देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज संस्थान के सभागार में दून घाटी की नहर प्रणाली पर एक सार्थक कार्यक्रम किया गया। दून घाटी की लुप्त होती कई ऐतिहासिक नहरों पर विजय भट्ट और इंद्रेश नौटियाल द्वारा एक सचित्र वार्ता का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसमें भारत ज्ञान विज्ञान समिति का सहयोग रहा। इस कार्यक्रम में आज दून घाटी की पुरानी व ऐतिहासिक नहरों के योगदान को याद करते हुए उन पर व्यापक चर्चा हुई और लोगों ने इस पर अपने सवाल-जबाब किये।
इस वार्ता में विजय भट्ट ने बताया कि पुराने सालों में दून घाटी में जहां साल के घने जंगल, बहती बारहमासी जलधाराएँ, उनसे निकलती नहरें यहां की आबो-हवा को जहां ख़ुशनुमा बनाती थीं वहीं यहां की विस्तृत कृषि भूमि को भी उपजाऊ भूमि में तब्दील करती थी। साल 1815 में जब यह क्षेत्र ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन आया और अंग्रेज़ अधिकारी यहाँ आये। ब्रिटिश अधिकारियों ने यहाँ बहने वाली प्राचीन राजपुर नहर को देखा। कहा जाता है कि इस नहर का निर्माण रानी कर्णावती ने करवाया था । इस नहर को देखने के बाद उन्होंने इसके रखरखाव का ज़िम्मा अपने ऊपर ले लिया जिसका देखभाल उस समय दरबार श्री गुरु राम राय साहब करता था । कृषि भूमि को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने भूमि अनुदान दिए और सिंचित क्षेत्र में बढ़ोतरी करने के लिए नहरों का निर्माण भी किया। ब्रिटिश शासन काल में, बीजापुर नहर, कटापत्थर,रायपुर वहर, जाखन नहर सहित पाँच नहरों का निर्माण करवाया। नहरों के निर्माण के लिए कैप्टन काटली के योगदान पर भी चर्चा हुई । नहरों ने दून घाटी की भूमि के विशाल क्षेत्रफल को सिंचित क्षेत्र में तब्दील कर दिया ।
भट्ट ने इस महत्वपूर्ण सन्दर्भ को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस वजह से दून घाटी की ज़मीन उपजाऊ हुई, किसानों को लाभ हुआ और शासन की कर के रूप में कमाई बढ़ी। चाय, लीची के बाग लगे, बासमती की खेती शुरू हुई जिसके चलते चाय, लीची, चावल, चूना यहाँ की पहचान बन गये। बासमती की ख़ुशबू और लीची के स्वाद ने देहरादून को विश्व पटल पर ला खड़ा कर दिया।यहाँ की जलवायु भी लोगों की पसंदीदा बन गई। जिसके चलते जो यहाँ आया वह यहीं का होकर रह गया । धीरे-धीरे आबादी इस क़दर बढ़ी कि वह यहाँ की कृषि भूमि को कम करने लगी। राज्य बनने के बाद तो आबादी का दबाव तेज़ी से बढ़ा ।बाग बगीचे, खेती बाड़ी ख़त्म सी होने लगी और नहरें लुप्त प्रायः हो गईं।
इंद्रेश नौटियाल ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज विकास के पर इन नहरों को दफ़्न कर ंसड़कों का निर्माण करवाया दिया गया । उन्होनें कहा कि आज दून की इस विरासत को बचाना और संरक्षण देना हमारे समय की बड़ी चुनौती है। वार्ता के दौरान नहरों के ख़त्म होने व दून घाटी के बढ़ते तापमान के बीच के अन्तरसंबंधों पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम के आरम्भ में सामाजिक विचारक बिजू नेगी ने दून की नहरों पर आधार वक्तव्य दिया। किया। इस अवसर पर, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, पर्यावरण विद डॉ. रवि चोपड़ा, अजय शर्मा, मेघा विल्सन, इरा चौहान,त्रिलोचन भट्ट, हर्षमणि भट्ट,जनकवि अतुल शर्मा, चन्दन सिंह बिष्ट, सुंदर सिंह बिष्ट, दीपा कौशलम, डॉ. चौनियाल, विवेक तिवारी,सुधीर सिंह बिष्ट,जगदीश सिंह महर, शैलेन्द्र नौटियाल, विनोद सकलानी, हिमांशु आहूजा सहित शहर के अनेक लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सहित दून पुस्तकालय के युवा पाठक उपस्थित रहे।
समाज की जीवन रेखा थीं कभी दून की नहरें
लोक गायिका हेमा नेगी करासी के गीतों पर झूमे लोग
