Wednesday, April 30, 2025
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पंचायतों के चुनाव टले, प्रशासकों के हवाले होगी पंचायतें

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(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- एक बार फिर राज्य में (हरिद्वार को छोडकर) पंचायतों में प्रशासकों को नियुक्त किया जायेगा। राज्य सरकार समय पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव करने की स्थिति में नहीं दिख रही है। लिहाजा कल से समाप्त हो रहे ग्राम पंचायतो व 2 दिसम्बर को समाप्त हो रहे क्षेत्र व जिला पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश शासन ने जारी किये है।
सचिव पंचायती राज चन्द्रेश कुमार यादव द्वारा जारी आदेश के अनुशार वर्तमान में पंचायतों के समाप्त हो रहे कार्यकाल के पश्चात त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अपरिहार्य कारणों के चलते कराना संभव नहीं हो पा रहा है। उत्तराखझड पंचायती राज अधिनियम 2016 संसोधित पंआयती राज अधिनियम 2020 की धारा 130 की उप धारा 6 के तहत समस्त जिलाधिकारियों को कार्यकाल समाप्ति पर अधिकतम छः मास अथवा पंचायत गठन तक प्रशासकों को नियुक्त करने के आदेश निर्गत किये गये हैं। इस तरह पंचायत चुनाव समय पर होने पर विराम लग गया।

संविधान के मूल्यों से मिलता हैं उचित मार्गदर्शन: डॉ माहेश्वरी

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हरिद्वार कुलभूषण)
आज एस एम जे एन पी जी कॉलेज में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा 75 वें संविधान दिवस को हर्षौल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण तथा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ संजय माहेश्वरी ने संविधान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारतीय संविधान पूरे विश्व में विशिष्ट संविधान है जिसमें सभी वर्गों एवं धर्म के विकास तथा उत्थान की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की मजबूती हमारे देश की नींव है तथा संविधान के मूल्यों ने सदैव एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाई है। डॉ माहेश्वरी ने आवाहन किया कि आज संविधान दिवस के अवसर पर संविधान में निहित समता, एकता, बंधुत्व व अखंडता के मूल्यों की रक्षा का संकल्प अवश्य लें। इस अवसर पर मुख्य वक्ता एवं राजनीति विज्ञान के विभाग अध्यक्ष प्रो विनय थपलियाल ने अनुच्छेद 21 के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया से ही किसी व्यक्ति को जीवन और दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित किया जा सकता है अन्यथा नहीं। उन्होंने कहा की विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया जो कि जापान और ब्रिटेन में प्रचलित है से हटकर मेनका गांधी वाद में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 को विधि की सम्यक प्रक्रिया पर आधारित किया है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 21 को व्यक्ति के अधिकारों का आधारभूत स्तंभ बताया और कहा कि इस अनुच्छेद में वह शक्ति है कि वह विभिन्न अधिकारों जैसे वैयक्तिकता का अधिकार, प्रदूषण से मुक्ति का अधिकार, गरिमा पूर्ण जीवन का अधिकार इत्यादि प्राप्त कर सकता है। इस कार्यक्रम में ओमिशा, भावेश पंवार, आदित्य नौटियाल, कंचन कोटवाल, अंतरिक्ष आदि विद्यार्थियों तथा प्रशिक्षु अर्शिका ने अपने विचार रखें। प्रशिक्षु गौरव बंसल ने देश तथा संविधान पर एक कविता प्रस्तुत की। इस अवसर पर डॉ मनमोहन गुप्ता, डॉ प्रदीप त्यागी, डॉ शिवकुमार चौहान, डॉ मनोज कुमार सोही, डॉ विनीता चौहान, दिव्यांश शर्मा, वैभव बत्रा, डॉ लता शर्मा, डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ पुनीता शर्मा, रुचिता सक्सेना आदि अनेक शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

 

 

 

26 /11 के शहीदों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

हरिद्वार कुलभूषण) एस एम जे एन पीजी कॉलेज हरिद्वार में आज 26/ 11 के मुंबई आतंकी घटना को याद करते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की गई।
इस अवसर पर बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि मुंबई हमला पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का एक निंदनीय कृत्य था। इसके आगे भारतीय युवाओं का साहस कभी घुटने नहीं टेक सकता। उन्होंने इस अवसर पर हुतात्मा सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को श्रद्धांजलि प्रेषित की और कहा कि जब तक पाकिस्तान ऐसी घटिया और कायरता पूर्ण कार्रवाई जारी रखेगा तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच में कभी सामान्य संबंध नहीं हो सकते । इस अवसर पर उन्होंने भारत सरकार के आतंकवाद विरोधी कदम की भी सराहना की और कहा कि यह सरकार पूर्णतया आतंकवाद पर निरोधात्मक कार्रवाई करने में सक्षम है। इस अवसर पर उन्होंने एक बार फिर बालाकोट स्ट्राइक जैसी घटना का जिक्र भी किया।
इस अवसर पर बोलते हुए अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर संजय कुमार माहेश्वरी ने अपने संबोधन में कहा कि जहां भारत जैसा देश विधि के शासन और संविधान से रक्षित होता है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान जैसा देश आतंकवाद और हिंसा से संचालित होता है उन्होंने इस अवसर पर शहीद हेमंत करकरे, तुकाराम अबोले बोले जैसे वीरों को भी याद किया।
समाजशास्त्र विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर जे सी आर्य ने भी मुंबई हमले के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि दी और सरकार से यह आग्रह किया कि आतंकवाद के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाये।
इस अवसर पर बोलते हुए राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष विनय थपलियाल ने कहा कि यह पुण्य आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी जब तहव्वुर राणा और डेविड हेडली जैसे अपराधियों को संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार भारत प्रत्यर्पित करेगी।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में मनाया गया संविधान दिवस

