देहरादून, जनपद के जिलाधिकारी सविन बसंल ने जनपद में अवैध खनन/चुगान, अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन के विरूद्ध व्यापक कार्यवाही हेतु सख्त आदेश करते हुए राजस्व विभाग, व्यापार कर, जीएसटी व अन्य समस्त सम्बन्धित विभागो को आदेशित किया है कि संयुक्त रूप से अवैध खनन/चुगान, अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन के विरूद्ध व्यापक जनहित, राजकीय हित, लोक शान्ति व कानून व्यवस्था कायम रखने प्रभावी कार्यवाही को निर्देशित किया। नैनीताल में जिलाधिकारी रहते खनन के अवैध खनन के विरूद्ध व्यापक अभियान चलाते हुए खनन माफियाओं पर की गई थी सख्त कार्यवाही।
कालसी, डोईवाला ऋषिकेश में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर एवं क्षेत्र भ्रमण के दौरान समाज के प्रबुद्धजनों द्वारा क्षेत्र में अवैध खनन की प्राप्त हो रही हैं शिकायत को दृष्टिगत रखते हुए अवैध खनन, भण्डारण एवं परिवहन पर आदेश प्रभावी नियंत्रण हेतु आदेश अत्यंत
डीएम ने खनन माफियाओं पर सख्त आदेश जारी करते हुए नए कानून का सख्त हंटर चलाया है। डीएम ने आदेश जारी कर कम्पांउडिंग/पेनल्टी के खेल पर भी रोक लगेगी। डीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि अधिकारी कड़े शब्दों में निर्देश दिए थे। अवैध खनन, भण्डारण एवं निर्धारित क्षमता से अधिक खनन एवं परिवहन पर सीधा दर्ज हो बीएनएस में मुकदमा एवं वाहन जब्त। डीएम ने कहा कि चंद एक प्रभावी प्रवर्तन से ही करना है अवैध होसलों को पस्त किया जा सकता है इसके लिए उन्होंने राजस्व विभाग, व्यापार कर, जी०एस०टी०, वन, सिंचाई, खनन व अन्य समस्त सम्बन्धित विभागो की बहुत बारीकी से जिम्मेदारी तय कर दी है। अवैध खनन, अवैध भण्डारण व परिहवन का प्रकरण संज्ञान में आने पर कार्यवाही न किए जाने पर जिस क्षेत्र/विभाग के अधिकारी की संलिप्तता सामने आए, उसका सरंक्षण मानते सुसंगत धाराओं में होगी विधिक कार्यवाही। आदेशों में शिथिलता बरतने का काई स्कोप नही। नैनीताल में जिलाधिकारी रहते खनन के अवैध खनन के विरूद्ध व्यापक अभियान चलाते हुए खनन माफियाओं पर की गई थी सख्त कार्यवाही। वहीं अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु मुकदमा दर्ज करने में जेडी लॉ/अभियोजन अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की गई है।
जनपद देहरादून सीमान्तर्गत राजस्व भूमि, वनभूमि, अन्य विभागीय भूमि में जहां से भी उपखनिज / आर०बी०एम० अथवा बालू, बजरी एंव बोल्डर्स के अवैध खनन / चुगान कर अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन के प्रकरण पाये जाते हैं, सम्बंधित विभाग द्वारा अवैध खनन / चुगान, अवैध भण्डारण एंव अवैध परिवहन पर प्रभावी नियत्रंण एंव रोकथाम किये जाने के उद्देश्य से, खनन अधिनियम के प्राविधानो के अधीन की जाने वाली कार्यवाही के अतिरिक्त, अवैध खनन / चुगान कर अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन में संलिप्त आरोपियों के विरूद्ध भारतीय न्याय सहित की सुसंगत धाराओं 303 व 317 एवं अन्य में तत्काल आपराधिक अभियोग पंजीकृत कराया जायेगा और वन भूमि से सम्बन्धित होने पर उपरोक्त धाराओं के अतिरिक्त भारतीय वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं में भी अभियोग पंजीकृत किया जाना अनिवार्य होगा, जिस हेतु संयुक्त निदेशक, विधि एवं अभियोजन अधिकारी सम्बन्धित अधिकारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट तैयार कराने व दर्ज कराने में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। प्रत्येक विभाग इस हेतु प्रत्येक खनन क्षेत्रों में किसी राजपतित्र अधिकारी को नामित कर एवं अभियोग पंजीकृत करने हेतु उत्तरदायी बनाया जाना सुनिश्चित करेगें एवं नामित अधिकारी की सूचना 01 पक्ष में इस कार्यालय को उपलब्ध करायेगें। प्रकरण संज्ञान में आने पर विभाग द्वारा यदि उपरोक्तानुसार कार्यवाही नही की जाती तो सम्बन्धित अधिकारी की संलिप्ता एवं सरंक्षण मानते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध राज्य सरकार की अधिसूचना खान एवं खनिज विनियम तथा विकास अधिनियम 1957 की धारा 26 की उपधारा 2 में प्राधिकृत अधिकारी की ओर से जिला प्रशासन-राजस्व प्रशासन द्वारा सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कराया जाएगा।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि शासन की नीतियों व आदेशों के साथ-साथ समय-समय पर मा० उच्च न्यायालय द्वारा व्यक्त की गयी भावनाओं एवं चिन्ताओं के आलोक में दिये गये निर्देशों/ आदेशों के तहत उप खनिजो के अवैध खनन / चुगान, अवैध भण्डारण एवं अवैध परिवहन में प्रभावी अंकुश लगाया जाना व्यापक जनहित, राजकीय हित, कानून व्यवस्था व लोक शान्ति बनाये रखने की दृष्टि से अत्यन्त आवश्यक है। उपरोक्तानुसार दिये गये निर्देशो की उपेक्षा अथवा अवहेलना जहाँ एक ओर सम्बन्धित अधिकारी/ कार्मिक का उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के 3 (1), 3(2) का उल्लंघन होगा, वही दूसरी और अन्य सुसंगत प्राविधानो के साथ-साथ कानून व्यवस्था और लोक शान्ति की दृष्टि से दिये गये आदेशों का उल्लंघन मानते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अन्तर्गत दण्डनीय भी होगा।