श्रीनगर गढ़वाल(आरएनएस)। बैकुण्ठ चतुर्दशी एवं विकास प्रदर्शनी की आखिरी सांस्कृतिक संध्या प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी के नाम रही। उन्होंने अपने गीतों से पांडाल में समां बांध दिया। कार्यक्रम का शुरुआत गायिका हेमा ने जय बदरी विशाल के जागर से की। उसके बाद उन्होंने आंछरी जागर, नरसिंह जागर से लोगों का मनमोहा। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मातबर सिंह रावत ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि श्रीनगर का बैकुण्ठ चतुर्दशी मेला देश-विदेश में प्रसिद्धी प्राप्त कर चुका है। समापन पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि बैकुण्ठ मेला भव्य और दिव्य रूप से मनाया गया है। इस बार मेले में सरकार की ओर से कोई भी पैसा खर्च नहीं हुआ है, नगर निगम ने अपने प्रयासों से ही मेला सम्पन्न करवाया है। कैबिनेट मंत्री रावत ने कहा कि श्रीनगर विधानसभा के विकास के लिए उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। बेस चिकित्सालय में जल्द ही कार्डियोलॉजिस्ट की व्यवस्था की जाएगी। जिससे दिल के मरीजों को बेस चिकित्सालय श्रीनगर में इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में मरीजों के लिए किसी प्रकार की कमी न हो इसके लिए वह हर प्रकार की सुविधाएं मरीजों को देने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही गढ़वाल विवि के छात्रावासों के लिए एम्बुलेंस और डॉक्टरों को तैनात करने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक करोड़ की लागत से रामलीला मैदान का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही कमलेश्वर महादेव मंदिर के पास भव्य एवं दिव्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। इस मौके पर उपजिलाधिकारी श्रीनगर नुपूर वर्मा, तहसीलदार धीरज राणा, सहायक नगर आयुक्त रविराज बंगारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धिरवांण, व्यापार सभा के अध्यक्ष दिनेश असवाल, वासुदेव कंडारी, सौरभ पाण्डेय, विजयलक्ष्मी रतूड़ी, प्रमीला भंडारी सहित आदि मौजूद थे।
महिला को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म, बेटी से भी छेड़खानी
हल्द्वानी(आरएनएस)। तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर मुक्तेश्वर निवासी युवक ने एक साल तक दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़ित महिला की नाबालिग बेटी से भी छेड़खानी कर डाली। मुखानी पुलिस ने मामले में पीड़ित की तहरीर पर दुष्कर्म समेत पॉक्सो के तहत केस दर्ज कर लिया है। मुखानी पुलिस को दी तहरीर में बरेली निवासी महिला ने बताया है कि वह मुखानी क्षेत्र में अपनी 12 साल की बेटी के साथ किराये में रहती है। यहीं किराये में ब्यूटीपार्लर चलाती है। कहा कि उसका पति के साथ पूर्व में ही तलाक हो चुका है। आरोप है कि एक साल पहले वह अल्मोड़ा से हल्द्वानी की ओर आ रही थी। इसी दौरान टैक्सी मालिक निर्मल कुमार निवासी सलियाकोट, मुक्तेश्वर से उसकी दोस्ती हो गई। इसके बाद उसका घर में आना-जाना शुरू हो गया। आरोप लगाया कि युवक ने उसे शादी का झांसा दिया और एक साल तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बाद में शादी की बात आई तो युवक मुकर गया। कहा कि 10 और 11 नवंबर को वह अपने दुकान में थी। इस दौरान निर्मल उसके घर आया और उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ कर दी। एसओ मुखानी विजय मेहता ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शीघ्र आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी।
यात्रा प्राधिकरण गठित कर आगामी यात्रा की तैयारी में अभी से जुटें अधिकारी : मुख्यमंत्री
