Wednesday, May 21, 2025
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भारत में 24 घंटों के दौरान कोरोना के नए मामले 60 हजार से घटकर 50,407 दर्ज, 804 लोगों की मौत

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नई दिल्ली : कोरोना की तीसरी लहर में भारत में इन दिनों संक्रमण के नए मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पिछले 24 घंटों के दौरान भारत में कोरोना के नए मामले 60 हजार से घटकर 50,407 तक पहुंच गया है, लेकिन इस दौरान वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या लोगों को डरा रहा है.

पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना से करीब 804 लोगों की मौत हो गई.

शनिवार की सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के 50,407 नए मामले सामने आए हैं. हालांकि, इस दौरान 1,36,962 लोग ठीक होकर अस्पताल से अपने-अपने घरों को लौट आए हैं. इसके साथ ही, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण से करीब 804 लोगों की मौत हो गई.

संक्रमण दर में गिरावट

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 6,10,443 तक पहुंच गई है, जबकि इससे मरने वालों की कुल संख्या 5,07,981 हो गई है. वहीं, संक्रमण दर घटकर 3.48 फीसदी तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, संतोषजनक बात यह है कि देश में अब तक कोरोना रोधी टीके की करीब 1,72,29,47,688 खुराक लगाई जा चुकी है.

भारत में कोरोना से मौत की मीडिया रिपोर्ट काल्पनिक : सरकार

वहीं, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका की यह दावा करने वाली खबर ‘विशुद्ध काल्पनिक’ है कि भारत में कोरोना से हुई मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा कि अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने जनवरी 2022 में अपनी एक खबर में कोरोना से मौत के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक मौत होने का अनुमान लगाया है.

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से काल्पनिक है, जिसमें अतिरिक्त मौतें होने के अनुमानों की गणना के लिए गैर-मान्य तरीके का इस्तेमाल किया गया था. इसमें वैज्ञानिक आंकड़ों की समीक्षा भी नहीं थी. मंत्री ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट: जीवन रक्षा’ द्वारा अक्टूबर 2021में जारी एक रिपोर्ट में भी इसी प्रकार की खामियां थीं.

अपने से आधी उम्र की छात्रा से रचाई शादी, प्रेमिका के जन्म के समय 20 साल का था टीचर

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देवेन्द्र सिंह, भरतपुर: मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह की गजल ‘होंठों से छू लो तुम, मेरे गीत अमर कर दो’ का एक मुक्तक ‘ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन, नई रीत चलाकर तुम यह रीत अमर कर दो’ की कहानी राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) में भी देखने को मिली. जहां उम्र और रिश्तों की सीमा को लांघते हुए 22 साल की स्टूडेंट का अपने 42 साल के टीचर पर दिल आ गया और दोनों ने घर से भाग कर शादी (Wedding) कर ली.
टीचर और छात्रा ने भागकर की शादी
42 साल के टीचर से ट्यूशन पढ़ते-पढ़ते स्टूडेंट कब उसको दिल दे बैठी पता ही नहीं चला. दोनों एक साथ भाग निकले और फिर अजमेर कोर्ट में जाकर शादी कर ली. बीते बुधवार की शाम को दोनों भरतपुर एसडीएम के दफ्तर पहुंचे. वहां दोनों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें लड़की ने अपने पति के साथ जाने की सहमति जताई. लड़की के घरवालों ने उससे अपने साथ चलने के लिए काफी मिन्नतें कीं लेकिन लड़की नहीं मानी और वह अपने टीचर के साथ चली गई.
ट्यूशन पढ़ाने छात्रा के घर जाता था टीचर
जानकारी के मुताबिक, भरतपुर के डीग थाना इलाके में जनूथर गांव के सरस्वती आईटीआई कॉलेज में 42 साल का सतवीर पढ़ाता था. सतवीर इंग्लिश का टीचर था. सतवीर, 22 साल की सोनिया को इंग्लिश की ट्यूशन पढ़ाने के लिए उसके घर जाता था, जहां दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया.

