Tuesday, June 17, 2025
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सनी देओल और अमीषा पटेल ने खत्म किया ‘गदर 2’ का पालमपुर शेड्यूल, देखें तस्वीर

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नई दिल्ली, जेएनएन। अभिनेता औऱ राजनेता सनी देओल और अभिनेत्री अमीषा पटेल अपनी आगामी फिल्म गदर 2 को लेकर काफी चर्चाओं में हैं। फिल्म की घोषणा के बाद से ही फैंस फिल्मों से जुड़ी जानकारियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

अब सनी देओल के फैंस के लिए खुश कर देने वाली जानकारी सामने आ रही है। फिल्म के पहले शेड्यूल की शूटिंग को खत्म कर लिया है।

सकीना, तारा ने खत्म किया पहला शेड्यूल

फिल्म के पालमपुर शूटिंग खत्म होने की जानकारी फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर कर दी है। तस्वीर में सनी देओल और अमीषा पटेल मुस्कुराते हुई दिख रही हैं। इस तस्वीर को शेयर कर उन्होंने लिखा, ‘पालमपुर शेड्यूल के आखिरी दिन तारा सिंह सकीना के साथ साझा किए गए पल…. इन गदर 2 के प्रतिष्ठित किरदारों के साथ फिर से जीने का कितना अच्छा अनुभव है।’

वही इन तस्वीरों को अभिनेत्री अमीषा पटेल ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। इस फोटो को शेयर कर उन्होंने लिखा, ‘गदर 2 पालमपुर मेरे सपुर डायरेक्टर अनिल शर्मा और सकीना, तारा सिंह मोस्ट हैंडसम सनी देओल के साथ।’

1 दिसंबर से शुरू हुई शूटिंग

आपको बता दें कि फिल्म की शूटिंग 1 दिसंबर से हिमाचल प्रदेश स्थित पालमपुर के भालेद गांव में शुरू हुई थी, जिसको अब पूरा कर लिया है। इस फिल्म की घोषणा अक्टूबर में की थी।

2022 में रिलीज होगी ‘गदर 2’

इस मोस्ट अवेटेड फिल्म को अनिल शर्मा के निर्देशन में बनाया गया था और इस फिल्म का सीक्वल भी अनिल शर्मा द्वारा निर्देशित है। ‘गदर 2’ सनी की फिल्म गदर एक प्रेम कथा का सीक्वल बताया जा रहा है। फिल्म में भारत पाकिस्तान के एंगल को आगे बढ़ाया जाएगा। वहीं फिल्म में उनके बेटे का रोल निभाने वाले बाल कलाकार उत्कर्ष शर्मा भी अहम किरदार निभा रहे हैं। शक्तिमान द्वारा लिखी फिलम ‘गदर 2’ को अनिल शर्मा के निर्देशित कर रहे हैं। ये फिल्म साल 2022 में रिलीज होगी।sunny deol and ameesha patel started gadar 2 shooting in himachal pradesh  first look viral from sets bud | सनी देओल और अमीषा पटेल ने शुरू की 'Gadar 2'  की शूटिंग, सामने

तेजी से बढ़े ओमिक्रोन के मामले, राज्‍यों ने सख्‍त की पाबंदियां, केंद्र ने भी उठाए कदम, जानें देश में कुल कितने केस

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नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश में ओमिक्रोन के कुल मामलों की संख्‍या 415 को पार कर गई है। राजस्‍थान में ओमिक्रोन के 21 नए मामले सामने आए हैं।
इनमें से 11 जयपुर में, छह अजमेर जबकि तीन उदयपुर में पाए गए हैं। बंगाल में एक डाक्टर भी इसकी चपेट में आ गया है। हालांकि इनमें से 115 ठीक हो गए हैं। वहीं महाराष्‍ट्र में ओमिक्रोन के दो और मामले आए हैं। केरल में भी ओमिक्रोन का एक नया केस आया है। कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को देखते हुए सरकारों ने कदम उठाने शुरू किए हैं।

महाराष्‍ट्र में सबसे ज्‍यादा मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सबसे अधिक 110 मामले सामने आए। इसके बाद दिल्ली में 79, गुजरात में 43, राजस्‍थान में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34 और कर्नाटक में 31 मामले सामने आए हैं।

केंद्र सरकार ने भेजी टीमें

केंद्र सरकार ने 10 चिन्हित राज्यों में केंद्रीय टीमों को तैनात करने का फैसला किया है। इनमें वे राज्‍य हैं जहां ओमिक्रोन और कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही इन राज्‍यों में टीकाकरण की धीमी गति देखने को मिल रही है। ओमिक्रोन अब तक 17 राज्‍यों तक पहुंच गया है।

विशेषज्ञों ने किया आगाह

इस बीच कोविड-19 विशेषज्ञ समिति (केरल) के सदस्य डा. टीएस अनीश ने कहा कि दो से तीन हफ्ते में ओमिक्रोन के मामलों की संख्या एक हजार तक पहुंच सकती है। वहीं डब्‍ल्‍यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने चेतावनी दी है कि तमिलनाडु में ओमिक्रोन के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा सकती है। ओमिक्रोन इतनी तेजी से फैल सकता है कि तैयारी के लिए समय नहीं मिलेगा।

शुरू हुआ पाबंदियों का दौर

कोरोना और ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने रात्रि में 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाने का एलान किया है। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाएं खुली रहेंगी। गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी भी ऐसे कदम उठा चुके हैं। गुजरात के आठ प्रमुख शहरों (अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, गांधीनगर, भावनगर, जामनगर और जूनागढ़) में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।

अलर्ट हुई महाराष्‍ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार ने मामलों की रोकथाम के लिए नए कोविड ​​दिशानिर्देशों की घोषणा की है। सार्वजनिक जगहों पर पांच से अधिक व्यक्तियों को सुबह 9 बजे से 6 बजे तक प्रतिबंधित किया गया है। इनडोर शादियों में केवल 100 लोगों को अनुमति दी गई जबकि आउटडोर समारोह में 250 से अधिक लोग नहीं हो सकते हैं। जिम, स्पा, होटल, थिएटर और सिनेमा हाल को 50 फीसद क्षमता के साथ खोले जाने की अनुमति है।