देहरादून(आरएनएस)। चारधाम यात्रा – 2024, के सकुशल सम्पन्न होने के साथ ही प्रदेश सरकार, आगामी चारधाम यात्रा की तैयारी में जुट गई है। चार धाम यात्रा को प्रदेश की आर्थिकी का आधार मानते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को यात्रा प्राधिकरण का गठन प्राथमिकता पर करने के साथ ही आगामी यात्रा तैयारियां अभी से शुरू करने को कहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यात्रा को बढ़ावा देने के साथ ही इसे व्यवस्थित करने के लिए यात्रा प्राधिकरण का गठन प्राथमिकता पर किया जाए, इसके लिए सभी हितधारकों की राय ली जाए। साथ ही बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट को और अधिक बेहतर बनाया जाए, ताकि यात्रा संबंधित सभी जानकारी वेबसाइट पर ही मिल जाए। मुख्यमंत्री ने आगामी चार धाम यात्रा की तैयारी समय पर पूरा करने के लिए अभी से बैठक बुलाते हुए, आवश्यक कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा काल में क्षतिग्रस्त मुख्य मार्गों के साथ ही आंतरिक मार्गों को भी प्राथमिकता पर ठीक किया जाए, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
राष्ट्रीय खेल का आयोजन महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों के लिए अलग अलग सचिवों को दायित्व दिए जाने के साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हर सप्ताह बैठक करने और कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं।
कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु कई बार ज्ञापन सौंपा
हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा) चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों नेआयुर्वेद विश्विद्यालय से अलग होने का मन बनाया निदेशक आयुर्वेद निदेशालय देहरादून के अंतर्गत जिला हरिद्वार में पोस्टिंग की मांग की।
आज दिनांक 21नवंबर 2024 को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा एवं उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह मंत्री दिनेश ठाकुर के नेतृत्व में अपनी मांगों के निस्तारण हेतु परिसर निदेशक डा डी सी सिंह से मिलकर उनको कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण हेतु उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया जायेगा।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह मंत्री दिनेश ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन दो माह होने वाले हैं अभी तक कुछ पता नहीं चल पा रहा है, वर्दी भत्ता के शासनादेश लागू हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है किंतु अभी तक कर्मचारियों के वेतन में 2400 रुपए वर्दी भत्ते के नहीं मिले हैं, कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु कई बार ज्ञापन सौंपा गया किंतु आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है जो कि न्यायोचित नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि कर्मचारियों के अंदर विश्विद्यालय के कार्य कलापों, वेतन न मिलना,जी, पी एफ, समय से न मिलना सेवानिवृत कर्मचारियों के देयकों का समय से न मिलना को लेकर इतना रोष है कि सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आयुर्वेद विश्विद्यालय से अलग होकर निदेशक आयुर्वेद निदेशालय देहरादून के अंतर्गत जिला हरिद्वार में अपनी पोस्टिंग/योगदान देना चाहते हैं, प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि कर्मचारियों का इतना शोषण एवं उत्पीड़न प्रदेश में आज तक नही हुआ है जितना आयुर्वेद विश्विद्यालय के कर्मचारियों का हो रहा है संगठन जल्द से जल्द कुल सचिव महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय लेकर उनको कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया जायेगा जिससे कर्मचारियों का शोषण एवं उत्पीड़न बंद हो सके।
