Friday, May 23, 2025
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मसूरी में ट्रैफिक व्यवस्थित करने का निषेधाज्ञा लागू

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देहरादून। प्रशासन ने मसूरी में क्रिसमस, नए वर्ष एवं शीतकालीन पर्यटन को देखते हुए निषेधाज्ञा लागू की है। इसमें ट्रैफिक को लेकर सरकारी आदेशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। इस निषेधाज्ञा के तहत सरकारी विभागों को भी जिम्मेदारी दी गई है। निषेधाज्ञा 20 जनवरी तक लागू रहेगी। जिला प्रशासन देहरादून ने इसके तहत हाथी पांव (जार्ज एवरेस्ट रोड), बस्साघाट एवं कुठालगेट पर अस्थायी तथा किंक्रेग पर स्थायी रूप से सेटेलाइट पार्किंग विकसित करने तथा निर्मित पार्किंग स्थल को वाहनवार अलग-अलग प्रदर्शित करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग, आरटीओ और मसूरी पालिका के साथ ही जिला पर्यटन विकास अधिकारी को दी है। मसूरी का पार्किंग स्थल पर व्यवस्था, वाहनों को पार्किंग स्थलों पर डायवर्ट करने की जिम्मेदारी एसपी ट्रैफिक और सीओ मसूरी को दी है। शटर सेवा का संचालन एआरटीओ करेंगे।

 

मुख्यमंत्री ने दी प्रदेश वासियों को क्रिसमस की बधाईमुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को इगास पर्व /बूढ़ी दीपावली की बधाई एवं  शुभकामनाएं दी | Suryavansham Times

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने क्रिसमस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों विशेषकर ईसाई समुदाय के लोगों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि क्रिसमस का यह पर्व हमें सेवा, त्याग, प्रेम और करुणा जैसे आदर्शों का अनुसरण करने का संदेश देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिसमस का त्योहार आपसी भाईचारे की भावना और खुशियों को बांटने का उत्सव है। उत्तराखण्ड में सभी पर्वों को मिलजुल कर मनाने की श्रेष्ठ परम्परा रही है।

 

मुख्यमंत्री ने पेशावर कांड के नायक को अर्पित की श्रद्धान्जलिमुख्यमंत्री धामी ने पेशावर कांड के नायक वीर चन्द्र सिंह 'गढ़वाली' की जयंती  पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की – Aakash Gyan Vatika

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पेशावर कांड के नायक वीर चन्द्र सिंह ‘गढ़वाली‘ का उनकी जयंती पर भावपूर्ण स्मरण किया है। मुख्यमंत्री ने वीर चन्द्र सिंह ‘गढ़वाली’ की जयंती की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में वीर चन्द्र सिंह ‘‘गढ़वाली‘‘ को पेशावर कांड का महानायक बताते हुए कहा की उन्होंने देश की आजादी के लिये आन्दोलनरत निहत्थी जनता पर गोली चलाने के आदेश को न मानकर देशभक्ति और साहस का परिचय दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के लिए ‘पेशावर कांड‘ एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के आंदोलन में यह घटना मील का पत्थर साबित हुई, जिसने देश की आजादी के लिए एक क्रांतिकारी आधार तैयार किया।

 

मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व0 अटल बिहारी बाजपेई को अर्पित की श्रद्धांजलिDehradun:-मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.अटल  बिहारी बाजपेई को अर्पित की श्रद्धांजलि - संवाद जान्हवी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न, स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी कुशल प्रशासक, राजनीतिज्ञ एवं लोकप्रिय जन नेता के साथ महान वक्ता थे, जिन्हें समाज के सभी वर्गों के लोग सम्मान देते थे। स्व. वाजपेयी के लिए राष्ट्रहित सर्वाेपरि था। अटल जी उत्तराखण्ड राज्य के प्रणेता रहे हैं, उन्होंने न केवल उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया बल्कि राज्य विकास के लिए आधार भी तैयार किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी नयी पहचान बनाई तथा 21 वीं शदी में मजबूती से कदम आगे बढ़ाया। उनमें सभी को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। उनकी दूरगामी सोच, रचनाओं, पोखरण परमाणु परीक्षण, कारगिल की लड़ाई में भारत को मिली विजय के लिये उन्हें हमेशा याद किया जायेगा।

 

मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर दी श्रद्धांजलिUttarakhand:-मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी के चित्र  पर पुष्पांजली अर्पित कर दी श्रद्धांजलि - संवाद जान्हवी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखण्ड निवास नई दिल्ली में स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी की जयन्ती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण आन्दोलन में स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के गांधी के नाम से विख्यात स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी 1994 के राज्य आंदोलन के सूत्रधार रहे। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिये उनकी संकल्पनाओं एवं राज्य निर्माण के संघर्ष में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. बड़ोनी जी की जयन्ती का अवसर हमें उत्तराखण्ड को विकसित एवं अग्रणी राज्य बनाने की भी प्रेरणा देता है। उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में उनके सक्रिय सहयोग को सदैव याद रखा जाएगा।

कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में भारी बर्फबारी, चारों तरफ बिछी बर्फ की चादर

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नईदिल्ली, । देश के पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी हो रही है. जिसके चलते तापमान माइनस से नीचे चला गया है. बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. जिसके चलते दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में ठिठुरन बढ़ गई गई. जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक बर्फबारी हो रही है. हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों पर भी जमकर हिमताप हो रहा है.
बर्फबारी के चलते पर्यटकों की खुशी का ठिकाना नहीं है. हालांकि कुल्लू-मनाली, रोहतांग और राज्य के ऊपरी इलाकों में हुई बर्फबारी सैलानियों के लिए मुसीबत बन गई है. दरअसल, बर्फबारी के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है. जिसके चलते सोमवार को मनाली-केलांग मार्ग पर वाहनों की आवाजाही को अस्थाई रूप से रोकना पड़ा. इस दौरान अटल टनल के रास्ते पर करीब 1000 गाडिय़ां फंस गईं. हालांकि, प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया और फंसे हुए सैलानियों को निकाल लिया.
उधर उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों पर भी बर्फबारी हो रही है. राज्य के कई ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों पर बर्फ जम गई है. हालांकि, हिमाचल प्रदेश की तुलना में यहां कम बर्फबारी हुई है, लेकिन औली, उत्तरकाशी, चकराता, बद्रीनाथ, केदारनाथ जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है.
उधर केदारनाथ धाम में भी इस सीजन की दूसरी बर्फबारी देखने को मिली. बर्फबारी के चलते यहां चल रहा पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है. केदारनाथ धाम में सोमवार से लगातार हिमपात हो रहा है. जहां अब तक एक फीट से ज्यादा बर्फ जम गई है. इस बीच मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है.
उत्तराखंड के औली में भी जमकर बर्फबारी हो रही है. औली की वादियां में चारों तरफ बर्फ की चादर बिछ गई है. जानकारी के मुताबिक, औली में आधा फीट बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है. इस बीच क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए भी पर्यटक औली पहुंचने लगे हैं. जहां बर्फबारी का नजारा देखकर सैलानी काफी खुश हैं.
वहीं जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी जारी है. केंद्र शासित राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ की चादर बिछी हुई है. सोमवार को पीर पंजाल और सोनमर्ग में जमकर बर्फबारी हुई. इसी के साथ मौसम विभाग ने कई अन्य इलाकों के लिए भी अलर्ट जारी किया है.
घाटी में दिन और रात का तापमान लगातार गिर रहा है. श्रीनगर में रविवार रात तापमान माइनस 3.6 डिग्री दर्ज किया गया. इस बीच डल झील भी जम गई. जबकि पहलगाम में पारा माइनस 5 डिग्री सेल्सियस हो गया.