क्रिसमस और नए साल पर दिल्‍ली और मुंबई में सख्‍ती

बृहन्मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने शहर में किसी भी बंद या खुले स्थान पर नववर्ष के उपलक्ष्य में समारोह आयोजित करने और लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लोगों से क्रिसमस और नए साल पर पार्टियों में जाने से बचने को कहा गया है। मुंबई में 31 दिसंबर की मध्यरात्रि तक धारा-144 को लागू की गई है।

देश में कोरोना की स्थिति

24 घंटे में नए मामले 7,189

कुल सक्रिय मामले 77,032

24 घंटे में टीकाकरण 65.90 लाख

कुल टीकाकरण 141.31 करोड़

दिल्‍ली और असम में भी पाबंदियांं

दिल्ली में भी क्रिसमस और नए साल के जश्न पर पाबंदी है। रेस्टोरेंट और बार अब 50 फीसद लोगों की संख्या के साथ खुलेंगे। वहीं असम सरकार ने भी पूरे राज्‍य में रविवार रात 11.30 बजे से सुबह 6 बजे तक रात का कर्फ्यू लागू करने का फैसला किया है। हालांकि यह कर्फ्यू 31 दिसंबर 2021 को लागू नहीं होगा…

शनिवार सुबह 08:00 बजे तक कोरोना की स्थिति

नए मामले 7,189

कुल मामले 3,47,79,815

सक्रिय मामले 77,032

मौतें (24 घंटे में) 387

कुल मौतें 4,79,520

ठीक होने की दर 98.40 प्रतिशत

मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत

संक्रमण दर 0.65 प्रतिशत

संक्रमण दर (सा.) 0.60 प्रतिशत

387 लोगों की मौत

वहीं देश में कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट हो रही है। पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामले 484 कम हुए हैं और वर्तमान में इनकी संख्या 77032 रह गई है जो कुल मामलों का 0.22 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के 7189 नए मामले मिले हैं और 387 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 342 केरल और 12 महाराष्ट्र से हैं।

ब्रैकिंग : राज्य में फिर विस्फोटक रूप ले रहा कोरोना संक्रमण, पिछले 24 घंटे में मिले 42 नए संक्रमित

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देहरादून, उत्तराखंड में कोरोना का संक्रमण धीरे धीरे विस्फोटक रूप लेने लगा है। एक बार फिर से कोरोना के नए केस में उछाल दर्ज किया गया। साथ ही तीन दिन बाद कोरोना से एक मरीज की मौत हुई। यही नहीं, रिकवरी रेट भी लगातार घट रहा है। साथ ही कोरोनामुक्त जिला उत्तरकाशी भी कोरोना संक्रमित हो गया। अब एकमात्र जिला बागेश्वर ही कोरोनामुक्त है। शनिवार 25 दिसंबर की शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 42 नए संक्रमित मिले। एक दिन पहले शुक्रवार 24 दिसंबर को 27 नए संक्रमित मिले थे। उत्तराखंड में यदि टीकाकरण की बात की जाए तो शुक्रवार को 882 केंद्रों में 38503 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए।

अब तक कुल 7416 मौत :

उत्तराखंड में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 344766 हो गई है। इनमें से 330920 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान 34 लोग स्वस्थ हुए। एक्टिव मरीजों की संख्या 237 हैं। अब तक प्रदेश में कुल 7416 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। मौत की दर 2.15 फीसद पर स्थिर है। रिकवरी रेट 95.99 से घटकर 95.98 हो गया है। सात मई 2021 को सर्वाधिक 9642 नए कोरोना संक्रमित मिले थे। 15 मई 2021 को सर्वाधिक 197 मौत दर्ज की गई थी।

राठ जन विकास समिति ने धूमधाम से मनाया अपना 21वां स्थापना दिवस

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“कुलानन्द घनशाला द्वारा लिखित गढवाली बाल नाटक संग्रै ’’हुणत्यळि डाळि’’ का भी हुआ विमोचन”

देहरादून, राठ जन विकास समिति द्वारा आयोजित स्थापना दिवस के अवसर पर नगर निगम प्रेक्षागृह, देहरादून में विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी राठ जन विकास समिति ने अपना 21वाँ स्थापना दिवस समारोह उत्साह एवं धूम-धाम से मनाया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मन्त्रोेचारण एवं मांगल गीत तथा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । इस अवसर पर श्री कुलानन्द घनशाला द्वारा लिखित गढवाली बाल नाटक संग्रै ’’हुणत्यळि डाळि’’ का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नल (से0नि0) गिरीश चन्द्र खंकरियाल जी थे। स्थापना दिवस के अवसर पर राठ क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में जनपद पौड़ी गढ़वाल के राठ क्षेत्र, विकास खण्ड थलीसैण एवं पाबौ के हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट वर्ष 2020 एव 2021 की परीक्षा में जिन 25 छात्र-छात्राओं ने सर्वोच्च अंक प्राप्त कर राठ क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है, उनको प्रथम स्थान के लिए रू0 5000, द्वितीय स्थान के लिए रू0 3000 एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले को रू0 2000 की राशि एवं प्रशस्ति पत्र देकर मुख्य अतिथि के द्वारा सम्मानित किया गया।May be an image of 1 person and sitting

विकासखण्ड थलीसैंण के हाईस्कूल में वर्ष 2020 में (ओम मंमगाई, सोनिका, गौरव भण्डारी) वर्ष 2021 में (कु0 आरती, दिनकर, कु0 सरिता) को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान तथा इण्टरमीडिएट में वर्ष 2020 में (दीपक कुमार, चन्द्रप्रकाश, ज्योति) वर्ष 2021 में (चारू धस्माना, गुलाब सिंह, शैलेन्द्र सिंह रावत) को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए पुरस्कृत किया गया।

विकास खण्ड पाबौ के अन्तर्गत हाईस्कूल में वर्ष 2020 में (सौरभ सिंह, अनुभूति, अंजली, मन्दीप भण्डारी) वर्ष 2021 में (तुषार गुसांई, स्नेहा भण्डारी, शिवानी) को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान का पुरस्कार तथा इण्टरमीडिएट में वर्ष 2020 में (विकास खंकरियाल, ज्योति, रिंकी नेगी) वर्ष 2021 में (शिवान्शु नौटियाल, अभिषेक गुसाई, प्रिया) को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।No photo description available.

