Wednesday, May 14, 2025
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साइबर ठगी में एसटीएफ ने दो अभियुक्त को किया गिरफ्तार

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हल्द्वानी, एसटीएफ को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, मुखानी थाना क्षेत्र में हुई साइबर ठगी के मामले में एसटीएफ ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए इन अभियुक्त के द्वारा 19 लाख रुपए साइबर ठगी की घटना को अंजाम दिया गया था। जिनको एसटीएफ ने साढ़े तीन लाख और कई सारे पासपोर्ट, एटीएम कार्ड के साथ दिल्ली एनसीआर से गिरफ्तार किया है,
पकड़े गए अभियुक्त पंश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, जिनका नाम सूरज तमांग और विक्रम लिम्बु हैं, सीओ एसटीएफ पूर्णिमा गर्ग ने जानकारी देते बताया कि मुखानी थाने में 19 लाख की साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया था, जो कि फेसबुक के जरिये ठगी की गई थी, जांच एसटीएफ के पास आई थी और एसटीएफ ने गहनता से जांच करते हुए दोनों शातिर अभियुक्तों को दिल्ली एनसीआर से गिरफ्तार कर लिया है, इनके कनेक्शन नाइजीरियन ठगों से भी है, जिनको यह भारतीय बैंकों के खाते में रकम उपलब्ध करवाते थे।

वेस्ट वॉरियर्स ने दून के जाखन स्थित जंगल में चलाया संयुक्त सफाई अभियान

देहरादून, वेस्ट वॉरियर्स संस्था द्वारा दून के जाखन स्थित जंगल को साफ करने के लिए एक संयुक्त सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें वन विभाग , नगर निगम, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम, संस्था के स्वयं सेवी, पार्षद सागर लांबा, हिम मोनाल संस्था, बियोंड दी वॉल संस्था एवं अन्य जागरूक नागरिकों ने इस में अपना सहयोग दिया | राजपुर रोड जाखन के नजदीक लगते हुए वन को आज सुंदर और साफ बनाने के लिए सभी ने अपना भरपूर सहयोग दिया | आज हुए इस सफाई अभियान में एकत्रित किए गए पूरे कचरे को अलग अलग किया गया एवं सूखे कचरे को पुन चक्रित हेतु स्वच्छता केंद्र हररावाला भेजकर इस कार्य को पूर्ण किया गया |
सफाई अभियान में उपस्थित वन विभाग से राकेश नेगी वनक्षेत्राधिकारी द्वारा बताया गया की जल्दी ही इस क्षेत्र में कैमरे की व्यवस्था की जाएगी और विभान की संयुक्त टीम द्वारा रात्रि में गश्त भी की जाएगी ताकि जो आसामाजिक तत्व इस वन को खराब करने का कार्य कर रहे है उनकी पकड़ की जाए एवं वन कानून के अंतर्गत उचित कार्यवाही भी की जाए।
देहरादून में ठोस कचरा प्रबंधन पर कार्य कर रही वेस्ट वॉरियर्स संस्था के नवीन कुमार सडाना जी ने बताया कि इस वन को कचरा मुक्त बनाने हेतु हमारी संस्था काफी प्रयास्रत है और समय समय पर जागरूक नागरिकों के साथ मिल कर सफाई अभियान भी करती रहती है |
सफाई अभियान में असलम खान, सबला राम, छेत्री जी, निहारिका, रचना, अनीता शास्त्री, यश, नेहा, योगेंद्र आदि ने सहयोग किया |

डेविस कप में खेल चिकित्सक सलाहकार के रूप में ओएनजीसी के डॉक्टर अर्चित अग्रवाल देंगे सेवायें

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देहरादून, ओएनजीसी के डा. अर्चित अग्रवाल भारत और डेनमार्क के बीच डेविस कप में खेल चिकित्सक सलाहकार के रूप में भारतीय टेनिस टीम की सेवा करेंगे । सीएमडी डा. अलका मित्तल के सक्षम नेतृत्व में ओएनजीसी ने खेल और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

पहली बार ओएनजीसी के लिए यह सम्मान की बात होगी कि एसपी वाही ओएनजीसी अस्पताल, देहरादून के युवा डॉक्टर डॉ अर्चित अग्रवाल दिल्ली में डेविस कप में भारतीय टेनिस टीम के लिए स्पोर्ट्स मेडिसिन सलाहकार के रूप में कार्यरत होंगे।