लड़की के फूफा ने दर्ज कराई शिकायत
बता दें कि सोनिया बीते जनवरी में अपनी बुआ के यहां भरतपुर की हाट कॉलोनी में आ गई थी और यहां रह रही थी. दोनों बीते 21 जनवरी को भाग निकले और कोर्ट में शादी कर ली. गायब होने के बाद लड़की के फूफा ने मथुरा गेट थाने में सोनिया के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. वहीं एसडीएम देवेंद्र परमार के सामने सोनिया बीते बुधवार को पेश हुई और बयान देकर अपने पति सतवीर के साथ जाने की सहमति जताई. जिसके बाद पुलिस ने सोनिया को उसके पति के साथ भेज दिया.(साभार – जी न्यूज़ )

भूमि की फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी दिखाकर ठगे दो लाख 59 हजार

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देहरादून, राज्य गठन के बाद दून में हर कोई जमीन खरीद कर यहां मकान बनाने की चाह ने जहां जमीनों के रेट बढ़ा दिये वहीं भूमि की खरीद में हेराफेरी के भी कई मामले समॎने आते रहे हैं, एक ताजे मामले के मुताबिक जमीन दिलाने के नाम पर आरोपितों ने चंपावत के कोतवाली प्रभारी से दो लाख 59 हजार रुपये की ठगी कर दी। देहरादून शहर कोतवाली पुलिस ने आरोपित, उसकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपितों ने फर्जी पावर आफ अटार्नी दिखाकर किसी और की जमीन का सौदा कर दिया था।
चंपावत कोतवाली प्रभारी शांति कुमार ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उनकी पत्नी ने वर्ष 2010 में हरिद्वार रोड स्थित एक आवासीय भूमि राजपाल सिंह से खरीदी थी। तब राजपाल सिंह ने बताया था कि जमीन ब्राह्मणवाला निवासी सलीम के नाम पर है, जिसने पावर आफ अटार्नी उसके नाम पर ट्रांसफर करवाई है। जमीन का सौदा राजपाल सिंह उसकी पत्नी पदमा व बेटे अंकित ने किया था।
कचहरी के पास आरोपितों ने पीड़ित की पत्नी रेखा से जमीन के बदले एडवांस में दो लाख, 59 हजार रुपये ले लिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उन्होंने दस्तावेजों की जांच करवाई तो पता चला कि जमीन राजपाल सिंह के नाम दर्ज नहीं है। उन्होंने सब रजिस्ट्रार कार्यालय से पावर आफ अटार्नी की प्रतिलिपी निकलवाई तो उसमें भूमि के मालिक के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति का फोटो लगा हुआ था, जो कि 28 जनवरी 2010 को फर्जी तरीके से राजपाल सिंह ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज कराई है।

मामले की जांच कर रहे एसएसआइ शहर कोतवाली कुलवंत सिंह ने बताया कि फिलहाल धोखाधड़ी के इस मामले में मोहितनगर, जीएमएस रोड निवासी राजपाल सिंह, उसकी पत्नी पदमा और बेटे अंकित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

चुनाव प्रचार का आखिरी दिन : भाजपा कांग्रेस सहित सभी दलों ने झोंकी ताकत,14 फरवरी को होगा मतदान

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देहरादून, चुनाव प्रचार समाप्ति के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने राज्य की सभी विधान सभाओं में जनसभा और रैली निकाल कर अपनी अपनी जीत के लिए कमर कस ली है। आज शनिवार को सायं 6 बजे उत्राखंड़ में चुनाल प्रचार समाप्त हो गया, अब कोई दल या प्रत्याशी रैली, लेकिन मतदाताओं से डोर टू डोर संपर्क किया जा सकता है। आखिरी दिन सभी पार्टियों के नेताओं ने प्रचार में खूब पसीना बहाया। राज्य में 14 फरवरी, सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण का भी प्रचार खत्म हो गया। साथ गोवा का भी चुनाव प्रचार का भी आज अंतिम दिन था।

उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में इस बार सभी 70 सीटों पर 632 प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इनमें से 391 प्रत्याशी गढ़वाल मंडल के सात जिलों की 41 सीटों से जबकि कुमाऊं मंडल की 29 सीटों पर 241 प्रत्याशी मैदान में हैं। देहरादून जिले की 10 सीटों पर 117 प्रत्याशी, हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों पर 110 प्रत्याशी, उत्तरकाशी जिले की तीन सीटों पर 23 प्रत्याशी व चमोली जिले की तीन विधानसभा सीटों पर 31 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले की दो विधानसभा सीटों पर 25, टिहरी जिले की छह विधानसभा सीटों पर 38, पौड़ी जिले की छह विधानसभा सीटों पर 47 प्रत्याशी और पिथौरागढ़ जिले की चार विधानसभा सीटों पर 28 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।