परिसर निदेशक डा डी सी सिंह से वार्ता करने वालों में सर्व श्री दिनेश लखेड़ा,छत्रपाल सिंह, दिनेश ठाकुर मनोज पोखरियाल, अजय कुमार, विनोद कुमार, सुमंत पाल, चंद्रपाल , प्रमोद कुमार,राकेश, सुरेन्द्र चौहान, अमित ठाकुर कल्लू, कैलाशो देवी, ब्रजेश देवी, बुगली देवी, इत्यादि शामिल थे।
वैदिक आनंदोत्सव-संस्कृति की सुरभि 2024-सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने ’स्वागतम्-स्वागतम् शुभ मंगल स्वागतम्’ गीत गाकर अतिथियों का सत्कार किया
हरिद्वार (कुलभूषण शर्मा) डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार में डीएवी प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के प्रधान परम श्रद्धेय पद्मश्री डाॅ0 पूनम सूरी के निर्देशन में 10 वर्षों से निरंतर संचालित होता आ रहा वार्षिक वैदिक आनंदोत्सव वैदिक संस्कृति की सुगंध बिखेरता तथा आधुनिक परिवेश में भारतीय वैदिक संस्कारों की पकड़ को मजबूत बनाते कार्यक्रम के द्वितीय दिवस का आयोजन 19 नवंबर 2024 को किया गया।
यह आयोजन स्कूल की वार्षिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ वेदिक चेतना, संस्कार, समाज, परिवार और माता-पिता के प्रति कर्तव्यों की शिक्षा दी जाती है, साथ ही साथ भारत की गौरवशाली संस्कृति की झलक प्रस्तुत की जाती है। इस प्रकार के कार्यक्रम अभिभावकों और शिक्षकों को मिलकर एक स्वस्थ समाज का निर्माण करने में सहयोग देते हैं। शिक्षकों और अभिभावकों को एक साथ आने और स्कूल की संस्कृति और परंपराओं को मनाने का अवसर मिलता है।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता आर्य समाज के प्रबुद्ध विद्वान तथा आर्य युवा समाज के प्रधान, योगी सूरी रहे। सर्वप्रथम उन्होनें उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 दिनेश चन्द्र शास्त्री, नित्यानंद स्वामी , उत्तराखण्ड के ज़ोन-ए के डीएवी विद्यालयों के क्षेत्रीय निदेशक एवं विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य पी.सी. पुरोहित, उत्तराखंड के डीएवी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ संयुक्त रूप से यज्ञशाला में हवन की पवित्र अग्नि में संध्याकालीन आहुतियां देकर परमपिता परमात्मा का आशीर्वाद लिया।
’दीपक’… तमसो मां ज्योतिर्गमय.. वाली रोशनी है जिसका अर्थ है परमात्मा हमें अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाएं। मंच पर उपस्थित मुख्यातिथि एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा मंत्रोच्चारण किया गया जो सभी को एक पवित्र और शांत वातावरण में ले आया।
मंच पर मुख्यातिथि माननीय योगी सूरी के विधिवत स्वागत के उपरांत अन्य अतिथियों का भी स्वागत कर अतिथि देवो भवः को चरितार्थ करते हुए कार्यक्रम आरंभ किया गया।
सांयकाल में तारों की जगमगाहट के नीचे चित्रपटल (स्क्रीन डिस्प्ले) के माध्यम से उपस्थित गणमान्य अतिथि एवं दर्शक दीर्घा के द्वारा डीएवी गान गाया गया।
सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने ’स्वागतम्-स्वागतम् शुभ मंगल स्वागतम्’ गीत गाकर अतिथियों का सत्कार किया। अतिथि देवो भवः की भावना से ओत-प्रोत प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल के द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत व अभिनन्दन किया गया। प्रधानाचार्य ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और अपने उद्बोधन में उन्होंने उन अतिथियों का जो कि भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पाए, की ऑनलाइन उपस्थिति के लिए आभार प्रकट किया । उन्होने डीएवी काॅलेज प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली के सचिव, एवं विद्यालय के उपाध्यक्ष एवं प्रबंधक जे.के. कपूर तथा पब्लिक स्कूलों के निदेशक डाॅ0 वी. सिंह का भी धन्यवाद किया, जिनके सहयोग से ही विद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे लिए इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसमें महात्मा आनंद स्वामी पर आधारित एक नृत्य नाटिका का मंचन किया जाना है । हमारे लिए यह परम सौभाग्य की बात कि महात्मा आनन्द स्वामी आज के हमारे मुख्य अतिथि के Great Grandfather हैं।