डॉ. अर्चित को ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन फॉर डेविस कप टाई वर्ल्ड ग्रुप प्ले ऑफ भारत और डेनमार्क के बीच दिल्ली जिमखाना क्लब में 4 और 5 मार्च 2022 को आमंत्रित किया गया है।

दिल्ली के जिमखाना क्लब ने आखिरी बार डेविस कप की मेजबानी 1966 की सर्दियों में की थी, जब भारत पश्चिम जर्मनी के खिलाफ खेला था। डॉ अर्चित की खेल चिकित्सा में गहरी रुचि है और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) द्वारा मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कई राज्य और राष्ट्रीय खेल आयोजनों में खेल चिकित्सा सलाहकार के रूप में काम किया है।
ओएनजीसी के युकी भांबरी भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं और उनसे दिल्ली जिमखाना क्लब के ग्रास कोर्ट में देश का नाम रोशन करने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री कार्यालय में शॉर्ट सर्किट से आग लगी आग, सुरक्षाकर्मियों ने आग पर पाया काबू

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देहरादून, उत्तराखंड सचिवालय से बड़ी खबर आ रही है, जहां मुख्यमंत्री कार्यालय में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। आग की घटना से हड़कंप मच गया, सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते आग पर काबू लिया। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। सीएम कार्यालय में आग लगने की घटना के दौरान यहां कई कर्मचारी अधिकारी मौजूद थे। सचिवालय कार्यालय में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन व अन्य अफसर कर्मचारी भी मौजूद थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए घटना के कारणों व अग्निशमन उपकरणों की एक्सपायरी डेट जांच के लिए कहा गया है। मुख्य सचिव ने जल्द से जल्द घटना के कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ और समय रहते सुरक्षा कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया।

उत्तराखंड के 28 और छात्र लौटे भारत, 200 से ज्यादा छात्रों का अभी भी इंतजार

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नई दिल्ली, रूस-यूक्रेन वॉर के चलते मंगलवार देर रात्रि यूक्रेन से उत्तराखंड के 28 और छात्र दिल्ली एयरपोर्ट के जरिए देश लौटे है। जिन्हें उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर रिसीव किया। इसके अलावा में कुछ छात्र मुंबई एयरपोर्ट के जरिए भी भारत लौटे हैं। मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ विशेष मीटिंग कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात विदेश से लौटे स्टूडेंट्स से बात भी की।

रूस के आक्रमण के चलते यूक्रेन में प्रतिकूल हालात के बीच वहां रह रहे विद्यार्थियों में भय का माहौल है तथा उनके परिजन भी यहां परेशान हैं। नैनीताल निवासी प्रह्लाद रावत ने भी आज राहत की सांस ली है। उनके पुत्र राहुल सुरक्षित रोमानिया तक पहुंच गए हैं। बता दें कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध में यूं तो भारत के 16 हजार से अधिक विद्यार्थी फंसे हुए हैं। इनमें से नैनीताल नगर की भी चार विद्यार्थी शामिल हैं। उर्वशी और प्रेरणा बीते दिवस सुरक्षित अपने घर पहुंच गए। जबकि राहुल रावत रोमानिया एयरपोर्ट के समीप पहुंच चुके हैं।

राहुल के पिता प्रहलाद ने बताया कि बीते दो दिनों से उनकी बेटे से बात नहीं हो पा रही थी इसलिए परिजन परेशान थे। लेकिन आज सुबह उसके सुरक्षित रोमानियाँ में होने की जानकारी मिली। नगर की छात्रा आयुषी अभी खरकीव क्षेत्र में रहकर बंकर में शरण लिए हुए है।