उत्तराखण्ड़ के बागेश्वर जिले की दो विधानसभा सीटों पर 14 प्रत्याशी, अल्मोड़ा जिले की छह विधानसभा सीटों पर 50 प्रत्याशी, चम्पावत जिले की दो विधानसभा सीटों पर 14 प्रत्याशी, नैनीताल जिले की छह विधानसभा सीटों पर 63 प्रत्याशी और ऊधमसिंह नगर जिले की नौ विधानसभा सीटों पर 72 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सबसे अधिक 19 प्रत्याशी देहरादून की धर्मपुर विधानसभा सीट पर हैं। प्रचार के आखिरी दिन भाजपा कांग्रेस आम आदमी पार्टी समेत अन्य प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को सकुशल निपटाने के लिए शनिवार दोपहर से ही पोलिंग पार्टियां दूरस्थ मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो गईं। इन मतदान केंद्रों तक पहुंचने लिए मतदान अधिकारियों को खूब मशक्कत करनी होगी, खूब पसीना बहाना पड़ेगा। इनमें कई मतदान केन्द्रों तक पहुंचने के लिए इन दलों को पूरा एक दिन पैदल चलना पड़ेगा।

वहीं रविवार को भी पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अगर हमारी पार्टी सत्ता में आई तो समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा। देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीएम ने कहा कि इस बार भाजपा की सरकार बनते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनेगी और यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा विवाह, तलाक, जमीन जायदाद व उत्तराधिकार के मामले तक इसमें शामिल किए जाएंगे।

आखिरी दिन भाजपा, कांग्रेस समेत सभी दलों के नेताओं ने झोंकी ताकत

शनिवार को प्रचार थमने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, सचिन पायलट, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने चुनावी रैली की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में जनसभा करने पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पुष्कर धामी के काम ने लोगों का मुंह बंद करा दिया है, जो कहते थे कि दूर-सुदूर इलाकों में वैक्सीन नहीं पहुंच सकती है। ये वही लोग हैं जिन्होंने टीकाकरण अभियान के दौरान भारत की वैक्सीन को लगातार बदनाम किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, अफवाह फैलाने वाले नहीं चाहते थे कि वैक्सीन का कवच पाने के बाद रोजगार और उद्योग धंधे फिर से चल पड़ें। प्रधानमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आपने उत्तराखंड में एक बार फिर डबल इंजन की सरकार पर मुहर लगा दी है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने खटीमा में जनसभा को संबोधित किया। प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। कहा कि मोदी सरकार केवल दो उद्योगपतियों की सरकार बनकर रह गई है। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस ने प्रवासी श्रमिकों की मदद की और राजनीति करके देश भर में कोरोना फैलाया। वे सड़कों पर चल रहे थे, उनके लिए कोई सुविधा नहीं थी। क्या हम उन्हें ऐसे ही छोड़ देते? तब हम राजनीति नहीं कर रहे थे, अपना फर्ज निभा रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस जरूर सत्ता में आएगी, क्योंकि जनता भाजपा सरकार से थक चुकी है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तराखंड पहुंचे। उन्होंने बागेश्वर के कपकाकोट में जनसभा को संबोधित किया और भाजपा को वोट देने की अपील की। राजनाथ सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को विशेष दर्जा दिया था। लेकिन जब कांग्रेस राज्य और केंद्र में सत्ता में आई, तो उसने राज्य को विशेष दर्जा से वंचित कर दिया। जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उन्होंने स्थिति बहाल कर दी। गृहमंत्री अमित शाह ने धनोल्टी विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी प्रीतम सिंह पंवार के समर्थन में जनसभा की। उन्होंने उत्तराखंड को भाजपा ने बनाया और भाजपा ने उत्तराखंड को संवारा है। इस दौरान वे कांग्रेस पर निशाना साधने से भी नहीं चूके। शाह ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने यहां के लोगों पर अत्याचार किया।

भाजपा की उपलब्धियां लोगों के सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने चारधाम का पुनर्निमाण किया। बदरीनाथ में ढाई सौ करोड़ का का मास्टर प्लान तैयार किया गया है और इस पर कार्य शुरू किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शनिवार को नई टिहरी पहुंचे। यहां सभा को संबोधित करते हुये सीएम योगी ने एकबार फिर कमल को वोट देने की अपील की, उन्होंने तंज कसते हुये कांग्रेस को डूबता जहाज बताया |