पर्वतीय गाँधी स्व. बड़ोनी की जन्मशती पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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देहरादून, पृथक उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के पुरोधा रहे पर्वतीय गाँधी स्व. इन्द्रमणि बड़ोनी की जन्मशती पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा उनकी प्रतिमा पर पुष्प माला चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
पूर्व राज्य मन्त्री विवेकानन्द खंडूड़ी एवं प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी के साथ ही राजपुर विधायक खजान दास ने प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते हुये कहा कि बडोनी जी ने गांधीवादी तरीके से इस आन्दोलन को दिशा दी , जिसमें सभी ने बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया औऱ मात्र साढ़े छः वर्षों मेँ राज्य प्राप्त किया। हम सब मिलकर उनके सपनों को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
पूर्व राज्य मन्त्री रविन्द्र जुगरान एवं पिछड़ा वर्ग आयोग के अशोक वर्मा व मंच के सलाहकार ओमी उनियाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनके योगदान को याद कर इन्द्रमणि बडोनी अमर रहें के नारे लगाते हुये कहा कि हम जल जंगल जमीन के साथ ही अपने प्रदेश को विशेषकर पहाड़ पर स्वास्थ्य शिक्षा औऱ रोजगार के साथ चौमुखी विकास की ओर बढ़ना हैं।
प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती व सुलोचना भट्ट ने कहा कि हमारे प्रदेश के नेता व प्रसाशन के अधिकारियों ने कभी बडोनी पार्क की सुध नहीं ली औऱ ना ही वंहा पुष्प चढ़ाने की जहमत उठा पाते उनके सपनों के अनुसार ना स्थाई राजधानी , ना 371 की तर्ज पर सशक्त भू कानून , ना मूल निवास व अधिकार ना छोटी इकाइयों (जिलों) का गठन , ना गंभीरता के साथ पहाड़ पर बेहतरीन नीतियां बनाई गईं। ओमी उनियाल व पूरण सिंह लिंगवाल ने कहा कि राज्य आंदोलनकारी मंच प्रदेश हितों के लियॆ लगातार संघर्ष करता रहेगा चाहे मुजफ्फरनगर काण्ड के दोषियों को न्याय दिलाने की आवाज हो या लोकायुक्त लागू कराने की मांग हो या रोजगार शिक्षा के साथ बेहतरीन स्वास्थ्य की मांग हो। गौरतलब हो किस्वर्गीय बडोनी के जन्मदिन को संस्कृति दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

श्रद्धांजलि देने वालों में विवेकानन्द खंडूड़ी , जगमोहन सिंह नेगी , अशोक वर्मा , ओमी उनियाल , रवीन्द्र जुगरान , केशव उनियाल , जगमोहन सिंह नेगी , प्रदीप कुकरेती , पूरण सिंह लिंगवाल , संतन सिंह रावत , मोहन खत्री , अधिवक्ता शिवा वर्मा , नवीन नैथानी , मोहन शर्मा , हरी सिंह मेहर , सुरेश विरमानी , जबर सिंह पावेल , बिश्म्बर दत्त बौंठियांल , सुरेश कुमार , धनीलाल शाह , सुलोचना भट्ट , द्वारिका बिष्ट , राधा तिवारी , अरुणा थपलियाल , अधिवक्ता दुर्गा ध्यानी , प्रभात डण्डरियाल , नमन चन्दोला , मोहित डिमरी , लुसुन टोडरिया , इन्द्र सिंह रावत , विजय पाहवा , कर्नल सुनील कोटनाला , केप्टन विरेन्द्र बिष्ट , आशुतोष नेगी , प्रमिला रावत , मेजर संतोष भण्डारी , डा. प्रकाश चन्द्र , सी पी रतूड़ी आदि रहे ।

मिड-डे मील में छात्रों को परोसी जायेगी ईट राइट थाली

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-भोजन की गुणवत्ता और पोषकता को ईट राइट अभियान से जुडेंगे सभी स्कूल

-खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग की ओर से सीमैट में दिया गया प्रशिक्षण

