Friday, May 9, 2025
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न्याय पर पैनी नजर – सीएलएफआई 2024 के दूसरे दिन अपराध और सजा के बीच जटिल संबंध को दर्शाया गया

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देहरादून,  भारतीय अपराध साहित्य महोत्सव (सीएलएफआई) ने देहरादून के हयात सेंट्रिक में अपने आयोजन के दूसरे दिन भी दर्शकों की दिलचस्पी कायम रखा। महोत्सव के भागीदार लेखकों, फिल्म निर्माताओं, कानून व्यवस्था अधिकारियों और पत्रकारों ने एक मंच पर अपराध, न्याय और साहित्य के बीच के अंतरसंबंध को देखने का प्रयास किया।
दिन की शुरुआत एक दिलचस्प सत्र से हुई – ‘‘सिद्धू मूसे वाला को किसने मारा? लॉरेंस बिश्नोई एंगल’’। इसमें जुपिंदरजीत सिंह और सिद्धांत अरोड़ा शामिल थे। वक्ताओं ने इस हाई-प्रोफाइल मामले के खौफनाक मंजर पर चर्चा करते हुए भारत में संगठित अपराध के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद का सत्र था ‘‘स्मरणीय हैं विजय रमन – एक सज्जन पुलिस अधिकारी जिन्होंने पान सिंह तोमर का खत्म किया’’। यह दिवंगत पुलिस अधिकारी की शानदार विरासत को श्रद्धांजलि थी। इस सत्र में आलोकलाल, के विजय कुमार और वीना विजय रमन ने भाग लेकर यह दिखाया कि बैज के पीछे एक इंसानियत है।
दोपहर के सत्रों में एक था ‘‘बंदूक, हिम्मत और कलम – मिर्जापुर के लेखक से बातचीत’ जिसमें अविनाश सिंह तोमर ने गंभीर अपराध कथा के पीछे की रचना प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया है। स्वयं अशोक कुमार ने ‘‘प्रॉक्सी वॉर्स – आईएसआई और अन्य संगठनों के खतरानक खेल’ में मुख्य भूमिका निभाई। इसमें विश्वव्यापी खुफिया एजेंसियों के गुप्त कारनामों और रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया।
फेस्टिवल के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा, ‘‘हम इस फेस्टिवल के माध्यम से सार्थक संवाद का मंच बनाना चाहते हैं जहां से बड़े बदलाव की प्रेरणा मिलेगी और अपराध और न्याय की समझ बढ़ेगी।’’
फेस्टिवल के निदेशक आलोकलाल ने आयोजन के दूसरे दिन की शानदार सफलता पर कहा, ‘‘हम ने आज के सत्रों में देखा कि किस तरह दमदार कहानी से जटिल मुद्दों को उजागर कर उन लोगों को पहचान और प्रशंसा दे सकते हैं जो न्याय व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिन रात एक करते हैं।’’

अन्य विशेष सत्र –

– डिटेक्टिव्स डेन डिस्कशन – देहरादून में हुई भयानक दुर्घटना पर इस चर्चा में अनूप नौटियाल और एसएसपी देहरादून के साथ सतीश शर्मा शामिल थे।

– मैडम कमिश्नर – मीरान बोरवणकर की इस पुस्तक पर सुनीता विजय के साथ विशेष सत्र।

– फैंग्स ऑफ डेथ – द ट्रू स्टोरी ऑफ द केरल स्नेकबाइट मर्डर – अलोकलाल और मानसलाल की इस रचना पर एक चर्चा, जिसका संचालन गार्गी रावत ने किया।

– उग्रवाद की सच्ची घटनाओं पर आधारित आगामी पुस्तक कोडनेम स्टैलियन के मुखपृष्ट का अनावरण।
– पटकथा लेखन पर आकाश खुराना की कार्यशाला।

– सुरेंद्र मोहन पाठक और नितिन उपाध्याय के बीच बातचीत।

‘अंडरकवर ह्यूमर – व्हाई कॉप कैरेक्टर्स शाइन इन स्लैपस्टिक कॉमेडी’ के साथ दिन का समापन हुआ। इसमें कविता कौशिक और अशोक कुमार शामिल थे और संचालन मानसलाल ने किया। तीनों ने इस चर्चा में यह जानने की कोशिश कि परदे पर हास्य से किस तरह पुलिस अधिकारियों का मानवीय चेहरा दिखता है। यह पुलिस अधिकारियों की चुनौतियों और उपलब्धियों पर नया नजरिया पेश करता है।
यह महोत्सव हंस फाउंडेशन, उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद (यूएफडीसी) और यूपीईएस के समर्थन से बहुत सफल रहा। भविष्य में भी रचनात्मकता और अपराध की रोकथाम के बीच तालमेल बनाने का प्रयास करेगा।