जिलाधिकारी ने सम्बन्धित उपजिलाधिकारी को आदेशित किया है कि यह सुनिश्चित कर लें कि उक्त दिये गये निर्देशानुसार अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। निकट भविष्य में उनके द्वारा (डीएम) के द्वारा इस सम्बन्ध में समीक्षा की जायेगी। यदि यह पाया जाता है कि किसी उपजिलाधिकारी द्वारा उक्त के सम्बन्ध में शिथिलता बरती गयी है तो सम्बन्धित के विरूद्ध प्रतिकूल मन्तव्य वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि में निर्गत किया जायेगा।
कम्पांउडिंग/पेनल्टी के खेल से बाज आएं अधिकारी : जिलाधिकारी
स्वास्थ्य विभाग में गैरहाजिर चल रहे 158 चिकित्सक बर्खास्त
-राज्य सरकार ने डाक्टरों के बर्खास्तगी प्रस्ताव को दी मंजूरी
-ऐलोपैथिक चिकित्सकों के रिक्त पदों पर शीघ्र होगी नई भर्ती
देहरादून, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत विभिन्न अस्पतालों से लम्बे गयाब चल रहे 158 चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। जिसकी मंजूरी राज्य सरकार ने दे दी है। राजकीय चिकित्सलयों में तैनात इन डाक्टरों की अनुपस्थिति से जहां स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही थी वहीं पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की दिशा में सरकार ने बड़े फैसले लेने शुरू कर दिये हैं। एक तरफ जहां सरकार चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाओं को अपडेट कर रही है वहीं दूसरी ओर विभाग में लम्बे समय से गायब चल रहे चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में प्रदेशभर के विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में तैनात प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के 158 चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इन सभी चिकित्सकों के बर्खास्तगी प्रस्ताव पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। ये सभी चिकित्सक लम्बे समय से अस्पतालों से बिना बताये गायब चल रहे थे। इनमें से 60 चिकित्सकों ने कभी नौकरी ज्वाइन नहीं की, 59 चिकित्सक बिन बताये अनुपस्थित हैं जबकि 39 चिकित्सक परिविक्षा अवधि से ही गयाब हैं। जिनमें अल्मोड़ा जनपद के 12 चिकित्सक, नैनीताल, चम्पावत व उत्तरकाशी के 11-11, ऊधमसिंह नगर 21, देहरादून व बागेश्वर 9, पिथौरागढ़ 5, हरिद्वार 6, रूद्रप्रयाग 7, पौड़ी गढ़वाल 10 तथा टिहरी गढ़वाल व चमोली के 13-13 चिकित्सक शामिल हैं। इसके अलावा प्रदेशभर के विभिन्न चिकित्सालयों से गयाब चल रहे 20 और चिकित्सकों को भी बर्खास्त किया गया है। लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे इन चिकित्सकों की वहज से दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन मरीजों को स्थानीय स्तर पर उपचार न मिलने से इन्हें जिला अस्पताल या फिर बड़े शहरों के निजी अस्पतालों की ओर रूख करना पड़ रहा है। इसके अलावा स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों के द्वारा गायब चिकित्सकों की शिकायतें सरकार को मिल रही थी। लिहाजा सरकार ने कठोर निर्णय लेकर इन सभी अनुपस्थित चिकित्सकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई अमल में लाई। वहीं सरकार का कहना है कि इन चिकित्सकों के रिक्त पदों को शीघ्र भर दिये जायेंगे। इसके लिये जल्द ही उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से नई भर्ती निकाली जायेगी।
स्वास्थ्य विभाग में लम्बे समय से गायब चल रहे 158 चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। ये सभी चिकित्सक बिना बताये विभाग से अनुपस्थित चल रहे थे। जिसका प्रतिकूल प्रभाव प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा था। सरकार लापरवाह व गैरहाजिर चिकित्सकों को बकसने के कतई मूड में नहीं है भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। हमारा मकसद प्रदेश में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है जिसके लिये सरकार लगातार प्रयासरत है।- डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।
उत्तराखंड : भीमताल में रोडवेज बस खाई में गिरी, 3 की मौत कई घायल
नैनीताल (आरएनएस)। उत्तराखड़ के अल्मोड़ा से हल्द्वानी जा रही रोडवेज बस भीमताल-रानीबाग मोटर मार्ग पर आमडाली के पास 1500 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस बस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 24 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