प्रधानाचार्य के स्वागत उद्बोधन के पश्चात ‘आओ मिलकर यज्ञ करें’ नामक सूक्ष्म यज्ञ विधि का मंचन किया गया, वैदिक संस्कृति के प्रचार के साथ-साथ सभी को एक साथ मिलकर यज्ञ करने के महत्व को समझाया तथा महर्षि दयानन्द के सैनिक पर छात्रों ने सुन्दर नृत्य प्रकट कर दर्शकों का मन मोह लिया।
‘छात्र अभिनंदन’ कार्यक्रम में विगत सत्र 2023-2024 में विद्यालय में अपनी शत प्रतिशत उपस्थिति, शैक्षणिक सत्र की वार्षिक परीक्षा में कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों, रन फाॅर डीएवी, जो कि गाँधी जयंती के अवसर पर आयोजित की गई थी’ उसमें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं तथा अन्य विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले छात्रों का अभिनंदन कर उनकी मेहनत और समर्पण को प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार तथा ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया।
मुख्य अतिथि योगी सूरी, प्रधान आर्य युवा समाज ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम के आयोजन की भूरि-भूरि प्रषंसा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपने पितामह महात्मा आनंद स्वामी के साथ अपना बचपन बिताया। महात्मा आनंद स्वामी जी के मुख मंडल पर जो स्थाई मुस्कान है, उसका भी रहस्य उन्होंने उपस्थितजनों के सामने खोला। उन्होंने कहा कि सभी परिस्थितियों में मुस्कुराते रहने का जो महामंत्र उन्हें अपने पूर्वजों एवं अपने पिता से मिला है, वे उसका महत्व समझ गए हैं। हर परिस्थिति में अपने चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने से जीवन की कई परेशानियों का हल सहज ही मिल जाता है। वैदिक मूल्य और आर्य समाज हमेशा उनके दिल के करीब रहे हैं। श्री योगी सूरी जी के वचनों ने सभी को प्रेरित और उत्साहित किया।
तत्पश्चात् ‘बूंद बूंद मिलके बने सागर’ समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी को सहयोग और कर्तव्य निष्ठा की प्रेरणा दी। दर्शक दीर्घा ने करतल ध्वनि से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
आज हर अभिभावक अपने बच्चों को सफल बनते हुए देखना चाहता है, बच्चों की सफलता निश्चित ही माता-पिता के लिए सुखकारक है, किंतु उस सफलता की, उस सुख की परिभाषा क्या है, इस विषय पर एक नाटक का मंचन विद्यार्थियों द्वारा किया गया। जिसने सभी उपस्थितजनों को वास्तव में सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वाकई में बच्चों को जीवन यापन के लिए विदेष भेज देने में ही सुख है अथवा अपने परिवार के साथ थोड़ी कम सुविधाओं में जीवन जीने में भी परम सुख का अनुभव किया जा सकता है। बच्चों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्षकों की आँखों को नम भी किया।
विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा प्रस्तुत भजन ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति में विद्यार्थियों के द्वारा नृत्य – नाटिका ‘महात्मा आनंद स्वामी’ प्रस्तुत की गई जिसने सभी को महात्मा आनंद स्वामी के जीवन और उनके संदेश सादा जीवन उच्च विचार, अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से अथाह प्रेम, ईश्वर में आस्था जीवन के इसी सार के साथ को समझने का अवसर प्रदान किया।
यह आयोजन स्कूल की संस्कृति और परंपराओं को मनाने का एक अवसर था, और इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका प्रतिभा शर्मा के द्वारा किया गया।