डाॅ. राम प्रकाश होगें रुद्रप्रयाग ने नये मुख्य चिकित्साधिकारी ,संभाला कार्यभार।

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रुद्रप्रयाग- जनपद में नये मुख्य चिकित्साधिकारी की तैनाती हो गयी। डाॅ. राम प्रकाश ने शनिवार को जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिया। इसी के साथ संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर स्तानांतरित हुए डाॅ. विमल सिंह गुसाईं रिलीव हो गए हैं।
शनिवार को नवागत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राम प्रकाश ने कार्यालय पहुंच मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कार्यभार ग्रहण किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी का विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। वहीं, निवर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसाईं को भावभीनी विदाई दी गई।
इस अवसर पर सीएमओ डाॅ. राम प्रकाश ने कहा कि जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं का और अधिक बेहतर ढंग से संचालन करवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। कहा कि जनपद रुद्रप्रयाग भले ही भौगोलिक दृष्टि से राज्य के अन्य जनपदों से छोटा है, लेकिन इस जनपद की अपनी अलग तरह की चुनौतियां है। कहा कि सभी के साथ मिलकर समेकित प्रयास कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जाएगा।
वक्ताओं द्वारा निर्वमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसाईं के सरल व सहज कार्य व्यवहार की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। कहा कि उनके जैसा सरल व सहज व्यवहार सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए प्रेरणादाई रहा।
अपने संबोधन में डाॅ. विमल सिंह गुसाईं ने सभी कर्मचारियों को और पूर्ण मनोयोग से जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अपने स्तर पर भविष्य में हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशुतोष, मुख्य फार्मेसी अधिकारी एचएस बिष्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप सिंह रावत, चिकित्सा अधिकारी डाॅ. मनदीप, फार्मेसी अधिकारी चंद्रमोहन सेमवाल, डीपीएम हिमांशु नौडियाल, हरेंद्र सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।

प्रदेश युवा नेतृत्व की अगुवाई में तरक्की कर रहा है- भरत सिंह चौधरी

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“पाँच दिवसीय विकास मेले में आज तब माहौल भावुकता भरा हो गया जब मेला संरक्षक ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल को उनके पाँच वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने पर स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधियों ने उन्हें विदाई दी। उनके कार्यकाल में हुये विकास कार्यों की सराहना करते हुये मंच से उनके उज्जल भविष्य की कामना की गयी। इस दौरान पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अर्जुन गहरवार ने उन्हे चाँदी का मुकुट पहना कर जखोली विकास खण्ड के विकास में उनके योगदान को ऐतिहासिक बताया”।

जखोली/रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)– पाँच दिवसीय जखोली कृषि, ओद्योगिक एँव पर्यटन विकास मेले का आज स्थानीय कलाकारों की रंगा रंग प्रस्तुतियों एँव पुरुष्कार वितरण के साथ संम्पन्न हो गया। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड एक युवा नेतृत्व की अगुवाई में विकास के नये आयाम स्थापित कर रहा है जिसका लाभ रुद्रप्रयाग के लोगों को भी मिल रहा है। जनता को सम्बोधित करते हुये बडी मार्मिकता से उन्होने अपनी बात मंच से रखी। उन्होने कहा कि वे पाँच बार विधान सभा चुनाव हारे लेकिन जो समर्थन रुद्रप्रयाग खासकर जखोली की जनता ने उन्हे दिया उसके वे हमेशा ऋणी रहेगें।
जनता का आशीर्वाद से रुद्रप्रयाग विधान सभा में सब विकास सम्पन्न हो रहे है। उन्होने कहा कि बरसीर बदाणी ताल मोटर मार्ग नव निर्वाण, मयाली गुप्तकाशी मोटर मार्ग डेढ़ लेन बनाने,व बड़मा में तकनीकी कारणो से निरस्त हुये सैनिक स्कूल के स्थान पर पशु मेडिकल कालेज बनना उनकी व धामी सरकार की प्रार्थमिकता है।
ढाई लाख मेले के लिये विधायक निधि। उन्होने कहा कि वे छैत्र के विकास में राजनीतिक प्रतिद्धंदता से हटकर मिलकर काम करने में हमेशा विश्वास करते रहे है।
इससे पूर्व मेला आयोजक समिति ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण व स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया।
उन्होने ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल के कार्यकाल की सराहना करते हुये उन्हे भविष्य की शुभकामनाएँ दी।
आज मेले के अंतिम दिन लोगों की खूब उपस्थिति देखने को मिली। लोक कलाकार विक्रम कप्रवाण, अजय नौटियाल, विजय पंत, ज्योति पंत, कुलदीप कप्रवाण रेशमा भट्ट, अआदि ने मेले मे अपनी अपनी प्रस्तुति दी।
मेला संरक्षक जखोली क्षेत्र पंचायत प्रमुख प्रदीप थपलियाल को अपने पाँच बर्ष के कार्यकाल में सहयोग देने के लिए के लिए समस्त जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व क्षेत्रीय जनता का आभार ब्यक्त किया।
इस मौके पर जेष्ठ प्रमुख नागेन्द्र पंवार, कनिष्ठ प्रमुख कविन्द्र सिंधवाल, पूर्व जेष्ठ प्रमुख अर्जुन गहरवार, सुरेन्द्र सकलानी, ललूड़ी के क्षेत्रपंचायत सदस्य भूपेन्द्र भंडारी, बद्रीनाथ-केदारनाथ समिति के सदस्य रणजीत सिह राणा, धनकुराली प्रधान धूम सिह राणा सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। संचालन संंयुक्त रूप से गीरीश बड़ोनी व बिरेन्द्र राणा ने किया।