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ऋषिकेश, : विद्युत क्षेत्र की अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) के कॉर्पोरेट कार्यालय, परियोजना स्थलों और इकाई कार्यालयों में मंगलवार को संविधान दिवस मनाया गया। 26 नवंबर, 1949 को ही संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था।

इस अवसर पर, टीएचडीसीआईएल के सीएमडी श्री आर.के. विश्नोई ने भारतीय संविधान के महत्व पर जोर देते हुए इसे देश के लोकतंत्र की नींव बताया। उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान हमारे राष्ट्र के सिद्धांतों – समानता, न्याय, स्वतंत्रता और भाईचारा का प्रतीक है। यह हमें एक मजबूत और अधिक समावेशी समाज के निर्माण में मार्गदर्शन करता है। यह न केवल शासन के लिए ढांचा प्रदान करता है बल्कि प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की रक्षा भी करता है। संविधान दिवस इन मूल्यों को बनाए रखने और बढ़ावा देने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है।”

समारोह के दौरान श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) द्वारा कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सभी विभागाध्यक्षों और कर्मचारियों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया गया। अपने संबोधन में उन्होंने न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज के निर्माण में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। श्री सिंह ने कहा, “संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है; यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। यह समानता, सामाजिक न्याय और बंधुत्व के सिद्धांतों को सुनिश्चित करता है, जिन्हें हमें अपने सभी कार्यों और निर्णयों में लागू करने का प्रयास करना चाहिए।”

इस समारोह में श्री भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) भी मौजूद थे। उन्होंने संविधान में निहित मूल्यों के साथ संगठनात्मक लक्ष्यों को संरेखित करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “टीएचडीसीआईएल संविधान के आदर्शों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। संविधान के मूल्यों को अपनी नीतियों और कार्यों में एकीकृत करके, हमें राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना और अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना है। निगम में हमारा लक्ष्य इन मूल्यों को अपने कामकाज के हर पहलू में एकीकृत करना है ताकि राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान दिया जा सके।”

इस अवसर को और खास बनाने के लिए निगम के स्कूलों और कार्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। टिहरी बांध परियोजना इंटर कॉलेज, भागीरथीपुरम, टिहरी और टीएचडीसी हाई स्कूल, ऋषिकेश सहित निगम के सीएसआर पहलों के तहत संचालित

 

स्कूलों में, छात्रों और शिक्षकों द्वारा प्रधानाचार्यों के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया। छात्रों के बीच संवैधानिक मूल्यों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए क्विज और भाषण प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। वहीं भागीरथी भवन में निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों  के लिए एक क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई।

टीएचडीसी भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से संगठन, समावेशिता, न्याय और निष्पक्षता की संस्कृति का निर्माण करने का प्रयास करता है। साथ ही, यह अपने कर्मचारियों के बीच समावेशिता और जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देता है।

 

 

उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन-2024 का आयोजन 19वीं राज्य और प्रौद्योगिकी सम्मेलन 28 से 30 नवंबर को

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देहरादून, उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन-2024-
उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा दून विश्वविद्यालय, देहरादून के साथ मिलकर 19वीं राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन 28 से 30 नवंबर, 2024 तक दून विश्वविद्यालय, देहरादून में करने जा रहा है।
इस वर्ष राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन की थीम “उत्तराखंड के संदर्भ में जल और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन” है, जो हिमालयी क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्थायी संसाधन प्रबंधन और वैज्ञानिक प्रगति के एकीकरण पर केंद्रित है।
कार्यक्रम का उद्घाटन महामहिम राज्यपाल श्री गुरमीत सिंह जी और माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी की गरिमामयी उपस्थिति में होगा।
उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित यह उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो वैज्ञानिक समुदाय, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्र – छात्राओं को एक मंच प्रदान करता है। इस सम्मलेन में विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर चर्चा, व्याख्यान और विचार-मंथन सत्रों के द्वारा प्रतिभागियों को एक साझा और सशक्त मंच प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को अपने शोध कार्य प्रदर्शित करने और राज्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान हेतु प्रोत्साहन मिलता है।
19वें उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन का मुख्य आकर्षण उद्घाटन सत्र, प्रदर्शनी जहां ग्रामीण व्यक्ति, उद्यमी, गैर सरकारी संगठन, एसएचजी, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी एजेंसियां, अन्य लोग अपना सर्वश्रेष्ठ काम प्रदर्शित करेंगे, का उद्घाटन तथा विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर चर्चा सत्र होंगे ।
सिल्क्यारा की घटना और उसकी सफलता को समर्पित सिलक्यांरा विजय अभियान कार्यक्रम जो कि हिमालय क्षेत्र की अद्वितीय चुनौतियों से निपटने में नवाचार, दृढ़ता और समुदाय-संचालित प्रयासों की सफलता का प्रतीक है। यह विशेष सत्र पिछले वर्ष में हासिल सिल्क्यारा की घटना की सफलता, उसके परिवर्तनकारी प्रभाव और उत्तराखंड में सतत विकास में इसके योगदान पर विचार करेगा।
परिषद ने उत्तराखंड राज्य में स्थित विभिन्न अनुसंधान एवं विकास अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और किसी भी मान्यता प्राप्त, निजी या स्वायत्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठनों में अध्ययनरत/कार्यरत अनुसंधान अध्येताओं और शोधकर्ताओं से विभिन्न विषयों जैसे कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, रसायन विज्ञान चिकित्सा विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, गृह विज्ञान, भूविज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग, भौतिकी, ग्रामीण विज्ञान, इंजीनियरिंग, जीव विज्ञान आदि से संबंधित मूल शोध कार्यों, प्रयोगों और सफलता की कहानियों के सार आमंत्रित किए हैं। जिसकी पुस्तिका का विमोचन भी इस कार्यक्रम में किया जायेगा।
यूकॉस्ट उत्तराखंड में वैज्ञानिक अनुसंधान, सहयोग और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन, एक प्रमुख पहल है, जो वैज्ञानिक समुदाय को चर्चाओं केस माध्यम से ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।