अंत में विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल द्वारा सभी उपस्थित जनों का कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद किया गया। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
गढ़वाली वीडियो लोकगीत ‘छुबकु यारा’ यूट्यूब पर बटोर रहा सुर्खियां
देहरादून, उत्तराखंड़ की वादियां और यहां का लोक संगीत हमेशा से ही देश दुनिया के सांस्कृतिक पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ता चला आ रहा है, यहां बर्फीली चोटियाँ, असंख्य झीलें, हरे-भरे हरियाली क्षेत्र और सांस्कृतिक विरासत को निहारती यहां की अनुपम छटा जहां पर्यटकों के लिये एक साकार आनंद की अनुभूति कराती है। देवभूमि की इसी खूबसूरती को बखूबी से छायांकित किया गया है गढ़वाली वीडियो लोकगीत “छुबकु यारा” में, जो आजकल यूट्यूब पर खूब देखा जा रहा है |
उत्तरकाशी जनपद के रैथल, मुखबा और हर्षिल आदि पर्यटक स्थलों में छायांकन किये गये इस सारगर्भित ‘छुबकु यारा’ गीत को श्रद्धा कुहूप्रिया पांडेय ने स्वरबद्ध किया है | रब्ता प्रोडक्शन हाऊस के बैनर तले निकले इस वीडियो एलबम का संगीत हैदर अली ने दिया है, आपको बताते चलें कि यह गीत उत्तरकाशी के रंवाई बगान की तरफ शादी समारोह के दौरान गाया जाता है, रवांई क्षेत्र के रमणीक स्थलों पर फिल्मांकन किया “छुबकु यारा” वीडियो गीत ओह रेडियो और यूट्यूब पर काफी सुर्खियां बटोर रहा है l
आपको बतातें चले कि रब्ता प्रोडक्शन हाऊस के तहत गायिका श्रद्धा कुहूप्रिया और संकल्प खेतवाल का एक पौराणिक गीत ‘सौं खेकि बोल दे जरा’ भी काफी चर्चित रहा, अब श्रद्धा ने नये कलेवर के साथ 6 मिनट 50 सैकेंड़ के इस ‘छुबकु यारा’ वीडियो गीत को नये रुप में प्रस्तुत कर गाने की आत्मा को बनाए रखने की कौशिश की है | गजल गायिकी के साथ साथ श्रद्धा कुहूप्रिया का इससे पहले भी जीतू बग्डवाल पर धुंयाल पण्डौ काफी लोकप्रिय रहा |
म्युजिकल रब्ता प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित ‘छुबकु यारा’ गढ़वाली वीडियो गीत की
सिनेमाग्राफी/एडिटिंग गोविन्द नेगी, कोरियोग्राफर आशीष बोरा, गायिका श्रद्धा कुहूप्रिया, संगीत हैदर अली, गिटार/बेस विजय सचदेवा, मनीष कुलकर्णी, रिद्म/ फ्लूट सुभाष पांडेय, पंकज नाथ, मिक्सिंग देव बसक के साथ वीडियो टीम में शैलेन्द्र पटवाल, अंकित सेनवल का सकारात्मक सहयोग रहा l
प्राधिकरण की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा कर भी आवश्यक निर्देश दिए
सीएम हेल्पलाइन 1905 पर लंबित शिकायतों का तेजी से करें निस्तारण
-एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने की समीक्षा बैठक
देहरादून, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने गुरुवार को सीएम हेल्पलाइन 1905 सहित प्राधिकरण की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।
प्राधिकरण सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उपाध्यक्ष ने सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा करते हुए इसकी प्रगति पर संतोष प्रकट किया। हालांकि, उपाध्यक्ष ने 1905 की लंबित शिकायतों पर अधिकारियों को तेजी से कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन प्रकरणों में संबंधित लोगों से दूरभाष पर बात की जाए और अब तक कि प्रगति के बारे में उन्हें अवगत कराएं।
उपाध्यक्ष ने इस दौरान आढ़त बाजार परियोजना के साथ ही आईएसबीटी में चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि समूचे आईएसबीटी परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। साथ ही पहाड़ी शैली में फसाड के कार्य करने के भी उनके द्वारा निर्देश दिए गए। इसके अलावा परिसर में बेहतर साफ सफाई व्यवस्था के भी निर्देश दिए।