भीमताल में हुए दर्दनाक बस हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। दुर्घटना के बाद एनडीआरएफ (नेशनल डिसास्टर रिस्पांस फोर्स) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम भी मौके पर पहुंच गई हैं।
इन टीमों ने घायलों को निकालने और उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्तपताल ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को निकाला जा रहा है।
भीमताल में हुए बस हादसे के बाद प्रशासनिक अमला पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए 15 एम्बुलेंस हल्द्वानी भेजे गए हैं, ताकि घायल यात्रियों को जल्दी से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सके।
सीएम धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भीमताल के निकट बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का समाचार अत्यंत दु:खद है। स्थानीय प्रशासन को त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए निर्देशित किया है। बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूं।
उत्तराखंड में हाल के दिनों में सडक़ हादसों में वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है। पिछले महीने नवंबर में अल्मोड़ा में एक और बड़ा हादसा हुआ था, जब यात्रियों से भरी एक बस खाई में गिर गई। इस दर्दनाक घटना में 36 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह, 12 नवंबर को देहरादून में भी एक भयावह कार दुर्घटना हुई, जिसमें छह छात्रों की मौत हो गई थी।
सीएम ने दिए ओखल में हुई बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि प्रदान करने के निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीमताल के ओखल में हुई बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। बस दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसमें उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा ₹5 लाख जबकि सड़क सुरक्षा निधि से 2 लाख और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 3 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसी प्रकार गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹3 लाख एवं सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों को ₹15-₹25 हजार दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस दुर्घटना के मृतकों के परिजनों और घायलों को राहत राशि के साथ ही सरकार के स्तर से उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गंभीर रूप से घायल लोगों को आवश्यकता अनुसार हायर सेंटर रेफर करने के भी निर्देश दिए।
भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती मनायी
हरिद्वार(कुलभूषण) महामना सेवा संस्थान द्वारा हरिद्वार स्थित प्रेस क्लब के आचार्य किशोरीदास वाजपेयी सभागार में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की 164वीं जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर ‘हिंदुत्व के संवर्धन और,प्रचार प्रसार में महामना पं. मदन मोहन का योगदान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
इससे पूर्व मदन मोहन मालवीय के चित्र पर माल्यार्पण और दीपक प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संस्था की ओर से पुष्पाभिनंदन कर अतिथियों का स्वागत किया गया। गोष्ठी में आरंभ संस्थान की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए अनेक विद्वान विभूतियों और प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। जिनमें उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और मर्म चिकित्सा के विश्वप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुनील जोशी को संस्था का सर्वाेच्च महामना मालवीय सम्मान तथा चिद्यार्थियों के शैक्षिक विकास के अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक एसएस रौतेला, कवित्री एवं पत्रकार राधिका नागरथ, विद्यार्थी जीवन से ही संघर्षशील रह कर भूमाफियाओं सेे कनखल के प्रतिष्ठित डॉ0 हरिराम आर्य इंटर की भूमि बचानेे, इतिहास, पर्यटन, भाषा सहित कई पुस्तकों का लेखन तथा पत्रकारों के हित और कल्याण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, समाज सेवी जगदीश लाल पाहवा व सुधीर गुप्ता, ताइक्वांडो की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली अनुष्का नेगी, एमबीबीएस के मेधावी छात्र कृष्णा दीक्षित, तथा नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने वाले प्रशांत, एवं स्पोर्टस कोच भारत भूषण को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रतीक चिन्ह के रूप में मालवीय स्मृति सम्मान तथा अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ0 सुनील जोशी ने मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बनारस हिंदु विश्वविद्यालय, ऋषिकुल विद्यापीठ तथा गंगा सभा का स्थापना व गंगा की पवित्रता और अस्मिता के लिए किये गये कार्यों का उदाहरण देते हुए उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताया। उन्होंने कहा का कि मालवीय जी ने वैदिक ज्ञान के लिए अपने सारे संसाधन लगा कर और दान लेकर बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय जैसा विश्व का सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थान खड़ा किया। जिसका उद्धेश्य था कि दुनिया भारतीय ज्ञान-विज्ञान को समझे और हम मानव कल्याण के लिए कार्य कर सके। डॉ0 जोशी ने कहा कि अगर हम अपने जीवन में मालवीय जी की कृपा को छोड़ दें तो ‘शूज्य’ के अलावा कुछ नहीं बचता।