उत्तराखंड में IAS और PCS अधिकारियों के बंपर तबादले …

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देहरादून, उत्तराखंड में शुक्रवार को एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ हैं. कई आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए गए हैं. IAS अपूर्वा पांडे को अपर सचिव गृह विभाग बनाया गया है. IAS अभिनव शाह से निदेशक जड़ी बूटी विकास एवं शोध संस्थान हटाया गया. PCS मोहन सिंह बर्निया को सचिव मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण बनाया गया प्रमुख सचिव एलएल फैनई से अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विकास निगम की कमान वापस ली गई है. रणवीर सिंह चौहान को अपर सचिव कृषि, पेयजल और महानिदेशक कृषि एवं उद्यान विभाग से हटाकर अपर सचिव गन्ना चीनी और प्रबंध निदेशक उत्तराखंड शुगर फेडरेशन मिला है. धीराज गर्ब्याल को अपर सचिव अल्पसंख्यक कल्याण और अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ विकास निगम की जिम्मेदारी दी गई है. उदय राज को अपर सचिव गन्ना चीनी और उत्तराखंड शुगर फेडरेशन के प्रबंध निदेशक से हटाया गया है. आनंद स्वरूप को अपर सचिव नियोजन की जिम्मेदारी दी गई है. विजय कुमार जोगदंडे को अपर सचिव राजस्व का जिम्मा सौंपा गया है. रीना जोशी को प्रबंध निदेशक उत्तराखंड परिवहन निगम बनाया गया है. आनंद श्रीवास्तव से प्रबंध निदेशक उत्तराखंड परिवहन निगम की जिम्मेदारी वापस ली गई. मनुज गोयल को अपर सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण की जिम्मेदारी मिली है. अनुराधा पाल को अपर सचिव ग्राम में विकास और आयुक्त ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी मिली है. गौरव कुमार को अपर सचिव समाज कल्याण की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है. अपूर्वा पांडे को अपर सचिव गृह बनाया गया है. अभिनव शाह से निदेशक जड़ी बूटी विकास एवं शोध संस्थान की जिम्मेदारी वापस ली गई है.

इन पीसीएस के ट्रांसफर
इला गिरी को सचिव रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की जिम्मेदारी मिली है. वह अभी पौड़ी गढ़वाल की उप जिलाधिकारी थीं. मोहन सिंह बर्निया को फिर सचिव एमडीडीए बनाया गया है. डीपी सिंह से विहित प्राधिकारी राज्य संपति विभाग की जिम्मेदारी वापस ली गई है. प्रदीप सिंह रावत को सचिवालय सेवा के अधिकारी से अपर सचिव राजस्व और सचिव उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की जिम्मेदारी वापस ली गई है. वहीं प्रदीप जोशी को सचिवालय सेवा अपर सचिव संस्कृति एवं धर्मस्य के साथ सचिव चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की जिम्मेदारी मिली है.

 