समिति द्वारा अभी तक इस मद में लगभग 06 लाख रूपये की धनराशि छात्र/छात्राओं को वितरित की जा चुकी है।

संत निरंकारी मिशन द्वारा रक्तदान शिविर में 112 लोगों ने किया रक्तदान

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बालावाला ।  संत निरंकारी मिशन द्वारा सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से संत निरंकारी सत्संग भवन बालावाला देहरादून जॉन मसूरी पर रक्तदान शिविर आयोजित किया जिसका शुभारंभ मसूरी जोन के जोनल इंचार्ज श्री हरभजन सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि मिशन के मुख्य उद्देश्य अध्यात्मिक जागरूकता के साथ साथ समाज के प्रति अपना दायित्व निभाने एवं मानव कल्याण के लिए भी देश दुनिया  में लगातार कार्य किया जाता रहा है इसी के दृष्टिगत रक्तदान शिविरों का भी लगातार आयोजन किया जाता है ताकि किसी जरूरतमंद को जरूरत पड़ने पर रक्त की कमी पूरी की जा सके वही संत निरंकारी मिशन भारत सरकार के मार्गदर्शन के अनुसार कोविड 19 का मुकाबला करने के हर प्रकार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मानवता की सेवा करने की प्रेरणा सतगुरु माता सुदीक्षा जी निरंकारी भक्तों को दे रहे हैं।

रक्तदान शिविर में रक्तदान दाताओं द्वारा दिए गए रक्त को एकत्र करने के हेतु महंत इंद्रेश अस्पताल के डॉक्टरों की टीम का सहयोग रहा ।संत निरंकारी मिशन में विभिन्न धर्म जाति वर्ग के लोग समस्त भेदभाव को भुलाकर सतगुरु की सिखलाई को क्रियात्मक रूप देने का उनका उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

इस रक्तदान को सफल बनाने में दिशा निर्देश में यहां पर आयोजित किया गया सेवादल के क्षेत्रीय संचालक दिलवर सिंह पंवार जी संचालक गोसाईं जी स्थानीय मुखी पुष्पा बिष्ट जी देहरादून ब्रांच के संयोजक श्री नरेश विरमानी जी एवं समस्त सेवादल के भाई बहनों द्वारा सफल मार्गदर्शन किया।

स्व. एचसी बजाज मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट : अधोइवाला बॉयज एवं सीटी यंग्स के बीच होगा खिताबी मुकाबला

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देहरादून, स्व. एचसी बजाज मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला अधोइवाला बॉयज एवं सीटी यंग के बीच रविवार(आज) को खेला जाएगा |
डीडीएसए द्वारा आयोजित प्रथम स्व. एच सी बजाज मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट में आज पहला सेमीफाइनल सीटी यंग्स एवं उत्तराखंड पुलिस के बीच खेला गया , संघर्षपूर्ण मुकाबले में सीटी यंग ने खेल के 12वे मिनट में भूपेश के गोल से बढ़त ले ली , एक गोल से पिछड़ने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने आक्रमक खेल खेलते हुए खेल के दूसरे हाफ में गोल मारकर बराबरी की, पुलिस की ओर शेर सिंह ने शानदार मैदानी गोल मारकर मैच को रोमांचक बना दिया | खेल समाप्ति तक दोनों टीमें जीत के लिये जद्दोजहद करती रही परन्तु दोनों ही टीमें बढ़त लेने में नाकाम रही, फलस्वरूप टाई ब्रेकर में सीटी यंग ने अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की और सड़न डेथ में मुकाबला 11-10 से जीत कर फाइनल में प्रवेश किया |
प्रतियोगिता के दूसरे सेमीफाइनल में अधोइवाला बॉयस ने गढ़वाल स्पोर्टिंग को 2-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया, अधोइवाला की ओर से आकाश एवं मुनीष थापा ने स्कोर किया | आज प्रतियोगिता के दौरान जोगेंद्र पुंडीर, नीनू सहगल एवं मदन कोहली आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे | आयोजक सचिव निर्मल कुमार एवं महासचिव गुरचरण सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला रविवार को ढाई बजे से शुरू होगा | फाइनल के मुख्य अथिति डीजीपी अशोक कुमार होंगे |

जयंती विशेष : अटल बिहारी वाजपेई के जीवन की ये कहानियां शायद ही आपने सुनी हों

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(अंकित सिंह )

भारतीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी का कद क्या था, शायद यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें जननेता कहा जाता है। इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेय को भारतीय राजनीति का आजादशत्रु भी कहा जाता है। भारत माँ के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, सच्चे देशभक्त ना जाने कितनी उपाधियों से पुकार जाता था भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को। हम यह कह सकते है कि वो सही मायने में भारत रत्न थे। देश के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी को सांस्कृतिक समभाव, उदारवाद और तर्कसंगतता के लिए जाना जाता है। राष्ट्र के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सदैव समर्पित रहे। अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वाकपटुता के लिए भी जाने जाते थे। आज हम उन्हीं के जीवन के कुछ अनछुए किस्से आपको बताते हैं।