खारकीव रेलवे स्टेशन पर फंसा अनुराग, परिजनों ने लगाई सुरक्षा की गुहार

कोटद्वार, यूक्रेन के खारकीव में बमबारी के बीच अब भी कोटद्वार का एक छात्र अनुराग पंवार फंसा हुआ है। अनुराग के परिजनों को उसकी सलामती की चिंता सता रही है। बुधवार दोपहर से वह खारकीव के रेलवे स्टेशन पर फंसा हुआ है। अनुराग ने बताया कि उसे वहां से जाने वाली रेल में जगह नहीं मिल रहा है। अनुराग की स्थिति जानने के बाद परिजनों का बुरा हाल है। उन्होंने भारत सरकार से उनके बेटे को सकुशल खारकीव से निकालने की गुहार लगाई है।
कोटद्वार के जौनपुर निवासी अधिवक्ता किशन सिंह पंवार का पुत्र अनुराग पंवार यूक्रेन में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का छात्र है। वह अपने सहपाठियों के साथ खारकीव में फंसा हुआ है। अनुराग पिछले तीन दिन से वहां से निकलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बंकर के बाहर हो रही बमबारी के कारण नहीं निकल पा रहा है। अनुराग के पिता किशन पंवार ने बताया कि सोमवार को उसके साथियों ने रेल से बाहर निकलने की योजना बनाई थी। तब तक कर्नाटक के युवक की मौत की सूचना मिलते वह डर गया और बाहर नहीं निकला। मंगलवार को अपने सहपाठियों के साथ खारकीव से रोमानिया बॉर्डर जाने के लिए उसने बस बुक की थी, लेकिन बमबारी के कारण बस उन तक नहीं पहुंच सकी। जिससे वे मायूस हो गये | बुधवार को अनुराग अपने सहपाठियों के साथ रेलवे स्टेशन के लिए निकला। वे किसी तरह बचते-बचाते दोपहर तक खारकीव रेलवे स्टेशन पहंच गए। लेकिन, रेल के अंदर भारतीय छात्रों को घुसने नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण वह और उसके साथी खारकीव रेलवे स्टेशन पर फंस गए हैं। यहां परिजनों को बेटे की चिंता सता रही है। उन्होंने भारत सरकार से उनके बेटे को स्वदेश लाने के लिए मदद की गुहार लगाई है।

बादशाहपुर का वैभव खारकीव में फंसा, परिजनों की चिंता बढ़ी

हरिद्वार, पथरी के बादशाहपुर का वैभव अभी तक खारकीव में फंसा है। बुधवार को वैभव की अपने परिजनों से फोन पर बातचीत हुई, लेकिन अब हालात बिगड़ता देख परिजनों की चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास की नई एडवायजरी जारी किए जाने के बाद उत्तराखंड में परिजनों की धड़कनें बढ़ गई हैं। यूक्रेन में उत्तराखंड के अभी भी कई छात्र फंसे हुए हैं। बादशाहपुर निवासी वैभव ने परिजनों को वीडियो कॉल कर वहां के हालात के बारे में बताया तो परिजनों का चिंता से बुरा हाल हो गया।
रूस की यूक्रेन में लगातार हो रही बमबारी से वहां फंसे छात्रों के परिजन चिंतित हैं। पथरी के बादशाहपुर का वैभव भी अभी तक खारकीव में फंसा है। बुधवार को वैभव की अपने परिजनों से फोन पर बातचीत हुई। उसने अपने माता-पिता को खारकीव का मंजर बताया तो माता-पिता सहित अन्य परिजन वैभव को देख भावुक हो गया। बादशाहपुर निवासी वैभव सैनी के पिता रविन्द्र कुमार सैनी शिक्षक हैं। वैभव यूक्रेन केखारकीव से एमबीबीएस कर रहा है। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद भी वैभव अपने साथियों के साथ वहां फंसा है। जिसके बाद से वैभव के परिजन बेटे की सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं।May be an image of 1 person, beard and text

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वित्त मंत्री ने लॉन्च किया e-Bill प्रोसेसिंग सिस्टम, जानें क्या है ये

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) और डिजिटल इंडिया इको-सिस्टम के हिस्से के रूप में इलेक्ट्रॉनिक बिल (e-Bill) प्रोसेसिंग सिस्टम लॉन्च कर दिया है।

वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को संसद में पेश केंद्रीय बजट 2022-23 (Budget 2022) में इस प्रमुख ई-गवर्नेंस पहल की घोषणा की थी। आज 46वें सिविल अकाउंट्स डे (46th Civil Accounts Day) के मौके पर वित्त मंत्री ने ई-बिल प्रोजेक्ट लॉन्च किया।