कर्मचारियों के परिवारों में आर्थिक संकट से जूझ रहा है, महीनों से नहीं मिला वेतन

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हरिद्वार  ( कुलभूषण )चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने अधिवेशन करा विश्विद्यालय द्वारा वेतन समय से न दिए जाने को लेकर खोला मोर्चा कहा मुख्यमंत्री  से मुलाकात कर सब बताएंगे प्रदेश अध्यक्ष जी । 29 नवंबर को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड के शाखा गुरुकुल के द्विवार्षिक चुनाव/अधिवेशन प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा प्रदेश संगठन सचिव छत्रपाल सिंह प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश चंद्र की देख रेख में संपन्न हुआ जिसमें निम्न पदाधिकारी निर्विरोध निर्वाचित हुए संरक्षक, पप्पू सहदेव, अध्यक्ष ताजबर सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल कुमार, उपाध्यक्ष महिला नीलम बिष्ट,मंत्री मनीष पंवार, संयुक्त मंत्री त्रिलोक सिंह , कोषाध्यक्ष राजू कश्यप, ऑडिटर मोहित , संगठन सचिव अंकित, पुष्पा, निर्वाचित हुए प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने सभी पदाधिकारियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा प्रदेश संगठन सचिव छत्रपाल सिंह प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश चंद्र नवनिर्वाचित अध्यक्ष ताजबर सिंह मंत्री मनीष पंवार ने कहा कि ऋषिकुल एवं गुरुकुल राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय कर्मचारी जब से विश्विद्यालय के अंतर्गत आए हैं तब से आज तक कर्मचारियों को महीनों, महीनों तक वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों के परिवारों में आर्थिक संकट आ गया है वेतन अगर दो माह में मिलता है तो दोनों महीनों की किस्त कट जाती है साथ में हर महीने बैंक पेनल्टी लगाता है वो अलग कर्मचारी अब लोन भी नहीं ले सकते हैं उनको इसी कारण डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा प्रदेश संगठन सचिव छत्रपाल सिंह प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश चंद्र ने बताया कि कर्मचारियों को आर्थिक रूप से शोषण के कारण अब सभी कर्मचारी एक साथ आयुर्वेद निदेशालय के अंतर्गत जनपद हरिद्वार में अपना स्थानांतरण कराना चाहते हैं जिसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी से समय लेकर अनुरोध किया जायेगा जिसके लिए आज एक ज्ञापन तैयार कर माननीय मुख्यमंत्री जी को अपनी समस्याओं को कठिनाइयों से अवगत कराया जायेगा।
द्विवार्षिक चुनाव अधिवेशन में भाग लेने वालों में सर्व श्री दिनेश लखेड़ा, छत्रपाल सिंह, राकेश चंद्र, ताजबर सिंह, अजय कुमार, मनीष पंवार, पप्पू सहदेव, राजू कश्यप, मोहित, अंकित, लोकेंद्र, अनिल कुमार, त्रिलोकी प्रसाद, पुष्पा, ममता, नीलम बिष्ट, कमलेश इत्यादि शामिल थे।

राज्यपाल ने संस्कृत विवि के 30 छात्रों को स्वर्ण पदक से नवाजा

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हरिद्वारर ( कुलभूषण ) । उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में माननीय राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल श्री गुरमीत सिंह (से0नि0) ने 30 स्नातक और परास्नातक छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसके साथ विवि के विभिन्न विभागों के 21 छात्र-छात्राओं को विद्यावारिधि की उपाधि देकर सम्मानित किया। राज्यपाल के हाथों स्वर्ण पदक और विद्यावारिधि की उपाधि प्राप्त कर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं खुश नजर आए।
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की आत्मा उसकी संस्कृति होती है। संस्कृति जब तक जीवित व सुरक्षित है, तभी तक राष्ट्र भी जीवित व सुरक्षित रहता है। विश्व की सारी संस्कृतियों में सबसे प्राचीन एवं श्रेष्ठ हमारी भारतीय संस्कृति या वैदिक संस्कृति है। इस संस्कृति का आधार संस्कृत भाषा है। संस्कृत भाषा के बिना भारतीय संस्कृति की और भारतीय संस्कृति के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। राज्यपाल ने मेडल और उपाधि पाने वाले छात्रों से कहा कि वह भारत की धरोहर को आगे तक लेकर जायेंगे , तभी उनको मिले मेडल और उपाधि की सार्थकता होगी,उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति की भूमिका बहुत अधिक हैं। भारत की युवा शक्ति के कंधे पर ही संस्कृत , संस्कृति को आगे ले जाने की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करना होगा उन्होंने कहा कि विश्व की संपूर्ण शिक्षा संस्कृत में निहित है।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों, राममंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज, देव संस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या और केंद्रीय संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. श्रीनिवासन वरखेड़ी को विद्यावाचस्पति (डी० लिट०)की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि यदि संस्कृति भारत देश की आत्मा है तो संस्कृत भाषा संस्कृति की आत्मा है। प्रोफ़ेसर शास्त्री ने विश्वविद्यालय की इन्फ़्रास्ट्रक्चर, विभिन्न संस्थाओं के साथ किये गये एम० ओ० यू ०विभिन्न आयामों पर विश्वविद्यालय की प्रगति पर प्रकाश डाला ।प्रो० शास्त्री ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा ज्योतिष, योग,वेद,कर्मकाण्ड आदि क्षेत्रों में अत्यंत न्यून सेवा राशि पर परामर्श सेवा प्रदान की जा रही है। इसलिए आमजन को इस सुविधा का लाभ लेना चाहिए ।आचार्य व शास्त्री के छात्रों को उपाधि प्रदान की। दीक्षांत समारोह में कुल 3047 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में सत्र 2022-23 के 1582 छात्र-छात्राओं को और सत्र 2023-24 के 1465 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई
इस अवसर पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओमप्रकाश नेगी, उत्तराखंड औद्यानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो परविंदर कौशल, प्रो. यशबीर सिंह समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ. प्रकाश पंत ने किया।
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प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में दीक्षांत समारोह महत्वपूर्ण
हरिद्वार। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने आधार भाषण किया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार भारतीय ज्ञान परम्परा का केन्द्र होने के साथ साथ प्राचीन विद्याओं का उद्गम स्थान भी है। उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय से उपाधियां प्राप्त कर यहां के स्नातक विभिन्न क्षेत्रों में देश ही नहीं विदेशों में भी विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाएंगे। प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में दीक्षांत समारोह महत्वपूर्ण अवसर होता है, यह अवसर केवल उपाधियों के लिए ही नहीं बल्कि शिक्षा मूल्यों के विशिष्ट सिद्धान्तों को आत्मसात करने का अवसर भी होता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत एक भाषा होने के साथ ही भरतीय जीवन दर्शन भी है।