पैदल जाते थे संसद

एक अखबार को दिए इंटरव्यू में अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद नजदीकी रहे लालकृष्ण आडवाणी ने एक मजेदार किस्सा बताया था। आडवाणी ने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी जब पहली बार सांसद बने थे तो वह भाजपा नेता जगदीश प्रसाद माथुर के साथ चांदनी चौक में रहते थे। दोनों संसद पैदल ही आते जाते थे। लेकिन एक दिन अचानक अटल बिहारी वाजपेयी ने माथुर जी से कहा कि आज रिक्शा से चलते हैं। माथुर जी को थोड़ा आश्चर्य हुआ। लेकिन बाद में पता चला कि आज बतौर सांसद अटल बिहारी वाजपेयी को तनख्वाह मिली थी।अटल बिहारी वाजपेयी की कहानी, तस्‍वीरों की जुबानी - India AajTak

नहीं की थी शादी

वाजपेयी जी ने शादी नहीं की थी, यह हम सभी को पता है। लेकिन उनसे इंटरव्यू में यह सवाल बार-बार किए जाते थे कि आपने शादी क्यों नहीं की? एक इंटरव्यू के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने बताया कि घटनाक्रम ऐसा चलता गया कि मैं उसमें उलझ गया और विवाह का मुहूर्त ही नहीं निकल पाया। इसके साथ ही उनसे सवाल किया गया कि कभी अफेयर हुआ? मुस्कुराते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने जवाब दिया था कि ऐसी बातें सार्वजनिक रूप से नहीं की जाती। मजाक मजाक में अटल बिहारी वाजपेयी ने तो एक बार यह भी कह दिया था कि वह अविवाहित है, परंतु कुंवारे नहीं हैं।

फिल्म देखने का शौक

अटल बिहारी वाजपेयी को फिल्मों का बड़ा शौक था। वह अपने दोस्तों के साथ नजदीकी सिनेमा हॉल में अक्सर जाते थे और फिल्म देखते थे। इसके साथ ही वह जब भी तनाव में होते तो फिल्में देखना उन्हें पसंद था। एक बार दिल्ली के नयाबांस का उपचुनाव था। भाजपा की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने जीत के लिए कड़ी मेहनत की थी। लेकिन पार्टी चुनाव हार गई। दोनों में नाराजगी थी लेकिन अचानक अटल जी ने कहा- चलो फिल्म देखते हैं और फिर दोनों फिल्म देखने चले गए।

जब बिना बताए हुआ था पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर नाम का ऐलान

तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने 1995 के मुंबई सार्वजनिक तौर पर यह ऐलान कर दिया था कि अटल बिहारी वाजपेयी ही भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। तब कई लोगों को आश्चर्य भी हुआ था। तभी अटल बिहारी वाजपेयी ने तुरंत आडवाणी से पूछा यह आपने क्या कर दिया? मुझसे पूछ तो लिया होता। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी को जवाब देते हुए आडवाणी ने कहा पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते अधिकार रखता हूं।अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय - Atal Bihari Vajpayee Jivani - Meri Jivani

खाने-पीने के थे शौकीन

अटल बिहारी वाजपेयी खाने-पीने के शौकीन थे। अपने शुरुआती दिनों में वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ दिल्ली के विभिन्न रेस्टोरेंट में चला जाया करते थे। इसके साथ ही जब भी उन्हें मौका मिलता वह पकौड़े और खिचड़ी जबरदस्त तरीके से बनाते थे और दोस्तों के साथ मिल बैठकर खाते थे। उन्हें पुरानी दिल्ली में स्थित करीम होटल का खाना काफी पसंद था। उन्होंने अपने नॉनवेज खाने और मदिरापान की बात को कभी भी नहीं छुपाया।

अटल बिहारी वाजपेयी करीब 50 वर्षों तक भारतीय संसद के सदस्य रहे। हालांकि वह ऐसे एकमात्र नेता थे जो चार अलग-अलग प्रदेशों से चुनकर संसद पहुंचे थे। इसके अलावा अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे एकमात्र गैर कांग्रेसी नेता हैं जिन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला है।

कविता प्रेम

अटल बिहारी वाजपेयी का पहला प्रेम कविता ही बताया जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी शानदार कवि थे। उन्हें कवि सम्मेलनों में जाना बेहद ही पसंद था। हालांकि उच्च पदों पर पहुंचने के बाद वह इन सम्मेलनों में शामिल नहीं हो पाते थे जिसकी वजह से निराश भी हो जाते थे। इसके अलावा वह अपने आलोचकों को भी ध्यान से सुनते थे और उनकी तारीफ करते थे।

यारों के यार थे

अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती सभी को पता है। अपने विरोधी दलों के नेताओं के साथ भी उनकी दोस्ती काफी चर्चा में रहती थी। पीवी नरसिम्हा राव जब देश के मुख्यमंत्री थे तब ऐसे कई फैसले थे जो वह अटल बिहारी वाजपेयी से पूछ कर लिया करते थे। नरसिम्हा राव अटल बिहारी वाजपेयी को अपना राजनीतिक गुरु माना करते थे। साथ ही एक बार अटल बिहारी वाजपेयी ने मनमोहन सिंह को इस्तीफा देने से रोका था। दरअसल, मामला तब का है जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे। मनमोहन सिंह ने अपना बजट भाषण संपन्न किया तो अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में उनकी खूब आलोचना की। मनमोहन सिंह इससे आहत हो गए और उन्होंने प्रधानमंत्री गांव को अपना इस्तीफा पेश कर दिया। राव साहब ने तुरंत वाजपेयी जी को फोन कर पूरी कहानी बताई। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी और उन्हें समझाया था की आलोचना राजनीतिक है, इसे व्यक्तिगत नहीं लेना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर मनमोहन सिंह हमेशा उनसे मिलने जाया करते थे।अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय | Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi

एक राजनीतिक परिचय

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर तय करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में बड़े दिन के अवसर पर 25 दिसम्बर 1924 को हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी पत्रकारिता करने के बाद राजनीति में आए। 1951 में भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में वह थे। पहली बार 1957 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। 1962 से 68 तक वह उत्तर प्रदेश से ही राज्यसभा के सदस्य रहे। 1967 में एक बार फिर से वह बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। ग्वालियर से उन्होंने 1971 में जीत हासिल की थी। नई दिल्ली सीट से वह 1977 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 1977 में ही वह देश के विदेश मंत्री बने तभी उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में अपना संबोधन दिया था। 1980 में वह एक बार फिर से पांचवी बार लोकसभा पहुंचे थे। 1980 में ही भाजपा की स्थापना हुई थी और वह उसके संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ पहले अध्यक्ष भी थे। 1986 में वह मध्य प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे। 1991 में उन्होंने लखनऊ से जीत हासिल की थी और छठी बार लोकसभा पहुंचे। 1993 से 96 तक वह लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1996 में लखनऊ से जीतकर संसद पहुंचे और 13 दिनों के लिए भाजपा सरकार का नेतृत्व किया और प्रधानमंत्री बने। 1996 से 97 तक के एक बार फिर से वह लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे। 1998 में उन्होंने लखनऊ से एक बार फिर से चुनाव जीता और प्रधानमंत्री बने। 1999 में भी हुए चुनाव में उन्होंने लखनऊ से जीत हासिल की और तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। 2004 में भाजपा को हार मिली हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ सीट से जीतने में कामयाब हुए। लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उन्होंने धीरे-धीरे राजनीति से दूरी बना ली। कई गंभीर बीमारियों से जूझने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में हुआ।(साभार प्रभासाक्षी)किस्‍से: अटल बिहारी वाजपेयी ने दोबारा क्‍यों लगवाई नेहरू की तस्वीर और कैसे  करते थे भाषण की तैयारी | Atal bihari vajpayee birth anniversary When  Vajpayee got Nehru portrait ...

 

विराट व्यक्तित्व – अटल बिहारी वाजपेयी

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई 25 दिसंबर 1925 को पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेई एवं माता कृष्णा वाजपेई के परिवार ग्वालियर में जन्में थे | 93 वर्ष की अपनी लंबी जीवन यात्रा पूर्ण कर 16 अगस्त 2018 को अपनी इहलीला समाप्त कर स्वर्ग गमन कर गए | भारत छोड़ो आंदोलन में सहभागिता, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक, संवेदनशील कवि, यशस्वी राजनेता, मुखर सांसद , प्रखर वक्ता, लोकप्रिय प्रधानमंत्री जैसे अनेक गुणों से युक्त वे एक विराट व्यक्तित्व के धनी थे | उन्होंने अपने आदर्श आचरण के आधार पर भारत ही नहीं विश्व के राजनेताओं में अपना अग्रणी स्थान बना लिया | भारतीय जनता के तो वे ह्रदय पर शासन करने वाले अपने अटल जी थे | इन्हीं सब आदर्श गुण एवं व्यवहार के कारण अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि “एक उत्कृष्ट वक्ता, एक प्रभावशाली कवि, एक असाधारण लोकसेवक, एक उत्कृष्ट सांसद और एक महान प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी आधुनिक भारत के सबसे ऊंचे नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन हमारे महान देश की सेवा में लगाया | लंबे समय तक हमारा देश उनकी सेवाओं को याद रखेगा |”
स्वयंसेवक-पत्रकार – विद्यार्थी काल में अटल जी 1940 में स्वर्गीय नारायण राव तर्टे जी के संपर्क में आकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए | संघ विचार से प्रभावित होकर उन्होंने आजीवन प्रचारक रहने का संकल्प किया एवं इस संकल्प का निर्वाह उन्होंने संपूर्ण जीवन भर किया | उनकी विशिष्ट लेखन शैली से प्रभावित होकर संघ नेतृत्व ने उन्हें लेखन कार्य में लगाया | राष्ट्रधर्म, पांचजन्य एवं वीर अर्जुन जैसे पत्रों का संपादन उन्होंने किया | इन पत्रों का लेखन, संपादन, कंपोजिंग एवं छपने के बाद अपनी पीठ पर लादकर यथा स्थान पहुंचाने की व्यवस्था भी वही करते थे | यह सब करते हुए कार्य में मग्न, रात्रि को भूखे – प्यासे ईट का तकिया बनाकर जमीन पर सो जाने की घटनाओं ने कितने ही युवकों को देश सेवा के मार्ग पर चलने के लिए लिए प्रेरित किया है |

राजनीतिक यात्रा – 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में 23 दिन के कारावास से उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा प्रारंभ की | भारतीय चिंतन के आधार पर राजनीति में विकल्प प्रस्तुत करने के उद्देश्य से डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ के नाम से दल की स्थापना हुई | जो आज भारतीय जनता पार्टी के नाम से विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है | स्व० अटल जी प्रारंभ से ही जनसंघ के साथ जुड़े | जनसंघ एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहकर दल का नेतृत्व भी उन्होंने किया | 1952 में प्रथम लोकसभा चुनाव में वे पराजित हुए | 1957 के लोकसभा चुनाव में बलरामपुर संसदीय क्षेत्र से विजय प्राप्त कर उन्होंने अपनी संसदीय यात्रा प्रारंभ की | अटल जी 10 बार लोकसभा एवं 2 बार राज्यसभा सदस्य रहे | विपक्ष के नेता, विदेश मंत्री एवं प्रधानमंत्री जैसे पदों को उन्होंने गरिमा प्रदान की | अस्वस्थता के कारण 2004 में उन्होंने अपने को राजनीति से अलग कर लिया|

