) राजेन्द्र पाल गौतम ने लोगों को सम्बोधित करते हुये दिल्ली में सरकार द्वारा किये गये विकास कार्य गिनाये और उत्तराखण्ड में दिल्ली की तर्ज़ पर विकास करने की बात कही। वहीं केबिनेट मंत्री ने कांग्रेस भाजपा पर तंज कसते हुऐ कहा कि दोनों ही सरकारों ने उत्तराखण्ड की जनता के साथ छल किया है और बारी बारी से लूटने का काम किया है।

उत्तराखण्ड़ विकास आज भी शून्य है। जबकि दिल्ली जैसे राज्य में आप पार्टी की सरकार शिक्षा, रोजगार, बिजली,पानी, स्वास्थ्य पर कार्य कर सकती है तो उत्तराखण्ड की जनता के साथ दोहरा व्यहवार क्यों | अगर उत्तराखण्ड की जनता आप पार्टी को मौका देती है तो दिल्ली की तर्ज़ पर उत्तराखण्ड में विकास की गंगा बहाने का कार्य पार्टी करने से नहीं चुकेगी। जिसके चलते एक गरीब परिवार का बच्चा भी बेहतर शिक्षा एक अच्छा स्वास्थ्य लेकर एक आजाद भारत की मिसाल कायम करेगा।
अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या आप पार्टी उत्तराखण्ड की जनता के इन दिखाये गये सपनों को पूरा कर पाती है या फिर अपने जुमलो से जनता की वाई वाई लूटने का काम करती है।

मुख्यमंत्री धामी ने 1अरब 41 करोड़ 37 लाख लागत की कुल 21 योजनाओं का किया शिलान्यास

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(मुकेश रावत)

टिहरी, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधासभा धनोल्टी के अंतर्गत विकासखण्ड मुख्यालय कंडीसौड पहुंचकर नागराजा मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके उपरांत उन्होंने विकासखण्ड कार्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में 1 अरब 41 करोड़ 37 लाख लागत की कुल 21 योजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें पेयजल निगम की 6, जल संस्थान की 10, पीएमजीएसवाई द्वितीय तथा लोनिवि की 2-2 योजनाएं व ग्रामीण निर्माण विभाग की 1 योजना शामिल है।

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब से मुख्य सेवक के रूप में जनता की सेवा करने का मौका मिला तब से हमारी सरकार विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य कर रही है। उन्होंने कहा युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है साथ ही युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में कैंप लगाए जा रहे हैं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत तमाम युवाओं को ऋण वितरित किए जा रहे हैं.। मुख्यमंत्री ने कहा की कोरोना की वजह से अनेक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा , पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ का राह पैकेज दिया। उन्होंने कहा सरकार ने निर्णय लिया कि सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी जायेगी। साथ ही मार्च 2022 तक विभिन्न भर्तियों का आवेदन शुल्क माफ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन, स्वयं सहायता समूहों, कलस्टरों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली प्रदेश की बहनों को 05 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज दिया जा रहा है। साथ ही ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 रूपये से बढ़ाकर 3500 रूपये किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।

 

हमारा भारतवर्ष फिर से अखंड भारत के रूप में सामने आये और भारतीय संस्कृति की रक्षा हो यहीं हमारा संकल्प हैं : डॉ. शिवेंद्र

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हल्द्वानी, भारत को हमने एक देश के रूप में नहीं बल्कि सदियों से मां के रूप में पूजा हैं। भारत माँ व भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप व वीर छत्रपति शिवाजी के नेतृत्व में हजारों भारतीय वीर व वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी हैं। हमारा भारतवर्ष फिर से अखंड भारत के रूप में सामने आये और भारतीय संस्कृति की रक्षा हो यहीं हमारा संकल्प हैं। यह बात अमृत महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये डॉ. शिवेंद्र ने कहीं।
उन्होंने कहा कि यदि भारत के वास्तविक इतिहास पर नजर डालें तो जिन वीरों ने देश के लिए अपनी आहुति दी उनके मन में इस देश की मिट्टी व संस्कृति के लिए लगाव दिखता हैं और आजादी के बाद भी सीमा पर तैनात वीर सैनिक इस भरतभूमि से जुड़े हैं और इस देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को आतुर दिखाई देते है। देश की अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष के बीच डॉ. हेडगवार को यह दिखा की देश की आजादी के नाम पर सत्ता तो परिवर्तन हो जायेगा लेकिन जिस संस्कृति की रक्षा के लिए वीरों ने बलिदान दिया उस संस्कृति की रक्षा कौन करेगा।