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एआई का प्रयोग कर संस्कृत को परिष्कृत करे
हद्विार। संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक कुमार ने कहा कि कि हम एआई का प्रयोग करते हुए संस्कृत भाषा को और अधिक परिष्कृत कर सकते हैं। हमारे विभिन्न ग्रंथों में उपलब्ध मंत्रों में से कुछ मंत्र महामृत्युंजय, गायत्री, दुर्गासप्तशती में देवी कवच आदि मंत्रों पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है। यदि विश्वविद्यालय इसको ध्येय बनाकर एक्शन रिसर्च पर कार्यवाही करता है, तो निश्चित रूप से विश्व में संस्कृत भाषा का यश फैलेगा।


Dev Sanskriti Vishwavidyalaya | आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी को डी. लिट की  मानद उपाधि से किया गया सम्मानित। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के 11वें  ...

राज्यपाल ने किया डॉ. चिन्मय पंड्या डी. लिट की मानद उपाधि से सम्मानित

हरिद्वार , उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह के दौरान उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल श्री गुरमीत सिंह (सेनि) ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या जी को डी. लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि डॉ. पंड्या जी को यह सम्मान उनके विभिन्न योगदानों के लिए दिया गया। युवा आइकान डॉ पण्ड्या विश्वभर में आध्यात्मिक जागरूकता लाने, योग और ध्यान के प्रचार-प्रसार, वैदिक संस्कृति, मूल्यों और परंपराओं के संरक्षण एवं प्रोत्साहन, महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों, युवाओं में कौशल का संचार करने, पर्यावरण संरक्षण, स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने, मूल्य आधारित शिक्षा के प्रसार, और वैश्विक संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अध्यात्म एवं संस्कृति का संदेश फैलाने में विगत कई वर्षों से जुटे हैं।
युवा आइकान डॉ. चिन्मय पण्ड्या के मार्गदर्शन और समर्पण के कारण विश्व के अनेक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों व विभिन्न प्रतिष्ठानों में अपनी विशेष पहचान बना चुके हैं। उनका शिक्षण व मार्गदर्शन शैली उन संस्थाओं में एक आदर्श बन चुकी है और उन्होंने शिक्षा, समाजसेवा, और व्यक्तिगत विकास के क्षेत्र में अपार योगदान दिया है। वे न केवल शैक्षिक क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक दृष्टिकोण से भी विद्यार्थियों और समग्र समाज को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन ने कई छात्रों और पेशेवरों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है।
गौरतलब है कि गुरुसत्ता के दिव्य संरक्षण एवं डॉ. पंड्या जी के नेतृत्व में गायत्री परिवार ने सामाजिक और आध्यात्मिक नवोत्थान के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कार्य किया है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरणादायक है।

 

राज्यपाल ने हरकी पौडी पहुंच गंगा आरती की

राज्यपाल ने हरकी पैड़ी पर की मां गंगा की पूजा और दुग्धाभिषेक - हिन्दुस्थान  समाचार
हरिद्वार 29 नवम्बर (कुलभूषण) राज्यपाल गुरमीत सिंह ने हरकी पौड़ी पहुॅचकर पूरे विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर दुग्धाभिषेक किया तथा गंगा आरती में शामिल हुए और देश-प्रदेश की खुशहाली एवं समृद्धि की कामना की।
महामहिम राज्यपाल के हरकी पौड़ी पहुॅचने पर श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष मनोज झा, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणि, प्रचार सचिव शैलेश मोहन, घाट व्यवस्था सचिव वीरेंद्र कौशिक, सचिव देवेन्द्र पटुवर, सचिव उज्जवल पंडित, विशेष आमंत्रित सदस्य अरविन्द अधिकारी, अनमोल मल ने अंगवस्त्र, गंगगजलि आदि भेंट कर स्वागत किया।
इस दौरान जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, नगर आयुक्त वरूण चौधरी, एचआरडीए उपाध्यक्ष अंशुल सिंह, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शीतलहर से बचाव हेतु विभिन्न जनपदों के लिए स्वीकृत की 1.35 करोड की धनराशि

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देहरादून, मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शीतलहरी के बचाव हेतु अलाव जलाये जाने व कम्बल वितरण हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार के नियमों/निर्देशों के आलोक में विगत वर्षों की भांति इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी प्रदेश के समस्त जनपदों में से 12 जनपदों को ₹10.00 लाख प्रति जनपद तथा पौड़ी गढ़वाल को ₹15.00 लाख इस प्रकार कुल धनराशि ₹135.00 लाख (₹ एक करोड़ पैंतीस लाख मात्र) की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा जनपद पिथौरागढ़ के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अस्कोट का नाम शहीद नायक सैनिक खुशाल सिंह अधिकारी (सेना मेडल) के नाम पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