हिंदी भाषा के प्रति गौरव भाव – स्व० अटल जी हिंदी भाषा के अनन्य पुजारी थे | अटल जी ने हिंदी के गौरव को बढ़ाने का सदैव प्रयास किया | विश्व में अटल बिहारी वाजपेई को हिंदी भाषा को गौरव दिलाने के लिए सदैव स्मरण किया जाएगा |1977 में संयुक्त राष्ट्र संघ में विदेश मंत्री रहते उन्होंने हिंदी में भाषण दिया | इस प्रसंग को अपनी कविता में “हिंद हिंदी में बोला” कह कर उन्होंने महिमामंडित भी किया।
भारत मां के अखंड पुजारी – अटल जी ने अपना संपूर्ण जीवन देश को समर्पित किया | उनके लिए भारत भूमि जमीन का टुकड़ा नहीं, जीता जागता राष्ट्रपुरुष थी | देश के अंदर निवास करने वाले सभी लोग उनके अपने थे | उन्होंने भाषा, जाति, क्षेत्र सभी से ऊपर उठकर व्यवहार किया | यहां की नदियां, पेड़-पौधे, परंपराएं सभी उनके लिए पूजनीय थी | आसेतू हिमाचल इस देश का कण-कण उनके लिए पवित्र था | “दूध में दरार पड़ गई” कविता के माध्यम से पंजाब में आतंकवाद से उपजी पीड़ा को अटल जी ने व्यक्त किया था | मातृभूमि की पवित्रता का वर्णन करते हुए उन्होंने अपने भाषण में कहा कि “यह वंदन की भूमि है, अभिनंदन की भूमि है, यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है | इसका कंकड़-कंकड़ शंकर, इसका बिंदु-बिंदु गंगाजल है | हम जिएंगे तो इसके लिए, मरेंगे तो इसके लिए |”

विकास पुरुष – प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अटल जी ने भारत के विकास में नयी गाथा जोड़ी | गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना”, “स्वर्णिम चतुर्भुज योजना”, ढांचागत विकास के लिए समुद्री एवं वायु पत्तनो का विकास, आदि अनेक कार्य उनके कार्यकाल की देन है |

राष्ट्र के सुरक्षा प्रहरी – भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के संबंध में स्व० अटल बिहारी वाजपेई ने संसद एवं देश को सदैव सावधान किया | प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की तिब्बत के विषय पर विमुखता की उन्होंने आलोचना की | तिब्बत पर चीन के कब्जे को लेकर भारत की ढुलमुल नेहरू जी की नीति पर भी अटल जी ने भारत की सरकार को सावधान किया | तिब्बत के चीन के कब्जे में जाने से भारत की सुरक्षा पर आने वाले खतरों के प्रति वे सचेत थे | चीन के भारत पर आक्रमण के समय भी उन्होंने सड़क से संसद तक भारत की सरकार एवं जनता को सावधान किया था | चीन का व्यवहार धोखेबाजी का है उसने तिब्बत पर धोखा दिया है पंचशील के चक्कर में आकर केंद्र की सरकार दुर्बल कदम ना उठाए इसका आग्रह उन्होंने किया था |

शांति प्रणेता- युद्ध विजेता – अटल जी का स्पष्ट मानना था कि पड़ोसियों के साथ सदैव हमारा मित्रता पूर्ण संबंधरहे | इसी कारण उन्होंने कहा था कि “मित्र बदले जा सकते हैं पड़ोसी नहीं” | इसी विश्वास के आधार पर प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने आगरा शिखर वार्ता एवं अमृतसर से लाहौर की बस यात्रा प्रारंभ की | पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार का यह उनका अनूठा प्रयास था | लेकिन अपने स्वभाव के अनुसार पाकिस्तान शांति की ओर न जाकर युद्ध की ओर गया | देश को कारगिल युद्ध करना पड़ा | अटल जी के जीवन का वैशिष्ट्य था कि जिस विश्वास के साथ वह शांति की ओर बढ़े थे उसी विश्वास से उन्होंने युद्ध का भी वरण किया, जिसमें हमारी सेनाओं ने विजय प्राप्त की | परमाणु बम का विस्फोट करके उन्होंने भारत को विश्व की महाशक्तियों के साथ लाकर खड़ा किया |

निराशा में भी अदम्य विश्वास – देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनसंघ ने अपने दल का विलय जनता पार्टी में किया था | जनता पार्टी के इस प्रयोग की असफलता से उनको घोर निराशा हुई थी | इस निराशा को कवि हृदय अटल जी ने अपनी कविता में यह कहकर व्यक्त किया कि “राह कौन सी जाऊं मैं” लेकिन पुनः उन्होंने अपनी सामर्थ्य को संकलित किया और लिखा “गीत नया गाता हूं” इसी विश्वास से 1980 में भारतीय जनता पार्टी दल का उदय हुआ | मुंबई अधिवेशन के अपने समापन भाषण में उन्होंने कहा कि “अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा | आगामी चुनाव में भाजपा को सफलता नहीं मिली अटल जी स्वयं भी हार गए | “ न दैन्यं न पलायनम् ” की उक्ति को चरितार्थ करते हुए उन्होंने अपने सहयोगियों एवं देश भर में फैले असंख्य कार्यकर्ताओं का अचूक मार्गदर्शन किया, जिसका परिणाम आज भाजपा देश का नेतृत्व करने वाली विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है |
दिल्ली की अनुसूचित वर्ग की सभा में बोलते हुए अटल जी ने कहा था कि न हम मनुवादी हैं, न ब्राह्मण वादी हैं, हम संविधान वादी हैं, इसलिए हम अंबेडकरवादी हैं | लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए अटल जी सदैव लड़े, आपातकालीन कारावास भी काटा | वे एक कवि हृदय राजनेता थे | दार्शनिक दृष्टि लेकर उन्होंने राजनीति में कार्य किया | समाज की शक्ति पर उनको अगाध विश्वास था | देश के विषय पर पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर उन्होंने अपने को सदैव प्रस्तुत किया | अपनी बात को सदैव निर्भीकता के साथ उन्होंने रखा | शब्द प्रयोग उनका अतुलनीय था | भारतीय संस्कृति के वे प्रतीक पुरुष थे | उनके जन्मदिवस पर हम भारत को आत्मनिर्भर, समरस एवं सुरक्षित भारत बनाने का संकल्प लें |

खास खबर : हरक की नाराजगी हुई दूर, कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द होगा शासनादेश जारी

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हरक की नाराजगी मेडिकल कॉलेज को लेकर थी जो अब दूर हो गई : विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’