देहरादून, भोजन की गुणवत्ता और पोषकता को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेशभर के स्कूलों में छात्र-छात्राओं को मिड-डे मील में ईट राइट थाली परोसी जायेगी। इसके लिये सभी राजकीय विद्यालयों को ईट राइट अभियान से जोड़ा जायेगा। अभियान के तहत सभी भोजनमाताओं और कैंटीन संचालकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि विद्यालयों में हाईजीनिक फूड प्रणाली विकसित की जा सके।
यह बात प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने समग्र शिक्षा परिसर में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, भारतीय खाद्य संरक्षा मानक प्राधिकरण तथा शिक्षा विभाग के तत्वाधान में आयोजित ईट राइट कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर कही।
डा. रावत ने कहा कि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छ, सुरक्षित व पोषक खाना बेहद जरूरी है। इसके लिये प्रदेभर के सभी राजकीय विद्यालयों को ईट राइट अभियान से जोड़ा जायेगा और विद्यालयों में संचालित कैंटीनों के संचालकों को एवं भोजनमाताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा।
डॉ. रावत ने कहा कि विद्यालयों में हाईजीनिक फूड प्रणाली विकसित कर स्कूलों को ईट राइट कैम्पस में तब्दील किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील अभियान के तहत अब स्कूलों में बच्चों को ईट राइट थाली परोसी जायेगी जो पोषण से भरपूर होगी। जिसमें मिलेट्स व स्थानीय व्यंजन भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि श्री अन्न में पोषक तत्व होने यह कई बीमारियों से बचाता खासकर क्षय रोग उन्मूलन में यह कारगर है। विभागीय मंत्री ने कहा कि ईट राइट अभियान के जरिये बच्चों और युवाओं को सही आहार की जानकारी दी जायेगी इसके लिये समय-समय पर स्कूलों में ईट राइट अभियान चलाये जायेंगे। साथ ही सभी स्कूलों में हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर नियुक्त किये जायेंगे। डॉ. रावत ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायोग से भोजनमाताओं को खाद्य सुरक्षा विषय पर प्रशिक्षण को मिशन मोड में संचालित करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिये। साथ ही उन्होंने ऐसे विद्यालयों जहां मिड डे मील दिया जा रहा है उन्हें वर्ष 2025 तक ईट राइट स्कूल प्रमाणीकरण किये जाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
इस अवसर पर शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने कहा कि सही आहार क्या हो, इसकी जानकारी हर किसी को दी जानी चाहिए, आज भोजन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है। उन्होंने कहा कि हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाने के लिए बच्चों के बीच ही काम किए जाने की जरूरत है।
ईट राइट इंडिया मेले में आयोजित प्रदर्शनी में द ताज होटल, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेरी फैडरेशन लि., भारतीय मानक ब्यूरो, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, अक्षय पात्र फाउण्डेशन तथा उत्तरांश संस्था ने अपने-अपने स्टॉल लगाकर ईट राइट अभियान से जुड़ी जानकारियां साझा की।
कार्यक्रम में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, निदेशक बेसिक शिक्षा आर.के. उनियाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा एस.बी. जोशी, अपर निदेशक अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक विद्यालयी शिक्षा कुलदीप गैरोला, ईट राइट इंडिया के राज्य नोडल व उपायुक्त एफडीए उत्तराखंड गणेश कंडवाल, उप निदेशक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण साहिल खान सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

जंतर-मंतर पर धमके उत्तराखंड़ी : पर्वतीय क्षेत्र को 5वीं अनुसूची में शामिल करने की रखी मांग