 

मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट में कृषि विभाग ने 80 प्रतिशत सब्सिडी पर महिला कृषकों को उपलब्ध कराई मोटा अनाज प्रसंस्करण इकाईमुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट में कृषि विभाग ने 80 प्रतिशत सब्सिडी पर  महिला कृषकों को उपलब्ध कराई मोटा अनाज प्रसंस्करण इकाई - Mukhyadhara

देहरादून, मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदत्त निर्देशों के अनुपालन में कृषकों की आजीविका संवर्द्धन एवं रोजगार सृजन हेतु कृषि विभाग, जनपद चमोली द्वारा मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट में ज्योति ग्राम संगठन सारकोट को खाद्य फसल एवं मोटा अनाज प्रसंस्करण इकाई वितरित की गयी। जिसमें समूह को आटा चक्की, धान, झंगोरा चक्की एवं मसाला चक्की जिला योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराई गयी है।

महिला कृषकों द्वारा आधुनिक कृषि यंत्रो के माध्यम से क्षेत्र में उत्पादित फसलों का प्रसंस्करण करते हुए विपणन किया जाएगा इससे कृषकों की आय में वृद्धि होगी।

कार्यक्रम में समूह के अध्यक्ष दीपा देवी, समूह कोषाध्यक्ष बैशाखी देवी और अन्य समूह सदस्य तथा विकास खण्ड प्रभारी (कृषि) ललित कुमार उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु स्वीकृत की 66.12 करोड की धनराशि

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु 66.12 करोड की धनराशि स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि के तहत जनपद नैनीताल के विधानसभा क्षेत्र कालाढूंगी के अंतर्गत पनचक्की चौराहे से कमलुवागांजा 8.200 कि0मी0 लम्बी नहर कवरिंग का कार्य एवं चौफुला चौराहे से कठघरियां चौराहे तक 3.100 किमी, कुल लम्बाई 3.800 किमी तक के निर्माण हेतु 12.45 करोड, विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट के अंतर्गत कालसन ठांठा मोटर मार्ग से बनोली सुदर्का, ठांठा मोटर मार्गों का सुधारीकरण का कार्य हेतु 3.46 करोड, जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र विकासनगर के लम्बरपुर से लांघा मोटर मार्ग को डेढ़ लेन (5.50 मीटर) से दो लेन (7.00 मीटर) में डी0बी0एम० एवं बी0सी0 द्वारा चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण का कार्य हेतु 10.86 करोड, जनपद अल्मोड़ा के विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर में पोखरी-बैगनिया व पोखरी बिनवाल हेतु चायखान से बलिया होते हुए सम्पर्क मार्ग के किमी० 01 से 9 में डामरीकरण एवं सुधारीकरण का कार्य हेतु 6.38 करोड की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा के तहत जनपद चम्पावत की विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में शहीद शिरोमणि चिल्कोटी(गौडी-किमतोली) मोटर मार्ग के सुधारीकरण कार्य हेतु 9.58 करोड, जनपद चंपावत के विधानसभा क्षेत्र चंपावत में टनकपुर के आन्तरिक मार्गों का हॉटमिक्स डी.बी.एम./बी.सी.द्वारा सुधारीकरण कार्य हेतु 5.98 करोड की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र राजपुर रोड के देहरादून-रायपुर रोड में चूना भट्टा के निकट रिस्पना नदी पर 55 मीटर विस्तार सेतु का निर्माण कार्य हेतु 5.84 करोड, जनपद उधम सिंह नगर के विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर के अन्तर्गत ट्रांजिट कैम्प में झील से चामुण्डा मंदिर तक मार्ग का पुनः निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य (शिवनगर से ट्रांजिट कैम्प मुख्य मार्ग का अवशेष भाग) हेतु 2.2 करोड़, जनपद उधम सिंह नगर के विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर के रूद्रपुर ब्लॉक के अन्तर्गत मुख्य बाजार के मध्य सम्पर्क मार्गों का हॉटमिक्स द्वारा पुनः निर्माण कार्य हेतु 2.82 करोड, जनपद टिहरी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र धनौल्टी के विकासखण्ड जौनपुर के अन्तर्गत बिलोंदी पुल से फिडोगी-धनौल्टी मोटर मार्ग के कार्य हेतु 3.70 करोड धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री द्वारा बरोटीवाला-अम्बाड़ी मोटर मार्ग पर 20 मी0 गार्डर ब्रिज के निर्माण हेतु 2.19 करोड धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा जनपद उत्तरकाशी के विधानसभा क्षेत्र पुरोला के अन्तर्गत कमल नदी गुन्याटिगांव मोटर मार्ग विस्तारीकरण का कार्य हेतु 4.00 लाख, विधानसभा क्षेत्र पुरोला के वि0ख0 पुरोल के अंतर्गत गुन्याटिगांव के खेल मैदान इण्टर कालेज मंदिर मार्ग तक इण्टरलॉकिंग का निर्माण कार्य हेतु 26.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की है।