क्या है e-Bill प्रोसेसिंग सिस्टम? (What Is e-Bill Processing System)

e-Bill प्रोसेसिंग सिस्टम पारदर्शिता, दक्षता और एक फेसलेस-कागज रहित भुगतान प्रणाली को बढ़ाने के लिए एक कदम है। अब सप्लायर और ठेकेदार अपना क्लेम ऑनलाइन जमा करने के लिए सक्षम होंगे, जो वास्तविक समय के आधार पर ट्रैक किया जा सकेगा।

इलेक्ट्रॉनिक बिल प्रोसेसिंग सिस्टम लॉन्च राष्ट्रीय राजधानी में 46वें सिविल अकाउंट्स डे समारोह का एक हिस्सा था। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया गया।

 

मुख्य न्यायाधीश ने पब्लिक के पत्र को पीआईएल मानते हुए सरकार से सूखाताल झील पर मांगा जवाब

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(चन्दन सिंह बिष्ट)

नैनीताल. उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने सूखाताल झील में हो रहे सौन्दर्यकरण और भारी भरकम निर्माण कार्यों के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सचिव पी.डब्ल्यू.डी., सचिव सिचाई, कुमायूँ कमिश्नर और जिलाधिकारी से 21 मार्च तक स्थिति स्पष्ठ करने को कहा है । मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने 21 मार्च की तिथि तय की है ।
मामले के अनुसार नैनीताल निवासी डॉ.जी.पी.साह व अन्य ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सूखाताल में हो रहे भारी भरकम निर्माण से झील के प्राकृतिक जल स्रोत बन्द होने सहित कई अन्य कई बिंदुओं की जानकारी दी थी । पत्र में कहा गया है कि सूखाताल नैनीझील का मुख्य रिचार्जिंग श्रोत है और उसी स्थान पर इस तरह अवैज्ञानिक तरीके से निर्माण किये जा रहे हैं । पत्र में यह भी कहा गया है की झील में पहले से ही लोगों ने अतिक्रमण कर पक्के मकान बना दिये हैं, जिनको अभी तक नहीं हटाया गया है। पहले से ही झील के जल स्रोत सूख चुके है, जिसका असर नैनीझील पर पड़ रहा है। कई गरीब परिवार जिनके पास पानी के कनेक्शन नहीं हैं वो मस्जिद के पास के जल स्रोत से पानी पिया करते हैं । अगर वो भी सुख गया तो ये लोग पानी कहाँ से पिया करेंगे ? इसलिए इस अनियंत्रित निर्माण पर रोक लगाई जाए। पत्र में यह भी कहा गया कि उन्होंने इससे पहले जिलाधिकारी और कमिश्नर को भी ज्ञापन दिया था लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने इस पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत कराया है। जनहित याचिका में न्यायालय ने राज्य सरकार, सचिव पी.डब्ल्यू.डी., सचिव सिंचाई, कमिश्नर कुमायूँ और जिलाधिकारी नैनीताल को पक्षकार बनाया है।