इस कार्यक्रम में 7 चर्चा / विचार मंथन सत्र होंगे जिनमें विभिन्न विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे-
हिमालय में जल सुरक्षा, जल संसाधन प्रबंधन का विज्ञान – यह सत्र उत्तराखंड और अन्य हिमालयी राज्यों में जल प्रबंधन सम्बंधित विषयों पर वैज्ञानिक चर्चा, प्रगति और नीति -रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें जल श्रोतों का स्थायी प्रबंधन और उपयोग, भूजल पुनर्भरण, प्रदूषण नियंत्रण और सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया जाएगा।
1. हिमालय क्षेत्र में आकस्मिक बाढ़ और हिमनद झील विस्फोट सहित जल-संबंधित आपदाओं का शमन – इस सत्र में हिमालय में आपदा न्यूनीकरण, वैज्ञानिक प्रबंधन और निर्माण, एकीकृत जल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए बाढ़ और हिमनद झील विस्फोट, बाढ़ के बढ़ते खतरे आदि विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।
2. भावनात्मक लचीलेपन का निर्माण: – यह सत्र भावनात्मक अनुकूलनशीलता के विज्ञान पर चर्चा करेगा, मस्तिष्क और शरीर पर तनाव के प्रभाव की खोज करेगा, जबकि प्रतिभागियों को भावनात्मक अवरोधों को दूर करने, वैचारिक स्पष्टता बढ़ाने और मानसिक और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगा।
3. भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृत और विज्ञान – गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और पर्यावरण विज्ञान जैसे विषयों और आधुनिक विज्ञान और मानव कल्याण के लिए उनकी प्रासंगिकता के महत्त्व, संस्कृत साहित्य में अंतर्निहित गहन वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि और कालातीत ज्ञान की खोज आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी ।
4. राज्य में वनाग्नि और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने हेतु समुदाय-आधारित वन संसाधन प्रबंधन- इस सत्र के माध्यम से वनो में आग लगना और मानव-वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिए स्थायी समाधान तथा वन प्रशासन, स्थानीय समुदाय की भूमिकाओं और रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
5. हिमालय क्षेत्र में विज्ञान संचार का महत्व – इस सत्र में संचार साधन, पारंपरिक और वैज्ञानिक ज्ञान के मिश्रण, मीडिया को सशक्त बनाने और जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान सम्बंधित रिपोर्टिंग को बढ़ावा देने के माध्यम से विज्ञान और समाज के बीच अंतर को कम करने सम्बंधित चर्चा की जाएगी।
6. रक्षा के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आधुनिक युद्ध नीति विषयक चर्चा सत्र- इस सत्र में साइबर सुरक्षा, भारत की रक्षा के क्षेत्र के स्वदेशी नवाचार,कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आधुनिक युद्ध नीति, विभिन्न स्वायत्त प्रणालियाँ और उद्योग-अकादमिक सहयोग आदि पर चर्चा और समाधान पर बात की जाएगी।

निकाय चुनावों की तैयारी शुरू, रिटर्निगं व सहायक रिटर्निगं अधिकारी नियुक्त

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देवेंन्द्र चमोली
रुद्रप्रयाग- विगत एक वर्ष से प्रशासकों के हवाले चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के लिये प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी। जनपद की नगर पालिका परिषद रुद्रप्रयाग सहित नगर पंचायत अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, ऊखीमठ एवं गुप्तकाशी के अध्यक्ष व सदस्य पदों पर निर्वाचन कराये जाने हेतु रिटर्निंग व सहायक रिटर्निंग अधिकारी की तैनाती के आदेश जारी कर दिये गये हैं।
नगर पालिका परिषद रुद्रप्रयाग हेतु उप जिलाधिकारी आशीष चंद्र घिल्डियाल रिटर्निंग अधिकारी जबकि तहसीलदार राम किशोर ध्यानी, सहायक अभियंता लोनिवि अरविंद सतवारिया व संजीव कुमार सैनी सहायक रिटर्निंग अधिकारी नामित किए गए हैं। इसके अलावा नगर पंचायत तिलवाड़ा हेतु अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग मीनल गुलाटी रिटर्निंग अधिकारी तथा सहायक प्रबंधक जिला उद्योग केंद्र रिंकी कुकरेती, सहायक विकास अधिकारी शिक्षा बिंदोला व प्रगति चैहान को सहायक रिटर्निंग अधिकारी बनाया गया है। इसके साथ-साथ नगर पंचायत अगस्त्यमुनि हेतु जिला विकास अधिकारी अनिता पंवार, नगर पंचायत ऊखीमठ हेतु उप जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला तथा गुप्तकाशी हेतु अधिशासी अभियंता सिंचाई खुशवंत सिंह चौहान को रिटर्निंग अधिकारी नामित किया गया है। इनके अतिरिक्त अधिशासी अभियंता लोनिवि मनोज भट्ट, अधिशासी जल संस्थान अनीष पिल्लई को आरक्षित रिटर्निंग अधिकारी जबकि जिला सेवायोजन अधिकारी सुशील चमोली, सहायक अभियंता जल संस्थान रेवत सिंह रावत व लोनिवि अनुज भारद्वाज को आरक्षित सहायक रिटर्निंग अधिकारी नामित किया गया है।
जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निकाय) सौरभ गहरवार ने उक्त सभी नामित अधिकारियों को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