छात्र सम्मान व वार्षिकोत्सव समारोह की तैयारी को लेकर बैठक का आयोजन

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-सरदार सिंह रावत इंटर कॉलेज नैनबाग का वार्षिकोत्सव का 21 व 22 दिसम्बर को होगा आयोजन

-पहली बार भारी संख्या में अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

 

नैनबाग (शिवांश कुंवर), सरदार सिंह रावत इंटर कॉलेज नैनबाग में दो दिवसीय पुरातन छात्र सम्मान व वार्षिकोत्सव समारोह को लेकर शिक्षक व अभिभावक संघ की आम बैठक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें पहली बार भारी संख्या में अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सरदार सिंह रावत राजकीय इंटर कॉलेज नैनबाग के अभिभावक संघ के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह पंवार की अध्यक्षता में हुयी इस विशाल अभिभावक संगोष्ठी में विद्यालय स्थापना से लेकर आज 46 सालों में पहली बार इंटर कालेज नैनबाग के बहुउद्देशीय हाल खचाखच भर गया, हाल में बैठने की जगह तक नही मिली । इतनी भारी तादाद में अभिभावकों की उपस्थिति हर किसी के लिए आश्चर्य चकित कर देने वाली बात रही । जिसका श्रेय तीन माह पूर्व विद्यालय के नव निर्वाचित प्राधानाचार्य डा. चन्द्रशेखर नौटियाल द्वारा विद्यालय के उत्कृष्ट कार्य के साथ विद्यालय में अनुशासन व विद्यालय परिवार की एकता के साथ सभी को साथ लेकर चलने का नतीजा से माना जाता है।
बैठक में शिक्षा उन्नयन और छात्र छात्राओं के संर्वागिण विकास व अन्य गतिविधियों पर चर्चा कि गई । साथ ही इसी विद्यालय के पुरातन छात्र छात्राओं का सम्मान कार्यक्रम व वार्षिकोत्सव का आयोजन 21 दिसम्बर व 22 दिसम्बर को मनायें जाने की तैयारी पर अभिभावकों ने अपने अपने विचार व सुझाव रखते हुए व्यवस्थाओं पर चर्चा कि गई ।
विद्यालय के प्रधानाचार्य डा. चन्द्रशेखर नौटियाल ने सभी का आभार व्यक्त कर अभिभावको की उपस्थित होने की प्रशंसा की,और 21 दिसम्बर व 22 दिसम्बर को आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने की रूप रेखा को धरातल पटल पर रखा गया और समारोह को भव्य ढंग से मनाये जाने पर हर अभिभावक से सहयोग की अपील है।
पीटीए के अध्यक्ष धीरेन्द्र पंवार ने कहा कि दो दिवसीय पुरातन छात्र सम्मान व वार्षिकोत्सव मनाया जायेगा जिसमे सभी तैयारीयों के लिए सहयोग करने का आह्वान किया ।
बैठक में प्रधानाचार्य डॉ. चंद्रशेखर नौटियाल, अभिभावक संघ अध्यक्ष धीरेन्द्र पंवार,सोबत सिंह कैंतुरा,डा. बिरेन्द्र सिंह रावत,मोहन लाल निराला,अनुपम चौहान, राकेश चौहान,गम्भीर सिह रावत पूर्व प्रधान,बच्चन सिंह रावत, रणवीर सिंह प्रधान गुलशन कवि,शोभन दास, राजेंद्र प्रसाद नौटियाल, दर्शन लाल,चमन सिंह,जबर सिंह ,सुरेश सिंह, योगेश्वर, जयपाल सिंह,कमलेश कुमार,अनीता देवी,गीत देवी,बबिता देवी,सुमन देवी,बिंद्रा देवी,सविता रमोला,मीरा, किरन देवी, निर्मला,यशवीर रावत, कैलाश रावत, मनोज नेगी, कुलबीर रावत,अतुल नौटियाल,महावीर चौहान, राय सिंह रावत,वीर सिंह,योगेंद्र कुमार,अजीत नेगी,विपिन सकलानी,अरविंद हनुमंती, शमशाद खान,मोनिका, रीना चौहान,अनामिका भट्ट,कुमारी श्वेता,रुचि पंवार,मेघा सजवाण, मोनिका नेगी, प्रमिला चौहान, रंजीत आदि उपस्थित थे ।

दून में दूसरी बार क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन

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“अपराध साहित्य, सिनेमा और इनके जरिये अपराध रोकने की दिशा में गंभीर प्रयास”