खौफनाक : पत्नि और सास की नृशंस हत्या कर निखिल खुद कूद गया ट्रेन के आगे

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जसपुर, उत्तराखंड़ के यूएस नगर के जसपुर से एक खौफनाक खबर आयी है जहां रिश्तों के बीच पैदा कलह ने हंसते खेलते परिवार पर कहर बनकर टूटी, जिसमें पत्नी और सास का कत्ल कर खुद ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की घटना घटित हुई, मिली जानकारी के मुताबिक. जसपुर के मोहल्ला नत्था सिंह निवासी निखिल उर्फ सोनू नाथ ने पाटल से हमला कर अपनी पत्नी नीशु और सास जयंती की नृशंस हत्या कर दी थी और फिर खुद ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी | वारदात के बाद वह अपने दोनों बेटों स्पर्श, ओम के साथ ही पहली पत्नी की बेटी स्तुति को अमरोहा में अपनी बहन सोनिया के घर छोड़ गया था। निखिल के दोनों बेटे अनाथ हो गए। पहली पत्नी की बेटी का भी अब कोई सुधलेवा नहीं है। फिलहाल बच्चे अपनी बुआ के पास हैं। बच्चों के फूफा अंकित ने बताया कि बच्चे घटना के बाद से गुमसुम हैं। उन्हें अभी पता नहीं है कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, इधर, नीशू की बहन पिंकी ने बताया कि उसके जीजा का चाल चलन ठीक नहीं था। इसी कारण उसकी पहली पत्नी उसे और बच्ची को छोड़कर झालू (बिजनौर) चली गई थी। पिंकी ने कहा कि आठ साल पहले निखिल ने उसकी बहन नीशू से प्रेम विवाह किया इसके बावजूद वह पत्नी और बच्चों को खुश नहीं रख पाया।
दोहरे हत्याकांड के बाद सुसाइड करने वाले निखिल ने अपने परिवार की बर्बादी के लिए छोटी साली को जिम्मेदार ठहराया है। गाजियाबाद के कविनगर पहुंचे जसपुर के एसएसआई बचेंद्र सिंह ने निखिल की डायरी से सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें उसने आत्महत्या के कारणों को लिखा है। सुसाइड नोट में लिखा है कि ’मेरी मौत के बाद जिसे भी यह डायरी मिले तो इसमें लिखे नंबरों पर कॉल कर मेरे रिश्तेदारों को सूचित जरूर कर देना। मैं माफी के काबिल नहीं हूं। नीशू मेरी पत्नी थी। मैं तुझसे बहुत प्यार करता था मगर तूने अपनी बहन पिंकी के बहकावे में आकर मुझे यह सब करने पर मजबूर कर दिया। मुझे पता है कि तुझे और तेरी मां को बार-बार पिंकी ही चिढ़ाती थी इसलिए माफी मांगने के बाद भी बार-बार तेरी मां और मुझमें बहस होती थी।

 

आगे सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं सोनू कुमार वैद्य जी की बेटी नीशू की मौत का जिम्मेदार हूं क्योंकि मैं मजबूर हो गया था। तू मेरी पत्नी थी और मैं तुझे जान से ज्यादा प्यार करता था और मैंने तुझे जान से मार दिया। मैं माफी के काबिल तो नहीं हूं मगर मैं तेरे पास आ रहा हूं। हो सके तो मुझे माफ कर देना। उसने पुलिस से आग्रह किया कि मेरी साली पिंकी देवी को जरूर सजा मिलनी चाहिए। क्योंकि इस सारे कांड की जिम्मेदार पिंकी ही है। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से छानबीन कर रही है |

शादी में धोखाधड़ी का मामला: सुहागरात पर पति का खुला राज तो दुल्हन पहुंची थाने, जानिए

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आगरा,  । दुल्हन को धोखा देकर उसके फेरे दिव्यांग संग करा दिए। फेरों के दाैरान शक होने पर दुल्हन ने पूछताछ की तो ससुराल वालों ने कहा कि गलत इंजेक्शन लगने के चलते समस्या हो गई है।

दवाओं से कुछ दिन में सही हो जाएगी। मगर, सुहागरात पर दुल्हन को पता चला कि दूल्हा बचपन से दिव्यांग है तो उसके होश उड़ गए। अपने साथ हुए धोखे का विरोध करने पर ससुराल वालों ने उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया। ससुराल वालों ने उस पर मोबाइल का प्रयोग करने पर पाबंदी लगा दी। पहली विदा होकर मायके पहुंचने पर दुल्हन ने स्वजन को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी दी। बुधवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर पति और ससुराल वालों के खिलाफ धोखाधड़ी व दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत की।

मामला लोहामंडी इलाके की रहने वाली युवती का है। युवती की शादी एक महीने पहले मथुरा निवासी युवक से हुई है। युवती के स्वजन ने बताया कि वह बिचौलिया के माध्यम से लड़का देखने गए थे। लड़के को उन्होंने कुर्सी पर बैठे देखा, उससे बातचीत करने के दौरान ही परिवार के लोगों ने ध्यान भटका दिया। उन्हें अपना मकान, दुकानें और खेत दिखाने के बहाने वहां से ले गए। लड़के के बारे में बताया कि उसकी दुकान हैं, इसके अलावा खेती है। लड़का और उसका परिवार संपन्न होने के चलते उन्होंने रिश्ते के लिए हां कर दी।