दुकानदार से हुआ मामूली विवाद, बाजार में दिनदहाड़े तलवार से हमला

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देहरादून, दुकानदार से मामूली सा विवाद बना झगडे का कारण और फिर निकल गयी तलवारे, यह वाकया था पलटन बाजार का जहां एक मामूली विवाद में युवकों ने तलवारों से हमला कर तीन युवकों को घायल कर दिया। युवकों के तलवारें लहराने से बाजार में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया। इस घटना में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं घटना से आक्रोशित व्यापारियों ने कोतवाली का घेराव कर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार पल्टन बाजार में स्थित फूल की दुकान में काम करने वाले युवकों का पैसे के लेनदेन को लेकर दुकान स्वामी से कुछ विवाद हो गया। जिसके बाद युवक वहां से चले गये। लेकिन थोडी ही देर में वह अपने साथियों के साथ वापस आये और वहीं पास में चाकू, छूरी तेज करने वाली दुकान से तलवारें व चाकू उठाकर हमला शुरू कर दिया। दिन दहाडे बाजार में युवकों द्वारा तलवारें लहराता देखकर वहां पर अफरा तफरी मच गयी और आनन फानन में लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे। पूर्व पार्षद संतोख नागपाल ने मौके पर पहुंच कर हमलावर युवकों को समझाने का प्रयास किया तो उन्होंने उनपर भी हमला कर दिया लेकिन वह किसी तरह से उनके वार से बच पाये।
पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और वहां पर मौजूद दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। घटना की सूचना मिलते ही व्यापारी कोतवाली पहुंचे और कोतवाली का घेराव कर दिया। पुलिस को दी तहरीर में दुकानदारों ने बताया कि दोपहर एक बजे लाल फूल की दुकान पर सोनू सिंह पुत्र काला सिंह, मोनू सिंह पुत्र काला सिंह, सूरत सिंह पुत्र सतनाम सिंह, मनमीत सिंह पुत्र करनैल सिंह, सूरत सिंह पुत्र सतनाम सिंह आदि दुकानदार से कहा सुनी करने लगे। जिसके बाद युवकों ने पास में ही तलवार वाले की दुकान से तलवारे घास काटने की कैचियां लूट ली और हमला करना शुरू कर दिया। युवकों के द्वारा हमला करने पर दुकानदारों में अफरा तफरी मच गयी और वह अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। तलवार के हमले से मनीष आनंद काकू, विकास व जीतू तलवार के हमले से गम्भीर रूप से घायल हो गये। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तो हमलावर युवक भाग खडे हुए। पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में ले लिया। घटना का पता चलते ही बडी संख्या में व्यापारी कोतवाली पहुंच गये और आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग करने लगे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अन्य हमलावरों की तलाश शुरू कर दी।

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध पुस्तक का लोकार्पण

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र कि ओर से आज अपराह्न  4:00 बजे लेखक और शिक्षविद  देवेश  जोशी की पुस्तक   गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध का लोकार्पण केंद्र के सभागार में किया गया।
लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रीमती राधा रतूड़ी मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन थीं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि छ: वर्षों के अथक परिश्रम और गहन शोध के आधार पर लिखी गयी ये पुस्तक निश्चित ही इस क्षेत्र की समृद्ध सैन्य परम्परा का ऐतिहासिक परिदृश्य प्रस्तुत करती है।
विशिष्ट अतिथि प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने कहा कि प्रथम विश्वयुद्ध से पूर्व भारत में ही नहीं बल्कि ब्रिटिश सेना के भीतर भी गढ़वालियों की कोई विशिष्ट पहचान नहीं थी। इस युद्ध ने गढ़वालियों को पहली बार एक विश्वव्यापी पहचान दिलायी। विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान के लिए यहाँ पृथक राज्य आंदोलन के बाद उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुआ। विशिष्ट पहचान के अंकुर वस्तुत: पहली बार ब्रिटिश भारतीय सेना की एक गढ़वाल रेजीमेंट बनाने की चाहत के रूप में दिखायी दिये थे। उल्लेखनीय हैं की इस पुस्तक की भूमिका श्री रतूड़ी ने ही लिखी है।
समारोह के अध्यक्षता करते हुए गढ़गौरव नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि गढ़वाली लोकगीतों में उपलब्ध विश्वयुद्ध के संकेतों के विश्लेषण से पुस्तक की प्रामाणिकता और भी निकली है, क्योंकि लोक सदैव असंदिग्ध होता है। इसी तरह गढ़वाली सैनिकों के लाम से लिखे गये 9 दुर्लभ सेंसर किये गये पत्र भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ के रूप में हैं।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि इस पुस्तक में 1914 से लेकर 1921 तक गढ़वाली सैनिकों के द्वारा प्रथम विश्वयुद्ध में शौर्यपूर्ण प्रतिभागिता का प्रामाणिक वर्णन है, प्रमुख योद्धाओं पर अलग से अध्याय हैं और प्रथम विश्वयुद्ध के समय गढ़वाल के परिदृश्य का भी रोचक वर्णन है।  टिहरी रियासत का योगदान और कुमाऊँ का प्रतिभाग अध्याय में दी गयी जानकारी पहली बार पब्लिक डोमेन में आ रही है। प्रथम विश्वयुद्ध के शहीद गढ़वाली सैनिकों की प्रामाणिक सूची भी महत्वपूर्ण है जिसकी सहायता से किसी भी गाँव-इलाके के शहीदों की ऐतिहासिक जानकारी मिल सकती है।
पुस्तक के लेखक देवेश जोशी ने कहा कि इस पुस्तक में राजा का नहीं बल्कि प्रजा का इतिहास है। शिक्षा और विकास के मामले में अत्यंत विपन्न तत्कालीन गढ़वाल के अभावग्रस्त परिवारों के सीधे-सरल सैनिकों के योगदान को तलाशना और समझना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था।  दो वर्ष पूर्व प्रथम विश्वयुद्ध के नायक कैप्टन धूम सिंह चौहान पर एक लोकप्रिय पुस्तक लिख चुके लेखक देवेश जोशी ने यह भी बताया कि इस विषय पर हिंदी में प्रकाशित यह एक तरह से पहली पुस्तक है।
लोक कवि नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा इस अवसर पर प्रथम विश्वयुद्ध का आइकन गढ़वाली गीत ‘सात समोदर पार छ जाण ब्वे…’ भी सुनाया गया।
कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगशाल ‘गणी’ द्वारा किया गया। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी व निकोलस द्वारा द्वारा उपस्थित अतिथियों और सभागार में मौजूद श्रोताओं का स्वागत व धन्यवाद किया गया। यह पुस्तक, विनसर पब्लिकेशन, देहरादून से प्रकाशित हुई है. पुस्तक अमेजाॅन पर भी उपलब्ध है।