मोदी सरकार केवल दो उद्योगपतियों की सरकार बनकर रह गई है : प्रियंका गांधी

खटीमा, कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी आज उत्तराखंड में कई जनसभाएं कर रही हैं। आज उन्हांने खटीमा में प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोदी सरकार केवल दो उद्योगपतियों की सरकार बनकर रह गई है और बजट में शामिल किए जाने वाले बिंदुओं एवं नीतियों को गरीब लोगों की बजाए दो खास उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पलायन बहुत ज्यादा है और ऐसी परिस्थितियां तब पैदा होती हैं जब कोई राज्य रोजगार देने में असफल हो जाता है।
विकास के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य होता है कि वह जनता की सेवा कर राज्य का विकास करे, लेकिन भाजपा के सीएम से लेकर पीएम अपने ही विकास की बातों सोचते हैं। उन्होंने कहा कि आपके प्रदेश में प्राकृतिक संसाधना से जुड़े अवसर तो हैं लेकिन राज्य सरकार इन्हें रोजगार से नहीं जोड़ पा रही है।
कोरोना काल में उत्तराखंडी प्रवासियों की पीढ़ा को याद दिलाते हुए उन्हाेंने कहा कि उस दौर मे उत्तराखंड की सरकार ने अपने ही लोगों को अधर में छोड़ दिया जबकि कांग्रेस ने पूरे देश के साथ उत्तराखंड में भी प्रवासिया की मदद की। लॉकडाउन के कारण लोग सड़कों पर भटकते रहे लेकिन सरकार केंद्र सरकार की ओर से ऐसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था तक नहीं की गयी, उस वक्त हम राजनीति नहीं बल्कि लोगों की पीढ़ा को समझ कर अपना फर्ज निभा रहे थे।

हल्द्वानी, प्रियंका गांधी की हल्द्वानी रैली के साथ नैनीताल जिले में चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। अब चुनावी शोर थम चुका है। नैनीताल जिले के हल्द्वानी में कांग्रेस ने कालाढूंगी, हल्द्वानी और लालकुआं विधानसभाओं के लिए एक बी इंटर कालेज के मैदान में प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली का आयोजन किया।

इस रैली में केंद्रीय भूमिका में नजर आए कांग्रेस के हल्द्वानी प्रत्याशी सुमित हृदयेश। वे प्रियंका को अपनी कार में बिठाकर हैलीपैड से रैली स्थल तक तो लाए ही, जनसभा का संचालन भी उन्होंने ही किया।

उनके साथ पूर्व सीएम एवं लालकुआं से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत व उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव भी मौजूद रहे। हरीश रावत ने कहा कि सुमित उनके बेटे के समान हैं, तो प्रियंका गांधी ने कहा कि उनकी दादी पूरे देश की इंदिरा थीं तो इस मंडल के लोगों ने अपनी ही इंदिरा खड़ी कर दीं, नाम था इंदिरा हृदयेश। उन्होंने कहा कि सुमित कांग्रेस के भविष्य हैं।

20 पेटी अवैध शराब के साथ दो गिरफ्तार

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नई टिहरी। विधानसभा चुनाव के दौरान शराब व मादक पदार्थों पर रोक लगाने के लिए पुलिस की ओर से की जा रही चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस ने नैलचामी के शिवपुरी में 20 पेटी अवैध शराब बरामद की। पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया।
थानाध्यक्ष घनसाली सुखपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने क्षेत्र में चेकिंग के दौरान शिवपुरी नैलचामी में चेकिंग के लिए एक वाहन को रोका, जिसमें पुलिस को 20 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई। बताया कि वाहन में सवार अरविंद थपलियाल व सुंदर मणि निवासी महारगांव हिंदाव को गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। टीम में एसआई यशवंत खत्री, बलबीर सिंह, राज्यवर्धन, अमित राठौर, सचिन आदि शामिल रहे।

चुनाव कराने के लिए रुद्रप्रयाग जिले में 1664 कार्मिक तैनात

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रुद्रप्रयाग। जिले में विधानसभा सामान्य निर्वाचन संपंन कराने के लिए कुल 1664 कार्मिकों एवं 30 माइक्रो ऑर्ब्जवरों की तैनाती की गई है। जबकि करीब दो हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनात है। जो दोनों विस सीटों पर चुनाव संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि जनपद में 361 पोलिंग बूथों पर विधान सभा चुनाव के लिए मतदान होना है। जिला प्रशासन की ओर से मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। पोलिंग बूथों के आसपास धारा 144 लागू हो चुकी है। विधान सभा सामान्य निर्वाचन को सफलता पूर्वक संपादित कराने के लिए पोलिंग पार्टियों को बूथ अलॉटमेंट किया गया। जिसमें जनपद की दोनों विधान सभाओं के लिए 1664 कार्मिकों की तैनाती की है।