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नई दिल्ली, देश की राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर उत्तराखण्ड़ियों गर्जना सुनाई दी गयी, इस बार इकट्ठा हुये पर्वतीय लोगों का मकसद था उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को पहले की भांति जनजातीय क्षेत्र घोषित कर संविधान की 5वीं अनुसूची में शामिल करना। उत्तराखंड एकता मंच के बैनर तले रविवार 22 दिसंबर को जंतर-मंतर दिल्ली के जंतर मंतर पर देश भर से आए पर्वतीय मूल के लोगों का कहना था कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की , विषम भौगोलिक स्थिति में रोजगार के अभाव, वर्षा पर आधारित अलाभकारी खेती जैसे विभिन्न कारणों से व्यापक स्तर पर पलायन हो रहा है l हजारों गांव जनशून्य हो गए हैं।
उत्तराखंड एकता मंच के निशांत रौथाण ने कहा कि सन् 1972 से पहले पहाड़ में लागू थी 5वीं अनुसूची – पहाड़ में शेड्यूल डिस्ट्रिक्ट एक्ट 1874 लागू था, नॉन-रेगुलेशन सिस्टम लागू था, पहाड़ को 1935 में बहिष्कृत क्षेत्र घोषित किया गया था l यह तीनों जनजातीय कानून पहाड़ में भी लागू थे l आजादी के बाद देश में जिन भी इलाकों में यह कानून लागू थे उन इलाकों के मूलनिवासियों को भारत सरकार ने जनजातीय दर्जा देकर वहां 5वीं या 6वीं अनुसूची लागू की l लेकिन उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को 5वीं अनुसूची का दर्जा देने की बजाए ये अधिकार 1972 में छीन लिए गए l
उन्होंने कहा भारत सरकार द्वारा किसी भी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के जो मानक निर्धारित किए गए हैं उन पर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के मूलनिवासी खरे उतरते हैं, उत्तराखंड एकता मंच के देहरादून कॉर्डिनेटर अश्वनी मैंदोला ने बताया की उत्तराखंड को छोड़ कर सम्पूर्ण हिमालय के मूलनिवासियों को जनजाति का दर्जा मिला हुआ है। यहां तक कि हिमाचल प्रदेश का 43% क्षेत्रफल भी 5वीं अनुसूची के अंतर्गत आता है। इतिहासकार प्रोफेसर अजय रावत ने कहा कि शताब्दियों तक यहां खसों का निवास था जिसकी पुष्टि ऐतिहासिक तथ्यों, सरकारी दस्तावेजों तथा यहां के सांस्कृतिक परिवेश से होती है। संपूर्ण हिमालय के जनजातीय समुदायों की तरह उत्तराखंड का आम जनमानस भी प्रकृति का उपासक है। इसीलिए आज भी पर्वतीय क्षेत्र के 90% लोग खस जनजाति की परपराओं का पालन करते हैं, वहीं महावीर राणा ने कहा कि दुनिया के अन्य जनजातीय क्षेत्रों की तरह उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र की संस्कृति प्रकृति पूजक आदिवासियों वाली है। यहां के फूलदेई, हरेला, खतड़ुआ, इगास बग्वाल, हलिया दसहरा, रम्माण, हिलजात्रा जैसे त्यौहार व उत्सव हों या कठपतिया, ऐपण कला, जादू-टोने पर विश्वास, लोक देवताओं का आह्वान, ऐतिहासिक व पौराणिक पात्रों के नाम पर ‘जागर’ या फिर वनों पर आधारित खेती व पशुपालन आदि का सामान्य जनजीवन में आज भी प्रचलन है। जो पहाड़ की जनजातीय परंपरा को दर्शाते हैं। लोक-व्यवहार में रचे-बसे ऐसे अनेक तत्व हम पहाड़ियों को जनजातीय श्रेणी का स्वाभाविक हकदार बनाते हैं।
अपने उद्बोधन में उत्तराखंड एकता मंच के संयोजक अनूप बिष्ट ने कहा कि रोजगार की तलाश में अपना पैतृक घर, गांव व अन्य सबकुछ छोड़कर शहरों की ओर जाने वाले अधिकांश पहाड़ी लोगों की शुरुआती अवधारणा थी कि वे एक दिन पहाड़ जरूर लौटेंगे लेकिन ऐसा बहुत कम हो पाया। ऐसे प्रवासियों में से ज्यादातर लोग वर्षों तक अपने गांव वापस नहीं जा पाते हैं। जिससे पहाड़ के हजारों गांव निर्जन हो गए हैं। यदि पहाड़ में 5 वीं अनुसूची लागू होती है तो देश भर 5के शहरों में रह रहे पहाड़ी रोजगार के साथ घर वापिसी करेंगे l लेफ्टिनेंट जनरल(सेनि.) गंभीर सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है। इस दुर्गम क्षेत्र का जनविहीन होते जाना राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बहुत खतरनाक हो सकता है, यह एक महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से ध्यान दिया जाना जरूरी है। कार्यक्रम में उपस्थित प्रताप नगर के विधायक विक्रम नेगी ने कहा की वो इस मुद्दे को प्राइवेट मेम्बर बिल के माध्यम से उत्तराखंड विधान सभा के अगले सत्र में रखेंगे ।
दिल्ली के जंतर मंतर पर हजारों उत्तराखंडी मूलनिवासियों ने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित कर इसे संविधान की 5वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया ताकि उत्तराखंड के जनप्रतिनिधि जल्द ही इस प्रस्ताव को उत्तराखंड विधानसभा में पास करवाएंगे।

राज्य ब्यापार मंडल (रजि) की कार्यकारणी घोषित, प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र चौटाला ने की घोषणा

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देहरादून/ हरिद्वार। राज्य ब्यापार मंडल(रजि) उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र चौटाला व कार्यकारी अध्यक्ष सुमित अरोडा ने प्रदेश कार्यकारणी की घोषणा कर दी गयी है। कार्यकारणी में छः उपाध्यक्ष व दो महा मंत्री बनाये गये है।
राज्य ब्यापार मंडल उत्तराखंड के अध्यक्ष राजेन्द्र चौटाला द्वारा जारी पत्र के अनुशार भगवत अग्रवाल, विजय प्रजापति, चन्द्र शेखर गोस्वामी, तेज प्रकाश शाहू, बल सिंह सैनी, रामनाथ सिवोदिया को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी जबकि अतुल गोसांई व देवेंन्द्र चमोली को महाँ मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी। कार्यकारणी में दीपक गौनियाल सयुंक्त मंत्री, सचिव जसवंत सिंह विष्ट, हरीश द्विवेदी, संतोष कबड़वाल, विक्की जुनेजा। संगठन मंत्री अवधेश कुमार, आनंद सिंह विष्ट, रवि जैन व जितेन्द्र विज को बनाया गया। जबकि वित्त सचिव मधुर अरोडा को बनाया गया। इसके अलावा प्रदेश कार्यकारणी में ब्यापारियों को स्थान दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र चौटाला व कार्यकारी अध्यक्ष सुमित अरोडा ने सभी नव नियुक्त पदाधिकारियों को बधाई देते हुये संगठन के प्रति निष्ठा भाव से कार्य करने को कहा।
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पुनाड़ गदेरे पर निर्माणाधीन पार्किंग लेंटर डालते वक्त भरभराकर गिरी, दो मजदूर घायल