गोष्ठी के अध्यक्ष महामंडलेश्वर रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने कहा कि पं. मदन मोहन मालवीय ने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। क्योंकि उनके लिए राष्ट्र सर्वाेपरि था। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने वैश्विक स्तर पर सारे हिंदु समाज को जोड़ने का कार्य किया। उन्हांेने कहा कि हमें भी मालवीय जी की तरह राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने की जरूरत है।
ब्रह्मकुमारी मीना बहन ने राष्ट्र के विकास और उन्नति के लिए मालवीय जी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। संस्थान के अध्यक्ष पदम प्रकाश सुवेदी ने मदनमोहन मालवीय द्वारा स्थापित ऋषिकुल विद्यापीठ की दुर्दशा, अनाधिकृत कब्जों पर चिंता जाहिर करते हुए विद्यापीठ की उन्नति के लिए कार्य करने की आवश्यकता जतायी। डॉ0 हरिनारायण जोशी ने कहा कि जिस समय भारत पराधीन था उस समय एक ओर स्वतंत्रता आन्दोलन और दूसरी ओर समाज, संस्कृति, हिन्दी, हिन्दुत्व और हिन्दुस्तान की थ्योरी थी। जिस पर काम करने वाला मदन मोहन मालवीय के अलावा कोई व्यक्ति नहीं था। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने भगीरथ अंश के रूप में कार्य किया।
इस अवसर पर जगदीशलाल पाहवा, मीना बहन, डॉ0 विशाल गर्ग, सुधीर गुप्ता, जितेन्द्र विद्याकुल, प्रकाश जोशी, ओ0 पी0 सिंह, जगत सिंह रावत, राधिका नागरथ, प्रमोद शर्मा, पद्मप्रकाश सुवेदी, भारत भूषण, पुष्पेन्द्र जोशी, सचिन आर्य, डॉ0 हरिनारायण जोशी, एस0एस0 रौतेला, डा हिमांशु द्विवेदी अमित शर्मा, डॉ0 रजीनकांत शुक्ल, श्रवण झा, सूर्यकांत बेलवाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के महामंत्री डॉ0 रमेश चन्द्र शर्मा एवं संयुक्त मंत्री धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने किया।
जनपद के सीमांत गाँव सारी (गौचर) में पाँडव नृत्य की धूँम, 29 को होगा भब्य चक्रब्यूह का मंचन
रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- विकास खण्ड अगस्त्यमुनी के सीमांत गाँव सारी में इन दिनों पाँडव नृत्य का आयोजन चल रहा है। पाँडव नृत्य दर्शनार्थ धियाँणियों व प्रवासी ग्रामीणों के आगमन से गाँव में उत्सव जैसा माहोल बना हुआ है। पारंम्परिक वाद्य यंत्रों की थाप पर पाँडव नृत्य करते पश्वा सबके आस्था व आकर्षण का केन्द्र बने है। 29 दिसम्बर को भब्य चक्रब्यूह का मंचन किया जायेगा।
सारी, डंगधार, बैसोड़,चमसील, ग्वाड़, नरसू, डांडा, बामणों,सिंद्रवाणी, विलकोणा के ग्रामीणों की सहभागिता से 14 दिसम्बर को दीप प्रज्वलन से शुरू हुये इस धार्मिक आयोजन में 21 दिसम्बर को अस्त्र शस्त्र पूजा से विधिवत पाँडव नृत्य शुरु हुआ। 31 दिसम्बर तक चलने वाले इस धार्मिक कार्यक्रम शुरू में आज पाँचवे दिन द्रौपदी स्वयंम्बर का नृत्य मंचन हुआ। इस दौरान सैकडो की संख्या मे ग्रामीण व छैत्रीय जनता मौजूद थी। पाँडव नृत्य समिति सारी द्वारा बताया गया कि आगामी 29 दिसम्बर को भब्य चक्रब्यूह का मंचन किया जायेगा। जबकि 30 दिसम्बर को जल कलश यात्रा, व 31 दिसम्बर को गैंडा बध व प्रसाद वितरण के साथ पाँडव नृत्य का समापन होगा। इस अवसर पर ईश्वर सिंह विष्ट, मोहन सिंह विष्ट, दीपक डिमरी, दिनेश विष्ट, कलिराम कांडपाल, श्रीराज विष्ट सहित सैकडो की संख्या में ग्रामीण व छैत्रीय दर्शनार्थी मौजूद थे।
महापौर चुनाव : दून में राजीव महर्षि पर दांव लगा सकती है कांग्रेस, आज किया आवेदन
देहरादून, उत्तराखंड़ में निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रदेश के कुल 11 नगर निगमों में देहरादून नगर निगम उत्तराखंड का सबसे बड़ा नगर निगम है। देहरादून नगर निगम में 100 वार्ड हैं। यहां मेयर, डिप्टी मेयर और 99 पार्षद होते हैं। प्रदेश की राजधानी का शहर होने के कारण देहरादून नगर निगम का वैसे भी राजनीति में सर्वाधिक महत्व है। सत्तारूढ़ भाजपा को यहां मुख्य विपक्षी कांग्रेस से यहां इस बार टक्कर मिल सकती है।