केदारनाथ विधान सभा के लिए 199 पोलिंग पार्टियों रिजर्व सहित कुल 796 कार्मिक तथा रुद्रप्रयाग विधान सभा के लिए 217 पोलिंग पार्टियों रिजर्व सहित कुल 868 कार्मिकों को बूथ अलॉटमेंट कर दिया गया है। एसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि निर्वाचन के लिए कुल 361 बूथों में से दूरस्थ 18 बूथों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई है। सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से निर्वाचन ड्यूटी को सकुशल सम्पन्न कराए जाने के लिए प्रत्यक्ष तौर पर 3 पुलिस उपाधीक्षक, 6 निरीक्षक, 28 उपनिरीक्षक, 04 महिला उपनिरीक्षक, 14 वन दरोगा, 34 मुख्य कांस्टेबल, 276 कांस्टेबल, 43 महिला कांस्टेबल, 31 वन आरक्षक, 510 होमगार्डस (110 जनपद से 400 गैर प्रान्त राजस्थान से), 200 पीआरडी, 02 प्लाट्रून, 1 सैक्शन पीएसी/आईआरबी, 1 कम्पनी, 2 प्लाट्रून, 1 सैक्शन सेन्ट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स लगी हुई हैं। जो विस चुनाव संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाएगी।

देहरादून चुनाव 2022: रैपिडो 14 फरवरी को वोटर्स को फ्री राइड ऑफर करेगा

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• भारत के प्रमुख ऑटो टैक्सी और बाइक्स सर्विस प्लेटफॉर्म देहरादून में वोटर्स को 3 किमी की फ्री राइड प्रदान करेगा
• वोटर्स 14 फरवरी को 2 फ्री बाइक टैक्सी राइड की सुविधा के लिए कोड “माईवोट” का इस्तेमाल कर सकते हैं

देहरादून,  मतदाताओं को अपना वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, भारत का काफी तेजी से बढ़ रहा ऑटो टैक्सी और बाइक्‍स सर्विस प्लेटफॉर्म, रैपिडो 14 फरवरी को उत्‍तराखंड के देहरादून में वोटर्स को फ्री बाइक टैक्सी राइड का ऑफर देगा। अपने घर से 3 किमी दूर इलेक्शन बूथ तक आने-जाने के लिए फ्री राइड की सुविधा प्राप्त करन के लिए यूजर्स को कोड MYVOTE’ का प्रयोग करना पड़ेगा।

रैपिडो में बाइक टैक्सी के हेड श्री रोहित राठौड़ ने कहा, “चुनाव भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने का अभिन्न अंग हैं। लोगों को इलेक्शन बूथ तक आसानी से पहुंचाने के लिए हम उन्हें देहरादून में मतदान के दिन फ्री राइड देंगे। हमारा मकसद इस साल चुनाव के दिन ज्यादा से ज्यादा लोगों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके लिए हम उन्हें सुविधाजनक, समय से और किफायती ढंग से यातायात के साधन उपलब्ध करा रहे हैं। अनिवार्य मतदान के लिए हम अपना योगदान देकर काफी उत्साहित है। हमें आशा है कि इससे वोटरों की संख्या बढ़ेगी।”

रैपिडो भारत के 100 से ज्यादा शहरों में बिना किसी परेशानी के कहीं भी आने-जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा प्रदान कर रही है। ऑटो और बाइक टैक्सी बुकिंग ऐप उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में वोटर्स को फ्री राइड्स का ऑफर दे रहा है। इस प्लेटफॉर्म से गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज में मतदान के दिन 3 किमी के दायरे में सफर करने पर बाइक टैक्सी राइड पर 100 फीसदी की छूट मिलेगी।

यह कैसे काम करता है?
ऐप को आईओएस या एंड्रॉयड से डाउनलोड कीजिए। अपने अकाउंट में लॉगइन कीजिए और बुकिंग करना शुरू कीजिए। एक बार बुक हो जाने पर, राइड की राशि और कैप्टन की जानकारी होमपेज पर आ जाएगी और वह तुरंत ही पिक-अप लोकेशन पर पहुंच जाएंगे। आपकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, हमारे कैप्टन के पास अतिरिक्त हेलमेट भी होगा, जो राइड के समय आपको दिया जाएगा। इसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। आपकी सुरक्षा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। अब जब रैपिडो आपके आस-पास है, ट्रैफिक की परेशानी से निजात पाइए और हमारे शहरों की सैर कीजिए।