इस अवसर पर ललित मोहन रयाल, अपर सचिव,उत्तराखंड शासन, डॉ. नंदकिशोर हटवाल, एस. एस. रौतेला, कल्याण सिंह रावत, शूरवीर सिंह रावत,घनानंद घनशाला, चन्दन सिंह नेगी, देवेंद्र कांडपाल, डॉली डबराल, शिव जोशी, कांता डंगवाल,चन्द्रशेखर सेमवाल, सुरेंद्र सजवाण, कीर्ति नवानी, सुंदर सिंह बिष्ट, पुष्पलता ममगाईं, विवेक तिवारी शैलेन्द्र नौटियाल, वी.के.डोभाल सहित, लेखक, साहित्यकार, इतिहास प्रेमी, व अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.

 

भारती पाण्डे के खण्ड काव्य ‘मयतनया’ का लोकार्पण

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से रविवार को साहित्यकार भारती पाण्डे के खण्ड काव्य ‘मयतनया’ का लोकार्पण किया गया। इसके बाद एक चर्चा भी की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी पाण्डेय ने की। जबकि विधायक सविता कपूर और साहित्यकार डॉ. कमला पंत व लेखिका और कवियत्री बीना बेंजवाल अतिथि वक्ता के तौर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई। इस दौरान डीएवी छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि रावण पत्नी पर केन्द्रित खण्ड काव्य ‘मयतनया’ हिंदी साहित्य में एक तरह से प्रथम काव्य कृति है। मयतनया पुस्तक स्मृतियों के संसारिक अन्तर्द्वन्दों की उथल पुथल में जीवन गाथा के अनेकों पौराणिक प्रसंगों को ही प्रस्तुत नहीं करती है अपितु स्त्री जीवन की सार्थकता के प्राख्यान के साथ ही कलिकाल की महान नारियों का स्मरण भी कराती है। मयतनया के बहाने पुरातन काल की महिलाओं की भावनाओं को पटल पर रखने का साहस भारती पाण्डे कर पायी है जिन्होंने विषमताओं के बावजूद स्वयं को सिद्ध किया और समाज में अपना एक विशेष स्थान बनाया है।
भारती पाण्डे ने कहा कि ‘मयतनया’खण्ड काव्य के माध्यम से उन्होंने युगधर्म के कई अनुत्तरित प्रश्नों के साथ वैदिक परम्परा से लेकर उन सभी नारी चरित्रों के अंतर्मन के मनोविज्ञान को उकेरने की कोशिस की है जो अपने समय की मानवी चेतना की सूत्रधार रहीं। उन्होनें कहा कि मयतनया के बहाने वे महिलाओं के मन मानस की अनेकानेक भावनाओं को कहां तक प्रस्तुत कर पायी हैं इसका उत्तर सुधी पाठक इसका अध्ययन करके ही बता सकेंगे।
डॉ. कमला पंत ने अपने वक्तव्य में कहा कि मयतनया वस्तुतः हम सभी के अंतर जगत का प्रतिबिंब है।वह अन्तर्जगत जो शरीर की सीमाओं से परे अनंत विस्तार पाता है। संवाद शैली और मुक्तक छंद में रचित मंचन के सर्वथा योग्य यह खंडकाव्य साहित्य जगत में एक नई विधा के द्वार खोलता है और संपूर्ण विश्व को सत्यम शिवम सुंदरम बनाने का सार्थक मंत्र हम सबको देता है।
अध्यक्षता कर रही डॉ. सुधा रानी पाण्डेय मयतनया के परिचय से प्रारंभ होकर वैदिक युग के नारी पात्रों सहित रामायण की सीता,अहिल्या के आदि के साथ-साथ परवर्ती युगों की स्त्री पात्रों की शास्त्र संबंध परिभाषाओं और अपने जीवन में नाना संघर्षों के झंझावातों को झेलती उनके अंतर मन की कथा को सशक्त शब्दों में उकेरने में लेखिका की प्रतिभा सर्वथा पृथक रूप से अपना परिचय देने में सफल रही है। सृष्टि की नियामिका प्रकृति के नाना गंभीर प्रश्नों को इस लंबे संवाद नाट्य प्रस्तुति द्वारा अद्भुत काव्य रचा गया है।इसके लिए भारती पाण्डे बधाई की पात्र हैं।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित अतिथियों और सभी लोगों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन लेखिका व कवियत्री बीना बेंजवाल ने किया।