नामांकन दाखिल किए जाने से पूर्व देहरादून नगर निगम में कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए प्रत्याशी चयन की कसरत निसंदेह बेहद चुनौती भरी है। कांग्रेस में जितने भी मेयर पद के दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं, सबकी अपनी पृष्ठभूमि है। इनमें एक नाम उभरा है राजीव महर्षि जिन्होंने आज मेयर पद के लिये कांग्रेस कार्यालय मे आवेदन किया। देहरादून की ही मिट्टी में जन्मे, उच्च शिक्षित और विजनरी नेता के रूप में महर्षि की पहचान है। वे मीडिया में पार्टी का पक्ष पूरी तैयारी और गंभीरता से रखते आए हैं I
यह पहला मौका है जब राजीव महर्षि राजनीति के समर में प्रत्यक्ष रूप से उतरते दिख रहे हैं। डीएवी कॉलेज के छात्र नेता रहे और शुरू से ही कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। एनएसयूआई से लेकर युवा कांग्रेस में वे सक्रिय रहे ही हैं, राज्य आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया। छात्र और युवा नेता के रूप में राजीव महर्षि हमेशा जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे हैं। पार्टी के साथ उनकी निष्ठा असंदिग्ध रही है। पार्टी के हर कार्यक्रम में उनकी सक्रिय भागीदारी राज्य स्थापना के पूर्व से आज तक निरन्तर बनी दिखती है।
जानकार मानते हैं कि कांग्रेस में राजीव महर्षि एक ऐसा नाम है जिनको लेकर प्रदेश अध्यक्ष करन महरा से लेकर हरीश रावत तक, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल या फिर अन्य वरिष्ठ नेताओं का समर्थन मिलने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी I क्योंकि पार्टी में राजीव महर्षि की सर्वप्रिय छवी और व्यावहार कुशल माना जाता है I यानी कॉंग्रेस से देहरादून मेयर प्रत्याशी के तौर पर राजीव महर्षि को मैदान में उतारने के लिए उनको सभी वरिष्ठ नेताओं का समर्थन भी प्राप्त हो सकता है I
कांग्रेस में ही उनके समर्थक कहते हैं कि अत्यंत व्यवहार कुशल तथा हर किसी के सुख दुख के साथी राजीव महर्षि की छवि नेकनीयत नेता की है और लोगों के लिए वे हर समय उपलब्ध भी रहते आए हैं। समर्थक मानते हैं कि पिछले आठ-दस साल से सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति लोगों में एंटी इनकमबैंसी फैक्टर बढ़ा है और इसका लाभ राजीव महर्षि को मिल सकता है। उन्होंने राज्य और महानगर के मुद्दों को पूरी बेबाकी से न सिर्फ उठाया है बल्कि उन्हें अंजाम तक भी पहुंचाया है। उच्च शिक्षित, मृदु भाषी और कुशल नेतृत्व क्षमता वाले राजीव महर्षि महानगर की समस्याओं के समाधान के लिए पहले भी सक्रिय रहे हैं और जिम्मेदारी मिलने के बाद वह और अधिक गतिशीलता से समस्याओं का स्थाई समाधान कर इसे जुमले की स्मार्ट सिटी से वास्तविक अर्थों में स्मार्ट सिटी बनाने की क्षमता रखते हैं।
राजीव महर्षि कहते हैं कि वे महानगर देहरादून को अधिक सुविधा युक्त बनाना चाहते हैं I अगर पार्टी ने भरोसा जताया तो वे महापौर का चुनाव जीतकर
देहरादून के यातायात प्रबंधन, कूड़ा निस्तारण, जन सुविधाओं का विस्तार, पार्क, पार्किंग, जल निकासी, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे तमाम मुद्दों के समाधान के लिए वह सतत कार्यशील रहकर अपनी क्षमताओं का उपयोग करेंगे, जिसका लाभ जनता को मिलेगा I
अटल जी के शताब्दी वर्ष पर लेखक गांव में नालंदा पुस्तकालय और व्याख्यान माला का शुभारंभ
लेखक गांव, उत्तराखंड में आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की शताब्दी जयंती के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर नालंदा पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का उद्घाटन और अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान माला का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल माननीय शिव प्रताप शुक्ल जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इंडिया टीवी के अध्यक्ष और प्रधान संपादक श्री राजत शर्मा जी ने मुख्य वक्ता की भूमिका निभाई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, इंडिया फ्लैग फाउंडेशन के सीईओ मेजर जनरल असीम कोहली, सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरुण’ और डॉ. सविता मोहन जैसे विशिष्ट अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को विशेष बनाया।
कार्यक्रम की शुरुआत लेखक गांव में स्थित 72 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज के फहराने के साथ हुई, जिसे इंडिया फ्लैग फाउंडेशन ने स्थापित किया है। इसके पश्चात अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा का अनावरण हुआ। इस अवसर पर सभी अतिथियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
नालंदा पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का उद्घाटन इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण रहा। यह पुस्तकालय प्राचीन भारतीय ज्ञान की धरोहर को सहेजने के साथ-साथ आधुनिक शोध और अध्ययन के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करेगा। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान माला का शुभारंभ किया गया, जो हर वर्ष आयोजित होगी। इसका उद्देश्य अटल जी के बहुआयामी व्यक्तित्व और उनके साहित्यिक व राजनीतिक विचारों को समाज के साथ साझा करना है।