विधान सभा चुनाव : हमारी प्राथमिकता स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराना है : एसएसपी

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देहरादून, सोमवार 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने को आज पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून जन्मजेय खंडूड़ी द्वारा समस्त पुलिस/अर्धसैनिक बलों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की ब्रींफिंग की गई। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराना है, इसलिए पोलिंग बूथों पर ड्यूटी को नियुक्त किये जाने वाले अधिकारी/कर्मचारी को निष्पक्ष दिखना होगा व निष्पक्षता से ड्यूटी भी करनी होगी। हर पुलिस कर्मी का कार्य होगा कि मतदान केंद्र के समीप किसी भी राजनैतिक पार्टी का चिन्ह अथवा कोई ध्वनि विवरण न होने दे व मतदान केंद्र में केवल मतदाताओं को ही प्रवेश करना सनिश्चित करें।इस दौरान किसी भी मतदाता को केंद्र के भीतर मोबाइल न ले जाने की तस्दीक करनी अनिवार्य होगा।

 

पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 14 फरवरी के चुनाव को कल 12 शनिवार 5 बजे के बाद समस्त जनपद में धारा 144 लागू कर दी जाएगी जिसके पश्चात किसी भी पार्टी द्वारा अपना चुनाव प्रसार न किया जा सके इसके कड़े प्रबंध बनाने होंगे। इस दौरान सभी पुलिस कर्मियों को अपने अपने ड्यूटी स्थल अंतर्गत विधानसभा क्षेत्रों के मध्य बैरियर लगाकर सीमाओं को सील करने होंगे।
दूरस्थ क्षेत्रों में पीठासीन अधिकारियों को तथा प्रत्येक सैक्टर में सैक्टर मजिस्ट्रेटो को अतिरिक्त ई0वी0एम0 मशीन उपलब्ध कराई गयी है ताकि मशीन खराब होने की दशा में चुनाव प्रभावित ना हो सके।इस उन्होंने बैठक में मौजूद जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट को अपने-अपने क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के साथ चुनाव से पूर्व फ्लैग मार्च कराने के आदेश दिए। इसके अतिरिक्त सभी जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेगें की सभी पोलिंग पार्टियां अपने गन्तव्य स्थल पर पहुँच गई है व इसकी सूचना तत्काल चुनाव कन्ट्रोल रुम को उपलब्ध करायेंगे। पोलिंग पार्टियों के गन्तव्य पर पहुंचने के उपरान्त सभी सैक्टर मजिस्ट्रेट/पुलिस अधिकारी मतदान केन्द्रों का भ्रमण कर पोलिंग पार्टियों के रहने/खाने की व्यवस्था पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे |

महत्वपूर्ण बिंदु :

पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा आज की गई ब्रीफिंग में उनके द्वारा 14 फरवरी को होने वाले मतदान के अंतर्गत
1.जनपद को 6 सुपर जोन में बांटा है जिनके लिए 6सुपर जोनल अधिकारी नियुक्त नियुक्त किये गये है।
2.जनपद को 39 जोन, 218 सेक्टर, 1103 मतदान केन्द्र तथा 1886 मतदेय स्थल में विभाजित किया गया है ।
3. सुरक्षा की दृष्टि से कुल 60 फ्लांईग स्क्वाड टीमें एवं 30 स्टेटिक सर्विलांस टीमें नियुक्त की गयी है तथा 45 चैक पोस्टों पर भी स्टेटिक सर्विलांस टीम नियुक्त की गयी है।
4.प्रत्येक थानावार कुल 21 क्यू0आर0टी0 टीमें नियुक्त की गयी है ।
5.चैकिगं एवं अवैध धन के अवागमन की रोकथाम/अवैध शराब/मादक पदार्थों की बरामदगी हेतु जनपद में कुल 10 अर्न्तराज्यीय बैरियर तथा 07 अंतर्जनपदीय बैरियर बनाये गये है, इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण जनपद में 40 संवेदनशील स्थानों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां स्थानीय पुलिस के साथ निरंतर गश्त पर रहेंगी।

निम्न पुलिस बल रहेगा तैनात-

 

 

राजपत्रित अधिकारी – 09
निरीक्षक – 45
उ0नि0 – 250
वन दरोगा – 66
हे0का0 – 169
कांस्टबेल – 1977
होमगार्ड्स – 2616
पीपीडी – 390
ग्राम चौकीदार – 400
वन रक्षक – 59
पीएस: 04 कंपनी 01 सेक्शन
अर्द्ध सैनिक बल: 21 कंपनी