इस अवसर पर नंदकिशोर हटवाल, डॉ. देवेंद्र सिंह, गणनाथ मनोड़ी, शूरवीर सिंह रावत, गिरीश पांडे, महेश पाण्डे, डॉली डबराल, सुंदर सिंह बिष्ट, किरन जोशी,बीना जोशी,मीनाक्षी लोहानी ,गोबिंद पाण्डेय,रामविनय सिंह,रजनीश त्रिवेदी,शोभा पाण्डेय, ज्ञानेन्द्र कुमार, डा ललिता लोहानी , पुष्पा लोहानी ,सन्तोष जोशी, एस एस कोठियाल, बैजनाथ, सुमित पाण्डे,मदन सिंह विष्ट सहित शहर के अनेक, लेखक , साहित्यकार, पत्रकार, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति दून पुस्तकालय के पाठक आदि उपस्थित रहे।

 

महिला सुरक्षा के दृष्टिगत गाड़ियों में लगवाए गए सीसीटीवी कैमरे

CCTV cameras installed for security | सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे  खराब: प्रशासन नहीं करा रहा है सही, लोगों को सता रहा चोरी का डर - Chomu News  | Dainik Bhaskar
उधमसिंह नगर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर मणिकांत मिश्रा द्वारा आज रूद्रपुर शहर क्षेत्रार्न्तगत डीडी चौक में आम जनमानस की सुरक्षा विशेषतया महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा की दृष्टिगत, वाहनों पर डैश कैमरे लगाने सम्बन्धी अभियान व यातायात चौपाल का शुभारम्भ किया गया।
इस अभियान को चलाये जाने का मुख्य उद्देश्य वाहन में बैठे व्यक्तियों (महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा) व उनके सामान की सुरक्षा के साथ ही सडक दुर्घटनाओ का कारण ज्ञात कर उन पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने का है। वर्तमान में इस अभियान के तहत 30 बसों व 18 टैक्सियों पर डैश कैम कैमरे लगाये गये है। भविष्य में यह अभियान जनपद में समस्त थाना क्षेत्रार्न्तगत चलाया जायेगा। उक्त कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अपराध यातायात ऊधमसिंहनगर, सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी यातायात रूद्रपुर, क्षेत्राधिकारी पन्तनगर, क्षेत्राधिकारी सितारगंज व निरीक्षक यातायात/सीपीयू एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

 

संकल्प शिक्षण एवं कल्याण समिति ने मनाया बाल दिवस, 100 से अधिक बच्चों ने लिया भाग

देहरादून, संकल्प शिक्षण एवं कल्याण समिति द्वारा बाल दिवस समारोह पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन – संकल्प शिक्षण एवं कल्याण समिति ने ग्राम सुन्दरवाला में आस पास के सभी सरकारी प्राइमरी व जुनियर हाई स्कूलों के बच्चों के लिए बाल दिवस
समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ. राजेंद्र सिंह नेगी तथा संकल्प संस्था के संस्थापक अध्यक्ष ठाकुर रवि सिंह नेगी ऐडवोकेट ने पंडित जवाहर लाल नेहरू की फोटो पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर की। समारोह की अध्यक्षता सरोज चौहान ने की। समारोह में कई स्कूलों के 100 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर चित्रकला, सामान्य ज्ञान, सुलेख व ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। चित्रकला प्रतियोगिता में वर्षा, आर्यन व नरस, ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग में हर्ष, सलोनी व हिमांशु, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में ईशिका, प्रियंका व लवी तथा सुलेख में अंश, मानसी व लक्ष्मी क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। सभी विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए तथा सभी उपस्थित बच्चों को भी प्रतिभागी पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर समाज सेवी आशुतोष शर्मा तथा जुनियर हाई स्कूल सुन्दरवाला की प्रधानापिका कौशल्या राणा को उनके उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन कुमारी मिनीषा तोमर तथा अनिता नेगी ने किया।
संकल्प के फाउंडर अध्यक्ष समाजसेवी एवं शिक्षाविद् सिंह नेगी एडवोकेट ने कहा कि संकल्प द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों के द्वारा समाज के पिछड़े वर्ग के बच्चों को अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करने के अवसर प्रदान करना है तथा उन बच्चों को समाज की मुख्य धारा में मिलाना है। उन्होंने यह भी कहा कि इन बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन उन्हें अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है।
संकल्प की महासचिव अनिता नेगी ने बताया कि इस अवसर पर यातायात पुलिस की और से एस आई ललित कुमार ने बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में जागरूक किया श्रीमती नेगी ने यह भी बताया कि शीघ्र ही संस्था इन बच्चों के लिए निःशुल्क ट्यूशन क्लासेज आरम्भ करने की भी योजना है।
इस अवसर पर मनोज कपूर, श्रीमति रीता कपूर, देवेन्द्र पुंडीर, महेश रौठान, अनूप चौहान, बुध सिंह रावत, प्रदीप नेगी, आशुतोष चौहान, अशोकवर्धन सिंह, आशीष रावत, सत्येंद्र रावत, कुमारी मीना, कुमारी लक्ष्मी, श्रीमती मंजू धीमान, कुमारी मंदाकिनी, कुमारी साक्षी, कुमारी मिनीषा, सुभाष पंवार, श्रीमति निशा, श्रीमति सविता, कुमारी आराध्या, कुमारी काव्या, सुधीर कुमार मित्तल, पूरण सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।