मुख्य वक्ता श्री राजत शर्मा ने कहा, “अटल जी केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक युगदृष्टा और श्रेष्ठ वक्ता थे। उनकी वाक्पटुता, साहित्यिक प्रतिभा और प्रेरणादायी नेतृत्व हमें आज भी मार्गदर्शन देता है। लेखक गांव और नालंदा पुस्तकालय उनके विचारों को जीवंत रखने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। मुझे गर्व है कि उनके 100वें जन्मदिवस पर मैं इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बन सका।”
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने उद्बोधन में कहा, “उत्तराखंड राज्य की स्थापना अटल जी की दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। लेखक गांव और नालंदा पुस्तकालय उनकी साहित्यिक और सांस्कृतिक दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। यह स्थान न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है।”
राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने इस अवसर पर कहा, “यह लेखक गांव और नालंदा पुस्तकालय आधुनिक भारत के ज्ञान का तीर्थस्थल है। डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी ने अटल जी के सपनों को साकार करने का एक उत्कृष्ट कार्य किया है। लेखक गांव साहित्य, संस्कृति और विचारों का केंद्र बनेगा, जहां समाज को दिशा देने वाले विचार पनपेंगे।”
डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस अवसर पर कहा, “भारत हमेशा से ज्ञान और संस्कृति का केंद्र रहा है। नालंदा पुस्तकालय हमारी प्राचीन ज्ञान परंपरा का प्रतीक है और यह आधुनिक युग में भी समाज को प्रेरित करेगा। अटल जी मेरे लिए केवल एक राजनैतिक गुरु नहीं, बल्कि साहित्यिक प्रेरणा भी थे। उन्होंने मुझे राजनीति में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया और साहित्य के प्रति मेरी निष्ठा को बनाए रखने की सीख दी। उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और उनकी दूरदृष्टि आज भी हमारा मार्गदर्शन करती है। लेखक गांव और अटल स्मृति व्याख्यान माला उनके विचारों को जीवंत रखने का प्रयास है।”
लेखक गांव केवल एक स्थान नहीं, बल्कि साहित्य, संस्कृति और विचारों का मंदिर है। नालंदा पुस्तकालय शोध और अनुसंधान के लिए नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा। लेखक गांव का उद्देश्य है कि यह साहित्यकारों, कवियों और कलाकारों के लिए ऐसा मंच बने, जहां वे अपने विचार साझा कर सकें और समाज को नई दिशा दे सकें।
यह आयोजन अटल जी के योगदान और विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास है। लेखक गांव, साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान स्थापित करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।
सहकारिता मंत्री शाह ने किया उत्तराखंड़ की 125 समेत 10000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का उद्घाटन
-100 दिन के अंदर उत्तराखंड में ग्रामीण स्तर पर मल्टीपरपज समितियां का कर लिया जाएगा गठन : डॉ. धन सिंह रावत
देहरादून, ग्रामीण क्षेत्र में खाद-बीज, दवा और वित्तीय सेवाओं समेत सरकारी योजनाओं को तेजी से लोगों तक पहुंचाने के लिए 10 हजार मल्टीपरपज पैक्स का गठन किया गया है. केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में इन 10 हजार बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के साथ डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का उद्घाटन किया गया l
दीपनगर स्थित उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत उत्तराखंड के सहकारिता मत्स्य डेयरी से जुड़े अधिकारी और किसान वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े l
देहरादून से इस कार्यक्रम का उद्घाटन सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सचिव सहकारिता श्री दिलीप जावलकर सचिव मत्स्य एवं डेयरी डॉ बी वी आरसी पुरुषोत्तम द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया कार्यक्रम की प्रथम पाली में माननीय सहकारिता मंत्री द्वारा अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का आभार जताया गया डॉ. धन सिंह रावत ने कहा सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देश भर में तेजी से बहुउद्देशीय पैक्स का गठन किया जा रहा है, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह जी का लक्ष्य है कि 5 वर्ष के अंतराल में 2 लाख समितियों का गठन किया जाना है जिसके परिणाम स्वरुप 100 दिन के अंदर ही 10000 मल्टीपरपज समितियां गठित कर ली गई है, जिसमें उत्तराखंड में 125 समितियां नवागठित की जा चुकी हैं और लक्ष्य है 100 दिन के अंदर ही प्रत्येक ग्राम स्तर पर बहुउद्देशीय समितियों का गठन कर लिया जाएगा l.