LIC IPO: भारत के ‘सऊदी अरामको मोमेंट’ की तेज हुई तैयारी, 7 पॉइंट में समझें इसकी हर डिटेल

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LIC IPO: सरकारी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) को उसके अनोखे नीले और पीले रंग के लोगों के साथ 1.4 अरब आबादी वाले भारत देश में हर जगह आसानी से पाया जा सकता है। इंश्योरेंस मार्केट के दो तिहाई हिस्से पर LIC का कब्जा है।

इसकी करीब 30 करोड़ पॉलिसीज, 13 लाख से अधिक एजेंट, 1 लाख से अधिक कर्मचारी, 2 हजार शाखाएं और 1,500 से अधिक सैटलाइट शाखाएं हैं। सरकार अब LIC में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी IPO के जरिए बेचने की तैयारी कर रही है और यह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO हो सकता है। वहीं ग्लोबल लेवल पर यह किसी बीमा कंपनी का अब तक का चौथा सबसे बड़ा IPO होगा। आइए इस IPO से जुड़े हर बिंदुओं को समझने की कोशिश करते हैं।

1. सरकार क्यों बेच रही है अपनी हिस्सेदारी?
सरकार ने सपंत्तियों की बिक्री के जरिए 10.4 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा है। LIC में हिस्सेदारी की बिक्री, इस एसेट सेल प्रोग्राम का एक अहम और बड़ा हिस्सा है। साथ ही देश के बजट घाटे को पूरा करने के लिए भी यह बिक्री अहम है। सरकार की योजना अगले वित्त वर्ष में उधारी को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाने की है क्योंकि वह महामारी के बाद आए मंदी से बाहर निकलने का कोशिश कर रही है।

2. कब आएगा IPO?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने IPO के लिस्टिंग के लिए 31 मार्च की समय सीमा तय की है। इस IPO को सबसे पहले अप्रैल 2020 में लाया जाना था। हालांकि कोरोना वायरस से जुड़ी चुनौतियों के चलते इसमें देरी हुई।

3. LIC का वैल्यूएशन करना इतना कठिन क्यों है?

LIC की साइज और भारत में इसके स्पेशल स्टेटस की वैल्यू लगाना एक अनोखी चुनौती है। LIC के पास 530 अरब डॉलर की प्रॉपर्टी है, जो देश की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल साइज से भी अधिक है। LIC का वैल्यूएशन तय करने के लिए मिलिमैन और अर्न्स्ट एंड यंग जैसी फर्मों को नियुक्त किया गया था, जिन्होंने लाखों की संख्या में मौजूद पॉलिसीज और उनके प्रीमियम को तमाम मानकों पर समीक्षा किया। इसके अलावा उन्हें LIC की 2,000 से अधिक शाखाओं की फिक्स्ड प्रॉपर्टी को भी तौलना था। LIC अभी तक चूंकि साल में सिर्फ एक बार अपना बैलेंस शीट जारी करती है, ऐसे में उसका दूसरी समकक्ष कंपनियों से हर तिमाही के आधार पर तुलना मुश्किल है।
4. LIC की संभावित वैल्यू कितनी हो सकती है?

कई रिपोर्टों के मुताबिक, LIC ने 5 से 13 अरब डॉलर के बीच में रकम जुटाने की योजना बनाई है। सरकार ने हाल ही में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने विनिवेश लक्ष्य को घटाकर करीब आधा कर दिया है। इससे यह उम्मीद लगाई जा रही है, LIC पहले लगाए जा रहे अनुमानों से कम रकम जुटाएगी। सरकार फिलहाल 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO 2.5 अरब डॉलर का पेटीएम का रहा है, जो पिछले साल नवंबर में आया था। LIC इस रिकॉर्ड को तोड़ने जा रही है।

5. यह IPO क्यों मायने रखता है?

देश के इतिहास के इतने गहरे तौर से जुड़ी और इतनी बड़ी आबादी से सीधे रिश्ता रखने वाली किसी कंपनी में हिस्सेदारी की बिक्री रोजाना नहीं देखना को मिलता है। देश के फाइनेंशियल सिस्टम पर LIC ने की बड़ी छाप है। इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1956 में 256 बीमा कंपनियों और प्रोविडेंट फंड सोसायटीज को मिलाकर बनाया था। पिछले दो दशक से देश में तमाम प्राइवेट बीमा कंपनियां भी आ चुकी हैं। हालांकि अभी भी करोड़ो भारतीय के लिए बीमा का मतलब LIC ही बना हुआ है।

6. क्या अन्य देशों में समानताएं हैं?