देहरादून, उत्तराखंड में बीती रात कैबिनेट बैठक के बाद हुये घटनाक्रम ने देहरादून से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया, एकाएक हुये इस राजनीतिक घटनाक्रम की तमाम चर्चाओं को लेकर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने जानकारी दी है। बीती रात कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे और उमेश शर्मा काऊ के विधायक से इस्तीफे की चर्चा रही। अब उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि, कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द शासनादेश जारी होगा। विधायक काऊ के अनुसार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने बीती रात मंत्री रावत से बातचीत की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात हरक सिंह रावत से बात की।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि, मंत्री हरक सिंह रावत नाराज नहीं हैं और इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता।

गौरतलब हो कि बीती रात हरक सिंह रावत इस्तीफे की धमकी देकर कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे। वैसे तो यह हरक सिंह की पुरानी चाल है जिसके माध्यम से वह हमेशा अपनी धमक दिखाते चले आ रहे हैं, लेकिन इस बार वे कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं रखने से नाराज बताए जा रहे थे। उधर, रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी भाजपा छोड़ने की चर्चा रही, लेकिन उन्होंने इससे इन्कार किया है। काऊ को हरक सिंह के करीबियों में माना जाता है।

दूर हुई नाराजगी :

बीती रात हुये इस घटनाक्रम ने सभी को सकते में डाल दिया |
भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की चर्चाओं के बीच रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा है कि हरक की नाराजगी मेडिकल कॉलेज को लेकर थी जो अब दूर हो गई है। शनिवार की सुबह उमेश शर्मा काऊ मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर हो गई है।

दूसरी तरफ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के देहरादून दौरे से ठीक दो दिन पहले हरक के इस्तीफे की खबर ने दून से दिल्ली तक भाजपा में हडकंप मचा दिया था। देर रात सियासी हलकों में चर्चा तैरी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. हरक सिंह रावत से फोन बात की। वहीं मीडियाकर्मियों ने उनके यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास पर डेरा जमाया लेकिन हरक वहां नहीं पहुंचे। डिफेंस कालोनी स्थित आवास में भी वह नहीं मिले। मीडिया को जहां-जहां भी उनके उपलब्ध होने की संभावना था, वहां-वहां निराशा हाथ लगी। कैबिनेट बैठक से बाहर निकलने के बाद हरक ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया था।

सुबोध उनियाल ने भी की थी हरक सिंह के नाराज होने की पुष्टि :
कैबिनेट ब्रीफिंग में पहुंचे शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने हरक सिंह की नाराजगी पुष्टि तो की, लेकिन इस्तीफे से जुड़े सवाल को वह टाल गए। अचानक हरक के इस्तीफे की खबर ने भाजपा में हड़कंप मचा दिया। दिल्ली से लेकर दून तक फोन घनघनाने लगे। मीडिया से इस्तीफे की पुष्टि करने का प्रयास होता रहा। संपर्क करने पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा कि हरक सिंह ने कोई इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने पार्टी विधायक उमेश शर्मा के इस्तीफे की खबर को सिरे से खारिज किया। पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी हरकत में आ गए। उन्होंने भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ से बात की। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि पार्टी विधायक काऊ ने डॉ. निशंक को आश्वस्त किया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं। चर्चा यह भी है कि में शाह ने पार्टी विधायक उमेश शर्मा काऊ के माध्यम से हरक सिंह रावत से बात की और उनकी हर समस्या के समाधान का भरोसा दिया।

खास खबर : सियासी हलचल के बीच उत्तराखंड़ कैबिनेट, लिये गये 41 बड़े फैसले

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देहरादून, उत्तराखंड़ सरकार की ठीक विधान सभा चुनाव से पहले हुई कैबिनेट बैठक हुई समाप्त, कैबिनेट बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी शासकीय प्रवक्ता श्री सुबोध उनियाल ने दी।

1. उत्तराखण्ड इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन नियमावली, 2015 संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी।

2. उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा नियमावली 2021 संशोधन को मंजूरी।

3. कोविड 19 की तीसरी लहर के तहत कार्यों के संपादन में अधिप्राप्ति नियमावली में छूट जारी रहेगी।

4. उत्तराखण्ड राज्य निधि विज्ञान प्रयोगशाला और राजपत्रित तकनीकी समूह ख सेवा नियमावली 2021 मंजूरी

5. आयकर विभाग द्वारा उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वर्ष 2008-09 से 2014-15 तक के लिए लिए गए ब्याज सहित कर को वापस करने हेतु चार्टड अकाउन्टेंट की सेवा को मंजूरी।

6. उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम 2012 के अनुसार रूद्रप्रयाग एवं पौड़ी जनपद के संबंध में अधिसूचना को मंजूरी।

7. उत्तराखण्ड मजदूरी संहिता नियम 2021 को मंजूरी।

8. उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में उद्यान विकास शाखा के अंतर्गत सौन्दर्यीकरण योजना में राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, उच्च न्यायालय, नैनीताल, विधानसभा एवं सचिवालय में रख-रखाव हेतु अलग शाखा को मंजूरी।

9. उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश स्वापक औषधि नियमावली, 1986) संशोधित नियमावली, 2021 को मंजूरी।

10. उत्तराखण्ड राज्य में ई-स्टाम्पिंग प्रणाली के अंतर्गत केन्द्रीय अभिलेख अनुरक्षण अधिकरण के रूप में कार्यरत स्टॉक होल्डिंग कापोरेशन इण्डिया तथा राज्य सरकार के मध्य संपादित अनुबंध पत्र का नवीनीकरण विचलन के प्रस्ताव को मंजूरी

11. राज्य कर्मचारियों को 03 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते को मंजूरी।

12. सुन्दर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार को मंजूरी।

13. राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी।

14. कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों के जूता, बैग निःशुल्क डी.बी.टी के माध्यम से देने की मंजूरी।