यह समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी. वर्तमान ने पैक्स के जरिए 24 तरह की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं. रेल बस हवाई टिकट बिजली बिल जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र समेत कई सुविधाएं अब ग्रामीण स्तर पर किसानों को मिल रही है,इसके साथ ही अब गांव के नाम पर ही सघन सहकारी समिति का नाम रखा जाएगा l
हमारा उद्देश्य है कि 10 किलोमीटर के क्षेत्र में ही एक समिति और जिन गांवों में जनसंख्या कम है वहां दो गांव मिलकर समितियां गठित की जाए, सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में एक लाख नए सदस्य सहकारी समितियां में बनाए गए हैं आज उत्तराखंड में 60% बहुउद्देशीय सहकारी समितियां लाभ की स्थिति में है, और देशभर में उत्तराखंड कोऑपरेटिव बैंक काफी स्वस्थ स्थिति में हैं आज उत्तराखंड में किसानों को पारदर्शी तरीके से ब्याज रहित ऋण वितरित किया जा रहा है l
सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करने तथा सामाजिक जीवन में जनतांत्रिक मूल्यों मान्यताओं एवं परंपराओं को विकसित करने में सहकारिता एक सशक्त और सर्वोत्तम माध्यम है सहकारिता से समृद्धि के सपने को साकार करने और देश में सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसकी पहुंच बनाए जाने के उद्देश्य से भारत सरकार में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय स्थापित किया गया था यह अत्यंत गर्व का विषय है कि भारत सरकार द्वारा उक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है l जिसके द्वारा पैक्स के साथ पैक्स से जुड़े सहकारी सदस्यों की भी आर्थिक मजबूत हो रही है l
सहकारिता सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा कि 100 दिन के भीतर ही प्रत्येक ग्रामीण स्तर पर समिता नवगठित कर ली जाएगी l
सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर एवं सचिव मत्स्य एवं डेयरी द्वारा 11 नवगठित समितियां को प्रमाण पत्र और पांच किसानों को माइक्रो ATM भी सौंपे गए l
कार्यक्रम के अंत में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सचिव सहकारिता श्री दिलीप जावलकर एवं सचिन डेयरी डॉ वीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा उत्तराखंड रेशम फेडरेशन को नैकॉफ अवॉर्ड्स 2024 पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर प्रबंध निदेशक रेशम फेडरेशन श्री आनंद शुक्ला को सम्मानित किया और अच्छे कार्य के लिए शुभकामनाएं दी, कार्यक्रम में मंच संचालन संयुक्त निबंधक श्री एमपी त्रिपाठी द्वारा किया गया कार्यक्रम के अंत में अपर निबंधन श्रीमती ईरा उप्रेती द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया l
आयोजित कार्यक्रम में अपार निबंधक सहकारिता श्रीमती ईरा उप्रेती,आनंद शुक्ला, संयुक्त निबंधक श्री नीरज बेलवाल0 श्री एमपी त्रपाठी, प्रबंध निदेशक राज्य सहकारी संघ रमिंद्री मंदरवाल, समेत नाबार्ड
M-PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों सहित लगभग 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
उत्तरायणी पर्व पर दून में आयोजित होगा कौंथिग घुघुती उत्सव
देहरादून, उत्तराखंड़ की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण बनाने के उद्देश्य को लेकर कौंथिग घुघुती उत्सव मनाने की तैयारी शुरू हो गयी, स्थानीय उज्जवल रेस्टोरेंट में बलदेव चंद्र भट्ट की अध्यक्षता में कार्यक्रम के संदर्भ में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए उपस्थित सभी सदस्यों ने अपने विचार रखे। सभी सदस्यों ने मिलकर तय किया की आगामी उत्तरायणी पर्व के उपलक्ष्य में देहरादून में उत्तराखंड के प्रसिद्ध और सांस्कृतिक लोक त्योहार कौथिग घुघती उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इस उत्सव का उद्देश्य उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति से सभी को रूबरू कराना होगा। इस मेले यानी कौथिग में कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी रखी जायेगी। इस कार्यक्रम में कुमाऊनी गढ़वाल और जौनसार की संस्कृति को भी दर्शाया जाएगा, बैठक में कार्यकारिणी का गठन भी किया गया, जिसमें अध्यक्ष शर्मिष्ठा