इस वर्ष जनवरी में बेटी की शादी उसके साथ कर दी। फेरों के दौरान दूल्हे के अपने पैरों पर खड़ा न हो पाने पर दुल्हन को शक हुआ। उसने दूल्हे और उसके साथ के लोगों से जानकारी की। उन्होंने बताया कि गलत इंजेक्शन लगने के चलते उसे दिक्कत हो गई है। जिसका इलाज चल रहा है, कुछ दिन में ठीक हो जाएगा। विदा होकर ससुराल पहुंचने पर उसे पता चला कि दूल्हा बचपन से ही दोनों पैरों से दिव्यांग है। जिस पर उसने अपने साथ हुए धोखे का विरोध किया।

दुल्हन का आरोप है कि इस दौरान उस पर मोबाइल का प्रयोग नहीं करने दिया गया। पति व ससुराल वालों को डर था कि वह स्वजन को उसके दिव्यांग होने की सच्चाई न बता दे। वह 31 जनवरी को पहली विदा पर अपने घर गई तो उन्हें सारी सच्चाई बताई। ससुराल वाले छह फरवरी को मायके से उसे अपने साथ ले गए। वहां से लौटने के बाद उसका उत्पीड़न तेज कर दिया। जिसकी शिकायत करने पर 18 फरवरी को उसकी मां लेने आई तो दोनों के साथ गाली-गलौज और अभद्रता की। पीड़िता के प्रार्थना पत्र पर एसएसपी ने महिला थाने को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।(साभार – जागरण)

अपर जिला जज ने दी पिता के हत्यारे बेटे समेत चार को आजीवन कारावास की सजा

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हरिद्वार, फरवरी 2010 में रुड़की में घर में घुस कर धारदार हथियार से वार कर हत्या करने के मामले में द्वितीय अपर जिला जज बीबी पांडेय ने मृतक के पुत्र समेत चार आरोपियों को दोषी पाया है। कोर्ट ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास और 70 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। मृतक की पत्नी भी मामले में आरोपी थी, लेकिन उसकी मृत्यु होने पर उसके खिलाफ केस खत्म कर दिया गया था।

शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार गुप्ता के अनुसार महिला कुसुम ने बताया था कि उसके पति लाल सिंह सहारनपुर यूपी में विकास भवन में नौकरी करता था। 19 फरवरी 2010 में थाना कोतवाली गंगनहर रुड़की क्षेत्र से वह डयूटी के लिए जा रहा था। उसी दिन सुबह सात बजे तीन मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने गांव पुहाना से आगे गोली मारकर उसे घायल कर दिया था। घायलावस्था में उसके पति को हायर सेंटर दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

इस घटना की लिखित शिकायत कोतवाली गंगनहर रुड़की में दी गई थी। घटना के दस दिन बाद उसके पति लाल सिंह दून अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आए थे। उसी रात तीन अज्ञात बदमाशों ने उसके पति की गर्दन पर तेज धारदार हथियार से हमला कर दिया था। मौके पर ही लाल सिंह ने दम तोड़ दिया था। शिकायतकर्ता ने बताया था उसके शोर मचाने पर उसका पुत्र रामभूल व पुत्रवधू मौके पर आ गई थी। उन्होंने तीनों हमलावरों को पहचान लिया था, मृतक लाल सिंह की पत्नी कुसुम ने कोतवाली गंगनहर रुड़की में अभियुक्त छोटा उर्फ गौतम, सुमेरचंद उर्फ सुक्खा और इसम सिंह के खिलाफ घर में घुसकर हत्या करने की धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने केस की विवेचना के बाद मृतक लाल सिंह की पत्नी कुसुम और उसके पुत्र रामभूल को भी हत्या में शामिल होना पाया था।

जिस पर केस के विवेचक ने छोटा उर्फ गौतम पुत्र अमर सिंह निवासी ग्राम बेहड़की सैदाबाद थाना झबरेड़ा, सुमेरचंद उर्फ सुक्खा पुत्र बारू निवासी ग्राम मौलना थाना झबरेड़ा, इसम सिंह पुत्र नानकचंद निवासी ग्राम पनियाला कोतवाली गंगनहर, मृतक के पुत्र रामभूल व उसकी पत्नी कुसुम के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 12 गवाह पेश किए।