उपाध्यक्ष ने विकासनगर के शाहपुर, कल्याणपुर में लैंड बैंक की तर्ज पर अन्य स्थानों पर भी लैंड बैंक बनाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में उपाध्यक्ष महोदय द्वारा मानचित्रों के निस्तारण की प्रगति पर भी संतोष प्रकट किया गया।
अवैध निर्माण पर करें कार्रवाई
उपाध्यक्ष ने इस दौरान अवैध निर्माण व अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई के निर्देश दिए। गौरतलब है कि प्राधिकरण में चार्ज संभालने के बाद उनके द्वारा अवैध निर्माण व अवैध प्लाटिंग को लेकर लगातार सख्ती बरती जा रही है। बीते दिनों त्योहारी सीजन के चलते उस कार्य की गति थोड़ी धीमी हुई है। ऐसे में प्राधिकरण महोदय द्वारा इस मामले में पुनः सभी सेक्टरों के अभियंताओं को तेजी लाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने सेक्टर वार शमन का टारगेट फिक्स करने के भी निर्देश दिए।
“आज प्राधिकरण की विभिन्न परियोजनाओं के साथ ही सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को जरूरी निर्देश निर्गत किये गए हैं। अवैध निर्माणों को लेकर किसी भी तरह की शिथिलता नहीं बरती जाएगी। इस हेतु अभियंताओं को विशेष निर्देश दिए हैं।”
द क्लेरिजेस नाभा रेजिडेंस : ऐतिहासिक वैभव और प्रकृति का मिलाजुला संगम
मसूरी – अगर आप जिंदगी को खास अंदाज में जीना चाहते हैं तो क्लेरिजेस नाभा रेज़िडेन्स उत्तराखंड का ऐतिहासिक और विलासिता से भरपूर होटल है, जिसका इतिहास 1830 से जुड़ा है। यह कभी नाभा के महाराजा का ग्रीष्मकालीन निवास हुआ करता था। यह खूबसूरत बुटीक होटल 13 एकड़ की भूमि में तैयार किया गया शानदार विला है, जहाँ देवदार और ओक के घने जंगल इसकी शोभा बढ़ाते हैं। इसका आकर्षक सिंगल-स्टोरी कॉलोनियल आर्किटेक्चर, पुराने जमाने की खूबसूरती को आधुनिक भारतीय विलासिता के साथ जोड़ता है, जो इसे एक यादगार और शांतिपूर्ण होटल होने का गौरव प्रदान करता है।
बड़े बदलाव के बाद, होटल ने अपनी मूल विशेषताओं को सुरक्षित रखते हुए, आधुनिक सुविधाओं और आरामदायक रूम के साथ मेहमानों के अनुभव को और बेहतर बनाने का प्रयास किया है ।जो द क्लेरिजेस नाभा रेज़िडेन्स को मसूरी में एक प्रमुख गंतव्य के रूप में फिर से स्थापित करता है, जहाँ ठहरने वाले लोग मसूरी के समृद्ध इतिहास का आनंद लेते हुए अद्वितीय विलासिता अनुभव कर सकते हैं।
यहाँ बाईस आलीशान कमरे है । जो आधुनिक साज सज्जा से निर्मित हैं। यहां पहुंचने वाले मेहमान दो शानदार डाइनिंग हॉल का आनंद ले सकते हैं जहाँ विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ, विक्टोरियन बार में बैठकर सिग्नेचर कॉकटेल के साथ खुशनुमा माहौल का मजा लिया जा सकता है।सुकून की तलाश में आए लोगों के लिए, द सेराफिक स्पा एक शांतिपूर्ण स्थान है, जहाँ मेहमान तरोताजा और रिलेक्स महसूस कर सकते हैं।
मसूरी के केंद्र में स्थित यह खास होटल शहर के शोर-शराबे से दूर एक शांतिपूर्ण माहौल प्रदान करती है। यहाँ से आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकते हैं ।
बात करे अगर होटल क्लेरिजेस नाभा कि तो यह होटल ब्रिटिश समय के आकर्षण को प्रस्तुत करता है। इसके अंदर लगे फर्नीचर, खूबसूरत कलाकृतियाँ और पुराने फोटोग्राफ्स मसूरी के महाराजा की विरासत की कहानी बयां करते हैं।
इस जगह में आने के बाद आप सभी तरह की सुविधाओं का अनुभव कर सकते है। साथ ही मेहमान यहाँ हरे-भरे वातावरण और पहाड़ों की गोद में शादी ब्याह के साथ अन्य कार्यक्रम भी आयोजित कर सकते हैं। देवदार और ओक के जंगलों से घिरे इस होटल में एक वेलनेस स्पा, फिटनेस जिम आरामदायक लाइब्रेरी और पूरे क्षेत्र में बेमिसाल विलासिता का अनुभव मिलता है।