कफलिया, कोषाध्यक्ष दिनेश चंद, महासचिव बलदेव भट्ट, सचिव नीता कांडपाल, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी पूनम सती, गिरीश बरगली, गणेश कांडपाल एवं संरक्षक अनिल गोयल डॉ. सुनीता चुफाल रतूड़ी, डॉ. आनंद मोहन रतूड़ी, अनुसूचित जनजाति आयोग की अध्यक्ष लीलावती राणा को सर्वसम्मति से चुना गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बलदेव चंद्र भट्ट ने पदाधिकारी एवं समस्त सदस्यों से प्रथम वर्ष आयोजित हो रहे कौथिग घुघुती उत्सव में सभी लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए पहाड़ की रीति रिवाज पहाड़ का पहनावा पहाड़ का खानपान पहाड़ के त्यौहार सभी चीजों को मेले में दर्शाने/ शामिल करने की अपील की।
इस मौके पर शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी क्वालिटी हार्डवेयर के मालिक अनिल गोयल, चंचल स्वीट्स के स्वामी दिनेश चंद, न्यू एरा डेवलपर कंपनी के मालिक हरीश सामंत ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर संभव मदद देने की घोषणा की, जबकि मार्शल स्कूल के ओनर रत्नेश जुयाल ने फोन पर आश्वासन दिया की मेले को सफल बनाने के लिए उनकी ओर से पूरी मदद की जाएगी
बैठक में अनिल गोयल, दिनेश चंद, डॉ. सुनीता चुफाल रतूड़ी, लीलावती राणा, पूनम सती, कुसुम पिल्खवाल,अनुपमा बिष्ट नीता कांडपाल, पुष्पा भाकुनी, सरस्वती जोशी, शर्मिष्ठा कफलिया, राजेंद्र वल्दिया, हरीश सामंत, बलदेव चंद्र भट्ट डा. सुभाष जोशी आदि उपस्थित रहे।
हवाई यात्रा करने वालों के लिए है जरूरी खबर, कहीं एयरपोर्ट पर भरनी न पड़ जाए मोटी रकम
नई दिल्ली, यदि आप हवाई यात्रा करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने हवाई यात्रियों के लिए एक नया नियम जारी किया है जिसके तहत अब यात्री केवल एक ही हैंड बैगेज को विमान में ले जा सकेंगे।
क्या हैं नए नियम?
बीसीएएस की नई हैंड बैगेज पॉलिसी के तहत, अब यात्री चाहे डोमेस्टिक फ्लाइट से यात्रा कर रहे हों या इंटरनेशनल, उन्हें केवल एक ही हैंड बैगेज या केबिन बैगेज को विमान में ले जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा, इकोनॉमी या प्रीमियम इकोनॉमी क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए हैंड बैगेज का अधिकतम वजन 7 किलो निर्धारित किया गया है, जबकि फर्स्ट क्लास या बिजनेस क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को 10 किलो तक का बैग ले जाने की अनुमति होगी। इसके साथ ही, हैंड बैगेज का आकार 55 x 40 x 20 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। इन नियमों का पालन करके आप अपनी एयर ट्रैवल को अधिक सुविधाजनक और तनावमुक्त बना सकते हैं, जिससे एयरपोर्ट पर अनावश्यक परेशानियों से बचा जा सकेगा।
क्यों लाया गया है यह नियम?
यह नियम हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच को और अधिक प्रभावी बनाने और यात्रियों की सुविधा के लिए लाया गया है। एक ही हैंड बैगेज की अनुमति देने से सुरक्षा जांच का समय कम होगा और यात्रियों को लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी।
एयरलाइनों की तैयारी :
एयरलाइंस ने भी इस नए नियम को लागू करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। अधिकांश एयरलाइंस ने अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर इस नए नियम के बारे में जानकारी दे दी है।
यात्रियों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
सबसे पहले, अपने हैंड बैगेज में केवल आवश्यक सामान ही रखना चाहिए ताकि आप आसानी से अपनी वस्तुओं का प्रबंधन कर सकें और सुरक्षा जांच में समय बर्बाद न हो। तरल पदार्थों को ले जाने के लिए सीमित मात्रा निर्धारित की गई है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके सभी तरल पदार्थ नियमानुसार पैक किए हुए हैं। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन को भी हैंड बैगेज में रखना सुविधाजनक होता है, लेकिन इन्हें सुरक्षा जांच के दौरान आसानी से निकालने के लिए तैयार रखें। इन सावधानियों का पालन करने से न केवल आपकी यात्रा सुगम बनेगी, बल्कि आप हवाई अड्डे पर सुरक्षा प्रक्रियाओं को भी बिना किसी परेशानी के पार कर सकेंगे(साभार उत्तम हिन्दू न्यूज)।