कुछ बैंकर इस बिक्री को भारत का ‘सऊदी अरामको’ पल बता रहे हैं। सऊदी अरामको, सऊदी सरकार के स्वामित्व वाली ऑयल सेक्टर की दिग्गज कंपनी है। साल 2019 में सऊदी अरामको ने अपना IPO लाया था, जो दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा आईपओ है। सऊदी सरकार की 90 फीसदी कमाई सऊदी अरामको कंपनी के जरिए ही आती है, ऐसे में इसकी लिस्ट सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था का प्रतीक थी।

7. क्या निवेशक इसमें भरोसा जताएंगे?

कुछ निवेशकों ने इस बात पर संदेह जताया है कि क्या 65 साल पुरानी LIC, प्राइवेट बीमा कंपनियों का मुकाबला कर पाएगी। LIC देश की दूसरी बीमा कंपनियों के मुकाबले कई मामले में अलग है। इसकी स्थापना 1956 में संसद में एक कानून पास करके की गई थी। इसकी पॉलिसीज की एक सोवरेन गारंटी होती, जो इस दूसरी कंपनियों की तुलना में कम कैपिटल बेस पर कारोबार की इजाजत देता है। सरकार सालों से दूसरी कंपनियों को बचाने और बाजार को सपोर्ट करने के अंतिम उपाय के रूप में LIC का इस्तेमाल करती आई है। LIC ने कई मौकों पर बाजार और दूसरी कंपनियों में भारी पैसे निवेश कर उन्हें डूबने या गिरने से बचाया है। हाल में 2019 में IDBI बैंक के मामले में ऐसा ही देखने को मिला था। कुछ बैंकरों का कहना है कि ग्लोबल निवेशकों की यह चिंता है कि सरकार आगे भी LIC को लिस्टिंग के बाद भी इसी तरह संकट में घिरी दूसरी सरकारी कंपनियों को बचाने के लिए मजबूर कर सकती है।

किसानों को मिलेगा 1 लाख तक की कर्ज माफी का लाभ! जानें किन्हें मिलेगा इस स्कीम का फायदा

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राज्य और केंद्र सरकार (Central and State Government) किसानों की मदद करने के लिए और उनकी आय में वृद्धि करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लेकर आती ही रहती है. किसानों को इन योजनाओं का लाभ समय पर मिल सकें इसके लिए सरकार कुछ (Government Schemes for Farmers) नई योजना लेकर आती रहती है. उन्हीं में से एक योजना है का नाम है किसान कर्ज राहत योजना. इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के किसानों को राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है. कई बार किसान बैंकों से लोन ले लेते हैं और किसी आपदा या बारिश के कारण उनकी फसल बर्बाद हो जाती है.

ऐसी स्थिति में किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने साल 2017 में किसानों की कर्ज माफी की योजना की शुरूआत की थी. इस योजना के मुताबिक सरकार किसानों के कर्ज माफ करती है. तो चलिए जानते हैं इस योजना के बारे में-

किन किसानों को मिलता है इस योजना का लाभ
-आपको बता दें कि किसान कर्ज राहत योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Farmers) के किसान ही उठा सकते हैं.
-इस योजना के द्वारा सरकार राज्य के छोटे और सीमांत किसान आवेदन कर सकते हैं.
-इस योजना के तहत किसानों का 1 लाख तक का कर्ज सरकार द्वारा माफ किया जाता है.
-इस योजना के तरह 86 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने का सरकार का लक्ष्य है.
-इस सकीम के वही किसान आवेदन कर सकते हैं जो खेती के अलावा कोई और काम नहीं करते हैं.

किसान कर्ज राहत योजना का लाभ उठाने के लिए चाहिए यह डॉक्यूमेंट्स-
-आधार कार्ड (Aadhaar Card)
-किसान की जमीन से जुड़े डॉक्यूमेंट्स
-उत्तर प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र (Uttar Pradesh Domicile)
-पहचान पत्र
-बैंक का पासबुक (Bank Passbook)
-मोबाइंल नंबर (Mobile Number)
-पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo)

इस तरह करें आवेदन
इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का यह मकसद है कि वह छोटे किसानों की आर्थिक रूप से मदद कर उन्हें सशक्त बना सकें. इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप इस योजना की ऑफिशियल बेवसाइट पर जाकर आवेदन करें.