होटल का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। इसे 1830 में एक आयरिश व्यक्ति सियारन ओ’हारा ने बनाया था, जो कैप्टन यंग (लैंडोर और मसूरी के संस्थापक) के साथी थे। इसके बाद यह संपत्ति थॉमस स्कली को दी गई, जिन्होंने इसे ट्रेवर ओवरेंड को बेच दिया। 1903 में लेफ्टिनेंट स्टेनली स्किनर ने इसे खरीदा, और 1904 में यह डब्ल्यू.ए. गॉर्डन के पास चली गई। बाद में गॉर्डन परिवार ने इसे भोपाल के उच्च पदस्थ उल्लाह खान को बेचा। अंत में, 20 अगस्त 1949 को इसे नाभा की महारानी साहिबा उर्मिला देवी ने खरीदा।
द क्लेरिजेस नाभा रेज़िडेन्स उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान है, जो शांति, इतिहास की सुंदरता और आधुनिक विलासिता का अनुभव करना चाहते हैं। यह स्थान हर आगंतुक को एक खास अनुभव का वादा करता है।
विज्ञान और तकनीक के बिना विकास संभव नहीं: राज्यपाल
देहरादून(आरएनएस)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित पांचवे देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव-2024 का उद्घाटन किया। 4 दिवसीय इस महोत्सव में 30 से अधिक तकनीकी और वैज्ञानिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के परिसर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों एवं वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी आधारित संस्थाओं ने नवाचार पर आधारित प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया। राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और छात्रों के प्रोजेक्ट्स की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
महोत्सव के शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्तमान समय की जरूरत है और इसे स्वीकार किए बिना हमारी प्रगति और विकास संभव नहीं है। हमें प्रत्येक क्षेत्र में विकास करना है तो विज्ञान और तकनीकी को स्वीकार करना और इसके साथ चलना जरूरी है। आज के दौर में यह हर समाज, देश की मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने कहा कि समय के साथ जो तकनीकी परिवर्तन हो रहा है उसी अनुसार अपने आपको डालना जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि स्कूली जीवन से ही छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए। इस दिशा में देहरादून अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में आगे हैं तो उसका आधार विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही है। उन्होंने कहा कि हमें नवाचार और शोध के साथ ही स्किल आधारित शिक्षा पर विशेष जोर देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हमारे छात्र स्कूली जीवन से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समृद्ध हों।
राज्यपाल ने उपस्थित छात्रों से कहा कि आप सभी अपने अंदर वैज्ञानिक चेतना व नवाचारी सोच को विकसित करें और आप सभी विज्ञान और तकनीकी के ब्रांड एंबेसडर बनें। उन्होंने कहा कि यहां से पूरे भारत में विज्ञान और तकनीकी की ज्योति जले। उन्होंने कहा कि आप सभी युवा देश और राज्य की असली ताकत हैं जिनके बलबूते भारत विकसित राष्ट्र और विश्व गुरु के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। राज्यपाल ने आयोजकों से महोत्सव के माध्यम से अधिक से अधिक छात्रों को लाभान्वित करने का अनुरोध किया और कहा कि इस मंच को ऐसा रूप दे कि यह शोध, विकास और नवाचार का एक केंद्र के रूप में स्थापित हों।
इस अवसर पर उपस्थित तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने सभी को महोत्सव के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी। महोत्सव में कुलपति तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक यूसर्क प्रो. अनिता रावत, आयोजन सचिव कुंवर राज अस्थाना, विश्वविद्यालय के कुलसचिव सतेन्द्र सिंह सहित अनेक वैज्ञानिक, विज्ञान प्रेमी, विभिन्न संस्थानों के निदेशक गण, संकायों के विभागाध्यक्ष, शिक्षाविदों और स्कूल/कॉलेजों के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।