इस धारणा के साथ 1925 मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई और आज संघ अपने स्वयंसेवकों के आजादी के बाद सभी क्षेत्रों में निरंतर कार्य करते हुए वर्तमान में भारतीय गौरव अब फिर से वापस लौटने लगा है।
आज हमें इस देश के गौरव श्री राम मंदिर की स्थापना व अन्य क्षेत्रों में सफलता मिल रही हैं। इस मौके पर समिति के संयोजक व वक्ता सुरेश पांडेय ने प्राचीन भारतीय इतिहास पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार विदेशी आक्रमणकारियों ने इस देश मे हमला कर भारतीय मूल संस्कृति को समाप्त करने का प्रयास किया था। हमें अपनी वर्तमान व अगली पीढ़ी को यह सब संज्ञान कराना आवश्यक है जिससे हम अखंड भारत के सपने को पूरा कर सके।
कार्यक्रम में देश की रक्षा के लिए शहीद हुए शहीद नायब सूबेदार उमेश सिंह की वीरांगना पत्नी राधिका देवी,शहीद मोहन चंद्र पाठक की पत्नी हेमा पाठक,शहीद जयपाल सिंह अधिकारी की पत्नी बीना अधिकारी व वीर पूर्व सैनिकों कर्नल भोला दत्त,ऑनरेरी सूबेदार मेजर कल्याण सिंह धामी,कैप्टन गोधन सिंह बिष्ट,मेजर गिरधर सिंह खड़का को अखंड भारत का स्मृति चिन्ह व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। हरगोविंद सुयाल सरस्वती विद्या मंदिर के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना व देशभक्ति नृत्य प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के अध्यक्ष कर्नल लक्ष्मण सिंह बजेठा ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में सभी का धन्यवाद किया |
भारत माता की आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर समिति के सह संयोजक तनुज गुप्ता,महिला प्रभारी इंदिरा तिवारी,मीडिया प्रभारी रवि दुर्गापाल व नीमा अग्रवाल, खीम सिंह बिष्ट, एडवोकेट बिन्देश गुप्ता,पार्षद प्रमोद तोलिया, मधुकर श्रोत्रिय, डॉ विनय खुल्लर,दिनेश जोशी,प्रतिभा जोशी,कमल व कपिल आदि मौजूद रहे।

प्रदेश में भोजन माताओं का बढ़ा मानदेय, अब दो हजार की जगह मिलेगा तीन हजार

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देहरादून, प्रदेश में भोजन माताओं का मानदेय दो हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रूपये कर दिया गया है। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।  शिक्षा सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य के समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों (शासकीय एवं अशासकीय) ,मदरसे एवं विशेष शिक्षण केन्द्र आदि में प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत कार्यरत भोजनमाताओं के मानदेय में वृद्धि की गई है।

आदेश मेें कहा गया है कि भोजन माताओं को वर्तमान में 900 रुपये केंद्रांश और 1100 रुपये राज्यांश के रूप में कुल दो हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। इस संबंध में यह कहने का निर्देश हुआ है कि  राज्य के समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों, मदरसे एवं विशेष शिक्षण केन्द्र आदि में प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत कार्यरत भोजनमाताओं के मानदेय में हर महीने एक हजार रूपये की वृद्धि की गई है। भोजन माताओं को अब दो हजार रुपये के स्थान पर तीन हजार रूपये मानदेय दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक तीन हजार रूपये में 2100 रूपये राज्य सरकार और 900 रूपये राज्य सरकार की ओर से दिए जाएंगे।भोजन माताओं का मानदेय बढ़ा, शासनादेश जारी - RNS INDIA NEWS

 

शारीरिक दूरी, मास्क पहनने और लगातार हाथों की स्वच्छता बनाए रखने से कोविड संक्रमण का रूक सकता है प्रसार

ॠषिकेश, अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में किए गए संयुक्त शोध से पता चला है कि शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने और लगातार हाथों की स्वच्छता बनाए रखने से कोविड संक्रमण के प्रसार के जोखिम को रोका जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के बीच कोविड-19 के लिए जिम्मेदार जोखिम कारकों का आंकलन करने के लिए एक बहु-केंद्रित एकता परीक्षण योजना पर कार्य किया जा रहा है। इस योजना के उद्देश्यों के अनुरूप एम्स ऋषिकेश के सीएफएम विभाग द्वारा भी विस्तृत अध्ययन किया गया। एम्स के सीएफएम विभागध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना और एसोसिएट प्रोफेसर मीनाक्षी खापरे के नेतृत्व में इस अध्ययन की शुरुआत एक वर्ष पूर्व दिसंबर- 2020 में की गई थी। अध्ययन पूर्ण होने पर इस विषय पर एम्स ऋषिकेश के सीएफएम विभाग द्वारा प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय ’स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के मध्य कोविड-19 के लिए जोखिम कारकों का आंकलन और भारत के तृतीयक देखभाल अस्पतालों में अध्ययन’ था।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कई पदों पर भर्ती