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देवेंन्द्र चमोली
रुद्रप्रयाग- नये बस अड्डे में पुनाड़ गदेरे पर सींचाई खंड द्वारा निर्माणाधीन पार्किगं लेंटर डालते वक्त अचानक गिर गयी जिसमें दो मजदूर चोटिल हुये है। सूचना पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुचीं व घायलों को अस्पताल भेजा गया।
घटना दोपहर लगभग 1:45 बजे की है जब निर्माणाधीन पार्किगं अचानक गिर गयी। पार्किगं में छत डालने का कार्य चल रहा था। पार्किगं का निर्माण जिसे सिंचाई खंड रुद्रप्रयाग द्वारा किया जा रहा था। इस हादसे में दो मजदूर घायल हो गए। दोनों को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, नंदन सिंह रजवार ने बताया कि घायलों में अफसर आलम (पुत्र मोहम्मद हुसैन), उम्र 40 वर्ष, निवासी मुशल नगर, किशनगंज (बिहार)।
विकास (पुत्र विनोद), उम्र 22 वर्ष, निवासी बालेकी, यूसुफपुर, हरिद्वार शामिल है।
घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है।

नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म, अब कक्षा 5 और 8वीं की परीक्षा में असफल छात्र होंगे फेल

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नई दिल्ली , केंद्र सरकार ने सोमवार को नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले की जानकारी दी है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि आज हमने यह निर्णय लिया है कि पांचवीं और आठवीं में प्रयास करने के बाद भी डिटेंशन की जरूरत पड़े तो उसी के बाद डिटेन किया जाए। इसमें यह भी प्रावधान किया है आठवीं कक्षा तक के स्कूलों से बच्चों को निष्कासित नहीं किया जाए।
उन्होंने आगे कहा, हम चाहते हैं कि हर एक बच्चे के अंदर सीखने की इच्छा बढ़े और इसको प्रयास में लाने के लिए उन बच्चों पर ध्यान दिया जाएगा, जो पढ़ाई में किसी कारणवश अच्छे नहीं है। इसलिए उन पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा। रूल में बदलाव आने के बाद यह संभव हो पाएगा और बच्चों में सीखने की लगन बढ़ेगी।
नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा। फेल छात्रों को दो महीने के भीतर पुन: परीक्षा का अवसर मिलेगा और इसमें भी फेल होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा। किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा।

छात्रों का आने वाले समय में राष्ट्र के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान – श्री विभु महाराज

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बौद्धिक और चारित्रिक विकास के लिए शिक्षा जरुरी – श्री विभु महाराज

300 बालक एवं बालिकाओं को श्री प्रेमनगर आश्रम समिति द्वारा कम्बल वितरण

हरिद्वार,(कुलभूषण शर्मा)। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तथा हरिद्वार जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज जी की प्रेरणा से श्री प्रेमनगर आश्रम ने राजकीय कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय एवं नेता जी सुभाषचन्द्र बोस राजकीय आवासीय विद्यालय के लगभग 300 बालक एवं बालिकाओं को कम्बल वितरित किए। राजकीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज जी के सुपुत्र श्री विभु जी महाराज ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को कम्बल वितरित किए व कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सब प्रदेश एवं राष्ट्र के भविष्य हैं तथा अपने माता-पिता के सपनों को साकार करना है। इसके लिए आपको एकाग्र चित्त होकर पठन-पाठन पर ध्यान देना है तथा आप सभी छात्रों का आने वाले समय में राष्ट्र के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान रहने वाला है।

उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर भारत को विश्व गुरु बनाना है। विभु महाराज ने योग को समय की प्रबल आवश्यकता बताते हुए कहा कि आज पठन-पाठन का यह महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। हमें इसका व्यापक प्रचार-प्रचार करना है तथा पठन-पाठन में इस विषय को अग्रणी रुप में रखना होगा, जिससे शिक्षार्थियों का बौद्धिक व चारित्रिक उत्थान हो सके। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी हरिद्वार के जिलाध्यक्ष श्री संदीप गोयल ने बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग करते हुए कहा कि हम कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं जिनकी प्रेरणा से यह कार्यक्रम आयोजित हुआ है। श्री गोयल ने कहा कि श्री सतपाल महाराज समय-समय पर स्वयं तथा स्वयं की संस्था के जरिए समाज की सेवा में अग्रणी भूमिका में रहते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री के.के. गुप्ता ने की तथा श्री महाराज जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आवासीय विद्यालय में रह रहे छात्र-छात्राओं को शीत ऋतु में इसकी अत्यधिक आवश्यकता थी। पूज्य विभु महाराज के विद्यालय पहुंचने पर छात्रों, शिक्षकों तथा अभिभावकों ने उनका भव्य स्वागत किया।

इस अवसर पर आश्रम के प्रबंधक पवन कुमार, हेमेंद्र सिंह, नरेश कुमार, शंकर लाल, मौजी भाई, महेंद्र भाई, त्रिलोचन भाई, गोपाल सैनी, कुलदीप रावत आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी जितेन्द्र कुमार ने किया।

हिमालय जैसे अटल व्यक्तित्व के धनी थे अटल बिहारी वाजपेयी: प्रो बत्रा

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हरिद्वार  ( कुलभूषण)  महाविद्यालय में आज छात्र कल्याण परिषद एवं आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई एवं भारतीय दर्शन विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि राष्ट्रीय क्षितिज पर सुशासन के पक्षधर, विकास पुरुष और स्वच्छ छवि के कारण अजातशत्रु कहे जाने वाले श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी एक सहृदय कवि, संवेदनशील व्यक्तित्व तथा भारतीय दर्शन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में प्रणेता के रूप में जाने जाते हैं। प्रो बत्रा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में पोखरण परमाणु परीक्षण, कारगिल युद्ध, मोबाइल क्रांति, स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना, ग्रामीण रोजगार सृजन जैसे किए गए कार्यों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की दशा और दिशा दोनों बदल दी। प्रो बत्रा ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेई के व्यक्तित्व तथा नेतृत्व में ऐसा भारत दिखता था जिसकी सभ्यता पांच हजार वर्ष पुरानी तथा आने वाले हजार वर्षों तक चुनौतियों का सामना करने का साहस हो। प्रो बत्रा ने भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की कविता गीत नया गाता हूं द्वारा युवाओं को जीवन की प्रत्येक स्थिति में हार न मानने का संदेश दिया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय किसान दिवस पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भी याद किया गया। आज आयोजित विचार गोष्ठी के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित शिक्षाविद श्री संदीप रावत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई जी का तीर्थनगरी हरिद्वार से बड़ा गहरा नाता रहा हैं। श्री रावत ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई जी अपने जीवनकाल में अनेकों बार हरिद्वार आए तथा उन्होंने यहां की आध्यामिक ऊर्जा को आत्मसात किया। श्री रावत ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी ने पाञ्चजन्य तथा वीर अर्जुन के साथ पत्रकारिता क्षेत्र में भी अपनी चहुमुखी प्रतिभा से सभी को अवगत कराया। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि जनता के बीच प्रसिद्ध भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। अपने राजनीतिक सेवा काल में श्री अटल बिहारी वाजपेई एक ऐसे नेता के रूप में उभरे जिसकी सोच में विश्व के प्रति उदारवाद तथा लोकतांत्रिक आदर्शों में विश्वास था।
इस अवसर पर संगीत विभाग की प्राध्यापिका अमिता मल्होत्रा के निर्देशन में छात्र छात्राओं द्वारा कारगिल विजय पर सुंदर नाटिका का मंचन भी किया गया। इस अवसर पर इशिका तथा चारू ने देशभक्ति गीत तथा अपराजिता ने कविता पाठ प्रस्तुत किया। प्रशिक्षु अर्शिका ने कहा कि भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में भारत आर्थिक रूप से मजबूत हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रो जे सी आर्य सुषमा नयाल डा मन मोहन गुप्ता, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डा शिवकुमार चौहान, डा मनोज सोही,. टिया, अमीषा, मानसी, आंचलआदि अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।