 

32वां भद्रीघाटी क्रीड़ा सांस्कृतिक एवं विकास समारोह का हुआ आगाज

नैनबाग (शिवांश कुंवर) , टिहरी जनपद के नैनबाग क्षेत्र में 32वां भद्रीघाटी क्रीड़ा सांस्कृतिक एवं विकास समिति लालूर इडवालस्यूं के तत्वाधान में म्याणी जाखधार में तीन दिवसीय खेल एवं सांस्कृतिक समारोह रंगारंग कार्यक्रम के साथ शुरु हुआ जिसका उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह ने किया।
खेल मैदान जाखधार में आयोजित खेल एवं सांस्कृतिक विकास में सरस्वती शिशु मंदिर,राइका म्याणी, प्राथमिक विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा मार्च पास कर बतौर मुख्य अतिथि विधायक प्रितम सिंह पंवार को सलामी दी, वही छात्र – छात्राओं द्वारा स्वागत गीत व रंगारंग सास्कृतिक की प्रस्तुति दी व जौनपुरी संस्कृति की झलक देखने को मिली, समिति के अध्यक्ष सोमवारी लाल नौटियाल व अन्य पदाधिकारी ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर स्मृति चिन्हन प्रदान किया।
इस मौके पर जेस्ट प्रमुख सरदार सिंह कंडारी,अध्यक्ष सोमवारी लाल नौटियाल, सयोंजक अनिल कैंतुरा, राजेश सजवाण, उपाध्यक्ष बलबीर मल्याल,गजेंद्र रमोला,जबर कैंतुरा,टिकम धीमान,सचिव जगमोहन कंडारी मुकेश रमोला,दिनेश पंवार,मनमोहन थलवाल,मुन्ना पंवार,सह सचिव राजवीर पंवार,सुमेर पंवार,मनोज मल्याल,रमेश कंडारी,कोषाध्यक्ष चैन सिंह चौहान,सुनील मल्याल, राजू कैंतुरा,शमशेर सिंह,सह- कोषाध्यक्ष सरविन्द चौहान,विजेंद्र चौहान, दिग्पाल सिंह, राजेश राणा, संचालक चमन सिंह कैंतुरा,जयेंन्द्र रमोला,सुधीर नौटियाल सोशल मिडिया प्रभारी मनवीर पंवार,संदीप नौटियाल,अर्जुन कैंतुरा,सुनील नेगी,राकेश जोनपुरी आदि मौजूद रहे।

उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ ने साहित्य के लिए 7वां जेसीबी पुरस्कार जीता

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देहरादून –  स्पीकिंग टाइगर बुक्स द्वारा प्रकाशित उपमन्यु चटर्जी द्वारा लिखित लोरेंजो सर्चेस फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ को साहित्य के लिए 2024 जेसीबी पुरस्कार के विजेता के रूप में घोषित किया गया है, और 25 लाख रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह कार्यक्रम जेसीबी इंडिया मुख्यालय, बल्लभगढ़ में आयोजित किया गया था। प्रतिष्ठित ट्रॉफी, जो दिल्ली के कलाकार जोड़ी, ठुकराल और टैगरा द्वारा बनाई गई एक मूर्ति है, जिसका शीर्षक ‘मिरर मेल्टिंग’ है, उपमन्यु चटर्जी को प्रदान की गई।

यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जेसीबी के चेयरमैन लॉर्ड बैमफोर्ड की ओर से जेसीबी इंडिया के सीईओ और एमडी श्री दीपक शेट्टी द्वारा प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में बोलते हुए, श्री दीपक शेट्टी ने कहा, “साहित्य के लिए जेसीबी पुरस्कार की परिकल्पना लॉर्ड बैमफोर्ड द्वारा भारतीय साहित्य की भारतीयता का जश्न मनाने के लिए की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में इस पुरस्कार ने कुछ सबसे विविध कार्यों को आकर्षित किया है और यह वर्ष भी कुछ अलग नहीं है। उन्होंने इस मौके पर पूरे जेसीबी परिवार की ओर से उपमन्यु चटर्जी की लोरेंजो सर्चेस फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ को बधाई दी।

 शेट्टी ने कहा कीक्षेत्रीय भाषाओं में समकालीन भारतीय साहित्य में पाठकों को देने के लिए बहुत कुछ है। प्रकाशक उच्च-गुणवत्ता वाले अनुवादों का समर्थन करने और उन्हें बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ताकि ये कार्य पुराने और युवा दोनों पाठकों के लिए उनकी प्राथमिकताओं के अनुरूप प्लेटफार्मों के माध्यम से पहुंच योग्य हों। लेखन और साहित्य उपभोग दोनों के प्रति भारत का विकसित दृष्टिकोण भविष्य में कुछ रोमांचक पढ़ने के अनुभवों का वादा करता है, ”

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने यू – जीनियस राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी फिनाले में प्रतिभाशाली युवाओं का किया सम्मान

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देहरादून – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता “यू-जीनियस 3.0” का फिनाले मुंबई में किया गया.