उल्लेखनीय है कि हेल्थकेयर वर्कर स्वास्थ्य प्रणाली की नींव हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार विश्वभर में जनवरी- 2020 से मई- 2021 की अवधि में लगभग एक लाख स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों की मृत्यु का संभावित आंकलन है। अगर भारत की बात करें तो बीमा दावों के आंकड़ों के अनुसार अभी तक कोविड मरीजों के इलाज में लगे 921 स्वास्थ्य कर्मियों की मृत्यु कोविड 19 संक्रमण के कारण हो चुकी है। चूंकि समाज में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़ रही थी, ऐसे में पहले से ही अधिक कार्य कर रहे हेल्थ केयर वर्कर एचसीडब्ल्यू भी रोगियों या सहकर्मियों की मृत्यु के कारण व ड्यूटी के दौरान अपने परिवार से अलग रहने के कारण मानसिकतौर पर अस्वस्थ अथवा अवसादग्रस्त हो गए थे। इन हालातों ने उन्हें संक्रमण हेतु त्रुटि के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया, जिससे वह भी मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमित हो गए।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने जांचकर्ताओं की टीम को अध्ययन पूर्ण करने के लिए बधाई दी और कहा कि किसी भी संक्रामक बीमारी से बचाव के मामले में हमारे लिए हाथ धोने, शारीरिक दूरी और व्यक्तिगत सुरक्षा मामलों की मूल बातों का पालन करना नितांत आवश्यक है।

भारत में डब्लूएचओ के प्रोफेशनल अधिकारी डॉ. मोहम्मद अहमद ने उल्लेख किया कि डब्ल्यूएचओ ने अध्ययन केंद्रों की निरंतर निगरानी कर उन्हें अपने स्तर पर तकनीकि और अन्य तरह का पूर्ण सहयोग देते हुए इस बहु-केंद्रित अध्ययन की गुणवत्ता बनाए रखी है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ प्रोटोकॉल के अनुसार समय पर अध्ययन पूरा करने के लिए एम्स ऋषिकेश की टीम की सराहना की। डॉक्टर मोहम्मद ने यह भी दोहराया कि हाथ धोना और उपयुक्त पीपीई किट पहनना, कोरोना जैसी अति संक्रामक बीमारियों से रोकथाम के लिए अभी भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपाय हैं।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना ने कहा कि संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए की जाने वाली बेहतर तैयारी के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को फिर से प्रशिक्षण दिए जाने की नितांत आवश्यकता है।

विभाग की सहायक प्रोफेसर डा. मीनाक्षी खापरे ने अध्ययन के परिणामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 35.3 प्रतिशत नर्सों और 30.4 प्रतिशत चिकित्सकों में एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए किए गए डायग्नोस्टिक सीरोलॉजी परीक्षण में पाया गया कि 86.1 प्रतिशत मामले और 24.6 प्रतिशत गैर-टीकाकरण नियंत्रण एंटीबॉडी की शरीर में मौजूदगी के लिए पॉजिटिव थे। उन्होंने बताया कि हाथों की स्वच्छता बरकरार न रखना, उचित पीपीई नहीं पहनना, रोगी की सामग्री को छूकर उसके संपर्क में रहने से कोविड संक्रमण का खतरा 80 प्रतिशत बढ़ जाता है।

कार्यशाला में इस अध्ययन की समन्वयक और शिक्षक डॉ. अपराजिता मेहता ने सभी जांचकर्ताओं को अध्ययन में उनकी समर्पित भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया।

कार्यशाला में एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अश्विनी दलाल, अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. रंजीता कुमारी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह, सहायक प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी डॉ अंबर प्रसाद, एसएमओ डब्ल्यूएचओ डॉ. विकास शर्मा, डॉ आशुतोष ने प्रतिभाग किया। इस दौरान डॉ पल्लवी (एसआर), डॉ रोहित (एसआर), जूनियर रेजिडेन्ट्स और एमपीएच छात्र मौजूद थे।