15. कोटद्वार मेडिकल कॉलेज हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 05 करोड़ रूपये की मंजूरी।

16. पर्वतीय क्षेत्र में फैक्लटी की कमी को देखते हुए क्लीनिकल ट्रेड डाक्टर को 50 प्रतिशत अतिरिक्त इन्टेनसिव को मंजूरी।

17. विद्युत सरचार्ज 31 मार्च, 2022 तक को माफ रखा जाएगा।

18. स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी पद पर पद के सापेक्ष ऑउटसोर्सिंग से भरा जाएगा।

19. उपनल कर्मियों को प्रोत्साहन राशि अब हर माह देने का निर्णय।

20. दसवीं एवं बारहवीं छात्रों को डी.बी.टी के माध्यम से मोबाइल टेबलेट देने का निर्णय जिसपर एक अरब 90 करोड़ 81 लाख व्यय अधिभार होगा।

21. उच्च शिक्षा में सभी छात्रों को मोबाइल टेबलेट देने का निर्णय।

22. एक से पांचवी तक के कक्षा में द्विभाषी पुस्तक (गढ़वाली, कुमांऊनी, जौनसारी, गुरमुखी, बंग्ला भाषा) विकसित एवं प्रकाशित करने का निर्णय।

23. राज्य बनने के बाद पहली बार जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेन्सी , 526 करोड़ का निवेश उद्यान विभाग के लिए डी.पी.आर को मंजूरी।

24. सोप स्टोन पाउडर जी.एस.टी बकाये को चार वर्ष में 48 किश्तों में जमा करने को मंजूरी।

25. भारत सरकार द्वारा स्थापित स्वायत्तशासी संस्थाओं के शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदान की गई उपाधियों को उत्तराखण्ड विद्यालय शिक्षा बोर्ड, रामनगर की उपाधियों से समकक्ष मानने को मंजूरी।

26. उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें विभग की ‘‘ उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक सेवा, नियमावली, 2021 को मंजूरी।

27. प्राकृतिक आपदा प्रभावित परिवार के पुनर्वास/विस्थापन हेतु पुनर्वास नीति 2011 में संशोधन को मंजूरी27.

28. नगर निगम हरिद्वार मनसा देवी रोपवे को 3 करोड़ 25 लाख वार्षिक लीज रेंट 3 रूपये प्रति टिकट सेस पर पूर्व कार्यरत संस्था उषा ब्रेको कम्पनी के माध्यम से आगामी 02 वर्ष पर संचालित करने का निर्णय।

29. सिडकुल द्वारा एम्स की स्थापना हेतु दी गई भूमि के एवज में ग्राम देवरिया में कुल 22.475 है0 भूमि सिडकुल को आवंटित किये जाने की मंजूरी

30. उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा नियमावली, 2021 को मंजूरी।

31. ऊधमसिंहनगर रूद्रपुर में प्रस्तावित यातायात नगर योजना हेतु भूमि आंवटन की मंजूरी।

32. नैनीताल रामगढ़ के गुरूदेव रविन्द्रनाथ टैगोर टॉप में विश्व भारती, केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना को मंजूरी।

33. अधीनस्थ अर्थ एवं संख्या नियमावली, 2021 को मंजूरी।

34. कोस्टगार्ड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना हेतु 0.2860 है0 भूमि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को सःशुल्क आवंटित भूमि के नजराना एवं मालगुजारी की धनराशि में छूट प्रदान करते हुए निःशुल्क आवंटन को मंजूरी।

35. जनपद पिथौरागढ़, तहसील धारचूला के ग्राम गुंजी में सेना(119, इन्फेन्ट्री ब्रिज ग्रुप) के उपयोगार्थ 11.350 है0 राज्य भूमि रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के नाम सःशुल्क हस्तान्तरण करने को मंजूरी।

36. ऋषिकेश नरेन्द्रनगर शिवपुरी रेल में विकास निगम लिमिटेड द्वारा खनन पेनाल्टी पर छूट देने का निर्णय।

37. राज्य में पेयल उपभोक्ताओं के जल मूल्य एवं सीवर शुल्की की दरों का पुनरीक्षण करने हेतु गठित समिति के पुनर्गठन को मंजूरी।

38. वन भूमि हेतु लीज के नवीनीकरण तथा नई लीज की स्वीकृति हेतु नीति एवं वन भूमि मूल्य वार्षिक लीज रेंट निर्धारित करने का निर्णय।

39. उत्तराखण्ड अग्रिशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी।

40. उत्तराखण्ड फुटलॉच ऐरोस्पोटर्स पैराग्लाइडिंग संशोधित नियमावली 2021 को मंजूरी।

41. सत्र 2022-23 में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 09 से 12 तक अध्ययनरत् सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को भी अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति के छात्र-छात्राओं के समान निःशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना से आच्छादित कराये जाने का निर्णय।

उत्तराखंड़ में राजनीति हलचल : कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने दिया इस्तीफा

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ की राजनीति से बड़ी खबर है, जिसने विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आते ही तूफान खड़ा कर दिया और राज्य में राजनीतिक उथल पुथल शुरू होने के संकेत दे दिये । बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत कैबिनेट बैठक में किसी मुद्दे को लेकर नाराजगी के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है की कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के मामले में स्वीकृति का प्रस्ताव ना लाए जाने से हरक सिंह रावत नाराज हुए।

मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड की राजनीति गर्मा गई है। और अब यह भी कयास लगाने लग गए हैं कि क्या हरक सिंह रावत बीजेपी में ही रहेंगे या कांग्रेस का दामन थामेंगे।

इधर देरसत्ता के गलियारों से
हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर के साथ ही उमेश शर्मा काउ के भी बीजेपी के विधायक पद से इस्तीफा देने की खबर रातभर सोशल मीडिया पर तैरती रही है। जबकि भाजपा के तपोवन मंडल व्हाट्स एप रात 1.36 बजे डाली गई पोस्ट कुछ और ही बयां कर रही है | देखिये…