आठवीं कक्षा से बारवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए तीन महीने तक चलने वाला यह बेहद प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम भारत के 48 शहरों में आयोजित किया गया था. इसमें 3700 से अधिक स्कूलों की लगभग 12,500 से अधिक टीमों द्वारा भाग लिया गया था.

इस अवसर पर, बैंक की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, ए. मणिमेखलै ने बताया, छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, बैंक ने वर्ष 2022 में यू-जीनियस के पहले संस्करण का शुभारंभ किया था. पिछले संस्करणों की सफलता को देखते हुए, हम छात्रों के बीच यू-जीनियस 3.0 के लिए उत्साह और जबरदस्त प्रतिक्रिया देखकर रोमांचित हैं. हम इसे राष्ट्र निर्माण और युवा सशक्तिकरण के लिए एक अवसर के रूप में देखते हैं.

सेंट पॉल इंग्लिश स्कूल, बेंगलुरु के आदित्य गिरी और नमन भोतिका प्रतियोगिता के विजेता रहे. जवाहरलाल नेहरू पब्लिक स्कूल, भोपाल के कबीर दूबे और हर्ष खांडेकर प्रथम रनर-अप रहे. जयश्री परीवाल हाई स्कूल, जयपुर के आदित्य गुप्ता और युवराज नवलखा दूसरे रनर-अप रहे.

प्रतियोगिता के विजेताओं को 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, प्रमाण पत्र और ट्रॉफी दी गई. अन्य पुरस्कारों में प्रथम रनर-अप को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और द्वितीय रनर-अप को 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार, प्रमाण पत्र और ट्रॉफी दी गई.

पांच दिवसीय जखोली कृषि एवं पर्यटन विकास मेले का रंग रंग आगाज

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“मेले के पहले दिन जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के सदस्य अतिथि रूप में मेले में उपस्थित रहे। सदस्यों ने ब्लाक परिसर में 30 लाख रुपए की लागत से निर्मित प्रांगण के सौंदर्यीकरण व चार लाख रुपए की लागत से डा.भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय का उद्घाटन किया है”।

रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- जखोली में आयोजित पाँच दिवसीय कृषि एँव पर्यटन विकास मेले का आज रगां रंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुभारंभ हो गया। ललूडी की ग्राम प्रधान शीला भंडारी व मेला संरक्षक ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल , पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अर्जुन गहरवार सहित छैत्रीय जन प्रतिनिधियों ने दीप प्रज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने उपस्थित जन प्रतिनिधियों एँव छैत्रीय जनता का सहयोग के लिये आभार ब्यक्त किया।
सोमवार को विकासखंड जखोली के प्रांगण में आयोजित कृषि एवं पर्यटन विकास मेले का शुभारंभ हो गया। पांच दिनो तक चलने वाले कृषि एँव पर्यटन मेले के पहले दिन पूर्व छैत्र पंचायत सदस्य सुरेन्द्र सकलानी की अध्यक्षता में स्थानीय स्थानीय महिला मंगल दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुंदर प्रस्तुतियां दी। मेले में विभिन्न विभागों के स्टाल व प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी रही।
मेला संयोजक ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित करते हुये कहा कि मेले हमारी संस्कृति के द्योतक हैं, जिन्हें संजोकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होने कहा कि इस वर्ष उनके कार्यकाल का अन्तिम मेला आयोजित किया जा रहा है, इस लिए मेले के दौरान विभिन्न विभागों व विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को मंच के माध्यम से सम्मानित किया जाएगा। No photo description available.उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में मेले को तीन दिन के स्थान पर पांच दिवसीय किया गया। उन्होंने कहा कि विकासखण्ड मुख्यालय परिसर का सौंदर्यीकरण, परिसर में राज्य आंदोलन के प्रणेता स्व.इन्द्रमणी बडोनी,प्रसिद्ध वीरभड़ माधो सिंह भंडारी व संविधान निर्माता डॉ अंबेडकर के नाम से विकासखण्ड मुख्यालय में नया सभागार निर्माण उनके कार्यकाल की विशेष उपलब्धियां रही। कहा भविष्य में यदि जनता उन्हें आगे जनसेवक के रूप में जो भी दायित्व सौंपेगी,वे भविष्य में भी जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप खरा उतरने का प्रयास करेंगे। इस दौरान अतिथि रूप में उपस्थित जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के सदस्यों ने ब्लाक परिसर में 30 लाख रुपए की लागत से निर्मित प्रांगण के सौंदर्यीकरण व चार लाख रुपए की लागत से डा.भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय का उद्घाटन किया है। मेले के शुभारंभ अवसर पर ओकांरानंद इका की छात्राओं एँव ग्राम पंचायत बजीरा, कपणियां,बच्च्वाड़,चौंरा आदि महिला मंगल दलों ने सुंदर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी हैं।
कार्यक्रम में कनिष्ठ प्रमुख जखोली कविन्द्र सिंधवाल, पूर्व सभासद संजय रावत,यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अंशुल जगवाण, जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कण्डारी श,नरेंद्र बिष्ट,सुमन सिंह नेगी,भारत भूषण भट्ट, सविता भंडारी,शीला रावत, मंजू सेमवाल,ज्योति सुम्मरियाल, रीना बिष्ट, रेखा चौहान सहित क्षेत्र के प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन शिक्षक बीरेंद्र सिंह राणा व गिरीश बडोनी ने संयुक्त रूप से किया है।