देवभूमि की बेटी तमन्ना त्यागी सुरक्षित यूक्रेन से वतन वापिस करने पर हुआ भव्य स्वागत

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ॠषिकेश, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद वहां रह रहे भारतीयों के देश वापसी का सिलसिला जारी है. खासकर वैसे बच्चे जो डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए विदेश गए थे, वो वापस अपने घर लौट रहे हैं. इन बच्चों में देवभूमि ऋषिकेश के बच्चे भी शामिल हैं, जो घर लौट रहे हैं और यूक्रेन की डराने वाली स्थिति बता रहे हैं. इसी क्रम में प्रदेश के देहरादून जिला के ऋषिकेश निवासी तमन्ना त्यागी बुधवार को अपने घर पहुंची। एमबीबीएस की छात्रा तमन्ना त्यागी अपने साथियों के साथ यूक्रेन में फंसी थी, तमन्ना यूक्रेन के इवानो फ्रेंकिवस्क कॉलेज में एमबीबीएस के तृतीय वर्ष की छात्रा है। उनके वतन वापसी पर उनके घर पर उनका भव्य स्वागत हुआ।

कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने वतन वापसी पर उनका स्वागत कर पुष्पगुच्छ भेंट कर मिष्ठान खिलाकर स्वागत किया, रमोला ने कहा कि वह बड़े खुश हैं कि ऋषिकेश की बिटिया तमन्ना सकुशल अपने वतन आ गई है ऐसे ही हजारों हमारे छात्र अभी यूक्रेन में फंसे हैं उन्हें भी सरकार और तत्परता दिखाकर जल्द से जल्द सकुशल वतन में वापसी करवाएं।
स्वागत करने में बृजपाल राणा, दिनेश रावत, शैलन्द्र भंडारी, प्यारे लाल जुगरान, मनीष मिश्रा सहित कई लोग मौजूद थे ।

 

एनएसयूआइ ने केंद्र के खिलाफ किया प्रदर्शन,राज्यपाल को भेजा ज्ञापनnsui protest at gandhi park for ukrain matter - Uttarakhand Dehradun City Local News

देहरादून: भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में गाधी पार्क के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र पर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को पर्याप्त मदद न पहुंचाने का आरोप लगाया। एक घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन भेजा।

एनएसयूआइ कार्यकत्र्ताओं ने आरोप लगाया कि रूस व यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता देख अन्य देश अपने नागरिकों को समय से पूर्व यूक्रेन से ला चुके थे। जबकि केंद्र सरकार मुंह ताकती रही। एनएसयूआइ के राष्ट्रीय संयोजक विकास नेगी ने कहा कि दूतावास के दिशा-निर्देश के बाद भी समय से विमानों को यूक्रेन नहीं भेजा गया। केंद्र सरकार के लिए चुनाव देश के नागरिकों के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण दिख रहा है। एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि अभी भी हजारों की संख्या में छात्र यूक्रेन बार्डर मे फंसे हुए हैं, लेकिन सरकार की व्यवस्था अपर्याप्त है। प्रदर्शन करने वालों में जिला उपाध्यक्ष उदित थपलियाल, हिमाशु रावत, अभय कत्युरा, वासु शर्मा, दिव्य रावत, नमन शर्मा, सिद्धार्थ, उत्कर्ष जैन आदि शामिल रहे।

वहीं यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की घर वापसी पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डा. प्रतिमा सिंह ने बुधवार को बयान जारी करते हुए कहा कि देश के नागरिकों की सकुशल घर वापसी के लिए काग्रेस पार्टी सहित पूरा विपक्ष केंद्र सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने हाल ही में यह बयान दिया है कि ‘युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों को यूक्रेन के पश्चिमी भाग तक पहुंचकर आसपास के शहरों में शरण लेने की कोशिश करनी चाहिए’, यह नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ने जैसा है। डा. प्रतिमा सिंह ने कहा कि यूक्रेन से बाहर निकलकर रोमानिया की सीमा पर पहुंचे 470 छात्रों को भी अभी तक भारत लाने के लिए कोई इंतजाम नहीं हो पाए हैं। बंकरों में शरण लिए छात्रों के पास खाने-पीने का इंतजाम भी नहीं है।