देहरादून, हयात सेंट्रिक होटल में शुक्रवार को दूसरे क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल ऑफ इंडिया (सीएलएफाई) का आयोजन शुरू हुआ। यह लेखकों, फिल्म निर्माताओं, कानून व्यवस्था के दिग्गजों और पत्रकारों का महाकुंभ है।
आयोजन 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक चलेगा और इसमें शामिल होने के लिए वहीं निःशुल्क पंजीकरण होगा ताकि अपराध, साहित्य और न्याय के बीच परस्पर संबंध जानने के इच्छुक लोग आसानी से भाग लें।
फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में माता श्री मंगला जी और भोले जी महाराज, संस्थापक, ‘द हंस फाउंडेशन’ के साथ-साथ प्रशंसित फिल्म निर्माता प्रकाश झा भी मौजूद थे। प्रकाश झा गंगाजल और आश्रम जैसी फिल्मों के माध्यम से समाज का सच देखने का नया नजरिया पेश किया है। उन्हांेने दिखाया है कि कहानी से कैसे बड़े बदलाव आ सकते हैं। इस अवसर पर प्रकाश झा ने कहा, ‘‘अपराध साहित्य और सिनेमा एक लेंस की तरह हैं जिससे हमारा समाज अपराध और न्याय के बीच परस्पर संबंध को बेहतर ढंग से समझ सकता है।’’
महोत्सव के अध्यक्ष अशोक कुमार स्वयं उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी रहे हैं। वे इसके पीछे की प्रेरणा हैं और इस मिशन को व्यापक बनाने पर जोर देते हैं। कुमार ने कहा, ‘‘यह सिर्फ कहानी पेश करने का उत्सव नहीं है बल्कि समाज को जानकारी, प्रेरणा देने और अधिक जागरूक बनाने का अभियान है।’’
तीन दिन के आयोजन के लिए द हंस फाउंडेशन, उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद (यूएफडीसी), उत्तराखंड सरकार का उपक्रम और पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (यूपीईएस) जैसे प्रमुख भागीदारों का पूरा समर्थन रहा है। इस तरह का सहयोग मिलना इस बात का प्रमाण है कि यह महोत्सव बौद्धिक और सांस्कृतिक अनुभव दोनों देता है। इसमें बड़ी संख्या में सुधी जनों की अभिरुचि बढ़ रही है।
पहला दिन मुख्य रूप से प्रकाश झा के नाम रहा, जिन्होंने सिनेमा में सामाजिक नैरेटिव पर अपने विचार रखे। दूसरे दिन मुख्य रूप से कविता कौशिक और अविनाश सिंह तोमर शामिल होंगे। इसके बाद समापन के दिन अनुभव सिन्हा का सत्र होगा। कई अन्य जाने-माने लोग होंगे जैसे लेखिका किरण मनराल और ऋचा मुखर्जी, पत्रकार गार्गी रावत, निधि कुलपति और शम्स ताहिर खान तथा फिल्मी हस्तियां आकाश खुराना और करण ओबेरॉय। इनकी भागीदारी से इस अवसर आयोजित चर्चाओं में गहराई और विविधता आएगी।
आयोजन में शामिल लोग साइबर अपराध, महिलाओं के खिलाफ अपराध और अपराध के पीछे के मनोविज्ञान जैसे ज्वलंत मुद्दों पर विशेष विमर्श में भागीदार होंगे। यह महोत्सव साहित्य, सिनेमा और आपबीती का अद्वितीय संगम है। इसके विचारोत्तेजक सत्रों का संचालन पूर्व ईडी प्रमुख करनाल सिंह, दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त नीरज कुमार, उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह और मेजर जनरल सभरवाल जैसे नामचीन लोग करेंगे।
इस महोत्सव में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की भागीदारी भी होगी। लघु कथा और फिल्म प्रतियोगिताओं में योगदान के लिए विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। अपराध के विषय पर युवा प्रतिभाओं की प्रस्तुतियां होंगी। हिंदी अपराध साहित्य के पुरोधा सुरेंद्र मोहन पाठक को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया जाएगा। वेे लगभग 300 उपन्यास लिख चुके हैं। फेस्टिवल के निदेशक आलोक लाल खुद पूर्व डीजीपी, लेखक और एक प्रसिद्ध कलाकार रहे हैं। उन्होंने फेस्टिवल का विज़न बताया, ‘‘सीएलएफआई रचना और वास्तविकता का संगम है जिसका मकसद संवाद को बढ़ावा देना और बदलाव के लिए प्रेरित करना है।’’
यह आयोजन एक विचारोत्तेजक यात्रा है जिसमें आप देख सकते हैं कि कैसे रचना के साथ अपराध की रोकथाम को जोड़ कर हम सार्थक संवाद के माध्यम से जन जागरूकता का आगाज कर सकते हैं। यह भी देखेंगे कि कैसे कहानियां सामाजिक परिवर्तन के लिए शक्तिशाली जरिया बन जाती हैं। और इस नए नजरिये से यह फेस्टिवल देहरादून के सांस्कृतिक परिदृश्य में इतिहास रचने वाला है।